विहंगम योग संत समाज द्बारा लगाया गया निशुल्क चिकित्सा शिविर

100से 150मरीजों का किया निशुल्क चिकित्सा परामर्श 

औरंगाबाद। दोमुहान रिसियप के समीप मंगलवार को विहंगम योग संत समाज के तरफ से निशुल्क चिकित्सा शिविर लगाया गया। एके अस्पताल के निदेशक डा. अभिषेक कुमार सिंह द्बारा लगभग 100 से 150 मरीजों का निशुल्क चिकित्सा परामर्श दिए। बताया कि यह सेवा का कार्य अपने आप में अदभुत है।

शिविर में मस्तिष्क, रीढ़, पेट, छाती, शुगर और रक्तचाप से संबंधित सभी प्रकार के रोगियों की जांच की गई और उन्हें सलाह दी गई। बताया कि ब्लड शुगर एवं ब्लडप्रेशर का हृदयरोग से सीधा संबंध है। जी मचलना, सीने का दर्द, बाएं हाथ में दर्द, अनायास पसीना आना, छोटी छोटी बातों में घबराहट सहित हृदयरोग के लक्षण है। इस प्रकार की शिकायत रहने पर तुरंत ही चिकित्सीय परामर्श लें।

विलंब होने या लापरवाही करने पर परेशानी बढ़ सकती है। बताया कि खानपान में घी, अत्यधिक मसाला, रेड मीट सहित का सेवन न करें। साथ ही नियमित योगा व व्यायाम को दिनचर्या में शामिल करने की जरूरत है। शिविर में बड़ी संख्या में रोगियों ने शामिल होकर चिकित्सीय परामर्श कराया।

साथ ही ग्रामीण क्षेत्र में साफ-सफाई के अभाव में होने वाली बीमारियों के बारे में भी जागरूक किया। शहर और ग्रामीण क्षेत्र से आए मरीजों ने चिकित्सक को धन्यवाद दिया। कहा कि इस शिविर से मरीज को काफी सहूलियत मिली है। लोगों को बहुत कुछ सीखने का मौका मिला है। इस मौके पर विहंगम योग संत समाज के सदस्य मौजूद रहे।

औरंगाबाद में प्रसव के दौरान जच्चा और बच्चा की मौत.. शादी के 15 सालों के बाद सेरोगेसी प्रक्रिया से हो रही थी प्रसव।

औरंगाबाद शहर के एमजी रोड स्थित महिला चिकित्सक डॉ. लालसा सिन्हा के निजी अस्पताल में आज शाम एक गर्भवती महिला के साथ बच्चे के भी मौत हो गई है. मृतक महिला माली थाना के शाहपुर निवासी विनोद यादव की पत्नी पूनम देवी(उम्र 32 वर्ष) बताई जा रही है।

जानकारी के अनुसार, शादी के 15 सालों के बाद भी बच्चा नहीं होने पर सेरोगेसी प्रक्रिया से कराया जा रहा था जिसमें महिला की नौ महीनों से इसी अस्पताल से इलाज चल रही थी और आज दोपहर में तीन बजे महिला को अस्पताल लाया गया जहां प्रसव के लिए ऑपरेशन किया गया

उसके बाद जच्चा और बच्चा की स्थिति ठीक नहीं रहने पर चिकित्सक द्वार दूसरे जगह ले जाने को कहा गया लेकिन कुछ समय बाद ही दोनों की मौत हो गई। इसके बाद परिवार वालों ने महिला चिकित्सक पर लापरवाही का आरोप लगाया है और कहा कि ये शुरुआत में ही बोल देना चाहिए था ताकि हमलोग दूसरे जगह ले कर जाते। वहीं, हम(से.)छात्र जिलाध्यक्ष राहुल कुमार ने बताया कि इलाज सही ढंग से नहीं करने और लापरवाही के कारण महिला और बच्चे की मौत हुई है।

जिला परिषद अध्यक्ष सह कांग्रेस नेत्री नैना कुमारी के नेतृत्व में वोटर अधिकार न्याय यात्रा में शामिल होने के सैकड़ो गाड़ियां से पटना रवाना हुए

