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दारुल उलूम देवबंद ने महिलाओं-बच्चों की एंट्री पर लगाया बैन, जानें क्या है वजह?

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उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में स्थित दारुल उलूम देवबंद प्रबंधन ने महिलाओं और बच्चों के दारुल उलूम में प्रवेश पर रोक लगा दी है। दारुल उलूम परिसर के बाहर इसको लेकर एक नोटिस भी चस्पा किया गया है। दारुल उलूम देवबंद में छात्रों के एडमिशन और परीक्षाओं को देखते हुए प्रबंधन ने यह फैसला लिया है।

भीड़ को नियंत्रित करने को लेकर फैसला

दारुल उलूम देवबंद के मैनेजमेंट की ओर से जारी नोटिस में लिखा है, दारुल उलूम की जियारत के लिए आने वाले सभी सम्मानित मेहमानों से निवेदन है कि अपने साथ महिलाओं को दारुल उलूम न लाएं, क्योंकि इस समय पूरे देश से बड़ी संख्या में छात्र दारुल उलूम में दाखिले के लिए आए हुए हैं और प्रवेश परीक्षा की तैयारी में व्यस्त हैं। इसलिए यह निर्णय लिया गया है कि महिलाओं और छोटे बच्चों को दारुल उलूम में आने से रोका जाए।

बता दें कि दारुल उलूम में बड़ी संख्या में छात्र प्रवेश लेने और परीक्षा देने के लिए आ रहे हैं। जिस कारण परिसर में भारी भीड़ हो रही है। भीड़ को नियंत्रित करने और छात्रों की सुविधा के लिए दारुल उलूम ने छोटे बच्चों और महिलाओं के प्रवेश पर रोक लगाई है।

छात्रों के स्मार्टफोन के इस्तेमाल पर पाबंदी

हाल ही में देवबंद ने छात्रों के लिए नई गाइडलाइन जारी की थी, जिसमें स्मार्टफोन के इस्तेमाल पर पाबंदी लगाई गई थी। मशहूर देवबंदी उलेमा मौलाना कारी इसहाक गोरा ने इस फैसले पर बताया था कि स्मार्टफोन पर पाबंदी छात्रों को किताबों से जोड़ना और उन्हें बाहरी ध्यान भटकाने वाली चीजों से रोकना है। उन्होंने कहा था कि हम चाहते हैं कि बच्चे पूरी तरह से अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करें और स्मार्टफोन से मिलने वाली व्याकुलता से बचें।

भारत में मस्क की इस कंपनी की एंट्री से पहले सरकार ने रखी बड़ी शर्त, जानें क्या कहा

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एलन मस्क की स्टारलिंक कंपनी भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस शुरू करने वाली है। देश की दिग्गज टेलीकॉम कंपनी एयरटेल और एलन मस्क की फर्म स्पेसएक्स ने स्टारलिंक की हाई-स्पीड इंटरनेट सर्विसेज को भारत में लाने के लिए एग्रीमेंट किया है। इसके पहले केंद्र सरकार ने स्टारलिंक के सामने कुछ शर्तें रखी हैं।केंद्र सरकार ने एलन मस्क के सैटेलाइट वेंचर स्टारलिंक को भारत में एक कंट्रोल सेंटर स्थापित करने को कहा है, ताकि कानून और व्यवस्था बनाए रखा जा सके।

न्यूज वेबसाइट टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, यह कंट्रोल सेंटर कानून और व्यवस्था बनाए रखने में मदद करेगा क्योंकि यह संवेदनशील क्षेत्रों में जरूरत पड़ने पर संचार सेवाओं को सस्पेंड करने या बंद करने में सक्षम होगा। सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि जब भी जरूरत होगी, सुरक्षा एजेंसियों के पास कुछ निर्धारित अधिकार होंगे, जो उन्हें आधिकारिक चैनलों के माध्यम से कॉल्स को इंटरसेप्ट करने की इजाजत देगा।

रिपोर्ट में कंट्रोल सेंटर के महत्व पर जोर देते हुए कहा गया है कि यह बहुत जरूरी है क्योंकि देश के किसी भी हिस्से में कानून और व्यवस्था की स्थिति में अचानक बदलाव के कारण संचार सेवाओं, जिसमें सैटेलाइट के जरिए दी जाने वाली सेवाएं भी शामिल हैं, को बंद करने की जरूरत पड़ सकती है। सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया कि हर बार इमरजेंसी के समय पर उनके दरवाजे खटखटाने या अमेरिका में उनके मुख्यालय से संपर्क करने की उम्मीद नहीं की जा सकती। स्टारलिंक ने सरकार को इस मामले को देखने का आश्वासन दिया है।

टेलीकॉम कानून के तहत एक प्रावधान है कि सार्वजनिक आपातकाल के मामले में, जिसमें आपदा प्रबंधन या सार्वजनिक सुरक्षा शामिल है, केंद्र और राज्य सरकार किसी अधिकृत संस्था से किसी भी टेलीकॉम सेवा या नेटवर्क का अस्थायी रूप से अपने कंट्रोल में ले सकती है।

यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जब सैटेलाइट कम्युनिकेशन लाइसेंस के लिए स्टारलिंक की एप्लिकेशन लास्ट स्टेज में है। इसमें कंपनी मार्केटिंग, तैनाती और नेटवर्क बढ़ाने के लिए रिलायंस जियो और एयरटेल के साथ समझौते कर रही है।

भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस प्रोवाइड करने के लिए देश की दो बड़ी टेलिकॉम कंपनियां जियो और एयरटेल ने इलॉन मस्क की कंपनी स्टारलिंक के साथ करार किया है। समझौते के तहत, स्पेसएक्स और एयरटेल बिजनेस, शैक्षणिक संस्थानों, स्वास्थ्य सेवा केंद्रों और दूरदराज के क्षेत्रों में स्टारलिंक सर्विसेस देने के लिए मिलकर काम करेंगे। एयरटेल के मौजूदा नेटवर्क इंफ्रास्ट्रक्चर में स्टारलिंक टेक्नोलॉजी इंटीग्रेट करने की संभावनाएं तलाशी जाएंगी।

टेस्ला की भारत में होगी एंट्री? दिल्‍ली-मुंबई में कर्मचारियों की भर्ती के लिए निकाला विज्ञापन

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प्रधानमंत्री नरेंद मोदी की अमेरिका दौरे का असर दिखने लगा है। अमेरिकी इलेक्ट्रिक कार विनिर्माता टेस्ला की भारत में एंट्री होने जा रही है। टेस्ला ने भारत में अलग-अलग पदों के लिए भर्तियां शुरू कर दी हैं। इनमें व्यवसाय संचालन विश्लेषक और ग्राहक सहायता विशेषज्ञ शामिल हैं। यह कंपनी के भारत में प्रवेश का मार्ग प्रशस्त कर सकते हैं। ये सब कुछ तब हो रहा है जब, एलन मस्क ने हाल में अमेरिका में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी। उसके बाद से ही उनकी कंपनियों टेस्ला और स्टारलिंक के भारत में एंट्री मारने की अटकलें तेज हो गई हैं।

टेस्ला ने भारत में हायरिंग शुरू कर दी है। इस हायरिंग के शुरुआती दौर में टेस्ला ने 13 जॉब्स निकाली हैं।इनमें ग्राहक-संबंधी और बैक-एंड भूमिकाएं शामिल थीं। कुल पदों में से कम से कम पांच पद, जैसे सेवा तकनीशियन और विभिन्न सलाहकार भूमिकाएं, मुंबई और दिल्ली दोनों स्थानों के लिए उपलब्ध हैं। वहीं, कस्‍टमर इंगजमेंट मैनेजर और डिलीवरी संचालन विशेषज्ञ जैसी नौकरियां विशेष रूप से मुंबई के लिए सूचीबद्ध की गई हैं।

आपको बता दें कि बीते कई सालों से भारत टेस्ला को लाने की तैयारी कर रहा था। टेस्ला भी भारत में एंट्री को आतुर थात्र लेकिन इन सब के बीच भारत के टैक्स और ड्यूटीज आड़े आ रही थी। अब जब ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति बने हैं और टैरिफ को लेकर उनका रवैया दिख रहा है। उसमें भारत ने अपने कदम को थोड़ा पीछे खींचा है। बजट में जिस से इंपोर्ट ड्यूटी कम किया गया है। उससे साफ है कि अमेरिका के टैरिफ वॉर से भारत अलग रहना चाहता है और ज्यादा से बिजनेस बढ़ाना चाहता है।

टेस्ला और भारत के बीच रिश्ते काफी उतार-चढ़ाव वाले रहे हैं। टेस्ला ज्यादा टैरिफ के कारण भारत आने से डर रही थी। सरकार ने अब 40,000 डॉलर से ज्यादा कीमत वाली गाड़ियों पर बेसिक कस्टम ड्यूटी 110% से घटाकर 70% कर दी है। यह टेस्ला के लिए एक अच्छा मौका है। चीन की तुलना में भारत में ईवी कारों का बाजार अभी शुरुआती दौर में है। भारत में पिछले साल करीब 100,000 ईवी बिकी थीं जबकि चीन में यह संख्या 1.1 करोड़ थी।

*Yesterday started the Bengal Global Business Summit in Kolkata*

SB News Bureau: International and national statesmen (from Bhutan Minister to Jharkhand Chief Minister my brother Hemanta, with his wife Kalpana) joined.

And joined industrial and business tycoons (iconic Mukesh Ambani to Sajjan Jindal to other great corporate captains) as well as celebrities like Sourav Ganguly!

They all applauded our public policies, and unwavering commitments to promotion of industries, infrastructure and employment. Series of major announcements followed with investment decisions involving lakhs of crores.

Announced our policies, programmes and promises and told the assembled thousands of delegates how we interweave social security with industry- friendly steps for greater ease of doing business and better synergy.

Importantly, there will henceforth be a State Level Investment Synergy Committee under the Chairmanship of our Chief Secretary for effective, one-stop and time-bound clearance mechanism for investment projects. Fortnightly meetings will be held by the Committee which will have all the Departmental Secretaries to ensure 'NO DELAY'.

Mukesh Ambani made significant announcements for (a) digital infrastructure and services, with JIO services being rendered globally from the soil of Bengal ; (b) retail; (c) artisan economy ; and (d) clean and green energy (Sonar Bangla will be made Solar Bangla). Mukesh promised to double his investments in Bengal within next few years. A few years back, his investment was Rs 2000. crore; it is now 50000 crore; it will be doubled in a few years, he explained.

