स्थगन आदेश के बावजूद शिक्षक नेता पर गैंगस्टर की कार्रवाई शुरू,डीएम को भेजी गई फाइल

भ्रष्टाचार की आवाज उठाई तो शुरू हुई कार्रवाई

गोंडा।जिले के वित्त एवं लेखा विभाग बेसिक में फैले भ्रष्टाचार को लेकर आवाज उठाने वाले विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष अनूप सिंह के विरुद्ध गैंगस्टर एक्ट के अंतर्गत कार्रवाई शुरू हो गई है।पुलिस ने इस संबंध में जिलाधिकारी को पत्रावली भेजी है।यह कार्रवाई तब हो रही है जब अनूप सिंह को एक पुराने मामले में उच्च न्यायालय से स्थगन आदेश मिला हुआ है।अनूप सिंह के विरुद्ध 16 अप्रैल को अपहरण सहित कई अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था।इस मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने 5 दिसंबर को अगली सुनवाई तक के लिए स्थगन आदेश दिया था।मामले की अगली सुनवाई फरवरी 2026 में निर्धारित है,इसके बावजूद पुलिस ने गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई प्रस्तावित किया है।शिक्षक नेता के विरुद्ध कार्रवाई की जानकारी के बाद शिक्षक संगठनों में नाराजगी है।शिक्षक संगठन के सदस्यों ने गोंडा कलेक्ट्रेट के प्रशानिक अधिकारी से मिलकर ज्ञापन सौंपा है तथा इस पूरी प्रक्रिया को रोकने की मांग की है।सुनील सिंह ने जिलाधिकारी को शिकायतीपत्र भी दिया है,जिसमें गैंगस्टर की कार्रवाई पर तत्काल रोक लगाने की मांग की है।उन्होंने आरोप लगाया है कि जिस दिन की घटना बताई जा रही है उस दिन अनूप सिंह घर पर मौजूद नहीं थे और यह मुकदमा गलत तरीके से दर्ज किया गया है।सुनील सिंह ने यह भी कहा कि पुलिस उनके घर से सीसीटीवी फुटेज भी ले गयी थी जिसमें सारे साक्ष्य मौजूद थे।कई बार हम लोगों द्वारा मांग किये जाने के बावजूद पुलिस द्वारा हम लोगों को उसे नहीं दिया गया और बिना जांच किये अब गैंगस्टर की कार्रवाई शुरू कर दी गयी है।गोंडा शिक्षक संघर्ष समिति के संयोजक सतीश पाण्डेय ने इस कार्रवाई को भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वाले व्यक्ति के लिए गलत बताया है।उन्होंने कहा कि ज्ञापन सौंपने के बाद उन्हें निष्पक्ष जांच का आश्वासन मिला है।जांच के नतीजों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।सहसंयोजक गौरव पाण्डेय ने कहा कि भ्रष्टाचार की आवाज उठाने पर ही अनूप सिंह के विरुद्ध कार्रवाई शुरू की गई है जो कि पूरी तरह से गलत है।अटेवा जिलाध्यक्ष अमर यादव ने कहा कि यदि यह कार्रवाई नहीं रुकी तो हम लोगों द्वारा एक बड़ा आंदोलन किया जाएगा क्योंकि इस तरह से कोई गलत कार्रवाई नहीं कर सकता है।

कृषि ट्रैक्टरों द्वारा अवैध गन्ना परिवहन पर एआरटीओ प्रशासन की कार्रवाई

गोण्डा। एआरटीओ प्रशासन आर.सी. भारतीय द्वारा गुरुवार की देर रात्रि बजाज चीनी मिल कुंदरखी यूनिट के अंतर्गत एक विशेष अभियान चलाया गया, जिसमें कृषि ट्रैक्टरों के माध्यम से अवैध तरीके से गन्ना परिवहन करने वाले वाहनों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की गई।

