गया में अपार्टमेंट विवाद ने लिया गंभीर रूप, महिला ने पुलिस संरक्षण का आरोप लगाते हुए वरीय अधिकारियों से लगाई गुहार

गया: गया शहर के चांदचौरा इलाके में स्थित मान ज्योति अपार्टमेंट का एक मामला इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है। अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर 202 में रहने वाली महिला मनिका राय ने उसी अपार्टमेंट की एक अन्य महिला पर लगातार मारपीट, झगड़ा और धमकी देने का आरोप लगाया है। पीड़िता ने इस पूरे मामले को लेकर वरीय पुलिस अधिकारियों से न्याय की गुहार लगाई है।

मनिका राय का आरोप है कि फ्लैट नंबर 203 की निवासी मधु कुमारी, पति चंदन कुमार, आए दिन अपार्टमेंट में रहने वाले लोगों से विवाद करती रहती हैं। मधु कुमारी का फ्लैट के रहने वाली मनिका राय के सात बेरहमी से मारपीट करने का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है. आरोप के अनुसार, बात-बात पर गाली-गलौज और मारपीट की घटनाएं होती रहती हैं, जिससे अपार्टमेंट का माहौल लगातार तनावपूर्ण बना हुआ है। पीड़िता का कहना है कि इन घटनाओं से संबंधित सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है, जिसमें मारपीट की तस्वीरें कैद होने का दावा किया जा रहा है।

पीड़िता ने यह भी आरोप लगाया है कि मधु कुमारी को पुलिस विभाग में तैनात एक इंस्पेक्टर धर्म प्रकाश का संरक्षण प्राप्त है, जो उसी अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर 301 में रहने की बात कही जा रही है और वर्तमान में पटना में पदस्थापित हैं। मनिका राय के अनुसार, पुलिस इंस्पेक्टर के कथित इशारे पर ही मधु कुमारी अपार्टमेंट के अन्य निवासियों पर दबंगई दिखाती हैं, जिससे लोग डर के माहौल में रहने को मजबूर हैं।

मामले को और गंभीर बनाते हुए मनिका राय ने आरोप लगाया कि मधु कुमारी द्वारा उनके बेटे को झूठे दुष्कर्म के मामले में फँसाने की धमकी दी जा रही है। वहीं, आरोप है कि पुलिस इंस्पेक्टर द्वारा शराब तस्करी के झूठे केस में फँसाने की धमकी भी दी गई है, जिससे पूरा परिवार भयभीत है।

पीड़िता ने बताया कि उन्होंने इस पूरे मामले को लेकर विष्णुपद थाने में लिखित आवेदन दिया था, लेकिन अब तक प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है। इससे आहत होकर उन्होंने वरीय अधिकारियों से निष्पक्ष जांच, दोषियों पर कार्रवाई और परिवार को सुरक्षा देने की मांग की है।

फिलहाल मामला प्रशासनिक स्तर पर चर्चा में है और अब देखना होगा कि पुलिस प्रशासन इस संवेदनशील मामले में क्या कदम उठाता है।

गया में मगध पुस्तक मेला सह सांस्कृतिक कार्यक्रम 2025 का भव्य उद्घाटन, पुस्तक प्रेमियों, विद्यार्थियों और बुद्धिजीवियों से गुलजार नजर आया

गया शहर के ऐतिहासिक गांधी मैदान में मंगलवार को मगध पुस्तक मेला सह सांस्कृतिक कार्यक्रम 2025 का भव्य उद्घाटन केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने फीता काटकर किया। उद्घाटन समारोह में शिक्षा, साहित्य और संस्कृति से जुड़े कई गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे। इस अवसर पर गांधी मैदान पुस्तक प्रेमियों, विद्यार्थियों और बुद्धिजीवियों से गुलजार नजर आया।

कार्यक्रम में बिहार विधानसभा अध्यक्ष डॉ. प्रेम कुमार विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुए। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि पुस्तकें समाज को दिशा देने का कार्य करती हैं और युवा पीढ़ी को किताबों से जुड़ना चाहिए। लघु जल संसाधन मंत्री डॉ. संतोष कुमार सुमन ने कहा कि पुस्तक मेले ज्ञान के आदान-प्रदान का सशक्त माध्यम होते हैं और ऐसे आयोजनों से बौद्धिक विकास को बढ़ावा मिलता है। शैक्षणिक विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित मगध विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. डॉ. विनोद कुमार मंगलम ने शिक्षा और संस्कृति के आपसी संबंध पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पुस्तकें ही सभ्यता की पहचान होती हैं। वहीं बोधगया मठ के स्वामी विवेकानंद गिरी ने भारतीय संस्कृति में साहित्य के महत्व को रेखांकित किया।

