छत्तीसगढ़ में खाद की कोई कमी नहीं, डीएपी की कमी को पूरा करने एनपीके, एसएसपी और नैनो डीएपी का भरपूर स्टॉक

रायपुर-  राज्य में रासायनिक उर्वरको कोई कमी नहीं हैं। खरीफ सीजन 2025 के लिए सभी प्रकार के रासायनिक उर्वरक सहकारी समितियों एवं नीजि विक्रय केंद्रों में पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। वैश्विक परिस्थिति के चलते डीएपी खाद के आयात में कमी को देखते हुए प्रदेश सरकार द्वारा इसके विकल्प के रूप में अन्य रासायनिक उर्वरकों की भरपूर आपूर्ति एवं वितरण की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है।

राज्य में डीएपी की आपूर्ति में कमी से किसानों को किसी भी तरह की दिक्कत न हो इसको ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार द्वारा इसके विकल्प के रूप में 179000 बॉटल नैनो डीएपी, एनपीके उर्वरक का लक्ष्य से 25 हजार मेट्रिक टन अधिक तथा एसएसपी का निर्धारित लक्ष्य से 50 हजार मेट्रिक टन का अतिरिक्त भंडारण किया गया है। पोटाश के निर्धारित लक्ष्य 60 हजार मेट्रिक टन के विरूद्ध अब तक 77 हजार मेट्रिक टन से अधिक म्यूरेट ऑफ पोटाश का भंडारण किया गया है। नैनो डीएपी जो कि ठोस डीएपी के विकल्प के रूप में बीज/थरहा, जड़ उपचार एवं बोआई/रोपाई के पश्चात खड़ी फसल में छिड़काव के लिए उपयोगी है। नैनो डीएपी की निरंतर आपूर्ति राज्य में सरकार द्वारा सुनिश्चित की गई है।

चालू खरीफ सीजन के लिए डीएपी उर्वरक के निर्धारित 3.10 लाख मेट्रिक टन लक्ष्य के विरूद्ध अब तक 1 लाख 63 मेट्रिक टन से अधिक का भंडारण हो चुका है। डीएपी की आपूर्ति निरंतर जारी है। अभी जुलाई माह में 48 हजार मेट्रिक टन डीएपी उर्वरक की आपूर्ति राज्य को होगी। राज्य के सहकारी क्षेत्र में उर्वरकों का भंडारण प्राथमिकता के आधार पर कराया गया है। राज्य के सहकारी क्षेत्र में डीएपी उर्वरक की उपलब्धता राज्य की कुल उपलब्धता का 62 प्रतिशत है।

कृषि विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार अब तक कुल 13.18 लाख मेट्रिक टन का भंडारण किया जा चुका है, जो गत वर्ष इसी अवधि में भंडारित 12.79 लाख मेट्रिक टन से लगभग 38 हजार मेट्रिक टन अधिक है। इस वर्ष एनपीके और एसएसपी का लक्षित मात्रा से क्रमशः 25,266 मेट्रिक टन एवं 71,363 मेट्रिक टन अधिक भंडारण किया गया है, जो डीएपी के विकल्प के रूप में उपयोग किया जा रहा है। राज्य में यूरिया 6 लाख मेट्रिक टन अधिक का भंडारण हुआ है। जुलाई एवं आगामी माह में यूरिया के शेष मात्रा की आपूर्ति होगी।

यहां यह उल्लेखनीय है कि धान में यूरिया का उपयोग तीन बार किया जाता है। प्रथम बार बोआई/रोपाई के समय में, दूसरी बार कंसा निकलने के समय में बोआई/रोपाई से तीन चार सप्ताह बाद एवं तीसरी बार गभोट अवस्था में बोआई/रोपाई के 7 से 8 सप्ताह बाद, इस प्रकार यूरिया का सितम्बर माह के मध्य तक उपयोग किया जाता है। डीएपी उर्वरक का 1.63 लाख मेट्रिक टन भंडारण हुआ है। जुलाई माह के सप्लाई प्लान के अनुसार राज्य को 48 हजार 850 मेट्रिक टन डीएपी और मिलेगी।

