आतंकी घटना का करारा जवाब देते रहेंगे, एससीओ शिखर सम्मेलन में राजनाथ सिंह का सख्त संदेश

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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन के किंगदाओ में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के रक्षा मंत्रियों की बैठक में शामिल हुए। एससीओ की बैठक में राजनाथ सिंह ने आतंकवाद पर दो टूक अपनी बात रखी हैय़ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा आतकंवाद और शांति साथ-साथ नहीं चल सकते हैं। उन्होंने कहा कि हम आतंकवाद को किसी भी तरह से बर्दाश्त नहीं करेंगे। हम आतंकवाद के खिलाफ एक्शन लेते रहेंगे। निर्दोषों का खून बहाने वालों को नहीं छोड़ेंगे।

आतंकवाद और ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र

एससीओ रक्षा मंत्रियों की बैठक में पाकिस्तानी समकक्ष के सामने ही राजनाथ सिंह ने आतंकवाद और ऑपरेशन सिंदूर का खुलकर जिक्र किया। पहलगाम आतंकी हमले का जिक्र करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, 22 अप्रैल 2025 को, आतंकवादी समूह ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ ने जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में निर्दोष पर्यटकों पर एक नृशंस और जघन्य हमला किया। एक नेपाली नागरिक सहित 26 निर्दोष नागरिक मारे गए। पीड़ितों को धार्मिक पहचान के आधार पर प्रोफाइल बनाकर गोली मार दी गई। द रेजिस्टेंस फ्रंट ने हमले की जिम्मेदारी ली है जो संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित आतंकवादी समूह लश्कर-ए-तैयबा का एक प्रॉक्सी है।

दोहरे मानदंडों के लिए कोई जगह नहीं-राजनाथ

राजनाथ सिंह ने कहा, कुछ देश सीमा पार आतंकवाद को नीति के साधन के रूप में इस्तेमाल करते हैं और आतंकवादियों को पनाह देते हैं। ऐसे दोहरे मानदंडों के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए। एससीओ को ऐसे देशों की आलोचना करने में संकोच नहीं करना चाहिए।

आतंकवाद को खत्म करने के लिए सबको आगे आने की जरूरत-राजनाथ सिंह

राजनाथ सिंह ने आगे कहा, भारत का मानना है कि रिफॉर्मेड मल्टिलेटरिजम देशों के बीच संघर्ष को रोकने के लिए संवाद और सहयोग के लिए तंत्र बनाने में मदद कर सकता है। कोई भी देश, चाहे वह कितना भी बड़ा और शक्तिशाली क्यों न हो, अकेले काम नहीं कर सकता। वास्तव में, वैश्विक व्यवस्था या बहुपक्षवाद का मूल विचार यह धारणा है कि राष्ट्रों को अपने पारस्परिक और सामूहिक लाभ के लिए एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करना होगा। यह हमारी सदियों पुरानी संस्कृत कहावत 'सर्वे जना सुखिनो भवन्तु' को भी दर्शाता है, जिसका अर्थ है सभी के लिए शांति और समृद्धि।

पाकिस्तान की सीमा से लगे राज्यों में मॉक ड्रिल रद्द, जानें क्या है वजह

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पाकिस्तान की सीमा से लगे चार राज्यों- गुजरात, पंजाब, हरियाणा और केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में ‘ऑपरेशन शील्ड’ के तहत नागरिक सुरक्षा अभ्यास (मॉक ड्रिल) आयोजित करने का फैसला फिलहाल रद्द कर दिया गया है। पहले यह मॉक ड्रिल 29 मई को होना था, लेकिन अब इसे टाल दिया गया है। बताया जा रहा है कि नई तारीखों का ऐलान जल्द ही कर दिया जाएगा।

आज शाम होनी थी मॉक ड्रिल

पहले बुधवार को पाकिस्तान की सीमा से सटे राज्यों में मॉक ड्रिल कराने का फैसला किया गया था। गृह मंत्रालय के निर्देश के मुताबिक दुश्मन देश के हमलों के खिलाफ नागरिक संरक्षण की तैयारियों को बढ़ाने के लिए देश के पश्चिमी सीमा से लगे राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के सभी जिलों में नागरिक संरक्षण अभ्यास ‘ऑपरेशन शील्ड’ आयोजित करने के निर्देश दिए गए थे। जिसके तहत गुरुवार यानी आज गुजरात, राजस्थान, जम्मू-कश्मीर, हरियाणा और चंडीगढ़ समेत केंद्र शासित प्रदेशों के कई जिलों में शाम 5 बजे से मॉक ड्रिल होनी थी।

प्रशासनिक कारणों से टला अभ्यास

हालांकि, बुधवार देर शाम प्रशासनिक कारणों की वजह से फिलहाल टाल दिया गया।सरकारी आदेश में कहा गया है कि सभी संबंधित अधिकारियों और हितधारकों को सूचित किया जाए कि ऑपरेशन शील्ड सिविल डिफेंस एक्सरसाइज अगली सूचना तक स्थगित कर दी गई है। अगली तारीख बाद में जारी की जाएगी। जम्मू-कश्मीर सभी 20 जिलों में मॉक ड्रिल रद्द कर दी गई है। वहीं राजस्थान, गुजरात, हरियाणा, चंडीगढ़ और अन्य राज्यों ने भी केंद्र के आदेश के बाद मॉक ड्रिल और ब्लैकआउट स्थगित कर दिए हैं।

देशभर के 244 जिलों में किया गया था मॉक ड्रिल

इससे पहले इसी महीने की शुरुआत में यानी 7 मई को मॉक ड्रिल की गई थी। 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर से चंद घंटे पहले सरकार ने देशभर के 244 जिलों में पहली बार सिविल डिफेंस अभ्यास कराया था। इस दौरान ब्लैकआउट ड्रिल, हवाई हमले के सायरन, निकासी प्रक्रिया के साथ ही जनता को जागरूक करने जैसे अभ्यास किए गए थे।

पहलगाम हमले के बाद बढ़ा विवाद

दरअसल, 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान और पीओके स्थित 9 आतंकवादी ठिकानों को नष्ट कर दिया था। जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तानी सेना ने भारतीय इलाकों में ड्रोन हमले किए, जिसमें 300 से 400 ड्रोन भेजे गए। हालांकि, भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम ने इन ड्रोन्स को प्रभावी ढंग से निष्क्रिय कर दिया। ये हमला जम्मू-कश्मीर, राजस्थान और पंजाब के कई सीमावर्ती इलाकों को निशाना बनाकर किया गया था। ड्रोन और मिसाइलों से किए गए हमले की कोशिश के कारण जम्मू-कश्मीर, पंजाब और राजस्थान के कई इलाकों में ब्लैकआउट और सायरन बजने लगे थे। इसके बाद भारत की जवाबी कार्रवाई से पाकिस्तान में अफरा-तफरी मच गई थी। दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों की वार्ता के स्तर पर पाकिस्तान की ओर से संघर्ष विराम की शुरुआत की गई, जिसके बाद सीजफायर की घोषणा की गई।

केंद्र ने सभी राज्यों में जारी की गाइडलाइंस, CM साय बोले- प्रदेश हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार…

रायपुर- भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को गाइडलाइंस जारी करने और जरूरत पड़ने पर इमरजेंसी पॉवर इस्तेमाल करने का आदेश दिया है. इसे लेकर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि केंद्र के निर्देश के अनुसार ही दुर्ग में मॉकड्रिल हुआ. आगे भई केंद्र सरकार से कुछ भी निर्देश मिलेंगे, उसका हम पालन करेंगे. प्रदेश हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार है.

बता दें, जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए पाकिस्तान और POJK स्थित कई आतंकी ठिकानों को तबाह किया था. इसके बाद से पाकिस्तान लगातार भारत के जम्मू, पंजाब, गुजरात और राजस्थान में ड्रोन और मिसाइलों से रिहायसी इलाकों समेत सैन्य इलाकों में हमला कर रहा है. बीती रात भी पाकिस्तान ने कई जगहों पर बमबारी की जिसमें जम्मू के एक प्रशासनिक अधिकारी और 3 लोगों की मौत हो गई. इसके अलावा लगातार सीमा पर पाकिस्तानी सैनिकों की जमाहट बढ़ती नजर आ रही है. ऐसे स्थिति में भारतीय सेना भी पाकिस्तानी हमलों को करारा जवाब दे रहा है.

भारत-पाकिस्तान के बीच लगातार बढ़ते तनाव को देखते हुए शुक्रवार को भारत सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को नागरिक सुरक्षा नियम, 1968 (Civil Defence Rules) के तहत इमरजेंसी पॉवर इस्तेमाल करने के निर्देश दिए हैं.

