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पीएम मोदी से मिलने पहली बार पीएम आवास पहुंचे थे संघ प्रमुख, क्यों खास है ये मुलाकात?

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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव की स्थिति बनी हुई है। इस हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कड़े फैसले लिए। वहीं लगातार हाई लेवल बैठकों का दौर जारी है। मंगलवार को पीएम मोदी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, एनएसए अजीत डोभाल और तीनों सेना प्रमुखों के साथ एक हाई लेवल बैठक की। इस बैठक के बाद आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत पीएम मोदी से मिलने उनके आवास पहुंचे।

क्या महज शिष्टाचार भेंट थी?

ये बैठक इसलिए भी अहम माना जी रही है क्योंकि 2014 में बीजेपी की सरकार बनने के बाद यह पहला मौका था, जा संघ प्रमुख पीएम के सरकारी आवास पहुंचे थे। यह मुलाकात करीब एक घंटे तक चली और इसे बेहद असामान्य माना जा रहा है, क्योंकि आरएसएस प्रमुख शायद ही कभी राजनीतिक नेताओं से उनके आवास पर मिलने जाते हैं। ऐसे में सवाल है कि क्या मोहन भागवत की पीएम मोदी से यह मुलाकात महज शिष्टाचार भेंट थी?

हिंदू समुदाय में बढ़ते गुस्से के बीच मुलाकात

यह मुलाकात पहलगाम में हुए आतंकी हमले के तुरंत बाद हुई है, जहां निहत्थे नागरिकों और पर्यटकों को निशाना बनाकर मार डाला गया था। उस आतंकी घटना से देश भर में गुस्सा है। मुलाकात से जुड़े सूत्रों के अनुसार, मोहन भागवत ने इस घटना पर संघ परिवार की गहरी पीड़ा और हिंदू समुदाय में बढ़ते गुस्से और असुरक्षा की भावना से अवगत कराया। उन्होंने आतंकी हमले का जवाब देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी और सरकार के प्रयासों के प्रति संघ का समर्थन भी दिया।

‘जनता की भावनाओं को जिम्मेदारी से संभाला जाए’

एक वरिष्ठ आरएसएस कार्यकर्ता ने नाम ना बताने की शर्त पर बताया, जमीन पर माहौल बहुत तनावपूर्ण है। हिंदू समुदाय दुखी और गुस्से में है। संघ का मानना है कि इस समय सरकार के साथ खड़ा होना जरूरी है, लेकिन यह भी सुनिश्चित करना होगा कि जनता की भावनाओं को समझा जाए और उसे जिम्मेदारी के साथ संभाला जाए। यह एक आपातकालीन स्थिति है, और इसलिए भागवत जी ने स्वयं प्रधानमंत्री से मुलाकात की।

बिना रजिस्ट्रेशन कुकुरमुत्ता की तरह झोलाछाप डॉक्टर के चल रहा क्लीनिक, डॉक्टर गिरजेश पांडे पर गंभीर आरोप

बलरामपुर।ग्राम हरैय्या चंदरसी में मानकों की उड़ रही धज्जियाँ, मरीजों की जान से हो रहा खिलवाड़

नारकोटिक दवाओं की अवैध बिक्री का अड्डा बनता जा रहा है पचपेड़वा का यह क्लीनिक

बलरामपुर जनपद के विकासखंड पचपेड़वा के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत हरैय्या चंदरसी में स्थित एक क्लीनिक इन दिनों चर्चाओं में है। जानकारी के अनुसार, इस क्लीनिक को डॉक्टर गिरिजेश पांडे द्वारा संचालित किया जा रहा है, लेकिन न तो इसका कोई विधिवत रजिस्ट्रेशन है और न ही चिकित्सा मानकों का पालन किया जा रहा है।

स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि यहां मरीजों का इलाज मनमाने तरीके से किया जा रहा है, जिससे उनकी जान को खतरा हो सकता है।

सबसे गंभीर बात यह है कि इस क्लीनिक में नारकोटिक (मादक) दवाओं की भी अवैध बिक्री की जा रही है। इन दवाओं का उपयोग नशे के रूप में भी किया जा सकता है, जिससे युवाओं में इसकी लत लगने का खतरा बढ़ गया है। ग्रामीणों ने बताया कि डॉक्टर पांडे के पास न तो फार्मेसी लाइसेंस है और न ही नारकोटिक दवाओं के स्टॉक की कोई वैध अनुमति।

स्थानीय प्रशासन की लापरवाही के चलते यह क्लीनिक अब तक बेधड़क संचालित हो रहा है। ग्रामीणों ने स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन से इस क्लीनिक की तत्काल जांच कर आवश्यक कार्रवाई की मांग की है। यदि समय रहते इस पर रोक नहीं लगाई गई तो यह लोगों की जान पर भारी पड़ सकता है और समाज में नशाखोरी की समस्या को और बढ़ा सकता है।

प्रशासन को चाहिए कि तुरंत संज्ञान लेकर जांच शुरू करे और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।

पहलगाम अटैक पर लिखा Thank You Pakistan, मोहम्मद नौशाद गिरफ्तार; MLA बोले- ऐसे आस्तीन के सांप को

पहलगाम अटैक में 28 लोगों की मौत हो गई. इसे लेकर जहां पूरे देश में शोक व्याप्त है. वहीं, झारखंड के बोकारो निवासी मोहम्मद नौशाद ने इस पर खुशी जाहिर की थी. उसने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट डाला, जिसमें पाकिस्तान और लश्कर-ए-तैयबा को हमले के लिए धन्यवाद दिया. पुलिस ने अब मोहम्मद नौशाद को गिरफ्तार कर लिया है.

आरोपी बालीडीह के मिल्लत नगर का रहने वाला है. थाना प्रभारी नवीन कुमार ने उसकी गिरफ्तारी की पुष्टि की है. उन्होंने कहा- हमें मोहम्मद नौशाद के खिलाफ शिकायत मिली थी. उसे गिरफ्तार कर लिया गया है. मामले में आगामी कार्रवाई जारी है.

दरअसल कश्मीर के पहलगाम शहर के पास स्थित पर्यटन स्थल बैसरन घाटी में मंगलवार को हमला हुआ था. इसमें 28 लोगों की मौत हो गई. कई अन्य घायल भी हुए. जानकारी के मुताबिक, गिरफ्तार मोहम्मद नौशाद के पिता का नाम मोहम्मद मुस्ताक है और वह मिल्लत नगर का रहने वाला है. फिलहाल बोकारो पुलिस गिरफ्तार मोहम्मद नौशाद से पूछताछ कर रही है.

थाना प्रभारी नवीन कुमार ने कहा- पुलिस मोहम्मद नौशाद के सोशल मीडिया के अकाउंट खंगाल रही है. वहीं, उसके बारे में पूरी जानकारी निकाली जा रही है.