गयाजी: बिहार के गयाजी शहर के जिला परिषद आवास से रविवार को जिला परिषद अध्यक्ष सह कांग्रेस नेत्री नैना कुमारी के नेतृत्व में 1 सितंबर 2025 को पटना के गांधी मैदान में आयोजित वोटर अधिकार न्याय यात्रा में शामिल होने के सैकड़ो गाड़ियां से हजारों-हजार की संख्या में लिए रवाना हुए. इस दौरान अपने-अपने हाथों में कांग्रेस पार्टी का झंडा लिए वोट चोर, गद्दी छोड़, भरो हुंकार, बदलो बिहार के नारों को बुलंद करते हुए पटना के लिए रवाना हुए.

इस मौके पर जिला परिषद अध्यक्ष सह कांग्रेस नेत्री नैना कुमारी ने कहा कि पटना में आयोजित वोटर अधिकार न्याय यात्रा में कल शामिल होने के लिए सैकड़ो गाड़ियां से हजारों हजार की संख्या में पटना के लिए जा रहे हैं. केंद्र और बिहार की डबल इंजन एनडीए सरकार के इशारे पर चुनाव आयोग अपना काम कर रही है,

जो देश हित के लिए सही नहीं है. राहुल गांधी के नेतृत्व में आयोजित वोटर अधिकार न्याय यात्रा से केंद्र और एनडीए की सरकार में बौखलाहट है. इस यात्रा को बिहार की जनता ने अपार समर्थन मिला है और जनता केंद्र और बिहार की एनडीए सरकार को बेखूबी से समझ रही है, इसका जवाब चुनाव में मिल जाएगी.

जिला परिषद अध्यक्ष के पति धर्मवीर सरदार ने कहा कि विगत 16 दिनों से राहुल गांधी के नेतृत्व में बिहार में वोटर अधिकार न्याय यात्रा का कल पटना के गांधी मैदान में समापन होने जा रहा है, उसमें शामिल होने के लिए गयाजी से पटना जा रहे हैं और राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के हाथों को हम लोग मजबूत करेंगे।

गयाजी में गो हत्या के विरोध में मौन मार्च निकाला गया, हिंदू संगठनों के नेता, कार्यकर्ता और भाजपा से जुड़े लोग शामिल हुए

गयाजी में रविवार दोपहर शहर की सड़कों पर गो हत्या के विरोध में मौन मार्च निकाला गया। इसमें विभिन्न हिंदू संगठनों के नेता, कार्यकर्ता और भाजपा से जुड़े लोग शामिल हुए।

मार्च आजाद पार्क से शुरू होकर डीएम ऑफिस परिसर में जाकर समाप्त हुआ। डीएम ऑफिस में प्रदर्शनकारियों ने सदर सीओ को राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।

इसमें मांग की गई कि गयाजी में चल रहे अवैध बूचड़खानों को तत्काल बंद कराया जाए। शहर में खुलेआम बूचड़खाना चल रहा है, जो पवित्र स्थल की गरिमा के खिलाफ है। मार्च के संयोजक प्रिंस जैन ने कहा कि गयाजी पौराणिक और धार्मिक महत्व वाला स्थल है।

ऐसे स्थान पर बूचड़खाना होना न सिर्फ नियम विरुद्ध है बल्कि धार्मिक भावनाओं को भी ठेस पहुंचाता है. उन्होंने कहा कि गो वंश और भैंस वंश की हत्या कानून के विपरीत है, मगर न सरकार इस पर. सख्ती दिखा रही और न ही जिला प्रशासन. शिकायत करने पर भी पुलिस कार्रवाई से बचती है। इसी लापरवाही के खिलाफ आज मौन जुलूस निकाला गया है।

औरंगाबाद में दो गांवों के बीच हिंसक मारपीट, डेढ़ दर्जन से अधिक घायल

औरंगाबाद ग्रामीण.

