उत्तरकाशी में मनरेगा को लेकर विवाद, पुरोला विधायक और पत्नी के नाम पर भुगतान का मामला सामने आया

उत्तरकाशी, उत्तराखंड। उत्तरकाशी जनपद में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के क्रियान्वयन को लेकर एक बार फिर सवाल खड़े हो गए हैं। ताजा मामला पुरोला विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक दुर्गेश्वर लाल और उनकी पत्नी के नाम पर मनरेगा के तहत भुगतान से जुड़ा है, जिससे राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में हलचल मच गई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, वर्ष 2021 से 2025 के बीच रेक्चा गांव में मनरेगा के 11 कार्यों के तहत विधायक दुर्गेश्वर लाल और उनकी पत्नी श्रीमती निशा के खातों में करीब 17 हजार रुपये से अधिक की धनराशि का भुगतान हुआ। यह मामला सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद चर्चा का विषय बन गया। इस पूरे प्रकरण पर विधायक दुर्गेश्वर लाल ने आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए इसे उन्हें बदनाम करने की साजिश बताया है। उनका कहना है कि उनका और उनकी पत्नी का जॉब कार्ड तथा अंत्योदय कार्ड पूर्व में ही निरस्त कराया जा चुका था, ऐसे में मनरेगा से भुगतान होना समझ से परे है। वहीं, खंड विकास अधिकारी बृजमोहन बिंजोला ने बताया कि जिला परियोजना अधिकारी (डीपीओ) से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार विधायक बनने से पहले दुर्गेश्वर लाल और उनकी पत्नी का जॉब कार्ड बना हुआ था। संभवतः किसी अन्य व्यक्ति द्वारा निर्माण सामग्री की धनराशि उनके खातों में स्थानांतरित की गई। संबंधित धनराशि वापस कराई जा रही है और मामले की जांच की जा रही है। जांच के बाद नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। गौरतलब है कि हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा मनरेगा योजना का नाम बदलकर ‘विकसित भारत–रोजगार और आजीविका मिशन (ग्रामीण)’ (वीबी-जी-राम-जी) किए जाने को लेकर भी राजनीतिक बहस तेज है। विपक्ष लगातार भाजपा पर हमलावर है, ऐसे में यह मामला राज्य की राजनीति में और तूल पकड़ता नजर आ रहा है। प्रशासनिक जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि यह तकनीकी त्रुटि है या फिर व्यवस्था में किसी स्तर पर लापरवाही।
शिकार की तलाश में आया गुलदार पेड़ में फंसा, वन विभाग ने किया रेस्क्यू

