झारखंड शराब घोटाला मामले में जेल में बंद निलंबित आईएएस विनय चौबे को बड़ी राहत, एसीबी कोर्ट ने दी जमानत

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शराब घोटाला मामले में आरोपी आइएएस विनय कुमार चौबे को बड़ी राहत मिली है। एसीबी कोर्ट ने विनय कुमार चौबे को डिफॉल्ट बेल की सुविधा प्रदान की है। 91 दिनों बाद विनय चौबे को एसीबी के स्पेशल कोर्ट से सशर्त जमानत मिल गयी है।

चार्जशीट दाखिल नहीं होने पर मिली जमानत

एसीबी के स्पेशल कोर्ट ने विनय चौबे को सशर्त जमानत दे दी है। 90 दिनों की समय सीमा पूरी होने के बाद भी चार्जशीट दाखिल नहीं होने पर जमानत मिली है। विनय चौबे की ओर से अधिवक्ता देवेश आजमानी ने कोर्ट में पैरवी की। कोर्ट ने बीएनएसएस की धारा 187(2) के तहत विनय चौबे को डिफॉल्ट बेल दी है। बता दें किसी भी मामले में आरोपी के जेल में रहते हुए जांच अधिकारी को 60 या 90 दिनों में जांच पूरी कर चार्जशीट दाखिल करनी होती है।

कोर्ट ने रखी ये शर्तें

कोर्ट ने शर्त रखी है कि जमानत पर रहने के दौरान उन्हें राज्य से बाहर जाने से पहले अदालत को सूचना देनी होगी। इसके अलावा वे ट्रायल के दौरान अपना मोबाइल नंबर नहीं बदल सकते हैं। जमानत के लिए अदालत ने 25-25 हजार रुपये के दो निजी मुचलके भरने की शर्त भी लगाई है।

20 मई को हुई थी गिरफ्तारी

बता दें कि एंटी करप्शन ब्यूरो ने 20 मई 2025 को करीब छह घंटे की पूछताछ के बाद विनय चौबे को गिरफ्तार किया था। इस घोटाले से संबंधित प्रारंभिक एफआईआर में चौबे समेत कुल 13 लोगों को नामजद किया गया था। अब तक झारखंड, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र से 10 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है।

क्या है मामला?

बता दें कि विनय चौबे झारखंड के उत्पाद विभाग के सचिव, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के सचिव और कई अन्य अहम पदों पर कार्य कर चुके हैं। झारखंड में शराब घोटाले की शुरुआत वर्ष 2022 में हुई थी, जब छत्तीसगढ़ की तर्ज पर नई एक्साइज पॉलिसी लागू की गई थी। इस पॉलिसी को लागू करने के लिए छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड से करार किया गया। जांच में सामने आया कि नीति लागू करने की प्रक्रिया के दौरान बड़े पैमाने पर अनियमितताएं हुईं।

आरोप है कि विशेष सिंडिकेट को लाभ पहुंचाने के लिए टेंडर की शर्तों में मनमाना बदलाव किया गया। इस सिंडिकेट ने छत्तीसगढ़ की एक कंसल्टेंट कंपनी के सहयोग से झारखंड में शराब सप्लाई और होलोग्राम सिस्टम के ठेके हासिल किए। जांच में यह भी पाया गया कि टेंडर प्रक्रिया के दौरान जमा की गई बैंक गारंटियां फर्जी थीं, जिससे राज्य सरकार को भारी आर्थिक नुकसान हुआ।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और PM नरेंद्र मोदी ने शिबू सोरेन को दी श्रद्धांजलि, परिजनों से की मुलाकात

नई दिल्ली, 4 अगस्त 2025: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन पर आज देश की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु और प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल पहुंचकर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।

राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री दोनों ने दिवंगत शिबू सोरेन के पार्थिव शरीर पर माल्यार्पण किया। इस दुखद घड़ी में उन्होंने मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन, विधायक श्रीमती कल्पना सोरेन और अन्य परिजनों से भी मुलाकात कर अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त कीं। उन्होंने ईश्वर से प्रार्थना की कि वे दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें और शोकाकुल परिवार को इस कठिन समय में संबल दें।

शिबू सोरेन का निधन झारखंड समेत पूरे देश के लिए एक बड़ी क्षति है, और उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए कई गणमान्य व्यक्ति पहुंच रहे हैं।

शिबू सोरेन की तबियत फिर बिगड़ी, सीएम हेमंत सोरेन पिता के हाल जानने पहुंचे

रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन गुरुवार को विधानसभा के मॉनसून सत्र में हिस्सा लेने के बाद दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं। मिली जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री के पिता और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के अध्यक्ष शिबू सोरेन का इलाज दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में चल रहा है, जहां उनकी तबीयत में काफी उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गुरुवार को विधानसभा की सर्वदलीय बैठक के बाद पत्रकारों को बताया था कि डॉक्टरों ने अभी तक शिबू सोरेन की तबीयत ठीक होने में लगने वाले समय के बारे में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी है। इस खबर के बाद से ही शिबू सोरेन के स्वास्थ्य को लेकर अटकलें लगाई जा रही थीं।

मुख्यमंत्री के दिल्ली पहुंचने के बाद यह उम्मीद की जा रही है कि वे डॉक्टरों से मिलकर अपने पिता के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी लेंगे। शिबू सोरेन, जिन्हें 'गुरुजी' के नाम से भी जाना जाता है, झारखंड की राजनीति में एक बड़ा चेहरा हैं और उनके स्वास्थ्य को लेकर राज्य भर में चिंता का माहौल है।

मुख्यमंत्री के अचानक दिल्ली जाने से यह साफ हो गया है कि शिबू सोरेन का स्वास्थ्य गंभीर चिंता का विषय है। राज्य के सभी राजनीतिक दल और नेता उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना कर रहे हैं। विधानसभा के मॉनसून सत्र के बीच मुख्यमंत्री का इस तरह दिल्ली जाना उनके लिए एक कठिन समय है, जहां उन्हें राज्य के महत्वपूर्ण मुद्दों के साथ-साथ अपने पिता के स्वास्थ्य की भी चिंता करनी पड़ रही है।

*৭টি সাদা ঘোড়ার ছবি কিন্তু আপনার ভাগ্য ফিরে আসতে পারে*

ডেস্ক : বাস্তুশাস্ত্র মনে করে ৭টি ছুটন্ত সাদা ঘোড়া আসলে শক্তিশালী সূর্যের প্রতীক। বাস্তুশাস্ত্র মেনে বাড়ি তৈরি করার চল তো রয়েইছে। এমনকী বাড়ির কোথায় কোন জিনিস থাকবে তাও অনেকে বাস্তুশাস্ত্র মেনেই করে থাকেন। কিন্তু জানেন একটা ছোট্ট জিনিস একটা ছোট্ট জিনিস বাড়িতে রাখলেই ঘুরে যেতে পারে ভাগ্যের চাকা। শুধু চাই দেওয়ালে একফালি জায়গা। বাড়িতে ৭টি সাদা ঘোড়ার ছবি রাখলে তা শুভ বলে মনে করা হয়। এই ছবিকে একসঙ্গে সৌভাগ্য, সম্পদ, এবং উন্নতির প্রতীক হিসাবে ধরা হয়। আপনি চাইলে প্রিয়জনকে উপহার হিসাবেও দিতে পারেন এই ছবি। বাস্তুশাস্ত্র বলেছে এই ধরনের ছবি বাড়িতে ইতিবাচক শক্তি নিয়ে আসে।

