*कूड़े का अंबार , जाम है नालियां कांशीराम आवास की यही है पहचान*
भदोही। जिले में 1200 फ्लैट वाला कांशीराम आवास अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। विकास भवन के ठीक सामने बने इस आवासीय परिसर की स्थिति बद से भी बदतर हो गई है। कूड़े का अंबार नालियां जाम ही पहचान बन गई है। बार- बार शिकायतों के बाद भी कांशीराम आवास की दीन दशा सुधारने वाला कोई है।
साफ- सफाई को लेकर नगर पंचायत और पंचायती राज सिर्फ एक दूसरे का मुंह देख रहे हैं । दोनों विभागों के बीच पेंडूलम की तरह लटके इस आवासीय परिसर के रहने वाले लोग गंदगी में गुरजने को ही अपनी नियति मान ली है।इसके पूर्व मुख्यमंत्री मायावती की सरकार में 2009 में कांशीराम आवास लोगों को आवंटित किए गए थे। इसके पीछे सरकार की मंशा गरीबों को छत उपलब्ध कराना था। 125 ब्लाॅक वाले इस आवासीय परिसर में कुल 1200 फ्लैट है। जिसमें अब केवल लगभग 600 से 700 परिवारों के लोग ही यहां रह रहे हैं। शेष लोग इसकी बिगड़ती दशा को देखकर यहां से पलायन करना ही उचित समझा।
आवासीय परिसर में घूसते जिधर नजर जाएगी । उधर ही कूड़े का अंबार दिखेगा। टूटी पाइपों बहते गंदे पानी , जाम नालियां , जगह-जगह फैले कचरा और मरे जानवरों से निकलने वाली बदबू लोगों के जीवन को जीते जी नरक बनाकर रख दिया है। बदहाली का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि आवासीय परिसर में चंद मिनट खड़ा रहना भी किसी चुनौती से कम नहीं है। सबसे गौर करने बात है कि पूरे जिले के विकास की जिम्मेदारी संभालने वाले अधिकारियों की गाड़ियां रोज उसी रास्ते से निकल रही है। लेकिन अफसोस की उनकी नजर लोगों की नरक बनी इस जिंदगी पर नहीं पड़ रही।
Feb 06 2023, 17:22