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प्रभास-कृति की मेगा फिल्म 'आदिपुरुष' के मेकर्स को राहत, सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला, पढ़िए, पूरी खबर

प्रसिद्ध एक्टर प्रभास और कृति सेनन स्टारर आदिपुरुष को लेकर एक लंबे समय से विवाद चल रहा है। ओम राउत के निर्देशन में बनी इस माइथोलॉजिकल फिल्म को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी, जहां लोगों ने फिल्म के मेकर्स पर आरोप लगाया था कि उन्होंने लोगों की भावनाओं को आहत किया है।

 फिल्म पर बैन लगाने की मांग भी की थी। अब इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा फैसला लिया है। उन्होंने आदिपुरुष के निर्माताओं के खिलाफ विभिन्न उच्च न्यायालयों की लंबे समय से चल रही सुनवाई पर रोक लगा दी है। सेन्ट्रल बोर्ड ऑफ सर्टिफिकेशन के सर्टिफिकेट को रद्द करने की मांग को भी सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है।

समाचार एजेंसी एएनआई ने हाल ही में अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बारे में बताया। बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने निर्माताओ के खिलाफ अलग-अलग कोर्ट में चल रही सुनवाई पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने 'आदिपुरुष' के मेकर्स द्वारा इलाहबाद हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ दायर अपील में भी नोटिस जारी किया गया है, जिसमें मेकर्स को जुलाई में कोर्ट में पेश होने कहा था। 

सुप्रीम कोर्ट ने प्रभास और कृति सेनन की फिल्म 'आदिपुरुष' के खिलाफ प्रदर्शन कर CBFC सर्टिफिकेट को रद्द करने की मांग करने वाली जनहित याचिका को भी खारिज कर दिया है। आपको बता दें कि आदिपुरुष को ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज न करने देने की मांग की गई थी। 

रिलीज से पहले ही विवादों में घिरी

प्रभास और कृति सेनन स्टारर 'आदिपुरुष' 16 जून 2023 को सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी। लेकिन इस माइथोलॉजिकल फिल्म का जब पहला टीजर सामने आया था, तब ही लोगों ने VFX देखकर मेकर्स को ट्रोल करना शुरू कर दिया था। जिसके बाद मेकर्स ने अपना पूरा समय लेकर फिल्म का ट्रेलर रिलीज किया। 

 फिल्म के रिलीज होने पर मनोज मुंतशिर के लिखे डायलॉग्स और रावण के लुक पर लोगों ने आपत्ति जताई, जिसका फिल्म की कमाई पर भी असर पड़ा। इस फिल्म ने दुनियाभर में जहां 450 करोड़ के आसपास बिजनेस किया, तो वहीं इंडिया में आदिपुरुष 288 करोड़ का बिजनेस कर पाई।

शिवभक्तों के लिए बड़ी खुशखबरी, भारत से सीधे होंगे 'कैलाश पर्वत' के दर्शन, चीन की जमीन पर नहीं रखना पड़ेगा कदम

सीमा सड़क संगठन (BRO) द्वारा भारत-चीन सीमा पर सड़क का निर्माण शुरू कर दिया गया है। यह भगवान शिव के भक्तों के लिए अच्छी खबर है। इससे शिवभक्तों को सितंबर से भारतीय क्षेत्र से कैलाश पर्वत की यात्रा करने की अनुमति मिल जाएगी। BRO ने उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में स्थित नाभीढांग में केएमवीएन हट्स से भारत-चीन सीमा पर लिपुलेख दर्रे तक सड़क का निर्माण शुरू कर दिया है। लगभग साढ़े छह किलोमीटर लंबी इस सड़क को सितंबर तक पूरा करने का लक्ष्य है। अब शिवभक्तों को अपने अराध्य के दर्शन के लिए चीन जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी, भारत से ही सीधे कैलाश पर्वत के दर्शन होंगे। 