कृषि विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार जुलाई माह में 25 हजार टन एनपीके की आपूर्ति संभावित है। एनपीके की अतिरिक्त आपूर्ति को मिलाकर कुल अतिरिक्त एनपीके 50 हजार 266 मेट्रिक टन से 22 हजार मेट्रिक टन डीएपी प्रतिपूर्ति होगी। इसी तरह एसएसपी की कुल अतिरिक्त आपूर्ति 1.47 लाख मेट्रिक टन से 50 हजार मेट्रिक टन डीएपी की प्रतिपूर्ति होगी। इस प्रकार राज्य में एनपीके और एसएसपी के अतिरिक्त आपूर्ति से 72 हजार मेट्रिक टन डीएपी की प्रतिपूर्ति सुनिश्चित होगी।


मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि डीएपी खाद की कमी को लेकर किसानों को परेशान होने की जरूरत नहीं है। इसके विकल्प के रूप में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा अन्य रासायनिक उर्वरक जैसे- नैनो डीएपी, एनपीके और एसएसपी की भरपूर व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। इंदिरा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि वैज्ञानिकों और कृषि विभाग के अधिकारियों के सुझाव के अनुरूप किसान डीएपी के बदले उक्त उर्वरकों का प्रयोग कर बेहतर उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं। सोसायटियों से किसानों को उनकी डिमांड के अनुसार खाद-बीज का पर्याप्त भंडारण किया गया है।

विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन गड़बड़ियों की गूंज, महेंद्र कर्मा यूनिवर्सिटी भर्ती पर भी उठा सवाल

रायपुर-  छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन सदन में गड़बड़ियों की गूंज साफ सुनाई दी। जहां राजस्व निरीक्षक भर्ती घोटाले को लेकर विपक्ष ने सरकार को घेरा, वहीं भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने शहीद महेंद्र कर्मा विश्वविद्यालय, बस्तर में की गई नियुक्तियों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए।

प्रश्नकाल के दौरान अजय चंद्राकर ने विश्वविद्यालय में सेटअप अनुसार शैक्षणिक पदों की भर्ती, आरक्षण रोस्टर के पालन, और शिकायतों की स्थिति को लेकर प्रश्न पूछे। इसके जवाब में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बताया कि विश्वविद्यालय में 59 शैक्षणिक पदों के लिए – प्राध्यापक (10), सह प्राध्यापक (19), और सहायक प्राध्यापक (30) की भर्ती हेतु 5 अक्टूबर 2023 को विज्ञापन जारी किया गया था। इनमें से 8 विभागों में नियुक्ति प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है।

लेकिन अजय चंद्राकर ने आरोप लगाया कि इस भर्ती में भारी अनियमितता की गई है। उन्होंने कहा, “46, 54, 42, 48 वर्ष की आयु के अभ्यर्थियों का चयन कैसे किया गया, जबकि नियमों के अनुसार 40 वर्ष से अधिक आयु वालों की नियुक्ति नहीं की जा सकती?” उन्होंने सदन में मांग की कि सरकार तत्काल पूरी भर्ती प्रक्रिया की जांच की घोषणा करे।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने जवाब देते हुए कहा कि इस भर्ती प्रक्रिया को लेकर शिकायतें प्राप्त हुई हैं, और इसके संबंध में जांच समिति का गठन किया जा चुका है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि जांच रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद कार्रवाई की जाएगी।

पहले ही दिन सदन में लगातार उठ रहे गड़बड़ी के मामलों से यह स्पष्ट हो गया है कि मानसून सत्र सरकार के लिए चुनौतियों भरा होने वाला है। विपक्ष ही नहीं सत्ता पक्ष के विधायकों के तेवर ने साफ संकेत दे दिया है कि नियुक्तियों और परीक्षाओं में पारदर्शिता की मांग को लेकर सदन में लगातार आवाज बुलंद की जाएगी।

