सरायकेला सक्सेस स्टोरी, सफलता की कहानी:राधिका पारम्परिक खेती कर ठीक की अपनी आर्थिक स्थिति
नाम- राधिका महतो
समूह का नाम- मां सरस्वती जागृति महिला समिति
पीजी का नाम -कुरली आजीविका उत्पादक समूह
गतिविधि का नाम -जीरा मछली
सरायकेला : जिला के चांडिल प्रखंड अंतर्गत कुरली गांव की निवासी राधिका महतो ने उत्पादक समूह से जुड़ने से पहले केवल एक गृहणी थी ,कोई राधिका महतो की कोई आय नहीं थी और पैसे के लिए अपने पति पर ही निर्भर रहती थे ।आज वह अपने खेत में पारंपरिक खेती करती थी। जिससे साल भर खाने की किसी तरह अनाज हो पाता था, और बच्चों के पढ़ाई लिखाई के लिए हमेशा पैसों की कमी होती थी एवं परिवार में किसी के सदस्य के बीमार होने पर सही समय पर अच्छे अस्पताल में इलाज कराना मुश्किल होता गया था ।
जिससे परिवार में काफी कठिनाई का सामना करना पड़ता था। घर की जरूरतों को पूरा करने के लिए खेती के साथ-साथ मजदूरी का भी कार्य करती थी।
आज उत्पादक समूह में जुड़ने के बाद में जून 2019 में जोहार परियोजना में जुड़ी जोहार पर योजना के अंतर्गत 33 डिसमिल तालाब में दिनांक 28 /2020 को 6,500,00 जीरा मछली अपनी तालाब संचयन किया।
कुल खर्चा 3500 हजार रुपया हुआ था दिनाक 14 अगस्त 2020 को 2 माह के अंदर 119 किलोग्राम अंगुलीका साइज होकर आकर्षिनी उत्पादक कंपनी लिमिटेड, खुचीडीह आजीविका उत्पादक समूह, रुगड़ी आजीविका उत्पादक समूह और अन्य मुसरीबेड़ा घोड़ानेगी में बिक्री किया प्रति किलोग्राम ₹300 दर से ₹35700 प्राप्त हुआ। जोहार परियोजना की ओर से सहयोग राशि 33 डिसमिल तालाब के लिए ₹10170 प्राप्त किए थे।
उस पैसा का उपयोग करके अधिक आय कमाने का निर्णय लिया।जोहार परियोजना में जुड़कर मछली पालन के बारे में जानकारी भी प्राप्त हो रही है, मुझे मछली पालन करना बहुत अच्छा लग रहा है और आगे भी मछली पालन करना चाहती हूं।
Jul 25 2023, 12:18