Sajjan Jindal announced 2× 800 MW power plants with investment of Rs. 16000 crore at Salboni and promised that the project could be scaled up in future to include another 2×800 MW power plants with investments of another Rs 16000 crore! He promised an Industrial Park over 2000 acres, and informed that they were seriously looking into the project of Durgapur Airport for entry and expansion.

Great day, great resolutions, great leaps forward. Looking eagerly towards the sessions tomorrow with national and international delegates and functionaries. And will follow further sectoral sessions, country sessions, industry discourses etc.

आचार्य विद्यासागर महाराज की प्रथम पुण्यतिथि पर डोंगरगढ़ में भव्य महा महोत्सव, उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा और अरुण साव हुए शामिल

डोंगरगढ़-  आचार्य विद्यासागर महाराज की प्रथम पुण्यतिथि के अवसर पर डोंगरगढ़ स्थित चंद्रगिरी तीर्थ में छह दिवसीय महा महोत्सव कार्यक्रम की शुरुआत ध्वजारोहण के साथ की गई. इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री अरुण साव और विजय शर्मा ने श्रद्धांजलि अर्पित की और आचार्य विद्यासागर महाराज को नमन किया।

उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर छह दिवसीय महा महोत्सव के शुभारंभ कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आज पहुंचे हैं. यह तीर्थ क्षेत्र धार्मिक आस्था का केंद्र ही नहीं, बल्कि यहां शिक्षा, शिल्पकला और गौसेवा के माध्यम से समाजहित के कार्य भी हो रहे हैं, जिससे यह स्थल न केवल छत्तीसगढ़, बल्कि देश-विदेश में प्रसिद्ध हो रहा है. उन्होंने आचार्य विद्यासागर जी महाराज के समाधि स्थल को प्रेरणा का केंद्र बताया.

कार्यक्रम में देशभर से बड़ी संख्या में जैन मुनि, आचार्यगण और श्रद्धालु पहुंचे हैं. आगामी दिनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चंद्रगिरी तीर्थ में आचार्य विद्यासागर के आशीर्वाद लेने का उल्लेखनीय वृतांत भी है, जो 5 नवंबर 2023 को हुआ था. इस आयोजन में प्रदेश और देश के कई प्रमुख राजनेताओं के भी शिरकत करने की संभावना जताई जा रही है.

यह महा महोत्सव 6 फरवरी तक चलेगा, जिसमें धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक गतिविधियां आयोजित की जाएंगी.

CGMSC घोटाला : ईओडब्ल्यू-एसीबी ने 2 आईएएस अफसरों के खिलाफ सरकार से मांगी जांच की अनुमति
रायपुर- मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक ईओडब्ल्यू-एसीबी ने राज्य सरकार से दो आईएएस समेत सीजीएमएससी के छह अफसरों के खिलाफ जांच की अनुमति मांगी है. 400 करोड़ रुपए से अधिक के घोटाले की जांच कर रही ईओडब्ल्यू-एसीबी ने सीजीएमएससी के सप्लायर मोक्षित कारपोरेशन के ठिकानों पर हाल ही में छापा मारा था. इस छापे के बाद ईओडब्ल्यू-एसीबी ने मोक्षित कारपोरेशन के डायरेक्टर शशांक चोपड़ा की गिरफ्तारी की थी. कहा जा रहा है कि छापे में ईओडब्ल्यू-एसीबी को कई महत्वपूर्ण दस्तावेज मिले हैं. इन दस्तावेजों की पड़ताल और शशांक चोपड़ा से प्रारंभिक पूछताछ के बाद कथित तौर पर घोटाले में लिप्त अफसरों की संदिग्घ भूमिका की जांच जरूरी समझी जा रही है. यही वजह है कि ईओडब्ल्यू-एसीबी ने अपनी जांच का दायरा बढ़ाने के लिहाज से राज्य सरकार से अनुमति मांगी है.

मंत्रालय के उच्च पदस्थ अफसरों से मिली जानकारी के मुताबिक जिन दो आईएएस अफसरों के खिलाफ जांच की अनुमति ईओडब्ल्यू-एसीबी ने चाही हैं, उनमें भीम सिंह और चंद्रकांत वर्मा के नाम शामिल हैं. पूर्ववर्ती सरकार में भीम सिंह स्वास्थ्य संचालक और चंद्रकांत वर्मा सीजीएमएससी के एमडी के रुप में कार्यरत थे. तत्कालीन पदों पर रहते हुए उनकी भूमिकाओं को जांच के दायरे में लिया जा सकता है. इसके अलावा सीजीएमएससी के जीएम टेक्निकल बसंत कौशिक, जीएम फाइनेंस मीनाक्षी गौतम, स्टोर इंचार्ज डा. अनिल परसाई, जीएम टेक्निकल इक्विपमेंट कमलकांत पाटनवार, बायमोडिकल इंजीनियर क्षिरौंद्र रावटिया तथा टेंडर एंड परचेसिंग आफिसर अभिमन्यु सिंह के खिलाफ जांच की जा सकती है. माना जा रहा है कि अफसरों से पूछताछ जांच को नई दिशा देगी.

बीते सोमवार को ईओडब्ल्यू-एसीबी ने सीजीएमएससी के सप्लाय मोक्षित कारपोरेशन के रायपुर और दुर्ग के ठिकानों पर छापेमारी की कार्रवाई की थी. इसके अलावा हरियाणा के पंचकुला में भी दबिश दी गई थी. मोक्षित कारपोरेशन के डायरेक्टर शशांक चोपड़ा को गिरफ्तार कर स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया था. कोर्ट से ईओडब्ल्यू-एसीबी को सात दिनों की रिमांड मिली है. मोक्षित कारपोरेशन दवा और मेडिकल इक्विपमेंट की एजेंसी है. सीजीएमएससी को यह एजेंसी दवा और मेडिकल इक्विपमेंट की सप्लाई करती थी.

ईओडब्ल्यू-एसीबी की एफआईआर में बताया गया है कि शासन के संज्ञान में लाए बिना लगभग 411 करोड़ रुपए की खरीदी की गई. स्वास्थ्य विभाग और सीजीएमएससी के अफसरों की ओर से रीएजेंट सप्लाई करने वाली कंपनी को व्यक्तिगत लाभ पहुंचाने के लिए शासन की प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया. सीजीएमएससी ने खरीदी के लिए केवल 26-27 दिन के अंतराल में ही आदेश जारी किया था. इन रीएजेंट की रखरखाव की कोई व्यवस्था नहीं होने के बावजूद बेधड़क खरीदी की गई. एफआईआर में लिखा गया है कि खरीदी के पहले वास्तविक आवश्यकता का आंकलन किए बगैर खरीदी के लिए मांग पत्र जारी किया गया था. एफआईआर में यह भी कहा गया है कि पूर्व स्वास्थ्य संचालक ने रीएजेंट की खरीदी के लिए 10 जनवरी 2022 को इंडेंट दिया. इससे पहले न तो बजट की उपलब्धता सुनिश्चित की गई और न ही किसी प्रकार का प्रशासनिक अनुमोदन प्राप्त किया गया. यानी बिना शासन के संज्ञान में लाए लगभग 411 करोड़ रुपए की लाइबिलिटी शासन के ऊपर निर्मित की गई.

मूल्य से कहीं अधिक कीमत पर की गई खरीदी

एफआईआर के मुताबिक, जांच के दौरान यह बात सामने आई कि ब्लड सैंपल कलेक्शन करने के लिए उपयोग में लाई जाने वाली EDTA ट्यूब को मोक्षित कॉरपोरेशन से 2352 रुपये प्रति नग के भाव से खरीदा गया है, जबकि अन्य संस्थाओं ने इसी सामग्री को अधिकतम 8.50 रुपये (अक्षरी – आठ रुपये पचास पैसा) की दर से क्रय किया. छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉरपोरेशन ने जनवरी 2022 से 31 अक्टूबर 2023 तक अरबों रुपये की खरीदी मोक्षित कारपोरेशन और CB कॉरपोरेशन के साथ सांठगांठ करके की है. इसके अलावा छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कारपोरेशन ने 300 करोड़ रुपये के रिएजेंट सिर्फ इसीलिए खरीद लिए ताकि मोक्षित कारपोरेशन प्राइवेट लिमिटेड के पास उपलब्ध केमिकल्स की एक्सपायरी डेट नजदीक न आ जाए. छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉरपोरेशन ने मोक्षित कारपोरेशन प्राइवेट लिमिटेड से 300 करोड़ रुपये के रीएजेंट खरीदकर राज्य के 200 से भी अधिक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में बिना मांग के ही भेज दिया. उन स्वास्थ्य केंद्रों में उक्त रिएजेंट को उपयोग करने वाली CBC मशीन ही नहीं थी. रीएजेंट की एक्सपायरी मात्र दो से तीन माह की बची हुई है और रीएजेंट खराब न हो, इसलिए छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉरपोरेशन के द्वारा 600 फ्रिज खरीदने की प्रक्रिया भी शुरू की. एफआईआर के मुताबिक, जांच के दौरान यह बात भी सामने आई कि सीजीएमएससी ने ईडीएल दवा और नॉन-ईडीएल/कंज्यूमेबल और टेस्ट किट आइटम/फूड बास्केट/प्रोप्राइटरी और नॉन-प्रोप्राइटरी कंज्यूमेबल आइटम/आयुष दवाइयां/उपकरण सामग्री की आपूर्ति करने और कालातीत औषधियों के निष्कासन के लिए प्रतिष्ठित फर्म से कोटेशन/खरीदी और दर अनुबंध के लिए वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए निविदा प्रक्रिया 26 अगस्त 2022 के लिए ई-निविदा जारी की गई. इस निविदा के लिए प्री-बिड मीटिंग के लिए 29 अगस्त 2022 निर्धारित किया गया था. इसके बाद 26 सितंबर तक निविदा दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए निर्देश दिए गए थे.

संचालनालय स्वास्थ्य एवं सेवाएं के उप संचालक ने इस जानकारी के बाद सीजीएमएससी के प्रबंध संचालक को प्री-बिड के आयोजन के संबंध में जानकारी देते हुए यह बताया कि राज्य स्तरीय निरीक्षण और परीक्षण तकनीकी समिति के विषय-विशेषज्ञों के जिलों से प्राप्त स्पेसिफिकेशन का निर्धारण किया गया है, जिसमें कोई बदलाव न करते हुए टेंडर प्रक्रिया को पूर्ण करने का निर्देश दिया गया. इस निविदा के लिए मोक्षित कारपोरेशन, रिकार्ड्स एवं मेडिकेयर सिस्टम और श्री शारदा इंडस्ट्रीज के द्वारा निविदा प्रक्रिया में भाग लिया गया. जिसमें निविदा समिति ने उपकरणों, रिएजेंट, कंज्यूमेबल्स व मशीनों के सीएमसी के एल-1 दर को मान्य किए जाने की अनुशंसा करते हुए मोक्षित कारपोरेशन को 25 जनवरी 2023 को निविदा देने की अनुशंसा की, जो प्रबंध संचालक द्वारा स्वीकृत दी गई.