रिपोर्ट के अनुसार, BRO के डायमंड प्रोजेक्ट के मुख्य अभियंता विमल गोस्वामी ने कहा है कि, "हमने नाभीढांग में केएमवीएन हट्स से लिपुलेख दर्रे तक सड़क बनाने का काम पहले ही शुरू कर दिया है। एक बार सड़क पूरी हो जाने पर, मार्ग पर 'कैलाश व्यू पॉइंट' नामक एक विशेष आकर्षण स्थापित किया जाएगा।' बता दें कि, भारत सरकार द्वारा 'कैलाश व्यू प्वाइंट' को विकसित करने की जिम्मेदारी हीरक प्रोजेक्ट को सौंपी गई है। सड़क काटने की प्रक्रिया में काफी प्रगति हुई है, और यदि मौसम की स्थिति अनुकूल रही, तो परियोजना निर्धारित समय सीमा के भीतर पूरी होने की उम्मीद है।

बता दें कि, कोविड-19 महामारी के कारण, लिपुलेख दर्रे के जरिए कैलाश-मानसरोवर यात्रा को स्थगित करना पड़ा था और यह अभी तक फिर से शुरू नहीं हुई है। इस लंबे व्यवधान ने भारत सरकार को शिवभक्तों के लिए कैलाश पर्वत तक पहुंचने के लिए एक वैकल्पिक मार्ग बनाने के लिए कार्रवाई करने के लिए प्रेरित किया है। 

आगामी मार्ग तीर्थयात्रियों को कैलाश पर्वत की आध्यात्मिक रूप से महत्वपूर्ण यात्रा पर जाने का एक नया अवसर प्रदान करेगा, जिससे उनकी कनेक्टिविटी बढ़ेगी और श्रद्धेय स्थल तक उनकी पहुंच सुगम हो जाएगी। 'कैलाश व्यू पॉइंट' और नई सड़क के पूरा होने से, भक्त जल्द ही नए उत्साह और भक्ति के साथ भगवान शिव के दिव्य निवास की अपनी तीर्थयात्रा पूरी कर सकेंगे।

हरिद्वार के बाढ़ प्रभावित इलाकों का निरीक्षण करने पहुंचे सीएम धामी, आपदा क्षेत्र किया घोषित, तीन माह का बिजली बिल भी किया माफ

उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में लगातार भारी बारिश के कारण वहां का हाल बेहाल है। कई स्थानों पर भूस्खलन और बाढ़ से जन जीवन त्रस्त है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शुक्रवार को हरिद्वार के बाढ़ प्रभावित इलाकों का निरीक्षण करने पहुंचे। लक्सर और खानपुर के बाढ़ प्रभावित इलाकों को उन्होंने आपदा ग्रस्त क्षेत्र घोषित करने के साथ ही तीन माह के बिजली के बिल माफ करने की घोषणा की। इसके अलावा उन्होंने सहकारी बैंकों के लोन की किस्त तीन माह तक स्थगित रखने की भी घोषणा की। उन्होंने इस संबंध राष्ट्रीयकृत बैंकों से भी अनुरोध करने की बात कही।

मुख्यमंत्री धामी ने इससे पहले डामकोठी में उन्होंने अधिकारियों के साथ बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में हुए नुकसान और राहत बचाव को लेकर समीक्षा बैठक की। इस दौरान उन्होंने कहा कि जलभराव और बाढ़ प्रभावित शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए विस्तृत ड्रेनेज प्लान भी बनाया जाएगा। इसके साथ मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि मनसा देवी पर्वत से आने वाले मलबे को रोकने के लिए पहाड़ी का ट्रीटमेंट कराया जाएगा। कहा कि बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों के नुकसान का आकलन कर क्षतिपूर्ति दी जाएगी।

श्रीलंका में भी यूपीआई के जरिए हो सकेगा भुगतान, राष्ट्रपति विक्रमसिंघे से तमिलों के मुद्दे पर भी पीएम मोदी ने की बात

