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भारत में वक्फ संशोधन कानून पर मचा बवाल, जानें पाकिस्तान की क्या है राय

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हाल ही में लोकसभा और राज्यसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पारित किया। जिसके बाद केन्द्र की मोदी सरकार ने इसे राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा था। इस बिल पर राष्ट्रपति ने हस्ताक्षर कर दिए हैं, जिसके बाद यह कानून बन चुका है। संसद से पास होने के पहले और बाद में इस विधेयक को लेकर खूब चर्चा हुई। वक्फ बिल को लेकर बहस सिर्फ भारत में ही नहीं चली, बल्कि पड़ोसी पाकिस्तान भी इससे अछूता नहीं है।

पाकिस्तान मेन स्ट्रीम मीडिया से लेकर सोशल मीडिया तक में भारत के वक्फ बिल को लकेर खूब चर्चा है। पाकिस्तान के अखबार द डॉन ने एक लेख में लिखा कि मोदी सरकार ने मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाते हुए नया विधेयक पास किया है।इस बार सरकार की नजरें मुस्लिम वक्फ बोर्ड्स के पारंपरिक स्वामित्व और प्रबंध वाली जमीन पर है। वैसे इस विधेयक को पास किए जाने का मकसद वक्फ की संपत्तियों में प्रशासन और प्रबंधन की दक्षता को बढ़ाना बताया गया है। जबकि, विपक्ष का कहना है कि यह जमीन हड़पने का तरीका है। लेख के अनुसार, मोदी सरकार शुरुआत से ही भारत में अल्पसंख्यकों को निशाना बना रही है।. इनमें सबसे बड़ा समुदाय मुस्लिम है। अखबार ने लिखा है कि सिख, ईसाई और दलितों के मामले में ये पक्षपात एक जैसा लगता है, लेकिन मुसलमानों को निशाना बनाने के मामले में यह ज़्यादा रणनीतिक नजर आ रहा है। ऐसा लगता है कि सरकार खुद सीधे तौर पर मुसलमानों को निशाना बनाने में शामिल हो गई है।

वहीं, दूसरी ओर आमतौर पर भारतीय नीतियों की आलोचना करने वाले पाकिस्तान के प्रमुख राजनीतिक विश्लेषक और सुरक्षा मामलों के जानकार कमर चीमा ने इस कानून की सार्वजनिक रूप से सराहना की। उन्होंने कहा कि वक्फ को लेकर भारत का फैसला सही है। कमर चीमा ने आगे कहा कि उदाहरण के तौर पर दरगाह पर लोग अवैध कब्जा करके रखते हैं, इसलिए इस तरह की चीजों पर कंट्रोल करना जरूरी है। ऐसी स्थिति पाकिस्तान में भी है, जहां लोग मस्जिदों पर कब्जा कर लेते हैं। मुझे लगता है कि दरगाह वाले सोचते हैं कि हम अपने मन-मुताबिक काम करें। दरगाह के लोग पाकिस्तान में रहकर करप्शन करते हैं।

मोदी सरकार जो कर रही है वह गलत नहीं-कमर चीमा

कमर चीमा ने कहा कि मोदी सरकार जो कर रही है वह गलत नहीं है। उन्होंने कहा कि वक्फ संपत्तियों का डिजिटलीकरण एक आवश्यक और सकारात्मक कदम है। अवैध अतिक्रमण रोकने के लिए जो प्रावधान लाए गए हैं, वो जरूरी हैं। मस्जिदों और दरगाहों के संचालन में पारदर्शिता जरूरी है ताकि उनका गलत इस्तेमाल रोका जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि मुस्लिम समुदाय को खुद आगे आकर इन सुधारों का समर्थन करना चाहिए क्योंकि यह समाज के दीर्घकालिक हित में है। उन्होंने कहा कि सभी को रिफॉर्म पर ध्यान देना चाहिए। मेरा सवाल है अगर वक्फ वाले इतने दिन से सुधार नहीं कर पाए तो गलती किसकी है। इसलिए रिफॉर्म जरूरी है।

अपने देश पाकिस्तान का दिया उदाहरण

चीमा ने पाकिस्तान का उदाहरण दिया और बताया कि बहुत सारे मुस्लिम धार्मिक संस्थान सरकार के अंदर जाने से बचाने के लिए सारी जुगत लगाते हैं। इससे यहां आने वाले पैसे पर उनका कंट्रोल बना रहता है और लूट चलती रहती है। उन्होंने सवाल पूछा कि क्या मुसलमानों को धार्मिक संस्थाओं में भ्रष्टाचार करना सही बात है? वक्फ के नाम पर बहुत सारे फर्जी दावे कर दिए जाते हैं। ये कहां तक सही है? उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के पास बहुमत है और वे जो करना चाहेंगे, करेंगे। ये हर सरकार का हक है। आप कुछ नहीं कर सकते।

किसी को 'मियां-तियां' या पाकिस्तानी कहना अपराध नहीं', सुप्रीम कोर्ट की अहम टिप्पणी


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सुप्रीम कोर्ट ने 'मियां-तियां' और 'पाकिस्तानी' कहने के आरोपी को राहत दी है। कोर्ट ने धार्मिक भावना आहत करने के आरोप में दर्ज केस निरस्त कर दिया है। जस्टिस बी वी नागरत्ना और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की बेंच ने इस तरह की बात कहने को असभ्यता कहा है, लेकिन उसके चलते मुकदमा चलाने को सही नहीं माना।

सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय दंड संहिता की धारा 298 (जानबूझकर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने के इरादे से शब्द आदि बोलना) के तहत आरोप से एक व्यक्ति को मुक्त कर दिया।कोर्ट ने कहा कि अपीलकर्ता पर उसे 'मियां-तियां' और 'पाकिस्तानी' कहकर उसकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप है। अदालत ने कहा कि निस्संदेह, दिए गए कथन गलत है। हालाँकि, इससे याचिकाकर्ता की धार्मिक भावनाओं को ठेस नहीं पहुचती है।

जस्टिस बी वी नागरत्ना और सतीश चंद्र शर्मा की बेंच झारखंड उच्च न्यायालय के उस फैसले के खिलाफ दायर अपील पर विचार कर रही थी, जिसमें अपीलकर्ता को आरोप मुक्त करने से इनकार कर दिया गया था। मामला उप-विभागीय कार्यालय, चास में एक उर्दू अनुवादक और कार्यवाहक क्लर्क (सूचना का अधिकार) की तरफ से दर्ज एफआईआर से जुड़ा था।

यह मामला उस समय शुरू हुआ जब एक सरकारी कर्मचारी, जो कि उर्दू अनुवादक और सूचना का अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के तहत कार्यरत था, ने एक आदेश के तहत हरी नंदन सिंह को कुछ दस्तावेज सौंपे। आरोप के मुताबिक सिंह ने दस्तावेज स्वीकार करने में अनिच्छा दिखाई और इसके बाद कर्मचारी के प्रति अभद्र भाषा का प्रयोग किया। यह भी कहा गया कि उन्होंने सरकारी कर्मचारी को 'पाकिस्तानी' कहकर संबोधित किया और उसे डराने का प्रयास किया।

इस घटना के बाद सिंह के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई। हरी नंदन सिंह ने इस मामले में पहले सेशन कोर्ट और फिर राजस्थान हाई कोर्ट में चुनौती दी, लेकिन दोनों अदालतों ने उन्हें राहत देने से इनकार कर दिया। आखिर में मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, जहां जस्टिस बीवी नागरत्ना और सतिश चंद्र शर्मा की बेंच ने फैसला सुनाया कि इस मामले में धारा 298 लागू नहीं होती क्योंकि आरोपी की टिप्पणियां भले ही अनुचित थीं, लेकिन वे किसी विशेष धर्म के खिलाफ दुर्भावनापूर्ण तरीके से नहीं कही गई थीं।

पाक‍िस्‍तान के 16 परमाणु वैज्ञान‍िकों का अपहरण! TTP ने वीडियो जारी क‍र ली जिम्मेदारी

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पाकिस्तान के 16 परमाणु वैज्ञानिकों के अपहरण कर लिया गया है। पाकिस्तान परमाणु ऊर्जा आयोग के 16 वैज्ञानिक पाकिस्तानी तहरीक-ए-तालिबान (टीटीपी) के कब्जे में हैं। टीटीपी ने खुद पाकिस्तान के 16 वैज्ञानिकों को अगवा कर लेने का दावा किया है। टीटीपी ने इन वैज्ञानिकों का एक वीडियो जारी किया है। इस वीडियो में ये टीटीपी की मांगों को मानकर अपनी रिहाई की अपील पाकिस्तान की सरकार से करते हुए नजर आ रहे हैं।

सोशल मीडिया में यह वीडियो जमकर वायरल हो रहा है, ज‍िसमें दावा क‍िया जा रहा है क‍ि टीटीपी ने डेरा इस्‍माइल खान में पाक‍िस्‍तान ऊर्जा आयोग के इंजीनियरों को पकड़ ल‍िया है। लोग कह रहे क‍ि साइंटिस्‍ट की यह दशा पाक‍िस्‍तान की बिगड़ती सुरक्षा और सेना की बेबसी का नमूना है। वहीं, कुछ रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि स्थानीय प्रशासन और सरकार ने अपहृत लोगों को वैज्ञानिक नहीं बल्कि आम नागरिक बताया है।