‘स्लीपर सेल की तरह करते हैं काम’

मोहमद नौशाद के गिरफ्तार होने पर भाजपा के वरिष्ठ विधायक सीपी सिंह ने कहा- मैंने तो कल रात में ही सोशल मीडिया पर इसे लेकर लिखा था. और बोकारो के एसपी से बात की थी.आज उसकी गिरफ्तारी हुई है. मुझे खुशी हुई कि उसे गिरफ्तार कर लिया गया है. विधायक सीपी सिंह ने कहा कि ऐसे आस्तीन के सांप के फन को कूचना और कठोर कार्रवाई करना ही राष्ट्रहित में सही है. देश में बहुत से ऐसे लोग हैं जो स्लीपर सेल की तरह काम कर रहे हैं जो देश के लिए खतरा हैं. ऐसे लोगों को पनाह देने वालों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए.

ऐसा क्या लिखा था पोस्ट पर?

बालीडीह के रहने वाले मोहमद नौशाद ने जम्मू कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुए आतंकी हमले के बाद जश्न मानते हुए सोशल मीडिया पर लिखा था- थैंक्यू पाकिस्तान, थैंक्यू लश्कर-ए-तैयबा. अल्लाह आपकी लंबी उम्र करे. आमीन, आमीन. हमें ज्यादा खुशी तब होगी जब आप बीजेपी, आरएसएस, बजरंग दल और मीडिया को निशाना बनाओ. अब RSS, BJP और बजरंग दल कहां गए, जाओ सरहद पर जाकर उछल और कूदकर दिखाओ

दरोगा विद्यासागर के अपराध,काली कमाई ने बेटे को बना दिया अपराधी

जौनपुर। बहुत पुरानी कहावत है "कि बाप का खाया बेटा भरता हैं" लेकिन यह कहावत बिल्कुल फिट बैठ रही हैं. थानागद्दी चौकी पर तैनात प्रमोटी दारोगा विद्यासागर सिंह के बेटे आदित्य सागर के खिलाफ पड़ोसी वाराणसी जिले के चोलापुर थाने में गंभीर धाराओं में आरोपी बनाया हैं।

जानकारी के मुताबिक विद्यासागर सिंह सिपाही से प्रोन्नत होकर दरोगा बने। अल्प समय के लिए दरोगा की कुर्सी व कंधे पर सितारे लगते ही शरीर में ऐंठन होने लगी। फिर खाकी में अपराध व अवैध कामों को संरक्षण देकर के धन बटोरने में जुट गया। विभागीय लोग बताते हैं कि विद्यासागर के बेटे बेरोजगार हैं। जिससे विद्यासागर को हरवक्त बेटे को सजोने संवारने में जुट रहता हैं। जिसके लिए हरसंभव प्रयास करके अपराध में धंसता गया। खुद का सिंडिकेट तैयार लिया। जिसमें कुछ तथाकथित पत्रकारों को भी शामिल किया। जिससे किसी भी घटना को दबाते हुए,वसूली को प्रायोजित तरीके से कराई जा सके।

विद्यासागर ने अपराध से अर्जित काली कमाई से एक कृषि कार्य में रजिस्टर्ड ट्रैक्टर UP62AS9996 लिया। जिससे कमर्शियल उपयोग में लेने लगा। ट्रैक्टर को अपराधिक सिंडिकेट के इशारे पर अवैध कामों में धकेल दिया। अवैध व अपराध से अर्जित राशि ने ज्यादा दिन तक विद्यासागर का साथ नहीं दिया। कुछ माह बाद चोलापुर पुलिस ने हिट एंड रन का मामला आदित्य सागर के खिलाफ दर्ज करते हुए,चार्जशीट न्यायालय में भेज दिया।

कप्तान ने कतरे पर,भेजा खेतासराय

अपराध में धंसते जा रहे विद्यासागर को स्थानीय अधिकारियों का प्रश्रय था. जिससे विद्यासागर आराम से अपने कामों को अंजाम दे रहा था। लगातार शिकायतों को देखते हुए,कप्तान ने विद्यासागर का ट्रांसफर खेतासराय कर दिया। ट्रांसफर की बात सुनकर विद्यासागर के होश उड़ गए। अपराधिक सिंडिकेट के साथ विद्यासागर ने कई चौखटों पर माथा टेकते हुए,ट्रांसफर रुकवाने की गुहार की। लेकिन किसी ने नहीं सुनी। चूंकि खेतासराय में अवैध कमाई बंद हो चुकी हैं। सिंडिकेट भी बिखर चुका हैं। विभाग के अनुसार विद्यासागर केराकत थाना क्षेत्र के सरकी चौकी पर आने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा हैं। जिससे सिंडिकेट व अपराधिक गतिविधि से काली कमाई की जा सके।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने फीता काटकर दस्तक अभियान का किया शुभारंभ

मुसलमानों के लिए भी खुले आरएसएस के दरवाजे, संघ प्रमुख भागवत ने शाखा में शामिल होने के लिए रखी शर्त

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने 4 दिवसीय दौरे वाराणसी पर हैं। इस दौरान उन्होंने कई कार्यक्रमों में हिस्सा लिया और उन्हें संबोधित किया। इस दौरान संघ प्रमुख का दिया एक बयान काफी चर्चा में है। मोहन भागवत ने मुसलमानों के शाखा में शामिल होने को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि कोई भी मुसलमान शाखा में शामिल हो सकता है बशर्ते वो भारत माता की जय के नारे लगाए और भगवा झंडा की इज्जत करे।

वाराणसी में मोहन भागवत लाजपत नगर कॉलोनी में आरएसएस की एक शाखा पर पहुंचे थे। सत्र के दौरान, एक स्वयंसेवक ने जब संघ प्रमुख से पूछा कि क्या वह अपने पड़ोसियों, जो मुस्लिम हैं, उनको शाखा में आमंत्रित कर सकता है और ला सकता है।

सभी पंथ, समुदाय और जाति के लोगों का संघ में स्वागत-भागवत

स्वयंसेवक के सवाल के जवाब में संघ प्रमुख ने कहा कि भारत माता की जय बोलने वाले और भगवा ध्वज का सम्मान करने वाले सभी लोगों के लिए शाखाओं के दरवाजे खुले हैं। संघ की विचारधारा में पूजा पद्धति के आधार पर कोई भेदभाव नहीं है। उन्होंने कहा कि खुद को औरंगजेब का वंशज मानने वालों को छोड़कर सभी भारतीयों का संघ की शाखाओं में स्वागत है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत के सभी पंथ, समुदाय और जातियों के लोगों का संघ की शाखाओं में स्वागत है।

हिंदू समाज में भारत में रहने वाला हर व्यक्ति शामिल-भागवत

इससे पहले मोहन भागवत ने शनिवार को आईआईटी बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कहा, समाज में मेलजोल और बराबरी होनी चाहिए। जाति या धर्म के आधार पर किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए। मंदिर, पानी और दूसरी जरूरी चीजें सभी को बराबर मिलनी चाहिए। हिंदू समाज में भारत में रहने वाला हर व्यक्ति शामिल है, चाहे वह मुस्लिम हो या हिंदू, क्योंकि वे सभी भारत का हिस्सा हैं। इसका मतलब है कि हमें सभी को साथ लेकर चलना है।

