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बीजेपी आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय के खिलाफ बेंगलुरु में एफआईआर, राहुल गांधी को लेकर किया था ट्वीट

#fir_against_bjp_it_cell_chief_amit_malviya_for_tweeting_about_rahul_gandhi

कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में बीजेपी आईटी सेल के अध्यक्ष अमित मालवीय के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। कांग्रेस कार्यकर्ता रमेश बाबू ने ये एफआईआर राहुल गांधी के खिलाफ किए गए ट्वीट के बाद की है।मालवीय पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने राहुल को हिंदू संस्कृति और भारत के खिलाफ दिखाया है। साथ ही इसमें ये भी कहा गया है कि बीजेपी नेता मालवीय की तरफ से राहुल गांधी के भाषण में बदलाव कर झूठ परोसने का काम किया है।

अमित मालवीय के खिलाफ कांग्रेस नेता रमेश बाबू ने शिकायत दर्ज कराई है। इस शिकायत में कहा गया है कि जो वीडियो ट्वीट किया गया है वह सामाजिक अन्याय के खिलाफ है। उन्होंने राहुल गांधी, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और अंतरराष्ट्रीय मीडिया के बीच एक संबंध दिखाया है। वीडियो में उन्होंने दिखाया है कि कांग्रेस सिर्फ अल्पसंख्यकों का समर्थन करती है।शिकायत में कहा गया है, "ट्वीट में राहुल गांधी के भाषणों में बदलाव किया गया है और बताया गया है कि वो समाज को बांटना चाहते हैं और समाज में नफरत फैलाना चाहते हैं। इससे राहुल गांधी और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की छवि धूमिल हुई है और समाज में उनके सम्मान को नुकसान पहुंचा है। इसलिए हम अमित मालवीय और अन्य के खिलाफ कानून के तहत कार्रवाई करने का अनुरोध करते हैं।

बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख ने 17 जून को अपने ट्विटर हैंडल से राहुल गांधी को लेकर एक एनिमेटेड वीडियो शेयर किया था। वीडियो को शेयर करते हुए मालवीय ने राहुल को खतरनाक बताते हुए कहा था कि वो घातक खेल खेल रहे हैं।करीब ढाई मिनट के वीडियो में राहुल गांधी पर इंटरनेशनल मीडिया को अपना मोहरा बनाने का आरोप लगाया था।मालवीय ने वीडियो में राहुल गांधी की ओर से भारत और देश के मुसलमानों को लेकर की गई टिप्पणियों का भी जिक्र किया है। इसके साथ-साथ राहुल की ओर से नए संसद भवन के उद्घाटन के अवसर पर पीएम मोदी की ओर से पवित्र सेंगोल को साष्टांग प्रणाम को लेकर विदेश में की गई टिप्पणियों को भी शामिल किया गया है। 

अमित मालवीय के इस ट्वीट पर कई कांग्रेस नेताओं ने आपत्ति दर्ज की थी, जिसके बाद अब पुलिस में इसकी शिकायत दर्ज कराई गई है।इससे पहले कर्नाटक सरकार में मंत्री प्रियांक खरगे ने भी बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और आईटी सेल प्रभारी अमित मालवीय और चंडीगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष अरुण सूद के खिलाफ पुलिस में शिकायत की थी। खरगे का आरोप था कि बीजेपी के तीनों पदाधिकारी कांग्रेस नेताओं को बदनाम करने के लिए झूठी, दुर्भावनापूर्ण और भड़काऊ सामग्री फैलाते रहते हैं। उन्होंने शिकायती पत्र में लिखा था कि यह समाज के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने, अपने समर्थकों को उकसाने और भड़काने के इरादे से बयानबाजी करते हैं।

मणिपुर में पुलिस थानों से लूटे गए हथियार कार्बाइन, पिस्तौल और गोला-बारूद को बेचते हुए दबोचे गए 4 आर्म्स स्मगलर