हरिद्वार,उत्तराखंड। पथरी थाना क्षेत्र के रणसुरा गांव में शिकार की तलाश में जंगल से निकला एक गुलदार पॉपुलर के पेड़ की टहनियों में उलझकर फंस गया। पेड़ में गुलदार के फंसे होने की सूचना से गांव में दहशत फैल गई। सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और कड़ी मशक्कत के बाद गुलदार को सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया। प्राप्त जानकारी के अनुसार, गुलदार संभवतः कुत्ते के शिकार की तलाश में गांव से लगे खेतों तक पहुंच गया था। इसी दौरान वह पेड़ पर चढ़ा और टहनियों में उलझकर नीचे नहीं उतर सका। ग्रामीणों ने तुरंत वन विभाग को इसकी जानकारी दी। सूचना पर रेंज अधिकारी शीशपाल सिंह, वरिष्ठ पशु चिकित्साधिकारी डॉ. अमित ध्यानी, एसडीओ हरिद्वार पूनम कैंथोला सहित बचाव दल मौके पर पहुंचा। डीएफओ स्वप्निल अनिरुद्ध ने बताया कि पेड़ में फंसने के कारण गुलदार के पैर में चोट आई है। उसकी स्थिति को देखते हुए उसे जंगल में छोड़ने के बजाय उपचार के लिए चिड़ियापुर रेस्क्यू सेंटर भेजा गया है। वन विभाग ने ग्रामीणों से अपील की है कि वन्यजीवों के दिखाई देने पर घबराएं नहीं और तुरंत विभाग को सूचना दें, ताकि समय रहते सुरक्षित कार्रवाई की जा सके।
हरिद्वार में ‘मशरूम ग्राम’ का शुभारंभ, किसानों व युवाओं को मिलेगा रोजगार हरिद्वार
उत्तराखंड। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरिद्वार जनपद के बुग्गावाला में एमबी फूड्स द्वारा विकसित ‘मशरूम ग्राम’ का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि मशरूम उत्पादन कम भूमि, कम जल और कम समय में अधिक लाभ देने वाला प्रभावी उद्यम है, जो किसानों की आय बढ़ाने के साथ ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त करेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पहल कृषि क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देगी तथा स्थानीय युवाओं और महिलाओं को स्वरोज़गार के नए अवसर उपलब्ध कराएगी। स्वयं सहायता समूहों को भी इससे आर्थिक मजबूती मिलेगी। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि ‘मशरूम ग्राम’ मॉडल राज्य के अन्य क्षेत्रों के लिए प्रेरणास्रोत बनेगा और कृषि आधारित उद्यमिता को नई दिशा देगा। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार की किसान हितैषी योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत देश के 11 करोड़ किसानों को आर्थिक सहायता दी जा रही है, जिसमें उत्तराखंड के लगभग 9 लाख किसान लाभान्वित हो रहे हैं। न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और मृदा स्वास्थ्य कार्ड जैसी योजनाओं से किसानों को व्यापक लाभ मिल रहा है। उन्होंने बताया कि किसान मानधन योजना, मिलेट मिशन, बागवानी विकास मिशन, कृषि यंत्र सब्सिडी, बूंद-बूंद सिंचाई योजना और डिजिटल कृषि मिशन किसानों को सशक्त बना रही हैं। साथ ही किसान क्रेडिट कार्ड की सीमा तीन लाख से बढ़ाकर पाँच लाख रुपये करना किसानों के लिए ऐतिहासिक निर्णय है। राज्य सरकार की योजनाओं का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि फार्म मशीनरी बैंक योजना के तहत कृषि उपकरणों पर 80 प्रतिशत तक सब्सिडी, तीन लाख रुपये तक ब्याजमुक्त ऋण और नहरों से मुफ्त सिंचाई की सुविधा दी जा रही है। पॉलीहाउस निर्माण के लिए 200 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जिसके तहत अब तक लगभग 350 पॉलीहाउस स्थापित हो चुके हैं। उन्होंने गेहूं खरीद पर 20 रुपये प्रति क्विंटल बोनस, गन्ने के दामों में 30 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि, नई सेब नीति और ‘महक क्रांति’ जैसी पहलों का उल्लेख करते हुए कहा कि इनसे कृषि और बागवानी को नई ऊंचाइयां मिल रही हैं। कृषि मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में सरकार के चार वर्षों में कृषि और हॉर्टिकल्चर के क्षेत्र में कई कीर्तिमान स्थापित हुए हैं। एप्पल, मिलेट्स और ड्रैगन फ्रूट जैसी नीतियों से प्रदेश में नई कृषि क्रांति आई है। कार्यक्रम में विधायक रुड़की प्रदीप बत्रा, विधायक ज्वालापुर रवि बहादुर, जिला पंचायत अध्यक्ष किरण चौधरी, पूर्व मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद, पूर्व मंत्री दिनेश अग्रवाल, राज्य मंत्री बलराज पासी, भाजपा जिलाध्यक्ष आशुतोष शर्मा, प्रदेश महासचिव अनिल गोयल, एमबी फूड प्रोसेसिंग ग्रुप के संरक्षक मनमोहन भारद्वाज, जिलाधिकारी मयूर दीक्षित, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेंद्र सिंह डोभाल सहित एमबी फूड प्रोसेसिंग प्लांट बुग्गावाला के कर्मचारी उपस्थित रहे।
श्रद्धांजलि समारोह व षोडशी भंडारा: परमार्थ निकेतन गंगा तट पर उमड़ा संत समाज,ब्रह्मलीन महामण्डलेश्वर स्वामी असंगानन्द सरस्वती जी को भावभीनी श्रद्