सम्मानित अतिथियों में पूर्व सांसद (औरंगाबाद) सुशील कुमार सिंह, अतरी विधायक रोमित कुमार, टिकारी विधायक अजय कुमार दांगी तथा गया नगर निगम के मुख्य महापौर वीरेंद्र कुमार उपस्थित रहे। अतिथियों ने संयुक्त रूप से कहा कि इस तरह के मेले न केवल साहित्य को बढ़ावा देते हैं बल्कि स्थानीय कलाकारों और लेखकों को भी मंच प्रदान करते हैं।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्रसिद्ध शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. कुमार करण ने कहा कि किताबें बच्चों के मानसिक और नैतिक विकास में अहम भूमिका निभाती हैं। उन्होंने अभिभावकों से बच्चों को पुस्तकें पढ़ने के लिए प्रेरित करने की अपील की।

उद्घाटन समारोह के बाद सांस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रृंखला शुरू हुई, जिसमें स्थानीय कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। पुस्तक मेले में विभिन्न प्रकाशकों द्वारा लगाए गए स्टॉल पर शैक्षणिक, साहित्यिक और धार्मिक पुस्तकों की व्यापक श्रृंखला उपलब्ध कराई गई है। आयोजन के माध्यम से गया में साहित्यिक चेतना को नई ऊर्जा मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।

गया में शीतलहर का असर, कक्षा 5 तक के विद्यालय 24 दिसंबर तक बंद

गया: गया जिले में लगातार पड़ रही कड़ाके की ठंड और गिरते तापमान ने आम जनजीवन को प्रभावित कर दिया है। विशेष रूप से सुबह और शाम के समय अत्यधिक ठंड के कारण बच्चों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की आशंका को देखते हुए जिला प्रशासन ने एहतियातन बड़ा निर्णय लिया है। बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए जिलाधिकारी शशांक शुभंकर ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता-2023 की धारा 163 के तहत महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है।

जारी आदेश के अनुसार गया जिले के सभी सरकारी विद्यालयों (प्री-स्कूल सहित), आंगनबाड़ी केंद्रों, निजी विद्यालयों एवं निजी कोचिंग संस्थानों में कक्षा 5 तक की सभी शैक्षणिक गतिविधियों पर 24 दिसंबर 2025 तक पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है। यह आदेश 22 दिसंबर 2025 से प्रभावी होगा और 24 दिसंबर 2025 तक लागू रहेगा। प्रशासन का मानना है कि छोटे बच्चों को ठंड से सबसे अधिक खतरा रहता है, इसलिए यह कदम उनके स्वास्थ्य और जीवन की रक्षा के उद्देश्य से उठाया गया है।

वहीं कक्षा 6 एवं उससे ऊपर की कक्षाओं के लिए आंशिक राहत दी गई है। इन कक्षाओं की शैक्षणिक गतिविधियां सुबह 10:00 बजे से दोपहर 2:00 बजे तक संचालित की जाएंगी। विद्यालयों को निर्देश दिया गया है कि इस दौरान पर्याप्त सावधानियां बरती जाएं, ताकि छात्रों को ठंड से बचाया जा सके।

गर्म कपड़े पहनने, खुले स्थानों में गतिविधियों से बचने और आवश्यकतानुसार ही कक्षाओं का संचालन करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अतिरिक्त बोर्ड परीक्षाओं को ध्यान में रखते हुए संचालित की जा रही विशेष कक्षाओं को इस आदेश से मुक्त रखा गया है, ताकि परीक्षा की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों की पढ़ाई बाधित न हो।

जिला प्रशासन ने सभी विद्यालय प्रबंधन, शिक्षकों और अभिभावकों से आदेश का सख्ती से पालन करने की अपील की है। जिलाधिकारी ने कहा कि मौसम की स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है और आवश्यकता पड़ने पर आगे भी उचित निर्णय लिया जाएगा।

