मोरहाबादी में 'सपनों की उड़ान': सीएम हेमन्त सोरेन ने 1910 सीजीएल अभ्यर्थियों को सौंपा नियुक्ति पत्र; कहा— "युवाओं के भविष्य से खेलने वाले जाएंगे


रांची | राजधानी रांची का मोरहाबादी मैदान आज हजारों युवाओं के उत्साह और मुस्कान का गवाह बना। मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने जेएसएससी सीजीएल-2023 परीक्षा के माध्यम से चयनित 1910 पदाधिकारियों और कर्मचारियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने स्पष्ट संदेश दिया कि राज्य में नियुक्तियों का सिलसिला पारदर्शी तरीके से जारी रहेगा।

साजिशें नाकाम, संघर्ष की हुई जीत

नियुक्ति पत्र वितरण समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सीजीएल परीक्षा को लेकर कई बाधाएं आईं और संगठित गिरोहों ने साजिश रचने की कोशिश की, लेकिन सरकार की नेक नियति और पारदर्शिता के कारण आज अभ्यर्थियों के संघर्ष की जीत हुई है। उन्होंने कहा, "इरादे नेक हों तो सफलता जरूर मिलती है। विरोधियों की हर साजिश को नाकाम कर हमने युवाओं को उनका हक दिया है।"

भ्रष्टाचारियों को कड़ी चेतावनी

मुख्यमंत्री ने कड़े शब्दों में चेतावनी देते हुए कहा कि जो कोई भी युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करेगा या परीक्षाओं में गड़बड़ी की साजिश रचेगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा और सीधा जेल भेजा जाएगा। उन्होंने नवनियुक्त कर्मियों से अपील की कि वे उसी मेहनत और निष्ठा से राज्य की सेवा करें, जिससे उन्होंने यह परीक्षा पास की है।

एक साल में 10 हजार से ज्यादा नियुक्तियां

सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि 2024 में सरकार गठन के बाद मात्र एक साल के भीतर 10 हजार से अधिक युवाओं को नियुक्ति पत्र दिए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार समाज के हर वर्ग—गरीब, किसान, मजदूर, आदिवासी, दलित और महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।

कर्मचारियों की सुरक्षा का ख्याल

सीएम ने घोषणा की कि सरकारी कर्मियों की सुरक्षा के लिए बैंकों के साथ एमओयू किया गया है, जिसके तहत दुर्घटना की स्थिति में 1 करोड़ रुपये की सहायता मिलेगी। यह सुविधा स्थायी कर्मियों के साथ-साथ अनुबंध कर्मियों के लिए भी लागू होगी।

भावुक कर देने वाली सफलता की कहानियां

मंच पर कई अभ्यर्थियों ने अपनी आपबीती सुनाई:

  • अनिल रजक (कोडरमा): पिता के देहांत के बाद ऑटो चलाकर परिवार पालने वाले अनिल ने संघर्ष जारी रखा और आज अधिकारी बने।
  • निशा तिग्गा: लंबे संघर्ष के बाद पारदर्शिता के साथ चयन होने पर मुख्यमंत्री का आभार जताया।

  • कविता पहाड़िया: संथाल क्षेत्र से आने वाली कविता ने नियुक्ति पत्र पाकर अपनी खुशी जाहिर की।

गरिमामय उपस्थिति

समारोह में मंत्री श्री राधा कृष्ण किशोर, दीपक बिरुवा, संजय प्रसाद यादव, शिल्पी नेहा तिर्की, विधायक कल्पना सोरेन, राज्यसभा सांसद महुआ माजी, मुख्य सचिव अविनाश कुमार और पुलिस महानिदेशक तदाशा मिश्रा सहित कई वरीय अधिकारी और विधायक उपस्थित थे।


हौसलों की उड़ान: ट्रिपल आईटी (IIIT) रांची की सबसे कम उम्र की आदिवासी पीएचडी स्कॉलर सविता कच्छप को सीएम ने किया सम्मानित

