ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान अमित शाह ने किया बाटला हाउस एनकाउंटर का जिक्र, प्रियंका ने यूं दिया जवाब

#amit_shah_raise_question_on_sonia_gandhi_tears_batla_house_encounter

ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम के आतंकियों पर विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने बाटला हाउस एनकाउंटर का जिक्र किया। अमित शाह ने 2012 में सलमान खुर्शीद के बयान को लेकर कांग्रेस नेता सोनिया गांधी पर निशाना साधा। शाह ने सलमान खुर्शीद के एक वीडियो का हवाला देते हुए सोनिया गांधी पर आरोप लगाया कि उन्होंने आतंकियों के लिए आंसू बहाए थे।

अमित शाह ने लोकसभा में पहलगाम अटैक के बाद ऑपरेशन सिंदूर पर चल रही चर्चा के दौरान कहा कि सोनिया गांधी ने आतंकवादियों के लिए आंसू बहाए, लेकिन इस एनकाउंटर में शहीद हुए दिल्ली पुलिस के इंस्पेक्टर मोहन चंद्र शर्मा के लिए उनकी आंखें नहीं नम हुईं। उन्होंने सलमान खुर्शीद के एक इंटरव्यू का जक्र करते हुए कहा कि अगर स्पीकर कहेंगे तो वह इसे सदन में लगे टीवी पर दिखाने के लिए भी तैयार हैं।

रोना था तो शहीद मोहन चंद शर्मा के लिए रोते-शाह

अमित शाह ने कहा कि, मैं सलमान खुर्शीद जी को भी याद करना चाहता हूं एक बार मैं बड़े सवेरे मैं नाश्ता कर रहा था, टीवी पर उनको रोते देखा। मुझे लगा क्या हुआ बड़ी घटना हो गई, तो वो रोते-रोते सोनिया गांधी के घर से बाहर आए, कि बाटला हाउस घटना देखकर सोनिया गांधी फूट-फूटकर रो पड़ीं। अरे रोना था तो शहीद मोहन चंद शर्मा के लिए रोते, बाटला हाउस के आतंकवादियों के रोना आता है। ये हमें पूछते हैं कि आपने क्या किया, कोई अधिकार नहीं है पूछने का।

उनका जवाब मांगना नहीं बनता-शाह

अमित शाह ने कहा कि विपक्षी सांसद सोमवार को कह रहे थे कि बैसरन के गुनहगार पाकिस्तान भाग गए। ये लोग बार-बार कहते थे कि भाग गए, भाग गए, भाग गए। गृह मंत्री क्या कर रहे थे, जिम्मेदारी लें। अमित शाह ने कहा कि हमारी तो सेना ने ठोंक दिया। सीआरपीएफ ने ठोंक दिया। अब मेरा तो न जवाब देना बनता है और न ही उनका मांगना बनता है।

प्रियका गांधी का पलटवार

अमित शाह के इस बयान पर प्रियंका गांधी ने जोरदार पलटवर किया। प्रियंका गांधी ने कहा, मेरे पिता की आतंकी हमले में हत्या हुई थी। मेरी मां ने उस दुख को जिया है। उनके आंसू उस नुकसान के लिए थे, न कि आतंकवादियों के लिए। गृह मंत्री अमित शाह के बयान को संवेदनहीन करार देते हुए प्रियंका ने कहा कि इस तरह की टिप्पणियां राजनीतिक लाभ के लिए दी जाती हैं और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को कमजोर करती हैं। प्रियंका ने जोर देकर कहा कि कांग्रेस ने हमेशा आतंकवाद के खिलाफ मजबूती से कदम उठाए हैं और उनकी मां ने कभी भी आतंकवादियों के प्रति सहानुभूति नहीं दिखाई।

अमित शाह पर प्रियंका गांधी का पलटवार, बोलीं-आप इतिहास की बात कीजिए मैं वर्तमान की बात करती हूं

#congressleaderpriyankagandhiaskedsharpquestions

संसद के मॉनसून सत्र के दौरान लोकसभा और राज्यसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा जारी है। इस दौरान प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी सदन में अपनी बात रखी। प्रियंका गांधी ने अपने भाषण की शुरुआत देश के जवानों को नमन के साथ की। प्रियंका गांधी वाड्रा ने ऑपरेशन सिंदूर पर हो रहे बहस के दौरान केंद्र सरकार को कटघरे में खड़ा किया। उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले के पीछे की सुरक्षाचूक को रेखांकित करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर तीखा हमला किया।

प्रियंका ने सरकार से पूछे तीखे सवाल

प्रियंका गांधी ने लोकसभा में सरकार से पूछा, पहलगाम में हमला कैसे और क्यों हुआ? पहलगाम में जो देशवासी गए थे वहां कैसे गए? प्रचार किया जा रहा था कि कश्मीर में आतंकवाद खत्म हो गया है। इस बीच आतंकवादी लोगों के चुन-चुनकर मारते हैं। एक घंटे तक आतंकवादी मार रहे। इस पूरे समय एक भी सुरक्षकर्मी नहीं दिखा। मैं कह सकती हूं कि सरकार ने हमें अनाथ छोड़ दिया।