5 लाख की मशीन को 17 लाख में खरीदा

जांच में यह जानकारी सामने आई कि निर्माता कंपनियां खुले बाजार में जिस सीबीसी मशीन को मात्र 5 लाख रुपये में विक्रय करती हैं, उन्हीं मशीनों को मोक्षित कारपोरेशन ने निविदा के माध्यम से दर अनुबंध करते हुए सीजीएमएससी को 17 लाख रुपये में दिया. सीजीएमएससी द्वारा मशीन एवं उपकरण निर्माता कंपनियों के साथ ही दर अनुबंध किया जाता है, जबकि मोक्षित कारपोरेशन के पास अस्पताल में उपयोग होने वाले उपकरण बनाने की कोई फैक्ट्री (उत्पादन इकाई) नहीं है और न ही उपकरणों का निर्माण मोक्षित कारपोरेशन द्वारा किया जाता है. इसके बावजूद अपने रसूख और कमीशन के प्रलोभन के दम पर मोक्षित कारपोरेशन ने अधिकारियों से सैटिंग करके अधिकांश दर अनुबंध अपनी कंपनी के नाम पर करवा लिया. एफआईआर में यह लिखा गया है कि CB कारपोरेशन के नाम से संचालित शेल कंपनी भी मोक्षित कारपोरेशन ग्रुप की ही कंपनी है, जिसके नाम पर भी काफी सारे दर अनुबंध करवाए गए. मोक्षित कारपोरेशन ने रिएजेंट और केमिकल्स को अधिकतम खुदरा मूल्य से भी अधिक के दाम पर दर अनुबंध करवाया. इस प्रकार 750 करोड़ रुपये से अधिक की खरीदी कर शासन के साथ धोखाधड़ी की गई.

कांग्रेस ने खेला बड़ा दाव : भाजपा छोड़ कांग्रेस में आई नम्रता दास, 24 घंटे के भीतर पार्टी ने दिया नगर पंचायत अध्यक्ष का टिकट
खैरागढ़- जिले के छुईंखदान नगर पंचायत में निकाय चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई है. कांग्रेस पार्टी ने यहां बड़ा दांव खेलते हुए भाजपा का दामन छोड़ कांग्रेस में आई नम्रता गिरिराज किशोर दास को नगर पंचायत अध्यक्ष का प्रत्याशी घोषित कर दिया है.

नम्रता देवी भारतीय जनता पार्टी के पूर्व जिला उपाध्यक्ष गिरिराज किशोर दास की पत्नी है. उन्होंने सोमवार को अपने पति के साथ भाजपा छोड़कर कांग्रेस का दामन थामा था. कांग्रेस में शामिल होने के 24 घंटे के भीतर ही पार्टी ने उन्हें छुईंखदान नगर पंचायत अध्यक्ष पद के लिए अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया. दूसरी ओर भाजपा ने छुईंखदान में वरिष्ठ भाजपा नेता खूबचंद पारख की बेटी शीतल जैन को टिकट दिया है. हालांकि, शीतल जैन को प्रत्याशी बनाए जाने के फैसले का स्थानीय स्तर पर भारी विरोध हो रहा है. भाजपा के कार्यकर्ताओं और स्थानीय जनता का एक वर्ग इस निर्णय से नाराज है, जिससे पार्टी के भीतर मतभेद खुलकर सामने आ रहे हैं.

नम्रता गिरिराज किशोर दास

गिरिराज का कांग्रेस में आना पार्टी के लिए बड़ी उपलब्धि

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि कांग्रेस का यह कदम भाजपा को कमजोर करने और स्थानीय जनता का समर्थन पाने के लिए उठाया गया है. गिरिराज किशोर दास का भाजपा में लंबा राजनीतिक अनुभव रहा है और उनका कांग्रेस में आना पार्टी के लिए बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है. छुईंखदान नगर पंचायत के इस घटनाक्रम ने चुनावी माहौल को और भी गर्म कर दिया है. भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां पूरी ताकत झोंकने की तैयारी में हैं. अब देखना होगा कि जनता किस पार्टी और प्रत्याशी पर भरोसा जताती है.

भाजपा के लिए बड़ी चुनौती

स्थानीय जनता का कहना है कि इस चुनाव में व्यक्तिगत छवि, अनुभव और विकास कार्य प्रमुख मुद्दा होंगे. कांग्रेस के इस फैसले से यह स्पष्ट हो गया है कि पार्टी स्थानीय समीकरणों को साधने के लिए आक्रामक रणनीति अपना रही है. वहीं भाजपा को अपने अंदरूनी विरोध को शांत करते हुए जनता का भरोसा बनाए रखना एक बड़ी चुनौती होगी. छुईंखदान नगर पंचायत चुनाव अब बेहद दिलचस्प हो चुका है. कांग्रेस और भाजपा के बीच सीधे मुकाबले में दोनों पार्टियों की रणनीति और प्रत्याशियों की छवि आगामी चुनावी परिणाम को तय करेगी.

गिरीराज ने भाजपा पर अनदेखी और परिवारवाद का लगाया था आरोप

बता दें कि नगर पंचायत से दो बार अध्यक्ष रह चुके और भाजपा के जिला उपाध्यक्ष गिरीराज किशोरदास ने सोमवार को अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की थी. रायपुर में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उपस्थिति में उन्होंने कांग्रेस ज्वाइन किया था. गिरीराज किशोरदास ने कहा था कि भाजपा में अब कार्यकर्ताओं की अनदेखी और परिवारवाद हावी हो गया है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया था कि पार्टी नेतृत्व क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं की मेहनत और जनभावनाओं को दरकिनार कर निर्णय ले रही है. कांग्रेस की नीतियों और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व से प्रभावित होकर उन्होंने यह कदम उठाया है.

भाजपा प्रत्याशी शीतल जैन का बढ़ता विरोध

भाजपा ने छुईखदान नगर पंचायत अध्यक्ष पद के लिए वरिष्ठ नेता खुबचंद पारख की बेटी शीतल जैन को प्रत्याशी घोषित किया है, लेकिन उनकी उम्मीदवारी का विरोध लगातार बढ़ता जा रहा है. भाजपा की पार्षद शैव्या वैष्णव ने भी शीतल जैन को टिकट देने का विरोध किया था. शैव्या ने पार्टी नेतृत्व पर परिवारवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया और इसे क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं के सम्मान के खिलाफ बताया. इसके बाद गिरीराज किशोरदास के कांग्रेस में शामिल होने और भाजपा के भीतर बढ़ते विरोध ने छुईखदान में राजनीतिक समीकरणों को पूरी तरह से बदल दिया. कांग्रेस इस मौके को अपने लिए बड़ा लाभ मान रही है, जबकि भाजपा के लिए यह एक बड़ा झटका साबित हो सकता है.

अचानकमार टाइगर रिजर्व में बाघिन की हुई मौत, वन विभाग में मचा हड़ंकप, पीएम रिपोर्ट आने के बाद होगा खुलासा 
लोरमी-  अचानकमार टाइगर रिजर्व में बाघिन की मौत का मामला सामने आया है. यहां संदिग्ध हालत में बाघिन का शव मिला है, जिसकी उम्र करीब 4 साल बताई जा रही है. वहीं वन विभाग के अफसरों ने बाघिन की मौत की वजह आपसी संघर्ष की आशंका जताई है. 

जानकारी के अनुसार, वन परिक्षेत्र लमनी के ग्राम चिरहट्टा बिरारपानी के बीच ग्रामीण बेंदरा खोंदरा की ओर जा रहे थे. इसी दौरान झाड़ के पास एक बाघिन को मृत देखा. जिसके बाद ग्रामीणों ने इसकी सूचना वन विभाग के अधिकारियों को दी. फिलहाल पोस्टमार्टम के बाद शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया है. पीएम रिपोर्ट के बाद ही मौत के स्पष्ट कारणों का पता चल सकेगा.

जंगल के अंदर बाघ की सुरक्षा पर सवाल ?

अचानकमार टाइगर रिजर्व के जंगलों में वन्य प्राणी के सुरक्षा को लेकर सवाल उठ रहे हैं. लमनी रेंज के घने जंगल में दो दिन पहले बाघिन की मौत हुई थी. इधर वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों को यह तक नहीं पता था कि बाघिन की मौत जंगल में हो गई है. इसकी जानकारी प्रत्यक्षदर्शियों के देने के बाद वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची.

बाघिन की मौत के कारण पर अधिकारियों की सफाई 

ATR के डिप्टी डायरेक्टर यू आर गणेश ने बताया कि “आपसी संघर्ष में बाघिन की डेथ हुई है, डॉक्टरों की टीम ने ऐसी आशंका जताई है कि आपसी संघर्ष में बाघिन की मौत हुई है. जिसका वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी पोस्टमार्टम के बाद अंतिम संस्कार कर दिया गया है.” 

स्थानीय पेट्रोलिंग गार्ड रेशम बैगा ने घटना की सूचना दी. जिसके बाद अधिकारियों को सूचना देने सहित घटना की पुष्टि के बाद 24 जनवरी को डॉक्टरों की टीम ने पोस्टमार्टम कर शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया है.

वहीं उन्होंने बताया कि शुक्रवार 24 जनवरी 2025 को राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) के SOP अंतर्गत वन्यप्राणी चिकित्सक डाॅ. पी.के. चन्दन और मुंगेली जिला के शासकीय पशु चिकित्सकों ने एनटीसीए के प्रतिनिधि, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) रायपुर के प्रतिनिधि के समक्ष पोस्टमार्टम कराया गया और नियमानुसार कार्यवाही की गई.

डॉक्टरों के मुताबिक पोस्टमार्टम के दौरान गर्दन पे दांत के निशान, श्वासनली के फटने, फेफड़े की श्रृंकिंग, पूरे शरीर में खरोच का निशान पाया गया है.