विधानसभा मानसून सत्र : खाद संकट पर सदन में भारी हंगामा, कार्यवाही 5 मिनट के लिए स्थगित

रायपुर- विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन शून्यकाल के दौरान नेता-प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने राज्य में खाद-बीज संकट का मुद्दा उठाया. विपक्ष की ओर से खाद-बीज की कमी के मुद्दे पर स्थगन लाया गया, लेकिन मंत्री के वक्तव्य के बाद विधानसभा अध्यक्ष के स्थगन को अग्राह्य करने पर वेल में आकर कांग्रेस के विधायकों की जमकर नारेबाजी की. विपक्ष के हंगामे की वजह से सदन की कार्यवाही 5 मिनट के लिए स्थगित की गई.

स्थगन की सूचना देते हुए नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत ने कहा कि पूरे राज्य में खाद की भारी किल्लत है. किसान इससे दुःखी हैं, आक्रोशित हैं. इस पर स्थगन स्वीकार कर चर्चा कराई जाए. पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में खाद संकट से किसान हलाकान है. सरकार खाद उपलब्ध कराने में नाकाम है. किसान बाहर बाजार से दोगुने भाव मे खाद खरीदने में मजबूर हैं।

कृषि मंत्री रामविचार नेताम ने कहा कि किसानों को उर्वरकों के संतुलित उपयोग के लिए जागरूक कर रहे हैं, वैकल्पिक खाद के उपयोग की भी जानकारी प्रशिक्षण के जरिए दी गई. फास्फेटिक खाद की आपूर्ति प्रभावित हुई, इसलिए हमने बहुत पहले से वैकल्पिक व्यवस्था की. नैनो उर्वरकों के उपयोग की अनुशंसा की गई है. बड़ी तादाद में इसका भंडारण भी किया जा चुका है.

मंत्री ने बताया कि वैश्विक कारणों से रासायनिक खाद की आपूर्ति प्रभावित हुई. एनपीके उर्वरक का भंडारण लक्ष्य से ज्यादा हुआ है. पोटाश सहित अन्य खाद का भी भंडारण हुआ है. 28 लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में बोअनी हो चुका है, जो पहले से ज्यादा है.

मंत्री के वक्तव्य के बाद विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने विपक्ष का स्थगन अग्राह्य किया, स्थगन अग्राह्य होने और मंत्री के वक्तव्य से असंतुष्ट कांग्रेस के विधायकों ने वेल में आकर जमकर नारेबाजी. विपक्ष के हंगामे की वजह से सदन की कार्यवाही 5 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई.

विधानसभा मानसून सत्र : प्रश्नकाल में गूंजा राजस्व निरीक्षक भर्ती परीक्षा का मामला, सदन में घिरे राजस्व मंत्री, विपक्ष ने किया वॉकआउट…

रायपुर- राजस्व निरीक्षक की विभागीय परीक्षा में गड़बड़ी का मामला सदन में गूंजा. भाजपा विधायक राजेश मूणत और अजय चंद्राकर के साथ पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के सवालों पर राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा घिरते नजर आए. मंत्री के जवाब पर सदन में विपक्ष के विधायकों का हंगामा मचाया. सत्तापक्ष की नोक-झोंक से नाराज विपक्ष ने सदन से वॉकआउट किया।

इसके पहले भाजपा विधायक राजेश मूणत ने राजस्व निरीक्षक की विभागीय परीक्षा में गड़बड़ी का मुद्दा उठाते हुए मंत्री से सवाल किया कि गृह विभाग की जांच का क्या हुआ? दोषियों पर कार्रवाई कब होगी? कुल कितने परीक्षार्थी परीक्षा में शामिल हुए?

राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने जवाब में कहा कि भर्ती होने से राजस्व विभाग को अमला मिल जाएगा और काम में सहूलियत होगी. पिछली सरकार के दौरान परीक्षा की प्रक्रिया शुरू हुई. लेकिन परीक्षा परिणाम आने के बाद शिकायत हुआ. 5 सदस्यीय टीम बनाकर हमने जांच कराई तो अनियमितता पाई गई है.