पर्यटकों को सरकार ने भगवान भरोसे छोड़ा- प्रियंका

प्रियंका ने सरकार से सवाल पूछते हुए कहा, क्या सरकार को मालूम नहीं था कि यहां रोज 100-1500- पर्यटक जाते हैं, अगर यहां कुछ हो जाएगा तो लोग यहां से निकल नहीं पाएंगे, न सुरक्षा का न फर्स्ट ऐड का इंतजाम था, लोग वहां पर ये सरकार के भरोसे गए और इस सरकार ने उन्हें भगवान के भरोसे छोड़ दिया। देश के नागरिकों की सुरक्षा की जिम्मेदारी किसकी है, क्या इस देश के पीएम की नहीं, क्या इस देश के गृह मंत्री की नहीं है क्या रक्षा मंत्री की नहीं है।

अमित शाह पर साधा निशाना, पूछे तीखे सवाल

प्रियंका गांधी ने आगे गृह मंत्री अमित शाह के भाषण पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित साह ने संसद में पंडित नेहरू, इंदिरा गांधी और मेरी मां सोनिया गांधी के आंसुओं की बात तो की, लेकिन जम्मू-कश्मीर में सीजफायर क्यों किया गया, इसका जवाब नहीं दिया। प्रियंका ने कहा कि आज गृह मंत्री ने बीते नेताओं की बातें कीं, लेकिन देश को यह नहीं बताया कि जब हमारे जवान शहीद हो रहे हैं, तब सरकार ने संघर्षविराम क्यों घोषित किया? साथ ही उन्होंने सरकार से सीधे सवाल पूछा कि क्या यह फैसला जनता और सेना के हित में था या कोई राजनीतिक मजबूरी? साथ ही उन्होंने कहा कि दुख की बात है कि असली मुद्दों से ध्यान भटकाया जा रहा है।

टीआरएफ को लेकर सरकार को घेरा

प्रियंका गांधी ने टीआरएफ को लेकर सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि टीआरएफ ने कई आतंकी हमले किए, लेकिन 2023 में उसे आतंकी संगठन घोषित किया गया। एक संगठन इतना बड़ा हमला करता है और सरकार को पता नहीं चला? हमारी एजेंसियां हैं, इनकी जिम्मेदारी कौन लेगा, क्या किसी ने इस्तीफा दिया? खुफिया विभाग गृह मंत्रालय के तहत आता है, क्या गृह मंत्री ने इसकी जिम्मेदारी ली। इतिहास की बात आप करते हैं, मैं वर्तमान की बात करूंगी। 11 साल से तो आपकी सरकार है, आपकी कोई जिम्मेदारी है कि नहीं

पाकिस्तान से आपकी बात होती है? अमित शाह ने किससे पूछा ये सवाल, चिदंबरम पर भी भड़के

#amit_shah_angry_on_congress_and_chidambaram_statement 

लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज सरकार की तरफ से अपना पक्ष रखा। अमित शाह ने कहा कि पहलगाम में निर्दोष नागरिकों की जो नृशंस हत्या की गई, धर्म पूछकर उन्हें उनके परिवार के सामने मारा गया, बड़ी बर्बरता के साथ यह हत्याएं की गई, मैं इसकी कड़ी निंदा करता हूं और जो मारे गए हैं उनके परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं।

22 मई को ही शुरू हो गया था ऑपरेशन महादेव 

भाषण के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि पहलगाम हमले को अंजाम देने वाले तीनों आतंकवादी मारे गए। इन तीनों आतंकवादियों ने इस घटना को अंजाम दिया था। अमित शाह ने पहलगाम आतंकवादी हमले के तुरंत बाद 22 मई को ही ऑपरेशन महादेव शुरू हो गया था। 23 अप्रैल को अहम मीटिंग में यह फैसला हुआ कि किसी भी कीमत पर आतंकवादियों को देश से बाहर नहीं जाने दिया जाएगा। इन आतंकवादियों का पता लगाने किए खुफिया अधिकारी पहाड़ियों पर घूमते रहे। फिर सेंसर के जरिए इनके बारे में जानकारी मिली और 28 जुलाई को इनका खात्मा किया गया।

आतंकवादियों का धर्म देखकर दुखी मत होइए-शाह

अमित शाह जब ये जानकारी दे रहे थे इसी बीच अखिलेश यादव ने कुछ कहा तो गृह मंत्री ने पलटवार कर दिया। उन्होंने सपा मुखिया से दो टूक कहा कि अखिलेश जी बैठ जाइए मेरा पूरा जवाब सुनिए आपको सब समझ में आ जाएगा, भाई आप आतंकवादियों के धर्म देखकर दुखी मत होइए। शाह ने कहा कि हम उम्मीद कर रहे थे कि आतंकवादियों की मौत की सूचना पाकर पक्ष-विपक्ष में खुशी की लहर दौड़ जाएगी। लेकिन, इनके चेहरे पर स्याही छा जाएगी, ऐसा मैंने नहीं सोचा था।