प्रशासन के इस फैसले से अभिभावकों ने राहत की सांस ली है, वहीं बच्चों की सुरक्षा को लेकर इसे एक सराहनीय कदम बताया जा रहा है।

मानपुर के जीडी पब्लिक स्कूल में विज्ञान प्रदर्शनी, छात्रों ने दिखाया नवाचार का हुनर, विष्णुपद मंदिर और महाबोधि मंदिर के सुंदर मॉडल भी प्रदर्शित

गया जिले के मानपुर लक्खीबाग स्थित जीडी पब्लिक स्कूल परिसर में शनिवार को एक भव्य और रोचक विज्ञान प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। इस प्रदर्शनी में विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने अपनी वैज्ञानिक प्रतिभा, रचनात्मक सोच और नवाचार क्षमता का शानदार प्रदर्शन किया। कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करना तथा उन्हें व्यवहारिक ज्ञान से जोड़ना रहा।

विज्ञान प्रदर्शनी में छात्रों द्वारा प्रस्तुत किए गए मॉडल दर्शकों के आकर्षण का केंद्र बने। विद्यार्थियों ने हाइड्रोलिक सिस्टम, ऑटोमेटिक लाइट सिस्टम, पावर फिल्टर, कार्बन उत्सर्जन नियंत्रण मॉडल, ब्लॉक पावर हाउस, जल संचय प्रणाली, किडनी की संरचना, हरित गांव का मॉडल और ज्वालामुखी के प्रतिरूप जैसे कई महत्वपूर्ण विषयों पर आधारित मॉडल प्रस्तुत किए। इन मॉडलों के माध्यम से बच्चों ने विज्ञान की जटिल अवधारणाओं को सरल और रोचक तरीके से समझाया। इसके साथ ही छात्रों ने गया की सांस्कृतिक पहचान से जुड़े विष्णुपद मंदिर और महाबोधि मंदिर के सुंदर मॉडल भी प्रदर्शित किए।

वहीं, वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम, रोड सेफ्टी और पर्यावरण संरक्षण जैसे सामाजिक विषयों पर आधारित प्रदर्शनों ने लोगों को जागरूक करने का संदेश दिया। प्रदर्शनी में अभिभावक, शिक्षक और स्थानीय लोग बड़ी संख्या में मौजूद रहे और बच्चों की प्रतिभा की सराहना की। इस अवसर पर विद्यालय के डायरेक्टर धर्मशाही ने कहा कि जीडी पब्लिक स्कूल की पहचान केवल किताबी शिक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि यहाँ गुणवत्तापूर्ण और व्यावहारिक शिक्षा पर विशेष जोर दिया जाता है। उन्होंने बताया कि इस प्रकार की वैज्ञानिक गतिविधियाँ बच्चों के सर्वांगीण विकास में सहायक होती हैं और उनमें आत्मविश्वास, तार्किक सोच व समस्या समाधान की क्षमता को बढ़ाती हैं। विद्यालय की शिक्षिका सुष्मिता ने बताया कि विज्ञान प्रदर्शनी का मुख्य उद्देश्य बच्चों के अंदर छिपी वैज्ञानिक सोच को निखारना और उन्हें नए प्रयोगों के लिए प्रेरित करना है। उन्होंने कहा कि जब बच्चे अपने विचारों को मॉडल के रूप में प्रस्तुत करते हैं, तो उनकी समझ और रुचि दोनों मजबूत होती हैं।

कार्यक्रम के अंत में विद्यालय प्रबंधन ने सभी प्रतिभागी विद्यार्थियों को उनके उत्कृष्ट प्रयास के लिए प्रोत्साहित किया। विज्ञान प्रदर्शनी विद्यार्थियों के लिए सीखने का एक यादगार और प्रेरणादायक अनुभव साबित हुई।

गया में 10 दिसंबर से लापता पालतू डॉगी मिलने से परिवार में लौटी खुशियां, मीडिया को दिया धन्यवाद

