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मणिपुर मामले में पीएम मोदी के समर्थन में उतरी अमेरिका सिंगर मैरी मिलबेन, जानें क्या कहा

#american_singer_mary_millben_supports_pm_modi_on_manipur_issue 

मणिपुर में जारी हिंसा पर जहां एक तरफ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी विपक्ष के निशाने पर वहीं अफ्रीकी-अमेरिकी अभिनेत्री और गायिका मैरी मिलबेन ने पीएम मोदी का समर्थन किया है।

सिंगर मैरी मिलबेन ने लिखा कि भारत को अपने नेता पर भरोसा है। मणिपुर की माताओं, बेटियों और महिलाओं को न्याय मिलेगा। पीएम मोदी हमेशा आपकी आजादी के लिए लड़ेंगे। उनकी टिप्पणी उनकी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के जवाब में संसद में पीएम मोदी के संबोधन के बाद आई।

मिलबेन ने गुरुवार को मणिपुर मुद्दे पर दिए गए पीएम मोदी के भाषण का समर्थन किया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि भारत को अपने नेता पर भरोसा है। उन्होंने देश के बेईमान पत्रकारिता की आलोचना की। उन्होंने कहा कि विपक्ष बिना किसी तथ्यो के सिर्फ नारे लगाएगा। मिलबेन का कहना है कि उन्हें पीएम मोदी पर भरोसा है, वे पीएम मोदी के लिए प्रार्थना कर रहीं हैं।

अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर मैरी मिलबेन ने कहा कि भारत को अपने नेता पर भरोसा है। मणिपुर की माताओं, बेटियों और महिलाओं को न्याय मिलेगा. पीएम मोदी हमेशा आपकी आजादी के लिए लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि एक पार्टी जो सांस्कृतिक विरासत का अपमान करती है, बच्चों को अपने देश का राष्ट्रगान गाने के अधिकार से वंचित करती है, और विदेश में किसी के देश को अपमानित करती है, यह नेतृत्व नहीं है. यह सिद्धांतहीन है। उन्होंने आगे कहा कि बेईमान पत्रकारिता झूठे आख्यानों को चित्रित करेगी। विपक्षी आवाजें बिना किसी तथ्य के जोर-शोर से चिल्लाएंगी। लेकिन सच्चाई, सच्चाई हमेशा लोगों को स्वतंत्र कर देगी। 

मिलबेन ने उन्होंने मार्टिन लूथर किंग जूनियर के शब्दों को कोट करते हुए लिखा, ‘भारत, मेरे प्रिय भारत, सत्य की घंटी बजने दो. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, आप पर मुझे भरोसा है। मैं आपके लिए प्रार्थना कर रहा हूं।

बता दें कि इसी साल जून में मैरी मिलबेन ने पीएम नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान उनसे मुलाकात की थी। उन्होंने वाशिंगटन डीसी में रोनाल्ड रीगन बिल्डिंग में भारत का राष्ट्रगान गाया, जहां पीएम मोदी ने भारतीय समुदाय को संबोधित किया। ‘जन गण मन’ गाने के बाद मैरी ने पीएम मोदी का अभिवादन किया था और उनके पैर छूकर आशीर्वाद लिया था।

अधीर रंजन चौधरी लोकसभा से निलंबित, कांग्रेस के तेवर तल्ख, आज मानसून सत्र के आखिरी दिन हंगामे के आसार

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मानसून सत्र का आज आखिरी दिन है।मणिपुर पर चर्चा के मुद्दे को लेकर इस बार का पूरा सत्र हंगामेदार रहा है। आज सदन का आखिरी दिन भी हंगामेदार होमने के पूरे आसार हैं। आज कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी के निलंबन को लेकर कांग्रेस सरकार को घेर सकती है।दरअसल लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी की ओर से पीएम मोदी के बारे में अपशब्दों का इस्तेमाल करने पर उन्हें गुरूवार को सदन से सस्पेंड कर दिया गया। अधीर के खिलाफ इस मामले को जांच के लिए विशेषाधिकार समिति के पास भेज दिया गया। संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने इससे जुड़ा एक प्रस्ताव लोकसभा में पेश किया जिसे सदन ने ध्वनिमत से मंजूरी दी।