इस अभियान का मुख्य उद्देश्य कृषि ट्रैक्टरों में अनधिकृत पंजीकृत ट्रॉला लगाने के जरिए गन्ना परिवहन को नियंत्रित करना और कृषि कानूनों की अनुपालन सुनिश्चित करना था। इस अभियान के दौरान, एआरटीओ अधिकारियों ने देखा कि कई ट्रैक्टर जो केवल कृषि कार्य के लिए पंजीकृत थे, उन्हें कमर्शियल तरीके से ओवरहाइट गन्ना लोड करने के लिए उपयोग किया जा रहा था। विशेषकर, दो कृषि पंजीकृत ट्रैक्टरों में बड़े साइज के ट्रॉला संलग्न कर अवैध रूप से गन्ना परिवहन किया जा रहा था।

यह स्पष्ट था कि ये ट्रैक्टर कृषि उद्देश्यों के बजाय वाणिज्यिक उपयोग के लिए परिवर्तित कर दिए गए थे, जो कि न केवल कानून का उल्लंघन करता है बल्कि कृषि क्षेत्र में अनुशासन और सुरक्षा को भी खतरे में डालता है। एआरटीओ प्रशासन ने पूर्व निर्धारित मानकों का उल्लंघन करने वाले ट्रैक्टरों और ट्रॉला को रोकने के लिए कठोर कदम उठाए। संबंधित वाहनों के खिलाफ आवश्यक कानूनी कार्यवाही की गई है, ताकि इस प्रकार की अनाधिकृत गतिविधियों को रोका जा सके। प्रशासन ने किसानों और परिवहन मजदूरों को इस संबंध में जागरूक करते हुए यह सुनिश्चित किया है कि सभी किसान केवल मान्यता प्राप्त और पंजीकृत वाहनों का ही उपयोग करें। एआरटीओ प्रशासन का स्पष्ट संदेश है कि किसी भी प्रकार के अवैध परिवहन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
पांच साल से अधूरे पड़े आठ सामुदायिक शौचालय, जिम्मेदारों की चुप्पी पर उठ रहे सवाल

गोंडा। केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा स्वच्छ भारत मिशन को सफल बनाने के लिए करोड़ों रुपये खर्च किए जाने के बावजूद जमीनी स्तर पर हालात इसके उलट दिखाई दे रहे हैं। हलधरमऊ विकास खंड क्षेत्र में वित्तीय वर्ष 2020-21 में बनाए जाने के लिए स्वीकृत आठ सामुदायिक शौचालय आज पांच वर्ष बाद भी अधूरे पड़े हैं, जिससे ग्रामीणों में भारी नाराजगी है।

सूत्रों के मुताबिक क्षेत्र पंचायत द्वारा जिन आठ स्थानों पर सामुदायिक शौचालयों का निर्माण कराया जाना था, उन सभी पर लाखों रुपये की धनराशि जारी हुई, लेकिन निर्माण कार्य अधूरा छोड़ दिया गया। ग्रामीणों का आरोप है कि जिम्मेदार अधिकारियों और ठेकेदारों की मिलीभगत से सरकारी धन का बंदरबांट किया गया और काम को बीच में ही रोक दिया गया। विकास खंड मुख्यालय हलधरमऊ, परसा हनुमान मंदिर, परसौनी पुरवा मृत्युंजय आश्रम, बरबटपुर हनुमान मंदिर, मैजापुर गौशाला, सिकरी दुर्गा मंदिर, बसालतपुर बरखंडी नाथ मंदिर, भुलभुलिया गौशाला आदि स्थानों पर कई शौचालय अधूरे हैं।

विकास खंड मुख्यालय स्थित सामुदायिक शौचालय पर 8,61,000 और शेष सात शौचालयों पर प्रति शौचालय 6,37,000 की लागत निर्धारित की गई थी। धनराशि खर्च होने के बावजूद कहीं प्लास्टर नहीं कराया गया, कहीं दरवाजे तक नहीं लगाए गए, तो कई जगह निर्माण कार्य नींव और पिलर तक ही सीमित रह गया।

