राष्ट्रीय मुख्य सचिव सम्मेलन का समापन: 'विकसित भारत' के रोडमैप पर झारखंड की सशक्त दावेदारी; मुख्य सचिव अविनाश कुमार ने साझा किए अहम तथ्य
नई दिल्ली/रांची | : देश की राजधानी नई दिल्ली में 26 दिसंबर से चल रहे 5वें राष्ट्रीय मुख्य सचिव सम्मेलन का रविवार को सफलतापूर्वक समापन हो गया। “विकसित भारत के लिए मानव पूंजी” की थीम पर आधारित इस सम्मेलन में झारखंड के मुख्य सचिव श्री अविनाश कुमार ने राज्य के विकास एजेंडे और नवाचारों को प्रमुखता से राष्ट्रीय मंच पर रखा।
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'टीम इंडिया' की भावना पर जोर
सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य केंद्र और राज्यों के बीच 'टीम इंडिया' की भावना को मजबूत करना रहा। समापन सत्र में यह प्रतिबद्धता दोहराई गई कि विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों के बीच संरचित सहयोग और खुला संवाद अनिवार्य है।
मानव पूंजी को सशक्त बनाने पर मंथन
सम्मेलन के दौरान झारखंड ने निम्नलिखित प्रमुख क्षेत्रों पर अपने विचार और आंकड़े साझा किए:
प्रारंभिक शिक्षा और कौशल: जनसंख्या को केवल 'जनसांख्यिकीय लाभांश' न मानकर उसे कुशल और उत्पादक 'मानव पूंजी' में बदलने की रणनीतियों पर चर्चा हुई।
भविष्य की तैयारी: उच्च शिक्षा, खेल और नवाचार के माध्यम से रोजगार क्षमता बढ़ाने वाले तंत्र विकसित करने पर जोर दिया गया।
शासन सुधार: प्रशासनिक दक्षता और नीतियों के प्रभावी क्रियान्वयन (Effective Implementation) के लिए शासन में सुधार के झारखंड के प्रयासों को सराहा गया।
झारखंड के उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल की सहभागिता
इस सम्मेलन में मुख्य सचिव अविनाश कुमार के साथ कल्याण विभाग के सचिव श्री कृपानंद झा, योजना एवं विकास विभाग के सचिव श्री मुकेश कुमार और विशेष सचिव श्री राजीव रंजन ने सक्रिय रूप से भाग लिया। झारखंड की ओर से प्रस्तुत किए गए तथ्यों ने राज्य को समावेशी और सतत विकास की दिशा में अग्रणी भूमिका में दर्शाया।









2 hours and 38 min ago
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