पुस्तक मेले का पांचवां दिन‘मालगुड़ी’और‘रस्किन बॉन्ड’की श्रृंखला पर पाठक फिदा,अन्य जिलो से भी उमड़ रहे पुस्तक प्रेमी
संजय द्विवेदी प्रयागराज।कटरा स्थित द पाम्स रिसोर्ट–रॉयल गार्डन (लक्ष्मी टॉकीज के सामने)में विकसित भारत–विकसित प्रदेश” की थीम पर आयोजित प्रयागराज पुस्तक मेले के पांचवें दिन पाठको की उत्साहजनक उपस्थिति देखने को मिली। प्रयागराज जनपद के साथ-साथ आसपास के जिलों से भी बड़ी संख्या में पुस्तक प्रेमी मेले में पहुंच रहे हैं।मेले में विभिन्न विधाओ की पुस्तकों के प्रति पाठकों की विशेष रुचि देखी जा रही है। मध्यकालीन संत माधव हाड़ा की पुस्तक‘बुल्ले शाह’सहित अनेक पुस्तकों की खरीदारी करने पहुंचे पुस्तक प्रेमी सोहन ने बताया कि वे बीएचयू के शोध छात्र हैं और मूल रूप से गुजरात के निवासी है।उन्होंने बताया कि दोस्तों के माध्यम से प्रयागराज पुस्तक मेले की जानकारी मिली जिसके बाद वे यहां पहुंचे।सोहन ने कहा कि इस प्रकार का पुस्तक मेला उन्होंने पहली बार देखा है और यह उन्हें अत्यंत सराहनीय लगा।डिजिटल युग में भी पुस्तको के प्रति पाठको का यह प्रेम आयोजको को उत्साहित कर रहा है।आयोजन समिति से जुड़े मनोज सिंह चन्देल और मनीष गर्ग ने कहा कि आज भी एक बड़ा वर्ग पुस्तकों को अपना सच्चा मित्र मानता है, यही भावना उन्हे भविष्य में भी ऐसे साहित्यिक आयोजनो को निरंतर करने की प्रेरणा देती है।मेले में लगे राजपाल एंड संस, दिल्ली के स्टॉल पर अज्ञेय की ‘चुनी हुई कविताएं’ विष्णु प्रभाकर की ‘आवारा मसीहा’ डॉ. ए.पी.जे.अब्दुल कलाम की ‘आपका भविष्य आपके हाथ’ हरिवंश राय बच्चन की ‘मधुशाला’तथा भगवतीशरण मिश्र की‘पवनपुत्र’पाठको को विशेष रूप से आकर्षित कर रही है।इसके अतिरिक्त साहित्य अकादमी से सम्मानित लेखक आर.के.नारायण की ‘मालगुड़ी की कहानिया मालगुड़ी का प्रिंटर सहित मालगुड़ी श्रृंखला की कुल 14 पुस्तकें पाठकों की पहली पसंद बनी हुई है।वही अंग्रेजी लेखक रस्किन बॉन्ड की हिंदी अनूदित पुस्तकों का लगभग 15 पुस्तकों का संग्रह युवाओं को खासा आकर्षित कर रहा है।इसी क्रम में सेतु प्रकाशन समूह के स्टॉल पर राज गोपाल सिंह वर्मा की ताकि सनद रहे आपातकाल में लोक सभा अनिल माहेश्वरी एवं शंभूनाथ शुक्ल द्वारा अनूदित ‘प्लेटे:द रिपब्लिक’कमल नयन चौबे की‘मार्क्सवादी चिंतन शब्दकोश’राम पुनियानी की ‘आरएसएस और हिन्दुत्व की राजनीति’किशन पटनायक की ‘भारत शूद्रो का होगा’तथा ‘अंबेडकर:दलित और स्त्री प्रश्न’ की अच्छी मांग रही। स्टॉल प्रतिनिधि राहुल श्रीवास्तव के अनुसार चंद्रभूषण की ‘भारत से कैसे गया बुद्ध का धर्म’, इश्तियाक अहमद की ‘जिन्ना’और प्रकाश कश्यप की ‘पेरियार ई.वी.रामासामी’भी पाठकों द्वारा खूब पसंद की जा रही है।पुस्तक मेले के सांस्कृतिक मंच पर जुनून-ए- मौसीकी संगीत संस्था द्वारा सुरमई शाम का आयोजन किया गया।कल्पना केसरवानी ने गंगा गीत मेला गीत और लोकगीतों की प्रस्तुति से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। जूली भव्या ने कबीर और मीरा बाई के भजनों के साथ राम भजन प्रस्तुत कर वातावरण को भक्तिमय बना दिया, जबकि समशुद्दीन की ग़ज़लों ने शाम को और भी खुशनुमा बना दिया।इसी दिन प्रयागराज पुस्तक मेले में डॉ.संगीता (विभागाध्यक्ष योग,आंजनय विश्वविद्यालय रायपुर)की पुस्तक“आत्मा की अनुभूति का आस्थापर्व”का भव्य विमोचन भी संपन्न हुआ। यह पुस्तक मृत्यु को भय या शोक के रूप में नही बल्कि आस्था के उत्सव और आत्मिक अनुभूति के पर्व के रूप में प्रस्तुत करती है।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ.मुरार त्रिपाठी तथा विशिष्ट अतिथि बृजेंद्र गौतम रहे।दीप प्रज्वलन सरस्वती वंदना एवं मौन प्रार्थना के साथ कार्यक्रम का शुभारम्भ हुआ।मंच संचालन करते हुए राकेश कुमार ने पुस्तक की जन्मकथा पर प्रकाश डाला।मुख्य अतिथि डॉ.मुरार त्रिपाठी ने पुस्तक की सराहना करते हुए कहा कि यह एक दुर्लभ ग्रंथ है,जो मृत्यु जैसे विषय को आस्था और सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ प्रस्तुत करता है। कार्यक्रम में उपस्थित साहित्यकारो शिक्षाविदो चिकित्सको एवं सांस्कृतिक प्रेमियों ने पुस्तक को अत्यंत प्रासंगिक बताया।विमोचन उपरांत अतिथियों को पुस्तक की प्रतियां स्मृति-चिह्न स्वरूप भेंट की गईं। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान एवं धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।
2 hours and 7 min ago
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