दावा किया जा रहा है कि 16 से 18 कर्मचारियों का अपहरण किया गया है, जो लक्की मरवत में काबुल खेल एटॉमिक एनर्जी खनन परियोजना में काम कर रहे थे। इस दौरान हथियारबंद लोगों ने कंपनी के कर्मचारियों के वाहनों को भी आग के हवाले कर दिया। टीटीपी लड़ाकों के यूरेन‍ियम लूटने का भी दावा किया गया है। हालांकि टीटीपी ने अपने बयान में कहा है कि हमने सिर्फ कुछ लोगों को कब्जे में लिया है। ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि सरकार से हमारी कुछ मांगे हैं। सरकार को हमारी मांगें माननी चाहिए।

क्या है ग्रूमिंग गैंग जिसके खिलाफ बुलंद हो रही आवाज? प्रियंका चतुर्वेदी ने इसपर क्या कहा साथ आए एलन मस्क

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ब्रिटेन में लगातार ग्रूमिंग गैंग्स के मामले बढ़ रहे हैं। ब्रिटेन के ग्रूमिंग गैंग्स की इन दिनों पूरी दुनिया में चर्चा हो रही है। खासकर सोशल मीडिया पर इन्हें लेकर काफी कुछ लिखा जा रहा है। इस मुद्दे पर अब सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है। ब्रिटिश पीएम किम स्टार्मर से लेकर एलन मस्क तक खूब बोल रहे हैं। एलन मस्क ने तो ब्रिटेन के राजा किंग चार्ल्स से कीर स्टार्मर सरकार को बर्खास्त करने की ही मांग कर दी है क्योंकि स्टार्मर सरकार पर इन ग्रूमिंग गैंग्स के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करने का आरोप लग रहा है। अब तो भारत में भी इसकी बात होने लगी है।

शिवसेना (उद्धव गुट) की नेता प्रियंका चतुर्वेदी की ने ग्रूमिंग गैंग को लेकर एक पोस्ट शेयर की है। दरअसल, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने पिछले दिनों बाल शोषण पर बोलते हुए ‘एशियाई’ शब्द का इस्तेमाल किया था। जिसके बाद राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने अपनी आपत्ति जताई। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ये एशियाई देश नहीं बल्कि इन सभी अपराधों के पीछे पाकिस्तान का हाथ है, चतुर्वेदी के इस बयान पर अमेरिकी कारोबारी एलन मस्क ने भी सहमति जताई है।

दरअसल, उद्धव ठाकरे की गुट की शिवसेना की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने अपने सोशल मीडिया एक्स पर पाकिस्तानी ग्रूमिंग गैंग को लेकर एक पोस्ट शेयर किया। राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, ‘ब्रिटेन में ये एशियन ग्रूमिंग गैंग नहीं है, बल्कि पाकिस्तानी ग्रूमिंग गैंग हैं। एशियाई लोगों को एक बहुत ही दुष्ट राष्ट्र के लिए क्यों दोषी ठहराया जाना चाहिए?’ इस पोस्ट को देखते ही एलन मस्क भी कूद पड़े।

एलन मस्क ने किया समर्थन

प्रियंका चतुर्वेदी के पोस्ट पर जवाब देते हुए स्पेसएक्स और टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने कहा कि हां बात तो सही है। ब्रिटेन में इन दिनों 'रॉदरहैम स्कैंडल' का मामला सुर्खियों में है, इसे 'ग्रूमिंग गैंग स्कैंडल' के नाम से भी जाना जाता है। साल 2022 में एक रिपोर्ट में दावा किया गया कि इंग्लैंड के रॉदरहैम, कॉर्नवाल, डर्बीशायर समेत कई शहरों में साल 1997 से 2013 के बीच करीब 1400 नाबालिग बच्चियों का संगठित अपराध के तहत शोषण किया गया। इन संगठित गैंग्स ने बच्चियों को बहला-फुसलाकर उनका शोषण किया और उनकी तस्करी की। इन बच्चियों का शोषण करने वाले लोगों में अधिकतर पाकिस्तानी मूल के लोग हैं।

क्या है वो बयान जिस पर प्रियंका ने खड़े किए सवाल?

कीर स्टार्मर के उस बयान पर आपत्ति जताई, जिसमें उन्होंने कहा था कि 2008 से 2013 के बीच क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस के प्रमुख के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने एशियाई ग्रूमिंग गिरोह के खिलाफ पहली बार मुकदमा चलाया था।

विपक्षी कंजर्वेटिव पार्टी ने उत्तरी इंग्लैंड में बच्चों के खिलाफ दशकों पुराने यौन अपराधों के लिए एक राष्ट्रीय जांच की मांग उठाई है। जांच में पाया गया था कि कई मामलों के अपराधी पाकिस्तानी मूल के हैं, इसके बाद ही प्रधानमंत्री ने ये बयान दिया था। यूनाइटेड किंगडम में लंबे समय से ग्रूमिंग गैंग्स के काले इतिहास से जूझ रहा है।

क्या हैं ग्रूमिंग गैंग्स?

ग्रूमिंग गैंग्स का मतलब उन लोगों से है, जो छोटी बच्चियों को अपना शिकार बनाते हैं और उनका शारीरिक, मानसिक शोषण करते हैं। ये बच्चों के दोस्त बनकर पहले उनका विश्वास जीतते हैं और फिर इस विश्वास का फायदा उठाकर उनका शोषण करते हैं। आरोप है कि इन ग्रूमिंग गैंग्स से जुड़े लोग बच्चियों को पार्टियों में ले जाकर उन्हें ड्रग्स देते और उन्हें नशे का आदी बनाते। नशे की लत लगने पर बच्चियों का यौन शोषण किया जाता और उन्हें अन्य लोगों से भी संबंध बनाने के लिए मजबूर किया जाता। कई लड़कियों को देह व्यापार में धकेल दिया गया। कई लड़कियां मानव तस्करी की भी शिकार हुईं। शोषण का शिकार हुईं कई लड़कियों ने बच्चों को जन्म भी दिया, जिनके पिता के बारे में जानकारी नहीं है। ये ग्रूमिंग गैंग्स नाबालिग लड़कियों को फंसाकर उनसे पैसों की उगाही भी करते थे। कई लड़कियों के अश्लील वीडियो बनाकर उन्हें ब्लैकमेल भी किया गया।

भारतीय सेना ने जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तानी आतंकी ठिकाने का भंडाफोड़ किया: 2 ग्रेनेड, 3 माइंस बरामद

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Indian Army

भारतीय सेना की रोमियो फोर्स ने शनिवार को जम्मू-कश्मीर के इलाके में एक पाकिस्तानी आतंकी ठिकाने को सफलतापूर्वक ध्वस्त कर दिया, अधिकारियों ने बताया, सेना विशेष अभियान समूह (एसओजी) पुलिस के साथ मिलकर काम कर रही थी।

ऑपरेशन के हिस्से के रूप में, सेना ने ठिकाने से दो ग्रेनेड और तीन पाकिस्तानी माइंस बरामद किए, जो इस क्षेत्र में चल रहे खतरे को उजागर करते हैं, पीटीआई ने अधिकारियों के हवाले से बताया। जवाब में, अधिकारियों ने तंगमर्ग और जम्मू-कश्मीर के विभिन्न इलाकों में व्यापक तलाशी अभियान के साथ अपने प्रयासों को तेज कर दिया है। भारतीय सेना की पहल का उद्देश्य गुलमर्ग, बारामुल्ला और गंदेरबल जिले के गगनगीर में हाल ही में हुए आतंकी हमलों से जुड़े संदिग्धों का पता लगाना है।

जम्मू-कश्मीर में हाल ही में हुए आतंकी हमले

इन सैन्य अभियानों की आवश्यकता 24 अक्टूबर को एक दुखद घटना के बाद पैदा हुई, जिसमें आतंकवादियों ने एक सैन्य वाहन पर हमला किया, जिसके परिणामस्वरूप सेना के दो जवान और दो नागरिक कुली मारे गए। इसी तरह, 20 अक्टूबर को हुए एक पिछले हमले में श्रीनगर-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे एक सुरंग स्थल पर एक डॉक्टर और छह निर्माण श्रमिकों की जान चली गई थी, जिससे इन हमलों की लक्षित प्रकृति के बारे में गंभीर चिंताएँ पैदा हो गई थीं।

जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल ने सुरक्षा प्रोटोकॉल का आह्वान किया

इन आतंकवादी हमलों को मद्देनजर रखते हुए , जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने महत्वपूर्ण बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं और शिविरों के आसपास सुरक्षा प्रोटोकॉल को तत्काल बढ़ाने का आदेश दिया। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल ने एक व्यापक सुरक्षा ऑडिट का निर्देश दिया और प्रमुख स्थानों पर निरंतर गश्त और जाँच चौकियाँ स्थापित कीं।