ऋषिकेश। भारत की प्राचीन, अक्षुण्ण और दिव्य सनातन संत परंपरा के उज्ज्वल नक्षत्र, परम पूज्य, परम विरक्त, ऋषितुल्य संत ब्रह्मलीन महामण्डलेश्वर स्वामी असंगानन्द सरस्वती जी महाराज की पावन स्मृति में आज परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश के मां गंगा के पावन तट पर राष्ट्रव्यापी श्रद्धांजलि समारोह एवं षोडशी भंडारा का भव्य आयोजन किया गया। यह आयोजन केवल एक श्रद्धांजलि नहीं यह आयोजन केवल एक श्रद्धांजलि नहीं, बल्कि सनातन धर्म की जीवंत चेतना, संत परंपरा की अखंड धारा और तपस्वी जीवन मूल्यों का दिव्य उत्सव बन गया, जिसमें देशभर से पधारे संत-महात्माओं, महामण्डलेश्वरवृंद, आचार्यों एवं असंख्य श्रद्धालुओं की सहभागिता से संपूर्ण वातावरण आध्यात्मिक आलोक से आलोकित हो उठा। गंगा तट पर सजीव हुई सनातन संस्कृति प्रातःकाल से ही परमार्थ निकेतन में केसरिया वस्त्रों में दीप्तिमान संतों का सान्निध्य उमड़ पड़ा। वेद मंत्रों की गूंज, गंगा की अविरल धारा और श्रद्धालुओं की नम्र नमन भावनाओं के बीच ऐसा प्रतीत हो रहा था मानो सनातन संस्कृति स्वयं सजीव होकर साक्षी बन गई हो। सनातन धर्म की अमूल्य धरोहर बताया देश के विभिन्न पीठों, अखाड़ों और आश्रमों से पधारे पूज्य संतों एवं महामण्डलेश्वरवृंद ने एक स्वर में ब्रह्मलीन स्वामी असंगानन्द सरस्वती जी महाराज को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए उनके विरक्ति, तपस्या और साधनामय जीवन को सनातन धर्म की अमूल्य धरोहर बताया। तपस्या और विरक्ति का जीवंत शास्त्र था उनका जीवन संतों ने अपने उद्बोधनों में कहा कि ब्रह्मलीन स्वामी असंगानन्द सरस्वती जी महाराज का संपूर्ण जीवन विरक्ति, साधना और मौन उपदेश का साक्षात उदाहरण था। उन्होंने न कभी स्वयं का प्रचार किया और न ही बाह्य प्रदर्शन को महत्व दिया।उनका सान्निध्य ही साधना बन जाता था और उनकी दृष्टि ही दीक्षा।गीता जयंती एवं मोक्षदा एकादशी जैसे परम पावन दिवस पर उनका ब्रह्मलीन होना संत समाज ने दिव्य विधान बताया, जो उनके कर्मयोग, त्याग और वैराग्य का साकार प्रमाण है। पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी का भावपूर्ण संदेश परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने कहा—“संत देह से विदा हो सकते हैं, चेतना से कभी नहीं। वे दृश्य से अदृश्य की यात्रा करते हैं और युगों की स्मृति बन जाते हैं।” अध्यक्षता व संतों की गरिमामयी उपस्थिति इस श्रद्धांजलि समारोह की अध्यक्षता निर्वाण पीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर श्री श्री 1008 स्वामी विशोकानन्द भारती जी महाराज (श्री सोमेश्वर धाम, कनखल, हरिद्वार) ने की। कार्यक्रम पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में संपन्न हुआ। दशनाम अखाड़े के पूज्य संतों की गरिमामयी उपस्थिति रही कार्यक्रम में योगऋषि स्वामी रामदेव जी महाराज, गोविन्ददेव गिरि जी महाराज, अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत रवीन्द्र पुरी जी महाराज, साध्वी भगवती सरस्वती जी सहित देशभर के प्रमुख महामण्डलेश्वरवृंद, आचार्यगण एवं दशनाम अखाड़े के पूज्य संतों की गरिमामयी उपस्थिति रही। विशाल षोडशी भंडारा एवं पर्यावरण संदेश श्रद्धांजलि समारोह के उपरांत गंगा तट पर विशाल षोडशी भंडारे का आयोजन किया गया, जिसमें सैकड़ों संतों, श्रद्धालुओं और आगंतुकों ने प्रेमपूर्वक प्रसाद ग्रहण किया।इस अवसर पर सभी पूज्य संतों एवं अतिथियों को रुद्राक्ष के पौधे भेंट कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दिया गया। देशभर से आ रहे हैं श्रद्धांजलि संदेश मानस मर्मज्ञ मोरारी बापू, रमेशभाई ओझा, भाईश्री, देव संस्कृति विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ. प्रणव पण्ड्या, स्वामीनारायण आश्रम सहित देशभर के संतों, आश्रमों और भक्तों के भावभीने संदेश इस बात का प्रमाण हैं कि ब्रह्मलीन स्वामी असंगानन्द सरस्वती जी संत परंपरा की आत्मा थे। सनातन चेतना का अमर प्रकाश यह आयोजन इस सत्य को पुनः स्थापित करता है कि सनातन धर्म अतीत नहीं, सतत प्रवाहित वर्तमान है।ब्रह्मलीन स्वामी असंगानन्द सरस्वती जी महाराज भले ही स्थूल रूप में हमारे मध्य न हों, किंतु उनकी तपस्या, साधना और जीवन-दर्शन युगों-युगों तक सनातन चेतना के रूप में जीवित रहेगा।
उत्तराखंड: मानव सेवा से ही ईश्वर की प्राप्ति संभव- करौली शंकर महादेव