ग्रामीणों में रोष

ग्रामीणों का कहना है कि पांच साल बीतने के बाद भी इन शौचालयों का न तो निर्माण पूरा हुआ और न ही किसी अधिकारी ने इसकी सुध ली। ब्लॉक मुख्यालय परिसर में तो सिर्फ पिलर व नींव डालकर काम छोड़ दिया गया, जिससे लोगों में यह बात चर्चा का विषय बनी हुई है कि आखिर करोड़ों रुपये खर्च होने के बाद भी शौचालय उपयोग लायक क्यों नहीं बन सके?

क्या कहते हैं जिम्मेदार-

इस मामले में खंड विकास अधिकारी देव नायक सिंह ने बताया कि सभी अधूरे शौचालयों को पूर्ण कराने के लिए आगामी बैठक में चर्चा की जाएगी और स्थिति की समीक्षा कर आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
तेज रफ्तार ट्रक ने विद्युत पोल में मारी टक्कर,पोल क्षतिग्रस्त,ग्रामीणों में आक्रोश


गोंडा(करनैलगंज)। तहसील क्षेत्र के फतेहपुर कोटहना (पंडित पुरवा) में बीते एक महीने पूर्व एक तेज़ रफ्तार ट्रक ने सड़क किनारे लगे विद्युत पोल में जोरदार टक्कर मार दी थी। हादसे में विद्युत पोल बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया,जिससे पूरे इलाके की बिजली व्यवस्था प्रभावित है।

आपूर्ति बाधित होने से ग्रामीणों में भारी आक्रोश है। विद्युत समस्या को लेकर ग्रामीणों का एक समूह शुक्रवार सुबह पावर हाउस पहुँचा और जिम्मेदार कर्मचारियों के खिलाफ नाराज़गी जताई। ग्रामीणों का आरोप है कि लाइनमैन द्वारा क्षतिग्रस्त पोल ठीक कराने के नाम पर 20 हजार रुपये की मांग की गई, जिससे लोगों में रोष व्याप्त है। ग्रामीणों का कहना है कि दुर्घटना ट्रक चालक की लापरवाही से हुई है। मामले की जांच कराकर कार्रवाई करने व क्षतिग्रस्त पोल को शीघ्र ठीक कराकर विद्युत आपूर्ति बहाल कराने की मांग की गई है।
साहब यहां रात में अवैध व दिन में नियम विरुद्ध हो रहा मिट्टी खनन


गोंडा। जिले में अवैध मिट्टी खनन माफियाओं को रोक पाना विभागीय अधिकारियों व पुलिस के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। जिले में अभी तक तो रात में जेसीबी व लोडर से अवैध मिट्टी खनन जारी रहा है परन्तु अब दिन दहाड़े बेखौफ खनन माफिया धरती मां के सीने को चीर उपजाऊ जमीन को बर्बाद कर रहे हैं।

ताज़ा मामला इटियाथोक थाना क्षेत्र से जुड़ा है,जहां चौकी क्षेत्र अंतर्गत भवानीपुर खुर्द यहां अपनी दबंगई व रसूख के बदौलत ना कि रात में अवैध मिट्टी खनन किया जा रहा है बल्कि दिन दहाड़े जेसीबी मशीन से खुदाई कर डंपर के माध्यम से विभिन्न स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। वैसे ये खेल चौकी से महज कुछ ही दूरी का है। ग्राम पंचायत लक्ष्मणपुर में जंगल व कुआनो नदी के बेहद नजदीक स्थित अलग-अलग गाटों से जेसीबी मशीन लगाकर मिट्टी की खुदाई वह डंपरों के जरिए ढुलाई का कार्य किया जा रहा है।