लोकसभा में अधीर रंजन चौधरी के निलंबन के मुद्दे पर कांग्रेस ने सख्त रुख अपनाया है और वह सरकार से दो-दो हाथ करने के मूड में नजर आ रही है। कांग्रेस ने लोकसभा में अपने नेता अधीर रंजन चौधरी के सस्पेंशन पर चर्चा करने के लिए कांग्रेस के लोकसभा सांसदों की बैठक बुलाई है। यह बैठक आज सुबह 10: 30 बजे सीपीपी अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में उनके संसद स्थित कार्यालय में बुलाई गई है

पीएम के खिलाफ अपशब्दों के इस्तेमाल पर कार्रवाई

बता दें कि गुरुवार को सदन में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए चौधरी ने महाभारत के एक संदर्भ का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री के खिलाफ कुछ टिप्पणी की थी। जिस पर सत्ता पक्ष के सांसदों ने कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की। जिसे आसन ने तत्काल रिकॉर्ड से हटाने का निर्देश दिया।जिसके बाद प्रहलाद जोशी ने अधीर रंजन के खिलाफ निलंबन प्रस्ताव पेश किया। फिलहाल यह मामला विशेषाधिकार समिति के पास भेजा गया है, तब तक अधीर रंजन चौधरी सदन से निलंबित रहेंगे।

पीएम मोदी पर मणिपुर हिंसा पर नहीं बोलने का आरोप

संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने इससे जुड़ा एक प्रस्ताव लोकसभा में पेश किया जिसे सदन ने ध्वनिमत से मंजूरी दी। इससे पहले, कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों के सदस्य सदन से वॉक आउट कर चुके थे। पीएम मोदी के भाषण के दौरान विपक्ष के नेताओं ने इंडिया-इंडिया के नारे लगाते हुए सदन से वॉकआउट किया। उन्होंने कहा, पीएम मोदी मणिपुर हिंसा पर नहीं बोल रहे थे। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा, सदन में अविश्वास प्रस्ताव लाने की दो वजहें थी- पहली- मणिपुर को इंसाफ दिलाना, दूसरी- पीएम को इस हिंसा पर बोलने के लिए विवश करना।

विपक्ष के वॉकआउट पर पीएम का तंज

पीएम मोदी ने विपक्ष के वॉकआउट पर तंज कसते हुए कहा कि इनमें सुनने की क्षमता नहीं है। इनकी पुरानी आदत रही है गाली दो और फिर भाग जाओ। कचरा फेंको और फिर भाग जाओ। मैं विपक्ष के नेताओं से कहता हूं कि उनमें सुनने का धैर्य नहीं है। अगर ऐसे ही रहा तो इनकी संख्या इससे भी आधी रह जाएगी।

नए विपक्षी गठबंधन पर प्रधामनंत्री का कटाक्ष, कहा- कुछ दिनों पहले आपने यूपीए का अंतिम संस्कार किया

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I.N.D.I.A. पर पीएम मोदी का हमला

पीएम मोदी ने कहा विपक्षी गठबंधन पर हमला करते हुए कहा कि आपने एनडीए भी चुरा लिया और इंडिया के भी टुकड़े कर दिए I.N.D.I.A. जरा डीएमके और कांग्रेस के लोग सुन लें। यूपीए को लगता है कि देश के नाम का इस्तेमाल करके अपनी विश्वसनीयता बढ़ाई जा सकती है। लेकिन कांग्रेस के सहोयगी दल, कांग्रेस के अटूट साथी। तमिलनाडु सरकार में एक मंत्री दो दिन पहले ही कहा है इंडिया उनके लिए कोई मायने नहीं रखता है। उनके मुताबिक तमिलनाडु तो भारत में है ही नहीं। आज मैं गर्व के साथ कहना चाहता हूं कि तमिलनाडु वो प्रदेश है, जहां हमेशा देशभक्ति की धाराएं निकली हैं। जिस राज्य ने हमें राजा जी दिए, कमाराज दिए, एनजीआर, कलाम दिए। आज तमिलनाडु से ये स्वर सुनाई दे रहे हैं।