जानिए इमरजेंसी पावर का इस्तेमाल कैसे किया जाता है:

  • नागरिक सुरक्षा नियम, 1968 की धारा 11 के तहत राज्यों को विशेष अधिकार प्राप्त हैं.
  • ये अधिकार युद्ध जैसी स्थिति में नागरिकों की सुरक्षा, संपत्ति की रक्षा और महत्वपूर्ण सेवाओं को बनाए रखने के लिए होते हैं.
  • नागरिक सुरक्षा का अर्थ है – भारत में लोगों, संपत्तियों और स्थानों को शत्रुतापूर्ण हमलों या आपदाओं से बचाने के लिए उठाए गए कदम. प्रमुख बंदरगाहों की सुरक्षा.
  • ये उपाय युद्ध के दौरान नहीं, बल्कि हमले या आपदा के पहले, दौरान या बाद में भी लागू किए जा सकते हैं.
  • धारा 16A के अनुसार, केंद्र सरकार के आदेश राज्य सरकार के विरोधाभासी आदेशों पर प्रभावी होते हैं.
  • राज्य सरकारों को अधिकार है कि वे नागरिकों और संपत्तियों की रक्षा तथा जरूरी सेवाओं को जारी रखने के लिए त्वरित कार्रवाई करें.
  • इस दौरान नगर निगम खर्च वहन करता है.

नियम 1968 के तहत राज्य/केंद्र सरकारें निम्नलिखित कार्यों पर नियंत्रण रख सकती हैं:

  • रोशनी पर नियंत्रण (ब्लैकआउट)
  • छलावरण (कैमोफ्लाज)
  • लोगों की सुरक्षित निकासी
  • निकाले गए लोगों के लिए आवास की व्यवस्था
  • सैनिकों के लिए ठहरने की व्यवस्था (बिलेटिंग)
  • जल आपूर्ति को बनाए रखना.


ऑपरेशन सिंदूरः भारत के एयर स्ट्राइक ने खोली चीन की पोल, एयर डिफेंस सिस्टम HQ-9 फेल

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भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर में छह और सात मई की दरमियानी रात को सैन्य ऑपरेशन शुरू किया। भारत ने इस सैन्य कार्रवाई को 'ऑपरेशन सिंदूर' नाम दिया है। भारत का कहना है कि यह हमला आतंकवादी ठिकानों पर किया गया है। पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से ही पाकिस्तान को भारत की तरफ से हमले का डर सता रहा था। पाकिस्तान को पता था कि भारत बदला लेगा। अलर्ट रहने का दावा भी कर रहा था, लेकिन हमला रोक नहीं सका। इससे पाकिस्तान के एयर डिफेंस सिस्टम की क्षमता उजागर हुई है।

पाकिस्तान ने सोचा था कि भारत के हमले से चाइना या फिर उसके हथियार उसे बचाने में कामयाब होंगे। लेकिन शायद शहबाज और मुनीर यह नहीं जानते कि चाइना का माल कितना चलता है। पाकिस्तान को अपने सदाबहार दोस्त चीन पर आंख मूंद कर भरोसा करता है। यही कारण है कि पाकिस्तान ने चीन में तैयार हुए HQ-9 लांग रेंज एयर डिफेंस सिस्टम पर भरोसा जताया। लेकिन ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने साबित कर दिया कि यह सिस्टम भारत की उन्नत मिसाइल क्षमताओं के सामने टिक नहीं पाया।

भारत के एयरस्ट्राइक ने चीनी एयर डिफेंस सिस्टम की पोल खोलकर रख दी है। ब्रह्मोस के बाद स्कैल्प मिसाइल को भी डिटेक्ट करने में चीनी एयर डिफेंस फेल हो गया है। यानि, जिस एयर डिफेंस सिस्टम पर पाकिस्तान उछल रहा था, उसने उसे धोखा दे दिया है। भारत की ब्रह्मोस और स्कैल्प मिसाइलों को लेकर पहले से ही एक्सपर्ट्स कह रहे थे कि चीनी एयर डिफेंस के लिए उन्हें ट्रैक करना काफी मुश्किल है। लिहाजा पीओके में आतंकी ठिकानों पर भारतीय मिसाइलों के गिरने के बाद अब पाकिस्तान के लिए आगे का कदम उठाना इसलिए भी मुश्किल है, क्योंकि चीनी एयर डिफेंस के फेल होने से उनका भरोसा हिल गया होगा।

पाकिस्तान ने 2021 में चीन द्वारा बनाए गए HQ-9 या FD-2000 एयर डिफेंस सिस्टम को सेना में शामिल किया था। बालाकोट में भारतीय वायुसेना के स्ट्राइक के बाद का डर ऐसा सताया कि आनन-फानन में एयर डिफेंस सिस्टम की खरीद करने में जुट गया था। चीन ने अपने दोस्त पाक को दुनिया के सबसे आधुनिक हथियार के नाम एयर डिफेंस सिस्टम दिए।

दावा यह किया जाता है कि यह सिस्टम 40 किलोमीटर को अधिकतम दूरी पर 15 मीटर से लेकर 18 किलोमीटर की उंचाई से आने वाले किसी भी मिसाइल, फाइटर जेट को टार्गेट बना सकता है। इस एयर डिफेंस सिस्टम में जो रडार लगा है, कहा जाता है कि 150 किलोमीटर की दूर से दुश्मन को मिसाइल और फाइटर जेट को इंटरसेप्ट कर सकता है। भारत के पास हर तरह के सुपरसोनिक मिसाइल, बैलिस्टिक मिसाइल की भरमार है। हवा में जब होतें है तो उनके रडार देख ही नहीं सकते. इनकी इतनी तेज रफ्तार है कि उसे पाकिस्तानी सिर्फ जमीन पर गिरते देख सकते है।

देशभर में मॉक ड्रिल की तैयारी, सायरन बजने से लेकर बिजली कटने तक जानें क्या-क्या होगा?

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पहलगाम हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है। भारत ने दो टूक कहा है कि इस हमले का माकूल जवाब दिया जाएगा। हमले के बाद भारत सरकार ने कई बड़े फैसले भी लिए हैं, जिससे पाकिस्तान घबराया और बौखलाया हुआ है। इस बीच 7 मई को देश के 295 जिलों में हवाई हमले से बचाव की मॉक ड्रिल होगी। इसका मकसद नागरिकों को आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए ट्रेनिंग देना है। मॉक ड्रिल में सायरन टेस्ट, ब्लैकआउट मैनेजमेंट का अभ्यास शामिल है।

गृह मंत्रालय के तहत नागरिक सुरक्षा के अतिरिक्त महानिदेशक बी संदीपकृष्ण ने सभी राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर सुरक्षा के लिहाज से महत्वपूर्ण देश के 295 सीमावर्ती और तटीय जिलों में नागरिक सुरक्षा अभ्यास करने का निर्देश दिया है। 

लोग क्या-क्या तैयारियां रखें?

मॉक ड्रिल को लेकर गृह मंत्रालय में आज अहम बैठक हुई। इसमें देशभर में 295 नागरिक सुरक्षा प्रतिष्ठानों की स्थिति की समीक्षा की गई। समीक्षा इस बात पर केंद्रित है कि मौजूदा उपकरण काम कर रहे हैं या उनकी मरम्मत की आवश्यकता है। बैठक में यह भी देखा गया कि आपातकालीन हालात में नागरिकों को कैसे प्रशिक्षित किया जाए। इस दौरान हवाई हमले के सायरन के प्रति जनता की प्रतिक्रिया, ब्लैकआउट के दौरान की जाने वाली कार्रवाई और आवश्यक आपूर्ति की तैयारियों पर भी बात की गई। अधिकारियों ने संभावित इलेक्ट्रॉनिक विफलता के लिए तैयार रहने के लिए घरों में चिकित्सा किट, मशालें, मोमबत्तियां और नकदी रखने की जरूरत पर जोर दिया।

मॉक ड्रिल में क्या होगा?