गया: गया शहर के समीर तकिया स्थित पंजाबी धर्मशाला इलाके में रहने वाले उमेश प्रसाद के घर उस समय खुशियों की लहर दौड़ गई, जब उनका पालतू डॉगी, जो बीते 10 दिसंबर से लापता था, आज सुरक्षित रूप से बरामद कर लिया गया। यह डॉगी बाराचट्टी थाना क्षेत्र से मिला, जिसकी सूचना मिलते ही परिवार ने राहत की सांस ली। बताया जाता है कि 10 दिसंबर को अचानक डॉगी घर से लापता हो गया था. उसके बाद से पूरा परिवार बेहद परेशान था। घर का माहौल पूरी तरह बदल गया था। हर कोई डॉगी की तलाश में जुटा हुआ था। उमेश प्रसाद ने बताया कि पिछले पाँच वर्षों से वे इस डॉगी को पाल रहे थे और वह सिर्फ एक पालतू जानवर नहीं बल्कि उनके परिवार का अहम सदस्य बन चुका था। उसकी गैरमौजूदगी से घर सूना-सूना लगने लगा था।

डॉगी की तलाश के लिए उमेश प्रसाद ने हर संभव प्रयास किया। आसपास के इलाकों में खोजबीन की गई, पोस्टर लगाए गए और लोगों से संपर्क किया गया। साथ ही सूचना देने वाले को ₹5000 का इनाम देने की भी घोषणा की गई थी। इसी क्रम में मीडिया में खबर प्रकाशित और प्रसारित की गई, जिससे यह मामला ज्यादा लोगों तक पहुंच सका।

मीडिया में खबर चलने के बाद आज बाराचट्टी थाना क्षेत्र से डॉगी मिलने की सूचना प्राप्त हुई। सूचना मिलते ही परिवार वहां पहुंचा और डॉगी को सुरक्षित अपने साथ घर ले आया। डॉगी के घर लौटते ही परिवार के सदस्यों की आंखों में खुशी के आंसू छलक पड़े।

डॉगी के मिलने के बाद उमेश प्रसाद ने मीडिया का आभार जताते हुए कहा कि अगर मीडिया में यह खबर नहीं चलती, तो शायद उनका पालतू डॉगी वापस नहीं मिल पाता। उन्होंने कहा कि मीडिया ने इस मामले को गंभीरता से उठाया, जिसकी वजह से लोगों ने सहयोग किया और आज उनका परिवार फिर से पूरा हो सका।

डॉगी के वापस आने से न सिर्फ उमेश प्रसाद का परिवार, बल्कि मोहल्ले के लोग भी खुश हैं। यह घटना एक बार फिर यह साबित करती है कि पालतू जानवर सिर्फ जानवर नहीं होते, बल्कि परिवार के सदस्य होते हैं और मीडिया जनसेवा में अहम भूमिका निभाता है।

गया में केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी का बयान बना सियासी चर्चा का विषय, वायरल वीडियो से मचा हलचल

गया: बिहार के गया जिले से केंद्रीय मंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के संरक्षक जीतन राम मांझी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। यह वीडियो बाराचट्टी विधानसभा क्षेत्र में आयोजित एक सम्मान समारोह का बताया जा रहा है, जहां मंच से संबोधन के दौरान उन्होंने वर्ष 2020 के टिकारी विधानसभा चुनाव को लेकर एक विवादित टिप्पणी की। उनके इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है।

वायरल वीडियो में केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी यह कहते हुए सुनाई दे रहे हैं कि वर्ष 2020 के टिकारी विधानसभा चुनाव में सीट “डीएम से लगवा कर” 2700 वोट से जीती गई थी। मंच से दिया गया यह बयान अब सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से साझा किया जा रहा है और इसे लेकर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। विपक्षी दल इस बयान को लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर सवाल उठाने वाला बता रहे हैं, जबकि समर्थक इसे मजाक या संदर्भ से काटकर पेश किया गया बयान बता रहे हैं।

बताया जा रहा है कि यह कार्यक्रम एक सम्मान समारोह का था, जिसमें बड़ी संख्या में स्थानीय कार्यकर्ता और नेता मौजूद थे। इसी दौरान जीतन राम मांझी ने अपने संबोधन में यह टिप्पणी की, जो अब चर्चा का केंद्र बन गई है। हालांकि, वीडियो की प्रामाणिकता और पूरे बयान के संदर्भ को लेकर अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस तरह के बयान चुनावी प्रक्रिया और प्रशासन की निष्पक्षता पर सवाल खड़े करते हैं। यदि बयान को गंभीर रूप से लिया जाता है, तो यह चुनाव आयोग और प्रशासनिक व्यवस्था की छवि पर असर डाल सकता है। वहीं, कुछ विश्लेषक इसे राजनीतिक मंच पर कही गई अतिशयोक्तिपूर्ण बात मान रहे हैं।