खबर है कि एक आध गाटे का रॉयल्टी जमा करके दिन के समय मिट्टी खुदाई कर क्षेत्रीय भट्ठो पर महंगें दामों में बेचा जा रहा है वहीं रात के अंधेरे में बगैर अनुमति अवैध रूप से मिट्टी का खनन करके घर बनाने व गड्ढों की पटाई करने के लिए आम जनों को महंगे रेट में मिट्टी की बिक्री की जा रही है तथा इसी क्षेत्र के गांधी चबूतरा व मऊ शमशाबाद गांव में भी लोडर मशीन व ट्रैक्टर ट्राली के जरिए अवैध मिट्टी का खनन करके आसपास के क्षेत्र में बेचा जा रहा है। दिन रात मिट्टी भर के ट्रैक्टर ट्रालियो पर गोंडा बलरामपुर मुख्य मार्ग से होते हुए क्षेत्र के अलग-अलग स्थानों पर मिट्टी ले जाते हुए देखे जा रहे हैं लेकिन स्थानीय पुलिस वह खनन विभाग के अधिकारी सब कुछ जानकर अनजान बने हुए हैं।

गांव के कुछ लोगों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया की मिट्टी लदे वाहनों के आवाजाही से सड़क क्षतिग्रस्त हो रहे हैं व चक मार्गों पर छह इंच मोटी धूल की परत जमी हुई है। जिससे राहगीरों को आवागमन के दौरान जान माल का खतरा बना रहता है। बताया जाता है कि मिट्टी परिवहन के लिए डंपरों का ना तो खनन विभाग में पंजीकरण कराया गया है और ना ही धुलाई परमिट जारी कराई गई है,जिसकी जांच करवाकर कार्रवाई किया जाना नितांत आवश्यक है।
फर्जी दस्तावेजों के सहारे जमीन कब्जा करने वाले को ईओडब्ल्यू ने किया गिरफ्तार
50 से अधिक मुकदमों में जांच जारी

गोंडा।जिले में व्यापक पैमाने पर हुए जमीन घोटाले के संबंध में आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन की कार्रवाई जारी है।इसी क्रम में फर्जी दस्तावेजों के सहारे जमीनों पर कब्जा करने के आरोप में राम कैलाश पांडेय को गिरफ्तार किया है।आरोपी ने गोंडा के निबंधन कार्यालय सदर में अधिकारियों व कर्मचारियों की मिली भगत से छेड़छाड़ कर फर्जी अभिलेख तैयार किये थे।राम कैलाश पांडेय के खिलाफ लखनऊ के एस आई टी थाने में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और फर्जीवाड़े सहित कई गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज है।इस मामले की जांच लखनऊ एस आई टी व आर्थिक अपराध संगठन उत्तर प्रदेश द्वारा की जा रही है।इस मामले में विगत चार महीने में कई अन्य गिरफ्तारियां हुई हैं।इनमें 12 अगस्त को सरजू प्रसाद,7 अक्टूबर को मसरूर अहमद,9 अक्टूबर को शिव शरण पांडेय और 4 नवंबर को अंबिका प्रसाद शामिल हैं और अब फरार चल रहे राम कैलाश पांडेय को भी गिरफ्तार कर लिया गया है।इस जमीन फर्जीवाड़े का खुलासा देवीपाटन मंडल के तत्कालीन पुलिस उपमहानिरीक्षक उपेंद्र अग्रवाल के कार्यकाल में हुआ था।उन्होंने एक टीम गठित कर जांच कराई थी जिसमें 50 से अधिक जमीन घोटाले के मामले सामने आए थे।इन सभी मामलों को लेकर गोंडा के नगर कोतवाली में चार दर्जन से अधिक मुकदमे दर्ज किये गए थे।जिसकी जांच अब एस आई टी लखनऊ व आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन उत्तर प्रदेश को सौंप दी गई है
*कृषि ट्रैक्टरों द्वारा अवैध गन्ना परिवहन पर एआरटीओ प्रशासन की कार्रवाई*
*कृषि ट्रैक्टरों के माध्यम से अवैध तरीके से गन्ना परिवहन करने वाले वाहनों के विरुद्ध एआरटीओ प्रशासन की सख्त कार्रवाई*