चिदंबरम का बयान पाक प्रेम का बखान-शाह

गृह मंत्री ने अमित शाह ने पूर्व गृह मंत्री पर चिदंबरम पर हमला बोला। लोकसभा में 'ऑपरेशन सिंदूर' पर चर्चा के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस सांसद और पूर्व गृहमंत्री पी. चिदंबरम के बयान पर तीखा हमला बोला। उन्होंने सवाल उठाया कि पाकिस्तान को बचाने की कोशिश कर कांग्रेस को क्या हासिल होगा। शाह ने कहा कि चिदंबरम का बयान पूरी दुनिया के सामने अपने पाक प्रेम का बखान कर रहे हैं। गृह मंत्री ने कहा कि कांग्रेस नेता का यह सवाल कि आतंकी पाकिस्तान से आए या नहीं, देश के पूर्व गृह मंत्री की तरफ से एक तरह से पाकिस्तान को क्लीन चिट देने जैसा है। 

आतंकी पाकिस्तान के ही थे-शाह

इसके साथ ही शाह ने कहा कि हमारे पास सबूत हैं और हम संसद के पटल पर उसे रखने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि मारे गए तीन आतंकियों में से दो के वोटर नंबर तक हमारे पास हैं। उनकी जेब में पाकिस्तान निर्मित चॉकलेट भी मिले हैं। साथ ही शाह ने बताया कि हमला कब और कैसे हुआ।

भारत की बात सुनाता हूं...' शशि थरूर के 'मौन व्रत' के बाद क्या कहना चाह रहे मनीष तिवारी ?

#congressmanishtewaricrypticpostbharatkibaatsonata_hoon

ऑपरेशन सिंदूर पर लोकसभा में जारी चर्चा के दौरान जहां एक ओर कांग्रेस सरकार को घेरने की कोशिश कर रही है, वहीं पार्टी के भीतर असंतोष के सुर भी उभरकर सामने आ रहे हैं। ऑपरेशन सिंदूर पर चल रही बहस में कांग्रेस की ओर से उन नेताओं को शामिल नहीं किया गया है, जो कि उस प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे, जिन्होंने पहलगाम हमले के बारे में दुनियाभर को बताया। जिन दिग्गज नेताओं को ऑपरेशन सिंदूर की बहस में जगह नहीं मिली है, उनमें तिरुवनंतपुरम के सांसद शशि थरूर, चंडीगढ़ सांसद मनीष तिवारी और फतेहगढ़ साहिब के सांसद अमर सिंह शामिल हैं। बहस में शामिल ना किए जाने पर थरूर के 'मौन व्रत' के बाद मनीष तिवारी ने कांग्रेस नेतृत्व पर निशाना साधा है।

कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने 55 साल पुरानी फिल्म ‘पूरब और पश्चिम‘ के गाने की लाइन को एक्स पर एक क्रिप्टिक मैसेज के रूप में लिखा है। चंडीगढ़ सांसद मनीष तिवारी ने सोमवार को एक्स पर एक स्क्रीनशॉट शेयर किया, जिसमें बताया गया कि उन्हें और थरूर को संसद बहस से दूर रखा गया है। उन्होंने इस पोस्ट के साथ 1970 की फिल्म 'पूरब और पश्चिम' के देशभक्ति गीत की पंक्तियां लिखीं कि भारत का रहने वाला हूं, भारत की बात सुनाता हूं। इस इशारे को कांग्रेस नेतृत्व पर निशाने के रूप में देखा जा रहा है।

शशि थरूर ने 'मौन व्रत' से दिया जवाब

इससे पहले सोमवार को कांग्रेस सांसद शशि थरूर संसद भवन पहुंचे। शशि थरूर विदेश मामलों पर अपनी बेबाक राय और भाषण शैली के लिए मशहूर हैं। हालांकि इसके बावजूद वो कांग्रेस के वक्ताओं की सूची में नहीं थे। ऐसे में संसद परिसर पहुंचे शशि थरूर से पत्रकारों ने ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा में शामिल होने को लेकर सवाल पूछा। इस पर शशि थरूर ने कहा कि मौनव्रत...मौनव्रत। इसके बाद शशि थरूर हंसते हुए निकल गए।