आरएसएस नेता जोशी ने औरंगजेब विवाद को बताया अनावश्यक, बोले- जिसकी जहां आस्था, वहीं जाएगा

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मुगल बादशाह औरंगजेब की कब्र को हटाने की कुछ दक्षिणपंथी संगठनों की मांग के बीच, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के वरिष्ठ नेता सुरेश 'भैयाजी' जोशी ने सोमवार को कहा कि इस विषय को अनावश्यक रूप से उठाया गया है। नागपुर में एक कार्यक्रम के दौरान संवाददाताओं से बात करते हुए उन्होंने कहा कि जो भी व्यक्ति आस्था रखता है, वह महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर में स्थित इस ढांचे के दर्शन करेगा। बता दें कि पिछले कुछ दिनों में औरंगजेब को लेकर काफी विवाद देखने को मिला है। नागपुर में मुगल शासक औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग को लेकर हिंसा भी देखने को मिली।

महाराष्ट्र के औरंगजेब की कब्र को लेकर छिड़े विवाद को आरएसएस के वरिष्ठ नेता ने अनावश्यक बताया है।भैयाजी जोशी ने कहा कि औरंगजेब की कब्र का विषय अनावश्यक रूप से उठाया गया है। उनकी मृत्यु भारत में हुई थी, इसलिए उनकी कब्र यहीं बनाई गई है। हमारे पास छत्रपति शिवाजी महाराज का आदर्श (रोल मॉडल) है, उन्होंने अफजल खान की कब्र बनवाई थी। यह भारत की उदारता और समावेशिता का प्रतीक है। कब्र बनी रहेगी, जो भी जाना चाहेगा, जाएगा।

इससे पहले महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे ने रविवार को औरंगजेब की कब्र को लेकर सांप्रदायिक तनाव भड़काने के प्रयासों की निंदा की और कहा कि इतिहास को जाति और धर्म के चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए।उन्होंने लोगों से ऐतिहासिक जानकारी के लिए व्हाट्सएप फॉरवर्ड पर निर्भर न रहने को भी कहा। ठाकरे ने यह भी कहा कि मुगल शासक शिवाजी नामक विचार को मारना चाहते थे लेकिन असफल रहे और महाराष्ट्र में उनकी मृत्यु हो गई। मनसे प्रमुख ने कहा कि बीजापुर के सेनापति अफजल खान को प्रतापगढ़ किले के पास दफनाया गया था और छत्रपति शिवाजी महाराज की अनुमति के बिना ऐसा नहीं किया जा सकता था।

‘जहां सेवा वहां स्वयंसेवक’, पीएम मोदी ने जमकर की आरएसएस की तारीफ, बताया-अमर संस्कृति का वट वृक्ष

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प्रधानमंत्री मोदी रविवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) मुख्यालय केशव कुंज पहुंचे। उन्होंने संघ के संस्थापक केशव बलिराम हेडगेवार और दूसरे सरसंघचालक माधव सदाशिव गोलवलकर (गुरुजी) के स्मारक स्मृति मंदिर पहुंचकर श्रद्धांजलि दी। बतौर प्रधानमंत्री मोदी की यह संघ मुख्यालय का पहला दौरा था। यहां प्रधानमंत्री ने संघ के माधव नेत्रालय के एक्सटेंशन बिल्डिंग की आधारशिला रखी। इस दौरान उन्होंने संघ की जमकर तारीफ की। उन्होंने आरएसएस क भारत की अमर संस्कृति का आधुनिक अक्षय वट बताया। साथ ही उन्होंने कहा कि जहां सेवा है वहां स्वयंसेवक है।

प्रधानमंत्री मोदी अपनी स्पीच में देश के इतिहास, भक्ति आंदोलन, इसमें संतों की भूमिका, संघ की नि:स्वार्थ कार्य प्रणाली, देश के विकास, युवाओं में धर्म-संस्कृति, स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार, शिक्षा, भाषा और प्रयागराज महाकुंभ की चर्चा की। कहा कि भारत के इतिहास में नजर डालें तो इसमें कई आक्रमण हुए। इतने आक्रमणों के बावजूद भी भारत की चेतना कभी समाप्त नहीं हुई, उसकी लौ जलती रही। कठिन से कठिन दौर में भी इस चेतना को जाग्रत रखने के लिए नए सामाजिक आंदोलन होते रहे। भक्ति आंदोलन इसका एक उत्कृष्ट उदाहरण है।

मध्यकाल के उस कठिन कालखंड में हमारे संतों ने भक्ति के विचारों से राष्ट्रीय चेतना को नई ऊर्जा दी। गुरु नानक देव, कबीरदास, तुलसीदास, सूरदास, संत तुकाराम, संत रामदेव, संत ज्ञानेश्वर जैसे महान संतों ने अपने मौलिक विचारों से समाज में प्राण फूंके। उन्होंने भेदभाव के बंधनों को तोड़कर समाज को एकता के सूत्र में बांधा।

बांधे संघ की तारीफों के पुल

स्वामी विवेकानंद से लेकर डॉक्टर साहब तक, किसी ने भी राष्ट्रीय चेतना को बुझने नहीं दिया। राष्ट्रीय चेतना के जिस विचार का बीज 100 वर्ष पहले बोया गया था, वह आज एक महान वटवृक्ष के रूप में खड़ा है। सिद्धांत और आदर्श इस वटवृक्ष को ऊंचाई देते हैं, जबकि लाखों-करोड़ों स्वयंसेवक इसकी टहनियों के रूप में कार्य कर रहे हैं। संघ भारत की अमर संस्कृति का आधुनिक अक्षय वट है, जो निरंतर भारतीय संस्कृति और राष्ट्रीय चेतना को ऊर्जा प्रदान कर रहा है।

स्वयंसेवकों के नि:स्वार्थ सेवा भाव की सराहना

पीएम मोदी ने कहा कि हमारा शरीर परोपकार और सेवा के लिए ही है। जब सेवा संस्कार बन जाती है, तो साधना बन जाती है। यही साधना हर स्वयंसेवक की प्राणवायु होती है। यह सेवा संस्कार, यह साधना, यह प्राणवायु, पीढ़ी दर पीढ़ी हर स्वयंसेवक को तप और तपस्या के लिए प्रेरित करती है। उसे न थकने देती है और न ही रुकने देती है। हम देव से देश और राम से राग के जीवन मंत्र लेकर चले हैं। अपना कर्तव्य निभाते चलते हैं। इसलिए बड़ा छोटा कैसा भी काम हो, कोई भी क्षेत्र हो, संघ के स्वयंसेवक नि:स्वार्थ भाव से काम करते हैं।

भारत की सबसे बड़ी पूंजी हमारा युवा-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि भारत की सबसे बड़ी पूंजी हमारा युवा है। देश का युवा आत्मविश्वास से भरा हुआ है। उसकी रिस्क-टेकिंग कैपेसिटी पहले से कई गुना बढ़ चुकी है। वह इनोवेशन कर रहा है, स्टार्टअप की दुनिया में परचम लहरा रहा है। अपनी विरासत और संस्कृति पर गर्व करते हुए आगे बढ़ रहा है।