रांची | 30 दिसंबर 2025: मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने आज मुख्यमंत्री आवासीय कार्यालय में ट्रिपल आईटी (IIIT), रांची में चयनित आदिवासी छात्रा सुश्री सविता कच्छप से मुलाकात की। सविता ने मात्र 24 वर्ष की उम्र में पीएचडी (Ph.D.) के लिए चयनित होकर आदिवासी समुदाय में सबसे कम उम्र की शोधार्थी होने का गौरव हासिल किया है।

2 लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की

मुख्यमंत्री ने सविता की इस असाधारण उपलब्धि पर उन्हें हार्दिक बधाई दी और उनकी उच्च शिक्षा एवं शोध कार्यों में सहायता के लिए राज्य सरकार की ओर से 2 लाख रुपये का चेक उनके परिजनों को सौंपा। मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया कि राज्य सरकार सविता के शोध कार्यों में भविष्य में भी हरसंभव मदद करेगी।

सविता की उपलब्धियां: तकनीकी क्षेत्र में पहली ट्राइबल रिसर्च स्कॉलर

मुलाकात के दौरान सविता ने मुख्यमंत्री को अपनी उपलब्धियों से अवगत कराया:

सबसे कम उम्र की शोधार्थी: 24 वर्ष की उम्र में पीएचडी (इलेक्ट्रिक कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग) हेतु चयन।

तकनीकी गौरव: वे तकनीकी क्षेत्र में पहली 'ट्राइबल रिसर्च स्कॉलर' भी हैं।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान: उन्होंने प्रतिष्ठित IEEE में अंतरराष्ट्रीय 'नॉवेल्टी रिसर्च वर्क' भी प्रेजेंट किया है।

साधारण पृष्ठभूमि, असाधारण लक्ष्य

रांची के डूंगरी टोली (अरगोड़ा) की रहने वाली सविता वर्तमान में मधुकम स्थित अपनी नानी के घर रहकर पढ़ाई कर रही हैं। उनकी इस सफलता ने साबित कर दिया है कि सीमित संसाधनों के बावजूद अगर लक्ष्य बड़ा हो, तो सफलता कदम चूमती है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा, "सविता जैसे युवा राज्य की असली शक्ति हैं। जनजातीय समुदाय की बेटियों का तकनीकी क्षेत्र में आगे बढ़ना झारखंड के उज्ज्वल भविष्य का संकेत है।"

पेसा नियमावली को लेकर राज्य सरकार पर पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास का हमला।

भाजपा प्रदेश कार्यालय में आयोजित एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने राज्य सरकार द्वारा बनाई गई पेसा (पंचायत विस्तार अनुसूचित क्षेत्र) अधिनियम की नियमावली पर गंभीर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ओर से तैयार की गई यह नियमावली पेसा अधिनियम, 1996 के मूल प्रावधानों और भावना के बिल्कुल विपरीत है।

श्री दास ने कहा कि समाचार पत्रों में प्रकाशित जानकारी के अनुसार सरकार ने ग्राम सभा की परिभाषा में परंपरागत जनजातीय व्यवस्था और रूढ़िगत नेतृत्व को सीमित कर दिया है। जबकि अनुसूचित क्षेत्रों में ग्राम सभा की परिकल्पना परंपरागत रीति-रिवाजों और सामाजिक संरचना के अनुरूप की गई है। उन्होंने विभिन्न जनजातीय समुदायों की परंपरागत ग्राम नेतृत्व व्यवस्था का उल्लेख करते हुए कहा कि संथाल समुदाय में मांझी-परगना, हो समुदाय में मुंडा-मानकी-दिउरी, खड़िया समुदाय में ढोकलो-सोहोर, मुंडा समुदाय में हातु मुंडा, पड़हा राजा, पाहन, उरांव समुदाय में महतो, पड़हावेल (राजा), पाहन तथा भूमिज समुदाय में मुंडा, सरदार, नापा और डाकुआ जैसे पारंपरिक पदों को सदियों से मान्यता प्राप्त है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि पेसा अधिनियम 1996 की धारा 4(क), 4(ख), 4(ग) और 4(घ) में स्पष्ट रूप से यह प्रावधान है कि ग्राम सभा का गठन, संचालन और प्रतिनिधित्व जनजातीय समुदायों की परंपराओं, रूढ़ियों, सामाजिक-धार्मिक प्रथाओं और संसाधनों के पारंपरिक प्रबंधन के अनुरूप होगा। लेकिन राज्य सरकार द्वारा बनाई गई नियमावली में इन प्रावधानों को नजरअंदाज कर दिया गया है।

उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि क्या नई नियमावली के तहत ग्राम सभा की अध्यक्षता ऐसे लोगों को दी जाएगी जो परंपरागत जनजातीय व्यवस्था से नहीं आते या जो संबंधित समुदाय और परंपरा से भिन्न पृष्ठभूमि रखते हैं। इस पर स्थिति स्पष्ट नहीं की गई है, जो गंभीर चिंता का विषय है।

श्री दास ने कहा कि पेसा कानून के तहत ग्राम सभा को लघु खनिजों, बालू घाटों, वन उत्पादों और जल स्रोतों जैसे सामूहिक संसाधनों पर पूर्ण प्रबंधन और नियंत्रण का अधिकार दिया गया है। उन्होंने पूछा कि क्या वास्तव में इन संसाधनों पर ग्राम सभा को अधिकार मिलेगा या फिर सरकार का नियंत्रण पूर्व की भांति बना रहेगा।

प्रेस वार्ता के अंत में पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार कैबिनेट स्तर पर नियमावली बनाकर आदिवासी समाज को केवल “लॉलीपॉप” दिखाने और उनकी आंखों में धूल झोंकने का प्रयास कर रही है। उन्होंने जोर देकर कहा कि पेसा कानून का उद्देश्य आदिवासी रूढ़िवादी व्यवस्था को समाप्त करना नहीं, बल्कि उसे कानूनी संरक्षण देकर और अधिक सशक्त बनाना है, ताकि आदिवासी समुदाय अपनी सांस्कृतिक पहचान, पारंपरिक न्याय प्रणाली और प्राकृतिक संसाधनों पर अपना अधिकार बनाए रख सकें।

उन्होंने राज्य की जनता के भावना के अनुरूप राज्य सरकार से जल्द पेसा की नियमावली को जारी करने की मांग किया।

इस प्रेस वार्ता में पूर्व विधायक रामकुमार पाहन, योगेन्द्र प्रताप सिंह, अशोक बड़ाईक एवं रवि मुंडा भी उपस्थित थे।

रांची के कांके रोड पर 'केयर एंड क्योर' मेडिसिन सेंटर में भीषण आग: लाखों की दवाइयां जलकर राख; एक हफ्ते में आगलगी की तीसरी बड़ी घटना

रांची | 30 दिसंबर 2025: राजधानी रांची के कांके रोड स्थित 'केयर एंड क्योर' मेडिसिन सेंटर में सोमवार देर रात भीषण आग लग गई। इस हादसे में दुकान के अंदर रखी लाखों रुपये की जीवन रक्षक दवाइयां और फर्नीचर जलकर पूरी तरह खाक हो गए। अग्निशमन विभाग की मुस्तैदी से आग पर काबू तो पा लिया गया, लेकिन दुकानदार को भारी आर्थिक क्षति हुई है।

दुकान बंद कर घर गए थे मालिक, पीछे से धुआं उठने लगा

जानकारी के अनुसार, दुकानदार रोजाना की तरह सोमवार रात भी दुकान बंद कर अपने घर जा चुके थे। देर रात अचानक दुकान के शटर के भीतर से धुआं और फिर आग की ऊंची लपटें निकलने लगीं। स्थानीय लोगों ने तुरंत इसकी सूचना दुकान मालिक और दमकल विभाग को दी। मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड की टीम ने कड़ी मशक्कत के बाद आग को बुझाया और इसे बगल की दुकानों में फैलने से रोका।