इन सांसदों को बहस में नहीं मिला मौका

बता दें कि ऑपरेशन सिंदूर को लेकर संसद में बहस चल रही है। सरकार विपक्ष के सवालों का जवाब दे रही है। हालांकि कांग्रेस की तरफ से उन नेताओं को बहस में शामिल नहीं किया गया है जो उस प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे। जो दुनियाभर में ऑपरेशन सिंदूर की सफलता और पाकिस्तान को बेनकाब करने गए थे। ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत सरकार की वैश्विक कूटनीतिक पहल के तहत मनीष तिवारी और शशि थरूर उन सांसदों में शामिल थे, जिन्हें अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडलों में भेजा गया था। इसी मिशन का हिस्सा रहे फतेहगढ़ साहिब से कांग्रेस सांसद अमर सिंह भी बहस में नहीं बोल रहे हैं।

कांग्रेस की नाराजगी पर बीजेपी की चुटकी

कांग्रेस नेताओं को वक्ताओं की सूची से बाहर किए जाने पर बीजेपी ने भी चुटकी ली है। बीजेपी नेता बैजयंत जय पांडा ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि पार्टी श्री थरूर को बोलने नहीं दे रही है। उन्होंने कहा, आपकी (कांग्रेस) पार्टी में कई नेता हैं जो अच्छा बोल सकते हैं। मेरे मित्र शशि थरूर जी, जो एक अच्छे वक्ता हैं, उन्हें उनकी पार्टी बोलने नहीं दे रही है।”

ऑपरेशन सिंदूर पर राजनाथ सिंह ने संसद में दिया जवाब, बोले-भारत के हमलों से डरकर गिड़गिड़ाया था पाकिस्तान

#rajnathsinghoperationsindoorparliament_speech

लोकसभा में सोमवार को ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा हुई। चर्चा की शुरुआत रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की। राजनाथ सिंह ने चर्चा की शुरूआत में उन वीर सपूतों को नमन किया जो इस राष्ट्र की सीमाओं की रक्षा के लिए सदैव तैयार और तत्पर रहते हैं। साथ ही, मैं उन शहीदों को भी नमन किया जिन्होंने भारत की एकता और अखंडता सुनिश्चित करने के लिए अपना सर्वस्व बलिदान कर दिया।

धर्म की रक्षा के लिए सुदर्शन चक्र उठाना पड़ता है-राजनाथ सिंह

लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर बहस के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की सख्ती की बात पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि हमें भगवान कृष्ण से सीखना चाहिए कि धर्म की रक्षा के लिए अंत में सुदर्शन चक्र उठाना पड़ता है। रक्षा मंत्री ने एक संस्कृत मंत्र का उच्चारण करते हुए कहा कि 'शठे शाठ्यं समाचरेत्' यानी दुष्ट के साथ उसी तरीके से व्यवहार करना चाहिए। हमने 2006 के संसद हमले, 2008 के मुंबई हमले देखे हैं। अब हमने कहा कि बस अब काफी हो गया और अब हमने सुदर्शन चक्र उठा लिया। राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत अब आतंकवाद के खिलाफ दृढ़ और सशक्त कदम उठा रहा है।

विपक्ष के सवाल नेशनल सेंटिमेंट का सही प्रतिनिधित्व नहीं- राजनाथ सिंह

रक्षा मंत्री ने कहा, कुछ विपक्षी सदस्य पूछ रहे हैं कि हमारे कितने विमान मार गिराए गए? मैं समझता हूं कि उनका यह सवाल नेशनल सेंटिमेंट का सही प्रतिनिधित्व नहीं करता। उन्होंने यह नहीं पूछा कि हमारे सैनिकों ने दुश्मन के कितने विमान गिराए। अगर सवाल करना है तो यह पूछा जाना चाहिए कि क्या भारत ने आतंकियों के ठिकाने तबाह किए? और इसका जवाब है, हां, भारत ने ऐसा किया। आपको प्रश्न पूछना है तो यह प्रश्न पूछिए कि जिन आतंकियों ने हमारी बहनों, हमारी बेटियों का सिन्दूर मिटाया, क्या हमारी सेनाओं ने ऑपरेशन सिंदूर में उन आतंकियों के आकाओं को मिटाया, तो इसका उत्तर है, हां।

पाकिस्तान के खिलाफ इन हथियारों का इस्तेमाल

रक्षा मंत्री ने सदन में बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान किन-किन हथियारों का प्रयोग किया गया। राजनाथ सिंह ने कहा कि 7-8 मई को पाकिस्तान पर सफल हमला किया। इसके बाद पाकिस्तान ने स्थिति को एस्केलेट कर दिया। पाकिस्तान ने यूएवी सिस्टम और अन्य साधनों का यूज कर भारतीय वायुसेना के बेस के साथ ही सेना के फॉर्मेशन हेडक्वार्टर को हमला कर दिया। रक्षा मंत्री ने बताया कि हमारी इंटीग्रेटेड एयर डिफेंस ग्रिड और काउंटर यूएएफ ग्रिड ने इन हमलों को नाकाम कर दिया। रक्षा मंत्री ने कहा कि एस-400, एमआरएसएम, आकाश मिसाइल सिस्टम और एयर डिफेंस सिस्टम बहुत प्रभावी साबित हुए।