महाकुंभ में हमने देखा कि लाखों-करोड़ों की संख्या में युवा पीढ़ी पहुंची और सनातन परंपरा से जुड़कर गौरव से भर उठी। भारत का युवा आज देश की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए काम कर रहा है। यही युवा 2047 के विकसित भारत की ध्वजा थामे हुए हैं। मुझे भरोसा है कि संगठन, समर्पण और सेवा की त्रिवेणी विकसित भारत की यात्रा को ऊर्जा और दिशा देती रहेगी।

भारत अब मदद करने का केंद्र है-पीएम मोदी

प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि 'वसुधैव कुटुंबकम' का मंत्र आज विश्व के कोने-कोने में गूंज रहा है। जब कोविड जैसी महामारी आती है, तो भारत विश्व को परिवार मानकर वैक्सीन उपलब्ध कराता है। दुनिया में कहीं भी प्राकृतिक आपदा हो, भारत पूरे मनोयोग से सेवा के लिए खड़ा होता है। म्यांमार में इतना बड़ा भूकंप आया है, भारत ऑपरेशन ब्रह्मा के साथ वहां के लोगों की मदद के लिए सबसे पहले पहुंच गया है। जब तुर्किए में भूकंप आया, जब नेपाल में भूकंप आया, जब मॉलदीव्स में पानी का संकट आया, भारत ने मदद करने में घड़ी भर की भी देर नहीं लगाई। युद्ध जैसे हालातों में हम दूसरे देशों के नागरिकों को भी सुरक्षित निकालकर लाते हैं। दुनिया देख रही है भारत आज जब प्रगति कर रहा है, तो पूरे ग्लोबल साउथ की आवाज़ भी बन रहा है। विश्व-बंधु की ये भावना... हमारे ही संस्कारों का विस्तार है।

नागपुर में संघ मुख्यालय पहुंचे पीएम मोदी, आरएसएस के संस्थापक डॉ. हेडगेवार को दी श्रद्धांजलि

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज महाराष्ट्र के दौरे पर हैं। एक दिन के दौरे पर पीएम मोदी नागपुर एयरपोर्ट पर उतरें। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने नागपुर एयरपोर्ट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत किया। पीएम मोदी आज कई कार्यक्रमों में शामिल होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नागपुर गुढीपाड़वा के मौके पर पहुंचे हैं। गुढीपाड़वा से ही हिंदू नववर्ष की शुरुआत होती है। इसके बाद वह छत्तीसगढ़ के लिए रवाना होंगे।

नागपुर एयरपोर्ट से पीएम मोदी सीधे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के रेशम बाग स्थित मुख्यालय पहुंचे। यहां पीएम मोदी ने संघ के संस्थापक डॉ. हेडगेवार की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए। हेडगेवार के साथ-साथ पीएम मोदी ने माधव सदाशिव गोलवलकर को भी श्रद्धा सुमन अर्पित की। इस मौके पर संघ प्रमुख मोहन भागवत में भी मौजूद रहे।

प्रधानमंत्री के तौर पर नरेंद्र मोदी पहली बार आरएसएस के मुख्यालय पहुंचे हैं। अटल बिहारी वाजपेयी भी प्रधानमंत्री रहते हुए संघ मुख्यालय आ चुके हैं। इस दौरान आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और प्रधानमंत्री एक साथ एक मंच पर रहेंगे, इससे पहले अयोध्या में रामलाल की प्राण प्रतिष्ठा के दौरान दोनों एक साथ मौजूद थे। आरएसएस अपना शताब्दी वर्ष मना रहा है।

संघ के शताब्दी वर्ष में प्रधानमंत्री मोदी के संघ मुख्यालय के दौरे को बेहद अहम माना जा रहा है। सांविधानिक पद पर रहते हुए पीएम मोदी का संघ मुख्यालय में यह पहला दौरा है। महाराष्ट्र भाजपा के अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी के नागपुर आगमन पर पूरे विदर्भ में उत्साह है। 47 स्थानों पर उनके स्वागत की तैयारी की गई है।

10वीं पास के लिए खुशखबरी, रोडवेज में कंडक्टर पदों पर निकली भर्तियां, इस डेट तक करें अप्लाई

10वीं पास कर सरकारी नौकरी की तलाश कर रहे अभ्यर्थियों के लिए खुशखबरी है. राजस्थान के अधीनस्थ और मंत्रिस्तरीय सेवा चयन बोर्ड (RSMSSB) ने राजस्थान रोडवेज में कंडक्टर पदों की भर्तियां निकाली हैं. इसके लिए आवेदन की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है. इच्छुक अभ्यर्थी चयन बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट rssb.rajasthan.gov.in पर जाकर 25 अप्रैल तक आवेदन कर सकते हैं. एप्लीकेशन प्रोसेस 27 मार्च से ही शुरू है.

चयन बोर्ड इस भर्ती प्रक्रिया के जरिए रोडवेज कंडक्टर के कुल 500 पदों को भरा जाएगा. कुल पदों में 456 पोस्ट गैर-टीएसपी क्षेत्र के लिए हैं, जबकि 44 पद टीएसपी क्षेत्र के लिए आरक्षित हैं. अभ्यर्थी निर्धारित लास्ट डेट या उससे पहले आवेदन कर सकते हैं. आइए जानते हैं आवेदन करने वाले कैंडिडेट की उम्र कितनी होनी चाहिए और आवेदकों का चयन कैसे किया जाएगा.

क्या मांगी गई योग्यता?

आवेदन करने वाले कैंडिडेट का किसी भी मान्यता बोर्ड से 10वीं पास होना अनिवार्य है.वहीं कैंडिडेट की उम्र 1 जनवरी 2026 तक 18 वर्ष से 40 वर्ष के बीच होनी चाहिए. आरक्षित कैटेगरी के अभ्यर्थियों को अधिकतम उम्र सीमा में सरकार के नियमानुसार छूट भी दी गई है.

कितनी है एप्लीकेशन फीस?

जनरल और ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए आवेदन फीस 600 रुपए निर्धारित की गई है. वहीं एससी, एसटी और दिव्यांग श्रेणी के कैंडिडेट्स को 400 रुपए आवेदन शुल्क का भुगतान करना होगा.

ऐसे करें अप्लाई

चयन बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट

rssb.rajasthan.gov.in पर जाएं.

होम पेज पर दिए गए अप्लाई टैब पर क्लिक करें.

डिटेल दर्ज कर रजिस्ट्रेशन करें और फाॅर्म भरें.

मांगे गए डाक्यूुमेंट्स को अपलोड करें.

फीस जमा करें और सबमिट करें.

कैसे होगा चयन?

रोडवेज परिचालक पदों पर आवेदकों का चयन लिखित परीक्षा के माध्यम से किया जाएगा. एग्जाम का आयोजन 55 नवंबर 2025 के लिए निर्धारित है और नतीजे 23 फरवरी 2026 को जारी किए जाएंगे. इस भर्ती से संबंधित अधिक जानकारी के लिए चयन बोर्ड की ओर से आधिकारिक भर्ती विज्ञापन को चेक कर सकते हैं.