इसी तरह के एक अन्य ऑपरेशन में, काउंटर-इंटेलिजेंस कश्मीर (CIK) ने जम्मू-कश्मीर के छह जिलों में एक बड़ा ऑपरेशन किया और एक आतंकी संगठन से जुड़े भर्तीकर्ताओं को पकड़ा। काउंटर-इंटेलिजेंस यूनिट ने बताया कि श्रीनगर, गंदेरबल, पुलवामा, अनंतनाग, बडगाम और कुलगाम सहित जिलों में छापे मारे गए।

अधिकारियों ने कहा कि वे "तहरीक लबैक या मुस्लिम" (टीएलएम) नामक नवगठित आतंकवादी संगठन के भर्ती मॉड्यूल को ध्वस्त करने में सक्षम थे, जिसे लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) की एक शाखा बताया जाता है, जिसे बाबा हमास नामक एक पाकिस्तानी आतंकवादी संचालक द्वारा संचालित किया जा रहा था।

देखा जा रहा है की केंद्र शाषित प्रदेश के चुनाव के बाद से आतंकवादियों ने जम्मू कश्मीर में ज़्यदा पहल करनी चालू कर दी है, इसमें लोग मुख़्यमंत्री ओमर अब्दुल्लाह से आस लगाए बैठे है की वो इसपर कोई सख्त कदम उठाएंगे। 

एस जयशंकर का पाकिस्तान दौरा, क्या बोली पाकिस्तानी मीडिया?

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भारत के विदेश मंत्री मंगलवार को एससीओ समिट में शामिल होने के लिए इस्लामाबाद पहुंचे थे। बैठक में हिस्सा लेने और पाकिस्तान में करीब 24 घंटे गुजारने के बाद वह बुधवार को वापस लौट आए। इस दौरान जयशंकर की पाक नेताओं से द्विपक्षीय वार्ता नहीं हुई लेकिन पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ और दूसरे नेताओं से उनकी अनौपचारिक बातचीत जरूर हुई। जयशंकर ने इस्लामाबाद से दिल्ली लौटते हुए मेहमाननवाजी के लिए शहबाज शरीफ और पाक सरकार का शुक्रिया भी अदा किया।

विदेश मंत्री एस जयशंकर के पाकिस्तान दौरे की खूब चर्चा है।पाकिस्तान के मीडिया में जयंशकर को लेकर काफी कुछ कहा जा रहा है। पाकिस्तान के अखबार द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने एस जयशंकर और शहबाज शरीफ की मुलाकात पर प्रकाशित अपनी खबर को शीर्षक दिया है- एक दशक की चुप्पी के बाद, एससीओ शिखर सम्मेलन में पाकिस्तान और भारत ने 20 सेकंड का संक्षिप्त मुलाकात की है।अखबार ने डिनर से पहले दोनों नेताओं के हाथ मिलाने के संदर्भ में लिखा, 'दोनों नेताओं ने 20 सेकंड से भी कम समय तक चली संक्षिप्त मुलाकात में हाथ मिलाया और एक-दूसरे का अभिवादन किया।'

पाकिस्तान ने न्यूज नेटवर्क जिओ टीवी ने अपनी जयशंकर के पाकिस्तान दौरे को दुर्लभ दौरा बताया है। जिओ टीवी ने लिखा है, 'जयशंकर मंगलवार दोपहर इस्लामाबाद के नजदीक एक एयरबेस पर पहुंचे, जहां उनका स्वागत एक निम्न स्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने किया, जबकि बाकी नेताओं का स्वागत वरिष्ठ मंत्रियों ने किया था। उनके आने के कुछ घंटे बाद उनका स्वागत पीएम शहबाज शरीफ ने किया जिस दौरान दोनों नेताओं ने हाथ मिलाए। इस दौरान दोनों के चेहरों पर गंभीर भाव थे।

जिओ न्यूज ने शिखर सम्मेलन में भारत की भागीदारी पर पूर्व राजदूत मलीहा लोधी के हवाले से लिखा, 'मेरा मानना है कि भारतीय विदेश मंत्री के बहुपक्षीय दौरे से भारत और पाकिस्तान के बीच बर्फ नहीं पिघलेगी। हमारा गतिरोध बहुत गहरा है और इस तरह की बैठक से स्थिति में कोई सुधार नहीं हो सकता। 

बता दें कि विदेश मंत्री जयशंकर 8 साल 10 महीने बाद पाकिस्तान जाने वाले भारत के पहले नेता हैं। इसलिए भी ये दौरा खास है। उनसे पहले 25 दिसंबर 2015 को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पाकिस्तान के दौरे पर गए थे। तब मोदी एक सरप्राइज विजिट पर लाहौर पहुंचे थे। उन्होंने पाकिस्तान के पीएम नवाज शरीफ से मुलाकात की थी। उनके इस दौरे के बाद से भारत के किसी भी प्रधानमंत्री या मंत्री ने पाकिस्तान की यात्रा नहीं की है।

मोदी के दौरे के एक साल बाद ही 2016 में 4 आतंकी उरी में भारतीय सेना के ब्रिगेड हेडक्वार्टर में घुस गए थे। इस हमले में भारतीय सेना के 19 जवान शहीद हो गए थे। तब से दोनों देशों के रिश्तों में तनाव बढ़ गया था। 2019 में जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटने के बाद दोनों देशों के बीच रिश्ते और खराब हो गए। हालांकि इन सब के बावजूद पिछले साल गोवा में एससीओ देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने के लिए पाकिस्तान के तत्कालीन विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो भारत आए थे।

भारत के भगोड़े पर भड़के पाकिस्तानी, जमकर सुनाई खरी-खोटी

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इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक इन दिनों पाकिस्तान में है। पहले तो पाकिस्तानियों ने इस कट्टरपंथी उपदेशक को सिर आंखों पर बैठाया और अब जमकर उसे खरी-खोटी सुना रहे हैं। दरअसल, इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक अक्सर अपने बयानों की वजह से विवादों में घिरा रहता हैं। अब पाकिस्तान में अपने हालिया बयानों के कारण आलोचना का सामना कर रहा है।खासकर उनके द्वारा महिलाओं पर दिए गए बयान पाकिस्तानी महिलाओं में गुस्सा भड़का है।नाइक के विवादास्पद बयानों की वजह उसके कुछ कट्टर अनुयायियों भी यह कहने लगे हैं कि इस्लामाबाद ने उसे देश में आमंत्रित करके 'बड़ी गलती' की है, वह भी एक 'राज्य अतिथि' के रूप में।

जाकिर नाइक के अलग-अलग शहरों में दिए जा रहे बयान उसकी आलोचना की वजह बन रहे हैं। खासतौर से महिलाओं पर जाकिर के बयान पाकिस्तान की औरतों को भड़का रहे हैं। जाकिर का एक और बयान अब पाकिस्तान में विवाद की वजह बन गया है, जिसमें उन्होंने गैरशादीशुदा लड़कियों को बाजारू कह दिया।

जाकिर नाइक से एक कार्यक्रम में दसवीं क्लास की बच्ची ने पूछा था कि इस्लाम मर्दों को चार शादी की इजाजत क्यों देता है। इस पर जाकिर ने कहा कि ये महिलाओं की हिफाजत के लिए है क्योंकि कुंवारी लड़कियों को लोग गलत निगाह से देखते हैं। जाकिर ने कह दिया किया कि बिना मर्द के बाहर घूमने वाली औरतों को पब्लिक प्रोपर्टी या बाजारू औरत की तरह देखा जाता है। जाकिर के इस बयान पर यूट्यूबर निमरा अहमद ने पाकिस्तान के आम लोगों से बात की है।

जाकिर नाइक के बयान पर पाकिस्तान की लड़कियों ने यूट्यूबर निमरा अहमद के साथ बातचीत के दौरान अपनी नाराजगी जाहिर की। एक लड़की ने कहा कि दसवीं की बच्ची के सवाल का जिस तरह से जवाब दिया गया, वह बेहद गलत था। उन्होंने यह भी कहा कि जाकिर नाइक को समझ नहीं है कि बच्चों से कैसे बात की जाए और उन्हें कैसे समझाया जाए। एक और लड़की ने कहा कि जाकिर नाइक का लड़कियां पब्लिक प्रॉपर्टी से जुड़ा बयान बहुत ही शर्मनाक है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि जाकिर को कम से कम अपने घर की लड़कियों, बहनों और बेटियों के बारे में सोचना चाहिए और इस तरह की बातें करने से पहले समझना चाहिए कि वह किसी और की बेटी के बारे में क्या कह रहे हैं।

इससे पहले कराची में अपने एक लेक्चर के दौरान नाइक ने कहा, मैं पाकिस्तान आ रहा था, हमारा सामान 1000 किलोग्राम था। मैंने पीआईए के सीईओ से बात की. स्टेशन मैनेजर ने मुझसे कहा कि वह मेरे लिए कुछ भी करने को तैयार है। मैंने जवाब दिया, मेरे पास 500 से 600 किलोग्राम अतिरिक्त सामान है। उन्होंने मुझे 50 प्रतिशत छूट की पेशकश की। मैंने उनसे साफ कह दिया कि या तो सामान मुफ्त में जाने दें या रहने दें।

नाइक आगे कहा, भारत में मुझे मुफ्त में छोड़ दिया जाता है। वे मुझे देखते ही 1000-2000 किलो के लिए भी छूट दे देते हैं और यहां, पाकिस्तान में, मैं सरकार का मेहमान हूं, मेरे वीजा पर 'राज्य अतिथि' की मुहर लगी है लेकिन सीईओ मुझे 50 प्रतिशत की छूट दे रहे हैं।मुझे बुरा लग रहा है लेकिन यह सच है, पाकिस्तान में यही स्थिति है।

नाइक की यह टिप्पणी पाकिस्तानियों को पसंद नहीं आई और उन्होंने सोशल मीडिया पर इसकी जमकर आलोचना की।एक पाकिस्तानी कंटेंट क्रिएटर, साद कैसर, ने एक्स पर लिखा, 'जिसने भी जाकिर नाइक को आमंत्रित किया है, वह कृपया इसे दोबारा न बुलाएं!