9 आतंकी ढांचे नष्ट, 100 से अधिक आतंकवादी ढेर

राजनाथ सिंह ने कहा, इस ऑपरेशन को अंजाम देने से पहले हमारी सेनाओं ने हर पहलू का गहन अध्ययन किया। हमारे पास कई विकल्प उपलब्ध थे, लेकिन हमने वही विकल्प चुना जिसमें आतंकवादियों और उनके ठिकानों को अधिकतम नुकसान पहुँचे और पाकिस्तान के आम नागरिकों को कोई क्षति न हो। उन्होंने आगे कहा, भारतीय सेनाओं द्वारा की गई यह सुसंगठित और सटीक कार्रवाई थी, जिसमें 9 आतंकी ढांचों को निशाना बनाकर नष्ट किया गया। प्रारंभिक अनुमान के अनुसार, इस सैन्य कार्रवाई में 100 से अधिक आतंकवादी, उनके प्रशिक्षक, हैंडलर और सहयोगी मारे गए। इनमें से अधिकांश जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठनों से जुड़े थे, जिन्हें पाकिस्तान की सेना और ISI का प्रत्यक्ष समर्थन प्राप्त है।

ऑपरेशन सिंदूर पर बहस से पहले थरूर का “मौनव्रत”, कांग्रेस वक्ताओं की लिस्ट में क्यों नहीं मिली जगह?

#congressmpshashitharoorsays_maunvrat

संसद के मॉनसून सत्र में सोमवार यानी आज पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर बहस हो रही है। दोपहर 12 बजे से इस चर्चा का नेतृत्व रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह करने वाले थे, लेकिन जैसे ही लोकसभा की कार्यवाही शुरू हुई, विपक्षी दलों ने शोरगुल और नारेबाजी करते हुए सरकार को घेरने की कोशिश की, जिसके बाद सदन की कार्यवाही 1 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। कांग्रेस की तरफ से चर्चा में शामिल होने वाले वक्ताओं की लिस्ट जारी कर दी गई है। खास बात है कि इस बार कांग्रेस सांसद शशि थरूर का नाम नहीं है।

लोकसभा में 'ऑपरेशन सिंदूर'पर चर्चा के दौरान कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी, गौरव गोगोई , प्रियंका गांधी, दीपेंद्र हुड्डा, परिणीति शिंदे, शफी परमबिल, मणिकम टैगोर और राजा बराड़ पक्ष रखेंगे। कांग्रेस के शशि थरूर इस चर्चा में पार्टी की ओर से हिस्सा नहीं लेंगे। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि उन्होंने स्वेच्छा से चर्चा में भाग लेने से मना कर दिया।

थरूर के मौनव्रत के सियासी मायने

इस बीच कांग्रेस सांसद शशि थरूर संसद भवन पहुंचे। संसद परिसर पहुंच शशि थरूर से पत्रकारों ने ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा में शामिल होने को लेकर सवाल पूछा। इस पर शशि थरूर ने कहा कि मौनव्रत...मौनव्रत। इसके बाद शशि थरूर हंसते हुए निकल गए। 20 सेंकड के इस वीडियो में शशि थरूर ने जिस तरह से इस चर्चा से किनारा किया है उसके बड़े मायने निकाले जा रहे हैं।

मौनव्रत की वजह

माना जा रहा है कि चर्चा पर थरूर के इनकार की वजह है कि वह इस मामले को लेकर सरकार पर हमला नहीं करना चाहते हैं। मालूम हो कि थरूर पहले ऑपरेशन सिंदूर को सरकार की तारीफ कर चुके हैं। वहीं, थरूर ऑपरेशन सिंदूर के बाद विदेश गए प्रतिनिधि मंडल का भी हिस्सा थे। ऐसे में यदि थरूर इस चर्चा में कांग्रेस की तरफ से बोलते हैं तो यह उनके लिए अपनी ही बात से पीछे हटने वाली स्थिति हो जाती। ऐसे में माना जा रहा है कि थरूर ने इस तरह की स्थिति से बचने के लिए खुद के चर्चा से अलग कर लिया है।

थरूर ने की थी ऑपरेशन सिंदूर की सराहना

बता दें कि पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद भारतीय सेना की ओर से चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर में भारत की सेनाओं ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ठिकानों पर हमले किए थे। शशि थरूर ने इस ऑपरेशन की सराहना करते हुए इसे सटीक और सुनियोजित बताया था। उन्होंने इसके लिए मोदी सरकार की जमकर तारीफ की थी। उन्होंने एक इंटरव्यू में यह भी कहा कि यह बहुत अच्छी तरह से किया गया। भारत ने वैध लक्ष्यों को निशाना बनाया। उनकी यह टिप्पणी कांग्रेस की आधिकारिक रुख से अलग थी, क्योंकि पार्टी ने खुफिया विफलताओं और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर कराने के दावों पर सरकार को घेरने की रणनीति बनाई थी।