निचले स्टाफ के भरोसे वन्यप्राणियों की सुरक्षा

ATR के जंगलों में अधिकारी से लेकर वनरक्षक भी शाम होते जंगल से निकलकर मैदानी इलाके में निवास करते हैं. जानकारी के अनुसार पूरा जंगल स्टाफ पैदल बेरियल और फॉरेस्ट गार्ड के भरोसे वन्यप्राणियों की सुरक्षा का जिम्मा है. जहां उच्च अधिकारी जंगल निहारने तक नहीं जाते और जब निकलते भी हैं, तब शाम ढलने के पहले ही वापस लौट जाते हैं. जिसका फायदा वनरक्षक सहित निकले स्टाफ भी जमकर उठा रहे हैं. 

प्रति वर्ष करोड़ो रुपए खर्च करती है सरकार

ATR में बाघ की लगातार बढ़ती संख्या को देखते हुए NTCA के गाइडलाइन अनुसार राज्य और केंद्र सरकार हर साल करोड़ों रुपए खर्च करते हैं ताकि एटीआर टाइगर को सुरक्षा प्रदान किया जा सके. लेकिन इसमें विभाग के अधिकारियों के द्वारा पलीता लगाने का काम किया जा रहा है. वहीं एटीआर के अफसर बाघों की निगरानी करने के लिए बड़े-बड़े दावा करते हैं लेकिन इस बाघिन की मौत से सभी दावे फेल होते नजर आ रहे हैं. अब सवाल यह उठ रहा है कि इतनी बड़ी राशि कहां खर्च की जा रही है, बावजूद इसके लगातार जंगली जानवरों की मौत हो रही है

मुख्यमंत्री साय ने ”छत्तीसगढ़ इन्वेस्टर कनेक्ट मीट” में देश के जाने माने उद्योगपतियों से की मुलाक़ात
रायपुर-   देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में गुरुवार 23 जनवरी को आयोजित “छत्तीसगढ़ इन्वेस्टर कनेक्ट” मीट का आयोजन किया गया, जिसमें देश के बड़े उद्योपति और निवेशक शामिल हुए। इस दौरान छत्तीसगढ़ को 6000 करोड़ के निवेश प्रस्ताव मिला है। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आदित्य बिड़ला ग्रुप के अध्यक्ष कुमारमंगलम बिड़ला, गोदरेज समूह की कार्यकारी निदेशक तान्या डुबाश, अमेरिकी महावाणिज्यदूत माइक हैंकी और रूस के महावाणिज्यदूत इवान वाई फेटिसोव के साथ चर्चा की। सीएम साय इस दौरान लीग गई तस्वीरों को अपने आधिकारिक एक्स अकॉउंट पर साझा किया है।

मुख्यमंत्री साय ने आदित्य बिड़ला ग्रुप के अध्यक्ष कुमारमंगलम बिड़ला के साथ चर्चा की तस्वीरों को एक्स पर साझा करते हुए लिखा, ”आज मुंबई में आयोजित “छत्तीसगढ़ इन्वेस्टर कनेक्ट” मीट में आदित्य बिड़ला ग्रुप के अध्यक्ष कुमारमंगलम बिड़ला जी से मुलाकात हुई। उन्होंने छत्तीसगढ़ में निवेश संभावनाओं पर सारगर्भित चर्चा की।”

मुख्यमंत्री साय ने गोदरेज समूह की कार्यकारी निदेशक तान्या डुबाश से मुलाक़ात की तस्वीरों को साझा करते हुए लिखा, ”आज मुंबई में आयोजित “छत्तीसगढ़ इन्वेस्टर कनेक्ट” मीट में गोदरेज समूह की कार्यकारी निदेशक तान्या डुबाश जी से मुलाकात हुई। इस अवसर पर उनसे छत्तीसगढ़ की नई औद्योगिक विकास नीति और राज्य में उद्योगों के लिए अनुकूल वातावरण के विषय में चर्चा हुई। उन्होंने छत्तीसगढ़ में रासायनिक उर्वरक, कृषि और खाद्य प्रसंस्करण तथा मोल्डेड फर्नीचर निर्माण जैसे क्षेत्रों में निवेश की व्यापक संभावनाओं को लेकर विशेष रुचि जताई।”

CM साय ने राज्य में विदेशी निवेश के लिए नए दरवाजे खोले

मुख्यमंत्री साय ने “छत्तीसगढ़ इन्वेस्टर कनेक्ट” मीट के जरिये राज्य में विदेशी निवेश के लिए नए दरवाजे खोले हैं। उन्होंने मुंबई में इन्वेस्टर कनेक्ट मीट में अमेरिकी महावाणिज्यदूत माइक हैंकी और रूस के महावाणिज्यदूत इवान वाई फेटिसोव के साथ चर्चा की।

गौरतलब है कि “छत्तीसगढ़ इन्वेस्टर कनेक्ट” मीट के दौरान छत्तीसगढ़ के अंदर स्वास्थ्य, शिक्षा, आईटी और पर्यटन जैसे क्षेत्रों में निवेश की संभावनाओं पर बात हुई। चर्चा के बाद राज्य में 6000 करोड़ रुपये के निवेश के प्रस्ताव मिले हैं। मुंबई में निवेश मीट के दूसरे चरण में प्लास्टिक, कपड़ा, आईटी और फूड प्रोसेसिंग कंपनियों ने छत्तीसगढ़ में निवेश करने का फैसला किया है। सबसे ज्यादा 2,367 करोड़ रुपये का निवेश प्रस्ताव एक सीमेंट कंपनी ने रखा है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि नई औद्योगिक नीति के लागू होने के बाद से छत्तीसगढ़ को रायपुर, दिल्ली और मुंबई में आयोजित इन्वेस्टर कनेक्ट मीट में एक लाख करोड़ रुपये का निवेश मिला है।

छत्तीसगढ़ में निवेश करना चाहते हैं उद्योगपति

देश-विदेश के प्रमुख उद्योगपतियों ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के साथ राज्य में निवेश के अवसरों पर विस्तृत चर्चा की। विभिन्न क्षेत्रों के निवेशकों ने राज्य में व्यवसाय शुरू करने में गहरी रुचि दिखाई। राज्य की नई औद्योगिक नीति 2024-30 पर प्रकाश डालते हुए सीएम साय ने कहा कि निवेशकों को ध्यान में रखते हुए उन्होंने “न्यूनतम शासन, अधिकतम प्रोत्साहन” का आदर्श वाक्य अपनाया है। इसके तहत, अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित किया गया है और अब सिंगल विंडो से मंजूरी मिल जाती है। इससे निवेशकों को काफी राहत मिली है।

रोजगार बढ़ाने के लिए बेस्पोक पॉलिसी

सीएम साय ने कहा कि निवेश और रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देने के लिए बेस्पोक पॉलिसी शुरू की गई है। जिस कंपनी में 1,000 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है या 1,000 लोगों को रोजगार दिया गया है। वह कंपनी बेस्पोक पाॉलिसी का लाभ ले सकती है। इस नीति के तहत कंपनी 30% से 50% तक का स्थायी पूंजी निवेश कर सकती है। निवेश की राशि 200 करोड़ रुपये से 450 करोड़ रुपये के बीच हो सकती है। इसके साथ ही जीएसटी में छूट और कई अन्य लाभ भी मिलते हैं।

नवा रायपुर में डेटा सेंटर का शुभारंभ

मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स, कंप्यूटिंग और ग्रीन हाइड्रोजन जैसे उभरते उद्योगों में निवेश किया जा सकता है। उन्होंने नवा रायपुर में एक नए डेटा सेंटर के शुभारंभ की भी घोषणा की। इससे नवा रायपुर को आईटी हब बनाने में मदद मिलेगी। कई आईटी कंपनियों ने पहले ही इस क्षेत्र में काम शुरू कर दिया है। इसके अलावा इलेक्ट्रॉनिक्स, फार्मास्यूटिकल्स, टेक्सटाइल, फूड और कृषि प्रसंस्करण जैसे क्षेत्रों में विशेष रियायतें दी गई हैं। इस दिशा में एक बड़ा कदम नवा रायपुर में फार्मास्युटिकल पार्क की स्थापना है, जो मध्य भारत का सबसे बड़ा फार्मास्युटिकल पार्क बनने वाला है।

बस्तर और सरगुजा में निवेश पर जोर

मुख्यमंत्री ने कहा कि बस्तर में नगरनार स्टील प्लांट के पास नियानार गांव में 118 एकड़ में एक नया औद्योगिक क्षेत्र बनाया जाएगा। यह नया औद्योगिक केंद्र बड़े पैमाने पर लघु, सूक्ष्म और मध्यम उद्यमों के विकास के लिए महत्वपूर्ण अवसर पैदा करेगा। बस्तर और सरगुजा को औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता वाले क्षेत्रों के रूप में नामित किया गया है। इन क्षेत्रों में विकास को प्रोत्साहित करने के लिए कोर सेक्टरों में प्रोत्साहन के साथ-साथ लोहे और कोयले की रॉयल्टी पर 50% से 100% तक की छूट दी जा रही है। इसके अतिरिक्त, 150% तक टैक्स की प्रतिपूर्ति का भी प्रावधान है।

बैठक में उद्योग विभाग के मंत्री लखन लाल देवांगन, छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत, उद्योग विभाग के सचिव रजत कुमार, नई दिल्ली में छत्तीसगढ़ की निवेश आयुक्त रितु सैन और सीएसआईडीसी के प्रबंध निदेशक विश्वेश कुमार सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

किस क्षेत्र में कितना निवेश?

  • प्लास्टिक और टेक्सटाइल के क्षेत्र में 500 करोड़ रुपए का निवेश
  • पालतू पशुओं के भोजन का उत्पादन बढ़ाने के लिए राजनांदगांव में 625 करोड़ रुपए का निवेश
  • ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए 30 मेगावाट का सौर ऊर्जा संयंत्र भी लगाया जाएगा
  • आईटी क्षेत्र में 600 करोड़ रुपए का निवेश
  • स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में 700 करोड़ रुपए का निवेश
SI, ASI समेत 121 पुलिसकर्मियों का हुआ तबादला, देखें लिस्ट

राजनांदगांव- जिला पुलिस विभाग में बड़ा फेरबदल हुआ है। पुलिस अधीक्षक कार्यालय ने बुधवार को जिले में पदस्थ 121 पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों के तबादले का आदेश जारी किया है। इनमें आरक्षक, पुरुष और महिला प्रधान आरक्षक, उप निरीक्षक और सहायक उप निरीक्षकों का नाम शामिल है।

देखें लिस्ट –

दारुल उलूम देवबंद ने महिलाओं-बच्चों की एंट्री पर लगाया बैन, जानें क्या है वजह?