शॉर्ट सर्किट हो सकती है वजह

गोंदा थाना प्रभारी अभय ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि रात में गश्ती टीम भी मौके पर मौजूद थी। प्राथमिक जांच में आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट माना जा रहा है। दुकान मालिक के अनुसार, वे सब कुछ सुरक्षित छोड़कर गए थे, लेकिन इस हादसे ने उन्हें बड़ा नुकसान पहुँचाया है।

रांची में बढ़ रही हैं आगलगी की घटनाएं

राजधानी में बीते पांच दिनों के भीतर आगलगी की यह तीसरी बड़ी घटना है, जिससे व्यापारियों और आम लोगों में डर का माहौल है:

अरगोड़ा क्षेत्र: एक अपार्टमेंट में भीषण आग लगी थी।

अरगोड़ा (हार्डवेयर दुकान): एक हार्डवेयर की दुकान जलकर पूरी तरह राख हो गई थी।

कांके रोड (दवा दुकान): 'केयर एंड क्योर' मेडिसिन सेंटर में नुकसान।

लगातार हो रही इन घटनाओं ने दुकानों और ऊंचे भवनों में फायर ऑडिट की जरूरत पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

रांची में नए साल के जश्न पर प्रशासन का 'कड़ा पहरा': नशे में ड्राइविंग और बिना लाइफ जैकेट बोटिंग पर पाबंदी; पर्यटन स्थलों पर तैनात रहेंगे मजिस्ट्र

रांची | वर्ष 2025 की विदाई और नव वर्ष 2026 के स्वागत को लेकर रांची जिला प्रशासन ने सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए हैं। हुंडरू, जोन्हा, दशम फॉल और धुर्वा डैम जैसे प्रमुख पिकनिक स्पॉट्स पर भारी भीड़ को देखते हुए जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त मंजूनाथ भजन्त्री ने दण्डाधिकारियों और पुलिस पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति कर दी है।

हुड़दंगियों और रेस ड्राइवरों की खैर नहीं

प्रशासन ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि उत्सव के नाम पर कानून तोड़ने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी:

ड्रिंक एंड ड्राइव: नशे की हालत में वाहन चलाने वालों की सघन जांच होगी। पकड़े जाने पर वाहन जब्त कर लिया जाएगा और चालक को पैदल घर जाना होगा।

रेस ड्राइविंग: सड़कों पर बाइक रेस या स्टंट करने वालों पर सीसीटीव्ही और गश्ती दल की पैनी नजर रहेगी।

एंटी-रोमियो स्क्वाड: महिलाओं और युवतियों की सुरक्षा के लिए सादे लिबास में पुलिस बल तैनात रहेगा। छेड़छाड़ करने वालों पर तुरंत कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

जलाशयों और फॉल के लिए विशेष गाइडलाइंस

पर्यटक स्थलों पर होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए विशेष निर्देश जारी किए गए हैं:

नो लाइफ जैकेट, नो बोटिंग: जलाशयों में बिना लाइफ जैकेट के बोटिंग और तैराकी पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगी।

गोताखोरों की तैनाती: दशम फॉल और अन्य डैमों में स्थानीय गोताखोरों को तैनात किया गया है।

डेंजर जोन: जलप्रपातों के खतरनाक और फिसलन भरे हिस्सों को चिन्हित कर वहां आवाजाही रोक दी गई है।

मेडिकल और ट्रैफिक की मुस्तैदी

एंबुलेंस और मेडिकल टीम: सिविल सर्जन ने 31 दिसंबर की सुबह से ही जिला नियंत्रण कक्ष में 4 एंबुलेंस और डॉक्टरों की टीम को दवाओं के साथ तैनात रहने का निर्देश दिया है।