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भारत दौरे पर दो दिवसीय यात्रा पर आए श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रम सिंघे ने आज नई दिल्ली में पीएम मोदी से मुलाकात की। इस दौरान दोनों देशों में वित्तीय एवं आर्थिक सम्पर्क, विकास सहयोग, नयी परियाजनाएं, निवेश जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई। नई दिल्ली में पीएम मोदी ने श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत में भी हिस्सा लिया। पीएम नरेंद्र मोदी और श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे की मौजूदगी में भारत और श्रीलंका के बीच कई समझौतों पर हस्ताक्षर हुए। इनमें से एक समझौता श्रीलंका में तेज पेमेंट सिस्टम यूपीआई की स्वीकृति के लिए नेटवर्क-टू-नेटवर्क समझौते के लिए है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति विक्रमसिंघे में दोनों देशों के बीच एयर कनेक्टिविटी को बढ़ाए जाने पर सहमति बनी है। व्यापार और आम जन की आवाजाही के लिए तमिलनाडु के नागपट्टिनम और श्रीलंका के कांकेसंतुराई के बीच नौका सेवा शुरू करने का प्लान है। पीएम मोदी ने बताया कि मछुआरों की आजीविका के मुद्दे पर भी चर्चा हुई। सहमति बनी है कि इस मुद्दे पर दोनों देशों को मानवीय रूप से आगे बढ़ना चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने द्विपक्षीय वार्ता से पहले विक्रमसिंघे का हैदराबाद हाउस में स्वागत किया। विदेश मंत्रालय ने बताया कि दोनों देश रणनीतिक संबंधों पर 75वीं वर्षगांठ मना रहा है।

भारत श्रीलंका के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा -पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने द्विपक्षीय वार्ता के बाद मीडिया से बातचीत में कहा पिछला एक साल श्रीलंका के लोगों के लिए चुनौतियों से भरा रहा है और एक करीबी दोस्त होने के नाते हमेशा की तरह भारत श्रीलंका के लोगों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है। मोदी ने अपनी टिप्पणियों में कहा कि भारत और श्रीलंका के सुरक्षा हित और विकास एक दूसरे से जुड़े हुए हैं और एक दूसरे के सुरक्षा हितों और संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए मिलकर काम करना जरूरी है। मोदी ने कहा कि आर्थिक साझेदारी के लिए एक दृष्टि पत्र स्वीकार किया गया है। उन्होंने कहा कि पर्यटन, बिजली, व्यापार, उच्च शिक्षा, कौशल विकास और कनेक्टिविटी के क्षेत्रों में आपसी सहयोग में तेजी लाने का दृष्टिकोण है।उन्होंने कहा कि दोनों देशों के लोगों के बीच समुद्री, वायु, ऊर्जा और लोगों के बीच संपर्क को मजबूत करने का दृष्टिकोण है। मोदी ने यह भी कहा कि यह तय किया गया कि आर्थिक और तकनीकी सहयोग पर एक समझौते पर जल्द ही बातचीत शुरू होगी। उन्होंने यह भी उम्मीद जताई कि श्रीलंका सरकार तमिल समुदाय की आकांक्षाओं को पूरा करेगी।

दोनों देशों के आपसी सहयोग को तेज करना है-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि ‘आज हमने आर्थिक साझेदारी के लिए एक विजन डॉक्यूमेंट अपनाया है। यह विजन दोनों देशों के लोगों के बीच समुद्री, वायु, ऊर्जा और लोगों से लोगों के बीच संपर्क को मजबूत करना और पर्यटन, बिजली, व्यापार, उच्च शिक्षा और कौशल विकास में आपसी सहयोग को तेज करना है। यह श्रीलंका के प्रति भारत की दीर्घकालिक प्रतिबद्धता का दृष्टिकोण भी बनाता है।

विक्रमसिंघे ने की पीएम मोदी के नेतृतव की तारीफ

प्रेस कॉन्फ्रेंस में श्रीलंकाई राष्ट्रपति रनिल विक्रमसिंघे ने कहा, पदभार ग्रहण करने के बाद यह मेरी भारत की पहली यात्रा है। मैंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बधाई दी कि उनके नेतृत्व में भारत जबरदस्त विकास कर रहा है। मैंने प्रधानमंत्री मोदी को श्रीलंका के सामने आने वाली चुनौतियों और हमारे द्वारा किए गए सुधारों से भी अवगत कराया है। मैंने उन्हें अर्थव्यवस्था में सुधार लाने की अपनी प्रतिबद्धता से भी अवगत कराया, जिससे सभी वर्गों को लाभ होगा। हमें अपनी अर्थव्यवस्था को विकास पथ पर ले जाने की जरूरत है।