पीएम मोदी से मिलने पहली बार पीएम आवास पहुंचे थे संघ प्रमुख, क्यों खास है ये मुलाकात?

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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव की स्थिति बनी हुई है। इस हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कड़े फैसले लिए। वहीं लगातार हाई लेवल बैठकों का दौर जारी है। मंगलवार को पीएम मोदी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, एनएसए अजीत डोभाल और तीनों सेना प्रमुखों के साथ एक हाई लेवल बैठक की। इस बैठक के बाद आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत पीएम मोदी से मिलने उनके आवास पहुंचे।

क्या महज शिष्टाचार भेंट थी?

ये बैठक इसलिए भी अहम माना जी रही है क्योंकि 2014 में बीजेपी की सरकार बनने के बाद यह पहला मौका था, जा संघ प्रमुख पीएम के सरकारी आवास पहुंचे थे। यह मुलाकात करीब एक घंटे तक चली और इसे बेहद असामान्य माना जा रहा है, क्योंकि आरएसएस प्रमुख शायद ही कभी राजनीतिक नेताओं से उनके आवास पर मिलने जाते हैं। ऐसे में सवाल है कि क्या मोहन भागवत की पीएम मोदी से यह मुलाकात महज शिष्टाचार भेंट थी?

हिंदू समुदाय में बढ़ते गुस्से के बीच मुलाकात

यह मुलाकात पहलगाम में हुए आतंकी हमले के तुरंत बाद हुई है, जहां निहत्थे नागरिकों और पर्यटकों को निशाना बनाकर मार डाला गया था। उस आतंकी घटना से देश भर में गुस्सा है। मुलाकात से जुड़े सूत्रों के अनुसार, मोहन भागवत ने इस घटना पर संघ परिवार की गहरी पीड़ा और हिंदू समुदाय में बढ़ते गुस्से और असुरक्षा की भावना से अवगत कराया। उन्होंने आतंकी हमले का जवाब देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी और सरकार के प्रयासों के प्रति संघ का समर्थन भी दिया।

‘जनता की भावनाओं को जिम्मेदारी से संभाला जाए’

एक वरिष्ठ आरएसएस कार्यकर्ता ने नाम ना बताने की शर्त पर बताया, जमीन पर माहौल बहुत तनावपूर्ण है। हिंदू समुदाय दुखी और गुस्से में है। संघ का मानना है कि इस समय सरकार के साथ खड़ा होना जरूरी है, लेकिन यह भी सुनिश्चित करना होगा कि जनता की भावनाओं को समझा जाए और उसे जिम्मेदारी के साथ संभाला जाए। यह एक आपातकालीन स्थिति है, और इसलिए भागवत जी ने स्वयं प्रधानमंत्री से मुलाकात की।

बिना रजिस्ट्रेशन कुकुरमुत्ता की तरह झोलाछाप डॉक्टर के चल रहा क्लीनिक, डॉक्टर गिरजेश पांडे पर गंभीर आरोप

बलरामपुर।ग्राम हरैय्या चंदरसी में मानकों की उड़ रही धज्जियाँ, मरीजों की जान से हो रहा खिलवाड़

नारकोटिक दवाओं की अवैध बिक्री का अड्डा बनता जा रहा है पचपेड़वा का यह क्लीनिक

बलरामपुर जनपद के विकासखंड पचपेड़वा के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत हरैय्या चंदरसी में स्थित एक क्लीनिक इन दिनों चर्चाओं में है। जानकारी के अनुसार, इस क्लीनिक को डॉक्टर गिरिजेश पांडे द्वारा संचालित किया जा रहा है, लेकिन न तो इसका कोई विधिवत रजिस्ट्रेशन है और न ही चिकित्सा मानकों का पालन किया जा रहा है।

स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि यहां मरीजों का इलाज मनमाने तरीके से किया जा रहा है, जिससे उनकी जान को खतरा हो सकता है।

सबसे गंभीर बात यह है कि इस क्लीनिक में नारकोटिक (मादक) दवाओं की भी अवैध बिक्री की जा रही है। इन दवाओं का उपयोग नशे के रूप में भी किया जा सकता है, जिससे युवाओं में इसकी लत लगने का खतरा बढ़ गया है। ग्रामीणों ने बताया कि डॉक्टर पांडे के पास न तो फार्मेसी लाइसेंस है और न ही नारकोटिक दवाओं के स्टॉक की कोई वैध अनुमति।

स्थानीय प्रशासन की लापरवाही के चलते यह क्लीनिक अब तक बेधड़क संचालित हो रहा है। ग्रामीणों ने स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन से इस क्लीनिक की तत्काल जांच कर आवश्यक कार्रवाई की मांग की है। यदि समय रहते इस पर रोक नहीं लगाई गई तो यह लोगों की जान पर भारी पड़ सकता है और समाज में नशाखोरी की समस्या को और बढ़ा सकता है।

प्रशासन को चाहिए कि तुरंत संज्ञान लेकर जांच शुरू करे और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।

पहलगाम अटैक पर लिखा Thank You Pakistan, मोहम्मद नौशाद गिरफ्तार; MLA बोले- ऐसे आस्तीन के सांप को

पहलगाम अटैक में 28 लोगों की मौत हो गई. इसे लेकर जहां पूरे देश में शोक व्याप्त है. वहीं, झारखंड के बोकारो निवासी मोहम्मद नौशाद ने इस पर खुशी जाहिर की थी. उसने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट डाला, जिसमें पाकिस्तान और लश्कर-ए-तैयबा को हमले के लिए धन्यवाद दिया. पुलिस ने अब मोहम्मद नौशाद को गिरफ्तार कर लिया है.

आरोपी बालीडीह के मिल्लत नगर का रहने वाला है. थाना प्रभारी नवीन कुमार ने उसकी गिरफ्तारी की पुष्टि की है. उन्होंने कहा- हमें मोहम्मद नौशाद के खिलाफ शिकायत मिली थी. उसे गिरफ्तार कर लिया गया है. मामले में आगामी कार्रवाई जारी है.

दरअसल कश्मीर के पहलगाम शहर के पास स्थित पर्यटन स्थल बैसरन घाटी में मंगलवार को हमला हुआ था. इसमें 28 लोगों की मौत हो गई. कई अन्य घायल भी हुए. जानकारी के मुताबिक, गिरफ्तार मोहम्मद नौशाद के पिता का नाम मोहम्मद मुस्ताक है और वह मिल्लत नगर का रहने वाला है. फिलहाल बोकारो पुलिस गिरफ्तार मोहम्मद नौशाद से पूछताछ कर रही है.

थाना प्रभारी नवीन कुमार ने कहा- पुलिस मोहम्मद नौशाद के सोशल मीडिया के अकाउंट खंगाल रही है. वहीं, उसके बारे में पूरी जानकारी निकाली जा रही है.

