कोरोना से भी ज्यादा खतरनाक वायरस की दस्तक, इस अफ्रीकी देश में 9 लोगों की मौत, डब्लूएचओ ने जारी की चेतावनी
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कोरोना वायरस का कहर अभी पूरी तरह से खत्म भी नहीं हुआ है। इस बीच एक नये खतरनाक वायरस ने दस्तक दे दी है।जो अफ्रीकी देश इक्वेटोरियल गिनी में कहर बनकर टूटा है। जहां इस नए खतरनाक वायरस के संक्रमण से अब तक 9 लोगों की मौत हो चुकी है। बड़ी संख्या में लोग बीमार हैं। इस खबर के बाद वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन(डब्लूएचओ ) के भी हाथ-पांव फूल गए हैं और संगठन ने आपात बैठक बुलवाई है।
एक बयान में, डब्ल्यूएचओ ने कहा कि इक्वेटोरियल गिनी में सोमवार (स्थानीय समय) को इस वायरस से नौ लोगों की मौत की पुष्ट की है। सभी मृतकों की जांच में मारबर्ग वायरस से संक्रमण का पता चला है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के बयान के अनुसार, इस वायरस के बारे में पता चला है कि यह चमगादड़ से फैलता है। गिनी में इस वायरस का पता चलने के बाद जिन लोगों में इस बीमारी के लक्षण दिख रहे हैं उनकी पूरी निगरानी की जा रही है।डब्लूएचओ ने बयान जारी कर कहा है कि मारबर्ग वायरस का इतने बड़े पैमाने पर यह पहला संक्रमण फैला है। प्रभावित इलाकों में एडवांस टीमें तैनात कर दी गई हैं, जो वायरस संक्रमितों की पहचान कर उन्हें आइसोलेट कर रही है और उन्हें इलाज भी मुहैया करा रही हैं।
डब्लूएचओ ने चेतावनी जारी की
मारबर्ग वायरस कितना खतरनाक साबित हो सकता है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि डब्लूएचओ ने स्वास्थ्य आपातकाल विशेषज्ञ, संक्रमण को फैलने से रोकने वाली टीमें, लैब और कम्यूनिकेशन सपोर्ट सिस्टम मारबर्ग वायरस से प्रभावित इलाकों में तैनात कर दी हैं ताकि इसके प्रसार को रोका जा सके। मारबर्ग वायरस मिलने के बाद डब्लूएचओ ने चेतावनी जारी की है और लोगों को सावधान रहने का निर्देश दिया है। डब्ल्यूएचओ के बयान के अनुसार, संक्रमित लोगों की कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग, आइसोलेट करने और बीमारी के लक्षण दिखाने वाले लोगों के इलाज और देखभाल करने के लिए प्रभावित जिलों में एडवांस टीमों को तैनात किया गया है।
कितना खतरनाक है मारबर्ग वायरस?
डब्लूएचओ की रिपोर्ट के मुताबिक, अफ्रीका के लिए संगठन के क्षेत्रीय निदेशक ने बताया कि इस बीमारी में हेमरेजिक फीवर होता है और यह बहुत ज्यादा तेजी से फैलता है। अफ्रीकी देश इक्वेटोरियल गिनी में इसका पहला प्रकोप में देखने को मिला है। डब्लूएचओ के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. मातशिदिसो मोइती ने बताया कि मारबर्ग वायरस का संक्रमण तेजी से फैलता है और इसके संक्रमण की मृत्यु दर 88 फीसदी तक जा सकती है। इस वायरस से संक्रमित होने के बाद अचानक लक्षण दिखने शुरू होते हैं।
इबोला वायरस की तरह हैं मारबर्ग वायरस के लक्षण
इक्वेटोरियल गिनी में मिले मारबर्ग वायरस के लक्षण इबोला वायरस की तरह हैं और बड़ी संख्या में लोग इससे संक्रमित हो चुके हैं। मारबर्ग वायरस के आम लक्षणों में मरीज को बुखार और छाती में दर्द की समस्या रहती है। मारबर्ग वायरस के लक्षणों में सबसे पहले तेज बुखार आता है। जिसके बाद लक्षण धीरे-धीरे गंभीर होने लगते हैं। इसके आम लक्षण इस प्रकार हैं। यह इतना खतरनाक है कि समय पर इलाज नहीं मिलने पर मरीज की मौत भी हो सकती।
पहली बार इस वायरस की पहचान 1967 में की गई
पहली बार इस वायरस की पहचान 1967 में की गई थी। यह वायरस जर्मनी के दो शहरों मारबर्ग और फ्रैंकफर्ट के साथ युगोस्लाविया की राजधानी बेलग्रेड में एक साथ फैला था। इबोला की तरह मारबर्ग वायरस चमगादड़ों में उत्पन्न होता है। यह अत्यधिक संक्रामक है और संक्रमित लोगों के शारीरिक तरल पदार्थ, सतहों जैसे दूषित चादरें या कपड़े के निकट संपर्क के माध्यम से लोगों के बीच फैलता है।
Feb 14 2023, 17:26