मंत्री ने बताया कि भाई-भाई भी एक जगह बैठे पाए गए. सामान्य विभाग ने गृह विभाग को जांच के लिए पत्र लिखा, फिर गृह विभाग ने भी पत्र लिखा कि सम्बंधित विभाग सक्षम है. इस मामले की जांच इओडब्ल्यू को सौंपी गई है, जांच शुरू हो गई है, हम किसी को नहीं बख्शेंगे, वास्तविक दोषी तक पहुंचकर कार्रवाई करेंगे, भारतमाला परियोजना में गड़बड़ी की तरह इस तरह की जांच कर रहे हैं.

मूणत ने कहा कि मंत्री को विभाग में आए 9 दिन भी नहीं हुआ था, और परीक्षा ले ली गई. साली और जीजा, भाई-भाई एक साथ बैठे थे. अनियमितता जांच में पाई गई तो फिर कार्रवाई क्यों नहीं की गई? जबकि वरिष्ठ 5 अधिकारियों की टीम ने जांच की. इसपर कार्रवाई क्यों नहीं की गई? इस पर टंकराम वर्मा ने कहा कि जांच कमेटी ने निष्कर्ष में कहा है कि प्रस्तुत दस्तावेज साक्ष्य की श्रेणी में नहीं आता है. ये जरूर है कि गड़बड़ी हुई है और जांच कमेटी ने स्वीकार किया है. लेकिन कॉल डिटेल निकालना है, इसमें इओडब्ल्यू जांच कर रही है.

मूणत ने इस पर कहा कि मंत्री आधा पढ़ रहे हैं, कहें तो रिपोर्ट सदन की पटल पर रख देता हूं, पिछली सरकार के हैं ये सभी घोटाले, चाहे पीएससी हो या कोई. टंकराम वर्मा ने कहा कि जो भी दोषी होगा उसपर ठोस कार्रवाई होगी, किसी को बख्शा नहीं जाएगा. मूणत ने कहा कि क्या अगले सत्र से पहले दोषियों पर कार्रवाई कर देंगे? तब टंकराम वर्मा ने कहा कि प्रयास रहेगा कि अगले सत्र से पहले जांच पूरी कर कार्रवाई हो जाए.

भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि इओडब्ल्यू जांच का निर्णय किसने लिया? आपके विभाग में इओडब्ल्यू जांच हो ये फैसला किसका है? इस पर टंकराम वर्मा ने कहा कि विभाग ने ही इओडब्ल्यू को जांच के लिए दिया.

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पूछा कि परीक्षा आपकी सरकार आने के बाद हुई या पहले. इस पर टंकराम वर्मा ने कहा कि जनवरी 2024 में परीक्षा हुई और फरवरी में रिजल्ट आया. मंत्री के इस जवाब के बाद सदन में जोरदार हंगामा. विपक्ष के विधायकों भाजपा सरकार में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए हंगामा किया.

भूपेश बघेल ने कहा कि दोषियों को बचाने की कोशिश हो रही है. क्या सीबीआई से इसकी जांच कराएंगे? भाजपा विधायक धरमलाल कौशिक ने कहा कि क्या सीबीआई पर आपको भरोसा है? इसके साथ ही भाजपा विधायकों ने भूपेश बघेल को घेरा. सत्ता पक्ष की नोक-झोंक से नाराज विपक्ष ने सदन से वॉकआउट किया।

छत्तीसगढ़ विधानसभा मानसून सत्र : पूर्व राज्यपाल शेखर दत्त के साथ राजा सुरेंद्र बहादुर को दी गई श्रद्धांजलि…

रायपुर- छत्तीसगढ़ विधानसभा का मानसून सत्र के पहले दिन की कार्यवाही प्रश्नकाल के साथ शुरू हुई. छत्तीसगढ़ के पूर्व राज्यपाल शेखर दत्त और अविभाजित मध्य प्रदेश शासन के पूर्व मंत्री राजा सुरेन्द्र बहादुर सिंह को श्रद्धांजलि दी गई.

विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह उनके साथ बिताए क्षणों को याद करते हुए कहा कि शेखर दत्त बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी थे. छत्तीसगढ़ में राज्यपाल के रूप में उनका अतुलनीय योगदान था.

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि दिवंगत शेखर दत्त प्रतिभा के धनी थे. शेखर दत्त ने सेना में रहते देश का मान बढ़ाया. आईएएस के रूप में प्रशासनिक सेवा की. प्रदेश के राज्यपाल के रूप में उनका योगदान भुलाया नहीं जा सकता. पूरे छत्तीसगढ़ वासियों की ओर से नमन करता हूं.

नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत ने भी पूर्व राज्यपाल शेखर दत्त और सुरेन्द्र बहादुर को श्रद्धांजलि दी. संसदीय कार्यमंत्री केदार कश्यप ने पूर्व राज्यपाल को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि देश ने एक कर्मठ व्यक्ति खो दिया. उनका जाना सबके लिए अपूर्णीय क्षति है.

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि शेखर दत्त बड़े-बड़े पदों में रहे. मगर उनके व्यवहार में पद का असर नहीं हुआ. उनके जाने से देश और प्रदेश को अपूर्णीय क्षति हुई.

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय अखिल भारतीय वैष्णव ब्राह्मण सेवा संघ की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में हुए शामिल

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय आज राजधानी रायपुर में आयोजित अखिल भारतीय वैष्णव ब्राह्मण सेवा संघ (चतुः संप्रदाय), मुंबई की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रभु श्रीराम के ननिहाल और माता कौशल्या की पावन भूमि छत्तीसगढ़ में वैष्णव ब्राह्मण समाज का राष्ट्रीय अधिवेशन आयोजित होना हम सभी के लिए सौभाग्य की बात है। उन्होंने कहा कि वैष्णव ब्राह्मण समाज का इतिहास अत्यंत गौरवशाली रहा है। इस समाज की विभूतियों ने छत्तीसगढ़ में दानशीलता की अद्भुत मिसालें स्थापित की हैं। विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण में वैष्णव ब्राह्मण समाज का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण होगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान देने वाले समाज के प्रतिभावान व्यक्तियों को सम्मानित भी किया।

मुख्यमंत्री श्री साय ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि वैष्णव ब्राह्मण समाज ने सनातन धर्म को सशक्त बनाने में ऐतिहासिक भूमिका निभाई है। यह समाज केवल पुरोहित कर्म से ही नहीं, बल्कि शासन-प्रशासन में भी सक्रिय रहा है। दानशीलता की महान परंपरा का परिचय देते हुए इस समाज ने कभी राजपाट तक दान कर दिए। राजनांदगांव की वैष्णव ब्राह्मण रियासत इसका अनुपम उदाहरण है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि डेढ़ वर्ष के भीतर हमने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अधिकांश गारंटियों को अमल में लाकर पूर्ण किया है। छत्तीसगढ़, प्रभु श्रीराम का ननिहाल रहा है और उन्होंने अपने वनवास का लंबा समय यहीं व्यतीत किया था। हमारी सरकार ने रामलला दर्शन योजना शुरू की है, जिसके तहत अब तक 22 हजार से अधिक श्रद्धालु अयोध्या में प्रभु श्रीरामलला के दर्शन कर चुके हैं। मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना को भी पुनः प्रारंभ किया गया है, जिसके अंतर्गत 60 वर्ष से अधिक आयु के सभी नागरिक अपनी आस्था के अनुसार तीर्थ स्थलों का दर्शन कर सकेंगे। दिव्यांगजनों, विधवाओं और परित्यक्ताओं के लिए इस योजना में अधिकतम आयु सीमा नहीं रखी गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2047 तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में विकसित भारत का संकल्प लिया गया है। उसी दिशा में हमें विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण में अग्रसर होना है। इस कार्य में वैष्णव ब्राह्मण समाज की सक्रिय भागीदारी अपेक्षित है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि समाज संगठित रहकर निरंतर प्रगति की ओर अग्रसर होगा।

विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि वैष्णव ब्राह्मण समाज एक दूरदर्शी और कल्पनाशील समाज है। उन्होंने कहा कि राजनांदगांव से विधायक, सांसद, केंद्रीय मंत्री और मुख्यमंत्री के रूप में कार्य करते हुए उन्होंने इस समाज के ऐतिहासिक योगदान को निकटता से देखा है। उच्च शिक्षा, रेलवे, उद्योग और पेयजल व्यवस्था के विकास में राजनांदगांव के राजपरिवार ने अभूतपूर्व योगदान दिया है। महंत दिग्विजय दास जी ने महाविद्यालय के लिए अपना महल दान किया, रेलवे के लिए विशाल भूमि दी, और बीएनसी कॉटन मिल की स्थापना की, जिससे हजारों लोगों को रोजगार मिला। महंत घासीदास जी ने व्यापार को प्रोत्साहित करने के लिए नि:शुल्क भूमि देने की घोषणा की थी।

उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने अपने संबोधन में कहा कि वैष्णव ब्राह्मण समाज सनातन धर्म की ध्वजवाहक है। इस राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक के आयोजन से समाज और अधिक एकजुट होकर आगे बढ़ेगा।

इस अवसर पर राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा, अखिल भारतीय वैष्णव ब्राह्मण सेवा संघ के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष पी. एल. बैरागी, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष लाल जे. के. वैष्णव, प्रदेश अध्यक्ष राकेश दास वैष्णव, विजय कुमार दास, राघवेंद्र दास वैष्णव, डॉ. सौरभ निर्वाणी, अंजना देवी वैष्णव, रजनीश वैष्णव सहित अनेक गणमान्यजन उपस्थित थे।

पुलिस कस्टडी में मौत का मामला गरमाया, हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को भेजा नोटिस – मांगा दो सप्ताह में जवाब

बिलासपुर- धमतरी जिले के अर्जुनी थाना क्षेत्र में पुलिस हिरासत में हुई संदिग्ध मौत के मामले ने अब कानूनी मोड़ ले लिया है। बिलासपुर हाईकोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार को नोटिस जारी करते हुए जांच की प्रगति पर दो सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है।मामले की सुनवाई छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश की डिवीजन बेंच (डीबी) में हुई, जिसमें याचिकाकर्ता की ओर से सीबीआई जांच की मांग भी की गई है।

क्या है पूरा मामला?

यह गंभीर मामला 30 मार्च 2025 का है, जब धमतरी के अर्जुनी थाना में एक व्यक्ति दुर्गेंद्र कुमार कठोलिया की पुलिस कस्टडी में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। मृतक के परिजनों ने इस मौत को साजिश और पुलिसिया क्रूरता का नतीजा बताया था।

परिजनों का आरोप है कि पूरी जांच प्रक्रिया पारदर्शी नहीं है, और इसमें कई खामियां हैं। इसी के विरोध में परिजनों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सीबीआई से स्वतंत्र जांच कराने की मांग की थी।

हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान

मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली डिवीजन बेंच ने मामले की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार को नोटिस जारी करते हुए दो सप्ताह में जवाब पेश करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया है कि जांच प्रक्रिया में हुई अब तक की प्रगति का ब्यौरा भी प्रस्तुत करना होगा।

युक्तियुक्तकरण के तहत स्कूलों में ज्वाइनिंग नहीं करने वाले चार शिक्षक निलंबित, डीईओ ने जारी किया आदेश

रायपुर- युक्तियुक्तकरण से अतिशेष हुए शिक्षकों को नये स्कूलों में ज्वाइन नहीं करना महंगा पड़ गया है। एक साथ चार शिक्षकों को सस्पेंड कर दिया गया है। इन शिक्षकों ने काउंसिलिंग के बाद नये शाला में ज्वाइन के बजाय हाईकोर्ट की शरण ली थी। लेकिन हाईकोर्ट से भी इन चार शिक्षकों को कोई खास राहत नहीं मिली। जिलास्तरीय कमेटी में भी अभ्यावेदन अस्वीकार होने के बाद चार शिक्षक अजय कुमार कश्यप, मंसूर अहमद सिद्दीकी, पुष्पा कुमारी कंवर और मंजू घृतलहरे को तत्काल प्रभाप से सस्पेंड कर दिया गया है। सभी शिक्षक कोरबा जिले के हैं और अलग-अलग स्कूलों में पदस्थ हैं।