জীবনের প্রতিটা পদে উন্নতির ক্ষেত্রে সহায়কের ভূমিকা নেয়। তবে ঘরের যে কোনও প্রান্তে এটা রাখলে হবে এমনটা নয়। বাস্তুশাস্ত্র বলেছে, ৭টি সাদা ঘোড়ার ছবি পূর্ব দিকে দেওয়ালে রাখলে কর্মজীবনে উন্নতি, সমাজে প্রতিষ্ঠা লাভের সম্ভাবনা বাড়তে থাকে। তবে রাখা যেতে পারে দক্ষিণ দিকেও। যার জেরে সামগ্রিক সাফল্য এবং খ্যাতির রাস্তা খুলে যায়। বিশ্বাস করা হয় সাতটি ঘোড়া সূর্যের প্রতীক। সূর্য ও ঘোড়া একইসঙ্গে শক্তি ও সাফল্যের প্রতিনিধিত্ব করে থাকে। তবে ছবি কেনার ক্ষেত্রে কয়েকটি বিষয়ে নজর রাখতে হবে। ঘোড়াগুলির মুখ যেন স্পষ্ট দেখা যায়। তাদের দেখে যেন মনে হয় যেন তারা আনন্দে ছুটে আসছে। পিছনে যদি সূর্যদয়ের মুহূর্ত থাকে তাহলে খুবই ভাল। ঘোড়াগুলির রঙ অবশ্যই সাদা হবে। গলায় থাকবে না কোনও লাগাম।

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शराब घोटाले में चेतन्य बघेल को मिले थे 16.70 करोड़, ईडी ने पूर्व सीएम के बेटे की गिरफ्तारी को लेकर जारी किया बयान

रायपुर- छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एक और बड़ी कार्रवाई करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पुत्र चैतन्य बघेल को 18 जुलाई 2025 को गिरफ्तार कर लिया है। यह गिरफ्तारी धनशोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत की गई है। ईडी ने उन्हें विशेष न्यायालय (PMLA), रायपुर में पेश किया, जहां से उन्हें 22 जुलाई 2025 तक ईडी की रिमांड पर भेज दिया गया है। चेतन्य बघेल की गिरफ्तारी को लेकर ईडी ने एक अधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति जारी की है।

प्रेस को जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि ईडी की यह जांच ACB/EOW रायपुर द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आधार पर शुरू की गई थी, जिसमें आईपीसी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था। पुलिस और ईडी की जांच में यह सामने आया है कि 2019 से 2022 के बीच हुए इस शराब घोटाले से राज्य सरकार को भारी वित्तीय नुकसान हुआ और करीब 2500 करोड़ रुपये की अवैध आय (Proceeds of Crime – POC) अर्जित की गई।

चैतन्य बघेल के खिलाफ आरोप क्या हैं?

ईडी के अनुसार, चैतन्य बघेल ने 16.70 करोड़ रुपये की अवैध कमाई को अपने रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स में खपाया। उन्होंने यह पैसा नकद में ठेकेदारों को भुगतान, फर्जी बैंक एंट्री और फ्लैट खरीद के बहाने से उपयोग किया। वह त्रिलोक सिंह ढिल्लों के साथ मिलकर एक ‘विठ्ठलपुरम’ नामक परियोजना में फर्जी फ्लैट खरीद की योजना बनाकर 5 करोड़ रुपये प्राप्त करने के आरोप में भी घिरे हैं। इन फ्लैटों को ढिल्लन के कर्मचारियों के नाम पर खरीदा गया था, लेकिन असल लाभार्थी चैतन्य ही थे।

जांच में यह भी पाया गया कि चैतन्य ने इस घोटाले से जुड़े 1000 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध धनराशि को हैंडल किया और इसे अनवर ढेबर एवं अन्य के माध्यम से छत्तीसगढ़ कांग्रेस के तत्कालीन कोषाध्यक्ष तक पहुंचाया गया। यह राशि बघेल परिवार के करीबी लोगों द्वारा आगे निवेश के लिए प्रयोग की गई।

अब तक कौन-कौन फंसे हैं?

इस मामले में अब तक ईडी द्वारा जिन प्रमुख लोगों को गिरफ्तार किया गया है, उनमें शामिल हैं:अनिल टुटेजा (पूर्व आईएएस),अरविंद सिंह, त्रिलोक सिंह ढिल्लन,अनवर ढेबर, अरुणपति त्रिपाठी कवासी लखमा (तत्कालीन आबकारी मंत्री और वर्तमान विधायक)ईडी ने बताया कि यह घोटाला सिर्फ शराब बिक्री तक सीमित नहीं है, बल्कि इससे अर्जित धन का उपयोग राजनीतिक और निजी निवेशों में किया गया है। मामले में धन की अंतिम उपयोगिता की जांच अभी चल रही है और आने वाले समय में और भी खुलासे संभव हैं।

*सीएम योगी ने नौसढ़ बांसगांव मार्ग का नाम पुनः राजा भुवनेश प्रताप नारायण सिंह मार्ग रखने का आश्वासन दिया*

खजनी गोरखपुर।।वर्षों पहले तक नौसढ़ के हरैया तिराहे से खजनी बांसगांव मार्ग का नाम उनवल राज घराने के राजा भुवनेश प्रताप नारायण मार्ग था, किंतु इस सड़क के नवनिर्माण व चौड़ीकरण के दौरान किसी अज्ञात वाहन की ठोकर से मार्ग का नाम दर्शाने वाला शिलापट्ट टूट कर नष्ट हो गया।

राज घराने से संबंध रखने वाले उनवल नगर पंचायत के मूल निवासी तथा पूर्व ग्रामप्रधान व जिला पंचायत सदस्य हरिशंकर सिंह ने सोमवार को लखनऊं पहुंच कर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से शिष्टाचार मुलाकात की तथा क्षेत्रीय समस्या पर चर्चा के दौरान उन्होंने बताया कि ब्रिटिश शासन काल में जब बस्ती, देवरिया गोरखपुर जिले का हिस्सा था उस समय गोरखपुर से बांसगांव जाने वाले कच्चे मार्ग से राजा उनवल से बग्घी से गोरखपुर आने जाने के लिए तत्कालीन उनवल स्टेट के राजा भुवनेश प्रताप नारायण सिंह को परेशानी होती थी, तब राजा उनवल ने अपने राजकोष से नौसढ़ से बांसगांव मार्ग का निर्माण कंक्रीट से कराया था तथा नौसढ़ हरैया में जहां से मार्ग शुरू होता है वहां पर चार फुट चौड़ा व पांच फुट लम्बे पत्थर का शिलापट्ट लगवाया था जिस पर राजा भुवनेश प्रताप नारायण सिंह मार्ग मोटे अक्षरों में शिलापट्ट को काट कर लिखा गया था। जो कि वर्ष 1996 में किसी अज्ञात ट्रक की टक्कर लगने से टूट गया था।

उन्होंने बताया कि सीएम योगी ने उक्त मार्ग का नाम पुनः राजा भुवनेश प्रताप नारायण सिंह मार्ग करने और भव्य शिलापट्ट लगवाने का आश्वासन दिया। साथ ही उन्होंने नगर पंचायत उनवल में वार्ड संख्या 9 में स्थित सरकारी भूमि पर बारात घर बनवाने का आश्वासन भी दिया जानकारी मिलते ही उनवल के लोगों ने खुशी की लहर दौड़ गई है तथा नगर पंचायत उनवल के लोगों सतीश सिंह, यमुना सिंह, पूर्व नगर अध्यक्ष उमाशंकर निषाद नगर पंचायत अध्यक्ष उनवल एडवोकेट महेश कुमार दूबे, इन्द्र कुमार निगम मंडल अध्यक्ष, मनोज राम त्रिपाठी, संतोष राम त्रिपाठी, सभासद श्रीप्रकाश गुप्ता, योगेश कुमार वर्मा, राजन पासवान, अज्जू खान ने आभार जताया।

50 साल पहले जब इंदिरा गांधी ने देश में लगा दिया था आपातकाल, जानें इमरजेंसी का “काला सच”