आमतौर पर किसी हमले, हादसे या आगजनी जैसी आपातकालीन स्थिति के लिए कैसी तैयारी है, यह जानने के लिए मॉक ड्रिल की जाती है।मॉक ड्रिल में यह देखा जाता है कि किसी आपाकालीन स्थिति में लोगों की प्रतिक्रिया कैसी होती है, इसके लिए चुनिंदा लोगों, वॉलंटियर्स को ट्रेनिंग भी दी जाती है।

गृह मंत्रालय के पत्र के मुताबिक़ 7 मई की मॉक ड्रिल शहर से लेकर ग्रामीण स्तर तक होगी। इस मॉक ड्रिल में कई तरह के अभ्यास किए जाएंगे। इनमें हवाई हमले की चेतावनी कितनी कारगर है यह जानना, कंट्रोल रूम के कामकाज को देखना, आम लोगों और छात्रों को हमलों के दौरान काम की ट्रेनिंग देना शामिल है।

इस दौरान कुछ समय के लिए लोगों को घरों या संस्थानों की सभी लाइट पूरी तरह बंद रखने के निर्देश दिए जा सकते हैं। इस मॉक ड्रिल में यह भी देखा जा सकता है कि अगर लाइट पूरी तरह बंद हो जाए तो उस स्थिति में क्या उपाय किए जा सकते हैं। इसके अलावा इसमें आपातकालीन स्थिति में सिविल डिफ़ेंस की प्रतिक्रिया, किसी ख़ास जगह से लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने की ट्रेनिंग वगैरह भी शामिल होती है।

पाकिस्तान के खिलाफ अब तक उठाए गए कदम

कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए हमले में 26 लोगों की मौत के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव लगातार बढ़ रहा है।पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के ख़िलाफ कई फैसले लिए हैं। सिंधु जल समझौते को स्थगित करने के अलावा भारत ने पाकिस्तान से सभी तरह के आयात पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। 

इसके जवाब में पाकिस्तान ने भी भारत के ख़िलाफ़ कई कदम उठाए हैं। पाकिस्तान ने भी भारत की ओर से उठाए गए कदमों का जवाब दिया है। पाकिस्तान ने भारत के स्वामित्व वाली या उसकी ओर से संचालित सभी एयरलाइंस के लिए अपने हवाई क्षेत्र को बंद कर दिया है। साथ ही वाघा सीमा को भी बंद किया गया है। पाकिस्तान ने सिख तीर्थयात्रियों को छोड़कर सार्क वीज़ा छूट कार्यक्रम के तहत सभी भारतीय नागरिकों को दिए गए सभी वीज़ा निलंबित कर दिए हैं और कहा है कि इन्हें रद्द माना जाना चाहिए।

अगर सिंधु नदी का पानी रोका तो हम हमला कर देंगे” पाकिस्तानी रक्षा मंत्री की भारत को गीदड़भभकी

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जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से भारत सरकार की ओर से पाकिस्तान से सिंधु जल संधि, आयात-निर्यात और किसी भी तरह के पब्लिक इंगेजमेंट पर पाबंदी लगाई गई है। वहीं, इससे पाकिस्तान बौखलाया हुआ है और बार-बार गीदड़भभकी दे रहा है। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख़्वाजा आसिफ ने भारत को चेतावनी दी है कि अगर उसने 'पाकिस्तान के पानी को रोकने या उसकी दिशा बदलने के लिए कोई ढांचा या निर्माण किया तो पाकिस्तान हमला करेगा और इसे नष्ट कर दिया जाएगा।

पानी रोकने को युद्ध की कार्रवाई बताया

जियो न्यूज से बात करते हुए आसिफ ने कहा, अगर भारत किसी तरह का ढांचा (बांध) बनाने की कोशिश करता है तो हम बिल्कुल उस पर हमला करेंगे। ख्वाजा आसिफ ने कहा है कि अगर भारत सिंधु नदी पर किसी तरह का बांध बनाकर पानी रोकने की कोशिश की यह पाकिस्तान पर सीधा हमला माना जाएगा। सिंधु नदी पर बांध का निर्माण दोनों देशों के बीच जल समझौते का उल्लंघन होगा। भारत अगर ऐसा कुछ करता है तो पाकिस्तान चुप नहीं बैठेगा और उसपर हमला कर देगा।

सिंधु जल संधि का उल्लंघन करना आसान नहीं-आसिफ

आसिफ ने कहा कि सिंधु जल संधि का उल्लंघन करना आसान नहीं है, यह पाकिस्तान के ख़िलाफ जंग की घोषणा होगी। कोई हमला सिर्फ तोप के गोले या बंदूक चलाने तक ही सीमित नहीं है, इसके कई रूप हैं, जिनमें से एक यह भी है। इससे देश के लोग भूख या प्यास से मर सकते हैं।

भारत कर रहा है नाटक- आसिफ

आसिफ ने भारत पर लगातार उन्हें उकसाने का आरोप लगाते हुए कहा कि भारत नाटक कर रहा है और पहलगाम आतंकी हमले के मामले में पाकिस्तान पर झूठे इल्ज़ाम लगा रहा है। आसिफ ने कहा कि भारत ने अभी तक इस बात के ठोस सबूत पेश नहीं किए हैं कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले के पीछे पाकिस्तान का हाथ था।

बिलावलने खून बहाने की कही थी बात

इससे पहले सिंधु जल समझौते पर पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के चेयरमैन बिलावल भुट्टो ने पाकिस्तान के सिंध प्रांत के सुक्खर में आयोजित एक रैली में कहा था कि या तो सिंधु नदी से हमारा पानी बहेगा या उनका ख़ून बहेगा। उनके बयान पर भारत के केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल समेत कई बड़े नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी।

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री की “बोलती बंद” भारत में बैन हुआ 'एक्स' अकाउंट

#indiabanpakistandefenceministerxaccount 

पहलगाम में आतंकी हमल के बाद भी पाकिस्तान की ओर से कई तरह की फर्जी खबरें फैलाई जा रही हैं। भारत ने पाकिस्तान में फैल रही फेक न्यूज़ और भारत विरोधी प्रचार पर कड़ा रुख अपनाया है। भारत ने आतंकवाद को मदद देने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ सहित कई पाकिस्तानी पत्रकारों के सोशल मीडिया अकाउंट एक्स को बैन लगाने का फैसला लिया है। इससे पहले पहलगाम हमले के अगले ही दिन भारत में पाकिस्तान सरकार का ट्विटर हैंडल बैन कर दिया गया था। 

ख्वाजा भारत के खिलाफ अनरगल बयानबाजी कर रहे

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद ख्वाजा लगातार भारत के खिलाफ अनरगल बयानबाजी कर रहे थे। ख्वाजा आसिफ ने भारत के सैन्य हमले का दावा किया था। आसिफ ने सोमवार को कहा था कि भारत की तरफ से हमला तय है और यह करीब है। ख्वाजा आसिफ ने कहा था, भारत के हमले के खतरे को देखते हुए हमने अपने सुरक्षाबलों को मजबूत करना शुरू कर दिया है, क्योंकि भारत की तरफ से हमला निश्चित है। इन हालात में कुछ कूटनीतिक फैसले लेने होंगे और यह फैसले लिए जा रहे हैं।

कई यू-ट्यूब चैनल्स पर भी कसा शिकंजा

बता दें कि पहलगाम हमले के बाद भारत लगातार पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है। इससे पहले केंद्र सरकार ने पाकिस्तान के कई यूट्यूब चैनलों पर प्रतिबंध लगा दिया है। ये चैनल जम्मू-कश्मीर में दुखद पहलगाम आतंकी पर भारत, सेना और सुरक्षा एजेंसियों के खिलाफ भड़काऊ, संवेदनशील सामग्री, गलत और भ्रामक कथन प्रसारित कर रहे थे।

इन पाक यूट्यूब चैनलों पर कार्रवाई

भारत ने पाकिस्तान के डॉन न्यूज (19.6 लाख सब्सक्राइबर), इरशाद भट्टी (8.27 लाख सब्सक्राइबर), समा टीवी (1.27 करोड़ सब्सक्राइबर), एआरवाई न्यूज (1.46 करोड़ सब्सक्राइबर), बोल न्यूज (78.5 लाख सब्सक्राइबर), रफ्तार (8.04 लाख सब्सक्राइबर), द पाकिस्तान रेफरेंस (2.88 लाख सब्सक्राइबर), जियो न्यूज (1.81 करोड़ सब्सक्राइबर), समा स्पोर्ट्स (73.5 हजार सब्सक्राइबर), जीएनएन (35.4 लाख सब्सक्राइबर), उजैर क्रिकेट (2.88 लाख सब्सक्राइबर), उमर चीमा एक्सक्लूसिव (1.25 लाख सब्सक्राइबर), अस्मा शिराजी (1.33 लाख सब्सक्राइबर), मुनीब फारूक (1.65 लाख सब्सक्राइबर), सुनो न्यूज एचडी (13.6 लाख सब्सक्राइबर) और राजी नामा (2.70 लाख सब्सक्राइबर) पर प्रतिबंध लगाया है।

अमेरिका के लिए 30 सालों से करते आ रहे ये गंदा काम...पाकिस्तान ने कबूली आतंकियों को पनाह देने की बात

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पाकिस्तान आतंकवादियों का सबसे सुरक्षित पनाहगाह है ये तो पूरी दुनिया जानती है। अब खुद पाकिस्तान ने आतंकवाद पर बड़ा कबूलनामा किया है। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कबूल किया है कि पाकिस्तान, दशकों से आतंकवादी समूहों को समर्थन करने, सहायता करने और उन्हें फंड देने में शामिल रहा है। लाइव टीवी पर पाक के मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा है कि पाकिस्तान, अमेरिका और ब्रिटेन के लिए आतंकवाद को फैलाता रहा है। यह टिप्पणी भारत के लंबे समय से चले आ रहे रुख की पुष्टि करती है, यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब भारत ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले के लिए अप्रत्यक्ष रूप से पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया है।