युक्तियुक्तकरण के बाद अतिशेष सिक्षकों को एकल शिक्षकीय व शिक्षक विहीन स्कूलो में पदस्थ किया गया था। लेकिन इन शिक्षकों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट ने निर्देश दिया था कि सभी प्रभावित शिक्षक जिलास्तरीय कमेटी में अभ्यावेदन दें, कमेटी एक सप्ताह के भीतर इसका निराकरण करेगी। तब तक अपीलकर्ताओं के युक्तियुक्तकरण पर रोक लगायी गयी थी।

कमेटी के पास इन शिक्षकों ने अभ्यावेदन किया, लेकिन 30 जून को सभी का अभ्यावेदन अस्वीकार कर दिया गया, जिसके बाद इन शिक्षकों को काउंसिलिंग के बाद आवंटित शाला में ज्वाइनिंग करना था, लेकिन शिक्षकों ने ज्वाइनिंग नहीं की, जिसके बाद चार शिक्षकों को सस्पेंड कर दिया गया है।

मिस यूनिवर्स छत्तीसगढ़ डॉ. अंजली पवार ने की मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से मुलाकात

रायपुर-   मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में मिस यूनिवर्स छत्तीसगढ़ 2025 डॉ. अंजली पवार ने सौजन्य भेंट की। मुख्यमंत्री श्री साय ने डॉ. अंजली पवार को इस उपलब्धि के लिए हार्दिक शुभकामनाएं दीं।

भेंट के दौरान मुख्यमंत्री श्री साय ने डॉ. अंजली पवार को छत्तीसगढ़ के पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने विशेष रूप से बस्तर एवं सरगुजा जैसे प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण क्षेत्रों सहित प्रदेश के सभी धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों में पर्यटन विकास की आवश्यकता पर बल दिया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सचिव पी. दयानंद उपस्थित थे।

छत्तीसगढ़ के प्रेम राजन रौतिया ने इंटरनेशनल पावरलिफ्टिंग में दिलाया स्वर्ण पदक, सीएम साय से की मुलाकात

रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में एसबीकेएफ इंटरनेशनल गेम्स 2024 में स्वर्ण पदक विजेता पावरलिफ्टर प्रेम राजन रौतिया ने सौजन्य मुलाकात की। मुख्यमंत्री श्री साय ने उन्हें इस विशिष्ट उपलब्धि पर हार्दिक बधाई देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के युवा आज अंतरराष्ट्रीय मंचों पर देश और प्रदेश का नाम रोशन कर रहे हैं, जो हम सभी के लिए गर्व का विषय है।

उल्लेखनीय है कि प्रेम राजन रौतिया महासमुंद जिले के पिथौरा के निवासी हैं। उन्होंने 31 अगस्त से 4 सितंबर 2024 तक नेपाल के पोखरा में आयोजित एसबीकेएफ इंटरनेशनल गेम्स में अंडर-30 कैटेगरी में भाग लेते हुए 735 किलोग्राम भार उठाकर शानदार प्रदर्शन किया और स्वर्ण पदक अपने नाम किया। उनकी इस उपलब्धि ने छत्तीसगढ़ को अंतरराष्ट्रीय खेल मानचित्र पर और मजबूत उपस्थिति दिलाई है।

इस अवसर पर छत्तीसगढ़ चर्म शिल्पकार विकास बोर्ड के अध्यक्ष ध्रुव कुमार मिर्धा, खेमराज बाकरे सहित मेहर रविदास समाज के अनेक प्रतिनिधिगण उपस्थित थे, जिन्होंने श्री रौतिया को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।