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25 जून 1975 की आधी रात जब देश पर आपातकाल थोप दिया गया था। लोकतंत्र के इतिहास में इस दिन को काला दिन माना जाता है। यही वो दिन था जब तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने संविधान के अनुच्छेद 352 के तहत, इंदिरा गांधी की सरकार की सिफारिश पर आपातकाल की घोषणा की। देश में आपातकाल लग चुका है इसका ऐलान खुद प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने रेडियो पर किया।

25 जून 1975 की आधी रात को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल की घोषणा की। 26 जून, 1975 की सुबह इंदिरा गांधी ने ऑल इंडिया रेडियो पर कहा, 'राष्ट्रपति ने देश में इमरजेंसी की घोषणा कर दी है। इसमें घबराने की कोई बात नहीं है...'। इसके बाद से ही विपक्षी नेताओं में हलचल मच गई और गिरफ्तारियों का सिलसिला शुरू हो गया था। पौ फटने के पहले ही विपक्ष के कई बड़े नेता हिरासत में ले लिए गए। यहां तक कि कांग्रेस में अलग सुर अलापने वाले चंद्रशेखर भी हिरासत में लिए गए नेताओं की जमात में शामिल थे।

ये इमरजेंसी 21 मार्च, 1977 तक देशभर में लागू रही। स्वतंत्र भारत के इतिहास में ये 21 महीने काफी विवादास्पद रहे। लोकतांत्रिक देश में भी ऐसा कुछ हो सकता है, यह किसी ने सपने में भी नहीं सोचा था। यह भी कि लोकतांत्रिक देश की संसद में किसी दल की मजबूती का बेजा इस्तेमाल की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। इन 21 महीनों में जो कुछ भी हुआ। सत्ता दल अभी भी कांग्रेस को समय-समय पर कोसते रहते हैं। गांधी परिवार के दिग्गज नेता राहुल गांधी ने इस इमरजेंसी को गलत बताया और खुले तौर पर माफी भी मांगी थी।

इंदिरा सरकार ने बताई आपातकाल लागू करने के पीछे कई वजहें

इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस ने 1971 के लोकसभा चुनावों में शानदार जीत हासिल की थी। तत्कालीन 521 सदस्यीय संसद में कांग्रेस ने 352 सीटें जीती थीं। उन दिनों इंदिरा गांधी की सरकार पर भारत अस्थिरता के दौर से गुजर रहा था। गुजरात में सरकार के खिलाफ छात्रों का नवनिर्माण आंदोलन चल रहा था। बिहार में जयप्रकाश नारायण (JP) का आंदोलन चल रहा था। 1974 में जॉर्ज फर्नांडिस के नेतृत्व में रेलवे हड़ताल चल रही थी। आपातकाल लागू करने के पीछे कई वजहें बताई जाती हैं। इसमें से मुख्य कारण था राजनीतिक अस्थिरता।

इलाहाबाद हाई कोर्ट के एक फैसले के बाद बढ़ा तनाव

इस राजनीतिक अस्थिरता की शुरुआत उस वक्त हुई, जब इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 12 जून 1975 को इंदिरा गांधी को चुनावी धांधली का दोषी पाया और उन्हें छह साल के लिए किसी भी चुने हुए पद पर आसीन होने से वंचित कर दिया। इस फैसले के बाद, देश भर में विरोध प्रदर्शन और राजनीतिक तनाव बढ़ गया।

इन्ही सब को देखते हुए इंदिरा गांधी को देश में इमरजेंसी लगानी पड़ी। इंदिरा गांधी और उनकी सरकार ने दावा किया कि देश में गहरी अशांति और आंतरिक अस्थिरता है, जिसके चलते राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा है। इसी कारण से उन्होंने आपातकाल की घोषणा की, जिससे वे बिना किसी विधायी और न्यायिक हस्तक्षेप के सरकार चला सकें।

असहमति के हर स्वर का मुंह बंद किया

इमरजेंसी लागू होने के तुरंत बाद विपक्षी नेताओं को जेल में डालने का सिलसिला शुरु हो गया। इनमें जयप्रकाश नारायण, लालकृष्ण आडवाणी, अटल बिहारी वाजपेयी और मोरारजी देसाई समेत कई बड़े नेताओं का नाम था, जो कई महीनों और सालों तक जेल में पड़े रहे थे। आरएसएस समेत 24 संगठनों पर बैन लगा दिया गया। इसके अलावा, इंदिरा गांधी की सरकार ने देश में व्यापक सामाजिक और आर्थिक सुधारों की शुरुआत की, जिसमें जबरन नसबंदी और स्लम क्लीयरेंस जैसे कठोर उपाय शामिल थे। कई इतिहासकारों का मानना है कि आपातकाल का उपयोग इंदिरा गांधी ने अपनी सत्ता को मजबूत करने और विरोधी आवाजों को दबाने के लिए किया। यह घटना भारतीय लोकतंत्र पर एक गहरा आघात थी और इसने देश के राजनीतिक इतिहास में एक गहरी छाप छोड़ी।

EE को दो लाख रुपए रिश्वत लेते ACB ने रंगे हाथ पकड़ा, निविदा प्रक्रिया से पहले ठेका देने के लिए मांगी थी घूस

जगदलपुर- एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने लोक निर्माण विभाग के विद्युत यांत्रिकी डिपार्टमेंट के कार्यपालन अभियंता को दो लाख रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. अधिकारी अजय कुमार ने निविदा प्रक्रिया से पहले काम दिलाने के एवज में ठेकेदार से दो लाख रुपए एडवांस की मांग की थी.

जानकारी के अनुसार. ठेकेदार की शिकायत पर एसीबी ने कार्यपालन अभियंता अजय कुमार को रंगे हाथ पकड़ने के लिए जाल बिछाया. इसके बाद तय समय और तारीख के हिसाब से ठेकेदार ने शुक्रवार को जगदलपुर के साकेत कॉलोनी में स्थित अभियंता के सरकारी आवास में उसे रकम सौंपी, वैसे ही एसीबी की टीम ने अभियंता को मौके पर रंगे हाथ रिश्वत लेते धर दबोचा.

फिलहाल, एसीबी द्वारा आगे की कार्रवाई करते हुए अभियंता से पूछताछ कर रही है. कार्यपालन अभियंता के रिश्वत लेते पकड़े जाने के बाद लोक निर्माण विभाग में रायपुर से लेकर जगदलपुर तक हलचल मची हुई है.

गया जी में कांग्रेस कार्यालय में राहुल गांधी का केक काटकर कार्यकर्ताओं ने मनाया जन्मदिन, विशेष कार्यक्रम का हुआ आयोजन

गया शहर के राजेंद्र आश्रम स्थित कांग्रेस कार्यालय में गुरुवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी का कार्यकर्ताओं और नेताओं ने केक काटकर जन्मदिन मनाया गया। जिसकी अध्यक्षता कांग्रेस के जिला अध्यक्ष संतोष कुमार ने किया। इस अवसर पर जिला कांग्रेस कार्यालय में विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें अनेक वरिष्ठ कांग्रेस नेता, युवा कार्यकर्ता एवं सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए। इस अवसर पर जिलाध्यक्ष संतोष कुमार ने राहुल गांधी को भारत माता का वीर सपूत बताते हुए कहा कि वे ना कभी अन्याय से डरते हैं और ना ही अत्याचार के सामने झुकते हैं।

उन्होंने हमेशा संविधान, लोकतंत्र और गरीबों की आवाज़ को बुलंद किया है। उनके नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी ने सामाजिक न्याय, आर्थिक समानता और युवाओं के अधिकारों को लेकर देशव्यापी आंदोलन चलाया है। कार्यक्रम में उपस्थित वक्ताओं ने राहुल गांधी के संघर्षशील एवं निर्भीक व्यक्तित्व की प्रशंसा करते हुए कहा कि वे आज के समय में एकमात्र ऐसे नेता हैं जो सच्चाई की राह पर चलते हुए सत्ता से सवाल करने का साहस रखते हैं।