तीन दशक से पश्चिम के लिए कर रहे गंदा काम- आसिफ

भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के बीच ब्रिटेन स्थित स्काई न्यूज को ख्वाजा आसिफ ने एक इंटरव्यू दिया है। इसमें उन्होंने कहा है कि पाकिस्तान 30 वर्षों से ज्यादा समय से अमेरिका के लिए यह "गंदा काम" कर रहा है।"स्काई न्यूज पर इंटरव्यू के दौरान आतंकवादियों को धन मुहैया कराने में पाकिस्तान की भूमिका को लेकर जब ख्वाजा आसिफ से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हम अमेरिका और ब्रिटेन समेत पश्चिमी देशों के लिए करीब तीन दशकों से यह गंदा काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का यह फैसला एक "गलती" थी और उसे इसका खामियाजा भुगतना पड़ा। पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान को इसके लिए दोषी ठहराना अनुचित है, क्योंकि वह पश्चिमी देशों के निर्देश पर काम कर रहा था

अमेरिका ने भी आतंकवादियों को "प्रॉक्सी" के रूप में इस्तेमाल किया- आसिफ

आसिफ ने कहा कि अगर हम सोवियत संघ के खिलाफ युद्ध में शामिल नहीं होते और बाद में 9/11 के बाद के युद्ध में शामिल नहीं होते, तो पाकिस्तान का ट्रैक रिकॉर्ड बेदाग होता। इसके अलावा आतंकवादी गतिविधियों के लिए पाकिस्तान को दोषी ठहराने के लिए अमेरिका के फैसलों को लेकर ख्वाजा आसिफ ने कहा कि बड़ी शक्तियों के लिए पाकिस्तान को दोषी ठहराना सुविधाजनक है, जिसने 80 के दशक में सोवियत संघ के खिलाफ उनकी तरफ से युद्ध लड़ा था। आज के ये सभी आतंकवादी, वाशिंगटन में रो रहे थे और खाना खा रहे थे। उन्होंने कहा कि यहां तक कि अमेरिका ने भी अफगानिस्तान में सोवियत संघ से लड़ने के लिए आतंकवादियों को "प्रॉक्सी" के रूप में इस्तेमाल किया।

लश्कर-ए-तैयबा पर ख्वाजा आसिफ का दावा

भारत के साथ युद्ध की बात करने वाले ख्वाजा आसिफ ने यह भी दावा किया कि पाकिस्तान में लश्कर-ए-तैयबा अब खत्म हो चुका है। उन्होंने माना कि अतीत में इस आतंकी संगठन के पाकिस्तान से कुछ संबंध थे, लेकिन अब यह संगठन मौजूद नहीं है।

भारत पर लगाया साजिश का आरोप

ख्वाजा आसिफ ने यह भी कहा कि अगर लश्कर से निकले किसी संगठन ने पहलगाम हमले की जिम्मेदारी ली है, तो यह भारत की साजिश हो सकती। आरिफ ने कहा कि उनकी एजेंसियों का मानना है कि यह काम भारत ने ही किया है। बड़े देश इस क्षेत्र में जो कुछ भी हो रहा है, उसके लिए पाकिस्तान को दोष देना आसान समझते हैं।

हर बार आरोपों को नकारता रहा है पाक

भारत लंबे समय से पाकिस्तान पर आतंकवादी संगठनों का समर्थन करने का आरोप लगाता रहा है। भारत में दर्जनों आतंकवादी हमले हो चुके हैं और हर आतंकी हमले में पाकिस्तान शामिल रहा है। हालांकि पाकिस्तान हमेशा से भारत के आरोपों को नकारता रहा है और सबूत मांगता रहा है। जबकि पाकिस्तान में दर्जनों आतंकवादी संगठन एक्टिवेट हैं। कई आतंकी संगठनों के खिलाफ तो यूनाइटेड नेशंस ने प्रतिबंध लगाए हैं। पाकिस्तान ने कश्मीर में जिहाद फैलाने और भारत के खिलाफ आतंकी हमलों को अंजाम देने के लिए इन आतंकी संगठनों का इस्तेमाल प्रॉक्सी के तौर पर किया है। पहगाम में हुए आतंकी हमले की भी जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा के ही एक शैडो संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने ली है। इस हमले में 26 लोग मारे गये हैं।

पहलगाम आतंकी हमला: राजनाथ सिंह ने सैन्य अधिकारियों के साथ की बैठक

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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद केंद्र की मोदी सरकार अलर्ट मोड पर है। एक तरफ प्रधानमंत्री मौदी अपना सउदी दौरा रद्द कर देर रात लौट आए। वहीं, पीएम के निर्देश पर गृहमंत्री अमित शाह हालात का जायजा लेने हमले के कुछ घेटों के बाद ही श्रीनगर पहुंच गए। इधर, आतंकी हमले के बाद बुधवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रक्षा मंत्रालय में अहम बैठक की अध्यक्षता की। 

इस हाई लेवल मीटिंग में जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति से जुड़े सभी मुद्दों पर चर्चा की गई। मीटिंग में तीनों सेनाओं के प्रमुख ने अपनी-अपनी तैयारियों को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को जानकारी दी। उन्होंने बताया कि उनकी तीनों सेनाएं हर परिस्थिति के लिए तैयार है। यह बैठक करीब 2.5 घंटे तक चली। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सशस्त्र बलों को अपनी युद्ध तत्परता बढ़ाने और आतंकवाद विरोधी अभियानों की में तेजी लाने का निर्देश दिया।

इस बैठक में सीडीएस अनिल चौहान और एनएसए अजित डोभाल भी शामिल हुए। इनके अलावा बैठक में थल सेना अध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी, वायुसेना चीफ एयर चीफ मार्शल एपी सिंह और नौसेना प्रमुख दिनेश त्रिपाठी भी मौजूद रहे। अब छह बजे सुरक्षा मामलों की केंद्रीय समिति की बैठक होनी है। सीसीएस की मीटिंग को दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी पीएम मोदी को जानकारी देंगे।

पहलगाम हमले के बाद भी जहर उगने से नहीं चूका पाकिस्तान, रक्षा मंत्री के बयान पर आएगा गुस्सा

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जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में निर्दोष पर्यटकों की बेहरहमी से हत्या कर दी गई। पहलगाम में हुए हमले का शक पाकिस्तान पर जा रहा हैं। वहीं, पाकिस्तान में स्थित प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के छद्म संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (टीआरएफ) ने हमले की जिम्मेदारी भी ली है। इस बीच पाकिस्तानी की प्रतिक्रिया भी सामने आ गई है।

भारत के खिलाफ जमकर जहर उगला

पाकिस्तानी सरकार के रक्षा मंत्री ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले का ठीकरा भारत के ही सिर पर फोड़ा है। पाकिस्तानी मीडिया को दिए गये एक टेलीफोन बयान में ख्वाजा आसिफ ने कहा है कि पहलगाम हमले से पाकिस्तान का कोई लेना देना नहीं है। लेकिन इसके बाद उन्होंने भारत के खिलाफ जमकर जहर उगला। ख्वाजा आसिफ ने एक टीवी चैनल से टेलीफोन पर बात करते हुए कहा कि पाकिस्तान का इससे कोई ताल्लुक नहीं है। भारत के अंदर कई संगठन हैं, उनमें घरेलू स्तर पर बगावते हैं, एक दो नहीं, दर्जनों के हिसाब से हैं। नागालैंड से लेकर कश्मीर तक हैं। साउथ में, छत्तीसगढ़ में, मणिपुर में।

हमले पर बोले ख्वाजा आसिफ- ये घर में पनपा हुआ

ख्वाजा आसिफ ने कहा, ये घर में पनपा हुआ है। वहां की तमाम रियासतें (राज्य) जो हैं, वहां लोग सरकार के खिलाफ बगावत कर चुके हैं। नागालैंड से लेकर कश्मीर तक हैं। साउथ में, छत्तीसगढ़ में, मणिपुर में। लोग सरकार के खिलाफ हैं। भारत सरकार लोगों के हक को मार रही है। उनका शोषण कर रही है। इसके खिलाफ लोग खड़े हो चुके हैं।

आतंकवाद से झाड़ा पल्ला

पाकिस्तान रक्षा मंत्री ने आगे कहा कि हिंदुत्व हुकूमत लोगों का शोषण कर रही है, अल्पसंख्यकों को, जिनमें मुसलमान भी हैं, ईसाई भी हैं, बौद्ध भी हैं, उसके खिलाफ बगावत है। जो वहां पर हो रहे हैं। हमारा इसके साथ कोई ताल्लुक नहीं है। हम किसी भी सूरत में आतंकवाद को कहीं भी सपोर्ट नहीं करते हैं।