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उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में स्थित दारुल उलूम देवबंद प्रबंधन ने महिलाओं और बच्चों के दारुल उलूम में प्रवेश पर रोक लगा दी है। दारुल उलूम परिसर के बाहर इसको लेकर एक नोटिस भी चस्पा किया गया है। दारुल उलूम देवबंद में छात्रों के एडमिशन और परीक्षाओं को देखते हुए प्रबंधन ने यह फैसला लिया है।

भीड़ को नियंत्रित करने को लेकर फैसला

दारुल उलूम देवबंद के मैनेजमेंट की ओर से जारी नोटिस में लिखा है, दारुल उलूम की जियारत के लिए आने वाले सभी सम्मानित मेहमानों से निवेदन है कि अपने साथ महिलाओं को दारुल उलूम न लाएं, क्योंकि इस समय पूरे देश से बड़ी संख्या में छात्र दारुल उलूम में दाखिले के लिए आए हुए हैं और प्रवेश परीक्षा की तैयारी में व्यस्त हैं। इसलिए यह निर्णय लिया गया है कि महिलाओं और छोटे बच्चों को दारुल उलूम में आने से रोका जाए।

बता दें कि दारुल उलूम में बड़ी संख्या में छात्र प्रवेश लेने और परीक्षा देने के लिए आ रहे हैं। जिस कारण परिसर में भारी भीड़ हो रही है। भीड़ को नियंत्रित करने और छात्रों की सुविधा के लिए दारुल उलूम ने छोटे बच्चों और महिलाओं के प्रवेश पर रोक लगाई है।

छात्रों के स्मार्टफोन के इस्तेमाल पर पाबंदी

हाल ही में देवबंद ने छात्रों के लिए नई गाइडलाइन जारी की थी, जिसमें स्मार्टफोन के इस्तेमाल पर पाबंदी लगाई गई थी। मशहूर देवबंदी उलेमा मौलाना कारी इसहाक गोरा ने इस फैसले पर बताया था कि स्मार्टफोन पर पाबंदी छात्रों को किताबों से जोड़ना और उन्हें बाहरी ध्यान भटकाने वाली चीजों से रोकना है। उन्होंने कहा था कि हम चाहते हैं कि बच्चे पूरी तरह से अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करें और स्मार्टफोन से मिलने वाली व्याकुलता से बचें।

भारत में मस्क की इस कंपनी की एंट्री से पहले सरकार ने रखी बड़ी शर्त, जानें क्या कहा

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एलन मस्क की स्टारलिंक कंपनी भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस शुरू करने वाली है। देश की दिग्गज टेलीकॉम कंपनी एयरटेल और एलन मस्क की फर्म स्पेसएक्स ने स्टारलिंक की हाई-स्पीड इंटरनेट सर्विसेज को भारत में लाने के लिए एग्रीमेंट किया है। इसके पहले केंद्र सरकार ने स्टारलिंक के सामने कुछ शर्तें रखी हैं।केंद्र सरकार ने एलन मस्क के सैटेलाइट वेंचर स्टारलिंक को भारत में एक कंट्रोल सेंटर स्थापित करने को कहा है, ताकि कानून और व्यवस्था बनाए रखा जा सके।

न्यूज वेबसाइट टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, यह कंट्रोल सेंटर कानून और व्यवस्था बनाए रखने में मदद करेगा क्योंकि यह संवेदनशील क्षेत्रों में जरूरत पड़ने पर संचार सेवाओं को सस्पेंड करने या बंद करने में सक्षम होगा। सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि जब भी जरूरत होगी, सुरक्षा एजेंसियों के पास कुछ निर्धारित अधिकार होंगे, जो उन्हें आधिकारिक चैनलों के माध्यम से कॉल्स को इंटरसेप्ट करने की इजाजत देगा।

रिपोर्ट में कंट्रोल सेंटर के महत्व पर जोर देते हुए कहा गया है कि यह बहुत जरूरी है क्योंकि देश के किसी भी हिस्से में कानून और व्यवस्था की स्थिति में अचानक बदलाव के कारण संचार सेवाओं, जिसमें सैटेलाइट के जरिए दी जाने वाली सेवाएं भी शामिल हैं, को बंद करने की जरूरत पड़ सकती है। सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया कि हर बार इमरजेंसी के समय पर उनके दरवाजे खटखटाने या अमेरिका में उनके मुख्यालय से संपर्क करने की उम्मीद नहीं की जा सकती। स्टारलिंक ने सरकार को इस मामले को देखने का आश्वासन दिया है।

टेलीकॉम कानून के तहत एक प्रावधान है कि सार्वजनिक आपातकाल के मामले में, जिसमें आपदा प्रबंधन या सार्वजनिक सुरक्षा शामिल है, केंद्र और राज्य सरकार किसी अधिकृत संस्था से किसी भी टेलीकॉम सेवा या नेटवर्क का अस्थायी रूप से अपने कंट्रोल में ले सकती है।

यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जब सैटेलाइट कम्युनिकेशन लाइसेंस के लिए स्टारलिंक की एप्लिकेशन लास्ट स्टेज में है। इसमें कंपनी मार्केटिंग, तैनाती और नेटवर्क बढ़ाने के लिए रिलायंस जियो और एयरटेल के साथ समझौते कर रही है।

भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस प्रोवाइड करने के लिए देश की दो बड़ी टेलिकॉम कंपनियां जियो और एयरटेल ने इलॉन मस्क की कंपनी स्टारलिंक के साथ करार किया है। समझौते के तहत, स्पेसएक्स और एयरटेल बिजनेस, शैक्षणिक संस्थानों, स्वास्थ्य सेवा केंद्रों और दूरदराज के क्षेत्रों में स्टारलिंक सर्विसेस देने के लिए मिलकर काम करेंगे। एयरटेल के मौजूदा नेटवर्क इंफ्रास्ट्रक्चर में स्टारलिंक टेक्नोलॉजी इंटीग्रेट करने की संभावनाएं तलाशी जाएंगी।

टेस्ला की भारत में होगी एंट्री? दिल्‍ली-मुंबई में कर्मचारियों की भर्ती के लिए निकाला विज्ञापन

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प्रधानमंत्री नरेंद मोदी की अमेरिका दौरे का असर दिखने लगा है। अमेरिकी इलेक्ट्रिक कार विनिर्माता टेस्ला की भारत में एंट्री होने जा रही है। टेस्ला ने भारत में अलग-अलग पदों के लिए भर्तियां शुरू कर दी हैं। इनमें व्यवसाय संचालन विश्लेषक और ग्राहक सहायता विशेषज्ञ शामिल हैं। यह कंपनी के भारत में प्रवेश का मार्ग प्रशस्त कर सकते हैं। ये सब कुछ तब हो रहा है जब, एलन मस्क ने हाल में अमेरिका में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी। उसके बाद से ही उनकी कंपनियों टेस्ला और स्टारलिंक के भारत में एंट्री मारने की अटकलें तेज हो गई हैं।

टेस्ला ने भारत में हायरिंग शुरू कर दी है। इस हायरिंग के शुरुआती दौर में टेस्ला ने 13 जॉब्स निकाली हैं।इनमें ग्राहक-संबंधी और बैक-एंड भूमिकाएं शामिल थीं। कुल पदों में से कम से कम पांच पद, जैसे सेवा तकनीशियन और विभिन्न सलाहकार भूमिकाएं, मुंबई और दिल्ली दोनों स्थानों के लिए उपलब्ध हैं। वहीं, कस्‍टमर इंगजमेंट मैनेजर और डिलीवरी संचालन विशेषज्ञ जैसी नौकरियां विशेष रूप से मुंबई के लिए सूचीबद्ध की गई हैं।

आपको बता दें कि बीते कई सालों से भारत टेस्ला को लाने की तैयारी कर रहा था। टेस्ला भी भारत में एंट्री को आतुर थात्र लेकिन इन सब के बीच भारत के टैक्स और ड्यूटीज आड़े आ रही थी। अब जब ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति बने हैं और टैरिफ को लेकर उनका रवैया दिख रहा है। उसमें भारत ने अपने कदम को थोड़ा पीछे खींचा है। बजट में जिस से इंपोर्ट ड्यूटी कम किया गया है। उससे साफ है कि अमेरिका के टैरिफ वॉर से भारत अलग रहना चाहता है और ज्यादा से बिजनेस बढ़ाना चाहता है।

टेस्ला और भारत के बीच रिश्ते काफी उतार-चढ़ाव वाले रहे हैं। टेस्ला ज्यादा टैरिफ के कारण भारत आने से डर रही थी। सरकार ने अब 40,000 डॉलर से ज्यादा कीमत वाली गाड़ियों पर बेसिक कस्टम ड्यूटी 110% से घटाकर 70% कर दी है। यह टेस्ला के लिए एक अच्छा मौका है। चीन की तुलना में भारत में ईवी कारों का बाजार अभी शुरुआती दौर में है। भारत में पिछले साल करीब 100,000 ईवी बिकी थीं जबकि चीन में यह संख्या 1.1 करोड़ थी।

*Yesterday started the Bengal Global Business Summit in Kolkata*

SB News Bureau: International and national statesmen (from Bhutan Minister to Jharkhand Chief Minister my brother Hemanta, with his wife Kalpana) joined.

And joined industrial and business tycoons (iconic Mukesh Ambani to Sajjan Jindal to other great corporate captains) as well as celebrities like Sourav Ganguly!

They all applauded our public policies, and unwavering commitments to promotion of industries, infrastructure and employment. Series of major announcements followed with investment decisions involving lakhs of crores.

Announced our policies, programmes and promises and told the assembled thousands of delegates how we interweave social security with industry- friendly steps for greater ease of doing business and better synergy.

Importantly, there will henceforth be a State Level Investment Synergy Committee under the Chairmanship of our Chief Secretary for effective, one-stop and time-bound clearance mechanism for investment projects. Fortnightly meetings will be held by the Committee which will have all the Departmental Secretaries to ensure 'NO DELAY'.

Mukesh Ambani made significant announcements for (a) digital infrastructure and services, with JIO services being rendered globally from the soil of Bengal ; (b) retail; (c) artisan economy ; and (d) clean and green energy (Sonar Bangla will be made Solar Bangla). Mukesh promised to double his investments in Bengal within next few years. A few years back, his investment was Rs 2000. crore; it is now 50000 crore; it will be doubled in a few years, he explained.