*जनपद में अवैध तरीके से गन्ना परिवहन करने वाले वाहनों को बक्शा नहीं जायेगा-एआरटीओ प्रशासन*

*गोण्डा।एआरटीओ प्रशासन आर.सी. भारतीय द्वारा देर रात्रि बजाज चीनी मिल कुंदरखी यूनिट के अंतर्गत एक विशेष अभियान चलाया गया, जिसमें कृषि ट्रैक्टरों के माध्यम से अवैध तरीके से गन्ना परिवहन करने वाले वाहनों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की गई। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य कृषि ट्रैक्टरों में अनधिकृत पंजीकृत ट्रॉला लगाने के जरिए गन्ना परिवहन को नियंत्रित करना और कृषि कानूनों की अनुपालन सुनिश्चित करना था।

इस अभियान के दौरान, एआरटीओ अधिकारियों ने देखा कि कई ट्रैक्टर जो केवल कृषि कार्य के लिए पंजीकृत थे, उन्हें कमर्शियल तरीके से ओवरहाइट गन्ना लोड करने के लिए उपयोग किया जा रहा था। विशेषकर, दो कृषि पंजीकृत ट्रैक्टरों में बड़े साइज के ट्रॉला संलग्न कर अवैध रूप से गन्ना परिवहन किया जा रहा था। यह स्पष्ट था कि ये ट्रैक्टर कृषि उद्देश्यों के बजाय वाणिज्यिक उपयोग के लिए परिवर्तित कर दिए गए थे, जो कि न केवल कानून का उल्लंघन करता है बल्कि कृषि क्षेत्र में अनुशासन और सुरक्षा को भी खतरे में डालता है।

एआरटीओ प्रशासन ने पूर्व निर्धारित मानकों का उल्लंघन करने वाले ट्रैक्टरों और ट्रॉला को रोकने के लिए कठोर कदम उठाए। संबंधित वाहनों के खिलाफ आवश्यक कानूनी कार्यवाही की गई है, ताकि इस प्रकार की अनाधिकृत गतिविधियों को रोका जा सके। प्रशासन ने किसानों और परिवहन मजदूरों को इस संबंध में जागरूक करते हुए यह सुनिश्चित किया है कि सभी किसान केवल मान्यता प्राप्त और पंजीकृत वाहनों का ही उपयोग करें। एआरटीओ प्रशासन का स्पष्ट संदेश है कि किसी भी प्रकार के अवैध परिवहन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
रैनबसेरा एवं अलाव का निरीक्षण कर जरूरत मंदों कम्बल का किया वितरण, अधिकारियों को दिये आवश्यक निर्देश
गुरुनानक चौराहा, बस स्टैंड, जिला अस्पताल आदि स्थानों पर रैनबसेरा व अलाव का किया निरीक्षण


गोण्डा । शीतलहर से आमजन को राहत पहुँचाने हेतु जिलाधिकारी गोण्डा  प्रियंका निरंजन ने देर रात्रि शहर के विभिन्न स्थलों का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायज़ा लिया। जिलाधिकारी ने बस स्टैंड, जिला अस्पताल, गुरु नानक चौराहा सहित कई प्रमुख स्थानों पर स्थित रैनबसेरों एवं अलाव स्थलों का निरीक्षण किया और ठंड से बचाव के लिए उपलब्ध सुविधाओं की समीक्षा की।

निरीक्षण के दौरान उन्होंने रैनबसेरे में मौजूद असहाय एवं जरूरतमंद लोगों से संवाद कर उनकी समस्याएँ जानीं तथा स्थानीय प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराई जा रही व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी ली। जिलाधिकारी ने मौके पर उपस्थित अधिकारियों को निर्देश दिया कि शीतलहर को देखते हुए अलाव की व्यवस्था हर महत्वपूर्ण स्थान पर सुनिश्चित की जाए, ताकि कोई भी व्यक्ति ठंड से प्रभावित न हो। इस अवसर पर उन्होंने जरूरतमंद लोगों को कम्बल वितरित कर राहत प्रदान की।