मणिपुर में 3 मई को भड़की हिंसा के दौरान उग्रवादियों, उपद्रवियों और भीड़ ने विभिन्न पुलिस स्टेशनों और सुरक्षा चौकियों से हजारों हथियार और लाखों गोला-बारूद लूट लिया था और अब आर्म्स स्मगलर इन्हें चोरी से तस्करी करके बेच रहे हैं। कैरांग अवांग लेइका और खोमिदोक के पास 4 हथियार तस्करों को पकड़ा गया। पूछताछ करने पर उन्होंने बताया कि वे पुलिस से चुराए गए हथियार और गोला-बारूद बेच रहे थे।

संयुक्त सुरक्षा बलों ने मणिपुर में अब तक लूटे गए 1,100 हथियार, विभिन्न प्रकार के गोला-बारूद के 13,702 टुकड़े और 250 जिंदा बम बरामद किए हैं।

इंफाल पूर्व के पुलिस अधीक्षक शिवकांत सिंह ने कहा, आज सुबह कैरांग अवांग लेइका और खोमिदोक के पास 4 हथियार तस्करों को पकड़ा गया। पूछताछ करने पर उन्होंने बताया कि वे पुलिस से चुराए गए हथियार और गोला-बारूद बेच रहे थे। एक 9 मिमी कार्बाइन, एक .22 पिस्तौल, दो 5.56 मिमी इंसास मैगजीन, एक 303 एलएमजी मैगजीन, 21 संख्या में 7.62 मिमी गोला बारूद और 2.5 लाख रुपये नकद जब्त हुए हैं।

सुरक्षाबलों ने मंगलवार को कोहिमा में हिंसा प्रभावित मणिपुर की ओर जा रहे एक वाहन को रोका। वाहन में से भारी संख्या में हथियार, गोला-बारूद, विस्फोटक और अन्य युद्ध जैसे सामान बरामद किए। रक्षा सूत्रों ने कहा कि नागालैंड के रास्ते मणिपुर में हथियारों, विस्फोटकों और अन्य युद्ध जैसे सामान की तस्करी के प्रयासों के संबंध में विशिष्ट खुफिया इनपुट मिला था, जिस पर कार्रवाई करते हुए, असम राइफल्स और नागालैंड पुलिस का एक संयुक्त अभियान सोमवार शाम को शुरू किया गया और हथियार, गोला-बारूद, विस्फोटक जब्त किए गए।

रक्षा विज्ञप्ति में कहा गया है कि सरक्षाबलों ने शत्रु तत्वों द्वारा एक बड़ी घटना के प्रयास को विफल कर दिया। रक्षा पीआरओ ने कहा कि ऑपरेशन के विस्तृत विवरण की प्रतीक्षा है क्योंकि तलाशी अभियान जारी है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मणिपुर में सुरक्षाबलों ने सुरक्षा उपायों को कड़ा करने और संदिग्ध वाहनों की तलाशी लेने के लिए विभिन्न जिलों में सौ से अधिक चौकियां भी स्थापित कीं।