खालिस्तानी आतंकी पन्नू ने अमित शाह और एस जयशंकर को किया टारगेट, रखा 1.25 लाख डॉलर का इनाम

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आतंकी संगठन सिख फॉर जस्टिस का मुखिया खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने एक बार फिर भारत को धमकी दी है।गुरपतवंत सिंह पन्नू का एक पोस्टरसामने आया है, जिसके जरिए उसने भारत के गृहमंत्री अमित शाह और विदेश मंत्री एस जयशंकर को टारगेट करने की कोशिश की है। पन्नू ने खालिस्तान समर्थक आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के लिए उकसाने और साजिश रचने के लिए शाह और जयशंकर को जिम्मेदार ठहरा रहा है। साथ ही उसने अमित शाह विदेश मंत्री एस जयशंकर और कनाडा में भारतीय उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा की विदेश यात्रा के बारे में जानकारी देने वाले को 125000 अमेरिकी डॉलर का इनाम देने का ऐलान किया है।

पन्नू ने कहा है कि सिख अभी तक हथियार उठाना भूले नहीं हैं। पन्नू ने कनाडा में मारे गए आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के लिए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस जयशंकर और कनाडा में हाई कमिशनर संजय वर्मा को दोषी ठहराया है।पन्नू ने अमित शाह, एस जयशंकर और संजय वर्मा की फोटो लगाकर एक और पोस्टर जारी किया है। पोस्टर पर निज्जर की फोटो के नीचे तीनों की फोटो लगाकर वांटेड लिखा है। पन्नू ने कहा है कि इनकी सूचना देने वाले को 1.25 लाख डॉलर इनाम दिया जाएगा। साथ ही धमकी दी है कि यह तीनों खालिस्तानियों के निशाने पर हैं। उसने कहा कि गोली का जवाब गोली से दिया जाएगा।

निज्जर की हत्या के बाद जहर उगल रहे अलगाववादी

बता दें कि कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत में हरदीप सिंह निज्जर की हत्या हुई थी। इसके बाद भारत सरकार को लेकर सिख अलगावादी जहर उगल रहे हैं। निज्जर की हत्या के बाद खालिस्तान समर्थकों ने टोरंटो, लंदन, मेलबर्न और सैन फ्रांसिस्को समेत कई शहरों में विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान खालिस्तानी समर्थकों ने भारत सरकार के खिलाफ नारे लगाए।खालिस्तानी संगठन एसएफजे ने कनाडा स्थित सिख कट्टरपंथियों से 15 अगस्त को ओटावा, टोरंटो और वैंकूवर में भारतीय राजनयिक परिसरों की घेराबंदी करने का आह्वान किया है और 10 सितंबर को वैंकूवर में तथाकथित सिख जनमत संग्रह की भी घोषणा की है।

अलर्ट पर हैं एजेंसियां

गृहमंत्री अमित शाह और विदेश मंत्री एस जयशंकर की जानकारी देने पर इनाम की घोषणा के बाद खुफिया एजेंसी और तमाम एजेंसियां अलर्ट पर हैं। खालिस्तान समर्थक आतंकियों की हर हरकत पर नजर रखी जा रही है। इसे भारतीय नेताओं के लिए खुली धमकी के तौर पर देखा जा रहा है। विदेश मंत्री एस जयशंकर अक्सर विदेश यात्रा पर रहते हैं, वहीं अमित शाह आमतौर पर विदेश यात्रा नहीं करते हैं।

सिंधिया के गढ़ ग्वालियर में प्रियंका ने भरी हुंकार, कहा-इस बार मामाजी की भ्रष्ट सरकार बदलने वाली है

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मध्यप्रदेश में इसी साल विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं। जाहिर है ऐ में राजनीतिक दलों ने अपनी जमीन तैयार करनी शुरू कर दी है। इसी क्रम में कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी आज केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के गढ़ यानी ग्वालियर जिले के दौरे पर हैं। यहां प्रियंका गांधी ने जनआक्रोश रैली को संबोधित किया।इस दौरान प्रियंका गांधी ने जमकर बीजेपी और मोदी सरकार पर हमला बोला।