नवीनगर प्रखंड के माली थाना क्षेत्र के सिमरी धमनी और मोती बिगहा गांव के बीच आपसी विवाद को लेकर हिंसक मारपीट की घटना घटी. इस घटना में दोनों पक्ष से लगभग डेढ़ दर्जन लोग गंभीर रूप से जख्मी हो गए. जख्मियों में सिमरी धमनी गांव निवासी ईश्वर मेहता के 55 वर्षीय पुत्र उपेंद्र कुमार मेहता, उपेंद्र कुमार मेहता के 35 वर्षीय पुत्र ओमप्रकाश मेहता, 30 वर्षीय पुत्र विकास मेहता,

राजा मेहता के 55 वर्षीय पुत्र नंदन मेहता, धनेश्वर रविदास के 40 वर्षीय पुत्र विजय रविदास, नंदन मेहता के 25 वर्षीय पुत्र सुभाष कुमार, विजय मेहता के 22 वर्षीय पुत्र शशिकांत कुमार, प्रमोद शर्मा के 17 वर्षीय पुत्र विपिन कुमार, अवधेश मेहता के 25 वर्षीय पुत्र चुनमुन कुमार, रामराज चौहान के 35 वर्षीय पुत्र धर्मेंद्र चौहान, संजय मेहता के 20 वर्षीय पुत्र गोलू कुमार सहित अन्य लोग शामिल है.

वहीं दूसरे पक्ष से मोती बिगहा गांव निवासी महेंद्र यादव, सुशील कुमार, अमरेंद्र कुमार, बिट्टू कुमार, बीरेंद्र यादव सहित अन्य लोग शामिल है. घटना रविवार की सुबह की बताई जा रही है. वैसे घटना से संबंधित दोनों पक्षों ने अलग-अलग कारण बताया है. सदर अस्पताल में इलाज के दौरान एक पक्ष से जख्मी विजय रविदास ने बताया कि वह रविवार की सुबह अपने घर से बधार तरफ धान की सोहनी करने गया था. इसी दौरान मोती बिगहा गांव के कुछ लोग पहुंचे और जाति सूचक शब्द का प्रयोग करते हुए गाली-गलौज करने लगे. जब इसका विरोध किया तो उक्त लोगों ने मारपीट की. किसी तरह वहां से जान बचाते हुए अपने गांव पहुंचा. इसके बाद मोती बिगहा गांव के लोग पीछा करते हुए सिमरी धमनी गांव पहुंचे और हमला कर दिया. चीखने-चिल्लाने की आवाज सुनकर ग्रामीण बचाने पहुंचे. इसी दौरान मोती बिगहा के ग्रामीण भारी संख्या में लाठी-डंडे व धारदार हथियार लेकर पहुंचे और सभी पर हमला कर दिया. इस दौरान दोनों के बीच जमकर लाठी-डंडे चले. विजय रविदास ने यह भी कहा कि मोती बिगहा गांव के लोग सिमरी धमनी के विद्यालय में पढ़ाई करने आते है.

स्कूली बच्चों द्वारा भी जाति सूचक शब्द का प्रयोग किया जाता था. पूर्व में भी इसी बात को लेकर बहसबाजी हुई थी. इधर दूसरे पक्ष के जख्मियों ने बताया कि मोती बिगहा गांव के ही सुशील कुमार अपने घर से बाइक पर सवार होकर सिमरी बाजार सीमेंट की खरीदारी करने गया था. इसी दौरान सिमरी धमनी गांव के कुछ लोगों ने उस पर हमला कर दिया. हालांकि हमले के पीछे का विवाद क्या है इसकी जानकारी स्पष्ट नहीं है. आरोप है कि उक्त लोगों ने सुशील के पास से दस हजार रुपये की छिनतई भी कर ली और उसकी बाइक को क्षतिग्रस्त कर दिया. मारपीट के दौरान उक्त गांव में अफरा-तफरी की स्थिति रही. दोनों तरफ से जमकर लाठी-डंडे चले. कुछ लोगों ने घटना की सूचना माली थाना की पुलिस को दी.