उनकी भारत जोड़ो यात्रा ने देश को जोड़ने, नफरत मिटाने और आपसी सद्भावना को मजबूत करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कार्य किया है।

कार्यक्रम के अंत में सभी कार्यकर्ताओं ने उनके दीर्घायु एवं उत्तम स्वास्थ्य की कामना की और यह संकल्प लिया कि कांग्रेस पार्टी को मजबूती देने हेतु राहुल गांधी जी के विचारों को गांव-गांव तक पहुंचाया जाएगा, जन्मदिन पर प्रभावती अस्पताल मे मरीजों को फल वितरण दलित मुहल्ला मे पाठ्य समाग्री और मिठाई का वितरण किया गया। इस कार्यक्रम मे कार्यकारी अध्यक्ष सहाबुद्दीन रहमानी, पूर्व जिलाध्यक्ष चन्द्रिका प्रसाद यादव, गगन मिश्रा जिला परिषद अध्यक्ष नैना कुमारी गया शहरी विधानसभा प्रभारी मोहम्मद इसत्याक अहमद, देविका सरियार, लालसा देवी, युगल किशोर सिंह, विधा शर्मा, प्रदीप कुमार शर्मा,धर्मेंद्र कुमार निराला,रंजीत सिंह, संजय कुमार, सम्मी अख्तर खान, धर्मेंद्र शर्मा, शिवकुमार चौरसिया,राजकपुर गुप्ता,अब्दुल रकीब, विकास यादव,, राजीव कुमार सिंह, केदार प्रसाद, धीरज वर्मा, दामोदर गोस्वामी, शैलेन्द्र चौधरी, धर्मवीर सिंह, रामानुज शर्मा,पंकज यादव, राहुल कुमार, अरविन्द कुमार, मो ताजुदिन, जयकान्त प्रसाद,रामनुज शर्मा, नवीन कुमार, वीरेंद्र सिंह, शिवनाथ प्रसाद, राहुल चंद्रवंशी,नवनीत कुमार,राजेश कुमार,बंटी यादव, कर्यालय प्रभारी कमलेश चंद्रवंशी, कार्यालय सचिव अशोक प्रसाद भारती सहित कांग्रेस कार्यकर्ताओ उपस्थित रहे।

जगन्नाथपुर रथ मेला 2025 के लिए रांची जिला प्रशासन ने किए कई महत्वपूर्ण निर्णय

उपायुक्त-सह-जिला दण्डाधिकारी, रांची श्री मंजूनाथ भजन्त्री द्वारा आज दिनांक 19 जून 2025 को समाहरणालय ब्लॉक- ए स्थित सभागार में राँची जिला प्रशासन द्वारा ऐतिहासिक रथ मेला 2025 के सफल आयोजन हेतु बैठक करते हुए विभिन्न निर्णय लिए गए।

बैठक में पुलिस अधीक्षक, शहर, पुलिस अधीक्षक, ग्रामीण, पुलिस अधीक्षक, यातायात, अपर जिला दण्डाधिकारी (विधि-व्यवस्था), राँची, अनुमंडल पदाधिकारी सदर राँची, अपर नगर आयुक्त, राँची, सिविल सर्जन, राँची, जिला नजारत उप समाहर्त्ता, राँची, आवासीय दण्डाधिकारी, हटिया, राँची, सहायक उत्पाद आयुक्त, राँची, जिला जनसम्पर्क पदाधिकारी राँची, जिला खनन पदाधिकारी, राँची, जिला जन सम्पर्क पदाधिकारी राँची, जिला अग्निशमन पदाधिकारी, राँची, अंचल अधिकारी नामकुम/नगड़ी, प्रखण्ड विकास पदाधिकारी नामकुम/नगड़ी, कार्यपालक अभियंता, पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल, हटिया, राँची, कार्यपालक अभियंता, ग्रामीण अभियंत्रण संगठन, कार्य प्रमंडल, रांची, कार्यपालक अभियंता, विद्युत, कुसई कॉलोनी, डोरण्डा रॉची, कार्यपालक अभियंता, जिला परिषद, राँची, थाना प्रभारी जगन्नाथपुर / धुर्वा / हटिया, मुख्य नगर प्रशासक, एच०ई०सी० राँची, सेवाईत (प्रथम सेवक) जगन्नाथपुर मंदिर, अध्यक्ष / सचिव, भारत सेवा संघ अध्यक्ष / जगन्नाथपुर मंदिर न्यास समिति के सदस्यगण उपस्थित थे।

बैठक में सर्वप्रथम उपायुक्त द्वारा सभी समितियों के सदस्यों से मेले के आयोजन के संबंध में जानकारी ली गई एवं समिति के सदस्यों द्वारा अपनी ल आवश्यकताओं के संबंध में अवगत कराया गया। मेले के सफल आयोजन हेतु उपायुक्त द्वारा विभागीय अधिकारियों से विधि-व्यवस्था को लेकर समीक्षा की गई। बैठक में उपस्थित सभी विभागीय पदाधिकारियों को उनके कार्यक्षेत्र अनुसार कार्य करने का निर्देश दिया गया।

बैठक में निम्न मुख्य बिंदुओं पर चर्चा करते हुए आवश्यक दिशा निर्देश दिया गया:-

(1) मेले में सुरक्षा के दृष्टिकोण से पांच मुखी मुहाने पर वाच टावर लगाने एवं माइक लाइट की व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया।

(2) मेले में पेयजल की व्यवस्था हेतु डीप बोरिंग करने एवं बिजली/ जेनरेटर की व्यवस्था करने हेतु विभागीय पदाधिकारी को निर्देश दिया गया।

(3) श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु रथ यात्रा के मार्ग पर मिट्टी/ मोरम या स्टोन डस्ट डालने हेतु कहा गया।

(4) मेला परिसर में साफ़ सफाई एवं शौचालय की व्यवस्था को लेकर बायो टॉयलेट की सुविधा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया।

(5) मेला परिसर के आस पास मांस मछली एवं शराब के विक्रय पर प्रतिबन्ध लगाया गया।

(6) प्रशासनिक शिविर एवं मिडिया शिविर बनाने का निर्देश दिया गया।

(7) जगरन्नाथ मंदिर एवं मौसीबाड़ी तक सुरक्षा बलों की तैनाती एवं स्थानीय थाना प्रभारियों को आयोजन स्थल पर सीसीटीवी कैमेरा लगाने का भी निर्देश दिया गया।

(8) विभिन्न समितियों के सदस्यों एवं वालंटियर्स (volunteer) को पहचान पत्र समिति निर्गत करें ।

(9) मेले के आयोजन के दौरान मेला परिसर के पास भारी वाहनों के आवागमन वर्जित रखने एवं यातायात व्यवस्था को सुगम बनाये रखने हेतु रूट डाइवर्ट रखने का निर्देश दिया गया।

(10) चिकित्सा सुविधा हेतु मेला परिसर में एम्बुलेंस उपलब्ध कराने एवं अग्निशमन वाहन उपलब्ध कराने का निर्देश विभागीय पदाधिकारियों को दिया गया।

(11) साथ ही पुलिस कंट्रोल रूम की व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया।

(12) मेले के आयोजन के दौरान असामाजिक तत्वों पर निगरानी रखने सहित अन्य विभिन्न विषयों पर भी चर्चा करते हुए संबंधित पदाधिकारी को आवश्यक दिशा निर्देश दिया गया।

मेला के दौरान लगने वाले झूला में सुरक्षा मानको को लेकर विशेष निर्देश

उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी रांची ने सम्बंधित अधिकारी को निर्देश देते हुए कहा की जगन्नाथपुर रथ मेला 2025 के दौरान लगने वाले झूलों में कोई दुर्घटना ना घटे इसको लेकर सम्बंधित सभी झूला संचालक सम्बंधित सुरक्षा मानकों का ध्यान रखेंगे। साथ ही इसे सम्बंधित प्रमाण पत्र उपलब्ध रखेंगे।