Sajjan Jindal announced 2× 800 MW power plants with investment of Rs. 16000 crore at Salboni and promised that the project could be scaled up in future to include another 2×800 MW power plants with investments of another Rs 16000 crore! He promised an Industrial Park over 2000 acres, and informed that they were seriously looking into the project of Durgapur Airport for entry and expansion.

Great day, great resolutions, great leaps forward. Looking eagerly towards the sessions tomorrow with national and international delegates and functionaries. And will follow further sectoral sessions, country sessions, industry discourses etc.

आचार्य विद्यासागर महाराज की प्रथम पुण्यतिथि पर डोंगरगढ़ में भव्य महा महोत्सव, उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा और अरुण साव हुए शामिल

डोंगरगढ़-  आचार्य विद्यासागर महाराज की प्रथम पुण्यतिथि के अवसर पर डोंगरगढ़ स्थित चंद्रगिरी तीर्थ में छह दिवसीय महा महोत्सव कार्यक्रम की शुरुआत ध्वजारोहण के साथ की गई. इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री अरुण साव और विजय शर्मा ने श्रद्धांजलि अर्पित की और आचार्य विद्यासागर महाराज को नमन किया।

उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर छह दिवसीय महा महोत्सव के शुभारंभ कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आज पहुंचे हैं. यह तीर्थ क्षेत्र धार्मिक आस्था का केंद्र ही नहीं, बल्कि यहां शिक्षा, शिल्पकला और गौसेवा के माध्यम से समाजहित के कार्य भी हो रहे हैं, जिससे यह स्थल न केवल छत्तीसगढ़, बल्कि देश-विदेश में प्रसिद्ध हो रहा है. उन्होंने आचार्य विद्यासागर जी महाराज के समाधि स्थल को प्रेरणा का केंद्र बताया.

कार्यक्रम में देशभर से बड़ी संख्या में जैन मुनि, आचार्यगण और श्रद्धालु पहुंचे हैं. आगामी दिनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चंद्रगिरी तीर्थ में आचार्य विद्यासागर के आशीर्वाद लेने का उल्लेखनीय वृतांत भी है, जो 5 नवंबर 2023 को हुआ था. इस आयोजन में प्रदेश और देश के कई प्रमुख राजनेताओं के भी शिरकत करने की संभावना जताई जा रही है.

यह महा महोत्सव 6 फरवरी तक चलेगा, जिसमें धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक गतिविधियां आयोजित की जाएंगी.

CGMSC घोटाला : ईओडब्ल्यू-एसीबी ने 2 आईएएस अफसरों के खिलाफ सरकार से मांगी जांच की अनुमति
रायपुर- मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक ईओडब्ल्यू-एसीबी ने राज्य सरकार से दो आईएएस समेत सीजीएमएससी के छह अफसरों के खिलाफ जांच की अनुमति मांगी है. 400 करोड़ रुपए से अधिक के घोटाले की जांच कर रही ईओडब्ल्यू-एसीबी ने सीजीएमएससी के सप्लायर मोक्षित कारपोरेशन के ठिकानों पर हाल ही में छापा मारा था. इस छापे के बाद ईओडब्ल्यू-एसीबी ने मोक्षित कारपोरेशन के डायरेक्टर शशांक चोपड़ा की गिरफ्तारी की थी. कहा जा रहा है कि छापे में ईओडब्ल्यू-एसीबी को कई महत्वपूर्ण दस्तावेज मिले हैं. इन दस्तावेजों की पड़ताल और शशांक चोपड़ा से प्रारंभिक पूछताछ के बाद कथित तौर पर घोटाले में लिप्त अफसरों की संदिग्घ भूमिका की जांच जरूरी समझी जा रही है. यही वजह है कि ईओडब्ल्यू-एसीबी ने अपनी जांच का दायरा बढ़ाने के लिहाज से राज्य सरकार से अनुमति मांगी है.

मंत्रालय के उच्च पदस्थ अफसरों से मिली जानकारी के मुताबिक जिन दो आईएएस अफसरों के खिलाफ जांच की अनुमति ईओडब्ल्यू-एसीबी ने चाही हैं, उनमें भीम सिंह और चंद्रकांत वर्मा के नाम शामिल हैं. पूर्ववर्ती सरकार में भीम सिंह स्वास्थ्य संचालक और चंद्रकांत वर्मा सीजीएमएससी के एमडी के रुप में कार्यरत थे. तत्कालीन पदों पर रहते हुए उनकी भूमिकाओं को जांच के दायरे में लिया जा सकता है. इसके अलावा सीजीएमएससी के जीएम टेक्निकल बसंत कौशिक, जीएम फाइनेंस मीनाक्षी गौतम, स्टोर इंचार्ज डा. अनिल परसाई, जीएम टेक्निकल इक्विपमेंट कमलकांत पाटनवार, बायमोडिकल इंजीनियर क्षिरौंद्र रावटिया तथा टेंडर एंड परचेसिंग आफिसर अभिमन्यु सिंह के खिलाफ जांच की जा सकती है. माना जा रहा है कि अफसरों से पूछताछ जांच को नई दिशा देगी.

बीते सोमवार को ईओडब्ल्यू-एसीबी ने सीजीएमएससी के सप्लाय मोक्षित कारपोरेशन के रायपुर और दुर्ग के ठिकानों पर छापेमारी की कार्रवाई की थी. इसके अलावा हरियाणा के पंचकुला में भी दबिश दी गई थी. मोक्षित कारपोरेशन के डायरेक्टर शशांक चोपड़ा को गिरफ्तार कर स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया था. कोर्ट से ईओडब्ल्यू-एसीबी को सात दिनों की रिमांड मिली है. मोक्षित कारपोरेशन दवा और मेडिकल इक्विपमेंट की एजेंसी है. सीजीएमएससी को यह एजेंसी दवा और मेडिकल इक्विपमेंट की सप्लाई करती थी.

ईओडब्ल्यू-एसीबी की एफआईआर में बताया गया है कि शासन के संज्ञान में लाए बिना लगभग 411 करोड़ रुपए की खरीदी की गई. स्वास्थ्य विभाग और सीजीएमएससी के अफसरों की ओर से रीएजेंट सप्लाई करने वाली कंपनी को व्यक्तिगत लाभ पहुंचाने के लिए शासन की प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया. सीजीएमएससी ने खरीदी के लिए केवल 26-27 दिन के अंतराल में ही आदेश जारी किया था. इन रीएजेंट की रखरखाव की कोई व्यवस्था नहीं होने के बावजूद बेधड़क खरीदी की गई. एफआईआर में लिखा गया है कि खरीदी के पहले वास्तविक आवश्यकता का आंकलन किए बगैर खरीदी के लिए मांग पत्र जारी किया गया था. एफआईआर में यह भी कहा गया है कि पूर्व स्वास्थ्य संचालक ने रीएजेंट की खरीदी के लिए 10 जनवरी 2022 को इंडेंट दिया. इससे पहले न तो बजट की उपलब्धता सुनिश्चित की गई और न ही किसी प्रकार का प्रशासनिक अनुमोदन प्राप्त किया गया. यानी बिना शासन के संज्ञान में लाए लगभग 411 करोड़ रुपए की लाइबिलिटी शासन के ऊपर निर्मित की गई.

मूल्य से कहीं अधिक कीमत पर की गई खरीदी

एफआईआर के मुताबिक, जांच के दौरान यह बात सामने आई कि ब्लड सैंपल कलेक्शन करने के लिए उपयोग में लाई जाने वाली EDTA ट्यूब को मोक्षित कॉरपोरेशन से 2352 रुपये प्रति नग के भाव से खरीदा गया है, जबकि अन्य संस्थाओं ने इसी सामग्री को अधिकतम 8.50 रुपये (अक्षरी – आठ रुपये पचास पैसा) की दर से क्रय किया. छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉरपोरेशन ने जनवरी 2022 से 31 अक्टूबर 2023 तक अरबों रुपये की खरीदी मोक्षित कारपोरेशन और CB कॉरपोरेशन के साथ सांठगांठ करके की है. इसके अलावा छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कारपोरेशन ने 300 करोड़ रुपये के रिएजेंट सिर्फ इसीलिए खरीद लिए ताकि मोक्षित कारपोरेशन प्राइवेट लिमिटेड के पास उपलब्ध केमिकल्स की एक्सपायरी डेट नजदीक न आ जाए. छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉरपोरेशन ने मोक्षित कारपोरेशन प्राइवेट लिमिटेड से 300 करोड़ रुपये के रीएजेंट खरीदकर राज्य के 200 से भी अधिक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में बिना मांग के ही भेज दिया. उन स्वास्थ्य केंद्रों में उक्त रिएजेंट को उपयोग करने वाली CBC मशीन ही नहीं थी. रीएजेंट की एक्सपायरी मात्र दो से तीन माह की बची हुई है और रीएजेंट खराब न हो, इसलिए छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉरपोरेशन के द्वारा 600 फ्रिज खरीदने की प्रक्रिया भी शुरू की. एफआईआर के मुताबिक, जांच के दौरान यह बात भी सामने आई कि सीजीएमएससी ने ईडीएल दवा और नॉन-ईडीएल/कंज्यूमेबल और टेस्ट किट आइटम/फूड बास्केट/प्रोप्राइटरी और नॉन-प्रोप्राइटरी कंज्यूमेबल आइटम/आयुष दवाइयां/उपकरण सामग्री की आपूर्ति करने और कालातीत औषधियों के निष्कासन के लिए प्रतिष्ठित फर्म से कोटेशन/खरीदी और दर अनुबंध के लिए वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए निविदा प्रक्रिया 26 अगस्त 2022 के लिए ई-निविदा जारी की गई. इस निविदा के लिए प्री-बिड मीटिंग के लिए 29 अगस्त 2022 निर्धारित किया गया था. इसके बाद 26 सितंबर तक निविदा दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए निर्देश दिए गए थे.

संचालनालय स्वास्थ्य एवं सेवाएं के उप संचालक ने इस जानकारी के बाद सीजीएमएससी के प्रबंध संचालक को प्री-बिड के आयोजन के संबंध में जानकारी देते हुए यह बताया कि राज्य स्तरीय निरीक्षण और परीक्षण तकनीकी समिति के विषय-विशेषज्ञों के जिलों से प्राप्त स्पेसिफिकेशन का निर्धारण किया गया है, जिसमें कोई बदलाव न करते हुए टेंडर प्रक्रिया को पूर्ण करने का निर्देश दिया गया. इस निविदा के लिए मोक्षित कारपोरेशन, रिकार्ड्स एवं मेडिकेयर सिस्टम और श्री शारदा इंडस्ट्रीज के द्वारा निविदा प्रक्रिया में भाग लिया गया. जिसमें निविदा समिति ने उपकरणों, रिएजेंट, कंज्यूमेबल्स व मशीनों के सीएमसी के एल-1 दर को मान्य किए जाने की अनुशंसा करते हुए मोक्षित कारपोरेशन को 25 जनवरी 2023 को निविदा देने की अनुशंसा की, जो प्रबंध संचालक द्वारा स्वीकृत दी गई.