सूचना पर माली थाना की पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और मामले की जांच पड़ताल में जुट गई. हालांकि मामला बढ़ते देख अंबा, कुटुंबा और नरारी कला खुर्द थाना की पुलिस को भी बुलाया गया. इसके साथ ही गश्ती दल की टीम भी वहां पहुंची और गांव में कैंप करने लगी. मामला शांत होने के बाद तीन थाना की पुलिस चली गई. फिलहाल माली थाना की पुलिस और गश्ती दल को सिमरी धमनी और मोती बिगहा गांव में तैनात किया गया है. चारों तरफ पुलिस की टीम पहरा दे रही है. माली थाना के प्रभारी थानाध्यक्ष सुबोध कुमार मंडल ने बताया कि सिमरी धमनी और मोती बिगहा गांव के लोगों के बीच मारपीट हुई है.

हालांकि किस बात को लेकर मारपीट हुई, इसकी जानकारी स्पष्ट नहीं है. घटना की सूचना पर पुलिस की टीम पहुंची और मामले को शांत कराया. इसके बाद जख्मियों को इलाज के लिए सदर अस्पताल भिजवाया गया है. इलाज के उपरांत दोनों पक्षों के ज़ख्मियों द्वारा जो आवेदन प्राप्त होगा, उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी. दोनों गांव में किसी तरह की कोई अप्रिय घटना ना हो इसके लिए पुलिस गांव में कैंप कर रही है.

औरंगाबाद में कैदी की मौत पर बवाल, सड़क पर प्रदर्शन कर रहे लोग पुलिस से भिड़े हुआ लाठीचार्ज

,औरंगाबाद औरंगाबाद मंडल कारा के एक बंदी की इलाज के दौरान शनिवार को हुई मौत पर दिनभर बवाल मचा रहा। पहले तो मरने के बाद भी कैदी के हाथों में हथकड़ी लगाए रखने से मानवता शर्मसार हुई। इसके बाद जेल प्रशासन पर लगाए जा रहे आरोपों को अनसुना करने पर परिजन भड़क उठे।

परिजनों ने पुलिस को पोस्टमार्टम कराने के लिए मृतक का शव ले जाने से पुलिस को रोक दिया। इसके बाद परिजन और उनके गांव वाले शव को सदर अस्पताल से लेकर शहर के रमेश चौक चले आए और सड़क को चारों ओर से जाम कर दिया, जिससे यातायात पूरी तरह ठप हो गया। मामले में पुलिस ने पक्ष सुनने के बजाय उल्टे परिजनों और ग्रामीणों पर लाठीचार्ज कर दिया, जिससे अफरा तफरी मच गई। मृतक बारूण थाना क्षेत्र के उर्दीना गांव निवासी धर्मेंद्र राम के परिजनों का आरोप है कि जेल में धर्मेंद्र की जेल पुलिस ने पिटाई की है, जिससे उसकी मौत हुई है। यह भी कहा कि धर्मेंद्र पर शराब बेंचने का आरोप झूठा है। उसे जान बूझकर फंसा कर जेल भेजा गया। वह दिल्ली में काम करता था और 15 दिन पहले अपने गांव आया था। गांव आने पर ही उसे साजिश के तहत शराब बेंचने के आरोप में फंसा कर जेल भेजा गया और जेल में पीटे जाने से ही उसकी मौत हुई है। धर्मेंद्र के दो मासूम बच्चे एक बेटा और एक बेटी है, जो उसके मरने से अनाथ हो गए है। घर में अब कोई कमाउं सदस्य नही बचा है।रमेश चौक को चारो ओर से जाम किए परिजनों और ग्रामीणों ने धर्मेंद्र की मौत के बाद भी उसके हाथ में लगी हथकड़ी नही खोले जाने पर भड़ास निकाली। कहा कि यह अन्याय है। इसके लिए भी जेल प्रशासन पर कार्रवाई हो। उन्होंने कहा कि जब तक जेल प्रशासन पर कार्रवाई नहीं होगी, हम सड़क से नहीं हटेंगे।