प्रियंका गांधी ने मेला ग्राउंड में आयोजित जन आक्रोश रैली को संबोधित करते हुए कहा कि मैं ग्वालियर आ रही थी तो भाइयों-बहनों ने मुझे मुद्दे भेजे। मैं जब उन्हें पढ़ रही थी तो मुझे लगा ज्यादातर नकारात्मक बातें थी। आज सिर्फ राजनीति आरोप और प्रत्यारोप में फंस गई है। क्या हम इससे आगे बढ़कर कुछ बातें कर सकते हैं।प्रियंका गांधी ने कहा कि मैं अपने भाषण में 10 मिनट पीएम की आलोचना कर सकती हूं। मैं 10 मिनट शिवराज जी की आलोचना कर सकती हूं। मैं 10 मिनट सिंधिया पर बोल सकती हूं। लेकिन मैं यहां आपकी समस्याओं की बात करने आई हूं।

मणिपुर हिंसा पर पीएम को घेरा

प्रियंका ने जन आक्रोश रैली को संबोधित करते हुए कहा कि मणिपुर में महिलाओं के साथ अत्याचार हो रहा है। बच्चों के सिर पर छत नहीं है। 77 दिन में पीएम ने एक लफ्ज नहीं कहा। कल मजबूरी में जब एक भयावह वीडियो वायरल हुआ तो बयान दिया और उसमें भी राजनीति घोल दी और उन राज्यों का नाम ले लिया, जिनमें विपक्ष की सरकार है। मैं भी 10 मिनट पीएम की आलोचना कर सकती हूं, 10 मिनट सिंधिया जी के बारे में बोल सकती हूं कि कैसे उनकी विचारधारा पलट गई। लेकिन मैं आज आपके बारे में बात करने आई हू्ं। आज मैं महंगाई पर बात करने आई हूं।

इस बार मामाजी की भ्रष्ट सरकार बदलने वाली है-प्रियंका गांधी

प्रियंका गांधी ने बीजेपी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि ग्वालियर-चंबल के लोग इस बार मामाजी की भ्रष्ट सरकार बदलने वाली है। बीजेपी जाने वाली और कांग्रेस आने वाली है।प्रियंका गांधी ने छत्तीसगढ़ सरकार की उपलब्धियां गिनाई हैं। हिमाचल में हम अपना वादा पूरा कर रहे हैं। मध्यप्रदेश में भी इस बार बदलाव की लहर है। प्रियंका गांधी ने कहा कि प्रचंड बहुमत से इस बार आपलोग कांग्रेस की सरकार बनाइए। आप ऐसी सरकार बनाइए, जिसे न खरीदी जा सके और न गिराई जा सके।

जनता का ध्यान भटकाने नहीं आई-प्रियंका गांधी

प्रियंका गांधी ने कहा कि मैं यहां किसी की बुराई करने या जनता का ध्यान भटकाने नहीं आई हूं। महंगाई का मुद्दा है। मैं उस पर बात करने आई हूं। आपकी छत टपक रही है, मरम्मत महंगी हो गई है, स्कूलों की फीस, छाता खरीदना महंगा हो गया है। महंगाई आपके जीवन पर बोझ बन गई है। आप किस तरह गुजारा कर रही हैं, मैं समझ नहीं पा रही हूं।गैस सिलेंडर में गैस भरना मुश्किल हो गया है।दवाई कहां से लाऊं, ये सोचना पड़ता है। नेताओं को बताना पडे़गा कि महंगाई क्यों हैं।पूरी संपत्ति एक या दो ही व्यापारियों के पास क्यों है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जिस उद्योगपति को सारी संपत्ति सौंप दी है, वह एक दिन में 16 सौ करोड़ रुपये कमा रहा है। वहीं हमारा किसान एक दिन में 27 रुपये भी नहीं कमा पा रहा है।