पहलगाम हमले पर चिदंबरम ने ऐसा क्या कहा? मच गया बवाल, बीजेपी का पलटवार

#pchidambaramcontroversialstatementonpahalgamterror_attack

पहलगाम में आतंकवादी हमले के तीन महीने गुजर चुके हैं। भारत ने आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान को ऑपरेशन सिंदूर के जरिए मुंहतोड़ जवाब दिया था। ऑपरेशन सिंदूर के वक्त पूरा विपक्ष भारत सरकार और अपनी सेना के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा रहा। लेकिन सीजफायर के बाद उसी विपक्ष ने सवाल खड़े किए। अमेरिकी राष्ट्रपति के सीजफायर करवाने वाले दावे से लेकर आतंकी हमले को अंजाम देने वाले आतंकियों की गिरफ्तारी को लेकर विपक्ष सरकार पर हमलावर रहा। अब जब आज से लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा शुरू हो रही है, कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने ऐसा बयान दिया है, जिससे सियासी बवाल खड़ा हो गया है।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने पहलगाम आतंकी हमले और उसके बाद हुएऑपरेशन सिंदूर को लेकर केंद्र सरकार से कई सवाल किए हैं। एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने सरकार को घेरते पहलगाम हमले के आतंकियों को लेकर सवाल उठा दिए। उन्होंने सरकार से सवाल किया कि आतंकवादी हमलावर कहां हैं? आपने उन्हें अभी तक क्यों नहीं पकड़ा, या उनकी पहचान क्यों नहीं की? क्या पता वे यहीं के आतंकवादी हों? आप यह क्यों मान रहे हैं कि वे पाकिस्तान से आए थे? इसका कोई सबूत नहीं है।

आतंकी पाकिस्तान से आए इसका कोई सबूत नहीं-चिदंबरम

चिदंबरम ने द क्विंट को दिए एक इंटरव्यू में कहा, वे (एनआईए) यह बताने को तैयार नहीं हैं कि इन हफ्तों में उन्होंने क्या किया है। क्या एनआईए ने आतंकवादियों की पहचान की है? या यह पता लगाया है कि वे कहां से आए थे? क्या पता, वे देश के ही आतंकवादी हों। आप यह क्यों मान रहे हैं कि वे पाकिस्तान से आए थे? इसका कोई सबूत नहीं है। 

सरकार पर सवालों की बौछार

इंटरव्यू में कांग्रेस नेता ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर कहा, बिल्कुल भी पारदर्शिता नहीं है। देश को विश्वास में नहीं लिया गया। ऑपरेशन सिंदूर को कई सप्ताह हो गए हैं, जिसे, जैसा कि प्रधान मंत्री ने कहा, केवल रोका गया है और समाप्त नहीं किया गया है। यदि हां, तो उसके बाद क्या कदम उठाए गए हैं? क्या मोदी सरकार ने पहलगाम जैसा दूसरा हमला रोकने के लिए कोई कदम उठाया है? दूसरा, आतंकवादी हमलावर कहां हैं? आपने उन्हें क्यों नहीं पकड़ा, या उनकी पहचान भी क्यों नहीं की? हमलावरों को शरण देने वाले कुछ लोगों की गिरफ्तारी की खबर सामने आई थी। उनका क्या हुआ? बहुत सारे सवाल हैं। सरकार उन्हें क्यों टाल रही है? प्रधानमंत्री क्यों नहीं बोल रहे हैं?

सरकार पूरी बात क्यों नहीं बता रही-चिदंबरम

कांग्रेस नेता सवाल किया कि हमें अलग-अलग अधिकारियों से थोड़ी-थोड़ी जानकारी मिल रही है। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) सिंगापुर जाते हैं और वहां कुछ जानकारी देते हैं। डिप्टी आर्मी चीफ मुंबई में बयान देते हैं। इंडोनेशिया में नेवी के एक जूनियर अफसर बयान देते हैं। लेकिन प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री या विदेश मंत्री इस बारे में पूरी बात क्यों नहीं बताते?

बीजेपी ने किया प्रहार*

चिदंबरम के बयान पर बीजेपी ने कड़ा ऐतराज जताया और इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति कांग्रेस की ‘गैर-जिम्मेदाराना’ रवैये का सबूत बताया। बीजेपी के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, पी. चिदंबरम, यूपीए-काल के पूर्व गृह मंत्री और कुख्यात ‘भगवा आतंक’ सिद्धांत के प्रणेता, ने एक बार फिर खुद को शर्मसार किया है। कांग्रेस एक बार फिर पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान को क्लीन चिट देने की जल्दबाजी में है। जब भी हमारी सेनाएं पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का सामना करती हैं, कांग्रेस नेता भारत के विपक्ष से ज्यादा इस्लामाबाद के बचाव पक्ष के वकील नजर आते हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर कोई अस्पष्टता नहीं होनी चाहिए, लेकिन कांग्रेस हमेशा दुश्मन की रक्षा के लिए पीछे की ओर झुकती है।

ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा से पहले विपक्ष का हंगामा, लोकसभा स्थगित

#parliamentmonsoonsessionday6

संसद के मॉनसून सत्र में आज ऑपरेशन सिंदूर पर हंगामा जारी है। मॉनसून सत्र का पहला हफ्ता भी हंगामे की भेंट चढ़ गया, लेकिन आज लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा होनी है। हालांकि, आज भी ऑपरेशन सिंदूर पर हंगामा जारी है। आज सदन शुरू होते ही हंगामे के देखते हुए स्पीकर ओम बिरला नाराज हो गए हैं। उन्होंने 1 बजे तक कार्यवाही स्थगित कर दी है।

ऑपरेशन सिंदूर पर लोकसभा में चर्चा होने से पहले विपक्षी सांसदों ने जमकर हंगामा काटा। इस वजह से कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। लोकसभा की कार्यवाही 12 बजे जब फिर से शुरू हुई तो विपक्षी सांसद वेल में आकर प्रदर्शन कर रहे थे। स्पीकर ओम बिरला ने उन्हें सीट पर बैठने को कहा, लेकिन सांसद नहीं मानें तो कार्यवाही 1 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। विपक्ष SIR के खिलाफ लगातार प्रदर्शन करता रहा और चर्चा की मांग कर रहा है।

विपक्षी सांसदों पर भड़के लोकसभा स्पीकर

लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि विपक्षी सदस्य जानबूझकर सदन की कार्यवाही में बाधा डाल रहे हैं। उन्होंने विपक्ष के नेता (राहुल गांधी) से अनुरोध किया कि वे अपनी पार्टी के सदस्यों से पोस्टर नहीं दिखाने को कहें। इस तरह के विरोध प्रदर्शन सदन की गरिमा को ठेस पहुंचा रहे हैं। सदस्यों को प्रश्नकाल में बोलने नहीं दिया जा रहा है और देश की जनता सब देख रही है, और सदन की कार्यवाही जानबूझकर बाधित की जा रही है।

विपक्ष चर्चा से भाग रहा- किरण रिजिजू

लोकसभा में विपक्ष के हंगामे पर संसदीय कार्यमंत्री किरण रिजिजू ने कहा है कि विपक्ष के लोग ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा से भाग रहे हैं। ये धोखा है, वो धोखा दे रहे हैं। कांग्रेस और विपक्ष अपने कमिटमेंट से भाग रहे हैं। ऑपरेशन सिंदूर पर रक्षा मंत्री प्रस्ताव रखेंगे। विपक्ष पाकिस्तान की भाषा ना बोले। हम सब चर्चा के लिए तैयार थे। चर्चा शुरू होने से 10 मिनट पहले विपक्ष अपना एजेंडा लेकर आया कि सरकार एक निश्चित समय सीमा तय करे कि इसके बाद एसआईआर के मुद्दे पर चर्चा होगी। चर्चा से ठीक 10 मिनट पहले ऐसी शर्त लाना ठीक नहीं है।

जब रावण ने लक्ष्मण रेखा पार की तो लंका जल गई’, ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा से पहले किरेन रिजिजू की पोस्ट

#parliamentmonsoonsessionloksabhadiscussiononoperationsindoor

संसद में आज ऑपरेशन सिंदूर पर बड़ी चर्चा शुरू होने जा रही है। पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में शुरू किए गए इस सैन्य अभियान पर लोकसभा में दोपहर 12 बजे से चर्चा शुरू होगी, जिसकी शुरुआत रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह करेंगे। लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर कुल 16 घंटे की चर्चा होगी और मंगलवार 29 जुलाई को राज्यसभा में भी इस पर बहस शुरू होगी। ऑपरेशन सिंदूर पर लोकसभा में बहस से ठीक पहले संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने बड़ी बात कही है। 

संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने सोशल मीडिया पोस्ट कर कहा, ‘जब रावण ने लक्ष्मण रेखा पार की, तो लंका जल गई। जब पाकिस्तान ने भारत द्वारा खींची गई लाल रेखा पार की, तो पाकिस्तान को आग का सामना करना पड़ा।

लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा से पहले केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, यह भारत के लोगों की इच्छा थी। प्रधानमंत्री ने भारतीय सेना के माध्यम से ऑपरेशन सिंदूर शुरू करने का फैसला किया। आज, लोकसभा में पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा होगी। 