नगर थाना अध्यक्ष से भी उलझ पड़े आक्रोशित

सड़क जाम की सूचना मिलने पर औरंगाबाद नगर थाना की पुलिस शहर के रमेश चौक पर पहुंची। करीब डेढ़ घंटे तक पुलिस ने परिजनों और ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया लेकिन वें समझने के बजाय पुलिस से ही उलझ पड़े। नगर थानाध्यक्ष उपेन्द्र सिंह पर उपद्रवी चढ़ बैठे। उन्हे घेर कर सभी ने पीटने लगे। मामले को बिगड़ते देख पुलिस को कार्रवाई करने पर मजबूर होना पड़ा।

पुलिस ने लाठी चार्ज कर दिया। लोगों को दौड़ा दौड़ा कर पीटने लगा। मौके पर अफरा तफरी मच गई। कई लोगों को चोटें आई। इसके बाद पुलिस के वरीय अधिकारी मौके पर पहुंचे। उन्होने पहल कर मामले को संभाला। परिजनों को जेल प्रशासन पर लगाए जा रहे आरोपों की जांच कर कार्रवाई का आश्वासन देकर जाम हटवाया। इसके बाद पुलिस शव को पोस्टमार्टम कराने ले गई।

मामले की जानकारी मिलने पर परिजनों के जख्म पर मरहम लगाने पहुंचे नबीनगर के राजद विधायक विजय कुमार सिंह उर्फ डबल्यू सिंह मौके का नजारा देख मूकदर्शक बन खड़े रहने पर मजबूर हो गए। बाद में उन्होने कहा कि यह घटना नीतीश सरकार के सुशासन की कलई खोलने वाली है। कहा कि पहले तो उत्पाद विभाग की पुलिस ने निर्दोष को दारू बेंचने के झूठे आरोप में जेल भेज दिया। इसके बाद जेल प्रशासन ने उसे पीट कर मार डाला। मामले में कार्रवाई नही होने से परिजन भड़के। यदि पुलिस कार्रवाई करती तो ऐसी नौबत नही आती।

मामले में औरंगाबाद नगर थानाध्यक्ष उपेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि परिजन और ग्रामीण पुलिस के पुलिस से बदसलूकी पर उतर आए थे। इस वजह से हल्का बल प्रयोग करना पड़ा। लाठीचार्ज से किसी को भी गंभीर चोट नही आई है। मामले में औरंगाबाद के एसडीपीओ-1 संजय कुमार पांडेय ने कहा कि पुलिस उपद्रवियों को चिन्हित कर कार्रवाई करेगी। इसके लिए सीसीटीवी फुटेज खंगाला जा रहा है।

शरीर में जान नहीं... पर हाथ में लगी हथकड़ी, पुलिस ने मानवता को मारा, क्या लाश भी उठकर भाग जाती?

औरंगाबाद इस दृश्य को देख मानवता भी शर्मा गई। जेल प्रशासन ने एक बीमार कैदी को इलाज के लिए हथकड़ी लगाकर अस्पताल लाया। अस्पताल में कैदी की मौत हो गई लेकिन मरने के बाद भी कैदी के हाथ में हथकड़ी लगी रही और मानवता का सीना छलनी होता रहा। हालांकि घटना की जानकारी मिलने पर जब मीडियाकर्मी अस्पताल पहुंचे और उनके द्वारा जब इस ओर ध्यान दिलाया गया, तब जाकर कैदी के हाथों की बेड़ियां खोली गई।

मामला औरंगाबाद मंडल कारा से जुड़ा हैं। मृतक कैदी की पहचान बारुण थाना क्षेत्र के उर्दीना गांव निवासी धर्मेंद्र कुमार राम के रूप में की गई है। मामले में जेल प्रशासन आगे की कार्रवाई में जुटी हैं। मिली जानकारी के मुताबिक बारुण थाना क्षेत्र के उर्दीना गांव निवासी धर्मेंद्र कुमार राम को उत्पाद विभाग की टीम ने बुधवार को आठ लीटर शराब के साथ गांव से गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद उसे गुरुवार को न्यायालय में पेश किया था।