कंट्रोल रूम: हर 2 घंटे में सुरक्षा की स्थिति की रिपोर्ट नियंत्रण कक्ष को भेजी जाएगी।

करनडीह में संताली 'परसी महा' का ऐतिहासिक समापन: मुख्यमंत्री ने कहा— "ओलचिकी लिपि में पढ़ाई सुनिश्चित करने के लिए सरकार वचनबद्ध"

जमशेदपुर/करनडीह | 29 दिसंबर 2025: दिशोम जाहेर, करनडीह में आयोजित संताली भाषा के सबसे बड़े गौरव दिवस 'परसी महा' और ओलचिकी लिपि के शताब्दी वर्ष समापन समारोह में देश की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु, राज्यपाल श्री संतोष कुमार गंगवार और मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन एक साथ शामिल हुए।

आदिवासी समाज का मान बढ़ा रही हैं राष्ट्रपति: हेमन्त सोरेन

मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने अपने संबोधन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनके प्रयासों से आज वैश्विक स्तर पर आदिवासी समाज का मान-सम्मान बढ़ा है। उन्होंने कहा, "राष्ट्रपति भवन में भी आज हमारी संस्कृति और परंपरा को जो प्रमुख स्थान मिल रहा है, वह माननीय राष्ट्रपति जी की ही पहल का सुखद परिणाम है।"

भाषा और शिक्षा पर बड़ा ऐलान

मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के दौरान संताली भाषा के संरक्षण हेतु सरकार की प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा:

ओलचिकी लिपि में शिक्षा: झारखंड में ओलचिकी लिपि के माध्यम से संताली भाषा की पढ़ाई सुनिश्चित करने के लिए सरकार पूरी तरह वचनबद्ध है।

साहित्यकारों का सम्मान: जनजातीय भाषा और साहित्य के विकास में योगदान देने वाले बुद्धिजीवियों को सम्मानित कर सरकार गर्व महसूस कर रही है।

सांस्कृतिक पहचान: सरकार जनजातीय भाषाओं को सुरक्षित और समृद्ध बनाने की दिशा में निरंतर काम कर रही है ताकि आदिवासी समाज की आवाज दूर तक पहुंचे।

पंडित रघुनाथ मुर्मू की विरासत को नमन

ओलचिकी लिपि के आविष्कारक गुरु गोमके पंडित रघुनाथ मुर्मू को श्रद्धांजलि देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि 100 वर्ष पहले उन्होंने संताली समाज को जो लिपि दी, उसने समाज को एक अलग पहचान और वजूद दिया। जब तक ओलचिकी लिपि और संताल समाज रहेगा, पंडित रघुनाथ मुर्मू अमर रहेंगे।

प्रमुख हस्तियों की गरिमामय उपस्थिति

समारोह में सांसद एवं ऑल संताली राइटर्स एसोसिएशन के सलाहकार श्री कालीपद सोरेन, एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री लक्ष्मण किस्कू, जाहेर थान कमिटी के अध्यक्ष श्री सीआर मांझी समेत संताली समाज के कई गणमान्य प्रतिनिधि उपस्थित थे।

प्रोटोकॉल से बड़ा 'जनता का प्रेम': सरायकेला की सड़कों पर अचानक गाड़ी रुकवाकर लोगों के बीच पहुंचीं राष्ट्रपति, गूँज उठा 'भारत माता की जय'

सरायकेला/जमशेदपुर: अपनी सादगी और सहजता के लिए जानी जाने वाली राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने झारखंड दौरे के दूसरे दिन कुछ ऐसा किया, जिसने हर किसी का दिल जीत लिया। एनआईटी (NIT) जमशेदपुर के दीक्षांत समारोह से लौटते समय उन्होंने सुरक्षा और प्रोटोकॉल को किनारे रखकर आम जनता के बीच पहुंचकर सबको चौंका दिया।

