*विद्यार्थी “विश्व गुरु” बनने की परंपरा को आगे बढ़ा सकते हैं- डॉ संतोष अंश (विश्व विद्यार्थी दिवस पर संगोष्ठी का आयोजन)*
सुलतानपुर,राणा प्रताप पी जी कॉलेज के बी. एड़. विभाग में डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम का जन्म दिन जो विश्व विद्यार्थी दिवस के रूप में मनाया जाता है पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसका विषय विश्व निर्माण में विद्यार्थियों की भूमिका रखा गया था। संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए डॉ संतोष अंश ने कहा कि हर युग में विद्यार्थियों ने ही परिवर्तन की शुरुआत की है।
वे राष्ट्र के भविष्य के निर्माता ही नहीं, बल्कि वर्तमान के प्रेरक भी होते हैं। किसी समाज का स्वरूप उसके विद्यार्थियों के विचार, कर्म और मूल्य पर निर्भर करता है। विश्व का निर्माण किसी मशीन या नीति से नहीं होता यह निर्माण होता है उन हृदयों और मस्तिष्कों से, जो सोचने, सीखने और सृजन करने का साहस रखते हैं। डॉ. कलाम का जीवन यह सिखाता है कि यदि विद्यार्थी सपनों को कर्म में बदल दें, तो वे न केवल राष्ट्र, बल्कि विश्व का भविष्य बदल सकते हैं।
वे मानते थे कि हर विद्यार्थी में एक शक्ति छिपी है । जो यदि जाग जाए, तो वह विश्व को बदल सकती है। भारत के विद्यार्थी अगर सत्य, अहिंसा, और सेवा के मूल्यों को अपनाएँ, तो वे कलाम, गांधी, और विवेकानंद के सपनों का भारत ही नहीं, बल्कि मानवता का आदर्श विश्व गढ़ सकते हैं। विद्यार्थी यदि ज्ञान, मूल्य, और सेवा के पथ पर चलें, तो वे वर्तमान को उज्ज्वल और भविष्य को सुरक्षित बना सकते हैं। भारत सदैव से ज्ञान का प्रकाश केंद्र रहा है। नालंदा, तक्षशिला जैसी प्राचीन विश्वविद्यालयों ने पूरे विश्व को शिक्षा का मार्ग दिखाया। आज फिर वही अवसर है जब भारत के विद्यार्थी “विश्व गुरु” बनने की परंपरा को आगे बढ़ा सकते हैं। संगोष्ठी में अभिषेक ने विद्यार्थी जीवन मे अनुशासन पर बल दिया।
खुशी सिंह ने कहा विद्यार्थी राष्ट्र की रीढ़ होता है। काजल जायसवाल ने कहा विद्यार्थियों द्वारा ही राष्ट्र सक्षम और आत्मनिर्भर बन सकता है।आकांक्षा यादव ने कहा विद्यार्थी अपने ज्ञान से बेहतर दुनिया बना सकते हैं। आभा शुक्ला ने विद्यार्थियों को सकारात्मक परिवर्तन का संवाहक बताया। वर्षा यादव ने कहा विद्यार्थी ही भविष्य निर्माता है। शिखा मौर्या ने विद्यार्थियों को नववचार से विश्व कल्याण की राह बनानी चाहिए।
प्रिया ने कहा कि भारत के विद्यार्थी विश्व को दिशा दे सकते है।आभार ज्ञापन और विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करते हुए विभागाध्यक्ष डॉ भारती सिंह ने कहा कि डॉ कलाम से विद्यार्थियों को प्रेरणा लेकर राष्ट्र सेवा में समर्पित होना चाहिए । भारतीय संस्कृति और मूल्यों से विश्व कल्याण संभव है। मानवता के प्रसार में विद्यार्थियों की अहम भूमिका है। संगोष्ठी का संचालन बी एड़ प्रथम वर्ष की प्रिया ने किया। इस अवसर पर असिस्टेंट प्रोफेसर शांतिलता कुमारी ,डॉ सीमा सिंह के साथ बी एड़ प्रथम वर्ष के विद्यार्थी उपस्थित रहे।
Oct 15 2025, 16:44