इसके बाद अदालती आदेश पर उसे जेल भेज दिया गया था। जेल जाने के बाद शनिवार को उसकी तबीयत अचानक खराब हो गई। इसके बाद जेल प्रशासन द्वारा शनिवार को ही उसे हथकड़ी लगाकर इलाज के लिए औरंगाबाद सदर अस्पताल लाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। हद यह कि कैदी को डॉक्टरो द्वारा मृत घोषित किए जाने के बावजूद उसके हाथ में हथकड़ी लगी रही। कैदी के मरने के बाद भी जेल पुलिस ने मृत कैदी के हाथ से हथकड़ी नहीं खोली। घटना की जानकारी मिलने पर जब मीडिया कर्मी सदर अस्पताल पहुंचे और उनके द्वारा इस ओर ध्यान दिलाया गया, तब जाकर कैदी का इलाज कराने आए पुलिसकर्मी

ने उसके हाथ से हथकड़ी खोली

मामले में मृतक की पत्नी संजू देवी ने बताया कि शुक्रवार को वह अपने पति से मुलाकात करने जेल के मुख्य द्वार पर गई थी लेकिन जेल प्रशासन के द्वारा उसकी पति से मुलाकात नहीं कराई गई। शनिवार को सुबह में जेल से सूचना दी गई कि मेरे पति की तबीयत खराब हैं। आप सदर अस्पताल आकर मुलाकात कर लीजिए। जब वह अस्पताल पहुंची तो देखा कि उसके पति मृत पड़े हैं।

कहा कि मेरे पति को पहले से कोई बीमारी नहीं थी। मामले में औरंगाबाद मंडल कारा के अधीक्षक डॉ. दीपक कुमार ने बताया कि कैदी का इलाज कराने में कोई कोताही नही हुई है। कहा कि जैसे ही कैदी की तबीयत खराब हुई, वैसे ही उसे इलाज के लिए जेल से सदर अस्पताल भेजा गया। कैदी की मौत कैसे और किन कारणों से हुई, यह इलाज करने वाले डॉक्टर ही बताएंगे।

साथ ही कैदी के शव की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने पर ही मौत के वास्तविक कारणों का पता चल सकेगा।सदर अस्पताल में कैदी की मौत की सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची औरंगाबाद नगर थाना की पुलिस ने पंचनामा और कागजी प्रक्रिया पूरी कर शव को कब्जे में ले लिया है। पुलिस शव का पोस्टमार्टम कराने की कार्रवाई में जुटी हैं।

पीके बोले, लालू जी से सीखें बच्चों की चिंताः बेटा 9वीं पास भी नहीं किया है, फिर भी वह चाहते हैं कि वो राजा बने

औरंगाबाद में गुरुवार को जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर पहुंचे। जहां उन्होंने कुटुंबा विधानसभा अंतर्गत बभंडीह खेल मैदान में आयोजित 'बिहार बदलाव सभा' को संबोधित किया। प्रशांत किशोर ने जनसभा को संबोधित करते हुए NDA नेताओं पर हमला किया उन्होंने कहा कि आपने मोदी का चेहरा देख कर वोट दिया तो चायवाला प्रधानमंत्री बन गया। नीतीश का चेहरा देखकर वोट दिया तो वैद्य का लड़का 20 साल से शासन कर रहा है। बिहार में डबल इंजन की सरकार है।

मैं पिछले 3 सालों से बिहार के गांव-गांव घूम रहा हूं। लोग कह रहे हैं कि 56 इंच सीना के लिए मोदी के लिए वोट दिए, बच्चों का सीना 15 इंच का हो गया है। शरीर पर सूती कपड़ा या पैरों में चप्पल नहीं है। इसीलिए आपको अपने बच्चों की चिंता करनी है, कोई नेता आपके बच्चों की चिंता नहीं करेगा।