इस गठबंधन में हर कोई दुल्हा बनना चाहता है-पीएम मोदी

यह इंडिया गठबंधन नहीं, घमंडिया गठबंधन है और इसकी बारात में हर कोई दुल्हा बनना चाहता है। सबको प्रधानमंत्री बनना है। इस गठबंधन ने यह भी नहीं सोचा कि किस राज्य में आप किसके साथ हैं। पश्चिम बंगाल में आप तृणमूल, लेफ्ट के खिलाफ हैं, दिल्ली में एकसाथ हैं। अधीर बाबू, 1991 में बंगाल विधानसभा चुनाव में इन्हीं कम्युनिस्ट पार्टी ने क्या व्यवहार किया था? आज भी इतिहास में दर्ज है। पिछले साल केरल के वायनाड में जिन लोगों ने कांग्रेस के कार्यालय में तोड़फोड़ की, ये लोग उनके साथ दोस्ती करके बैठे हैं। बाहर से तो लेबल बदल सकते हैं, लेकिन पुराने पापों का क्या होगा? यही पाप आपको लेकर डूबे हैं। आप जनता जनार्दन से यह पाप कैसे छुपा पाओगे। अभी हालात ऐसे हैं, इसलिए हाथों में हाथ, जहां हालात तो बदले, फिर छुरी आगे निकलेगी।

कुछ दिनों पहले आपने यूपीए का अंतिम संस्कार किया था-पीएम मोदी

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, मैं विपक्ष के साथ अपनी सहानुभूति व्यक्त करना चाहता हूं क्योंकि कुछ दिन पहले आपने बेंगलुरु में यूपीए का अंतिम संस्कार किया था। एक तरफ आप अंतिम संस्कार कर रहे थे, लेकिन आप जश्न भी मना रहे थे और जश्न भी किस चीज का- खंडहर पर नया प्लास्टर लगाने का… मैं विपक्ष को बताना चाहता हूं कि आप उन लोगों का अनुसरण कर रहे हैं जो इतनी पीढ़ियों के बाद भी लाल मिर्च और हरी मिर्च के बीच अंतर नहीं कर पा रहे हैं। 

भेष बदलकर धोखा देने वालों की फितरत सामने आ गई-पीएम मोदी

लेकिन आप में से कई साथियों को मैं जानता हूं, आप भारतीय मानस को जानने वाले लोग हैं। भेष बदलकर धोखा देने वालों की फितरत सामने आ गई है। दूर युद्ध से भागते, नाम रखा रणधीर, भागचंद की आज तक सोई है तकदीर। इनकी मुसीबत ऐसी है कि खुद को जिंदा रखने के लिए इन्हें एनडीए का ही सहारा लेना पड़ा है। लेकिन घमंड का आई (I) इन्हें छोड़ता नहीं है। इन्होंने दो-दो I रख लिए। पहला I 26 दलों का घमंड, दूसरा I एक परिवार का घमंड। NDA भी चुरा लिया, इंडिया के भी टुकड़े कर लिए।'

अविश्वास प्रस्ताव पर पहले दिन अधीर रंजन चौधरी के न बोलने पर पीएम मोदी का तंज, कहा-'गुड़ का गोबर कैसे करना उसमें ये माहिर

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी पर तंज कसा।पीएम ने कहा कि अधीर बाबू को पता है कि गुड़ का गोबर कैसे करना है। ये इसमें माहिर हैं। 

गुड़ का गोबर कैसे करना है, उसमें अधीर रंजन माहिर- पीएम मोदी

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, इस अविश्वास प्रस्ताव में कुछ बातें इतनी अजीब हैं कि ये पहले कभी नहीं सुनी और देखी गईं, कल्पना भी नहीं की गईं। सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी के नेता का नाम वक्ताओं में नहीं था।1999 में वाजपेयी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आया। तब शरद पवार साहब ने नेतृत्व किया। 2003 में अटलजी की सरकार थी। सोनिया जी ने लीड ली और प्रस्ताव रखा। 2018 में खरगे जी थे, उन्होंने इसे आगे बढ़ाया। ये समय, अधीर जी (अधीर रंजन चौधरी) को क्या हो गया है? उनकी पार्टी ने उन्हें बोलने का मौका नहीं दिया। यह आपकी उदारता थी कि आपने उन्हें आज बोलने की अनुमति दी, जबकि उनका समय समाप्त हो चुका था। लेकिन गुड़ का गोबर कैसे करना उसमें ये माहिर हैं।