आतंकी घटना का करारा जवाब देते रहेंगे, एससीओ शिखर सम्मेलन में राजनाथ सिंह का सख्त संदेश

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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन के किंगदाओ में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के रक्षा मंत्रियों की बैठक में शामिल हुए। एससीओ की बैठक में राजनाथ सिंह ने आतंकवाद पर दो टूक अपनी बात रखी हैय़ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा आतकंवाद और शांति साथ-साथ नहीं चल सकते हैं। उन्होंने कहा कि हम आतंकवाद को किसी भी तरह से बर्दाश्त नहीं करेंगे। हम आतंकवाद के खिलाफ एक्शन लेते रहेंगे। निर्दोषों का खून बहाने वालों को नहीं छोड़ेंगे।

आतंकवाद और ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र

एससीओ रक्षा मंत्रियों की बैठक में पाकिस्तानी समकक्ष के सामने ही राजनाथ सिंह ने आतंकवाद और ऑपरेशन सिंदूर का खुलकर जिक्र किया। पहलगाम आतंकी हमले का जिक्र करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, 22 अप्रैल 2025 को, आतंकवादी समूह ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ ने जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में निर्दोष पर्यटकों पर एक नृशंस और जघन्य हमला किया। एक नेपाली नागरिक सहित 26 निर्दोष नागरिक मारे गए। पीड़ितों को धार्मिक पहचान के आधार पर प्रोफाइल बनाकर गोली मार दी गई। द रेजिस्टेंस फ्रंट ने हमले की जिम्मेदारी ली है जो संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित आतंकवादी समूह लश्कर-ए-तैयबा का एक प्रॉक्सी है।

दोहरे मानदंडों के लिए कोई जगह नहीं-राजनाथ

राजनाथ सिंह ने कहा, कुछ देश सीमा पार आतंकवाद को नीति के साधन के रूप में इस्तेमाल करते हैं और आतंकवादियों को पनाह देते हैं। ऐसे दोहरे मानदंडों के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए। एससीओ को ऐसे देशों की आलोचना करने में संकोच नहीं करना चाहिए।

आतंकवाद को खत्म करने के लिए सबको आगे आने की जरूरत-राजनाथ सिंह

राजनाथ सिंह ने आगे कहा, भारत का मानना है कि रिफॉर्मेड मल्टिलेटरिजम देशों के बीच संघर्ष को रोकने के लिए संवाद और सहयोग के लिए तंत्र बनाने में मदद कर सकता है। कोई भी देश, चाहे वह कितना भी बड़ा और शक्तिशाली क्यों न हो, अकेले काम नहीं कर सकता। वास्तव में, वैश्विक व्यवस्था या बहुपक्षवाद का मूल विचार यह धारणा है कि राष्ट्रों को अपने पारस्परिक और सामूहिक लाभ के लिए एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करना होगा। यह हमारी सदियों पुरानी संस्कृत कहावत 'सर्वे जना सुखिनो भवन्तु' को भी दर्शाता है, जिसका अर्थ है सभी के लिए शांति और समृद्धि।

पाकिस्तान की सीमा से लगे राज्यों में मॉक ड्रिल रद्द, जानें क्या है वजह

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पाकिस्तान की सीमा से लगे चार राज्यों- गुजरात, पंजाब, हरियाणा और केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में ‘ऑपरेशन शील्ड’ के तहत नागरिक सुरक्षा अभ्यास (मॉक ड्रिल) आयोजित करने का फैसला फिलहाल रद्द कर दिया गया है। पहले यह मॉक ड्रिल 29 मई को होना था, लेकिन अब इसे टाल दिया गया है। बताया जा रहा है कि नई तारीखों का ऐलान जल्द ही कर दिया जाएगा।

आज शाम होनी थी मॉक ड्रिल

पहले बुधवार को पाकिस्तान की सीमा से सटे राज्यों में मॉक ड्रिल कराने का फैसला किया गया था। गृह मंत्रालय के निर्देश के मुताबिक दुश्मन देश के हमलों के खिलाफ नागरिक संरक्षण की तैयारियों को बढ़ाने के लिए देश के पश्चिमी सीमा से लगे राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के सभी जिलों में नागरिक संरक्षण अभ्यास ‘ऑपरेशन शील्ड’ आयोजित करने के निर्देश दिए गए थे। जिसके तहत गुरुवार यानी आज गुजरात, राजस्थान, जम्मू-कश्मीर, हरियाणा और चंडीगढ़ समेत केंद्र शासित प्रदेशों के कई जिलों में शाम 5 बजे से मॉक ड्रिल होनी थी।

प्रशासनिक कारणों से टला अभ्यास

हालांकि, बुधवार देर शाम प्रशासनिक कारणों की वजह से फिलहाल टाल दिया गया।सरकारी आदेश में कहा गया है कि सभी संबंधित अधिकारियों और हितधारकों को सूचित किया जाए कि ऑपरेशन शील्ड सिविल डिफेंस एक्सरसाइज अगली सूचना तक स्थगित कर दी गई है। अगली तारीख बाद में जारी की जाएगी। जम्मू-कश्मीर सभी 20 जिलों में मॉक ड्रिल रद्द कर दी गई है। वहीं राजस्थान, गुजरात, हरियाणा, चंडीगढ़ और अन्य राज्यों ने भी केंद्र के आदेश के बाद मॉक ड्रिल और ब्लैकआउट स्थगित कर दिए हैं।

देशभर के 244 जिलों में किया गया था मॉक ड्रिल

इससे पहले इसी महीने की शुरुआत में यानी 7 मई को मॉक ड्रिल की गई थी। 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर से चंद घंटे पहले सरकार ने देशभर के 244 जिलों में पहली बार सिविल डिफेंस अभ्यास कराया था। इस दौरान ब्लैकआउट ड्रिल, हवाई हमले के सायरन, निकासी प्रक्रिया के साथ ही जनता को जागरूक करने जैसे अभ्यास किए गए थे।

पहलगाम हमले के बाद बढ़ा विवाद

दरअसल, 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान और पीओके स्थित 9 आतंकवादी ठिकानों को नष्ट कर दिया था। जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तानी सेना ने भारतीय इलाकों में ड्रोन हमले किए, जिसमें 300 से 400 ड्रोन भेजे गए। हालांकि, भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम ने इन ड्रोन्स को प्रभावी ढंग से निष्क्रिय कर दिया। ये हमला जम्मू-कश्मीर, राजस्थान और पंजाब के कई सीमावर्ती इलाकों को निशाना बनाकर किया गया था। ड्रोन और मिसाइलों से किए गए हमले की कोशिश के कारण जम्मू-कश्मीर, पंजाब और राजस्थान के कई इलाकों में ब्लैकआउट और सायरन बजने लगे थे। इसके बाद भारत की जवाबी कार्रवाई से पाकिस्तान में अफरा-तफरी मच गई थी। दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों की वार्ता के स्तर पर पाकिस्तान की ओर से संघर्ष विराम की शुरुआत की गई, जिसके बाद सीजफायर की घोषणा की गई।

केंद्र ने सभी राज्यों में जारी की गाइडलाइंस, CM साय बोले- प्रदेश हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार…

रायपुर- भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को गाइडलाइंस जारी करने और जरूरत पड़ने पर इमरजेंसी पॉवर इस्तेमाल करने का आदेश दिया है. इसे लेकर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि केंद्र के निर्देश के अनुसार ही दुर्ग में मॉकड्रिल हुआ. आगे भई केंद्र सरकार से कुछ भी निर्देश मिलेंगे, उसका हम पालन करेंगे. प्रदेश हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार है.

बता दें, जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए पाकिस्तान और POJK स्थित कई आतंकी ठिकानों को तबाह किया था. इसके बाद से पाकिस्तान लगातार भारत के जम्मू, पंजाब, गुजरात और राजस्थान में ड्रोन और मिसाइलों से रिहायसी इलाकों समेत सैन्य इलाकों में हमला कर रहा है. बीती रात भी पाकिस्तान ने कई जगहों पर बमबारी की जिसमें जम्मू के एक प्रशासनिक अधिकारी और 3 लोगों की मौत हो गई. इसके अलावा लगातार सीमा पर पाकिस्तानी सैनिकों की जमाहट बढ़ती नजर आ रही है. ऐसे स्थिति में भारतीय सेना भी पाकिस्तानी हमलों को करारा जवाब दे रहा है.

भारत-पाकिस्तान के बीच लगातार बढ़ते तनाव को देखते हुए शुक्रवार को भारत सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को नागरिक सुरक्षा नियम, 1968 (Civil Defence Rules) के तहत इमरजेंसी पॉवर इस्तेमाल करने के निर्देश दिए हैं.