कांग्रेस आपके लिए कुछ वादे और कुछ गारंटी लाई है-प्रियंका गांधी

कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि कांग्रेस आपके लिए कुछ वादे और कुछ गारंटी लाई है। हमारी जहां सरकार है, वहां हमने जो गारंटी दी वो निभाई जा रही है। चाहे आप कर्नाटक, राजस्थान में देखें तो जो वादे किए थे वो निभाए जा रहे हैं। राजस्थान, छत्तीसगढ़, हिमाचल में पुरानी पेंशन स्कीम लागू है। जब आप सरकारी नौकरी लेने जाते हैं तो उसकी सबसे बड़ी बात क्या होती है, जीवन के लिए सुरक्षा, आपको पेंशन मिलेगी। लेकिन आज सरकारी कर्मचारियों को आज पेंशन नहीं मिलती। जहां कांग्रेस की सरकार है वहां पुरानी पेंशन लागू है। पुरानी पेंशन यहां भी लागू होगी। मेरी बहनों के खाते में सीधे 1500 रुपये डाले जाएंगे। गैस का सिलेंडर 500 रुपये में दिया जाएगा। 100 यूनिट बिजली मुफ्त में मिलेगा। 200 यूनिट बिजली आधे दाम पर मिलेगा। किसानों के कर्ज माफी का काम सरकार बनने पर पूरा किया जाएगा।

मोदी सरनेम केस: राहुल गांधी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार और पूर्णेश मोदी को जारी किया नोटिस

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सुप्रीम कोर्ट मोदी सरनेम टिप्पणी से जुड़े मानहानि मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई हुई। जस्टिस गवई की पीठ ने पूर्णेश मोदी और गुजरात सरकार को नोटिस जारी किया है। अगली सुनवाई 4 अगस्त को होगी।

अगली सुनवाई 4 अगस्त को तय

कोर्ट में राहुल गांधी का पक्ष रखते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने अनुरोध किया कि सजा के फैसले पर या तो रोक लगाई जाए या फिर जल्द सुनवाई हो। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बिना सुनवाई के सजा के फैसले पर रोक नहीं लगा सकते हैं। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट की तरफ से यह नोटिस जारी किया गया।कोर्ट ने शिकायतकर्ता और गुजरात भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी को भी नोटिस जारी किया और उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगाने के मामले की सुनवाई 4 अगस्त को तय की।

हाईकोर्ट के फैसले को दी चुनौती

दरअसल, गुजरात हाईकोर्ट ने 7 जुलाई को राहुल की सजा पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका खारिज की थी। कांग्रेस नेता ने हाई कोर्ट के इस फैसले को शीर्ष अदालत ने चुनौती दी है।राहुल गांधी ने 15 जुलाई को मामले की अर्जेंट सुनवाई की याचिका लगाई थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने 18 जुलाई को स्वीकार कर लिया था और 21 जुलाई को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया था।

सूरत कोर्ट ने सुनाई थी दो साल की सजा

सूरत अदालत ने ‘मोदी सरनेम’ केस में 23 मार्च को राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाई थी। सजा के खिलाफ राहुल गांधी ने गुजरात हाई कोर्ट में अपील की थी, जहां कोर्ट ने सूरत कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा था। अब सजा पर रोक की मांग को लेकर राहुल गांधी सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं।

मणिपुर वीडियो पर आज भी संसद में बवाल, विपक्ष के हंगामा के बीच राजनाथ सिंह ने कहा-सरकार चर्चा के लिए तैयार, कुछ दल नहीं चाहते सदन चले

#sansad_monsoon_satra_2023 

लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होते ही संसद में विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया है। मणिपुर मुद्दे पर भारी हंगामे की वजह से लोकसभा के बाद राज्यसभा की कार्यवाही भी स्थगित कर दी गई। उच्च सदन की कार्यवाही दोपहर ढाई बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है।लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही जबरदस्त हंगामा शुरू हो गया और स्पीकर ओम बिरला के बार-बार कहने पर भी विपक्ष की तरफ से शोर-शराबा कम नहीं हुआ। हंगामे को देखते हुए स्पीकर ने लोकसभा की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