5 लाख की मशीन को 17 लाख में खरीदा

जांच में यह जानकारी सामने आई कि निर्माता कंपनियां खुले बाजार में जिस सीबीसी मशीन को मात्र 5 लाख रुपये में विक्रय करती हैं, उन्हीं मशीनों को मोक्षित कारपोरेशन ने निविदा के माध्यम से दर अनुबंध करते हुए सीजीएमएससी को 17 लाख रुपये में दिया. सीजीएमएससी द्वारा मशीन एवं उपकरण निर्माता कंपनियों के साथ ही दर अनुबंध किया जाता है, जबकि मोक्षित कारपोरेशन के पास अस्पताल में उपयोग होने वाले उपकरण बनाने की कोई फैक्ट्री (उत्पादन इकाई) नहीं है और न ही उपकरणों का निर्माण मोक्षित कारपोरेशन द्वारा किया जाता है. इसके बावजूद अपने रसूख और कमीशन के प्रलोभन के दम पर मोक्षित कारपोरेशन ने अधिकारियों से सैटिंग करके अधिकांश दर अनुबंध अपनी कंपनी के नाम पर करवा लिया. एफआईआर में यह लिखा गया है कि CB कारपोरेशन के नाम से संचालित शेल कंपनी भी मोक्षित कारपोरेशन ग्रुप की ही कंपनी है, जिसके नाम पर भी काफी सारे दर अनुबंध करवाए गए. मोक्षित कारपोरेशन ने रिएजेंट और केमिकल्स को अधिकतम खुदरा मूल्य से भी अधिक के दाम पर दर अनुबंध करवाया. इस प्रकार 750 करोड़ रुपये से अधिक की खरीदी कर शासन के साथ धोखाधड़ी की गई.

कांग्रेस ने खेला बड़ा दाव : भाजपा छोड़ कांग्रेस में आई नम्रता दास, 24 घंटे के भीतर पार्टी ने दिया नगर पंचायत अध्यक्ष का टिकट
खैरागढ़- जिले के छुईंखदान नगर पंचायत में निकाय चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई है. कांग्रेस पार्टी ने यहां बड़ा दांव खेलते हुए भाजपा का दामन छोड़ कांग्रेस में आई नम्रता गिरिराज किशोर दास को नगर पंचायत अध्यक्ष का प्रत्याशी घोषित कर दिया है.

नम्रता देवी भारतीय जनता पार्टी के पूर्व जिला उपाध्यक्ष गिरिराज किशोर दास की पत्नी है. उन्होंने सोमवार को अपने पति के साथ भाजपा छोड़कर कांग्रेस का दामन थामा था. कांग्रेस में शामिल होने के 24 घंटे के भीतर ही पार्टी ने उन्हें छुईंखदान नगर पंचायत अध्यक्ष पद के लिए अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया. दूसरी ओर भाजपा ने छुईंखदान में वरिष्ठ भाजपा नेता खूबचंद पारख की बेटी शीतल जैन को टिकट दिया है. हालांकि, शीतल जैन को प्रत्याशी बनाए जाने के फैसले का स्थानीय स्तर पर भारी विरोध हो रहा है. भाजपा के कार्यकर्ताओं और स्थानीय जनता का एक वर्ग इस निर्णय से नाराज है, जिससे पार्टी के भीतर मतभेद खुलकर सामने आ रहे हैं.

नम्रता गिरिराज किशोर दास

गिरिराज का कांग्रेस में आना पार्टी के लिए बड़ी उपलब्धि

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि कांग्रेस का यह कदम भाजपा को कमजोर करने और स्थानीय जनता का समर्थन पाने के लिए उठाया गया है. गिरिराज किशोर दास का भाजपा में लंबा राजनीतिक अनुभव रहा है और उनका कांग्रेस में आना पार्टी के लिए बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है. छुईंखदान नगर पंचायत के इस घटनाक्रम ने चुनावी माहौल को और भी गर्म कर दिया है. भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां पूरी ताकत झोंकने की तैयारी में हैं. अब देखना होगा कि जनता किस पार्टी और प्रत्याशी पर भरोसा जताती है.

भाजपा के लिए बड़ी चुनौती

स्थानीय जनता का कहना है कि इस चुनाव में व्यक्तिगत छवि, अनुभव और विकास कार्य प्रमुख मुद्दा होंगे. कांग्रेस के इस फैसले से यह स्पष्ट हो गया है कि पार्टी स्थानीय समीकरणों को साधने के लिए आक्रामक रणनीति अपना रही है. वहीं भाजपा को अपने अंदरूनी विरोध को शांत करते हुए जनता का भरोसा बनाए रखना एक बड़ी चुनौती होगी. छुईंखदान नगर पंचायत चुनाव अब बेहद दिलचस्प हो चुका है. कांग्रेस और भाजपा के बीच सीधे मुकाबले में दोनों पार्टियों की रणनीति और प्रत्याशियों की छवि आगामी चुनावी परिणाम को तय करेगी.

गिरीराज ने भाजपा पर अनदेखी और परिवारवाद का लगाया था आरोप

बता दें कि नगर पंचायत से दो बार अध्यक्ष रह चुके और भाजपा के जिला उपाध्यक्ष गिरीराज किशोरदास ने सोमवार को अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की थी. रायपुर में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उपस्थिति में उन्होंने कांग्रेस ज्वाइन किया था. गिरीराज किशोरदास ने कहा था कि भाजपा में अब कार्यकर्ताओं की अनदेखी और परिवारवाद हावी हो गया है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया था कि पार्टी नेतृत्व क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं की मेहनत और जनभावनाओं को दरकिनार कर निर्णय ले रही है. कांग्रेस की नीतियों और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व से प्रभावित होकर उन्होंने यह कदम उठाया है.

भाजपा प्रत्याशी शीतल जैन का बढ़ता विरोध

भाजपा ने छुईखदान नगर पंचायत अध्यक्ष पद के लिए वरिष्ठ नेता खुबचंद पारख की बेटी शीतल जैन को प्रत्याशी घोषित किया है, लेकिन उनकी उम्मीदवारी का विरोध लगातार बढ़ता जा रहा है. भाजपा की पार्षद शैव्या वैष्णव ने भी शीतल जैन को टिकट देने का विरोध किया था. शैव्या ने पार्टी नेतृत्व पर परिवारवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया और इसे क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं के सम्मान के खिलाफ बताया. इसके बाद गिरीराज किशोरदास के कांग्रेस में शामिल होने और भाजपा के भीतर बढ़ते विरोध ने छुईखदान में राजनीतिक समीकरणों को पूरी तरह से बदल दिया. कांग्रेस इस मौके को अपने लिए बड़ा लाभ मान रही है, जबकि भाजपा के लिए यह एक बड़ा झटका साबित हो सकता है.

अचानकमार टाइगर रिजर्व में बाघिन की हुई मौत, वन विभाग में मचा हड़ंकप, पीएम रिपोर्ट आने के बाद होगा खुलासा 
लोरमी-  अचानकमार टाइगर रिजर्व में बाघिन की मौत का मामला सामने आया है. यहां संदिग्ध हालत में बाघिन का शव मिला है, जिसकी उम्र करीब 4 साल बताई जा रही है. वहीं वन विभाग के अफसरों ने बाघिन की मौत की वजह आपसी संघर्ष की आशंका जताई है. 

जानकारी के अनुसार, वन परिक्षेत्र लमनी के ग्राम चिरहट्टा बिरारपानी के बीच ग्रामीण बेंदरा खोंदरा की ओर जा रहे थे. इसी दौरान झाड़ के पास एक बाघिन को मृत देखा. जिसके बाद ग्रामीणों ने इसकी सूचना वन विभाग के अधिकारियों को दी. फिलहाल पोस्टमार्टम के बाद शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया है. पीएम रिपोर्ट के बाद ही मौत के स्पष्ट कारणों का पता चल सकेगा.

जंगल के अंदर बाघ की सुरक्षा पर सवाल ?

अचानकमार टाइगर रिजर्व के जंगलों में वन्य प्राणी के सुरक्षा को लेकर सवाल उठ रहे हैं. लमनी रेंज के घने जंगल में दो दिन पहले बाघिन की मौत हुई थी. इधर वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों को यह तक नहीं पता था कि बाघिन की मौत जंगल में हो गई है. इसकी जानकारी प्रत्यक्षदर्शियों के देने के बाद वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची.

बाघिन की मौत के कारण पर अधिकारियों की सफाई 

ATR के डिप्टी डायरेक्टर यू आर गणेश ने बताया कि “आपसी संघर्ष में बाघिन की डेथ हुई है, डॉक्टरों की टीम ने ऐसी आशंका जताई है कि आपसी संघर्ष में बाघिन की मौत हुई है. जिसका वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी पोस्टमार्टम के बाद अंतिम संस्कार कर दिया गया है.” 

स्थानीय पेट्रोलिंग गार्ड रेशम बैगा ने घटना की सूचना दी. जिसके बाद अधिकारियों को सूचना देने सहित घटना की पुष्टि के बाद 24 जनवरी को डॉक्टरों की टीम ने पोस्टमार्टम कर शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया है.

वहीं उन्होंने बताया कि शुक्रवार 24 जनवरी 2025 को राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) के SOP अंतर्गत वन्यप्राणी चिकित्सक डाॅ. पी.के. चन्दन और मुंगेली जिला के शासकीय पशु चिकित्सकों ने एनटीसीए के प्रतिनिधि, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) रायपुर के प्रतिनिधि के समक्ष पोस्टमार्टम कराया गया और नियमानुसार कार्यवाही की गई.

डॉक्टरों के मुताबिक पोस्टमार्टम के दौरान गर्दन पे दांत के निशान, श्वासनली के फटने, फेफड़े की श्रृंकिंग, पूरे शरीर में खरोच का निशान पाया गया है.