जानिए इमरजेंसी पावर का इस्तेमाल कैसे किया जाता है:

  • नागरिक सुरक्षा नियम, 1968 की धारा 11 के तहत राज्यों को विशेष अधिकार प्राप्त हैं.
  • ये अधिकार युद्ध जैसी स्थिति में नागरिकों की सुरक्षा, संपत्ति की रक्षा और महत्वपूर्ण सेवाओं को बनाए रखने के लिए होते हैं.
  • नागरिक सुरक्षा का अर्थ है – भारत में लोगों, संपत्तियों और स्थानों को शत्रुतापूर्ण हमलों या आपदाओं से बचाने के लिए उठाए गए कदम. प्रमुख बंदरगाहों की सुरक्षा.
  • ये उपाय युद्ध के दौरान नहीं, बल्कि हमले या आपदा के पहले, दौरान या बाद में भी लागू किए जा सकते हैं.
  • धारा 16A के अनुसार, केंद्र सरकार के आदेश राज्य सरकार के विरोधाभासी आदेशों पर प्रभावी होते हैं.
  • राज्य सरकारों को अधिकार है कि वे नागरिकों और संपत्तियों की रक्षा तथा जरूरी सेवाओं को जारी रखने के लिए त्वरित कार्रवाई करें.
  • इस दौरान नगर निगम खर्च वहन करता है.

नियम 1968 के तहत राज्य/केंद्र सरकारें निम्नलिखित कार्यों पर नियंत्रण रख सकती हैं:

  • रोशनी पर नियंत्रण (ब्लैकआउट)
  • छलावरण (कैमोफ्लाज)
  • लोगों की सुरक्षित निकासी
  • निकाले गए लोगों के लिए आवास की व्यवस्था
  • सैनिकों के लिए ठहरने की व्यवस्था (बिलेटिंग)
  • जल आपूर्ति को बनाए रखना.


ऑपरेशन सिंदूरः भारत के एयर स्ट्राइक ने खोली चीन की पोल, एयर डिफेंस सिस्टम HQ-9 फेल

#chinese_air_defence_fail

भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर में छह और सात मई की दरमियानी रात को सैन्य ऑपरेशन शुरू किया। भारत ने इस सैन्य कार्रवाई को 'ऑपरेशन सिंदूर' नाम दिया है। भारत का कहना है कि यह हमला आतंकवादी ठिकानों पर किया गया है। पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से ही पाकिस्तान को भारत की तरफ से हमले का डर सता रहा था। पाकिस्तान को पता था कि भारत बदला लेगा। अलर्ट रहने का दावा भी कर रहा था, लेकिन हमला रोक नहीं सका। इससे पाकिस्तान के एयर डिफेंस सिस्टम की क्षमता उजागर हुई है।

पाकिस्तान ने सोचा था कि भारत के हमले से चाइना या फिर उसके हथियार उसे बचाने में कामयाब होंगे। लेकिन शायद शहबाज और मुनीर यह नहीं जानते कि चाइना का माल कितना चलता है। पाकिस्तान को अपने सदाबहार दोस्त चीन पर आंख मूंद कर भरोसा करता है। यही कारण है कि पाकिस्तान ने चीन में तैयार हुए HQ-9 लांग रेंज एयर डिफेंस सिस्टम पर भरोसा जताया। लेकिन ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने साबित कर दिया कि यह सिस्टम भारत की उन्नत मिसाइल क्षमताओं के सामने टिक नहीं पाया।

भारत के एयरस्ट्राइक ने चीनी एयर डिफेंस सिस्टम की पोल खोलकर रख दी है। ब्रह्मोस के बाद स्कैल्प मिसाइल को भी डिटेक्ट करने में चीनी एयर डिफेंस फेल हो गया है। यानि, जिस एयर डिफेंस सिस्टम पर पाकिस्तान उछल रहा था, उसने उसे धोखा दे दिया है। भारत की ब्रह्मोस और स्कैल्प मिसाइलों को लेकर पहले से ही एक्सपर्ट्स कह रहे थे कि चीनी एयर डिफेंस के लिए उन्हें ट्रैक करना काफी मुश्किल है। लिहाजा पीओके में आतंकी ठिकानों पर भारतीय मिसाइलों के गिरने के बाद अब पाकिस्तान के लिए आगे का कदम उठाना इसलिए भी मुश्किल है, क्योंकि चीनी एयर डिफेंस के फेल होने से उनका भरोसा हिल गया होगा।

पाकिस्तान ने 2021 में चीन द्वारा बनाए गए HQ-9 या FD-2000 एयर डिफेंस सिस्टम को सेना में शामिल किया था। बालाकोट में भारतीय वायुसेना के स्ट्राइक के बाद का डर ऐसा सताया कि आनन-फानन में एयर डिफेंस सिस्टम की खरीद करने में जुट गया था। चीन ने अपने दोस्त पाक को दुनिया के सबसे आधुनिक हथियार के नाम एयर डिफेंस सिस्टम दिए।

दावा यह किया जाता है कि यह सिस्टम 40 किलोमीटर को अधिकतम दूरी पर 15 मीटर से लेकर 18 किलोमीटर की उंचाई से आने वाले किसी भी मिसाइल, फाइटर जेट को टार्गेट बना सकता है। इस एयर डिफेंस सिस्टम में जो रडार लगा है, कहा जाता है कि 150 किलोमीटर की दूर से दुश्मन को मिसाइल और फाइटर जेट को इंटरसेप्ट कर सकता है। भारत के पास हर तरह के सुपरसोनिक मिसाइल, बैलिस्टिक मिसाइल की भरमार है। हवा में जब होतें है तो उनके रडार देख ही नहीं सकते. इनकी इतनी तेज रफ्तार है कि उसे पाकिस्तानी सिर्फ जमीन पर गिरते देख सकते है।

देशभर में मॉक ड्रिल की तैयारी, सायरन बजने से लेकर बिजली कटने तक जानें क्या-क्या होगा?

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पहलगाम हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है। भारत ने दो टूक कहा है कि इस हमले का माकूल जवाब दिया जाएगा। हमले के बाद भारत सरकार ने कई बड़े फैसले भी लिए हैं, जिससे पाकिस्तान घबराया और बौखलाया हुआ है। इस बीच 7 मई को देश के 295 जिलों में हवाई हमले से बचाव की मॉक ड्रिल होगी। इसका मकसद नागरिकों को आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए ट्रेनिंग देना है। मॉक ड्रिल में सायरन टेस्ट, ब्लैकआउट मैनेजमेंट का अभ्यास शामिल है।

गृह मंत्रालय के तहत नागरिक सुरक्षा के अतिरिक्त महानिदेशक बी संदीपकृष्ण ने सभी राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर सुरक्षा के लिहाज से महत्वपूर्ण देश के 295 सीमावर्ती और तटीय जिलों में नागरिक सुरक्षा अभ्यास करने का निर्देश दिया है। 

लोग क्या-क्या तैयारियां रखें?

मॉक ड्रिल को लेकर गृह मंत्रालय में आज अहम बैठक हुई। इसमें देशभर में 295 नागरिक सुरक्षा प्रतिष्ठानों की स्थिति की समीक्षा की गई। समीक्षा इस बात पर केंद्रित है कि मौजूदा उपकरण काम कर रहे हैं या उनकी मरम्मत की आवश्यकता है। बैठक में यह भी देखा गया कि आपातकालीन हालात में नागरिकों को कैसे प्रशिक्षित किया जाए। इस दौरान हवाई हमले के सायरन के प्रति जनता की प्रतिक्रिया, ब्लैकआउट के दौरान की जाने वाली कार्रवाई और आवश्यक आपूर्ति की तैयारियों पर भी बात की गई। अधिकारियों ने संभावित इलेक्ट्रॉनिक विफलता के लिए तैयार रहने के लिए घरों में चिकित्सा किट, मशालें, मोमबत्तियां और नकदी रखने की जरूरत पर जोर दिया।

मॉक ड्रिल में क्या होगा?