राजनाथ सिंह ने कहा- कुछ दल सदन नहीं चलने देना चाहते

विपक्ष ने लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने भारी हंगामा शुरू कर दिया। विपक्ष ने मांग की कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सदन में मणिपुर मुद्दे पर बयान दें। नारेबाजी और शोरशराबे के बीच राजनाथ सिंह ने कहा कि सरकर मामले की गंभीरता को समझती है। हम चर्चा के लिए तैयार हैं। कुछ राजनीतिक दल चर्चा नहीं करना चाहते, इसलिए वे ऐसा बर्ताव कर रहे हैं। इसके बाद ओम बिरला ने भी हंगामे पर नाराजगी जताते हुए कहा कि नारेबाजी से समस्या का समाधान नहीं होगा। इसके बाद स्पीकर ने लोकसभा की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

देश चाहता है पीएम संसद में बयान दें- खरगे

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मणिपुर में महिलाओं के बर्बरता वाले वीडियो को लेकर फिर पीएम की आलोचना की है। खरगे ने कहा कि पीएम संसद के बाहर बयानबाजी कर रहे हैं लेकिन संसद में नहीं बोल रहे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि देश चाहता है प्रधानमंत्री संसद में बयान दें। खरगे ने कहा कि यदि पीएम इतने क्रोधित हैं तो उन्हें मणिपुर के सीएम से इस्तीफा लेना चाहिए।

सऊदी अरब और यूएई के बीच टकराव के हालात, जानें क्या है पूरा मामला

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सऊदी अरब और युनाइटेड अरब अमीरात के बीच टकराव की स्थिति पैदा हो रही है। दोनों देशों के बीच क्षेत्रीय नीतियों को लेकर जारी मतभेद किसी से छुपा नहीं है। इस बीच आई एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने पिछले साल दिसंबर में यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान को धमकी दी थी।

अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जरनल का दावा है कि एमबीएस ने स्थानीय पत्रकारों से गुप्त बातचीत में यूएई को खुली धमकी दी। पत्रकारों से कहा कि उन्होंने यूएई को मांगों की एक लिस्ट भेजी है। चेतावनी दी है कि अगर वे किंगडम के लिए मुसीबत बनेंगे तो वह कड़ी कार्रवाई करेंगे। प्रिंस ने कहा कि “यह उससे भी बदतर होगा जो मैंने कतर के साथ किया। 

वॉल स्‍ट्रीट जनरल की रिपोर्ट के मुताबिक सऊदी प्रिंस ने बातचीत में यहां तक आरोप लगा दिया था कि दशकों से हमारे सहयोगी दोस्‍त देश यूएई ने हमारी पीठ में छुरा घोपा है। इसके बाद सऊदी प्रिंस ने लंबे समय तक अपने 'गुरु' रहे शेख मोहम्‍मद से खुद को अलग कर लिया और अब दोनों के बीच खाड़ी देशों में वर्चस्‍व की जंग चल रही है।

अमेरिका की भूमिका कम होने के बाद बढ़ा तनाव

रिपोर्ट के मुताबिक दोनों शाही परिवारों में अब पश्चिम एशिया में अपना दबदबा कायम करने के लिए रंजिश शुरू हो गई है जहां अब अमेरिका की भूमिका कम हो रही है। मोहम्‍मद बिन सलमान हों या शेख मोहम्‍मद दोनों ही बहुत महत्‍वाकांक्षी रहे हैं और हमेशा से ही खाड़ी देशों के प्रमुख खिलाड़ी बनने की तमन्‍ना रखते रहे हैं।

पिछले 6 महीने से ज्‍यादा समय से दोनों के बीच बातचीत नहीं

अमेरिकी अखबार ने दोनों नेताओं के करीबी लोगों के हवाले से बताया कि एक समय में एमबीएस और 62वर्षीय एमबीजेड के बीच बहुत करीबी संबंध थे लेकिन अब पिछले 6 महीने से ज्‍यादा समय से दोनों के बीच बातचीत नहीं हुई है। अब उनका निजी विवाद सार्वजनिक हो गया है। यूएई और सऊदी अरब के बीच यमन के युद्ध को लेकर मतभेद है। वहीं यूएई इस बात से हताश है कि सऊदी अरब तेल के दाम बढ़ाने के लिए दबाव डाल रहा है जिससे ओपेक के अंदर भी दरार पड़ती जा रही है।

गल्फ का सुपर पावर बनने की जंग?