प्लास्टिक व अन्य गैर-नष्ट होने वाली सामग्रियों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का निर्देश

उपायुक्त द्वारा जगन्नाथपुर रथ मेला 2025 के दौरान मेला परिसर में पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए दोना-पत्तल जैसे पर्यावरण-अनुकूल सामग्रियों के उपयोग को अनिवार्य करने और प्लास्टिक व अन्य गैर-नष्ट होने वाली सामग्रियों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया गया।

राँची जिला प्रशासन ने आगामी जगन्नाथपुर रथ मेला 2025 के आयोजन के दौरान मेला परिसर में स्वच्छता, स्वास्थ्य और पर्यावरण संरक्षण को सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश जारी किए हैं। उपायुक्त, राँची ने मेला परिसर में प्लास्टिक, थर्मोकोल और अन्य गैर-बायोडिग्रेडेबल सामग्रियों के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया। इसके स्थान पर, सभी दुकानदारों, खाद्य स्टॉल संचालकों और आयोजकों को दोना, पत्तल और अन्य बायोडिग्रेडेबल सामग्रियों का उपयोग करने का निर्देश दिया गया है।

उपायुक्त ने सम्बंधित पदाधिकारी को निर्देश देते हुए कहा की मेला परिसर में प्लास्टिक की थैलियों, डिस्पोजेबल ग्लास, प्लेट्स, चम्मच और अन्य सामग्रियों का उपयोग पूरी तरह से निषिद्ध होगा।

पर्यावरण-अनुकूल विकल्प खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थों के लिए केवल डोना, पत्तल, बाँस या मिट्टी से बने बर्तनों का उपयोग करने का निर्देश दिया।

जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश

उपायुक्त ने मेला परिसर में श्रद्धालुओं और दुकानदारों के बीच पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता चलाने का निर्देश दिया।

उक्त निर्देशों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, जिसमें जुर्माना और स्टॉल बंद करने जैसे कदम शामिल हो सकते हैं। इसके लिए विशेष निगरानी दल गठित किए जाएंगे।

जगन्नाथ मेला न केवल एक धार्मिक आयोजन है, बल्कि यह हमारी सांस्कृतिक और सामाजिक जिम्मेदारियों को दर्शाने का अवसर भी है

उपायुक्त ने कहा, जगन्नाथपुर रथ मेला 2025 न केवल एक धार्मिक आयोजन है, बल्कि यह हमारी सांस्कृतिक और सामाजिक जिम्मेदारियों को दर्शाने का अवसर भी है। प्लास्टिक प्रदूषण को रोकने और पर्यावरण को स्वच्छ रखने के लिए यह कदम उठाया गया है। हम सभी श्रद्धालुओं, दुकानदारों और आयोजकों से सहयोग की अपेक्षा करते हैं।"

आयोजकों और दुकानदारों के लिए दिशा-निर्देश

सभी स्टॉल संचालकों को दोना -पत्तल जैसे सामग्रियों की उपलब्धता सुनिश्चित करनी होगी।

मेला समिति को प्रशासन के साथ समन्वय स्थापित कर नियमों का पालन करवाना होगा।

स्थानीय प्रशासन द्वारा डोना-पत्तल आपूर्तिकर्ताओं की सूची उपलब्ध कराई जाएगी।

श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे अपने साथ कपड़े की थैली लाएँ

राँची जिला प्रशासन ने मेला में शामिल होने वाले सभी श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे अपने साथ कपड़े की थैली लाएँ और प्लास्टिक का उपयोग न करें। साथ ही, मेला परिसर को स्वच्छ रखने में जिला प्रशासन का सहयोग करें।

झारखंड शराब घोटाला मामले में जेल में बंद निलंबित आईएएस विनय चौबे को बड़ी राहत, एसीबी कोर्ट ने दी जमानत

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शराब घोटाला मामले में आरोपी आइएएस विनय कुमार चौबे को बड़ी राहत मिली है। एसीबी कोर्ट ने विनय कुमार चौबे को डिफॉल्ट बेल की सुविधा प्रदान की है। 91 दिनों बाद विनय चौबे को एसीबी के स्पेशल कोर्ट से सशर्त जमानत मिल गयी है।

चार्जशीट दाखिल नहीं होने पर मिली जमानत

एसीबी के स्पेशल कोर्ट ने विनय चौबे को सशर्त जमानत दे दी है। 90 दिनों की समय सीमा पूरी होने के बाद भी चार्जशीट दाखिल नहीं होने पर जमानत मिली है। विनय चौबे की ओर से अधिवक्ता देवेश आजमानी ने कोर्ट में पैरवी की। कोर्ट ने बीएनएसएस की धारा 187(2) के तहत विनय चौबे को डिफॉल्ट बेल दी है। बता दें किसी भी मामले में आरोपी के जेल में रहते हुए जांच अधिकारी को 60 या 90 दिनों में जांच पूरी कर चार्जशीट दाखिल करनी होती है।

कोर्ट ने रखी ये शर्तें

कोर्ट ने शर्त रखी है कि जमानत पर रहने के दौरान उन्हें राज्य से बाहर जाने से पहले अदालत को सूचना देनी होगी। इसके अलावा वे ट्रायल के दौरान अपना मोबाइल नंबर नहीं बदल सकते हैं। जमानत के लिए अदालत ने 25-25 हजार रुपये के दो निजी मुचलके भरने की शर्त भी लगाई है।

20 मई को हुई थी गिरफ्तारी

बता दें कि एंटी करप्शन ब्यूरो ने 20 मई 2025 को करीब छह घंटे की पूछताछ के बाद विनय चौबे को गिरफ्तार किया था। इस घोटाले से संबंधित प्रारंभिक एफआईआर में चौबे समेत कुल 13 लोगों को नामजद किया गया था। अब तक झारखंड, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र से 10 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है।

क्या है मामला?

बता दें कि विनय चौबे झारखंड के उत्पाद विभाग के सचिव, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के सचिव और कई अन्य अहम पदों पर कार्य कर चुके हैं। झारखंड में शराब घोटाले की शुरुआत वर्ष 2022 में हुई थी, जब छत्तीसगढ़ की तर्ज पर नई एक्साइज पॉलिसी लागू की गई थी। इस पॉलिसी को लागू करने के लिए छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड से करार किया गया। जांच में सामने आया कि नीति लागू करने की प्रक्रिया के दौरान बड़े पैमाने पर अनियमितताएं हुईं।

आरोप है कि विशेष सिंडिकेट को लाभ पहुंचाने के लिए टेंडर की शर्तों में मनमाना बदलाव किया गया। इस सिंडिकेट ने छत्तीसगढ़ की एक कंसल्टेंट कंपनी के सहयोग से झारखंड में शराब सप्लाई और होलोग्राम सिस्टम के ठेके हासिल किए। जांच में यह भी पाया गया कि टेंडर प्रक्रिया के दौरान जमा की गई बैंक गारंटियां फर्जी थीं, जिससे राज्य सरकार को भारी आर्थिक नुकसान हुआ।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और PM नरेंद्र मोदी ने शिबू सोरेन को दी श्रद्धांजलि, परिजनों से की मुलाकात

नई दिल्ली, 4 अगस्त 2025: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन पर आज देश की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु और प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल पहुंचकर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।

राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री दोनों ने दिवंगत शिबू सोरेन के पार्थिव शरीर पर माल्यार्पण किया। इस दुखद घड़ी में उन्होंने मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन, विधायक श्रीमती कल्पना सोरेन और अन्य परिजनों से भी मुलाकात कर अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त कीं। उन्होंने ईश्वर से प्रार्थना की कि वे दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें और शोकाकुल परिवार को इस कठिन समय में संबल दें।