‘स्लीपर सेल की तरह करते हैं काम’

मोहमद नौशाद के गिरफ्तार होने पर भाजपा के वरिष्ठ विधायक सीपी सिंह ने कहा- मैंने तो कल रात में ही सोशल मीडिया पर इसे लेकर लिखा था. और बोकारो के एसपी से बात की थी.आज उसकी गिरफ्तारी हुई है. मुझे खुशी हुई कि उसे गिरफ्तार कर लिया गया है. विधायक सीपी सिंह ने कहा कि ऐसे आस्तीन के सांप के फन को कूचना और कठोर कार्रवाई करना ही राष्ट्रहित में सही है. देश में बहुत से ऐसे लोग हैं जो स्लीपर सेल की तरह काम कर रहे हैं जो देश के लिए खतरा हैं. ऐसे लोगों को पनाह देने वालों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए.

ऐसा क्या लिखा था पोस्ट पर?

बालीडीह के रहने वाले मोहमद नौशाद ने जम्मू कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुए आतंकी हमले के बाद जश्न मानते हुए सोशल मीडिया पर लिखा था- थैंक्यू पाकिस्तान, थैंक्यू लश्कर-ए-तैयबा. अल्लाह आपकी लंबी उम्र करे. आमीन, आमीन. हमें ज्यादा खुशी तब होगी जब आप बीजेपी, आरएसएस, बजरंग दल और मीडिया को निशाना बनाओ. अब RSS, BJP और बजरंग दल कहां गए, जाओ सरहद पर जाकर उछल और कूदकर दिखाओ

दरोगा विद्यासागर के अपराध,काली कमाई ने बेटे को बना दिया अपराधी

जौनपुर। बहुत पुरानी कहावत है "कि बाप का खाया बेटा भरता हैं" लेकिन यह कहावत बिल्कुल फिट बैठ रही हैं. थानागद्दी चौकी पर तैनात प्रमोटी दारोगा विद्यासागर सिंह के बेटे आदित्य सागर के खिलाफ पड़ोसी वाराणसी जिले के चोलापुर थाने में गंभीर धाराओं में आरोपी बनाया हैं।

जानकारी के मुताबिक विद्यासागर सिंह सिपाही से प्रोन्नत होकर दरोगा बने। अल्प समय के लिए दरोगा की कुर्सी व कंधे पर सितारे लगते ही शरीर में ऐंठन होने लगी। फिर खाकी में अपराध व अवैध कामों को संरक्षण देकर के धन बटोरने में जुट गया। विभागीय लोग बताते हैं कि विद्यासागर के बेटे बेरोजगार हैं। जिससे विद्यासागर को हरवक्त बेटे को सजोने संवारने में जुट रहता हैं। जिसके लिए हरसंभव प्रयास करके अपराध में धंसता गया। खुद का सिंडिकेट तैयार लिया। जिसमें कुछ तथाकथित पत्रकारों को भी शामिल किया। जिससे किसी भी घटना को दबाते हुए,वसूली को प्रायोजित तरीके से कराई जा सके।

विद्यासागर ने अपराध से अर्जित काली कमाई से एक कृषि कार्य में रजिस्टर्ड ट्रैक्टर UP62AS9996 लिया। जिससे कमर्शियल उपयोग में लेने लगा। ट्रैक्टर को अपराधिक सिंडिकेट के इशारे पर अवैध कामों में धकेल दिया। अवैध व अपराध से अर्जित राशि ने ज्यादा दिन तक विद्यासागर का साथ नहीं दिया। कुछ माह बाद चोलापुर पुलिस ने हिट एंड रन का मामला आदित्य सागर के खिलाफ दर्ज करते हुए,चार्जशीट न्यायालय में भेज दिया।

कप्तान ने कतरे पर,भेजा खेतासराय

अपराध में धंसते जा रहे विद्यासागर को स्थानीय अधिकारियों का प्रश्रय था. जिससे विद्यासागर आराम से अपने कामों को अंजाम दे रहा था। लगातार शिकायतों को देखते हुए,कप्तान ने विद्यासागर का ट्रांसफर खेतासराय कर दिया। ट्रांसफर की बात सुनकर विद्यासागर के होश उड़ गए। अपराधिक सिंडिकेट के साथ विद्यासागर ने कई चौखटों पर माथा टेकते हुए,ट्रांसफर रुकवाने की गुहार की। लेकिन किसी ने नहीं सुनी। चूंकि खेतासराय में अवैध कमाई बंद हो चुकी हैं। सिंडिकेट भी बिखर चुका हैं। विभाग के अनुसार विद्यासागर केराकत थाना क्षेत्र के सरकी चौकी पर आने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा हैं। जिससे सिंडिकेट व अपराधिक गतिविधि से काली कमाई की जा सके।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने फीता काटकर दस्तक अभियान का किया शुभारंभ

मुसलमानों के लिए भी खुले आरएसएस के दरवाजे, संघ प्रमुख भागवत ने शाखा में शामिल होने के लिए रखी शर्त

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने 4 दिवसीय दौरे वाराणसी पर हैं। इस दौरान उन्होंने कई कार्यक्रमों में हिस्सा लिया और उन्हें संबोधित किया। इस दौरान संघ प्रमुख का दिया एक बयान काफी चर्चा में है। मोहन भागवत ने मुसलमानों के शाखा में शामिल होने को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि कोई भी मुसलमान शाखा में शामिल हो सकता है बशर्ते वो भारत माता की जय के नारे लगाए और भगवा झंडा की इज्जत करे।

वाराणसी में मोहन भागवत लाजपत नगर कॉलोनी में आरएसएस की एक शाखा पर पहुंचे थे। सत्र के दौरान, एक स्वयंसेवक ने जब संघ प्रमुख से पूछा कि क्या वह अपने पड़ोसियों, जो मुस्लिम हैं, उनको शाखा में आमंत्रित कर सकता है और ला सकता है।

सभी पंथ, समुदाय और जाति के लोगों का संघ में स्वागत-भागवत

स्वयंसेवक के सवाल के जवाब में संघ प्रमुख ने कहा कि भारत माता की जय बोलने वाले और भगवा ध्वज का सम्मान करने वाले सभी लोगों के लिए शाखाओं के दरवाजे खुले हैं। संघ की विचारधारा में पूजा पद्धति के आधार पर कोई भेदभाव नहीं है। उन्होंने कहा कि खुद को औरंगजेब का वंशज मानने वालों को छोड़कर सभी भारतीयों का संघ की शाखाओं में स्वागत है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत के सभी पंथ, समुदाय और जातियों के लोगों का संघ की शाखाओं में स्वागत है।

हिंदू समाज में भारत में रहने वाला हर व्यक्ति शामिल-भागवत

इससे पहले मोहन भागवत ने शनिवार को आईआईटी बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कहा, समाज में मेलजोल और बराबरी होनी चाहिए। जाति या धर्म के आधार पर किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए। मंदिर, पानी और दूसरी जरूरी चीजें सभी को बराबर मिलनी चाहिए। हिंदू समाज में भारत में रहने वाला हर व्यक्ति शामिल है, चाहे वह मुस्लिम हो या हिंदू, क्योंकि वे सभी भारत का हिस्सा हैं। इसका मतलब है कि हमें सभी को साथ लेकर चलना है।