गल्फ की इन दो बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देशों ने कभी साथ में लड़ाई लड़ी है। यमन में 2014 से दोनों साथ थे। दोनों ने अमेरिका के साथ ईरान के न्यूक्लियर डील का एक स्वर में विरोध किया और कतर को काबू करने में भी दोनों देश साथ रहे। अब हालात ये हैं कि दोनों ने ही एक-दूसरे के खिलाफ तलवार निकाल ली है।सऊदी अरब और युनाइटेड अरब अमीरात के बीच असल लड़ाई इस बात की है कि आखिर गल्फ का सुपर पावर कौन बनेगा? गल्फ को-ऑपरेशन काउंसिल में किसका प्रभाव होगा? अपनी अर्थव्यवस्था और विदेश नीति के जरिए गल्फ को दुनिया के पटल पर कौन रखेगा?

लोकसभा और राज्यसभा में स्थगन प्रस्ताव का नोटिस, मणिपुर हिंसा को लेकर दूसरे दिन भी हंगामे के आसार

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संसद के मानसून सत्र के पहले दिन की कार्यवाही मणिपुर हिंसा पर विपक्ष के हंगामे की भेंट चढ़ गई। राज्य में हिंसा व महिलाओं को निर्वस्त्र कर परेड कराने के मामले पर नाराज विपक्ष ने संसद के दोनों सदनों में जमकर हंगामा किया।आज भी इस मुद्दे पर हंगामे की पूरी आशंका है। दरअसल, विपक्षी दलों ने संसद के दोनों सदनों में मणिपुर हिंसा पर चर्चा करने के लिए नोटिस दिया है

मानसून सत्र के दूसरे दिन शनिवार को कांग्रेस के सांसद मनिकैम टैगोर, मनीष तिवारी और गौरव गोगोई ने लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया। सांसदों ने मणिपुर हिंसा पर संसद में पीएम नरेंद्र मोदी के बयान की भी मांग की है।वहीं, आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह, कांग्रेस के सांसद राजीव शुक्ला और आरजेडी के सांसद मनोज कुमार झा ने नियम 267 के तहत सस्पेंशन ऑफ बिजनेस का नोटिस दिया है।साथ ही बीआरआस सांसद के केशव राव और डीएमके सांसद तिरुचि शिवा ने भी राज्यसभा में स्थगन प्रस्ताव पेश किया है।

कैसा रहा लोकसभा का पहला दिन?

लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कार्य स्थगन प्रस्ताव देते हुए मणिपुर के हालात पर चर्चा की मांग की, जिसे लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने खारिज करते हुए सरकार की तरफ से सूचित विधेयकों पर चर्चा शुरू करने को कहा, जिसके बाद विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। इस पर अध्यक्ष ने सदन शुक्रवार दोपहर तक स्थगित कर दिया। विपक्ष ने बाद में आरोप लगाया कि सरकार इस पर चर्चा नहीं चाहती। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने सवाल उठाते हुए विपक्ष पर चर्चा से भागने के आरोप लगाए हैं। उन्होंने पूछा, जब सरकार चर्चा के लिए तैयार है, तब विपक्ष हंगामा क्यों कर रहा है? केंद्रीय मंत्री ने कहा कि विपक्ष सदन तो चलने दे।

दो महिलाओं को नग्न घुमाने के मामले में मचा बवाल

बता दें कि मणिपुर में दो महिलाओं को नग्न घुमाने और यौन उत्पीड़न का वीडियो सामने आने के बाद काफी विवाद मचा हुआ है। बताया जा रहा है कि ये वीडियो करीब तीन महीने पुराना है और पूर्वोत्तर राज्य में जातीय हिंसा भड़कने के एक दिन बाद 4 मई का बताया जा रहा है। मानसून सत्र की शुरुआत होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस वीडियो को लेकर नाराजगी जाहिर की। पीएम मोदी ने कहा कि मेरा हृदय पीड़ा और क्रोध से भरा हुआ है। उन्होंने कहा कि मणिपुर की जो घटना सामने आई है वह किसी भी सभ्य समाज को शर्मसार करने वाली है।पीएम मोदी ने कहा कि मैं देशवासियों को विश्वास दिलाना चाहता हूं कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।