शिबू सोरेन का निधन झारखंड समेत पूरे देश के लिए एक बड़ी क्षति है, और उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए कई गणमान्य व्यक्ति पहुंच रहे हैं।

शिबू सोरेन की तबियत फिर बिगड़ी, सीएम हेमंत सोरेन पिता के हाल जानने पहुंचे

रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन गुरुवार को विधानसभा के मॉनसून सत्र में हिस्सा लेने के बाद दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं। मिली जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री के पिता और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के अध्यक्ष शिबू सोरेन का इलाज दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में चल रहा है, जहां उनकी तबीयत में काफी उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गुरुवार को विधानसभा की सर्वदलीय बैठक के बाद पत्रकारों को बताया था कि डॉक्टरों ने अभी तक शिबू सोरेन की तबीयत ठीक होने में लगने वाले समय के बारे में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी है। इस खबर के बाद से ही शिबू सोरेन के स्वास्थ्य को लेकर अटकलें लगाई जा रही थीं।

मुख्यमंत्री के दिल्ली पहुंचने के बाद यह उम्मीद की जा रही है कि वे डॉक्टरों से मिलकर अपने पिता के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी लेंगे। शिबू सोरेन, जिन्हें 'गुरुजी' के नाम से भी जाना जाता है, झारखंड की राजनीति में एक बड़ा चेहरा हैं और उनके स्वास्थ्य को लेकर राज्य भर में चिंता का माहौल है।

मुख्यमंत्री के अचानक दिल्ली जाने से यह साफ हो गया है कि शिबू सोरेन का स्वास्थ्य गंभीर चिंता का विषय है। राज्य के सभी राजनीतिक दल और नेता उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना कर रहे हैं। विधानसभा के मॉनसून सत्र के बीच मुख्यमंत्री का इस तरह दिल्ली जाना उनके लिए एक कठिन समय है, जहां उन्हें राज्य के महत्वपूर्ण मुद्दों के साथ-साथ अपने पिता के स्वास्थ्य की भी चिंता करनी पड़ रही है।

*৭টি সাদা ঘোড়ার ছবি কিন্তু আপনার ভাগ্য ফিরে আসতে পারে*

ডেস্ক : বাস্তুশাস্ত্র মনে করে ৭টি ছুটন্ত সাদা ঘোড়া আসলে শক্তিশালী সূর্যের প্রতীক। বাস্তুশাস্ত্র মেনে বাড়ি তৈরি করার চল তো রয়েইছে। এমনকী বাড়ির কোথায় কোন জিনিস থাকবে তাও অনেকে বাস্তুশাস্ত্র মেনেই করে থাকেন। কিন্তু জানেন একটা ছোট্ট জিনিস একটা ছোট্ট জিনিস বাড়িতে রাখলেই ঘুরে যেতে পারে ভাগ্যের চাকা। শুধু চাই দেওয়ালে একফালি জায়গা। বাড়িতে ৭টি সাদা ঘোড়ার ছবি রাখলে তা শুভ বলে মনে করা হয়। এই ছবিকে একসঙ্গে সৌভাগ্য, সম্পদ, এবং উন্নতির প্রতীক হিসাবে ধরা হয়। আপনি চাইলে প্রিয়জনকে উপহার হিসাবেও দিতে পারেন এই ছবি। বাস্তুশাস্ত্র বলেছে এই ধরনের ছবি বাড়িতে ইতিবাচক শক্তি নিয়ে আসে।

জীবনের প্রতিটা পদে উন্নতির ক্ষেত্রে সহায়কের ভূমিকা নেয়। তবে ঘরের যে কোনও প্রান্তে এটা রাখলে হবে এমনটা নয়। বাস্তুশাস্ত্র বলেছে, ৭টি সাদা ঘোড়ার ছবি পূর্ব দিকে দেওয়ালে রাখলে কর্মজীবনে উন্নতি, সমাজে প্রতিষ্ঠা লাভের সম্ভাবনা বাড়তে থাকে। তবে রাখা যেতে পারে দক্ষিণ দিকেও। যার জেরে সামগ্রিক সাফল্য এবং খ্যাতির রাস্তা খুলে যায়। বিশ্বাস করা হয় সাতটি ঘোড়া সূর্যের প্রতীক। সূর্য ও ঘোড়া একইসঙ্গে শক্তি ও সাফল্যের প্রতিনিধিত্ব করে থাকে। তবে ছবি কেনার ক্ষেত্রে কয়েকটি বিষয়ে নজর রাখতে হবে। ঘোড়াগুলির মুখ যেন স্পষ্ট দেখা যায়। তাদের দেখে যেন মনে হয় যেন তারা আনন্দে ছুটে আসছে। পিছনে যদি সূর্যদয়ের মুহূর্ত থাকে তাহলে খুবই ভাল। ঘোড়াগুলির রঙ অবশ্যই সাদা হবে। গলায় থাকবে না কোনও লাগাম।

সৌজন্যে: www.machinnamasta.in

शराब घोटाले में चेतन्य बघेल को मिले थे 16.70 करोड़, ईडी ने पूर्व सीएम के बेटे की गिरफ्तारी को लेकर जारी किया बयान

रायपुर- छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एक और बड़ी कार्रवाई करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पुत्र चैतन्य बघेल को 18 जुलाई 2025 को गिरफ्तार कर लिया है। यह गिरफ्तारी धनशोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत की गई है। ईडी ने उन्हें विशेष न्यायालय (PMLA), रायपुर में पेश किया, जहां से उन्हें 22 जुलाई 2025 तक ईडी की रिमांड पर भेज दिया गया है। चेतन्य बघेल की गिरफ्तारी को लेकर ईडी ने एक अधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति जारी की है।

प्रेस को जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि ईडी की यह जांच ACB/EOW रायपुर द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आधार पर शुरू की गई थी, जिसमें आईपीसी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था। पुलिस और ईडी की जांच में यह सामने आया है कि 2019 से 2022 के बीच हुए इस शराब घोटाले से राज्य सरकार को भारी वित्तीय नुकसान हुआ और करीब 2500 करोड़ रुपये की अवैध आय (Proceeds of Crime – POC) अर्जित की गई।

चैतन्य बघेल के खिलाफ आरोप क्या हैं?

ईडी के अनुसार, चैतन्य बघेल ने 16.70 करोड़ रुपये की अवैध कमाई को अपने रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स में खपाया। उन्होंने यह पैसा नकद में ठेकेदारों को भुगतान, फर्जी बैंक एंट्री और फ्लैट खरीद के बहाने से उपयोग किया। वह त्रिलोक सिंह ढिल्लों के साथ मिलकर एक ‘विठ्ठलपुरम’ नामक परियोजना में फर्जी फ्लैट खरीद की योजना बनाकर 5 करोड़ रुपये प्राप्त करने के आरोप में भी घिरे हैं। इन फ्लैटों को ढिल्लन के कर्मचारियों के नाम पर खरीदा गया था, लेकिन असल लाभार्थी चैतन्य ही थे।

जांच में यह भी पाया गया कि चैतन्य ने इस घोटाले से जुड़े 1000 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध धनराशि को हैंडल किया और इसे अनवर ढेबर एवं अन्य के माध्यम से छत्तीसगढ़ कांग्रेस के तत्कालीन कोषाध्यक्ष तक पहुंचाया गया। यह राशि बघेल परिवार के करीबी लोगों द्वारा आगे निवेश के लिए प्रयोग की गई।

अब तक कौन-कौन फंसे हैं?