उन्होंने उदाहरण देते हुए समझाया कि बिहार के लोगों को लालू जी से सीखना चाहिए कि बच्चों की चिंता क्या होती है। लालू जी का बेटा 9वीं पास भी नहीं किया है, फिर भी वह चाहते हैं कि उनका बेटा राजा बने और दूसरी तरफ बिहार के लोग जिनके बच्चे मैट्रिक, बी.ए. (B.A), एम.ए. (M.A) कर चुके हैं, फिर भी उन्हें नौकरी नहीं मिल रही है।

गरीब के बच्चे इंग्लिश स्कूल पढ़ेंगे

प्रशांत किशोर ने कुटुंबा की जनता से किया बड़ा वादा, कहा दिसंबर 2025 से बुजुर्गों को 2000 रुपए मासिक पेंशन, बच्चों को निजी स्कूलों में मुफ्त शिक्षा और युवाओं को बिहार में ही 10-12 हजार रुपए का रोजगार मिलने लगेगा।

प्रशांत किशोर ने कुटुंबा में जनता से बड़ा वादा करते हुए कहा कि दिसंबर 2025 से 60 साल से अधिक उम्र के हर पुरुष और महिला को 2000 रुपए मासिक पेंशन दी जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने बड़ा ऐलान किया कि जब तक सरकारी विद्यालयों में सुधार नहीं हो जाएगा, तब तक आप अपने 15 साल से कम उम्र के बच्चों को निजी स्कूलों में पढ़ाएं और उनकी फीस सरकार भरेगी ताकि गरीब का बच्चा भी अंग्रेजी मीडियम स्कूल में पढ़ सके।

बिहार की बदहाली की आखिरी दिवाली और छठ होगी

इसके अलावा प्रशांत किशोर ने कहा कि इस साल बिहार की बदहाली की आखिरी दिवाली और छठ होगी। छठ के बाद कुटुंबा के या औरंगाबाद के युवाओं को 10-12 हजार रुपए की मजदूरी करने के लिए अपना घर-परिवार छोड़कर नहीं जाना पड़ेगा।

बिहार भर के ऐसे 50 लाख युवाओं को वापस बुलाकर उन्हें यहीं 10-12 हजार रुपए का रोजगार दे दिया जाएगा। उन्होंने सभी लोगों से अपील की कि परिवार लाभ कार्ड अवश्य बनाएं। अगर जन सुराज की सरकार बनी तो नवंबर महीने के बाद परिवार लाभकार्ड बनवाने वाले सभी लोगों के खाता में 10 से 15 हजार रुपए का लाभ मिलना शुरू हो जाएगा।

प्रशांत किशोर ने जनता से अपील की कि इस बार उन्हें और उनके बच्चों को लूटने वाले नेताओं को वोट न दें। चाहे लालू हों, नीतीश हों या मोदी हों, इस बार नेताओं का चेहरा देखकर वोट न करें। इस बार अपने बच्चों के लिए वोट दें और बिहार में जनता का राज स्थापित करें। इस बार अपने बच्चों की शिक्षा और रोजगार के लिए वोट करें।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र पाण्डेय

ट्रेन की चपेट में आने से अज्ञात किशोरी की मौत

पंडित दीनदयाल उपाध्याय गया रेल खंड के रफीगंज रेलवे स्टेशन के कॉल संख्या 506 / 7 एवं 9 के बीच ट्रेन की चपेट में आने से एक किशोरी की मौत हो गई। मृतिका के उम्र लगभग 16 वर्ष आंकी जा रही है। मृतिका की पहचान संवाद प्रेषण तक नहीं हो पाई थी।

वह उजाला एवं ब्लू कलर का टॉप एवं काला कलर का लैगिज पहनी हुई है। घटना की जानकारी मिलती हैं

रफीगंज रेलवे सुरक्षा बल के एएसआई अविनाश कुमार, आरक्षी अनिल यादव घटनास्थल पर पहुंचे और कागजी प्रक्रिया में लग गए। वहीं स्थानीय लोगों के अनुसार जब से रेलवे ओवरब्रिज की निर्माण हुई है पैदल चलने वाले यात्रियों की सीढी़ की निर्माण नहीं होने के कारण आए दिन घटना यहां घटित होती है।

