यूसीसी पर पीएम मोदी के बयान के बाद गरमाई राजनीति, सरकार को घेरने में जुटा विपक्ष, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने भी बुला ली बैठक
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भोपाल में बीजेपी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया जहां उन्होंने यूनिफॉर्म सिविल कोड के मुद्दे पर बड़ा बयान दिया।पीएम मोदी के यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) को लेकर दिए गए बयान के बाद देशभर में सियासत शुरू हो गई है।कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल पीएम मोदी पर हमला बोल रहे हैं। विपक्षी दल कांग्रेस और उसकी सहयोगी डीएमके ने जोरदार सवाल उठाए हैं। तमिलनाडु की सत्तारूढ़ पार्टी ने तर्क दिया था कि पहले हिंदुओं के लिए एक समान संहिता लागू की जानी चाहिए।वहीं आरजेडी और तृणमूल कांग्रेस भी यूसीसी के मुद्दे पर सरकार को घेरने में लगी है।विपक्षी दलों के साथ-साथ मुस्लिम संगठनों में भी खलबली मच गई है। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने आनन-फानन में देर रात इमर्जेंसी मीटिंग की।
परिवार की तुलना एक देश से करना ठीक नहीं-चिदंबरम
यूसीसी पर पीएम मोदी के बयान के बाद कांग्रेस के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम की प्रतिक्रिया सामने आई है। चिदंबरम ने कहा कि समान नागरिक संहिता को उचित ठहराने के लिए एक परिवार की तुलना एक देश से करना ठीक नहीं है।कांग्रेस नेता ने ट्वीट करते हुए कहा, एक परिवार में खून के रिश्ते होते हैं जिससे सभी एक सूत्र में बंधे होते हैं जबकि एक राष्ट्र को संविधान के जरिए एक साथ लाया जाता है जो कि एक राजनीतिक-कानूनी दस्तावेज है। एक परिवार में भी विविधता होती, देश के संविधान ने भारत के लोगों के बीच विविधता को मान्यता दी है। जहां तक बात समान नागरिक संहिता की है तो यह एक आकांक्षा है। इसे एजेंडा चलाने वाली सरकार द्वारा लोगों पर थोपा नहीं जा सकता है।
पहले हिंदुओं पर लागू हो समान नागरिक संहिता- डीएमके
इस कड़ी में कांग्रेस की यूपीए सहयोगी पार्टी डीएमके ने सवाल उठाते हुए कहा कि पहले हिंदुओं पर लागू हो समान नागरिक संहिता। डीएमके ने कहा कि सभी जातियों के लोगों को मंदिरों में प्रार्थना करने की अनुमति होनी चाहिए। साथ ही कहा कि अनुसूचित जाति और जनजाति सहित देश के प्रत्येक व्यक्ति को देश के किसी भी मंदिर में पूजा करने की अनुमति होनी चाहिए। डीएमके के टीकेएस एलंगोवन ने कहा कि हम यूसीसी (समान नागरिक संहिता) इसलिए नहीं चाहते क्योंकि संविधान ने हर धर्म को सुरक्षा दी है।
मुस्लिम संगठनों में भी खलबली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से यूनिफॉर्म सिविल कोड की जोरदार पैरवी से विपक्षी दलों के साथ-साथ मुस्लिम संगठनों में भी खलबली मच गई है। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने आनन-फानन में देर रात इमर्जेंसी मीटिंग की। करीब 3 घंटे चली बैठक में तय किया गया कि इस मुद्दे पर लॉ कमिशन को एक ड्राफ्ट तैयार करके भेजा जाएगा। ऑनलाइन हुई मीटिंग में प्रस्तावित कानून का विरोध करने की रणनीति पर चर्चा हुई। मीटिंग में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष सैफुल्लाह रहमानी, मौलाना खालिद राशिद फिरंगी महली समेत कई सदस्य और वकील शामिल हुए। बैठक में इस बात पर सहमति बनी कि बोर्ड लॉ कमिशन के सामने समान नागरिक संहिता का पुरजोर विरोध करेगा। बैठक में कमिशन के सामने पेश किए जाने वाले ड्राफ्ट और डॉक्युमेंट को भी अंतिम रूप दिया गया
पीएम मोदी ने यूसीसी को लेकर क्या कहा?
बता दें कि पीएम मोदी ने मंगलवार को भोपाल में कहा कि यूसीसी पर विपक्षी दल लोगों को भड़का रहा है। एक ही घर में दो कानून कैसे हो सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट भी बार-बार कह चुका है कि यूसीसी लाओ, लेकिन विपक्षी दल वोट बैंक के लिए इसका विरोध कर रहे हैं। यूसीसी का जिक्र संविधान में भी किया गया है। उन्होंने कहा कि बीजेपी तुष्टीकरण का रास्ता नहीं अपनाएगी और वोट बैंक की राजनीति नहीं करेगी।
Jun 28 2023, 13:13