इस मामले में अब तक ईडी द्वारा जिन प्रमुख लोगों को गिरफ्तार किया गया है, उनमें शामिल हैं:अनिल टुटेजा (पूर्व आईएएस),अरविंद सिंह, त्रिलोक सिंह ढिल्लन,अनवर ढेबर, अरुणपति त्रिपाठी कवासी लखमा (तत्कालीन आबकारी मंत्री और वर्तमान विधायक)ईडी ने बताया कि यह घोटाला सिर्फ शराब बिक्री तक सीमित नहीं है, बल्कि इससे अर्जित धन का उपयोग राजनीतिक और निजी निवेशों में किया गया है। मामले में धन की अंतिम उपयोगिता की जांच अभी चल रही है और आने वाले समय में और भी खुलासे संभव हैं।

*सीएम योगी ने नौसढ़ बांसगांव मार्ग का नाम पुनः राजा भुवनेश प्रताप नारायण सिंह मार्ग रखने का आश्वासन दिया*

खजनी गोरखपुर।।वर्षों पहले तक नौसढ़ के हरैया तिराहे से खजनी बांसगांव मार्ग का नाम उनवल राज घराने के राजा भुवनेश प्रताप नारायण मार्ग था, किंतु इस सड़क के नवनिर्माण व चौड़ीकरण के दौरान किसी अज्ञात वाहन की ठोकर से मार्ग का नाम दर्शाने वाला शिलापट्ट टूट कर नष्ट हो गया।

राज घराने से संबंध रखने वाले उनवल नगर पंचायत के मूल निवासी तथा पूर्व ग्रामप्रधान व जिला पंचायत सदस्य हरिशंकर सिंह ने सोमवार को लखनऊं पहुंच कर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से शिष्टाचार मुलाकात की तथा क्षेत्रीय समस्या पर चर्चा के दौरान उन्होंने बताया कि ब्रिटिश शासन काल में जब बस्ती, देवरिया गोरखपुर जिले का हिस्सा था उस समय गोरखपुर से बांसगांव जाने वाले कच्चे मार्ग से राजा उनवल से बग्घी से गोरखपुर आने जाने के लिए तत्कालीन उनवल स्टेट के राजा भुवनेश प्रताप नारायण सिंह को परेशानी होती थी, तब राजा उनवल ने अपने राजकोष से नौसढ़ से बांसगांव मार्ग का निर्माण कंक्रीट से कराया था तथा नौसढ़ हरैया में जहां से मार्ग शुरू होता है वहां पर चार फुट चौड़ा व पांच फुट लम्बे पत्थर का शिलापट्ट लगवाया था जिस पर राजा भुवनेश प्रताप नारायण सिंह मार्ग मोटे अक्षरों में शिलापट्ट को काट कर लिखा गया था। जो कि वर्ष 1996 में किसी अज्ञात ट्रक की टक्कर लगने से टूट गया था।

उन्होंने बताया कि सीएम योगी ने उक्त मार्ग का नाम पुनः राजा भुवनेश प्रताप नारायण सिंह मार्ग करने और भव्य शिलापट्ट लगवाने का आश्वासन दिया। साथ ही उन्होंने नगर पंचायत उनवल में वार्ड संख्या 9 में स्थित सरकारी भूमि पर बारात घर बनवाने का आश्वासन भी दिया जानकारी मिलते ही उनवल के लोगों ने खुशी की लहर दौड़ गई है तथा नगर पंचायत उनवल के लोगों सतीश सिंह, यमुना सिंह, पूर्व नगर अध्यक्ष उमाशंकर निषाद नगर पंचायत अध्यक्ष उनवल एडवोकेट महेश कुमार दूबे, इन्द्र कुमार निगम मंडल अध्यक्ष, मनोज राम त्रिपाठी, संतोष राम त्रिपाठी, सभासद श्रीप्रकाश गुप्ता, योगेश कुमार वर्मा, राजन पासवान, अज्जू खान ने आभार जताया।

50 साल पहले जब इंदिरा गांधी ने देश में लगा दिया था आपातकाल, जानें इमरजेंसी का “काला सच”

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25 जून 1975 की आधी रात जब देश पर आपातकाल थोप दिया गया था। लोकतंत्र के इतिहास में इस दिन को काला दिन माना जाता है। यही वो दिन था जब तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने संविधान के अनुच्छेद 352 के तहत, इंदिरा गांधी की सरकार की सिफारिश पर आपातकाल की घोषणा की। देश में आपातकाल लग चुका है इसका ऐलान खुद प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने रेडियो पर किया।

25 जून 1975 की आधी रात को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल की घोषणा की। 26 जून, 1975 की सुबह इंदिरा गांधी ने ऑल इंडिया रेडियो पर कहा, 'राष्ट्रपति ने देश में इमरजेंसी की घोषणा कर दी है। इसमें घबराने की कोई बात नहीं है...'। इसके बाद से ही विपक्षी नेताओं में हलचल मच गई और गिरफ्तारियों का सिलसिला शुरू हो गया था। पौ फटने के पहले ही विपक्ष के कई बड़े नेता हिरासत में ले लिए गए। यहां तक कि कांग्रेस में अलग सुर अलापने वाले चंद्रशेखर भी हिरासत में लिए गए नेताओं की जमात में शामिल थे।

ये इमरजेंसी 21 मार्च, 1977 तक देशभर में लागू रही। स्वतंत्र भारत के इतिहास में ये 21 महीने काफी विवादास्पद रहे। लोकतांत्रिक देश में भी ऐसा कुछ हो सकता है, यह किसी ने सपने में भी नहीं सोचा था। यह भी कि लोकतांत्रिक देश की संसद में किसी दल की मजबूती का बेजा इस्तेमाल की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। इन 21 महीनों में जो कुछ भी हुआ। सत्ता दल अभी भी कांग्रेस को समय-समय पर कोसते रहते हैं। गांधी परिवार के दिग्गज नेता राहुल गांधी ने इस इमरजेंसी को गलत बताया और खुले तौर पर माफी भी मांगी थी।

इंदिरा सरकार ने बताई आपातकाल लागू करने के पीछे कई वजहें

इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस ने 1971 के लोकसभा चुनावों में शानदार जीत हासिल की थी। तत्कालीन 521 सदस्यीय संसद में कांग्रेस ने 352 सीटें जीती थीं। उन दिनों इंदिरा गांधी की सरकार पर भारत अस्थिरता के दौर से गुजर रहा था। गुजरात में सरकार के खिलाफ छात्रों का नवनिर्माण आंदोलन चल रहा था। बिहार में जयप्रकाश नारायण (JP) का आंदोलन चल रहा था। 1974 में जॉर्ज फर्नांडिस के नेतृत्व में रेलवे हड़ताल चल रही थी। आपातकाल लागू करने के पीछे कई वजहें बताई जाती हैं। इसमें से मुख्य कारण था राजनीतिक अस्थिरता।

इलाहाबाद हाई कोर्ट के एक फैसले के बाद बढ़ा तनाव

इस राजनीतिक अस्थिरता की शुरुआत उस वक्त हुई, जब इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 12 जून 1975 को इंदिरा गांधी को चुनावी धांधली का दोषी पाया और उन्हें छह साल के लिए किसी भी चुने हुए पद पर आसीन होने से वंचित कर दिया। इस फैसले के बाद, देश भर में विरोध प्रदर्शन और राजनीतिक तनाव बढ़ गया।

इन्ही सब को देखते हुए इंदिरा गांधी को देश में इमरजेंसी लगानी पड़ी। इंदिरा गांधी और उनकी सरकार ने दावा किया कि देश में गहरी अशांति और आंतरिक अस्थिरता है, जिसके चलते राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा है। इसी कारण से उन्होंने आपातकाल की घोषणा की, जिससे वे बिना किसी विधायी और न्यायिक हस्तक्षेप के सरकार चला सकें।