आकाशवाणी चौक पर उमड़ा जनसैलाब

घटना सरायकेला के आकाशवाणी चौक की है। राष्ट्रपति का काफिला गुजर रहा था और सड़क के दोनों ओर हजारों लोग उनकी एक झलक पाने के लिए घंटों से खड़े थे। जनता के उत्साह और हाथ हिलाकर अभिवादन करते लोगों को देख राष्ट्रपति ने अचानक अपना काफिला रुकवाने का निर्देश दिया।

सुरक्षा घेरा छोड़ जनता के बीच

जैसे ही राष्ट्रपति अपनी गाड़ी से नीचे उतरीं, वहां मौजूद लोग खुशी से झूम उठे। प्रोटोकॉल की परवाह न करते हुए वह सीधे बैरिकेडिंग के पास खड़ी जनता के बीच पहुंच गईं। उन्होंने हाथ जोड़कर सभी का अभिवादन स्वीकार किया। राष्ट्रपति को अपने इतने करीब पाकर लोगों ने 'भारत माता की जय' के नारों से आसमान गुंजा दिया। इसके बाद खरकाई पुल की ओर बढ़ते हुए भी उन्होंने लोगों का उत्साहवर्धन किया।

सुरक्षाकर्मियों के लिए चुनौती, जनता के लिए सौगात

अचानक हुई इस हलचल से सुरक्षाकर्मियों के बीच कुछ देर के लिए अफरा-तफरी का माहौल रहा, लेकिन राष्ट्रपति के चेहरे पर मौजूद मुस्कान और जनता के प्रति उनके प्रेम ने माहौल को पूरी तरह आत्मीय बना दिया। लोगों का कहना है कि उन्होंने देश के सर्वोच्च पद पर बैठे किसी व्यक्ति को इतने सरल अंदाज में मिलते पहली बार देखा है।

पीवीयूएनएल टाउनशिप स्कूल में एक सप्ताहीय ‘जेम विंटर वर्कशॉप’ का सफल आयोजन

पतरातू विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (PVUNL) द्वारा पीवीयूएनएल टाउनशिप स्कूल परिसर में एक सप्ताहीय ‘जेम विंटर वर्कशॉप’ का सफल आयोजन किया गया। इस विशेष कार्यक्रम का उद्घाटन श्री ए. के. सहगल, मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO), PVUNL तथा श्रीमती रेनू सहगल, अध्यक्ष, स्वर्णरेखा महिला समिति द्वारा किया गया।

उद्घाटन अवसर पर श्री अनुपम मुखर्जी, सीजीएम (प्रोजेक्ट), श्री मनीष खेतरपाल, महाप्रबंधक (ओ एंड एम), श्री ज़ियाउर रहमान, एचओएचआर, सहित पीवीयूएनएल की सीएसआर टीम एवं एचआर टीम के सदस्य उपस्थित रहे।

यह कार्यशाला पीवीयूएनएल की सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) पहल के अंतर्गत आयोजित की गई, जिसमें आसपास के गांवों से चयनित 26 बालिकाओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। एक सप्ताह तक चली इस कार्यशाला के दौरान बालिकाओं को कला एवं शिल्प, गणित एवं विज्ञान की बुनियादी समझ, भावनात्मक एवं शारीरिक विकास, आत्मरक्षा, तथा आत्मविश्वास और व्यक्तित्व विकास से संबंधित विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से प्रशिक्षण प्रदान किया जायेगा ।

अपने संबोधन में श्री ए. के. सहगल, सीईओ, पीवीयूएनएल ने बालिकाओं के सर्वांगीण विकास पर विशेष जोर देते हुए कहा कि बेटियाँ समाज की अनमोल धरोहर हैं। उन्होंने प्रतिभागी बालिकाओं को अपनी छिपी प्रतिभाओं को पहचानने, आत्मनिर्भर बनने और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि “ये बालिकाएं हमारे समाज की सच्ची GEM (जेम) हैं, जो भविष्य में समाज के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।”