बीजेपी आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय के खिलाफ बेंगलुरु में एफआईआर, राहुल गांधी को लेकर किया था ट्वीट
कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में बीजेपी आईटी सेल के अध्यक्ष अमित मालवीय के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। कांग्रेस कार्यकर्ता रमेश बाबू ने ये एफआईआर राहुल गांधी के खिलाफ किए गए ट्वीट के बाद की है।मालवीय पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने राहुल को हिंदू संस्कृति और भारत के खिलाफ दिखाया है। साथ ही इसमें ये भी कहा गया है कि बीजेपी नेता मालवीय की तरफ से राहुल गांधी के भाषण में बदलाव कर झूठ परोसने का काम किया है। अमित मालवीय के खिलाफ कांग्रेस नेता रमेश बाबू ने शिकायत दर्ज कराई है। इस शिकायत में कहा गया है कि जो वीडियो ट्वीट किया गया है वह सामाजिक अन्याय के खिलाफ है। उन्होंने राहुल गांधी, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और अंतरराष्ट्रीय मीडिया के बीच एक संबंध दिखाया है। वीडियो में उन्होंने दिखाया है कि कांग्रेस सिर्फ अल्पसंख्यकों का समर्थन करती है।शिकायत में कहा गया है, "ट्वीट में राहुल गांधी के भाषणों में बदलाव किया गया है और बताया गया है कि वो समाज को बांटना चाहते हैं और समाज में नफरत फैलाना चाहते हैं। इससे राहुल गांधी और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की छवि धूमिल हुई है और समाज में उनके सम्मान को नुकसान पहुंचा है। इसलिए हम अमित मालवीय और अन्य के खिलाफ कानून के तहत कार्रवाई करने का अनुरोध करते हैं। बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख ने 17 जून को अपने ट्विटर हैंडल से राहुल गांधी को लेकर एक एनिमेटेड वीडियो शेयर किया था। वीडियो को शेयर करते हुए मालवीय ने राहुल को खतरनाक बताते हुए कहा था कि वो घातक खेल खेल रहे हैं।करीब ढाई मिनट के वीडियो में राहुल गांधी पर इंटरनेशनल मीडिया को अपना मोहरा बनाने का आरोप लगाया था।मालवीय ने वीडियो में राहुल गांधी की ओर से भारत और देश के मुसलमानों को लेकर की गई टिप्पणियों का भी जिक्र किया है। इसके साथ-साथ राहुल की ओर से नए संसद भवन के उद्घाटन के अवसर पर पीएम मोदी की ओर से पवित्र सेंगोल को साष्टांग प्रणाम को लेकर विदेश में की गई टिप्पणियों को भी शामिल किया गया है। अमित मालवीय के इस ट्वीट पर कई कांग्रेस नेताओं ने आपत्ति दर्ज की थी, जिसके बाद अब पुलिस में इसकी शिकायत दर्ज कराई गई है।इससे पहले कर्नाटक सरकार में मंत्री प्रियांक खरगे ने भी बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और आईटी सेल प्रभारी अमित मालवीय और चंडीगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष अरुण सूद के खिलाफ पुलिस में शिकायत की थी। खरगे का आरोप था कि बीजेपी के तीनों पदाधिकारी कांग्रेस नेताओं को बदनाम करने के लिए झूठी, दुर्भावनापूर्ण और भड़काऊ सामग्री फैलाते रहते हैं। उन्होंने शिकायती पत्र में लिखा था कि यह समाज के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने, अपने समर्थकों को उकसाने और भड़काने के इरादे से बयानबाजी करते हैं।
बीजेपी आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय के खिलाफ बेंगलुरु में एफआईआर, राहुल गांधी को लेकर किया था ट्वीट
कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में बीजेपी आईटी सेल के अध्यक्ष अमित मालवीय के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। कांग्रेस कार्यकर्ता रमेश बाबू ने ये एफआईआर राहुल गांधी के खिलाफ किए गए ट्वीट के बाद की है।मालवीय पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने राहुल को हिंदू संस्कृति और भारत के खिलाफ दिखाया है। साथ ही इसमें ये भी कहा गया है कि बीजेपी नेता मालवीय की तरफ से राहुल गांधी के भाषण में बदलाव कर झूठ परोसने का काम किया है। अमित मालवीय के खिलाफ कांग्रेस नेता रमेश बाबू ने शिकायत दर्ज कराई है। इस शिकायत में कहा गया है कि जो वीडियो ट्वीट किया गया है वह सामाजिक अन्याय के खिलाफ है। उन्होंने राहुल गांधी, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और अंतरराष्ट्रीय मीडिया के बीच एक संबंध दिखाया है। वीडियो में उन्होंने दिखाया है कि कांग्रेस सिर्फ अल्पसंख्यकों का समर्थन करती है।शिकायत में कहा गया है, "ट्वीट में राहुल गांधी के भाषणों में बदलाव किया गया है और बताया गया है कि वो समाज को बांटना चाहते हैं और समाज में नफरत फैलाना चाहते हैं। इससे राहुल गांधी और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की छवि धूमिल हुई है और समाज में उनके सम्मान को नुकसान पहुंचा है। इसलिए हम अमित मालवीय और अन्य के खिलाफ कानून के तहत कार्रवाई करने का अनुरोध करते हैं। बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख ने 17 जून को अपने ट्विटर हैंडल से राहुल गांधी को लेकर एक एनिमेटेड वीडियो शेयर किया था। वीडियो को शेयर करते हुए मालवीय ने राहुल को खतरनाक बताते हुए कहा था कि वो घातक खेल खेल रहे हैं।करीब ढाई मिनट के वीडियो में राहुल गांधी पर इंटरनेशनल मीडिया को अपना मोहरा बनाने का आरोप लगाया था।मालवीय ने वीडियो में राहुल गांधी की ओर से भारत और देश के मुसलमानों को लेकर की गई टिप्पणियों का भी जिक्र किया है। इसके साथ-साथ राहुल की ओर से नए संसद भवन के उद्घाटन के अवसर पर पीएम मोदी की ओर से पवित्र सेंगोल को साष्टांग प्रणाम को लेकर विदेश में की गई टिप्पणियों को भी शामिल किया गया है। अमित मालवीय के इस ट्वीट पर कई कांग्रेस नेताओं ने आपत्ति दर्ज की थी, जिसके बाद अब पुलिस में इसकी शिकायत दर्ज कराई गई है।इससे पहले कर्नाटक सरकार में मंत्री प्रियांक खरगे ने भी बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और आईटी सेल प्रभारी अमित मालवीय और चंडीगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष अरुण सूद के खिलाफ पुलिस में शिकायत की थी। खरगे का आरोप था कि बीजेपी के तीनों पदाधिकारी कांग्रेस नेताओं को बदनाम करने के लिए झूठी, दुर्भावनापूर्ण और भड़काऊ सामग्री फैलाते रहते हैं। उन्होंने शिकायती पत्र में लिखा था कि यह समाज के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने, अपने समर्थकों को उकसाने और भड़काने के इरादे से बयानबाजी करते हैं।
फिल्म आदिपुरुष' के संवाद लेखक मनोज मुंतशिर की बढ़ी मुश्किलें,