अधीर बाबू को क्यों किनारे कर दिया गया-पीएम मोदी

मुझे नहीं पता कि आपकी मजबूरी क्या है, अधीर बाबू को क्यों किनारे कर दिया गया है। शायद कोलकाता से फोन आया था, कांग्रेस बार-बार उनका अपमान करती है। कभी चुनावों के नाम पर उन्हें अस्थाई रूप से उन्हें हटा देते हैं। हम अधीर बाबू के प्रति अपनी पूरी संवेदना व्यक्त करते हैं।

ममता बनर्जी और अधीर रंजन चौधरी के तल्ख रिश्तों की तरफ इशारा

पीएम मोदी के इतना कहते ही सत्ता पक्ष की तरफ से एक बार फिर ठहाके लगने लगे। पीएम का इशारा पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और अधीर रंजन चौधरी के तल्ख रिश्तों की तरफ था। चौधरी ममता दीदी के कट्टर आलोचक माने जाते हैं लेकिन विपक्षी गठबंधन में कांग्रेस के साथ टीएमसी भी है। पीएम मोदी ने इस तरह विपक्षी गठबंधन INDIA के अंतर्विरोध को और हवा देने की कोशिश भी की।

अधीर रंजन ने पीएम मोदी की तुलना नीरव मोदी से की

इससे पहले, अधीर रंजन चौधरी ने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान बोलते हुए पीएम मोदी की तुलना नीरव मोदी से की थी। उन्होंने कहा कि नीरव मोदी तो हजारों करोड़ लूटकर चला गया, लेकिन देश में पीएम नरेंद्र मोदी अब नीरव मोदी हो गए हैं। इसके साथ ही अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि 'अविश्वास प्रस्ताव की ताकत ये है कि पीएम मोदी को आज संसद में आना पड़ा। हम में से किसी ने भी अविश्वास प्रस्ताव के बारे में नहीं सोचा था। हम सिर्फ ये चाहते हैं कि पीएम मोदी संसद में आएं और मणिपुर मुद्दे पर बोलें। हम किसी और भाजपा सदस्य को नहीं बल्कि प्रधानमंत्री को ही बुलाना चाहते थे।

लोकसभा में बोले पीएम मोदी-2024 के चुनावों में पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ देंगे, अविश्वास प्रस्ताव हमारे लिए शुभ

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लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा का आज (गुरुवार) आखिरी दिन है।विपक्ष के लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब प्रधानमंत्री ने दिया।इस दौरान उन्होंने कांग्रेस सहित अन्य विपक्ष दलों पर जमकर हमला किया।प्रधानमंत्री ने कहा कि एनडीए और भाजपा 2024 के चुनाव में पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़कर जनता के आशीर्वाद से वापस आएगी।

2024 के चुनावों में पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ देंगे-पीएम मोदी

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘एक तरह से, विपक्ष का अविश्वास हमारे लिए हमेशा भाग्यशाली रहा है। आज, मैं देख सकता हूं कि आपने (विपक्ष) ने फैसला किया है कि एनडीए और भाजपा 2024 के चुनावों में शानदार जीत के साथ वापस आएंगे, लोगों के आशीर्वाद के साथ पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ देंगे।पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘भगवान बहुत दयालु हैं और किसी माध्यम से बोलते हैं… मेरा मानना है कि यह भगवान का आशीर्वाद है कि विपक्ष ने यह प्रस्ताव लाया है। 

अविश्वास प्रस्ताव हमारे लिए शुभ-पीएम मोदी

मैंने 2018 में अविश्वास प्रस्ताव के दौरान कहा था कि यह हमारे लिए कोई शक्ति परीक्षण नहीं है, बल्कि उनके लिए है और परिणामस्वरूप वे चुनाव हार गए। उन्होंने आगे कहा कि जब मतदान हुआ, तो विपक्ष के पास जितने वोट थे, उतने वोट भी वो जमा नहीं कर पाए थे। इतना ही नहीं, जब हम सब जनता के पास गए तो जनता ने भी पूरी ताकत के साथ इनके लिए नो-कॉन्फिडेंस घोषित कर दिया और चुनाव में एनडीए को भी ज्यादा सीटें मिलीं और भाजपा को भी ज्यादा सीटें मिलीं। यानी एक तरह से लोकसभा में कहा कि विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव हमारे लिए शुभ है।

