पेसा कानून से मजबूत होगा जनजातीय स्वशासन: ढोल-नगाड़ों के साथ सीएम आवास पहुंचे सरना समिति के प्रतिनिधि, मुख्यमंत्री ने कहा— "गांव मजबूत होगा तभी
रांची | : झारखंड में जनजातीय समाज के दशकों पुराने संघर्ष को एक नई दिशा मिली है। राज्य मंत्रिपरिषद द्वारा पेसा नियमावली (पंचायत उपबंध, अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार अधिनियम) को हरी झंडी दिए जाने के बाद आज केंद्रीय सरना समिति, राजी पड़हा सरना प्रार्थना सभा और आदिवासी छात्रावासों के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन से मुलाकात कर उन्हें धन्यवाद ज्ञापित किया।
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ढोल-नगाड़ों के साथ आभार यात्रा
मुख्यमंत्री आवासीय परिसर आज उत्सव के मैदान में तब्दील हो गया। सैकड़ों की संख्या में आदिवासी समाज के लोग पारंपरिक ढोल-नगाड़ों के साथ पहुंचे और पेसा नियमावली लागू करने के ऐतिहासिक निर्णय के लिए मुख्यमंत्री के प्रति आभार व्यक्त किया। प्रतिनिधियों ने इसे आदिवासी स्वशासन और जल-जंगल-जमीन की रक्षा की दिशा में अब तक का सबसे बड़ा कदम बताया।
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मुख्यमंत्री के संबोधन की मुख्य बातें:
पूर्वजों के संघर्ष का सम्मान: मुख्यमंत्री ने कहा कि अलग झारखंड राज्य और जल-जंगल-जमीन की रक्षा के लिए हमारे पूर्वजों ने लंबी प्रताड़ना झेली और बलिदान दिए। पेसा कानून उन्हीं वीर सपूतों के सपनों को धरातल पर उतारने का जरिया है।
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ग्राम सभाओं को मिलेगी शक्ति: सीएम ने स्पष्ट किया कि पेसा कानून लागू होने से ग्राम सभाओं को निर्णय लेने का संवैधानिक अधिकार और शक्तियां मिलेंगी। इससे स्थानीय स्वशासन की व्यवस्था सुदृढ़ होगी और पंचायतों को अपना वास्तविक हक मिलेगा।
भ्रम फैलाने वालों से रहें सावधान: मुख्यमंत्री ने युवाओं और ग्रामीणों से अपील की कि वे पेसा कानून की बारीकियों को समझें। उन्होंने कहा कि कुछ तत्व ग्रामीणों को गुमराह करने की कोशिश करते हैं, इसलिए नीतियों की सही जानकारी होना जरूरी है।
विकसित गांव, विकसित राज्य: मुख्यमंत्री ने दोहराया कि "हमारी सरकार गांव की सरकार है।" जब तक राज्य का सुदूर ग्रामीण क्षेत्र मजबूत नहीं होगा, तब तक राज्य के विकास की कल्पना अधूरी है।
नवनियुक्तियों का जिक्र
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में यह भी याद दिलाया कि सरकार केवल नीतियां ही नहीं बना रही, बल्कि रोजगार भी दे रही है। हाल ही में 10 हजार युवाओं को सरकारी नियुक्ति दी गई है और आने वाले समय में रोजगार के और अवसर सृजित किए जाएंगे।
प्रमुख उपस्थिति
इस अवसर पर केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष अजय तिर्की, सचिव रूपचंद केवट, राजी पड़हा सरना प्रार्थना सभा के महासचिव जलेश्वर उरांव सहित सैकड़ों की संख्या में आदिवासी समाज के छात्र और प्रतिनिधि उपस्थित थे।

















2 hours and 33 min ago
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