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जारी किया नोटिस, पूछा, आप आने वाली पीढ़ियों को क्या सिखाना चाहते हैं?


 इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मंगलवार को 'आदिपुरुष' के संवाद लेखक मनोज मुंतशिर शुक्ला को फिल्म की स्क्रीनिंग पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका में प्रतिवादी के रूप में शामिल करने के आवेदन को अनुमति दे दी। इसके अलावा कोर्ट ने मुंतशिर शुक्ला को भी नोटिस जारी किया। हाई कोर्ट ने केंद्र से यह भी पूछा है कि सिनेमैटोग्राफ एक्ट 1952 के तहत क्या कार्रवाई की जा सकती है। अब इस मामले में अगली सुनवाई बुधवार को है।

इलाहाबाद HC ने सेंसर बोर्ड और आदिपुरुष के निर्माताओं को लगाई कड़ी फटकार

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, इससे पहले सोमवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने सेंसर बोर्ड और आदिपुरुष के निर्माताओं को कड़ी फटकार लगाई थी। 'आदिपुरुष' में कुछ विवादास्पद संवादों के बारे में एक याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने पूछा कि सेंसर बोर्ड क्या करता रहता है? आप आने वाली पीढ़ियों को क्या सिखाना चाहते हैं? कोर्ट ने सुनवाई के दौरान निर्माता, निर्देशक और अन्य पक्षों की अनुपस्थिति पर भी सवाल उठाए। याचिका वकील कुलदीप तिवारी ने दायर की है।

आदिपुरुष के कुछ डायलॉग्स को लेकर निर्माताओं की हुई है आलोचना

बता दें कि ओम राउत द्वारा निर्देशित, 'आदिपुरुष', जो महाकाव्य रामायण का रूपांतरण है कि रिलीज के बाद भारी आलोचना हुई है। आलोचकों से लेकर समीक्षकों तक कई लोगों ने फिल्म के कुछ संवादों पर संदेह व्यक्त किया। जिन डायलॉग्स को लेकर निर्माताओं की आलोचना हुई है। उनमें 'मरेगा बेटे', 'बुआ का बगीचा हैं क्या' और 'जलेगी तेरे बाप की' शामिल हैं। फिल्म में प्रभास भगवान राम, कृति देवी सीता, सनी सिंह लक्ष्मण और सैफ अली खान रावण की भूमिका में हैं। ऑनलाइन आक्रोश और नकारात्मक समीक्षाओं के बावजूद, 'आदिपुरुष' के निर्माताओं ने संवादों को नया रूप दिया।

उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड के ड्राफ्ट को दिया जा रहा है अंतिम रूप, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, फाइनल होते ही सरकार समान नागरिक संहिता को राज्य में लागू करेगी


समान नागरिक संहिता पूरे देश में उत्तराखंड की पहल पर लागू होने जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंगलवार को भोपाल में दिए गए संबोधन से इसके पुख्ता संकेत मिले हैं। उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का ड्राफ्ट बनाने के लिए गठित समिति इन दिनों इसे अंतिम रूप देने में जुटी है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि फाइनल ड्राफ्ट आते ही सरकार समान नागरिक संहिता को राज्य में लागू कर देगी। इससे यह भी स्पष्ट हो रहा है कि धामी सरकार द्वारा की गई पहल में केंद्र की सहमति सम्मिलित थी। समान नागरिक संहिता का विषय भाजपा के एजेंडे में सबसे ऊपर रहा है। वर्ष 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में प्रदेश भाजपा ने अपने दृष्टिपत्र में इसे प्रमुख स्थान दिया था।

पांच सदस्यीय विशेषज्ञ समिति कर रही काम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी चुनावी भाषणों में कहा था कि राज्य में भाजपा की सरकार बनने पर यहां समान नागरिक संहिता लागू की जाएगी। सत्ता में आने के बाद उन्होंने इस दिशा में कदम बढ़ाया। धामी सरकार ने समान नागरिक संहिता का प्रारूप तैयार करने के लिए जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई (सेनि) की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का गठन किया। यह समिति आम जन के साथ ही अल्पसंख्यक समुदाय, प्रदेश की विभिन्न जनजातियों व महिलाओं के साथ बैठक कर उनके सुझाव ले चुकी है।

ड्राफ्ट को दिया जा रहा है अंतिम रूप

सीएम धामी ने कहा कि समाज के सभी वर्गों और समुदायों ने खुले मन से अपनी बात समिति के समक्ष रखते हुए सुझाव दिए हैं। प्रदेश सरकार समिति का कार्यकाल दो बार बढ़ा चुकी है। अभी कार्यकाल सितंबर तक के लिए बढ़ाया गया है। समिति को ढाई लाख से अधिक सुझाव मिले हैं और वह ड्राफ्ट को अंतिम रूप दे रही है। अब विधि आयोग (लॉ कमीशन) भी पूरे देश में समान नागरिक संहिता के लिए जनता से विचार विमर्श कर रही है।

देश की नजरें उत्तराखंड पर टिकी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को अपने संबोधन में कहा कि सुप्रीम कोर्ट इसके निर्देश दे चुकी है। गृह मंत्री राजनाथ सिंह भी इसके लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सराहना कर चुके हैं। जाहिर है कि ऐसे में पूरे देश की नजरें उत्तराखंड पर टिक गई हैं। समझा जा रहा है कि उत्तराखंड में लागू होने वाली समान नागरिक संहिता में इससे जुड़े विभिन्न पहलू शामिल किए जाएंगे और इसे मॉडल के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा। इससे केंद्र के साथ ही दूसरे राज्यों के लिए भी राह आसान होगी।

जल्द लागू होगा समान नागरिक संहिता

ऐसे में प्रदेश सरकार जल्द से जल्द इसे लागू करने के प्रयास में जुट गई है। माना जा रहा है कि समिति की रिपोर्ट मिलने के बाद प्रदेश सरकार इसमें आवश्यकतानुसार कुछ संशोधन के साथ विधानसभा से विधेयक पारित कराने के बाद सरकार समान नागरिक संहिता लागू कर देगी। स्वयं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को ट्वीट कर कहा कि समिति का फाइनल ड्राफ्ट आते ही सरकार राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करने जा रही है।

यूसीसी पर पीएम मोदी के बयान के बाद गरमाई राजनीति, सरकार को घेरने में जुटा विपक्ष, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने भी बुला ली बैठक