जिलाधिकारी श्रीमती प्रियंका निरंजन ने स्पष्ट निर्देश दिए कि सभी संबंधित अधिकारी अपने-अपने क्षेत्रों में रात्रि भ्रमण अनिवार्य रूप से करें। उन्होंने कहा कि रात्रिकालीन भ्रमण से यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि कहीं कोई व्यक्ति खुले में ठंड से पीड़ित न हो और प्रशासन की ओर से उपलब्ध कराई गई सभी व्यवस्थाएँ सुचारू रूप से संचालित हों। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि शीतलहर के दृष्टिगत किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी तथा राजस्व, स्वास्थ्य, नगर निकाय और आपदा प्रबंधन से संबंधित सभी विभाग पूर्ण समन्वय के साथ कार्य करें।
सभी अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि वे अपने-अपने क्षेत्र में रैनबसेरों की नियमित मॉनिटरिंग करें, अलाव की पर्याप्त व्यवस्था बनाए रखें तथा जरूरतमंदों को समय पर आवश्यक सहायता उपलब्ध कराएँ।

जिलाधिकारी ने यह भी कहा कि प्रशासन का उद्देश्य शीतलहर के दौरान किसी भी नागरिक को कठिनाई न होने देना है और इसके लिए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने आमजन से अपील की कि वह जरूरतमंद लोगों को रैनबसेरों तक पहुँचाने में सहयोग करें, ताकि अधिक से अधिक लोग राहत का लाभ उठा सकें।

निरीक्षण के दौरान मुख्य राजस्व अधिकारी महेश प्रकाश, उपजिलाधिकारी गोण्डा सदर अशोक कुमार गुप्ता, अपर उपजिलाधिकारी /अधिशासी अधिकारी नगरपालिका परिषद गोण्डा विशाल कुमार, जिला आपदा विशेषज्ञ राजेश श्रीवास्तव, स्वास्थ्य लिपिक नगरपालिका गोण्डा फराज अहमद, डीपीएम नीतेश राठौर सहित नगर पालिका एवं संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।
300 रुपये न मिलने पर पत्नी दी जान,पेड़ से लटकता मिला शव
200 रुपये देने पर पति से थी नाराज

गोंडा।जिले के देहात कोतवाली थाना क्षेत्र अंतर्गत चंदवतपुर गांव में 28 वर्षीय रीता पांडेय ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।उसका शव घर से कुछ दूरी पर स्थित एक शीशम के पेड़ से लटकता मिला।घटना की सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।पुलिस के अनुसार रीता ने यह कदम पति अभय पांडेय से 300 रुपये न मिलने पर उठाया।