उबर ड्राइवर ने पाकिस्तानी पैसेंजर को कैब से किया बाहर, भारत विरोधी टिप्पणी करने पर भड़का गुस्सा

#uber_driver_kicks_pakistani_passengers_off_car_over_anti_india_comments

भारत में मेहमान को भगवान माना जाता है, लेकिन यही मेहमान अपने देश को गाली देने लगे तो गुस्सा जाहिर है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है देश की राजधानी दिल्ली से।

एक वीडियो इंटरनेट पर छाया हुआ है, जिसमें एक पाकिस्तानी कपल को कैब से धक्के मारकर कैब से उतार दिया है। दिल्ली में एक कैब ड्राइवर ने कथित तौर पर भारत की बुराई को लेकर एक पाकिस्तानी नागरिक और उसकी गर्लफ्रेंड को आधी रात बीच सड़क पर उतार दिया।

यह घटना कथित तौर पर 9 अगस्त की आधी रात को हुई थी। घटना का एक वीडियो, जिसे यात्रियों में से एक ने रिकॉर्ड किया था, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो गया है।

वायरल हो रहे वीडियो में ड्राइवर को कैब में बैठे पाकिस्तानी शख्स और उसकी गर्लफ्रेंड से यह कहते हुए सुना जा सकता है कि वो दिल्ली वालों के बारे में कुछ भी बुरा सुनना बर्दाश्त नहीं करेगा। वहीं मोबाइल पर वीडियो रिकॉर्ड करते हुए लड़की कहती है कि उसने (पाकिस्तानी) ऐसा कुछ भी नहीं कहा।

उसने बस इतना कहा कि दिल्ली वाले मतलबपरस्त होते हैं। इसके बाद लड़की कहती है, अगर मुंबई वाले ऐसा कह दें तो वो चल जाएगा, लेकिन पाकिस्तानी कहे तो, फिर कैब ड्राइवर पर भड़कते हुए कहती है कि उसे न बताए कि वो ब्राह्मण है कि क्या है।

वीडियो में देखा जा सकता है कि ड्राइवर कपल को दोबारा समझाने की कोशिश करता है, लेकिन बात बढ़ जाती है और फिर ड्राइवर दोनों को अपनी कार से उतारकर वहां से जाने लगता है। इस दौरान लड़की गुस्से से चीखती है- देख लो ये मोदीजी का भारत है। रात के साढ़े 12 बजे ये हमें सड़क पर उतार रहा है। इस पर ड्राइवर भी उन्हें अपशब्द बोलता है।

वीडियो माइक्रो ब्लॉगिंग साइट एक्स पर Algebra ने शेयर किया। जिसको लाखों व्यूज मिल चुके हैं। वहीं, हजारों में लाइक्स हैं और खबर लिखे जाने तक 11 हजार रीपोस्ट किए जा चुके हैं।

उबर ड्राइवर ने पाकिस्तानी पैसेंजर को कैब से किया बाहर, भारत विरोधी टिप्पणी करने पर भड़का गुस्सा

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भारत में मेहमान को भगवान माना जाता है, लेकिन यही मेहमान अपने देश को गाली देने लगे तो गुस्सा जाहिर है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है देश की राजधानी दिल्ली से। एक वीडियो इंटरनेट पर छाया हुआ है, जिसमें एक पाकिस्तानी कपल को कैब से धक्के मारकर कैब से उतार दिया है। दिल्ली में एक कैब ड्राइवर ने कथित तौर पर भारत की बुराई को लेकर एक पाकिस्तानी नागरिक और उसकी गर्लफ्रेंड को आधी रात बीच सड़क पर उतार दिया।

यह घटना कथित तौर पर 9 अगस्त की आधी रात को हुई थी। घटना का एक वीडियो, जिसे यात्रियों में से एक ने रिकॉर्ड किया था, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो गया है। वायरल हो रहे वीडियो में ड्राइवर को कैब में बैठे पाकिस्तानी शख्स और उसकी गर्लफ्रेंड से यह कहते हुए सुना जा सकता है कि वो दिल्ली वालों के बारे में कुछ भी बुरा सुनना बर्दाश्त नहीं करेगा। वहीं मोबाइल पर वीडियो रिकॉर्ड करते हुए लड़की कहती है कि उसने (पाकिस्तानी) ऐसा कुछ भी नहीं कहा। उसने बस इतना कहा कि दिल्ली वाले मतलबपरस्त होते हैं। इसके बाद लड़की कहती है, अगर मुंबई वाले ऐसा कह दें तो वो चल जाएगा, लेकिन पाकिस्तानी कहे तो, फिर कैब ड्राइवर पर भड़कते हुए कहती है कि उसे न बताए कि वो ब्राह्मण है कि क्या है।

वीडियो में देखा जा सकता है कि ड्राइवर कपल को दोबारा समझाने की कोशिश करता है, लेकिन बात बढ़ जाती है और फिर ड्राइवर दोनों को अपनी कार से उतारकर वहां से जाने लगता है। इस दौरान लड़की गुस्से से चीखती है- देख लो ये मोदीजी का भारत है। रात के साढ़े 12 बजे ये हमें सड़क पर उतार रहा है। इस पर ड्राइवर भी उन्हें अपशब्द बोलता है।

वीडियो माइक्रो ब्लॉगिंग साइट एक्स पर Algebra ने शेयर किया। जिसको लाखों व्यूज मिल चुके हैं। वहीं, हजारों में लाइक्स हैं और खबर लिखे जाने तक 11 हजार रीपोस्ट किए जा चुके हैं।

उबर ड्राइवर ने पाकिस्तानी पैसेंजर को कैब से किया बाहर, भारत विरोधी टिप्पणी करने पर भड़का गुस्सा

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भारत में मेहमान को भगवान माना जाता है, लेकिन यही मेहमान अपने देश को गाली देने लगे तो गुस्सा जाहिर है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है देश की राजधानी दिल्ली से। एक वीडियो इंटरनेट पर छाया हुआ है, जिसमें एक पाकिस्तानी कपल को कैब से धक्के मारकर कैब से उतार दिया है। दिल्ली में एक कैब ड्राइवर ने कथित तौर पर भारत की बुराई को लेकर एक पाकिस्तानी नागरिक और उसकी गर्लफ्रेंड को आधी रात बीच सड़क पर उतार दिया।

यह घटना कथित तौर पर 9 अगस्त की आधी रात को हुई थी। घटना का एक वीडियो, जिसे यात्रियों में से एक ने रिकॉर्ड किया था, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो गया है। वायरल हो रहे वीडियो में ड्राइवर को कैब में बैठे पाकिस्तानी शख्स और उसकी गर्लफ्रेंड से यह कहते हुए सुना जा सकता है कि वो दिल्ली वालों के बारे में कुछ भी बुरा सुनना बर्दाश्त नहीं करेगा। वहीं मोबाइल पर वीडियो रिकॉर्ड करते हुए लड़की कहती है कि उसने (पाकिस्तानी) ऐसा कुछ भी नहीं कहा। उसने बस इतना कहा कि दिल्ली वाले मतलबपरस्त होते हैं। इसके बाद लड़की कहती है, अगर मुंबई वाले ऐसा कह दें तो वो चल जाएगा, लेकिन पाकिस्तानी कहे तो, फिर कैब ड्राइवर पर भड़कते हुए कहती है कि उसे न बताए कि वो ब्राह्मण है कि क्या है।

वीडियो में देखा जा सकता है कि ड्राइवर कपल को दोबारा समझाने की कोशिश करता है, लेकिन बात बढ़ जाती है और फिर ड्राइवर दोनों को अपनी कार से उतारकर वहां से जाने लगता है। इस दौरान लड़की गुस्से से चीखती है- देख लो ये मोदीजी का भारत है। रात के साढ़े 12 बजे ये हमें सड़क पर उतार रहा है। इस पर ड्राइवर भी उन्हें अपशब्द बोलता है।

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भारत में वक्फ संशोधन कानून पर मचा बवाल, जानें पाकिस्तान की क्या है राय