आरएसएस नेता जोशी ने औरंगजेब विवाद को बताया अनावश्यक, बोले- जिसकी जहां आस्था, वहीं जाएगा

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मुगल बादशाह औरंगजेब की कब्र को हटाने की कुछ दक्षिणपंथी संगठनों की मांग के बीच, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के वरिष्ठ नेता सुरेश 'भैयाजी' जोशी ने सोमवार को कहा कि इस विषय को अनावश्यक रूप से उठाया गया है। नागपुर में एक कार्यक्रम के दौरान संवाददाताओं से बात करते हुए उन्होंने कहा कि जो भी व्यक्ति आस्था रखता है, वह महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर में स्थित इस ढांचे के दर्शन करेगा। बता दें कि पिछले कुछ दिनों में औरंगजेब को लेकर काफी विवाद देखने को मिला है। नागपुर में मुगल शासक औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग को लेकर हिंसा भी देखने को मिली।

महाराष्ट्र के औरंगजेब की कब्र को लेकर छिड़े विवाद को आरएसएस के वरिष्ठ नेता ने अनावश्यक बताया है।भैयाजी जोशी ने कहा कि औरंगजेब की कब्र का विषय अनावश्यक रूप से उठाया गया है। उनकी मृत्यु भारत में हुई थी, इसलिए उनकी कब्र यहीं बनाई गई है। हमारे पास छत्रपति शिवाजी महाराज का आदर्श (रोल मॉडल) है, उन्होंने अफजल खान की कब्र बनवाई थी। यह भारत की उदारता और समावेशिता का प्रतीक है। कब्र बनी रहेगी, जो भी जाना चाहेगा, जाएगा।

इससे पहले महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे ने रविवार को औरंगजेब की कब्र को लेकर सांप्रदायिक तनाव भड़काने के प्रयासों की निंदा की और कहा कि इतिहास को जाति और धर्म के चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए।उन्होंने लोगों से ऐतिहासिक जानकारी के लिए व्हाट्सएप फॉरवर्ड पर निर्भर न रहने को भी कहा। ठाकरे ने यह भी कहा कि मुगल शासक शिवाजी नामक विचार को मारना चाहते थे लेकिन असफल रहे और महाराष्ट्र में उनकी मृत्यु हो गई। मनसे प्रमुख ने कहा कि बीजापुर के सेनापति अफजल खान को प्रतापगढ़ किले के पास दफनाया गया था और छत्रपति शिवाजी महाराज की अनुमति के बिना ऐसा नहीं किया जा सकता था।

‘जहां सेवा वहां स्वयंसेवक’, पीएम मोदी ने जमकर की आरएसएस की तारीफ, बताया-अमर संस्कृति का वट वृक्ष

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प्रधानमंत्री मोदी रविवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) मुख्यालय केशव कुंज पहुंचे। उन्होंने संघ के संस्थापक केशव बलिराम हेडगेवार और दूसरे सरसंघचालक माधव सदाशिव गोलवलकर (गुरुजी) के स्मारक स्मृति मंदिर पहुंचकर श्रद्धांजलि दी। बतौर प्रधानमंत्री मोदी की यह संघ मुख्यालय का पहला दौरा था। यहां प्रधानमंत्री ने संघ के माधव नेत्रालय के एक्सटेंशन बिल्डिंग की आधारशिला रखी। इस दौरान उन्होंने संघ की जमकर तारीफ की। उन्होंने आरएसएस क भारत की अमर संस्कृति का आधुनिक अक्षय वट बताया। साथ ही उन्होंने कहा कि जहां सेवा है वहां स्वयंसेवक है।

प्रधानमंत्री मोदी अपनी स्पीच में देश के इतिहास, भक्ति आंदोलन, इसमें संतों की भूमिका, संघ की नि:स्वार्थ कार्य प्रणाली, देश के विकास, युवाओं में धर्म-संस्कृति, स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार, शिक्षा, भाषा और प्रयागराज महाकुंभ की चर्चा की। कहा कि भारत के इतिहास में नजर डालें तो इसमें कई आक्रमण हुए। इतने आक्रमणों के बावजूद भी भारत की चेतना कभी समाप्त नहीं हुई, उसकी लौ जलती रही। कठिन से कठिन दौर में भी इस चेतना को जाग्रत रखने के लिए नए सामाजिक आंदोलन होते रहे। भक्ति आंदोलन इसका एक उत्कृष्ट उदाहरण है।

मध्यकाल के उस कठिन कालखंड में हमारे संतों ने भक्ति के विचारों से राष्ट्रीय चेतना को नई ऊर्जा दी। गुरु नानक देव, कबीरदास, तुलसीदास, सूरदास, संत तुकाराम, संत रामदेव, संत ज्ञानेश्वर जैसे महान संतों ने अपने मौलिक विचारों से समाज में प्राण फूंके। उन्होंने भेदभाव के बंधनों को तोड़कर समाज को एकता के सूत्र में बांधा।

बांधे संघ की तारीफों के पुल

स्वामी विवेकानंद से लेकर डॉक्टर साहब तक, किसी ने भी राष्ट्रीय चेतना को बुझने नहीं दिया। राष्ट्रीय चेतना के जिस विचार का बीज 100 वर्ष पहले बोया गया था, वह आज एक महान वटवृक्ष के रूप में खड़ा है। सिद्धांत और आदर्श इस वटवृक्ष को ऊंचाई देते हैं, जबकि लाखों-करोड़ों स्वयंसेवक इसकी टहनियों के रूप में कार्य कर रहे हैं। संघ भारत की अमर संस्कृति का आधुनिक अक्षय वट है, जो निरंतर भारतीय संस्कृति और राष्ट्रीय चेतना को ऊर्जा प्रदान कर रहा है।

स्वयंसेवकों के नि:स्वार्थ सेवा भाव की सराहना

पीएम मोदी ने कहा कि हमारा शरीर परोपकार और सेवा के लिए ही है। जब सेवा संस्कार बन जाती है, तो साधना बन जाती है। यही साधना हर स्वयंसेवक की प्राणवायु होती है। यह सेवा संस्कार, यह साधना, यह प्राणवायु, पीढ़ी दर पीढ़ी हर स्वयंसेवक को तप और तपस्या के लिए प्रेरित करती है। उसे न थकने देती है और न ही रुकने देती है। हम देव से देश और राम से राग के जीवन मंत्र लेकर चले हैं। अपना कर्तव्य निभाते चलते हैं। इसलिए बड़ा छोटा कैसा भी काम हो, कोई भी क्षेत्र हो, संघ के स्वयंसेवक नि:स्वार्थ भाव से काम करते हैं।

भारत की सबसे बड़ी पूंजी हमारा युवा-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि भारत की सबसे बड़ी पूंजी हमारा युवा है। देश का युवा आत्मविश्वास से भरा हुआ है। उसकी रिस्क-टेकिंग कैपेसिटी पहले से कई गुना बढ़ चुकी है। वह इनोवेशन कर रहा है, स्टार्टअप की दुनिया में परचम लहरा रहा है। अपनी विरासत और संस्कृति पर गर्व करते हुए आगे बढ़ रहा है।