इस मामले पर अब तक न तो जीतन राम मांझी की ओर से कोई औपचारिक सफाई आई है और न ही उनकी पार्टी की तरफ से कोई आधिकारिक बयान जारी किया गया है। विपक्षी दलों ने मांग की है कि चुनाव आयोग इस बयान का संज्ञान ले और मामले की जांच कराए।

फिलहाल, यह वीडियो सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है और आने वाले दिनों में इस पर राजनीतिक बयानबाजी और तेज होने की संभावना जताई जा रही है।

20 वर्षों में एक भी नया मेडिकल कॉलेज नहीं खुला" - डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी का दावा

गया में बोले सम्राट चौधरी: "माफिया, अपराधी और अवैध गतिविधियों को खत्म करना ही मेरा मुख्य काम है"

गया (शेरघाटी): बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी सोमवार को गया जिले के शेरघाटी में एक निजी अस्पताल के उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था, कानून-व्यवस्था और माफिया विरोधी अभियान को लेकर सरकार की प्राथमिकताओं को स्पष्ट किया।

स्वास्थ्य क्षेत्र में ऐतिहासिक निर्णय

उपमुख्यमंत्री ने पिछले शासनकाल पर निशाना साधते हुए कहा कि:

"बीते 20 वर्षों में बिहार में एक भी नया मेडिकल कॉलेज नहीं खोला गया।"

हालांकि, उन्होंने वर्तमान सरकार के संकल्प को दोहराया। उन्होंने घोषणा की कि राज्य सरकार ने ऐतिहासिक फैसला लेते हुए अगले तीन वर्षों के भीतर बिहार के सभी जिलों में मेडिकल कॉलेज खोलने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि यह कदम न सिर्फ स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारेगा, बल्कि स्थानीय युवाओं को मेडिकल शिक्षा के लिए बाहर जाने की मजबूरी से भी राहत देगा।

माफिया विरोधी अभियान ही मुख्य काम

सम्राट चौधरी ने कानून-व्यवस्था और माफिया के खिलाफ सख्त रुख अपनाया। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि उनका मुख्य काम माफिया, अपराधी और अवैध गतिविधियों को खत्म करना है।

"मेरे पास कोई दूसरा काम नहीं है, माफिया, अपराधी और अवैध गतिविधियों को खत्म करना ही उनका मुख्य काम है।"

सुशासन की स्थापना: उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सुशासन को मजबूती से स्थापित करना ही उनका उद्देश्य है।

सफाई अभियान: उन्होंने बताया कि राज्य में व्यापक स्तर पर सफाई अभियान चलाया जा रहा है, जिसकी शुरुआत सड़कों से अतिक्रमण हटाकर की गई है और यह अभियान पूरी सख्ती के साथ जारी रहेगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह कार्रवाई किसी जाति, वर्ग या व्यक्ति विशेष के खिलाफ नहीं, बल्कि कानून के दायरे में की जा रही है।

जनता से अपील और 24 घंटे में कार्रवाई का दावा

डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने जनता से निडर होकर आगे आने की अपील की। उन्होंने कहा कि यदि किसी अपराधी या माफिया ने सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा कर रखा है, तो लोग बेझिझक आवेदन दें। उन्होंने दावा किया कि ऐसे मामलों में 24 घंटे के भीतर प्रशासनिक कार्रवाई करते हुए अतिक्रमण को ध्वस्त कर दिया जाएगा।

उपमुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि सरकारी और निजी प्रयासों से बिहार की स्वास्थ्य और कानून व्यवस्था में व्यापक सुधार देखने को मिलेगा।

