नवाचार से उत्थान: क्रिसेंट इंटरनेशनल स्कूल में 'रेनबो प्रदर्शनी एवं एजुकेशन फेयर-2025' का भव्य आयोजन

गोविंदपुर (धनबाद) | गोविंदपुर के बारियो स्थित 'नॉलेज विलेज' में बुधवार को क्रिसेंट इंटरनेशनल स्कूल के प्रांगण में 10वीं रेनबो प्रदर्शनी एवं एजुकेशन फेयर–2025 का सफल आयोजन किया गया। विद्यार्थियों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण और सामाजिक चेतना विकसित करने के उद्देश्य से आयोजित इस मेले में नन्हे वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं ने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया।

प्रमुख अतिथियों ने बढ़ाया उत्साह
कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि प्रो. धीरज कुमार (उप-निदेशक, IIT-ISM, धनबाद) ने दीप प्रज्वलित कर किया। उन्होंने छात्रों द्वारा बनाए गए मॉडलों का निरीक्षण करते हुए कहा, "ऐसे आयोजन छात्रों को किताबी ज्ञान से बाहर निकालकर व्यावहारिक चुनौतियों के लिए तैयार करते हैं।" विशिष्ट अतिथि श्री धर्मेंद्र कुमार दुबे (CO, गोविंदपुर) और लायन संजय कुमार (डिस्ट्रिक्ट गवर्नर, लायंस क्लब) ने शिक्षा में कौशल विकास और सामाजिक उत्तरदायित्व के महत्व पर जोर दिया।
एजुकेशन फेयर: करियर को मिली नई दिशा
प्रदर्शनी के साथ-साथ आयोजित एजुकेशन फेयर में देश के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों जैसे चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी, अरका जैन, LPU, बेनेट यूनिवर्सिटी और MIT-WPU ने हिस्सा लिया। इन संस्थानों के विशेषज्ञों ने छात्रों को भविष्य के करियर विकल्पों और उच्च शिक्षा की बारीकियों से अवगत कराया।

नवाचार की झलक: सर्वश्रेष्ठ परियोजनाएं
जज श्रीमती मौसमी दास के मूल्यांकन के आधार पर कई परियोजनाओं को पुरस्कृत किया गया:
नर्सरी/KG: 'प्लास्टिक मुक्त समाज', 'वर्णमाला' और 'बेस्ट फ्रॉम वेस्ट' जैसे संदेशात्मक मॉडल।

EVS और साइंस: 'फायर डिटेक्शन सिस्टम', 'स्मार्ट स्टिक फॉर ब्लाइंड', 'कार्बन प्यूरीफिकेशन' और 'सांप के पौधे से धागा निकालना' (Extraction of Thread from Snake Plant) जैसे गंभीर विषयों पर छात्रों ने शोध प्रस्तुत किए।
मानविकी (Humanity): 'ऑटोमेटिक रिवर क्लीनिंग सिस्टम' और 'स्वदेशी आंदोलन' जैसे प्रोजेक्ट्स ने सबका ध्यान खींचा।
नेतृत्व और समर्पण
विद्यालय की प्रधानाचार्या श्रीमती विजेता दास ने विद्यालय की प्रगति रिपोर्ट साझा की, वहीं निदेशक श्री ईसा शमीम ने आयोजन की सफलता का श्रेय चेयरमैन प्रो. (डॉ.) मोहम्मद शमीम अहमद के दूरदर्शी नेतृत्व और शिक्षकों के समर्पण को दिया।
कार्यक्रम का समापन विजेताओं को पुरस्कार वितरण और भविष्य में और बेहतर करने के संकल्प के साथ हुआ।
3 hours ago
विकास की लंबी और गाढ़ी लकीर
संबोधन के दौरान मुख्यमंत्री ने राज्य के भविष्य के लिए अपना विजन साझा किया:
"आलोचना से नहीं, योजनाओं की असफलता से डरता हूँ"
अपनी कार्यशैली पर बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वे विरोधियों की आलोचनाओं से विचलित नहीं होते, बल्कि उनका ध्यान इस बात पर रहता है कि योजनाएं शत-प्रतिशत सफल हों और अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति तक लाभ पहुंचे।
ग्राम प्रधानों ने जताया आभार
गुमला, सरायकेला-खरसावां और पूर्वी सिंहभूम से आए ग्राम प्रधानों (राम प्रसाद बड़ाईक, दिवाकर सोरेन, कान्हू मुर्मू आदि) ने एक स्वर में कहा कि वर्षों पुरानी मांग पूरी कर मुख्यमंत्री ने जनजातीय समाज को वास्तविक मान-सम्मान दिया है।
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