#oppositiononpmmodiuniformcivilcode_statement

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भोपाल में बीजेपी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया जहां उन्होंने यूनिफॉर्म सिविल कोड के मुद्दे पर बड़ा बयान दिया।पीएम मोदी के यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) को लेकर दिए गए बयान के बाद देशभर में सियासत शुरू हो गई है।कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल पीएम मोदी पर हमला बोल रहे हैं। विपक्षी दल कांग्रेस और उसकी सहयोगी डीएमके ने जोरदार सवाल उठाए हैं। तमिलनाडु की सत्तारूढ़ पार्टी ने तर्क दिया था कि पहले हिंदुओं के लिए एक समान संहिता लागू की जानी चाहिए।वहीं आरजेडी और तृणमूल कांग्रेस भी यूसीसी के मुद्दे पर सरकार को घेरने में लगी है।विपक्षी दलों के साथ-साथ मुस्लिम संगठनों में भी खलबली मच गई है। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने आनन-फानन में देर रात इमर्जेंसी मीटिंग की।

परिवार की तुलना एक देश से करना ठीक नहीं-चिदंबरम

यूसीसी पर पीएम मोदी के बयान के बाद कांग्रेस के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम की प्रतिक्रिया सामने आई है। चिदंबरम ने कहा कि समान नागरिक संहिता को उचित ठहराने के लिए एक परिवार की तुलना एक देश से करना ठीक नहीं है।कांग्रेस नेता ने ट्वीट करते हुए कहा, एक परिवार में खून के रिश्ते होते हैं जिससे सभी एक सूत्र में बंधे होते हैं जबकि एक राष्ट्र को संविधान के जरिए एक साथ लाया जाता है जो कि एक राजनीतिक-कानूनी दस्तावेज है। एक परिवार में भी विविधता होती, देश के संविधान ने भारत के लोगों के बीच विविधता को मान्यता दी है। जहां तक बात समान नागरिक संहिता की है तो यह एक आकांक्षा है। इसे एजेंडा चलाने वाली सरकार द्वारा लोगों पर थोपा नहीं जा सकता है।

पहले हिंदुओं पर लागू हो समान नागरिक संहिता- डीएमके

इस कड़ी में कांग्रेस की यूपीए सहयोगी पार्टी डीएमके ने सवाल उठाते हुए कहा कि पहले हिंदुओं पर लागू हो समान नागरिक संहिता। डीएमके ने कहा कि सभी जातियों के लोगों को मंदिरों में प्रार्थना करने की अनुमति होनी चाहिए। साथ ही कहा कि अनुसूचित जाति और जनजाति सहित देश के प्रत्येक व्यक्ति को देश के किसी भी मंदिर में पूजा करने की अनुमति होनी चाहिए। डीएमके के टीकेएस एलंगोवन ने कहा कि हम यूसीसी (समान नागरिक संहिता) इसलिए नहीं चाहते क्योंकि संविधान ने हर धर्म को सुरक्षा दी है।

मुस्लिम संगठनों में भी खलबली

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से यूनिफॉर्म सिविल कोड की जोरदार पैरवी से विपक्षी दलों के साथ-साथ मुस्लिम संगठनों में भी खलबली मच गई है। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने आनन-फानन में देर रात इमर्जेंसी मीटिंग की। करीब 3 घंटे चली बैठक में तय किया गया कि इस मुद्दे पर लॉ कमिशन को एक ड्राफ्ट तैयार करके भेजा जाएगा। ऑनलाइन हुई मीटिंग में प्रस्तावित कानून का विरोध करने की रणनीति पर चर्चा हुई। मीटिंग में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष सैफुल्लाह रहमानी, मौलाना खालिद राशिद फिरंगी महली समेत कई सदस्य और वकील शामिल हुए। बैठक में इस बात पर सहमति बनी कि बोर्ड लॉ कमिशन के सामने समान नागरिक संहिता का पुरजोर विरोध करेगा। बैठक में कमिशन के सामने पेश किए जाने वाले ड्राफ्ट और डॉक्युमेंट को भी अंतिम रूप दिया गया

पीएम मोदी ने यूसीसी को लेकर क्या कहा?