औरंगाबाद नगर थाना के दारोगा उमेश राम को 20 हजार घुस लेते निगरानी की टीम ने किया गिरफ्तार।

औरंगाबाद बिहार से धीरेन्द्र पाण्डेय

औरंगाबाद जिले के नगर थाना में पदस्थापित दारोगा उमेश राम को पटना से आई निगरानी विभाग की टीम ने थाने के गेट के पास रिश्वत के 20 हजार रुपए के साथ बुधवार की रात 9 बजे गिरफ्तार किया है। इस संबंध में नगर थाना क्षेत्र के बराटपुर वार्ड संख्या 23 निवासी अधिवक्ता राजेश कुमार सिन्हा ने बताया कि वे अपने आवास पर गैस एजेंसी के सीएसपी ब्रांच का संचालन करते थे। यह ब्रांच उनकी पत्नी सीमा कुमारी के नाम से था। इस ब्रांच के संदर्भ में वार्ड परिषद सदस्य आरती श्रीवास्तव द्वारा अनियमितता से संबंधित एक शिकायत अनुमंडल पदाधिकारी के यहां दर्ज कराई गई थी।

शिकायत के आलोक में प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी औरंगाबाद के नेतृत्व में छापेमारी की गई और 80 सिलिंडर जब्त किए गए। जिसमें 60 खाली तथा बीस भरा हुआ सिलिंडर था। इस संबंध में नगर थाने में कांड संख्या 200/25 के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की गई। जिसके अनुसंधानकर्ता उमेश राम बनाए गए।

उन्होंने बताया कि गैस एजेंसी सीएसपी ब्रांच के नॉर्म्स के हिसाब से कोई भी सीएसपी संचालक अपने यहां 100 किलोग्राम तक भरा गैस रख सकता है। परंतु मेरी बातों को नजर अंदाज किया गया और परेशान किया जाने लगा। दारोगा उमेश राम के द्वारा सिलिंडर छोड़े जाने को लेकर लगातार बीस हजार रुपए का डिमांड किया जाने लगा। जिसकी सूचना मेरे द्वारा निगरानी विभाग पटना को दी गई। सूचना पर निगरानी विभाग के डीएसपी विंध्याचल प्रसाद और पवन कुमार के नेतृत्व में गठित पांच सदस्यीय टीम ने आज उन्हें 20 हजार नगद रुपए रिश्वत लेते पकड़ लिया।

इस मामले में रात्रि 11 बजे निगरानी डीएसपी पवन कुमार ने बताया कि बराटपुर निवासी राजेश कुमार सिन्हा की पत्नी के नाम से सुंदरम भारत ग्रामीण गैस वितरण केंद्र चलाया जा रहा था और प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी औरंगाबाद द्वारा इस संबंध में नगर थाने में कांड दर्ज कराया गया था। मामले में इनकी पत्नी को न्यायालय से जमानत मिल चुकी है। लेकिन दरोगा द्वारा लाभ देने और गैस की टंकी मुक्त करने के एवज में 20 हजार रुपए की मांग की जा रही थी। इसकी शिकायत राजेश कुमार सिन्हा द्वारा की गई थी।

इनके शिकायत की सत्यता की जांच कर विभाग में एक प्राथमिकी दर्ज कर आज कार्रवाई की गई।जिसमें दारोगा उमेश राम को नगर थाने के गेट पर ही बीस हजार रुपए रिश्वत की रकम के साथ गिरफ्तार किया गया और आगे की कार्रवाई की जा रही है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार गिरफ्तार हुए दारोगा का स्थानांतरण नालंदा के लिए हो गया था और मंगलवार को एसपी ने उन्हें विरमित भी कर दिया था। लेकिन उनके द्वारा स्थानांतरण के बाद भी अपना चार्ज समर्पित नहीं किया गया था और आज वे निगरानी विभाग के जाल में फंस गए।