करौली सरकार द्वारा ‘आईसीयू ऑन व्हील’ सेवा का शुभारम्भ, तीर्थनगरीवासियों को मिलेगा लाभ

हरिद्वार , उत्तराखंड। करौली शंकर महादेव धाम, मिश्री मठ के परमाध्यक्ष करौली शंकर महादेव ने कहा कि मानव सेवा से बढ़कर कोई साधना नहीं है। पीड़ित, असहायजन और दरिद्र की सेवा ही हमें नारायण के साक्षात सान्निध्य के निकट ले जाती है। उन्होंने कहा कि मंत्र, जाप, ध्यान और योग से जहाँ हमारा लोक जीवन सुधरता है, वहीं मानव सेवा से लोक और परलोक दोनों का कल्याण होता है।

करौली शंकर महादेव पंचदिवसीय पूर्णिमा महोत्सव एवं गुरु नानक जयंती के पावन अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में ‘आईसीयू ऑन व्हील’ सेवा का लोकार्पण कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सेवा प्रकल्पों की श्रृंखला में यह एम्बुलेंस वाहन जनसेवा हेतु समर्पित किया गया है, जो 24 घंटे रोगियों, असहायजनों व पीड़ितों की सहायता के लिए उपलब्ध रहेगा। यह सेवा आकस्मिक परिस्थितियों में तत्काल चिकित्सा सहायता प्रदान करेगी।

उन्होंने कहा कि गुरु नानक देव जी महाराज ने समाज में समरसता और सद्भाव का जो संदेश दिया, वह आज भी उतना ही प्रासंगिक है। उनकी जयंती के अवसर पर ‘आईसीयू ऑन व्हील’ सेवा का शुभारम्भ समाज सेवा और आध्यात्मिकता के समन्वय का प्रतीक है। करौली शंकर महादेव ने कहा कि यह पहल तीर्थनगरी हरिद्वार के साथ-साथ तीर्थयात्रियों के लिए भी अत्यंत लाभदायक सिद्ध होगी।

परमाध्यक्ष ने बताया कि करौली सरकार राष्ट्र को रोगमुक्त और शोकमुक्त बनाने के संकल्प के साथ कार्य कर रही है। संस्था ध्यान साधना, योग, मंत्र दीक्षा और विविध आध्यात्मिक आयोजनों के माध्यम से लोगों में सकारात्मकता और आरोग्यता का संदेश प्रसारित कर रही है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में संस्था अपने सेवा प्रकल्पों का निरंतर विस्तार कर रही है। आगामी समय में शिक्षा और चिकित्सा को भारतीय संस्कृति और संस्कारों से जोड़कर आमजन तक पहुँचाने की दिशा में कार्य किया जाएगा।

इस अवसर पर देश-विदेश से आए श्रद्धालुओं ने गुरुजी से मंत्र दीक्षा प्राप्त की और दिव्यता एवं साधना के इस महोत्सव में सहभागिता निभाई। पंचदिवसीय पूर्णिमा महोत्सव के अंतर्गत ध्यान साधना, भजन संध्या, तंत्र क्रिया और योग दीक्षा जैसे विविध आध्यात्मिक कार्यक्रमों का आयोजन जारी है, जिनमें हजारों श्रद्धालु श्रद्धा और भक्ति से भाग ले रहे हैं।