विपक्ष के लिए देश से बड़ा दल है-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने संबोधन में कहा कि कई ऐसे बिल थे जो गांव, गरीब, दलित, पिछड़े, आदिवासी के लिए थे, उनके कल्याण, भविष्य के साथ जुड़े हुए थे। पीएम मोदी ने संसद में हो रहे हंगामें को लेकर कहा, डिजिटल डाटा प्रोटेक्शन बिल अपने आप में य़ुवाओं के जज्बे से जुड़ा हुआ था। ऐसे में इस पर गंभीर चर्चा की जरूरत थी, लेकिन राजनीति आपके लिए प्राथमिकता थी। उनको (विपक्ष) इसकी चिंता नहीं है। उन्होंने कहा कि विपक्ष के आचरण, व्यवहार से सिद्ध हुआ है कि उनके लिए देश से अधिक दल है, देश से बड़ा दल है, देश से पहले प्राथमिकता दल की है। मैं समझता हूं कि गरीब की भूख की चिंता नहीं है, आपको सत्ता की भूख सवार है।

अधीर रंजन चौधरी ने प्रधानमंत्री पर साधा निशाना, सत्ता पक्ष के सांसदों ने कर दिया हंगामा

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लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला। अपने बयान को लेकर सुर्खियों में रहने वाले अधीर रंजन ने अपने संबोधन में ऐसी टिप्पणी की जिसपर विवाद हो गया और सत्ता पक्ष के सांसद हंगामा करने लगे।मणिपुर की घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने प्रधानमंत्री पर निशाना साधा साथ ही महाभारत के एक प्रसंग का उदाहरण दिया और कहा कि आज मणिपुर और हस्तिनापुर में कोई फर्क नहीं है। 

दरअसल, अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि जहां राजा अंधा वहां द्रौपदी का चीरहरण…. राजा आज भी अंधे बने बैठे हैं। हालांकि अधीर रंजन ने किसी का नाम नहीं लिया। अधीर रंजन के इस बयान के बाद सत्ता पक्ष के सांसद अपने सीट पर खड़े हो गए और हंगामा किए। उन्होंने अधीर रंजन से माफी मांगने की मांग की। 

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अधीर के बयान पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि आप पीएम के बारे में इस तरह से सदन में नहीं बोल सकते।

लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर बोलते हुए अधीर रंजन ने कहा, देश का मुखिया होने के नाते पीएम मोदी को मणिपुर के लोगों के सामने मन की बात करनी चाहिए थी।ये मांग कोई गलत मांग नहीं थी।ये आम लोगों की मांग थी।ने कहा, मोदी 100 बार देश के पीएम बनें, हमें कोई लेना देना नहीं।हमें देश के लोगों से लेना देना है।

इससे पहले अविश्वास प्रस्ताव की ताकत आज प्रधानमंत्री को संसद में ले आई है। हममें से कोई भी इस अविश्वास प्रस्ताव के बारे में नहीं सोच रहा था। हम तो यही मांग कर रहे थे कि पीएम मोदी संसद में आएं और मणिपुर मुद्दे पर बोलें। हम किसी भाजपा सदस्य को संसद में आने की मांग नहीं कर रहे थे, हम सिर्फ अपने प्रधानमंत्री के आने की मांग कर रहे थे।

सुप्रीम कोर्ट में आपका 'सुस्वागतम' ! CJI चंद्रचूड़ ने लॉन्च किया पोर्टल, जानिए इसमें क्या है खास, क्या मिलेंगी लोगों को सुविधाएं

सुप्रीम कोर्ट ने आज 'सुस्वागतम' पोर्टल लॉन्च करने का ऐलान किया, जो अधिवक्ताओं, वादियों, प्रशिक्षुओं और अन्य लोगों को खुद को ऑनलाइन पंजीकृत करने और शीर्ष अदालत में प्रवेश के लिए ई-पास के लिए अनुरोध करने में सक्षम बनाएगा। जैसे ही मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच-न्यायाधीशों की पीठ संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करने के लिए इकट्ठा हुई थी, तभी CJI ने इस बारे में ऑनलाइन घोषणा की।