निचले स्टाफ के भरोसे वन्यप्राणियों की सुरक्षा

ATR के जंगलों में अधिकारी से लेकर वनरक्षक भी शाम होते जंगल से निकलकर मैदानी इलाके में निवास करते हैं. जानकारी के अनुसार पूरा जंगल स्टाफ पैदल बेरियल और फॉरेस्ट गार्ड के भरोसे वन्यप्राणियों की सुरक्षा का जिम्मा है. जहां उच्च अधिकारी जंगल निहारने तक नहीं जाते और जब निकलते भी हैं, तब शाम ढलने के पहले ही वापस लौट जाते हैं. जिसका फायदा वनरक्षक सहित निकले स्टाफ भी जमकर उठा रहे हैं. 

प्रति वर्ष करोड़ो रुपए खर्च करती है सरकार

ATR में बाघ की लगातार बढ़ती संख्या को देखते हुए NTCA के गाइडलाइन अनुसार राज्य और केंद्र सरकार हर साल करोड़ों रुपए खर्च करते हैं ताकि एटीआर टाइगर को सुरक्षा प्रदान किया जा सके. लेकिन इसमें विभाग के अधिकारियों के द्वारा पलीता लगाने का काम किया जा रहा है. वहीं एटीआर के अफसर बाघों की निगरानी करने के लिए बड़े-बड़े दावा करते हैं लेकिन इस बाघिन की मौत से सभी दावे फेल होते नजर आ रहे हैं. अब सवाल यह उठ रहा है कि इतनी बड़ी राशि कहां खर्च की जा रही है, बावजूद इसके लगातार जंगली जानवरों की मौत हो रही है

मुख्यमंत्री साय ने ”छत्तीसगढ़ इन्वेस्टर कनेक्ट मीट” में देश के जाने माने उद्योगपतियों से की मुलाक़ात
रायपुर-   देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में गुरुवार 23 जनवरी को आयोजित “छत्तीसगढ़ इन्वेस्टर कनेक्ट” मीट का आयोजन किया गया, जिसमें देश के बड़े उद्योपति और निवेशक शामिल हुए। इस दौरान छत्तीसगढ़ को 6000 करोड़ के निवेश प्रस्ताव मिला है। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आदित्य बिड़ला ग्रुप के अध्यक्ष कुमारमंगलम बिड़ला, गोदरेज समूह की कार्यकारी निदेशक तान्या डुबाश, अमेरिकी महावाणिज्यदूत माइक हैंकी और रूस के महावाणिज्यदूत इवान वाई फेटिसोव के साथ चर्चा की। सीएम साय इस दौरान लीग गई तस्वीरों को अपने आधिकारिक एक्स अकॉउंट पर साझा किया है।

मुख्यमंत्री साय ने आदित्य बिड़ला ग्रुप के अध्यक्ष कुमारमंगलम बिड़ला के साथ चर्चा की तस्वीरों को एक्स पर साझा करते हुए लिखा, ”आज मुंबई में आयोजित “छत्तीसगढ़ इन्वेस्टर कनेक्ट” मीट में आदित्य बिड़ला ग्रुप के अध्यक्ष कुमारमंगलम बिड़ला जी से मुलाकात हुई। उन्होंने छत्तीसगढ़ में निवेश संभावनाओं पर सारगर्भित चर्चा की।”

मुख्यमंत्री साय ने गोदरेज समूह की कार्यकारी निदेशक तान्या डुबाश से मुलाक़ात की तस्वीरों को साझा करते हुए लिखा, ”आज मुंबई में आयोजित “छत्तीसगढ़ इन्वेस्टर कनेक्ट” मीट में गोदरेज समूह की कार्यकारी निदेशक तान्या डुबाश जी से मुलाकात हुई। इस अवसर पर उनसे छत्तीसगढ़ की नई औद्योगिक विकास नीति और राज्य में उद्योगों के लिए अनुकूल वातावरण के विषय में चर्चा हुई। उन्होंने छत्तीसगढ़ में रासायनिक उर्वरक, कृषि और खाद्य प्रसंस्करण तथा मोल्डेड फर्नीचर निर्माण जैसे क्षेत्रों में निवेश की व्यापक संभावनाओं को लेकर विशेष रुचि जताई।”

CM साय ने राज्य में विदेशी निवेश के लिए नए दरवाजे खोले

मुख्यमंत्री साय ने “छत्तीसगढ़ इन्वेस्टर कनेक्ट” मीट के जरिये राज्य में विदेशी निवेश के लिए नए दरवाजे खोले हैं। उन्होंने मुंबई में इन्वेस्टर कनेक्ट मीट में अमेरिकी महावाणिज्यदूत माइक हैंकी और रूस के महावाणिज्यदूत इवान वाई फेटिसोव के साथ चर्चा की।

गौरतलब है कि “छत्तीसगढ़ इन्वेस्टर कनेक्ट” मीट के दौरान छत्तीसगढ़ के अंदर स्वास्थ्य, शिक्षा, आईटी और पर्यटन जैसे क्षेत्रों में निवेश की संभावनाओं पर बात हुई। चर्चा के बाद राज्य में 6000 करोड़ रुपये के निवेश के प्रस्ताव मिले हैं। मुंबई में निवेश मीट के दूसरे चरण में प्लास्टिक, कपड़ा, आईटी और फूड प्रोसेसिंग कंपनियों ने छत्तीसगढ़ में निवेश करने का फैसला किया है। सबसे ज्यादा 2,367 करोड़ रुपये का निवेश प्रस्ताव एक सीमेंट कंपनी ने रखा है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि नई औद्योगिक नीति के लागू होने के बाद से छत्तीसगढ़ को रायपुर, दिल्ली और मुंबई में आयोजित इन्वेस्टर कनेक्ट मीट में एक लाख करोड़ रुपये का निवेश मिला है।

छत्तीसगढ़ में निवेश करना चाहते हैं उद्योगपति

देश-विदेश के प्रमुख उद्योगपतियों ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के साथ राज्य में निवेश के अवसरों पर विस्तृत चर्चा की। विभिन्न क्षेत्रों के निवेशकों ने राज्य में व्यवसाय शुरू करने में गहरी रुचि दिखाई। राज्य की नई औद्योगिक नीति 2024-30 पर प्रकाश डालते हुए सीएम साय ने कहा कि निवेशकों को ध्यान में रखते हुए उन्होंने “न्यूनतम शासन, अधिकतम प्रोत्साहन” का आदर्श वाक्य अपनाया है। इसके तहत, अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित किया गया है और अब सिंगल विंडो से मंजूरी मिल जाती है। इससे निवेशकों को काफी राहत मिली है।

रोजगार बढ़ाने के लिए बेस्पोक पॉलिसी

सीएम साय ने कहा कि निवेश और रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देने के लिए बेस्पोक पॉलिसी शुरू की गई है। जिस कंपनी में 1,000 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है या 1,000 लोगों को रोजगार दिया गया है। वह कंपनी बेस्पोक पाॉलिसी का लाभ ले सकती है। इस नीति के तहत कंपनी 30% से 50% तक का स्थायी पूंजी निवेश कर सकती है। निवेश की राशि 200 करोड़ रुपये से 450 करोड़ रुपये के बीच हो सकती है। इसके साथ ही जीएसटी में छूट और कई अन्य लाभ भी मिलते हैं।

नवा रायपुर में डेटा सेंटर का शुभारंभ

मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स, कंप्यूटिंग और ग्रीन हाइड्रोजन जैसे उभरते उद्योगों में निवेश किया जा सकता है। उन्होंने नवा रायपुर में एक नए डेटा सेंटर के शुभारंभ की भी घोषणा की। इससे नवा रायपुर को आईटी हब बनाने में मदद मिलेगी। कई आईटी कंपनियों ने पहले ही इस क्षेत्र में काम शुरू कर दिया है। इसके अलावा इलेक्ट्रॉनिक्स, फार्मास्यूटिकल्स, टेक्सटाइल, फूड और कृषि प्रसंस्करण जैसे क्षेत्रों में विशेष रियायतें दी गई हैं। इस दिशा में एक बड़ा कदम नवा रायपुर में फार्मास्युटिकल पार्क की स्थापना है, जो मध्य भारत का सबसे बड़ा फार्मास्युटिकल पार्क बनने वाला है।

बस्तर और सरगुजा में निवेश पर जोर

मुख्यमंत्री ने कहा कि बस्तर में नगरनार स्टील प्लांट के पास नियानार गांव में 118 एकड़ में एक नया औद्योगिक क्षेत्र बनाया जाएगा। यह नया औद्योगिक केंद्र बड़े पैमाने पर लघु, सूक्ष्म और मध्यम उद्यमों के विकास के लिए महत्वपूर्ण अवसर पैदा करेगा। बस्तर और सरगुजा को औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता वाले क्षेत्रों के रूप में नामित किया गया है। इन क्षेत्रों में विकास को प्रोत्साहित करने के लिए कोर सेक्टरों में प्रोत्साहन के साथ-साथ लोहे और कोयले की रॉयल्टी पर 50% से 100% तक की छूट दी जा रही है। इसके अतिरिक्त, 150% तक टैक्स की प्रतिपूर्ति का भी प्रावधान है।

बैठक में उद्योग विभाग के मंत्री लखन लाल देवांगन, छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत, उद्योग विभाग के सचिव रजत कुमार, नई दिल्ली में छत्तीसगढ़ की निवेश आयुक्त रितु सैन और सीएसआईडीसी के प्रबंध निदेशक विश्वेश कुमार सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

किस क्षेत्र में कितना निवेश?

  • प्लास्टिक और टेक्सटाइल के क्षेत्र में 500 करोड़ रुपए का निवेश
  • पालतू पशुओं के भोजन का उत्पादन बढ़ाने के लिए राजनांदगांव में 625 करोड़ रुपए का निवेश
  • ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए 30 मेगावाट का सौर ऊर्जा संयंत्र भी लगाया जाएगा
  • आईटी क्षेत्र में 600 करोड़ रुपए का निवेश
  • स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में 700 करोड़ रुपए का निवेश
SI, ASI समेत 121 पुलिसकर्मियों का हुआ तबादला, देखें लिस्ट

राजनांदगांव- जिला पुलिस विभाग में बड़ा फेरबदल हुआ है। पुलिस अधीक्षक कार्यालय ने बुधवार को जिले में पदस्थ 121 पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों के तबादले का आदेश जारी किया है। इनमें आरक्षक, पुरुष और महिला प्रधान आरक्षक, उप निरीक्षक और सहायक उप निरीक्षकों का नाम शामिल है।

देखें लिस्ट –