महाकुंभ में हमने देखा कि लाखों-करोड़ों की संख्या में युवा पीढ़ी पहुंची और सनातन परंपरा से जुड़कर गौरव से भर उठी। भारत का युवा आज देश की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए काम कर रहा है। यही युवा 2047 के विकसित भारत की ध्वजा थामे हुए हैं। मुझे भरोसा है कि संगठन, समर्पण और सेवा की त्रिवेणी विकसित भारत की यात्रा को ऊर्जा और दिशा देती रहेगी।

भारत अब मदद करने का केंद्र है-पीएम मोदी

प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि 'वसुधैव कुटुंबकम' का मंत्र आज विश्व के कोने-कोने में गूंज रहा है। जब कोविड जैसी महामारी आती है, तो भारत विश्व को परिवार मानकर वैक्सीन उपलब्ध कराता है। दुनिया में कहीं भी प्राकृतिक आपदा हो, भारत पूरे मनोयोग से सेवा के लिए खड़ा होता है। म्यांमार में इतना बड़ा भूकंप आया है, भारत ऑपरेशन ब्रह्मा के साथ वहां के लोगों की मदद के लिए सबसे पहले पहुंच गया है। जब तुर्किए में भूकंप आया, जब नेपाल में भूकंप आया, जब मॉलदीव्स में पानी का संकट आया, भारत ने मदद करने में घड़ी भर की भी देर नहीं लगाई। युद्ध जैसे हालातों में हम दूसरे देशों के नागरिकों को भी सुरक्षित निकालकर लाते हैं। दुनिया देख रही है भारत आज जब प्रगति कर रहा है, तो पूरे ग्लोबल साउथ की आवाज़ भी बन रहा है। विश्व-बंधु की ये भावना... हमारे ही संस्कारों का विस्तार है।

नागपुर में संघ मुख्यालय पहुंचे पीएम मोदी, आरएसएस के संस्थापक डॉ. हेडगेवार को दी श्रद्धांजलि

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज महाराष्ट्र के दौरे पर हैं। एक दिन के दौरे पर पीएम मोदी नागपुर एयरपोर्ट पर उतरें। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने नागपुर एयरपोर्ट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत किया। पीएम मोदी आज कई कार्यक्रमों में शामिल होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नागपुर गुढीपाड़वा के मौके पर पहुंचे हैं। गुढीपाड़वा से ही हिंदू नववर्ष की शुरुआत होती है। इसके बाद वह छत्तीसगढ़ के लिए रवाना होंगे।

नागपुर एयरपोर्ट से पीएम मोदी सीधे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के रेशम बाग स्थित मुख्यालय पहुंचे। यहां पीएम मोदी ने संघ के संस्थापक डॉ. हेडगेवार की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए। हेडगेवार के साथ-साथ पीएम मोदी ने माधव सदाशिव गोलवलकर को भी श्रद्धा सुमन अर्पित की। इस मौके पर संघ प्रमुख मोहन भागवत में भी मौजूद रहे।

प्रधानमंत्री के तौर पर नरेंद्र मोदी पहली बार आरएसएस के मुख्यालय पहुंचे हैं। अटल बिहारी वाजपेयी भी प्रधानमंत्री रहते हुए संघ मुख्यालय आ चुके हैं। इस दौरान आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और प्रधानमंत्री एक साथ एक मंच पर रहेंगे, इससे पहले अयोध्या में रामलाल की प्राण प्रतिष्ठा के दौरान दोनों एक साथ मौजूद थे। आरएसएस अपना शताब्दी वर्ष मना रहा है।

संघ के शताब्दी वर्ष में प्रधानमंत्री मोदी के संघ मुख्यालय के दौरे को बेहद अहम माना जा रहा है। सांविधानिक पद पर रहते हुए पीएम मोदी का संघ मुख्यालय में यह पहला दौरा है। महाराष्ट्र भाजपा के अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी के नागपुर आगमन पर पूरे विदर्भ में उत्साह है। 47 स्थानों पर उनके स्वागत की तैयारी की गई है।

10वीं पास के लिए खुशखबरी, रोडवेज में कंडक्टर पदों पर निकली भर्तियां, इस डेट तक करें अप्लाई

10वीं पास कर सरकारी नौकरी की तलाश कर रहे अभ्यर्थियों के लिए खुशखबरी है. राजस्थान के अधीनस्थ और मंत्रिस्तरीय सेवा चयन बोर्ड (RSMSSB) ने राजस्थान रोडवेज में कंडक्टर पदों की भर्तियां निकाली हैं. इसके लिए आवेदन की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है. इच्छुक अभ्यर्थी चयन बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट rssb.rajasthan.gov.in पर जाकर 25 अप्रैल तक आवेदन कर सकते हैं. एप्लीकेशन प्रोसेस 27 मार्च से ही शुरू है.

चयन बोर्ड इस भर्ती प्रक्रिया के जरिए रोडवेज कंडक्टर के कुल 500 पदों को भरा जाएगा. कुल पदों में 456 पोस्ट गैर-टीएसपी क्षेत्र के लिए हैं, जबकि 44 पद टीएसपी क्षेत्र के लिए आरक्षित हैं. अभ्यर्थी निर्धारित लास्ट डेट या उससे पहले आवेदन कर सकते हैं. आइए जानते हैं आवेदन करने वाले कैंडिडेट की उम्र कितनी होनी चाहिए और आवेदकों का चयन कैसे किया जाएगा.

क्या मांगी गई योग्यता?

आवेदन करने वाले कैंडिडेट का किसी भी मान्यता बोर्ड से 10वीं पास होना अनिवार्य है.वहीं कैंडिडेट की उम्र 1 जनवरी 2026 तक 18 वर्ष से 40 वर्ष के बीच होनी चाहिए. आरक्षित कैटेगरी के अभ्यर्थियों को अधिकतम उम्र सीमा में सरकार के नियमानुसार छूट भी दी गई है.

कितनी है एप्लीकेशन फीस?

जनरल और ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए आवेदन फीस 600 रुपए निर्धारित की गई है. वहीं एससी, एसटी और दिव्यांग श्रेणी के कैंडिडेट्स को 400 रुपए आवेदन शुल्क का भुगतान करना होगा.

ऐसे करें अप्लाई

चयन बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट

rssb.rajasthan.gov.in पर जाएं.

होम पेज पर दिए गए अप्लाई टैब पर क्लिक करें.

डिटेल दर्ज कर रजिस्ट्रेशन करें और फाॅर्म भरें.

मांगे गए डाक्यूुमेंट्स को अपलोड करें.

फीस जमा करें और सबमिट करें.

कैसे होगा चयन?

रोडवेज परिचालक पदों पर आवेदकों का चयन लिखित परीक्षा के माध्यम से किया जाएगा. एग्जाम का आयोजन 55 नवंबर 2025 के लिए निर्धारित है और नतीजे 23 फरवरी 2026 को जारी किए जाएंगे. इस भर्ती से संबंधित अधिक जानकारी के लिए चयन बोर्ड की ओर से आधिकारिक भर्ती विज्ञापन को चेक कर सकते हैं.