#pakistaniexpertqamarcheemaonwaqfamendment_act

हाल ही में लोकसभा और राज्यसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पारित किया। जिसके बाद केन्द्र की मोदी सरकार ने इसे राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा था। इस बिल पर राष्ट्रपति ने हस्ताक्षर कर दिए हैं, जिसके बाद यह कानून बन चुका है। संसद से पास होने के पहले और बाद में इस विधेयक को लेकर खूब चर्चा हुई। वक्फ बिल को लेकर बहस सिर्फ भारत में ही नहीं चली, बल्कि पड़ोसी पाकिस्तान भी इससे अछूता नहीं है।

पाकिस्तान मेन स्ट्रीम मीडिया से लेकर सोशल मीडिया तक में भारत के वक्फ बिल को लकेर खूब चर्चा है। पाकिस्तान के अखबार द डॉन ने एक लेख में लिखा कि मोदी सरकार ने मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाते हुए नया विधेयक पास किया है।इस बार सरकार की नजरें मुस्लिम वक्फ बोर्ड्स के पारंपरिक स्वामित्व और प्रबंध वाली जमीन पर है। वैसे इस विधेयक को पास किए जाने का मकसद वक्फ की संपत्तियों में प्रशासन और प्रबंधन की दक्षता को बढ़ाना बताया गया है। जबकि, विपक्ष का कहना है कि यह जमीन हड़पने का तरीका है। लेख के अनुसार, मोदी सरकार शुरुआत से ही भारत में अल्पसंख्यकों को निशाना बना रही है।. इनमें सबसे बड़ा समुदाय मुस्लिम है। अखबार ने लिखा है कि सिख, ईसाई और दलितों के मामले में ये पक्षपात एक जैसा लगता है, लेकिन मुसलमानों को निशाना बनाने के मामले में यह ज़्यादा रणनीतिक नजर आ रहा है। ऐसा लगता है कि सरकार खुद सीधे तौर पर मुसलमानों को निशाना बनाने में शामिल हो गई है।

वहीं, दूसरी ओर आमतौर पर भारतीय नीतियों की आलोचना करने वाले पाकिस्तान के प्रमुख राजनीतिक विश्लेषक और सुरक्षा मामलों के जानकार कमर चीमा ने इस कानून की सार्वजनिक रूप से सराहना की। उन्होंने कहा कि वक्फ को लेकर भारत का फैसला सही है। कमर चीमा ने आगे कहा कि उदाहरण के तौर पर दरगाह पर लोग अवैध कब्जा करके रखते हैं, इसलिए इस तरह की चीजों पर कंट्रोल करना जरूरी है। ऐसी स्थिति पाकिस्तान में भी है, जहां लोग मस्जिदों पर कब्जा कर लेते हैं। मुझे लगता है कि दरगाह वाले सोचते हैं कि हम अपने मन-मुताबिक काम करें। दरगाह के लोग पाकिस्तान में रहकर करप्शन करते हैं।

मोदी सरकार जो कर रही है वह गलत नहीं-कमर चीमा

कमर चीमा ने कहा कि मोदी सरकार जो कर रही है वह गलत नहीं है। उन्होंने कहा कि वक्फ संपत्तियों का डिजिटलीकरण एक आवश्यक और सकारात्मक कदम है। अवैध अतिक्रमण रोकने के लिए जो प्रावधान लाए गए हैं, वो जरूरी हैं। मस्जिदों और दरगाहों के संचालन में पारदर्शिता जरूरी है ताकि उनका गलत इस्तेमाल रोका जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि मुस्लिम समुदाय को खुद आगे आकर इन सुधारों का समर्थन करना चाहिए क्योंकि यह समाज के दीर्घकालिक हित में है। उन्होंने कहा कि सभी को रिफॉर्म पर ध्यान देना चाहिए। मेरा सवाल है अगर वक्फ वाले इतने दिन से सुधार नहीं कर पाए तो गलती किसकी है। इसलिए रिफॉर्म जरूरी है।

अपने देश पाकिस्तान का दिया उदाहरण

चीमा ने पाकिस्तान का उदाहरण दिया और बताया कि बहुत सारे मुस्लिम धार्मिक संस्थान सरकार के अंदर जाने से बचाने के लिए सारी जुगत लगाते हैं। इससे यहां आने वाले पैसे पर उनका कंट्रोल बना रहता है और लूट चलती रहती है। उन्होंने सवाल पूछा कि क्या मुसलमानों को धार्मिक संस्थाओं में भ्रष्टाचार करना सही बात है? वक्फ के नाम पर बहुत सारे फर्जी दावे कर दिए जाते हैं। ये कहां तक सही है? उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के पास बहुमत है और वे जो करना चाहेंगे, करेंगे। ये हर सरकार का हक है। आप कुछ नहीं कर सकते।

किसी को 'मियां-तियां' या पाकिस्तानी कहना अपराध नहीं', सुप्रीम कोर्ट की अहम टिप्पणी


#calling_someone_miyan_tian_and_pakistani_is_not_crime_supreme_court 

सुप्रीम कोर्ट ने 'मियां-तियां' और 'पाकिस्तानी' कहने के आरोपी को राहत दी है। कोर्ट ने धार्मिक भावना आहत करने के आरोप में दर्ज केस निरस्त कर दिया है। जस्टिस बी वी नागरत्ना और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की बेंच ने इस तरह की बात कहने को असभ्यता कहा है, लेकिन उसके चलते मुकदमा चलाने को सही नहीं माना।

सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय दंड संहिता की धारा 298 (जानबूझकर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने के इरादे से शब्द आदि बोलना) के तहत आरोप से एक व्यक्ति को मुक्त कर दिया।कोर्ट ने कहा कि अपीलकर्ता पर उसे 'मियां-तियां' और 'पाकिस्तानी' कहकर उसकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप है। अदालत ने कहा कि निस्संदेह, दिए गए कथन गलत है। हालाँकि, इससे याचिकाकर्ता की धार्मिक भावनाओं को ठेस नहीं पहुचती है।

जस्टिस बी वी नागरत्ना और सतीश चंद्र शर्मा की बेंच झारखंड उच्च न्यायालय के उस फैसले के खिलाफ दायर अपील पर विचार कर रही थी, जिसमें अपीलकर्ता को आरोप मुक्त करने से इनकार कर दिया गया था। मामला उप-विभागीय कार्यालय, चास में एक उर्दू अनुवादक और कार्यवाहक क्लर्क (सूचना का अधिकार) की तरफ से दर्ज एफआईआर से जुड़ा था।

यह मामला उस समय शुरू हुआ जब एक सरकारी कर्मचारी, जो कि उर्दू अनुवादक और सूचना का अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के तहत कार्यरत था, ने एक आदेश के तहत हरी नंदन सिंह को कुछ दस्तावेज सौंपे। आरोप के मुताबिक सिंह ने दस्तावेज स्वीकार करने में अनिच्छा दिखाई और इसके बाद कर्मचारी के प्रति अभद्र भाषा का प्रयोग किया। यह भी कहा गया कि उन्होंने सरकारी कर्मचारी को 'पाकिस्तानी' कहकर संबोधित किया और उसे डराने का प्रयास किया।

इस घटना के बाद सिंह के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई। हरी नंदन सिंह ने इस मामले में पहले सेशन कोर्ट और फिर राजस्थान हाई कोर्ट में चुनौती दी, लेकिन दोनों अदालतों ने उन्हें राहत देने से इनकार कर दिया। आखिर में मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, जहां जस्टिस बीवी नागरत्ना और सतिश चंद्र शर्मा की बेंच ने फैसला सुनाया कि इस मामले में धारा 298 लागू नहीं होती क्योंकि आरोपी की टिप्पणियां भले ही अनुचित थीं, लेकिन वे किसी विशेष धर्म के खिलाफ दुर्भावनापूर्ण तरीके से नहीं कही गई थीं।

पाक‍िस्‍तान के 16 परमाणु वैज्ञान‍िकों का अपहरण! TTP ने वीडियो जारी क‍र ली जिम्मेदारी

#pakistan_tehrik_e_taliban_claim_kidnap_16_pakistani_nuclear_scientists

पाकिस्तान के 16 परमाणु वैज्ञानिकों के अपहरण कर लिया गया है। पाकिस्तान परमाणु ऊर्जा आयोग के 16 वैज्ञानिक पाकिस्तानी तहरीक-ए-तालिबान (टीटीपी) के कब्जे में हैं। टीटीपी ने खुद पाकिस्तान के 16 वैज्ञानिकों को अगवा कर लेने का दावा किया है। टीटीपी ने इन वैज्ञानिकों का एक वीडियो जारी किया है। इस वीडियो में ये टीटीपी की मांगों को मानकर अपनी रिहाई की अपील पाकिस्तान की सरकार से करते हुए नजर आ रहे हैं।

सोशल मीडिया में यह वीडियो जमकर वायरल हो रहा है, ज‍िसमें दावा क‍िया जा रहा है क‍ि टीटीपी ने डेरा इस्‍माइल खान में पाक‍िस्‍तान ऊर्जा आयोग के इंजीनियरों को पकड़ ल‍िया है। लोग कह रहे क‍ि साइंटिस्‍ट की यह दशा पाक‍िस्‍तान की बिगड़ती सुरक्षा और सेना की बेबसी का नमूना है। वहीं, कुछ रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि स्थानीय प्रशासन और सरकार ने अपहृत लोगों को वैज्ञानिक नहीं बल्कि आम नागरिक बताया है।