*विपुल मेंदोली बने उत्तराखंड बीजेपी के नए प्रदेश अध्यक्ष*

देहरादून, उत्तराखंड। भाजपा ने उत्तराखंड में संगठनात्मक बदलाव करते हुए विपुल मेंदोली को नया प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है। मेंदोली पार्टी में लंबे समय से सक्रिय रहे हैं और संगठन को मजबूत करने में उनकी अहम भूमिका रही है। साथ ही दीपेन्द्र कोश्यारी और मुलायम सिंह रावत को प्रदेश महामंत्री की जिम्मेदारी सौंपी गई है। नए दायित्व मिलने पर तीनों नेताओं ने पार्टी नेतृत्व का आभार जताया और आगामी चुनावों में भाजपा को मजबूत करने का संकल्प दोहराया। इस बदलाव को पार्टी की नई ऊर्जा और रणनीति के रूप में देखा जा रहा है।

उत्तराखंड: राशन डीलरों ने लगाए भ्रष्टाचार के आरोप, बकाया भुगतान न मिलने पर आंदोलन की चेतावनी

हरिद्वार, उत्तराखंड। फेयर प्राइस शॉप डीलर्स फेडरेशन ने बुधवार को प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता में खाद्य विभाग के अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए। फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र शर्मा, ब्लॉक अध्यक्ष दिनेश कश्यप और डीलर सत्येंद्र कुमार ने आरोप लगाया कि कोरोना काल के दौरान वितरित राशन की बकाया राशि का भुगतान करने में जानबूझकर देरी की जा रही है और अधिकारियों द्वारा कमीशन की मांग की जा रही है।

उन्होंने बताया कि डीएसओ और क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी बहादराबाद द्वारा राशन डीलरों को बिना कमीशन दिए भुगतान नहीं किया जाता। फेडरेशन का कहना है कि कुछ डीलर अधिकारियों के लिए जबरन कमीशन की वसूली भी कर रहे हैं, जो भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा है।

प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र शर्मा ने चेतावनी दी कि यदि जल्द ही बकाया राशि का भुगतान नहीं किया गया और भ्रष्ट अधिकारियों का तबादला नहीं हुआ, तो जिलेभर के राशन डीलर अनिश्चितकालीन रूप से राशन का उठान बंद कर देंगे। इससे आम जनता को भारी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

फेडरेशन ने शासन से मांग की है कि राशन डीलरों की समस्याओं को गंभीरता से लिया जाए और निष्पक्ष जांच कर दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। प्रेस वार्ता में अन्य डीलरों ने भी अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि ईमानदारी से कार्य करना अब मुश्किल होता जा रहा है। फेडरेशन ने कहा कि अगर मांगें नहीं मानी गईं तो आंदोलन को राज्यव्यापी रूप दिया जाएगा।

उत्तरकाशी आपदा: एक हफ्ते बाद जारी हुई 68 लापता लोगों की सूची

- मलबा के नीचे दब चुके मकानों से लापता लोगों की तलाश बेहद कठिन

उत्तरकाशी , उत्तराखंड। उत्तरकाशी जनपद के हर्षिल घाटी क्षेत्र के धराली गांव में आई आपदा के एक सप्ताह बाद प्रशासन ने 68 लापता लोगों की सूची जारी की है। लापता लोगों में 9 सेना के जवान, 13 स्थानीय निवासी, टिहरी जिले का एक व्यक्ति, बिहार के 13 मजदूर, उत्तर प्रदेश के 6 लोग और 24 नेपाली नागरिक शामिल हैं।

आपदा के कारण क्षेत्र में सड़कें बुरी तरह से ध्वस्त हो गई हैं, जिससे राहत एवं बचाव कार्यों में गंभीर बाधाएं आ रही हैं। धराली गांव में लगभग 30 फुट ऊँचा मलबा जमा हो गया है, जिससे कई मकान दब चुके हैं और लापता लोगों की तलाश बेहद कठिन हो गई है।

प्रशासनिक प्रयासों के चलते अब तक एक हजार से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है। हालांकि, खराब मौसम और दुर्गम परिस्थितियों के कारण खोज और राहत अभियान में लगातार चुनौतियां बनी हुई हैं। प्रशासन, सेना और स्थानीय आपदा प्रबंधन टीमें संयुक्त रूप से राहत कार्यों में जुटी हैं। वहीं, परिजनों में अब भी अपनों की सलामती को लेकर चिंता और प्रशासन से जवाबदेही की मांग तेज होती जा रही है।

हरिद्वार भगदड़ के बाद प्रशासन सतर्क: मनसा देवी और चंडी देवी मंदिरों में भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा की व्यापक समीक्षा