गया जी में एबीवीपी दक्षिण बिहार के 67वें प्रांत अधिवेशन कार्यालय का हुआ उद्घाटन

गया: एपी कॉलोनी स्थित बालाजी घराना में आज अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, दक्षिण बिहार के 67वें प्रांत अधिवेशन (28, 29, 30 एवं 31 दिसंबर) के सुचारू रूप से संचालन को लेकर अधिवेशन कार्यालय का उद्घाटन किया गया। उद्घाटन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्र कार्यवाह मोहन सिंह, क्षेत्र बौद्धिक प्रमुख राणा प्रताप, दक्षिण बिहार प्रांत प्रचारक उमेश रंजन, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के दक्षिण बिहार प्रांत संगठन मंत्री दिनेश कुमार तथा शिक्षाविद ई. अवधेश सिंह जी द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। इस अवसर पर क्षेत्र कार्यवाह मोहन सिंह जी ने कहा कि अधिवेशन का व्यवस्थित एवं सुचारू रूप से संचालन तभी संभव है, जब प्रत्येक कार्यकर्ता पूरी जिम्मेदारी और समर्पण के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन करे।

उन्होंने सभी कार्यकर्ताओं की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने पर बल देते हुए अभी से पूरे मनोयोग से जुट जाने का आह्वान किया। क्षेत्र बौद्धिक प्रमुख राणा प्रताप जी ने कहा कि अधिवेशन की सफलता के लिए उत्साह एवं सकारात्मक ऊर्जा के साथ कार्य करना आवश्यक है। वहीं, प्रांत प्रचारक उमेश रंजन जी ने कहा कि वर्ष 1997 के बाद पूरे 27 वर्षों के अंतराल पर गया जी में प्रांत अधिवेशन आयोजित हो रहा है। उन्होंने इसे पूर्ववर्ती अधिवेशनों की तुलना में अधिक भव्य एवं ऐतिहासिक बनाने हेतु सभी कार्यकर्ताओं से विचारपूर्वक एवं योजनाबद्ध ढंग से कार्य करने का आग्रह किया। प्रांत संगठन मंत्री दिनेश कुमार जी ने बताया कि अधिवेशन का संपूर्ण संचालन इसी कार्यालय से किया जाएगा। उन्होंने अधिवेशन को आकर्षक एवं प्रभावी बनाने के लिए शहर के प्रमुख स्थानों पर झंडा, बैनर, वॉल राइटिंग सहित विभिन्न गतिविधियों को सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला। उद्घाटन कार्यक्रम में विभाग संगठन मंत्री मोहित सिंह भदौरिया जी, पूर्व कार्यकर्ता क्षितिज मोहन सिंह, भोला पटेल, नवीन आर्य जी, ववन जी, सुबोध पाठक जी, सुभाष वर्मा जी, जिला प्रमुख डॉ. प्रियंका राय, नगर अध्यक्ष डॉ. सुनील कुमार, प्रदेश सह मंत्री मंतोष सुमन, जिला संयोजक धीरज केसरी, नगर मंत्री आदित्य मिश्रा, प्रांत सेवार्थ विद्यार्थी सह संयोजक अनिरुद्ध सेन सहित सैकड़ों कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

आरपीएफ की बड़ी कार्रवाई, पैसेंजर ट्रेन से अवैध रूप से ले जाई जा रही 4 क्विंटल सूखी लकड़ी जब्त

गया। पूर्व मध्य रेल के डीडीयू मंडल अंतर्गत रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) पोस्ट गया द्वारा Operation Wilep के तहत एक बड़ी कार्रवाई करते हुए पैसेंजर ट्रेन से अवैध रूप से परिवहन की जा रही सूखी लकड़ी को जब्त किया गया। यह कार्रवाई 15 दिसंबर 2025 को गाड़ी संख्या 13553 आसनसोल–वाराणसी पैसेंजर में की गई।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, उक्त ट्रेन जब मानपुर रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म संख्या 01 पर दोपहर करीब 2 बजे पहुंची, तभी आरपीएफ द्वारा नियमित जांच अभियान चलाया गया। जांच दल में उपनिरीक्षक आर.के. सिंह के साथ प्रधान आरक्षी रोहित रंजन कुमार एवं प्रधान आरक्षी अमरेंद्र कुमार शामिल थे। जांच के दौरान ट्रेन के विभिन्न साधारण कोचों में जलावन के उपयोग योग्य छोटे-छोटे टुकड़ों में कटी हुई सूखी लकड़ियां पाई गईं।