CJI ने कहा कि, "'सुस्वागतम' एक वेब आधारित और मोबाइल फ्रेंडली एप्लिकेशन है, जो यूज़र्स को खुद को ऑनलाइन पंजीकृत करने और अदालत की सुनवाई में भाग लेने, अधिवक्ताओं से मिलने जैसे विभिन्न उद्देश्यों के लिए ई-पास के लिए अनुरोध करने की अनुमति देता है।" CJI चंद्रचूड़ ने कहा कि, "'सुस्वागतम' पोर्टल का परीक्षण 25 जुलाई, 2023 से एक पायलट प्रोजेक्ट के रूप में किया गया था और इसे यूज़र्स से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है।" उन्होंने कहा कि 9 अगस्त तक पायलट आधार पर पोर्टल के माध्यम से 10,000 से अधिक ई-पास जारी किए गए हैं। CJI ने आगे कहा कि, "अब आपको सुबह से कतार में इंतजार करने की जरूरत नहीं है। सभी पास ऑनलाइन बनाए जाते हैं। यह सुविधा आज सुबह से उपलब्ध कराई गई है।" अदालत कक्ष में मौजूद सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ को बताया कि प्रवेश पास पाने के लिए शीर्ष अदालत के काउंटर पर सुबह के समय लंबी कतार लगती थी। न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि एप्लिकेशन का उपयोग कैसे करें, इस पर एक वीडियो ट्यूटोरियल भी वेबसाइट पर उपलब्ध है। 

गुरुवार को जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में, शीर्ष अदालत ने कहा कि 'सुस्वागतम' यूज़र्स को उनकी जरूरतों और पुलिस मंजूरी प्रमाणपत्रों के आधार पर, उनके ई-पास के लिए अलग-अलग वैधता अवधि चुनने की अनुमति देता है।'' पोर्टल विभिन्न प्रकार के लिए भूमिका-आधारित सुरक्षित लॉगिन भी प्रदान करता है। उपयोगकर्ता अपनी पहचान का प्रमाण अपलोड कर सकते हैं और पंजीकरण प्रक्रिया के दौरान अपनी लाइव फोटो खींच सकते हैं। विज्ञप्ति में कहा गया है कि उपयोगकर्ता अदालत परिसर के प्रवेश और निकास द्वार पर ई-मेल और पोर्टल के माध्यम से दिए गए अपने ई-पास पर क्यूआर कोड को स्कैन कर सकते हैं, जिससे संपूर्ण पहुंच नियंत्रण प्रवेश/निकास प्रक्रिया सरल हो जाएगी।

इसमें कहा गया है कि, ''सुस्वागतम' उपयोगकर्ता को लंबी कतारों से बचने और शीर्ष अदालत में प्रवेश के लिए कागज रहित प्रवेश पास (ई-पास) प्राप्त करने में सक्षम बनाएगा।'' "सुस्वागतम' का लॉन्च भारत के मुख्य न्यायाधीश डॉ. न्यायमूर्ति धनंजय वाई चंद्रचूड़ के दूरदर्शी मार्गदर्शन के तहत नवीनतम प्रौद्योगिकी का उपयोग कर, न्याय वितरण प्रणालियों तक नागरिक अनुकूल पहुंच को बढ़ावा देने और अदालत के संचालन और सेवाओं की सुविधा और दक्षता को बढ़ाने के लिए एक और कदम है। विज्ञप्ति में कहा गया है कि अधिवक्ताओं, वादियों, नागरिकों और सभी हितधारकों के लिए शीर्ष अदालत में आगंतुक प्रबंधन को सरल बनाने के लिए एप्लिकेशन लॉन्च किया गया है। इसमें कहा गया है कि एक्सेस कंट्रोल एंट्री/एग्जिट सॉफ्टवेयर उपयोगकर्ताओं को खुद को ऑनलाइन पंजीकृत करने और विभिन्न उद्देश्यों के लिए ई-पास का अनुरोध करने की अनुमति देता है, जैसे अदालत की सुनवाई में भाग लेना, कार्यालय ब्लॉक का दौरा करना, वादियों की बैठक करना या प्रेस लाउंज में जाना।