दावा किया जा रहा है कि 16 से 18 कर्मचारियों का अपहरण किया गया है, जो लक्की मरवत में काबुल खेल एटॉमिक एनर्जी खनन परियोजना में काम कर रहे थे। इस दौरान हथियारबंद लोगों ने कंपनी के कर्मचारियों के वाहनों को भी आग के हवाले कर दिया। टीटीपी लड़ाकों के यूरेन‍ियम लूटने का भी दावा किया गया है। हालांकि टीटीपी ने अपने बयान में कहा है कि हमने सिर्फ कुछ लोगों को कब्जे में लिया है। ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि सरकार से हमारी कुछ मांगे हैं। सरकार को हमारी मांगें माननी चाहिए।

क्या है ग्रूमिंग गैंग जिसके खिलाफ बुलंद हो रही आवाज? प्रियंका चतुर्वेदी ने इसपर क्या कहा साथ आए एलन मस्क

#pakistani_grooming_gang_uk_shiv_sena_mp_priyanka_chaturvedi_elon_musk

ब्रिटेन में लगातार ग्रूमिंग गैंग्स के मामले बढ़ रहे हैं। ब्रिटेन के ग्रूमिंग गैंग्स की इन दिनों पूरी दुनिया में चर्चा हो रही है। खासकर सोशल मीडिया पर इन्हें लेकर काफी कुछ लिखा जा रहा है। इस मुद्दे पर अब सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है। ब्रिटिश पीएम किम स्टार्मर से लेकर एलन मस्क तक खूब बोल रहे हैं। एलन मस्क ने तो ब्रिटेन के राजा किंग चार्ल्स से कीर स्टार्मर सरकार को बर्खास्त करने की ही मांग कर दी है क्योंकि स्टार्मर सरकार पर इन ग्रूमिंग गैंग्स के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करने का आरोप लग रहा है। अब तो भारत में भी इसकी बात होने लगी है।

शिवसेना (उद्धव गुट) की नेता प्रियंका चतुर्वेदी की ने ग्रूमिंग गैंग को लेकर एक पोस्ट शेयर की है। दरअसल, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने पिछले दिनों बाल शोषण पर बोलते हुए ‘एशियाई’ शब्द का इस्तेमाल किया था। जिसके बाद राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने अपनी आपत्ति जताई। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ये एशियाई देश नहीं बल्कि इन सभी अपराधों के पीछे पाकिस्तान का हाथ है, चतुर्वेदी के इस बयान पर अमेरिकी कारोबारी एलन मस्क ने भी सहमति जताई है।

दरअसल, उद्धव ठाकरे की गुट की शिवसेना की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने अपने सोशल मीडिया एक्स पर पाकिस्तानी ग्रूमिंग गैंग को लेकर एक पोस्ट शेयर किया। राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, ‘ब्रिटेन में ये एशियन ग्रूमिंग गैंग नहीं है, बल्कि पाकिस्तानी ग्रूमिंग गैंग हैं। एशियाई लोगों को एक बहुत ही दुष्ट राष्ट्र के लिए क्यों दोषी ठहराया जाना चाहिए?’ इस पोस्ट को देखते ही एलन मस्क भी कूद पड़े।

एलन मस्क ने किया समर्थन

प्रियंका चतुर्वेदी के पोस्ट पर जवाब देते हुए स्पेसएक्स और टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने कहा कि हां बात तो सही है। ब्रिटेन में इन दिनों 'रॉदरहैम स्कैंडल' का मामला सुर्खियों में है, इसे 'ग्रूमिंग गैंग स्कैंडल' के नाम से भी जाना जाता है। साल 2022 में एक रिपोर्ट में दावा किया गया कि इंग्लैंड के रॉदरहैम, कॉर्नवाल, डर्बीशायर समेत कई शहरों में साल 1997 से 2013 के बीच करीब 1400 नाबालिग बच्चियों का संगठित अपराध के तहत शोषण किया गया। इन संगठित गैंग्स ने बच्चियों को बहला-फुसलाकर उनका शोषण किया और उनकी तस्करी की। इन बच्चियों का शोषण करने वाले लोगों में अधिकतर पाकिस्तानी मूल के लोग हैं।

क्या है वो बयान जिस पर प्रियंका ने खड़े किए सवाल?

कीर स्टार्मर के उस बयान पर आपत्ति जताई, जिसमें उन्होंने कहा था कि 2008 से 2013 के बीच क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस के प्रमुख के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने एशियाई ग्रूमिंग गिरोह के खिलाफ पहली बार मुकदमा चलाया था।

विपक्षी कंजर्वेटिव पार्टी ने उत्तरी इंग्लैंड में बच्चों के खिलाफ दशकों पुराने यौन अपराधों के लिए एक राष्ट्रीय जांच की मांग उठाई है। जांच में पाया गया था कि कई मामलों के अपराधी पाकिस्तानी मूल के हैं, इसके बाद ही प्रधानमंत्री ने ये बयान दिया था। यूनाइटेड किंगडम में लंबे समय से ग्रूमिंग गैंग्स के काले इतिहास से जूझ रहा है।

क्या हैं ग्रूमिंग गैंग्स?

ग्रूमिंग गैंग्स का मतलब उन लोगों से है, जो छोटी बच्चियों को अपना शिकार बनाते हैं और उनका शारीरिक, मानसिक शोषण करते हैं। ये बच्चों के दोस्त बनकर पहले उनका विश्वास जीतते हैं और फिर इस विश्वास का फायदा उठाकर उनका शोषण करते हैं। आरोप है कि इन ग्रूमिंग गैंग्स से जुड़े लोग बच्चियों को पार्टियों में ले जाकर उन्हें ड्रग्स देते और उन्हें नशे का आदी बनाते। नशे की लत लगने पर बच्चियों का यौन शोषण किया जाता और उन्हें अन्य लोगों से भी संबंध बनाने के लिए मजबूर किया जाता। कई लड़कियों को देह व्यापार में धकेल दिया गया। कई लड़कियां मानव तस्करी की भी शिकार हुईं। शोषण का शिकार हुईं कई लड़कियों ने बच्चों को जन्म भी दिया, जिनके पिता के बारे में जानकारी नहीं है। ये ग्रूमिंग गैंग्स नाबालिग लड़कियों को फंसाकर उनसे पैसों की उगाही भी करते थे। कई लड़कियों के अश्लील वीडियो बनाकर उन्हें ब्लैकमेल भी किया गया।

भारतीय सेना ने जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तानी आतंकी ठिकाने का भंडाफोड़ किया: 2 ग्रेनेड, 3 माइंस बरामद

#indianarmybustspakistaniterror_hideout

Indian Army

भारतीय सेना की रोमियो फोर्स ने शनिवार को जम्मू-कश्मीर के इलाके में एक पाकिस्तानी आतंकी ठिकाने को सफलतापूर्वक ध्वस्त कर दिया, अधिकारियों ने बताया, सेना विशेष अभियान समूह (एसओजी) पुलिस के साथ मिलकर काम कर रही थी।

ऑपरेशन के हिस्से के रूप में, सेना ने ठिकाने से दो ग्रेनेड और तीन पाकिस्तानी माइंस बरामद किए, जो इस क्षेत्र में चल रहे खतरे को उजागर करते हैं, पीटीआई ने अधिकारियों के हवाले से बताया। जवाब में, अधिकारियों ने तंगमर्ग और जम्मू-कश्मीर के विभिन्न इलाकों में व्यापक तलाशी अभियान के साथ अपने प्रयासों को तेज कर दिया है। भारतीय सेना की पहल का उद्देश्य गुलमर्ग, बारामुल्ला और गंदेरबल जिले के गगनगीर में हाल ही में हुए आतंकी हमलों से जुड़े संदिग्धों का पता लगाना है।

जम्मू-कश्मीर में हाल ही में हुए आतंकी हमले

इन सैन्य अभियानों की आवश्यकता 24 अक्टूबर को एक दुखद घटना के बाद पैदा हुई, जिसमें आतंकवादियों ने एक सैन्य वाहन पर हमला किया, जिसके परिणामस्वरूप सेना के दो जवान और दो नागरिक कुली मारे गए। इसी तरह, 20 अक्टूबर को हुए एक पिछले हमले में श्रीनगर-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे एक सुरंग स्थल पर एक डॉक्टर और छह निर्माण श्रमिकों की जान चली गई थी, जिससे इन हमलों की लक्षित प्रकृति के बारे में गंभीर चिंताएँ पैदा हो गई थीं।

जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल ने सुरक्षा प्रोटोकॉल का आह्वान किया

इन आतंकवादी हमलों को मद्देनजर रखते हुए , जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने महत्वपूर्ण बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं और शिविरों के आसपास सुरक्षा प्रोटोकॉल को तत्काल बढ़ाने का आदेश दिया। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल ने एक व्यापक सुरक्षा ऑडिट का निर्देश दिया और प्रमुख स्थानों पर निरंतर गश्त और जाँच चौकियाँ स्थापित कीं।