आमतौर पर किसी हमले, हादसे या आगजनी जैसी आपातकालीन स्थिति के लिए कैसी तैयारी है, यह जानने के लिए मॉक ड्रिल की जाती है।मॉक ड्रिल में यह देखा जाता है कि किसी आपाकालीन स्थिति में लोगों की प्रतिक्रिया कैसी होती है, इसके लिए चुनिंदा लोगों, वॉलंटियर्स को ट्रेनिंग भी दी जाती है।

गृह मंत्रालय के पत्र के मुताबिक़ 7 मई की मॉक ड्रिल शहर से लेकर ग्रामीण स्तर तक होगी। इस मॉक ड्रिल में कई तरह के अभ्यास किए जाएंगे। इनमें हवाई हमले की चेतावनी कितनी कारगर है यह जानना, कंट्रोल रूम के कामकाज को देखना, आम लोगों और छात्रों को हमलों के दौरान काम की ट्रेनिंग देना शामिल है।

इस दौरान कुछ समय के लिए लोगों को घरों या संस्थानों की सभी लाइट पूरी तरह बंद रखने के निर्देश दिए जा सकते हैं। इस मॉक ड्रिल में यह भी देखा जा सकता है कि अगर लाइट पूरी तरह बंद हो जाए तो उस स्थिति में क्या उपाय किए जा सकते हैं। इसके अलावा इसमें आपातकालीन स्थिति में सिविल डिफ़ेंस की प्रतिक्रिया, किसी ख़ास जगह से लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने की ट्रेनिंग वगैरह भी शामिल होती है।

पाकिस्तान के खिलाफ अब तक उठाए गए कदम

कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए हमले में 26 लोगों की मौत के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव लगातार बढ़ रहा है।पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के ख़िलाफ कई फैसले लिए हैं। सिंधु जल समझौते को स्थगित करने के अलावा भारत ने पाकिस्तान से सभी तरह के आयात पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। 

इसके जवाब में पाकिस्तान ने भी भारत के ख़िलाफ़ कई कदम उठाए हैं। पाकिस्तान ने भी भारत की ओर से उठाए गए कदमों का जवाब दिया है। पाकिस्तान ने भारत के स्वामित्व वाली या उसकी ओर से संचालित सभी एयरलाइंस के लिए अपने हवाई क्षेत्र को बंद कर दिया है। साथ ही वाघा सीमा को भी बंद किया गया है। पाकिस्तान ने सिख तीर्थयात्रियों को छोड़कर सार्क वीज़ा छूट कार्यक्रम के तहत सभी भारतीय नागरिकों को दिए गए सभी वीज़ा निलंबित कर दिए हैं और कहा है कि इन्हें रद्द माना जाना चाहिए।

अगर सिंधु नदी का पानी रोका तो हम हमला कर देंगे” पाकिस्तानी रक्षा मंत्री की भारत को गीदड़भभकी

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जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से भारत सरकार की ओर से पाकिस्तान से सिंधु जल संधि, आयात-निर्यात और किसी भी तरह के पब्लिक इंगेजमेंट पर पाबंदी लगाई गई है। वहीं, इससे पाकिस्तान बौखलाया हुआ है और बार-बार गीदड़भभकी दे रहा है। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख़्वाजा आसिफ ने भारत को चेतावनी दी है कि अगर उसने 'पाकिस्तान के पानी को रोकने या उसकी दिशा बदलने के लिए कोई ढांचा या निर्माण किया तो पाकिस्तान हमला करेगा और इसे नष्ट कर दिया जाएगा।

पानी रोकने को युद्ध की कार्रवाई बताया

जियो न्यूज से बात करते हुए आसिफ ने कहा, अगर भारत किसी तरह का ढांचा (बांध) बनाने की कोशिश करता है तो हम बिल्कुल उस पर हमला करेंगे। ख्वाजा आसिफ ने कहा है कि अगर भारत सिंधु नदी पर किसी तरह का बांध बनाकर पानी रोकने की कोशिश की यह पाकिस्तान पर सीधा हमला माना जाएगा। सिंधु नदी पर बांध का निर्माण दोनों देशों के बीच जल समझौते का उल्लंघन होगा। भारत अगर ऐसा कुछ करता है तो पाकिस्तान चुप नहीं बैठेगा और उसपर हमला कर देगा।

सिंधु जल संधि का उल्लंघन करना आसान नहीं-आसिफ

आसिफ ने कहा कि सिंधु जल संधि का उल्लंघन करना आसान नहीं है, यह पाकिस्तान के ख़िलाफ जंग की घोषणा होगी। कोई हमला सिर्फ तोप के गोले या बंदूक चलाने तक ही सीमित नहीं है, इसके कई रूप हैं, जिनमें से एक यह भी है। इससे देश के लोग भूख या प्यास से मर सकते हैं।

भारत कर रहा है नाटक- आसिफ

आसिफ ने भारत पर लगातार उन्हें उकसाने का आरोप लगाते हुए कहा कि भारत नाटक कर रहा है और पहलगाम आतंकी हमले के मामले में पाकिस्तान पर झूठे इल्ज़ाम लगा रहा है। आसिफ ने कहा कि भारत ने अभी तक इस बात के ठोस सबूत पेश नहीं किए हैं कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले के पीछे पाकिस्तान का हाथ था।

बिलावलने खून बहाने की कही थी बात

इससे पहले सिंधु जल समझौते पर पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के चेयरमैन बिलावल भुट्टो ने पाकिस्तान के सिंध प्रांत के सुक्खर में आयोजित एक रैली में कहा था कि या तो सिंधु नदी से हमारा पानी बहेगा या उनका ख़ून बहेगा। उनके बयान पर भारत के केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल समेत कई बड़े नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी।

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री की “बोलती बंद” भारत में बैन हुआ 'एक्स' अकाउंट

#indiabanpakistandefenceministerxaccount 

पहलगाम में आतंकी हमल के बाद भी पाकिस्तान की ओर से कई तरह की फर्जी खबरें फैलाई जा रही हैं। भारत ने पाकिस्तान में फैल रही फेक न्यूज़ और भारत विरोधी प्रचार पर कड़ा रुख अपनाया है। भारत ने आतंकवाद को मदद देने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ सहित कई पाकिस्तानी पत्रकारों के सोशल मीडिया अकाउंट एक्स को बैन लगाने का फैसला लिया है। इससे पहले पहलगाम हमले के अगले ही दिन भारत में पाकिस्तान सरकार का ट्विटर हैंडल बैन कर दिया गया था। 

ख्वाजा भारत के खिलाफ अनरगल बयानबाजी कर रहे

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद ख्वाजा लगातार भारत के खिलाफ अनरगल बयानबाजी कर रहे थे। ख्वाजा आसिफ ने भारत के सैन्य हमले का दावा किया था। आसिफ ने सोमवार को कहा था कि भारत की तरफ से हमला तय है और यह करीब है। ख्वाजा आसिफ ने कहा था, भारत के हमले के खतरे को देखते हुए हमने अपने सुरक्षाबलों को मजबूत करना शुरू कर दिया है, क्योंकि भारत की तरफ से हमला निश्चित है। इन हालात में कुछ कूटनीतिक फैसले लेने होंगे और यह फैसले लिए जा रहे हैं।

कई यू-ट्यूब चैनल्स पर भी कसा शिकंजा

बता दें कि पहलगाम हमले के बाद भारत लगातार पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है। इससे पहले केंद्र सरकार ने पाकिस्तान के कई यूट्यूब चैनलों पर प्रतिबंध लगा दिया है। ये चैनल जम्मू-कश्मीर में दुखद पहलगाम आतंकी पर भारत, सेना और सुरक्षा एजेंसियों के खिलाफ भड़काऊ, संवेदनशील सामग्री, गलत और भ्रामक कथन प्रसारित कर रहे थे।

इन पाक यूट्यूब चैनलों पर कार्रवाई

भारत ने पाकिस्तान के डॉन न्यूज (19.6 लाख सब्सक्राइबर), इरशाद भट्टी (8.27 लाख सब्सक्राइबर), समा टीवी (1.27 करोड़ सब्सक्राइबर), एआरवाई न्यूज (1.46 करोड़ सब्सक्राइबर), बोल न्यूज (78.5 लाख सब्सक्राइबर), रफ्तार (8.04 लाख सब्सक्राइबर), द पाकिस्तान रेफरेंस (2.88 लाख सब्सक्राइबर), जियो न्यूज (1.81 करोड़ सब्सक्राइबर), समा स्पोर्ट्स (73.5 हजार सब्सक्राइबर), जीएनएन (35.4 लाख सब्सक्राइबर), उजैर क्रिकेट (2.88 लाख सब्सक्राइबर), उमर चीमा एक्सक्लूसिव (1.25 लाख सब्सक्राइबर), अस्मा शिराजी (1.33 लाख सब्सक्राइबर), मुनीब फारूक (1.65 लाख सब्सक्राइबर), सुनो न्यूज एचडी (13.6 लाख सब्सक्राइबर) और राजी नामा (2.70 लाख सब्सक्राइबर) पर प्रतिबंध लगाया है।

अमेरिका के लिए 30 सालों से करते आ रहे ये गंदा काम...पाकिस्तान ने कबूली आतंकियों को पनाह देने की बात

#pakistandefenceministeradmitspakbackedterrorists

पाकिस्तान आतंकवादियों का सबसे सुरक्षित पनाहगाह है ये तो पूरी दुनिया जानती है। अब खुद पाकिस्तान ने आतंकवाद पर बड़ा कबूलनामा किया है। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कबूल किया है कि पाकिस्तान, दशकों से आतंकवादी समूहों को समर्थन करने, सहायता करने और उन्हें फंड देने में शामिल रहा है। लाइव टीवी पर पाक के मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा है कि पाकिस्तान, अमेरिका और ब्रिटेन के लिए आतंकवाद को फैलाता रहा है। यह टिप्पणी भारत के लंबे समय से चले आ रहे रुख की पुष्टि करती है, यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब भारत ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले के लिए अप्रत्यक्ष रूप से पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया है।