श्रीमती रेनू सहगल ने भी बालिकाओं को प्रोत्साहित करते हुए ऐसे कार्यक्रमों को उनके आत्मबल और आत्मविश्वास को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।

पीवीयूएनएल द्वारा आयोजित यह ‘जेम विंटर वर्कशॉप’ बालिकाओं के सशक्तिकरण की दिशा में एक सराहनीय पहल है, जो शिक्षा के साथ-साथ उनके सर्वांगीण विकास को सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

जमशेदपुर के करनडीह में ऐतिहासिक 'परसी महा' उत्सव: राष्ट्रपति, राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने पंडित रघुनाथ मुर्मू को दी श्रद्धांजलि; जाहेरथान में की

जमशेदपुर/करनडीह | 29 दिसंबर 2025: जमशेदपुर का करनडीह आज संताली भाषा, लिपि और संस्कृति के संरक्षण के संकल्प का गवाह बना। अवसर था 22वें संताली "परसी महा" (भाषा दिवस) और ओलचिकी लिपि के शताब्दी वर्ष समारोह का। इस भव्य समारोह में माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु, राज्यपाल श्री संतोष कुमार गंगवार और मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन एक साथ सम्मिलित हुए।

पारंपरिक विधि-विधान से की पूजा-अर्चना

समारोह की शुरुआत में महामहिम राष्ट्रपति, राज्यपाल और मुख्यमंत्री दिशोम जाहेर (करनडीह) पहुंचे। यहाँ उन्होंने जाहेरथान में पारंपरिक संताली रीति-रिवाजों और विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना की। उन्होंने राज्य और देश की सुख-समृद्धि एवं शांति के लिए प्रार्थना की।

गुरु गोमके को दी भावभीनी श्रद्धांजलि

नेताओं ने संताली भाषा की लिपि 'ओलचिकी' के आविष्कारक गुरु गोमके पंडित रघुनाथ मुर्मू जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। ओलचिकी लिपि के 100 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित इस शताब्दी वर्ष समारोह ने संताली समाज के गौरवशाली इतिहास को रेखांकित किया।

संताली भाषा और गौरव का दिन

यह आयोजन न केवल एक उत्सव था, बल्कि संताली भाषा को संवैधानिक मान्यता (8वीं अनुसूची) मिलने और ओलचिकी लिपि के प्रसार की यात्रा का जश्न भी था। राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में अपनी जड़ों और मातृभाषा के संरक्षण पर जोर दिया।

रांची महिला हॉकी इंडिया लीग का हुआ भव्य आगाज, कल्पना सोरेन ने किया उद्घाटन

झारखंड की राजधानी रांची एक बार फिर से शुरू हो गया है अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों का जमावड़ा। रांची के मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा हॉकी स्टेडियम में महिला हॉकी इंडिया लीग के दूसरे सीजन का आगाज हो गया। मैच शुरू होने से पहले रंगारंग कार्यक्रम के साथ भव्य उद्घाटन ने पूरे स्टेडियम को उत्साह और जोश से भर दिया। उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि पहुंची विधायक कल्पना सोरेन। यह समारोह उस वक्त और आकर्षक बन गया जब मिस वर्ल्ड 2017 और बॉलीवुड स्टार मानुषी छिल्लर की विशेष प्रस्तुति की गई। पूरा स्टेडियम तालिया की गर्गाराहाट से गूंज उठा।

उद्घाटन के अवसर पर कल्पना सोरेन ने कहा कि हॉकी झारखंड की पहचान है और यहां की नस-नस में बसती है। उन्होंने कहा कि यहां की बच्चियो को हॉकी स्टिक नहीं रहने पर भी पेड़ों की टहनियों से हॉकी खेला करती थीं और आज राज्य ही नहीं विदेशों में अपना परचम लहराई है।