इसी तरह के एक अन्य ऑपरेशन में, काउंटर-इंटेलिजेंस कश्मीर (CIK) ने जम्मू-कश्मीर के छह जिलों में एक बड़ा ऑपरेशन किया और एक आतंकी संगठन से जुड़े भर्तीकर्ताओं को पकड़ा। काउंटर-इंटेलिजेंस यूनिट ने बताया कि श्रीनगर, गंदेरबल, पुलवामा, अनंतनाग, बडगाम और कुलगाम सहित जिलों में छापे मारे गए।

अधिकारियों ने कहा कि वे "तहरीक लबैक या मुस्लिम" (टीएलएम) नामक नवगठित आतंकवादी संगठन के भर्ती मॉड्यूल को ध्वस्त करने में सक्षम थे, जिसे लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) की एक शाखा बताया जाता है, जिसे बाबा हमास नामक एक पाकिस्तानी आतंकवादी संचालक द्वारा संचालित किया जा रहा था।

देखा जा रहा है की केंद्र शाषित प्रदेश के चुनाव के बाद से आतंकवादियों ने जम्मू कश्मीर में ज़्यदा पहल करनी चालू कर दी है, इसमें लोग मुख़्यमंत्री ओमर अब्दुल्लाह से आस लगाए बैठे है की वो इसपर कोई सख्त कदम उठाएंगे। 

एस जयशंकर का पाकिस्तान दौरा, क्या बोली पाकिस्तानी मीडिया?

#sco_summit_pakistani_media_saying_about_jaishankar_visit 

भारत के विदेश मंत्री मंगलवार को एससीओ समिट में शामिल होने के लिए इस्लामाबाद पहुंचे थे। बैठक में हिस्सा लेने और पाकिस्तान में करीब 24 घंटे गुजारने के बाद वह बुधवार को वापस लौट आए। इस दौरान जयशंकर की पाक नेताओं से द्विपक्षीय वार्ता नहीं हुई लेकिन पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ और दूसरे नेताओं से उनकी अनौपचारिक बातचीत जरूर हुई। जयशंकर ने इस्लामाबाद से दिल्ली लौटते हुए मेहमाननवाजी के लिए शहबाज शरीफ और पाक सरकार का शुक्रिया भी अदा किया।

विदेश मंत्री एस जयशंकर के पाकिस्तान दौरे की खूब चर्चा है।पाकिस्तान के मीडिया में जयंशकर को लेकर काफी कुछ कहा जा रहा है। पाकिस्तान के अखबार द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने एस जयशंकर और शहबाज शरीफ की मुलाकात पर प्रकाशित अपनी खबर को शीर्षक दिया है- एक दशक की चुप्पी के बाद, एससीओ शिखर सम्मेलन में पाकिस्तान और भारत ने 20 सेकंड का संक्षिप्त मुलाकात की है।अखबार ने डिनर से पहले दोनों नेताओं के हाथ मिलाने के संदर्भ में लिखा, 'दोनों नेताओं ने 20 सेकंड से भी कम समय तक चली संक्षिप्त मुलाकात में हाथ मिलाया और एक-दूसरे का अभिवादन किया।'

पाकिस्तान ने न्यूज नेटवर्क जिओ टीवी ने अपनी जयशंकर के पाकिस्तान दौरे को दुर्लभ दौरा बताया है। जिओ टीवी ने लिखा है, 'जयशंकर मंगलवार दोपहर इस्लामाबाद के नजदीक एक एयरबेस पर पहुंचे, जहां उनका स्वागत एक निम्न स्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने किया, जबकि बाकी नेताओं का स्वागत वरिष्ठ मंत्रियों ने किया था। उनके आने के कुछ घंटे बाद उनका स्वागत पीएम शहबाज शरीफ ने किया जिस दौरान दोनों नेताओं ने हाथ मिलाए। इस दौरान दोनों के चेहरों पर गंभीर भाव थे।

जिओ न्यूज ने शिखर सम्मेलन में भारत की भागीदारी पर पूर्व राजदूत मलीहा लोधी के हवाले से लिखा, 'मेरा मानना है कि भारतीय विदेश मंत्री के बहुपक्षीय दौरे से भारत और पाकिस्तान के बीच बर्फ नहीं पिघलेगी। हमारा गतिरोध बहुत गहरा है और इस तरह की बैठक से स्थिति में कोई सुधार नहीं हो सकता। 

बता दें कि विदेश मंत्री जयशंकर 8 साल 10 महीने बाद पाकिस्तान जाने वाले भारत के पहले नेता हैं। इसलिए भी ये दौरा खास है। उनसे पहले 25 दिसंबर 2015 को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पाकिस्तान के दौरे पर गए थे। तब मोदी एक सरप्राइज विजिट पर लाहौर पहुंचे थे। उन्होंने पाकिस्तान के पीएम नवाज शरीफ से मुलाकात की थी। उनके इस दौरे के बाद से भारत के किसी भी प्रधानमंत्री या मंत्री ने पाकिस्तान की यात्रा नहीं की है।

मोदी के दौरे के एक साल बाद ही 2016 में 4 आतंकी उरी में भारतीय सेना के ब्रिगेड हेडक्वार्टर में घुस गए थे। इस हमले में भारतीय सेना के 19 जवान शहीद हो गए थे। तब से दोनों देशों के रिश्तों में तनाव बढ़ गया था। 2019 में जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटने के बाद दोनों देशों के बीच रिश्ते और खराब हो गए। हालांकि इन सब के बावजूद पिछले साल गोवा में एससीओ देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने के लिए पाकिस्तान के तत्कालीन विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो भारत आए थे।

भारत के भगोड़े पर भड़के पाकिस्तानी, जमकर सुनाई खरी-खोटी

#pakistani_people_slams_zakir_naik

इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक इन दिनों पाकिस्तान में है। पहले तो पाकिस्तानियों ने इस कट्टरपंथी उपदेशक को सिर आंखों पर बैठाया और अब जमकर उसे खरी-खोटी सुना रहे हैं। दरअसल, इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक अक्सर अपने बयानों की वजह से विवादों में घिरा रहता हैं। अब पाकिस्तान में अपने हालिया बयानों के कारण आलोचना का सामना कर रहा है।खासकर उनके द्वारा महिलाओं पर दिए गए बयान पाकिस्तानी महिलाओं में गुस्सा भड़का है।नाइक के विवादास्पद बयानों की वजह उसके कुछ कट्टर अनुयायियों भी यह कहने लगे हैं कि इस्लामाबाद ने उसे देश में आमंत्रित करके 'बड़ी गलती' की है, वह भी एक 'राज्य अतिथि' के रूप में।

जाकिर नाइक के अलग-अलग शहरों में दिए जा रहे बयान उसकी आलोचना की वजह बन रहे हैं। खासतौर से महिलाओं पर जाकिर के बयान पाकिस्तान की औरतों को भड़का रहे हैं। जाकिर का एक और बयान अब पाकिस्तान में विवाद की वजह बन गया है, जिसमें उन्होंने गैरशादीशुदा लड़कियों को बाजारू कह दिया।

जाकिर नाइक से एक कार्यक्रम में दसवीं क्लास की बच्ची ने पूछा था कि इस्लाम मर्दों को चार शादी की इजाजत क्यों देता है। इस पर जाकिर ने कहा कि ये महिलाओं की हिफाजत के लिए है क्योंकि कुंवारी लड़कियों को लोग गलत निगाह से देखते हैं। जाकिर ने कह दिया किया कि बिना मर्द के बाहर घूमने वाली औरतों को पब्लिक प्रोपर्टी या बाजारू औरत की तरह देखा जाता है। जाकिर के इस बयान पर यूट्यूबर निमरा अहमद ने पाकिस्तान के आम लोगों से बात की है।

जाकिर नाइक के बयान पर पाकिस्तान की लड़कियों ने यूट्यूबर निमरा अहमद के साथ बातचीत के दौरान अपनी नाराजगी जाहिर की। एक लड़की ने कहा कि दसवीं की बच्ची के सवाल का जिस तरह से जवाब दिया गया, वह बेहद गलत था। उन्होंने यह भी कहा कि जाकिर नाइक को समझ नहीं है कि बच्चों से कैसे बात की जाए और उन्हें कैसे समझाया जाए। एक और लड़की ने कहा कि जाकिर नाइक का लड़कियां पब्लिक प्रॉपर्टी से जुड़ा बयान बहुत ही शर्मनाक है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि जाकिर को कम से कम अपने घर की लड़कियों, बहनों और बेटियों के बारे में सोचना चाहिए और इस तरह की बातें करने से पहले समझना चाहिए कि वह किसी और की बेटी के बारे में क्या कह रहे हैं।

इससे पहले कराची में अपने एक लेक्चर के दौरान नाइक ने कहा, मैं पाकिस्तान आ रहा था, हमारा सामान 1000 किलोग्राम था। मैंने पीआईए के सीईओ से बात की. स्टेशन मैनेजर ने मुझसे कहा कि वह मेरे लिए कुछ भी करने को तैयार है। मैंने जवाब दिया, मेरे पास 500 से 600 किलोग्राम अतिरिक्त सामान है। उन्होंने मुझे 50 प्रतिशत छूट की पेशकश की। मैंने उनसे साफ कह दिया कि या तो सामान मुफ्त में जाने दें या रहने दें।

नाइक आगे कहा, भारत में मुझे मुफ्त में छोड़ दिया जाता है। वे मुझे देखते ही 1000-2000 किलो के लिए भी छूट दे देते हैं और यहां, पाकिस्तान में, मैं सरकार का मेहमान हूं, मेरे वीजा पर 'राज्य अतिथि' की मुहर लगी है लेकिन सीईओ मुझे 50 प्रतिशत की छूट दे रहे हैं।मुझे बुरा लग रहा है लेकिन यह सच है, पाकिस्तान में यही स्थिति है।

नाइक की यह टिप्पणी पाकिस्तानियों को पसंद नहीं आई और उन्होंने सोशल मीडिया पर इसकी जमकर आलोचना की।एक पाकिस्तानी कंटेंट क्रिएटर, साद कैसर, ने एक्स पर लिखा, 'जिसने भी जाकिर नाइक को आमंत्रित किया है, वह कृपया इसे दोबारा न बुलाएं!