बता दें कि पीएम मोदी ने मंगलवार को भोपाल में कहा कि यूसीसी पर विपक्षी दल लोगों को भड़का रहा है। एक ही घर में दो कानून कैसे हो सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट भी बार-बार कह चुका है कि यूसीसी लाओ, लेकिन विपक्षी दल वोट बैंक के लिए इसका विरोध कर रहे हैं। यूसीसी का जिक्र संविधान में भी किया गया है। उन्होंने कहा कि बीजेपी तुष्टीकरण का रास्ता नहीं अपनाएगी और वोट बैंक की राजनीति नहीं करेगी।

India

Roadblock in Tanzania

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कोविड जंबो सेंटर घोटाला: तीन गुना अधिक कीमत में खरीदे गए बॉडी बैग, 25-30 प्रतिशत अधिक दरों पर ली गई दवाएं, गड़बड़ी से जुड़े चैट हाथ लगे

#covidjumbocentres_scam 

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कोविड जंबो सेंटर घोटाले की जांच कर रही है। कथित 38 करोड़ रुपये के कोविड जंबो सेंटर घोटाले की जांच के क्रम में ईडी ने खुलासा किया है कि एक प्रमुख कंपनी जो मृत कोविड-19 रोगियों के लिए बॉडी बैग की आपूर्ति कर रही थी, उसने बृह्नमुंबई महानगर पालिका बीएमसी को 6,800 रुपये प्रति बैग की दर से बैग की आपूर्ति की थी। यह राशि इसी अवधि के दौरान निजी अस्पतालों सहित अन्य से ली गई कीमत से तीन गुना अधिक थी।जांच में गया है कि 2000 रुपये का बॉडी बैग 6800 में खरीदी गई।

तत्कालीन मेयर किशोरी पेडनेकर की भूमिका की हो रही जांच

एजेंसी की जांच से यह भी पता चला है कि बीएमसी के वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा मुंबई की तत्कालीन मेयर किशोरी पेडनेकर ने भी कथित तौर पर इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और उनके निर्देश पर ही उक्त इकाई को ठेका दिया गया था, जो अब जांच के दायरे में है।

दवाएं बाजार कीमतों से 25-30 प्रतिशत अधिक दरों पर खरीदी गईं

बीएमसी संचालित अस्पतालों में कोविड-19 के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली रेमडेसिविर सहित अन्य दवाएं भी बाजार कीमतों से 25-30 प्रतिशत अधिक दरों पर खरीदी गईं। सूत्र ने कहा कि भारी अनियमितताएं सामने आने के बाद भी बीएमसी के वरिष्ठ अधिकारियों के आग्रह पर खरीददारी जारी रही।

धन के दुरुपयोग के लिए 200 से अधिक डॉक्टरों के नामों का गलत इस्तेमाल

सूत्रों में मुताबिक ईडी की जांच में ये भी सामने आया है कि लाइफलाइन जंबो कोविड सेंटर में डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ की तैनाती बीएमसी की बिलिंग में दिखाई गई तैनाती से 60-65% कम थी। बिलिंग के लिए कंपनी उन डॉक्टरों के नाम उपलब्ध कर रही थी, जो लाइफलाइन जंबो कोविड सेंटर के संबंधित कोविड केंद्रों पर गलत तरीके से काम कर रहे थे या फिर काम ही नहीं कर रहे थे।सूत्र ने कहा, धन के दुरुपयोग के लिए 200 से अधिक डॉक्टरों के नामों का गलत इस्तेमाल किया गया। जांच के दौरान ईडी ने ईमेल के जरिये इन डॉक्टरों से संपर्क किया और उनके बयान दर्ज किए।