हरिद्वार (उत्तराखंड)। मनसा देवी मंदिर में गत दिवस हुई भगदड़ में 8 श्रद्धालुओं की मौत और 30 से अधिक घायल हो गए थे। हादसे के बाद जिला प्रशासन और मंदिर प्रबंधन की एक संयुक्त बैठक हुई, जिसमें दीर्घकालिक रणनीतियाँ तय की गईं। एसएसपी प्रमेंद्र सिंह डोभाल और एसपी पंकज गैरोला के अनुसार, मंदिर की ओर जाने वाले मार्गों को अब एकतरफा बनाया जाएगा और विशेष अवसरों पर जिग-जैग व्यवस्था लागू की जाएगी ताकि भीड़ नियंत्रित की जा सके। श्रद्धालुओं की संख्या पर सीमित और क्रमिक प्रवेश व्यवस्था लागू की जाएगी, जिससे मंदिर की क्षमता से अधिक लोग परिसर में प्रवेश न कर सकें। अतिरिक्त पुलिस बल भी त्योहारों और प्रमुख आयोजनों के दौरान तैनात किया जाएगा।

बैठक में महंत भवानी शंकर ने खराब हो चुके पैदल मार्गों और बिगड़ते बुनियादी ढांचे पर चिंता जताई। प्रशासन ने वादा किया है कि पैदल रास्तों की मरम्मत, शौचालय, और विश्राम स्थलों का निर्माण जल्द शुरू किया जाएगा। मंदिर परिसर में बिजली कनेक्शनों की ऑडिटिंग की जाएगी। अवैध कनेक्शनों को हटाने का आदेश दिया गया है, ताकि भविष्य में इस तरह की दहशत और अफवाहों से जनहानि न हो। इसके साथ ही मंदिर परिसर के अंदर और बाहर अतिक्रमण हटाने का अभियान चलाया जाएगा। प्रशासन अब मनसा देवी और चंडी देवी दोनों मंदिरों में सुरक्षा ऑडिट और भीड़ प्रबंधन योजनाओं को लागू करने की प्रक्रिया में जुट गया है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके और श्रद्धालुओं का भरोसा बहाल किया जा सके।

मुख्यमंत्री धामी ने जाना घायलों का हाल, आर्थिक सहायता और हेल्पलाइन नंबर जारी

हरिद्वार, उत्तराखंड। रविवार सुबह प्रसिद्ध मनसा देवी मंदिर में दर्शन के दौरान मची भगदड़ में कम से कम छह श्रद्धालुओं की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए। घटना के तुरंत बाद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अस्पताल जाकर घायलों से मुलाकात की और हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। उन्होंने मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं और अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है। मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को ₹2 लाख और घायलों को ₹50,000 की सहायता देने की घोषणा की है। गंभीर घायलों को बेहतर इलाज के लिए एम्स ऋषिकेश रेफर किया गया है।

बिजली के करंट की अफवाह से भगदड़ ?

प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, भगदड़ की वजह एक टूटी हुई बिजली लाइन के गिरने की अफवाह बताई जा रही है। हालांकि, मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने इन अटकलों को नकारते हुए कहा कि करंट लगने जैसी कोई घटना नहीं हुई। उन्होंने बताया कि मंदिर के तीन रास्तों में भारी भीड़ जमा हो गई थी, जहां एक व्यक्ति के फिसलने से भगदड़ मच गई।

यूपीसीएल के अधीक्षण अभियंता प्रदीप कुमार ने भी कहा कि बिजली आपूर्ति पूरी तरह सुरक्षित है और कहीं से भी करंट लगने की पुष्टि नहीं हुई। उन्होंने बताया, “सिस्टम में कोई ट्रिपिंग नहीं हुई और अस्पताल में भी बिजली के झटके का कोई मामला दर्ज नहीं हुआ है।”

प्रधानमंत्री मोदी ने जताया शोक:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया और शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदनाएं प्रकट कीं। उन्होंने कहा कि स्थानीय प्रशासन पूरी तरह से प्रभावित लोगों की सहायता में लगा हुआ है।

* हेल्पलाइन नंबर जारी:

राज्य सरकार द्वारा घटना से जुड़ी जानकारी के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए हैं:

हरिद्वार जिला आपातकालीन केंद्र: 01334-223999, 9068197350, 9528250926

राज्य आपातकालीन केंद्र, देहरादून: 0135-2710334, 2710335, 8218867005, 9058441404