कांग्रेस पाकिस्तान की भाषा न बोलें- रिजिजू

रिजिजू ने कहा, मैं विपक्ष, विशेषकर कांग्रेस से अनुरोध करता हूं कि वे भारत के हितों को नुकसान पहुंचाने वाला कुछ भी न करें और पाकिस्तान की भाषा न बोलें। हमें सावधान रहना होगा... हमें भारतीय सशस्त्र बलों की गरिमा बनाए रखनी होगी। कांग्रेस और विपक्ष को ऐसा कुछ भी नहीं बोलना चाहिए जिससे राष्ट्रीय हितों को नुकसान पहुंचे... वे भारत के खिलाफ जो कुछ भी बोलते हैं, उसका इस्तेमाल पाकिस्तानियों और भारत के बाहरी दुश्मनों द्वारा किया जाता है।

ऑपरेशन सिंदूर पर बहस से पहले अखिलेश यादव का सवाल

वहीं, लोकसभा में आज ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम आतंकी पर होने वाली बहस को लेकर अखिलेश यादव ने कहा, ‘सबसे पहले तो यह स्वीकार करना होगा कि ये दो अलग-अलग मुद्दे हैं। सबसे पहले, हम ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सशस्त्र बलों की बहादुरी और पराक्रम के लिए उन्हें बधाई देते हैं। अगर उन्हें मौका मिलता, तो वे पीओके पर भी कब्ज़ा कर लेते। पहलगाम हमले से पहले एक और घटना हुई थी जिसके बारे में जनता को अभी तक जानकारी नहीं दी गई है। सवाल यह है कि भाजपा सरकार में बार-बार आतंकवादी घटनाएं क्यों हो रही हैं? पहलगाम के आतंकवादी कहां गए? सरकार को जवाब देना चाहिए कि ये आतंकवादी कहां गए?

लोकसभा में आज ऑपरेशन सिंदूर पर होगी बहस, सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस तैयार

#parliamentmonsoonsessionday6

आज संसद के मानसून सत्र का छठा दिन है। हंगामे के कारण संसद में गतिरोध बना हुआ था। पहले हफ्ते में पांच दिनों की कार्यवाही हंगामे की भेंट चढ़ चुकी है। लोकसभा और राज्यसभा में आज भी विपक्ष का हंगामा जारी रहने की आशंका है। लोकसभा में आज पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा होगी। दोपहर 12 बजे से इस चर्चा की शुरुआत होगी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम पर चर्चा की शुरुआत करेंगे।

सूत्रों ने बताया कि गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर इन मुद्दों पर सरकार का पक्ष रखेंगे। वहीं, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे, समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव तथा अन्य नेताओं के साथ मिलकर सरकार को घेरेंगे।

लोकसभा और राज्यसभा में 16-16 घंटे की बहस

दोनों पक्षों ने प्रत्येक सदन में 16 घंटे की बहस पर सहमति व्यक्त की है, जो सामान्यत: तय समय से अधिक होती है। लोकसभा की सूचीबद्ध कार्यसूची के मुताबिक सदन में ‘पहलगाम में आतंकवादी हमले के जवाब में भारत के सशक्त, सफल और निर्णायक ऑपरेशन सिंदूर पर विशेष चर्चा’ होगी। अनुराग ठाकुर, सुधांशु त्रिवेदी और निशिकांत दुबे जैसे नेताओं के अलावा, सत्तारूढ़ राजग द्वारा उन सात बहुदलीय प्रतिनिधिमंडलों के सदस्यों को भी मैदान में उतारे जाने की उम्मीद है, जो ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद भारत का पक्ष रखने के लिए 30 से अधिक देशों की यात्रा कर चुके हैं। इनमें शिवसेना के श्रीकांत शिंदे, जनता दल (यूनाइटेड) के संजय झा और तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के हरीश बालयोगी शामिल हैं।

कांग्रेस को मिला 3 घंटे का समय

ऑपरेशन सिंदूर पर कुल 16 घंटे की बहस में कांग्रेस को लगभग 3 घंटे का समय आवंटित किया गया है। पार्टी की तरफ से लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी अपनी बात रखेंगे। इसके अलावा गौरव गोगोई, प्रणिति शिंदे और प्रियंका गांधी भी अन्य संभावित वक्ताओं में शामिल हैं।

कांग्रेस ने अपने सांसदों को व्हिप जारी किया

आज सदन की कार्यवाही के दौरान खूब हंगामा देखने को मिल सकता है। पहलगाम आतंकी हमले और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा के मद्देनजर कांग्रेस ने अपने लोकसभा सदस्यों को व्हिप जारी कर सोमवार से तीन दिनों तक सदन में उपस्थित रहने को कहा है।

हंगामेदार रहा पहला हफ्ता

संसद के मानसून सत्र का पहला हफ्ता बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) और अन्य मुद्दों को लेकर विपक्ष के विरोध के कारण लगभग ठप रहा था। इसके बाद 25 जुलाई को संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बताया कि विपक्ष ने सोमवार (आज) को लोकसभा और मंगलवार को राज्यसभा में पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा की सहमति दी है। दोनों पक्षों ने दोनों सदन में 16 घंटे की लंबी बहस पर सहमति जताई है>