उबर ड्राइवर ने पाकिस्तानी पैसेंजर को कैब से किया बाहर, भारत विरोधी टिप्पणी करने पर भड़का गुस्सा

#uber_driver_kicks_pakistani_passengers_off_car_over_anti_india_comments

भारत में मेहमान को भगवान माना जाता है, लेकिन यही मेहमान अपने देश को गाली देने लगे तो गुस्सा जाहिर है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है देश की राजधानी दिल्ली से।

एक वीडियो इंटरनेट पर छाया हुआ है, जिसमें एक पाकिस्तानी कपल को कैब से धक्के मारकर कैब से उतार दिया है। दिल्ली में एक कैब ड्राइवर ने कथित तौर पर भारत की बुराई को लेकर एक पाकिस्तानी नागरिक और उसकी गर्लफ्रेंड को आधी रात बीच सड़क पर उतार दिया।

यह घटना कथित तौर पर 9 अगस्त की आधी रात को हुई थी। घटना का एक वीडियो, जिसे यात्रियों में से एक ने रिकॉर्ड किया था, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो गया है।

वायरल हो रहे वीडियो में ड्राइवर को कैब में बैठे पाकिस्तानी शख्स और उसकी गर्लफ्रेंड से यह कहते हुए सुना जा सकता है कि वो दिल्ली वालों के बारे में कुछ भी बुरा सुनना बर्दाश्त नहीं करेगा। वहीं मोबाइल पर वीडियो रिकॉर्ड करते हुए लड़की कहती है कि उसने (पाकिस्तानी) ऐसा कुछ भी नहीं कहा।

उसने बस इतना कहा कि दिल्ली वाले मतलबपरस्त होते हैं। इसके बाद लड़की कहती है, अगर मुंबई वाले ऐसा कह दें तो वो चल जाएगा, लेकिन पाकिस्तानी कहे तो, फिर कैब ड्राइवर पर भड़कते हुए कहती है कि उसे न बताए कि वो ब्राह्मण है कि क्या है।

वीडियो में देखा जा सकता है कि ड्राइवर कपल को दोबारा समझाने की कोशिश करता है, लेकिन बात बढ़ जाती है और फिर ड्राइवर दोनों को अपनी कार से उतारकर वहां से जाने लगता है। इस दौरान लड़की गुस्से से चीखती है- देख लो ये मोदीजी का भारत है। रात के साढ़े 12 बजे ये हमें सड़क पर उतार रहा है। इस पर ड्राइवर भी उन्हें अपशब्द बोलता है।

वीडियो माइक्रो ब्लॉगिंग साइट एक्स पर Algebra ने शेयर किया। जिसको लाखों व्यूज मिल चुके हैं। वहीं, हजारों में लाइक्स हैं और खबर लिखे जाने तक 11 हजार रीपोस्ट किए जा चुके हैं।

उबर ड्राइवर ने पाकिस्तानी पैसेंजर को कैब से किया बाहर, भारत विरोधी टिप्पणी करने पर भड़का गुस्सा

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भारत में मेहमान को भगवान माना जाता है, लेकिन यही मेहमान अपने देश को गाली देने लगे तो गुस्सा जाहिर है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है देश की राजधानी दिल्ली से। एक वीडियो इंटरनेट पर छाया हुआ है, जिसमें एक पाकिस्तानी कपल को कैब से धक्के मारकर कैब से उतार दिया है। दिल्ली में एक कैब ड्राइवर ने कथित तौर पर भारत की बुराई को लेकर एक पाकिस्तानी नागरिक और उसकी गर्लफ्रेंड को आधी रात बीच सड़क पर उतार दिया।

यह घटना कथित तौर पर 9 अगस्त की आधी रात को हुई थी। घटना का एक वीडियो, जिसे यात्रियों में से एक ने रिकॉर्ड किया था, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो गया है। वायरल हो रहे वीडियो में ड्राइवर को कैब में बैठे पाकिस्तानी शख्स और उसकी गर्लफ्रेंड से यह कहते हुए सुना जा सकता है कि वो दिल्ली वालों के बारे में कुछ भी बुरा सुनना बर्दाश्त नहीं करेगा। वहीं मोबाइल पर वीडियो रिकॉर्ड करते हुए लड़की कहती है कि उसने (पाकिस्तानी) ऐसा कुछ भी नहीं कहा। उसने बस इतना कहा कि दिल्ली वाले मतलबपरस्त होते हैं। इसके बाद लड़की कहती है, अगर मुंबई वाले ऐसा कह दें तो वो चल जाएगा, लेकिन पाकिस्तानी कहे तो, फिर कैब ड्राइवर पर भड़कते हुए कहती है कि उसे न बताए कि वो ब्राह्मण है कि क्या है।

वीडियो में देखा जा सकता है कि ड्राइवर कपल को दोबारा समझाने की कोशिश करता है, लेकिन बात बढ़ जाती है और फिर ड्राइवर दोनों को अपनी कार से उतारकर वहां से जाने लगता है। इस दौरान लड़की गुस्से से चीखती है- देख लो ये मोदीजी का भारत है। रात के साढ़े 12 बजे ये हमें सड़क पर उतार रहा है। इस पर ड्राइवर भी उन्हें अपशब्द बोलता है।

वीडियो माइक्रो ब्लॉगिंग साइट एक्स पर Algebra ने शेयर किया। जिसको लाखों व्यूज मिल चुके हैं। वहीं, हजारों में लाइक्स हैं और खबर लिखे जाने तक 11 हजार रीपोस्ट किए जा चुके हैं।

उबर ड्राइवर ने पाकिस्तानी पैसेंजर को कैब से किया बाहर, भारत विरोधी टिप्पणी करने पर भड़का गुस्सा

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भारत में मेहमान को भगवान माना जाता है, लेकिन यही मेहमान अपने देश को गाली देने लगे तो गुस्सा जाहिर है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है देश की राजधानी दिल्ली से। एक वीडियो इंटरनेट पर छाया हुआ है, जिसमें एक पाकिस्तानी कपल को कैब से धक्के मारकर कैब से उतार दिया है। दिल्ली में एक कैब ड्राइवर ने कथित तौर पर भारत की बुराई को लेकर एक पाकिस्तानी नागरिक और उसकी गर्लफ्रेंड को आधी रात बीच सड़क पर उतार दिया।

यह घटना कथित तौर पर 9 अगस्त की आधी रात को हुई थी। घटना का एक वीडियो, जिसे यात्रियों में से एक ने रिकॉर्ड किया था, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो गया है। वायरल हो रहे वीडियो में ड्राइवर को कैब में बैठे पाकिस्तानी शख्स और उसकी गर्लफ्रेंड से यह कहते हुए सुना जा सकता है कि वो दिल्ली वालों के बारे में कुछ भी बुरा सुनना बर्दाश्त नहीं करेगा। वहीं मोबाइल पर वीडियो रिकॉर्ड करते हुए लड़की कहती है कि उसने (पाकिस्तानी) ऐसा कुछ भी नहीं कहा। उसने बस इतना कहा कि दिल्ली वाले मतलबपरस्त होते हैं। इसके बाद लड़की कहती है, अगर मुंबई वाले ऐसा कह दें तो वो चल जाएगा, लेकिन पाकिस्तानी कहे तो, फिर कैब ड्राइवर पर भड़कते हुए कहती है कि उसे न बताए कि वो ब्राह्मण है कि क्या है।

वीडियो में देखा जा सकता है कि ड्राइवर कपल को दोबारा समझाने की कोशिश करता है, लेकिन बात बढ़ जाती है और फिर ड्राइवर दोनों को अपनी कार से उतारकर वहां से जाने लगता है। इस दौरान लड़की गुस्से से चीखती है- देख लो ये मोदीजी का भारत है। रात के साढ़े 12 बजे ये हमें सड़क पर उतार रहा है। इस पर ड्राइवर भी उन्हें अपशब्द बोलता है।

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