पूरे देश से बैंक में वापस पहुंचे 2000 के 87% नोट, RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने दी जानकारी, जानिए, अर्थव्यवस्था पर क्या पड़ेगा प्रभाव

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने गुरुवार को बताया कि उसके उच्चतम मूल्य वर्ग के 87 प्रतिशत बैंक नोट अब तक वापस ले लिए गए हैं, जिससे संभावित रूप से तरलता अधिशेष में वृद्धि होगी। RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि, 'कुल मिलाकर 2,000 रुपये के बैंक नोटों की वापसी के कारण तरलता में अधिशेष है। उन्होंने बताया कि, अब तक 2,000 रुपये के 87 फीसदी नोट वापस आ चुके हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक के बाद गुरुवार को मीडिया को संबोधित करते हुए शक्तिकांत दास ने कहा कि 2,000 रुपये के नोट को वापस लेना एक 'अस्थायी उपाय' है। उन्होंने आगे कहा कि निकासी पूरी होने के बाद सिस्टम में 'पर्याप्त तरलता' होगी। बता दें कि, इस साल 19 मई को, RBI ने 2,000 रुपये मूल्यवर्ग के बैंक नोटों को प्रचलन से वापस लेने का फैसला किया था और कहा था कि सभी नोटों को 30 सितंबर, 2023 से पहले बदला जाना चाहिए।

RBI ने कहा था कि नवंबर 2016 में 500 रुपये और 1,000 रुपये के नोटों की कानूनी निविदा को वापस लेने के बाद मुद्रा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए 2,000 रुपये के नोट पेश किए गए थे। RBI ने कहा था कि अन्य मूल्यवर्ग के नोटों का पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध होने के बाद उस उद्देश्य को पूरा करने के लिए 2018-19 में 2,000 रुपये के नोटों की छपाई बंद कर दी गई थी। रिज़र्व बैंक ने पाया कि लेनदेन के लिए 2,000 रुपये के नोटों का व्यापक रूप से उपयोग नहीं किया जाता है, जिसके बाद केंद्रीय बैंक ने इन नोटों को प्रचलन से वापस लेने का फैसला किया।

राज्यसभा में भड़के खरगे, बोले-पीएम के आने से क्या होने वाला है, क्या परमात्मा हैं

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शाम करीब 4 बजे संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा में हिस्सा लेंगे। उनके संसद पहुंचने से पहले कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बड़ा बयान दिया। मणिपुर में हो रही हिंसा पर गुरुवार को राज्यसभा में बोलते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे भाजपा सांसदों के शोर करने पर भड़क गए। अपने भाषण के दौरान बार- बार भाजपा सांसदों के टोकने से वह इस कदर नाराज हुए कि उन्होंने यहां तक तक कह दिया कि प्रधानमंत्री कोई भगवान है जो उनके आने से सब ठीक हो जाएगा। 

मणिपुर हिंसा पर नियम 267 के तहत चर्चा की विपक्ष की मांग और बहस के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी के संबंध में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे की टिप्पणी पर गतिरोध के कारण राज्यसभा को गुरुवार दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। खरगे ने आसन से नियम 267 के तहत मणिपुर पर चर्चा की अनुमति देने का आग्रह किया और पीएम मोदी की उपस्थिति की मांग की। इसके बाद जैसे ही सत्तारूढ़ सदस्यों ने आपत्ति जताई, उन्होंने उन पर हमला बोल दिया।

मल्लिकार्जुन खरगे ने गुस्से में कहा कि प्रधानमंत्री के आने से क्या होने वाला है? क्या वो परमात्मा हैं ? फिर शोरगुल के बीच मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि वे कोई भगवान नहीं हैं। इसके बाद सदन में शोरगुल और बढ़ गया।

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर बहस का जवाब देंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से यह जानकारी दी। पीएमओ ने ट्वीट के जरिए यह जानकारी दी कि आज शाम करीब चार बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अविश्वास प्रस्ताव पर जवाब देंगे।

टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने बीजेपी पर लगाया देश में हिंदू-मुस्लिम को बांटने का आरोप, कहा- सब्जियां हिंदू हुई, बकरा मुसलमान हो गया

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तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान लोकसभा में मोदी सरकार को घेरा।मोइत्रा ने कहा कि देश बीजेपी सरकार से विश्वास खो रहा है।मोइत्रा ने बहस के दौरान बीजेपी पर देश को धर्म के आधार पर बांटने का आरोप का आरोप लगाया। वहीं महुआ मोइत्रा ने पीएम मोदी के सदन में नहीं को लेकर भी उन्हें घेरा

प्रधानमंत्री थोड़ी न आपकी बैठकर सुनेंगे-मोइत्रा

लोकसभा में टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने कहा कि प्रधानमंत्री थोड़ी न आपकी बैठकर सुनेंगे। वे आखिरी दिन आएंगे और आपकी धज्जियां उड़ाकर जाएंगे। उन्होंने कहा कि मुझे समझ नहीं आता कि पीएम मोदी इस सदन में क्यों नहीं आते, जहां के लिए वे चुने गए हैं। यह सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव नहीं है। यह विपक्षी इंडिया के लिए विश्वास प्रस्ताव है। मोइत्रा ने कहा कि हम यहां अपने 'तुम अभी चुप रहो' गणतंत्र में सवाल पूछने आए हैं, जहां प्रधानमंत्री एक राज्यपाल से कहते हैं 'चुप रहो'। इस सदन में निर्वाचित सांसद के रूप में हमसे नियमित रूप से कहा जाता है 'चुप रहो'। 

ये प्रस्ताव मणिपुर में मौन संहिता को तोड़ने के लिए-मोइत्रा

मोइत्रा ने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कहा कि ये प्रस्ताव मणिपुर में इस मौन संहिता को तोड़ने के लिए है। उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता कि इससे अधिक दुर्भाग्यपूर्ण क्या है, हमारे प्रधानमंत्री ने संसद में आने से इनकार कर दिया या उन्होंने मणिपुर जाने से इनकार कर दिया।

इस तरह का सिविल वॉर हाल के समय में भारत में कहीं नहीं देखा गया-मोइत्रा

टीएमसी सांसद ने कहा कि कहा गया कि मणिपुर ही क्यों, राजस्थान, छत्तीसगढ़ क्यों नहीं? मैं कहना चाहती हूं कि मणिपुर का मामला अलग है। यह एक समुदाय के खिलाफ हेट क्राइम का मामला है, एक कम्युनिटी की तरफ से पुलिस है और उसी से सीएम आते हैं। इस तरह का सिविल वॉर हाल के समय में भारत में कहीं नहीं देखा गया। 6500 एफआईआर तीन महीने में हुई। 60,000 लोग विस्थापित हुए। किस राज्य में ऐसा हुआ। 300 से ज्यादा धर्मस्थल तोड़े गए। 6 लाख बुलेट भीड़ ने लूटा।

इस निष्क्रियता परर भारत कहेगा, मोदी के अलावा कोई भी-मोइत्रा

महुआ मोइत्रा ने पीएम पर हमला बोलते हुए कहा कि, भारत ने आप (पीएम मोदी) पर विश्वास खो दिया है। सबसे महान लोकतंत्र के प्रधानमंत्री का नई संसद के कक्ष में बहुमत के धार्मिक संतों के सामने झुकने का तमाशा हमें शर्मसार कर देता है, पुलिस दुर्व्यवहार और गोलीबारी करती है। चैंपियन पहलवानों के खिलाफ एफआईआर हमें शर्म से भर देती है, हरियाणा के 3 जिलों की 50 पंचायतों द्वारा मुस्लिम व्यापारियों को राज्य में प्रवेश करने से मना करने का पत्र जारी करना हमें शर्म से भर देता है। 'नफरतों की जंग में अब देखो क्या हो गया, सब्जी हिंदू हुई और बकरा मुसलमान हो गया' । सब पूछते हैं मोदीजी नहीं तो कौन? मणिपुर पर इस निष्क्रियता के बाद भारत कहेगा, मोदी के अलावा कोई भी।