150 करोड़ रुपये से अधिक की 50 संपत्तियों के दस्तावेज मिले

बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय ने बीएमसी कोविड घोटाला मामले में बुधवार को 15 स्थानों पर छापे मारे। अधिकारियों ने बताया कि जिन अन्य स्थलों पर तलाशी ली गई उनमें भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी संजीव जायसवाल और शिवसेना (यूबीटी) के पदाधिकारी सूरज चव्हाण से जुड़े स्थल शामिल हैं। जिसमें 150 करोड़ रुपये से अधिक की 50 संपत्तियों के दस्तावेज, 15 करोड़ रुपये की सावधि जमा और निवेश, 68.65 लाख रुपये नकद और 2.46 करोड़ रुपये के आभूषण जब्त किए गए हैं। 

ईडी को मिले सुजीत पाटकर और सूरज चव्हाण के चैट

इसके अलावा ईडी को चव्हाण के मोबाइल से सुजीत पाटकर और सूरज चव्हाण के साथ लाइफ लाइन हॉस्पिटल मैनेजमेंट सर्विसेज कंपनी को ठेका देने और अन्य चीजों के बारे में बातचीत से जुड़े चैट मिले। ईडी जल्द ही सूरज चव्हाण को पूछताछ के लिए तलब करेगी। ईडी ने कथित कोविड घोटाला मामले में पूछताछ के लिए आईएएस अधिकारी संजीव जायसवाल को गुरुवार को पेश होने के लिए समन जारी किया था।

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मध्य प्रदेश के मंदसौर में एक हिंदू युवती के दूसरे समुदाय के युवक से प्रेम विवाह से नाराज पिता ने जिंदा बेटी को कफन ओढ़ा दिया। पिता ने कहा कि अब बेटी उनके लिए और उनके परिवार के लिए मर गई है। अब उससे उन

मुस्लिम युवक से शादी करने पर पिता ने तोड़े सारे रिश्ते, जिंदा बेटी को थाने में कफन ओढ़ाया
मध्य प्रदेश के मंदसौर में एक हिंदू युवती के दूसरे समुदाय के युवक से प्रेम विवाह से नाराज पिता ने जिंदा बेटी को कफन ओढ़ा दिया। पिता ने कहा कि अब बेटी उनके लिए और उनके परिवार के लिए मर गई है। अब उससे उनका कोई रिश्ता नहीं है।ये सारा वाकया हुआ पुलिस के सामने थाने में। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। दरअसल, लड़की ने मुस्लिम युवक से लव मैरिज कर ली। परिवार ने उसे पुलिस की मौजूदगी में घर लौटने के लिए समझाया, लेकिन उसने अपने पति के साथ ही रहने की इच्छा जताई। बेटी का जवाब सुनकर पिता ने उससे सारे रिश्ते खत्म कर दिए।पूरा मामला मंदसौर जिले के नाहरगढ़ थाने का है। थाना क्षेत्र के कयामपुर गांव में रहने वाली एक हिंदू युवती डेढ़ साल पहले अपने एक मुस्लिम युवक के साथ घर से भाग गई थी। फिर उसने मुस्लिम मित्र से निकाह कर इस्लाम धर्म अपना लिया था। उधर, युवती के पिता ने नाहरगढ़ थाने में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज करवाई थी। पुलिस ने तलाश की तो पता चला कि युवती निकाह के बाद अब अपने शौहर संग मुंबई में रहने लगी है। पुलिस ने लड़की का पता लगाया और बयान लेने के लिए उसे थाने बुलाया था। रविवार को जब युवती थाने पहुंची, तो परिजनों ने उससे प्रेम विवाह का बंधन तोड़कर वापस घर लौटने की गुहार लगाई। लेकिन जब बेटी नहीं मानी, तो परिजनों ने नाराज होकर थाने में ही युवती को कफन ओढ़ा कर माला पहना दी। सबसे आश्चर्य की बात यह है कि यह पूरा घटनाक्रम थाने में हुआ। जब इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो एसपी अनुराग सुजानिया ने एसआई जगदीश ठाकुर, आरक्षक महेंद्र और भावना नागदा को लाइन अटैच कर दिया। इस पूरे मामले को लेकर एसडीओपी नरेंद्र सोलंकी ने भी बताया कि थाने के भीतर लड़की पर कफन डालने के मामले में लापरवाही बरतने पर 2 आरक्षकों और एक एएसआई को लाइन हाजिर कर दिया है। साथ ही इस मामले की जांच जारी है।