तीन दशक से पश्चिम के लिए कर रहे गंदा काम- आसिफ

भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के बीच ब्रिटेन स्थित स्काई न्यूज को ख्वाजा आसिफ ने एक इंटरव्यू दिया है। इसमें उन्होंने कहा है कि पाकिस्तान 30 वर्षों से ज्यादा समय से अमेरिका के लिए यह "गंदा काम" कर रहा है।"स्काई न्यूज पर इंटरव्यू के दौरान आतंकवादियों को धन मुहैया कराने में पाकिस्तान की भूमिका को लेकर जब ख्वाजा आसिफ से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हम अमेरिका और ब्रिटेन समेत पश्चिमी देशों के लिए करीब तीन दशकों से यह गंदा काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का यह फैसला एक "गलती" थी और उसे इसका खामियाजा भुगतना पड़ा। पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान को इसके लिए दोषी ठहराना अनुचित है, क्योंकि वह पश्चिमी देशों के निर्देश पर काम कर रहा था

अमेरिका ने भी आतंकवादियों को "प्रॉक्सी" के रूप में इस्तेमाल किया- आसिफ

आसिफ ने कहा कि अगर हम सोवियत संघ के खिलाफ युद्ध में शामिल नहीं होते और बाद में 9/11 के बाद के युद्ध में शामिल नहीं होते, तो पाकिस्तान का ट्रैक रिकॉर्ड बेदाग होता। इसके अलावा आतंकवादी गतिविधियों के लिए पाकिस्तान को दोषी ठहराने के लिए अमेरिका के फैसलों को लेकर ख्वाजा आसिफ ने कहा कि बड़ी शक्तियों के लिए पाकिस्तान को दोषी ठहराना सुविधाजनक है, जिसने 80 के दशक में सोवियत संघ के खिलाफ उनकी तरफ से युद्ध लड़ा था। आज के ये सभी आतंकवादी, वाशिंगटन में रो रहे थे और खाना खा रहे थे। उन्होंने कहा कि यहां तक कि अमेरिका ने भी अफगानिस्तान में सोवियत संघ से लड़ने के लिए आतंकवादियों को "प्रॉक्सी" के रूप में इस्तेमाल किया।

लश्कर-ए-तैयबा पर ख्वाजा आसिफ का दावा

भारत के साथ युद्ध की बात करने वाले ख्वाजा आसिफ ने यह भी दावा किया कि पाकिस्तान में लश्कर-ए-तैयबा अब खत्म हो चुका है। उन्होंने माना कि अतीत में इस आतंकी संगठन के पाकिस्तान से कुछ संबंध थे, लेकिन अब यह संगठन मौजूद नहीं है।

भारत पर लगाया साजिश का आरोप

ख्वाजा आसिफ ने यह भी कहा कि अगर लश्कर से निकले किसी संगठन ने पहलगाम हमले की जिम्मेदारी ली है, तो यह भारत की साजिश हो सकती। आरिफ ने कहा कि उनकी एजेंसियों का मानना है कि यह काम भारत ने ही किया है। बड़े देश इस क्षेत्र में जो कुछ भी हो रहा है, उसके लिए पाकिस्तान को दोष देना आसान समझते हैं।

हर बार आरोपों को नकारता रहा है पाक

भारत लंबे समय से पाकिस्तान पर आतंकवादी संगठनों का समर्थन करने का आरोप लगाता रहा है। भारत में दर्जनों आतंकवादी हमले हो चुके हैं और हर आतंकी हमले में पाकिस्तान शामिल रहा है। हालांकि पाकिस्तान हमेशा से भारत के आरोपों को नकारता रहा है और सबूत मांगता रहा है। जबकि पाकिस्तान में दर्जनों आतंकवादी संगठन एक्टिवेट हैं। कई आतंकी संगठनों के खिलाफ तो यूनाइटेड नेशंस ने प्रतिबंध लगाए हैं। पाकिस्तान ने कश्मीर में जिहाद फैलाने और भारत के खिलाफ आतंकी हमलों को अंजाम देने के लिए इन आतंकी संगठनों का इस्तेमाल प्रॉक्सी के तौर पर किया है। पहगाम में हुए आतंकी हमले की भी जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा के ही एक शैडो संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने ली है। इस हमले में 26 लोग मारे गये हैं।

पहलगाम आतंकी हमला: राजनाथ सिंह ने सैन्य अधिकारियों के साथ की बैठक

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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद केंद्र की मोदी सरकार अलर्ट मोड पर है। एक तरफ प्रधानमंत्री मौदी अपना सउदी दौरा रद्द कर देर रात लौट आए। वहीं, पीएम के निर्देश पर गृहमंत्री अमित शाह हालात का जायजा लेने हमले के कुछ घेटों के बाद ही श्रीनगर पहुंच गए। इधर, आतंकी हमले के बाद बुधवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रक्षा मंत्रालय में अहम बैठक की अध्यक्षता की। 

इस हाई लेवल मीटिंग में जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति से जुड़े सभी मुद्दों पर चर्चा की गई। मीटिंग में तीनों सेनाओं के प्रमुख ने अपनी-अपनी तैयारियों को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को जानकारी दी। उन्होंने बताया कि उनकी तीनों सेनाएं हर परिस्थिति के लिए तैयार है। यह बैठक करीब 2.5 घंटे तक चली। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सशस्त्र बलों को अपनी युद्ध तत्परता बढ़ाने और आतंकवाद विरोधी अभियानों की में तेजी लाने का निर्देश दिया।

इस बैठक में सीडीएस अनिल चौहान और एनएसए अजित डोभाल भी शामिल हुए। इनके अलावा बैठक में थल सेना अध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी, वायुसेना चीफ एयर चीफ मार्शल एपी सिंह और नौसेना प्रमुख दिनेश त्रिपाठी भी मौजूद रहे। अब छह बजे सुरक्षा मामलों की केंद्रीय समिति की बैठक होनी है। सीसीएस की मीटिंग को दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी पीएम मोदी को जानकारी देंगे।

पहलगाम हमले के बाद भी जहर उगने से नहीं चूका पाकिस्तान, रक्षा मंत्री के बयान पर आएगा गुस्सा

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जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में निर्दोष पर्यटकों की बेहरहमी से हत्या कर दी गई। पहलगाम में हुए हमले का शक पाकिस्तान पर जा रहा हैं। वहीं, पाकिस्तान में स्थित प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के छद्म संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (टीआरएफ) ने हमले की जिम्मेदारी भी ली है। इस बीच पाकिस्तानी की प्रतिक्रिया भी सामने आ गई है।

भारत के खिलाफ जमकर जहर उगला

पाकिस्तानी सरकार के रक्षा मंत्री ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले का ठीकरा भारत के ही सिर पर फोड़ा है। पाकिस्तानी मीडिया को दिए गये एक टेलीफोन बयान में ख्वाजा आसिफ ने कहा है कि पहलगाम हमले से पाकिस्तान का कोई लेना देना नहीं है। लेकिन इसके बाद उन्होंने भारत के खिलाफ जमकर जहर उगला। ख्वाजा आसिफ ने एक टीवी चैनल से टेलीफोन पर बात करते हुए कहा कि पाकिस्तान का इससे कोई ताल्लुक नहीं है। भारत के अंदर कई संगठन हैं, उनमें घरेलू स्तर पर बगावते हैं, एक दो नहीं, दर्जनों के हिसाब से हैं। नागालैंड से लेकर कश्मीर तक हैं। साउथ में, छत्तीसगढ़ में, मणिपुर में।

हमले पर बोले ख्वाजा आसिफ- ये घर में पनपा हुआ

ख्वाजा आसिफ ने कहा, ये घर में पनपा हुआ है। वहां की तमाम रियासतें (राज्य) जो हैं, वहां लोग सरकार के खिलाफ बगावत कर चुके हैं। नागालैंड से लेकर कश्मीर तक हैं। साउथ में, छत्तीसगढ़ में, मणिपुर में। लोग सरकार के खिलाफ हैं। भारत सरकार लोगों के हक को मार रही है। उनका शोषण कर रही है। इसके खिलाफ लोग खड़े हो चुके हैं।

आतंकवाद से झाड़ा पल्ला

पाकिस्तान रक्षा मंत्री ने आगे कहा कि हिंदुत्व हुकूमत लोगों का शोषण कर रही है, अल्पसंख्यकों को, जिनमें मुसलमान भी हैं, ईसाई भी हैं, बौद्ध भी हैं, उसके खिलाफ बगावत है। जो वहां पर हो रहे हैं। हमारा इसके साथ कोई ताल्लुक नहीं है। हम किसी भी सूरत में आतंकवाद को कहीं भी सपोर्ट नहीं करते हैं।