*पार्टी का नाम-निशान खोने के बाद नाराज उद्धव ने बुलाई अहम बैठक, कर सकते हैं सुप्रीम कोर्ट का रूख*
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चुनाव आयोग की ओर से उद्धव ठाकरे गुट को बड़ा झटका लगा है। उद्धव ठाकरे के पिता की बनाई पार्टी अब उनके पास नहीं रही है। चुनाव आयोग ने एकनाथ शिंदे गुट को शिवसेना पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह धनुष-बाण मिल गया है। चुनाव आयोग के फैसले से जहां शिवसेना के एकनाथ शिंदे गुट में खुशी की लहर है वहीं उद्धव ठाकरे गुट में इस फैसले को लेकर नाराजगी है। आयोग के फैसले से चोट खाए उद्धव ठाकरे को अब सुप्रीम कोर्ट का रूख कर सकते है। चुनाव आयोग द्वारा एकनाथ शिंदे गुट के पक्ष में फैसला सुनाए जाने के बाद उद्धव ठाकरे ने अपने धड़े के नेताओं की बैठक बुलाई है। माना जा रहा है कि इस बैठक में भविष्य के कदम पर चर्चा हो सकती है।
आगे की रणनीति तय करेंगे उद्धव
आज उद्धव ठाकरे ने इस संबंध में आगे की रणनीति तय करने के लिए एक अहम बैठक बुलाई है। उन्होंने अपने समर्थक सांसदों, विधायकों और नेताओं को हाजिर होने को कहा है। आज दोपहर एक बजे उद्धव ठाकरे के मातोश्री बंगले में यह बैठक बुलाई गई है। जो सांसद और विधायक अपने-अपने क्षेत्र में मौजूद हैं, वे इस बैठक में शामिल होने के लिए मुंबई रवाना हो चुके हैं।
फैसले से बेहद नाराज हैं उद्धव
उद्धव ठाकरे ने चुनाव आयोग के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का ऐलान किया है। शुक्रवार को इलेक्शन कमीशन के फैसले के बाद अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने साफ कर दिया था कि वे सुप्रीम कोर्ट में इस फैसले को चुनौती देंगे। उद्धव चुनाव आयोग के इस फैसले से बेहद खफा हैं। उन्होंने कहा-ये अन्याय है, देश में तानाशाही की शुरुआत हो गई है। ऐसा ऐलान प्रधानमंत्री कर दें तो ज्यादा अच्छा रहेगा। देश में प्रजातंत्र नहीं रहा। उनमें चुनाव कराने की हिम्मत नहीं है।
चुनाव आयोग के फैसले का आधार
बता दें कि शुक्रवार को चुनाव आयोग ने 'शिवसेना' नाम और इसका चुनाव चिन्ह 'धनुष और तीर' एकनाथ शिंदे गुट को देने का फैसला किया है। साल 1966 में बाल ठाकरे द्वारा बनाई थी। छह महीने पहले एकनाथ शिंदे ने चुनाव आयोग में याचिका दाखिल की थी। जिस पर अब तीन सदस्यों वाले आयोग ने एकनाथ शिंद के पक्ष में फैसला सुनाया है। एकनाथ शिंदे के पास पार्टी के 55 विधायकों में से 40 विधायकों का और 18 लोकसभा सांसदों में से 13 का समर्थन है। संख्या बल के आधार पर ही चुनाव आयोग ने शिंदे गुट को असली शिवसेना माना है। आयोग ने अपने फैसले में कहा कि 40 विधायक शिंदे गुट का समर्थन कर रहे हैं, जिसके चलते पार्टी को मिले कुल 47,82,440 वोटों में से 36,57,327 वोटों, जो कि कुल वोटों का 76 फीसदी हैं, इनका समर्थन शिंदे गुट के पास है। वहीं उद्धव ठाकरे गुट के पास सिर्फ 11,25,113 वोट पाने वाले 15 विधायकों का ही समर्थन है।
Feb 18 2023, 12:59