अभय पांडेय रात में बोलेरो चलाकर घर लौटा तो रीता ने उससे पैसे मांगे जिस पर अभय ने अपनी जेब से 300 रुपये में से 200 रुपये दिये,जबकि रीता पूरे 300 रुपये की मांग कर रही थी।इसी बात को लेकर पति पत्नी में विवाद हुआ और इसके बाद रीता घर से बाहर चली गई तथा देर रात तक घर न लौटने पर घर वालों ने उसकी तलाश की परन्तु घने कोहरे के कारण उसका पता नहीं चल सका।अगले दिन सुबह कोहरा छटने पर परिजनों को रीता का शव घर से कुछ ही दूरी पर शीशम के पेड़ से साड़ी के सहारे लटका मिला।परिजनों ने तत्काल इसकी सूचना देहात कोतवाली पुलिस को दिया।मृतका रीता पांडेय के पिता ने पति अभय पांडेय समेत चार लोगों के खिलाफ दहेज न मिलने पर हत्या करने का आरोप लगाते हुये तहरीर दिया है।देहात कोतवाली पुलिस ने मृतका के पिता की तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया है और पूरे मामले के जांच में जुट गई है।बताया जा रहा है कि कटरा बाजार थाना क्षेत्र के समदरिया बिकारवा गांव के रहने वाले राम राखन ने अपनी लड़की रीता पांडेय की शादी छ: वर्ष पूर्व चंदवतपुर गांव के रहने वाले अभय पांडेय के साथ किया था।शादी के कुछ दिन के बाद से ही इन दोनों के बीच कभी खाना खाने को लेकर तो कभी खाना बनाने को लेकर आए दिन विवाद होता रहता था।वहीं मृतका के ससुर गोकुल पांडेय ने बताया कि चार महीना पहले भी घर पर फांसी लगा रही थी परन्तु हम लोगों ने बचा लिया था और पुलिस को सूचना भी दिया था।बाद में वह गोंडा जाकर अपने पति के साथ रह रही थी लेकिन तबियत खराब होने के कारण वापस यहीं आ गई थी।वहीं देहात कोतवाल शमशेर बहादुर सिंह ने बताया कि मृतका रीता पांडेय के पिता राम राखन ने पति अभय पांडेय, ससुर गोकुल पांडेय,देवर शुभम पाण्डेय व ननद शुभी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने को लेकर तहरीर दिया है जहाँ मुकदमा दर्ज करके पूरे मामले की जांच क्षेत्राधिकारी को सौंपी गई है और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।फिलहाल मौत का कारण पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा।

रेलवे ट्रैक पर संदिग्ध हालात में मिले बुजुर्ग के शव की हुई शिनाख्त

कर्नलगंज, गोण्डा। कोतवाली क्षेत्र अन्तर्गत कर्नलगंज रेलवे स्टेशन से लगभग एक किलोमीटर दूर ग्राम पिपरी के पास बुधवार सुबह रेलवे ट्रैक पर एक लगभग 65 वर्षीय बुजुर्ग का क्षत-विक्षत शव मिलने से क्षेत्र में हड़कंप मच गया था। स्थानीय लोगों की सूचना पर हल्का दरोगा सरफराज खान व प्रभारी निरीक्षक नरेंद्र प्रताप राय पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे।

पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। प्रथम दृष्टया ट्रेन की चपेट में आने की आशंका जताई जा रही है, क्योंकि मृतक के सिर पर गंभीर चोटों के स्पष्ट निशान मिले हैं। हालांकि दुर्घटना, हत्या या आत्महत्या—अभी तक मौत का कारण साफ नहीं हो सका है।

सोशल मीडिया के जरिए हुई शिनाख्त

अज्ञात शव की पहचान सोशल मीडिया पर वायरल हुई तस्वीरों के माध्यम से हुई। मृतक के परिजन वायरल फोटो देखकर मौके पर पहुंचे और शव की पहचान रामदेव (70 वर्ष), निवासी भगहरिया भगवानपुर, थाना कौड़िया के रूप में की। मृतक के बड़े बेटे रक्षाराम ने बताया कि उनके पिता बुधवार सुबह करीब दस बजे अहिरन पुरवा चौराहे पर दाढ़ी बनवाने की बात कहकर घर से निकले थे। “वह कर्नलगंज कैसे पहुंच गए—यह हमारे लिए अब भी रहस्य है,” उन्होंने बताया कि परिवार में दो बेटे हैं रक्षाराम, जो फेरी लगाकर कपड़े बेचते हैं, और कमलेश, जो फास्ट फूड की दुकान चलाते हैं।मृतक की पत्नी मुन्नी देवी का निधन करीब पांच वर्ष पहले हो चुका है।

प्रारंभिक जांच में ट्रेन हादसे की आशंका

हल्का दरोगा सरफराज ख़ान ने बताया कि प्रारंभिक जांच के अनुसार मौत ट्रेन की चपेट में आने से प्रतीत होती है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही अंतिम कारण स्पष्ट होगा। फिलहाल पुलिस सभी पहलुओं—दुर्घटना, हत्या या आत्महत्या को ध्यान में रखकर जांच कर रही है।