आरपीएफ कर्मियों ने मौके पर मौजूद यात्रियों से पूछताछ की, तो बताया गया कि उक्त लकड़ियां गुरुपा स्टेशन से पहले जंगल क्षेत्र के किसी स्थान से ट्रेन में चढ़ाई गई थीं। हालांकि, कोई भी व्यक्ति लकड़ियों पर अपना दावा प्रस्तुत नहीं कर सका। इसके बाद आरपीएफ ने तत्काल कार्रवाई करते हुए सभी सूखी लकड़ियों को मानपुर स्टेशन पर उतार लिया।

मौके पर गवाहों की उपस्थिति में जप्ती सूची तैयार की गई और करीब 4 क्विंटल यानी लगभग 400 किलोग्राम सूखी लकड़ियों को समय 14:38 बजे विधिवत जब्त किया गया। जब्त लकड़ियों की अनुमानित कीमत करीब 6,500 रुपये आंकी गई है।

आरपीएफ अधिकारियों ने बताया कि यह लकड़ी वन अधिनियम के तहत अवैध रूप से परिवहन की जा रही थी। इसके बाद जब्त की गई सभी लकड़ियों को वन विभाग, गयाजी के माडनपुर डिपो कार्यालय में सुपुर्द कर दिया गया।

आरपीएफ ने स्पष्ट किया है कि ट्रेनों के माध्यम से वन संपदा की तस्करी को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। Operation Wilep के तहत ऐसे अवैध कृत्यों पर लगातार नजर रखी जा रही है और आगे भी इस तरह की सघन जांच अभियान जारी रहेंगे।

गया शहर में पालतू डॉगी लापता, मालिक ने घोषित किया 5 हजार रुपये का इनाम

गया शहर के समीर तकिया स्थित पंजाबी धर्मशाला इलाके में रहने वाले उमेश प्रसाद का पालतू डॉगी बीते 10 दिसंबर से लापता है। डॉगी के अचानक गायब हो जाने से पूरा परिवार गहरे सदमे में है। उमेश प्रसाद ने बताया कि उन्होंने डॉगी को अपने परिवार के सदस्य की तरह पाला था और उसके लापता होने के बाद से घर का माहौल पूरी तरह बदल गया है।

उमेश प्रसाद के अनुसार, स्थानीय लोगों ने उन्हें जानकारी दी कि 10 दिसंबर को एक व्यक्ति डॉगी को टोटो या ऑटो में बैठाकर जिला स्कूल की ओर ले जाता हुआ देखा गया था। इस सूचना के बाद उमेश प्रसाद स्वयं जिला स्कूल पहुंचे और आसपास काफी खोजबीन की। वहां मौजूद कुछ लोगों से पूछताछ करने पर पता चला कि एक ऑटो चालक डॉगी को अपने साथ लेकर वहां से चला गया था। हालांकि, उस ऑटो चालक के बारे में कोई ठोस जानकारी अब तक नहीं मिल सकी है।

डॉगी के लापता होने के बाद से उमेश प्रसाद और उनके परिवार ने शहर के कई इलाकों में खोजबीन की, लेकिन अब तक डॉगी का कोई सुराग नहीं मिला है। परिवार ने गुमशुदगी को लेकर शहर के विभिन्न स्थानों पर पोस्टर भी लगवाए हैं, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इस बारे में जान सकें और यदि किसी को डॉगी के बारे में कोई जानकारी मिले तो वह तुरंत संपर्क कर सके।

डॉगी की सुरक्षित वापसी के लिए उमेश प्रसाद ने 5,000 रुपये का इनाम घोषित किया है। उन्होंने अपील की है कि यदि किसी को भी डॉगी दिखाई दे या उसके बारे में कोई भी सूचना मिले, तो वे तुरंत उन्हें जानकारी दें। उमेश प्रसाद ने कहा कि डॉगी के गायब होने के बाद से पूरा परिवार मानसिक रूप से परेशान है।

उन्होंने भावुक होते हुए बताया कि वे पिछले पांच वर्षों से डॉगी को पाल रहे थे। “वह सिर्फ एक पालतू जानवर नहीं था, बल्कि हमारे परिवार का एक सदस्य था। उसके लापता होने के बाद से हम लोग ठीक से खाना तक नहीं खा पा रहे हैं,” उमेश प्रसाद ने कहा। फिलहाल परिवार डॉगी की सुरक्षित वापसी की उम्मीद लगाए हुए है और लोगों से सहयोग की अपील कर रहा है।