आदिपुरुष के डायलॉग पर विवाद के बीच फिर फंसे मनोज मुंतशिर, अब कहा- "हनुमान भगवान नहीं, भक्त थे"
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मनोज मुंतशिर आज से पहले या यूं कहें कि आदिपुरूष रिलीज होने से पहले ये नाम खूबसूरत पंक्तियों, बेहतरीन गीतों के लिए युवाओं में जाना जाता था। कथित तौर पर उन्हीं युवाओं को अपनी संस्कृति के करीब लाने के शायर मनोज मुंतशिर ने आदिपुरूष के संवाद लिखें। लेकिन अफसोस कि अपने संवादों के कारण मनोज मुंतशिर उन्हीं युवाओं की नजरों से गिर गए हैं।
“तेरी मिट्टी में मिल जावां” जैसे खूबसूरत बोल लिखकर लोगों की दिलों में जगह बनाने वाले मनोज आदिपुरूष में ऐसे संवाद लिखेंगे, लोगों को यही बात हजम नहीं हो रही है। लोग फ़िल्म के डायलॉग को लेकर आपत्ति और गुस्सा ज़ाहिर कर रहे हैं। लोगों की सबसे ज़्यादा आपत्ति लंका दहन से पहले हनुमान के किरदार के उस डायलॉग को लेकर है जिसमें वो कहते हैं, "कपड़ा तेरे बाप का, तेल तेरे बाप का, आग भी तेरे बाप की और जलेगी भी तेरे बाप की।"
फ़िल्म के कुछ अन्य डायलॉग भी काफ़ी चर्चा में हैं। एक दृष्य में रावण का एक राक्षस हनुमान से कहता है, "तेरी बुआ का बगीचा है कि हवा खाने चला आया..." वहीं जब राणव को अंगद ललकारते हैं तो बोलते हैं, "रघुपति राघव राजा राम बोल और अपनी आज जान बचा ले वरना आज खड़ा है, कल लेटा हुआ मिलेगा.."
फ़िल्म में इस्तेमाल की गई इस तरह की भाषा को 'अभद्र और अपमानजनक' बताते हुए दर्शक अपनी शिकायत सोशल मीडिया पर पोस्ट कर रहे हैं।
लोगों मनोज और फिल्म दोनों की खूब आलोचना कर रहे हैं। इस बीच मनोज ने इस बार ऐसा कह दिया है कि उनकी परेशान और बढ़ गई है। दरअसल एक मीडिया चैनल से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि हनुमान जी भगवान नहीं थे, वो भक्त थे। उन्हें भगवान तो लोगों ने बनाया है।
पहले ही फिल्म में लिखे गए डायलॉग्स को लेकर जनता उनसे उखड़ी हुई है। ऐसे में मनोज ने हनुमान जी को लेकर एक और बयान दे दिया। फिल्म में अपने लिखे डायलॉग्स पर सफाई देते हुए उन्होंने कहा, ''ऐसे डायलॉग्स और सरल भाषा लिखने के पीछे ये लक्ष्य था कि बजरंगबली जिनके अंदर पर्वत जैसा बल है वो बालक समान भी हैं। श्रीराम की तरह दार्शनिक बातें नहीं करते। उन्होंने कहा, ''बजरंगबली, भगवान नहीं हैं, भक्त हैं। हमने उनको बाद में भगवान बनाया क्योंकि उनकी भक्ति में पावर थी। मनोज के इस बयान के बाद एक बार फिर से उनकी ट्रोलिंग शुरू हो गई है।
Jun 21 2023, 09:55