पांच साल से अधूरे पड़े आठ सामुदायिक शौचालय, जिम्मेदारों की चुप्पी पर उठ रहे सवाल
गोंडा। केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा स्वच्छ भारत मिशन को सफल बनाने के लिए करोड़ों रुपये खर्च किए जाने के बावजूद जमीनी स्तर पर हालात इसके उलट दिखाई दे रहे हैं। हलधरमऊ विकास खंड क्षेत्र में वित्तीय वर्ष 2020-21 में बनाए जाने के लिए स्वीकृत आठ सामुदायिक शौचालय आज पांच वर्ष बाद भी अधूरे पड़े हैं, जिससे ग्रामीणों में भारी नाराजगी है।
सूत्रों के मुताबिक क्षेत्र पंचायत द्वारा जिन आठ स्थानों पर सामुदायिक शौचालयों का निर्माण कराया जाना था, उन सभी पर लाखों रुपये की धनराशि जारी हुई, लेकिन निर्माण कार्य अधूरा छोड़ दिया गया। ग्रामीणों का आरोप है कि जिम्मेदार अधिकारियों और ठेकेदारों की मिलीभगत से सरकारी धन का बंदरबांट किया गया और काम को बीच में ही रोक दिया गया। विकास खंड मुख्यालय हलधरमऊ, परसा हनुमान मंदिर, परसौनी पुरवा मृत्युंजय आश्रम, बरबटपुर हनुमान मंदिर, मैजापुर गौशाला, सिकरी दुर्गा मंदिर, बसालतपुर बरखंडी नाथ मंदिर, भुलभुलिया गौशाला आदि स्थानों पर कई शौचालय अधूरे हैं।
विकास खंड मुख्यालय स्थित सामुदायिक शौचालय पर 8,61,000 और शेष सात शौचालयों पर प्रति शौचालय 6,37,000 की लागत निर्धारित की गई थी। धनराशि खर्च होने के बावजूद कहीं प्लास्टर नहीं कराया गया, कहीं दरवाजे तक नहीं लगाए गए, तो कई जगह निर्माण कार्य नींव और पिलर तक ही सीमित रह गया।
ग्रामीणों में रोष
ग्रामीणों का कहना है कि पांच साल बीतने के बाद भी इन शौचालयों का न तो निर्माण पूरा हुआ और न ही किसी अधिकारी ने इसकी सुध ली। ब्लॉक मुख्यालय परिसर में तो सिर्फ पिलर व नींव डालकर काम छोड़ दिया गया, जिससे लोगों में यह बात चर्चा का विषय बनी हुई है कि आखिर करोड़ों रुपये खर्च होने के बाद भी शौचालय उपयोग लायक क्यों नहीं बन सके?
क्या कहते हैं जिम्मेदार-
इस मामले में खंड विकास अधिकारी देव नायक सिंह ने बताया कि सभी अधूरे शौचालयों को पूर्ण कराने के लिए आगामी बैठक में चर्चा की जाएगी और स्थिति की समीक्षा कर आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
1 hour and 37 min ago
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