असहमति के हर स्वर का मुंह बंद किया

इमरजेंसी लागू होने के तुरंत बाद विपक्षी नेताओं को जेल में डालने का सिलसिला शुरु हो गया। इनमें जयप्रकाश नारायण, लालकृष्ण आडवाणी, अटल बिहारी वाजपेयी और मोरारजी देसाई समेत कई बड़े नेताओं का नाम था, जो कई महीनों और सालों तक जेल में पड़े रहे थे। आरएसएस समेत 24 संगठनों पर बैन लगा दिया गया। इसके अलावा, इंदिरा गांधी की सरकार ने देश में व्यापक सामाजिक और आर्थिक सुधारों की शुरुआत की, जिसमें जबरन नसबंदी और स्लम क्लीयरेंस जैसे कठोर उपाय शामिल थे। कई इतिहासकारों का मानना है कि आपातकाल का उपयोग इंदिरा गांधी ने अपनी सत्ता को मजबूत करने और विरोधी आवाजों को दबाने के लिए किया। यह घटना भारतीय लोकतंत्र पर एक गहरा आघात थी और इसने देश के राजनीतिक इतिहास में एक गहरी छाप छोड़ी।

EE को दो लाख रुपए रिश्वत लेते ACB ने रंगे हाथ पकड़ा, निविदा प्रक्रिया से पहले ठेका देने के लिए मांगी थी घूस

जगदलपुर- एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने लोक निर्माण विभाग के विद्युत यांत्रिकी डिपार्टमेंट के कार्यपालन अभियंता को दो लाख रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. अधिकारी अजय कुमार ने निविदा प्रक्रिया से पहले काम दिलाने के एवज में ठेकेदार से दो लाख रुपए एडवांस की मांग की थी.

जानकारी के अनुसार. ठेकेदार की शिकायत पर एसीबी ने कार्यपालन अभियंता अजय कुमार को रंगे हाथ पकड़ने के लिए जाल बिछाया. इसके बाद तय समय और तारीख के हिसाब से ठेकेदार ने शुक्रवार को जगदलपुर के साकेत कॉलोनी में स्थित अभियंता के सरकारी आवास में उसे रकम सौंपी, वैसे ही एसीबी की टीम ने अभियंता को मौके पर रंगे हाथ रिश्वत लेते धर दबोचा.

फिलहाल, एसीबी द्वारा आगे की कार्रवाई करते हुए अभियंता से पूछताछ कर रही है. कार्यपालन अभियंता के रिश्वत लेते पकड़े जाने के बाद लोक निर्माण विभाग में रायपुर से लेकर जगदलपुर तक हलचल मची हुई है.

गया जी में कांग्रेस कार्यालय में राहुल गांधी का केक काटकर कार्यकर्ताओं ने मनाया जन्मदिन, विशेष कार्यक्रम का हुआ आयोजन

गया शहर के राजेंद्र आश्रम स्थित कांग्रेस कार्यालय में गुरुवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी का कार्यकर्ताओं और नेताओं ने केक काटकर जन्मदिन मनाया गया। जिसकी अध्यक्षता कांग्रेस के जिला अध्यक्ष संतोष कुमार ने किया। इस अवसर पर जिला कांग्रेस कार्यालय में विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें अनेक वरिष्ठ कांग्रेस नेता, युवा कार्यकर्ता एवं सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए। इस अवसर पर जिलाध्यक्ष संतोष कुमार ने राहुल गांधी को भारत माता का वीर सपूत बताते हुए कहा कि वे ना कभी अन्याय से डरते हैं और ना ही अत्याचार के सामने झुकते हैं।

उन्होंने हमेशा संविधान, लोकतंत्र और गरीबों की आवाज़ को बुलंद किया है। उनके नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी ने सामाजिक न्याय, आर्थिक समानता और युवाओं के अधिकारों को लेकर देशव्यापी आंदोलन चलाया है। कार्यक्रम में उपस्थित वक्ताओं ने राहुल गांधी के संघर्षशील एवं निर्भीक व्यक्तित्व की प्रशंसा करते हुए कहा कि वे आज के समय में एकमात्र ऐसे नेता हैं जो सच्चाई की राह पर चलते हुए सत्ता से सवाल करने का साहस रखते हैं।

उनकी भारत जोड़ो यात्रा ने देश को जोड़ने, नफरत मिटाने और आपसी सद्भावना को मजबूत करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कार्य किया है।

कार्यक्रम के अंत में सभी कार्यकर्ताओं ने उनके दीर्घायु एवं उत्तम स्वास्थ्य की कामना की और यह संकल्प लिया कि कांग्रेस पार्टी को मजबूती देने हेतु राहुल गांधी जी के विचारों को गांव-गांव तक पहुंचाया जाएगा, जन्मदिन पर प्रभावती अस्पताल मे मरीजों को फल वितरण दलित मुहल्ला मे पाठ्य समाग्री और मिठाई का वितरण किया गया। इस कार्यक्रम मे कार्यकारी अध्यक्ष सहाबुद्दीन रहमानी, पूर्व जिलाध्यक्ष चन्द्रिका प्रसाद यादव, गगन मिश्रा जिला परिषद अध्यक्ष नैना कुमारी गया शहरी विधानसभा प्रभारी मोहम्मद इसत्याक अहमद, देविका सरियार, लालसा देवी, युगल किशोर सिंह, विधा शर्मा, प्रदीप कुमार शर्मा,धर्मेंद्र कुमार निराला,रंजीत सिंह, संजय कुमार, सम्मी अख्तर खान, धर्मेंद्र शर्मा, शिवकुमार चौरसिया,राजकपुर गुप्ता,अब्दुल रकीब, विकास यादव,, राजीव कुमार सिंह, केदार प्रसाद, धीरज वर्मा, दामोदर गोस्वामी, शैलेन्द्र चौधरी, धर्मवीर सिंह, रामानुज शर्मा,पंकज यादव, राहुल कुमार, अरविन्द कुमार, मो ताजुदिन, जयकान्त प्रसाद,रामनुज शर्मा, नवीन कुमार, वीरेंद्र सिंह, शिवनाथ प्रसाद, राहुल चंद्रवंशी,नवनीत कुमार,राजेश कुमार,बंटी यादव, कर्यालय प्रभारी कमलेश चंद्रवंशी, कार्यालय सचिव अशोक प्रसाद भारती सहित कांग्रेस कार्यकर्ताओ उपस्थित रहे।

जगन्नाथपुर रथ मेला 2025 के लिए रांची जिला प्रशासन ने किए कई महत्वपूर्ण निर्णय

उपायुक्त-सह-जिला दण्डाधिकारी, रांची श्री मंजूनाथ भजन्त्री द्वारा आज दिनांक 19 जून 2025 को समाहरणालय ब्लॉक- ए स्थित सभागार में राँची जिला प्रशासन द्वारा ऐतिहासिक रथ मेला 2025 के सफल आयोजन हेतु बैठक करते हुए विभिन्न निर्णय लिए गए।

बैठक में पुलिस अधीक्षक, शहर, पुलिस अधीक्षक, ग्रामीण, पुलिस अधीक्षक, यातायात, अपर जिला दण्डाधिकारी (विधि-व्यवस्था), राँची, अनुमंडल पदाधिकारी सदर राँची, अपर नगर आयुक्त, राँची, सिविल सर्जन, राँची, जिला नजारत उप समाहर्त्ता, राँची, आवासीय दण्डाधिकारी, हटिया, राँची, सहायक उत्पाद आयुक्त, राँची, जिला जनसम्पर्क पदाधिकारी राँची, जिला खनन पदाधिकारी, राँची, जिला जन सम्पर्क पदाधिकारी राँची, जिला अग्निशमन पदाधिकारी, राँची, अंचल अधिकारी नामकुम/नगड़ी, प्रखण्ड विकास पदाधिकारी नामकुम/नगड़ी, कार्यपालक अभियंता, पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल, हटिया, राँची, कार्यपालक अभियंता, ग्रामीण अभियंत्रण संगठन, कार्य प्रमंडल, रांची, कार्यपालक अभियंता, विद्युत, कुसई कॉलोनी, डोरण्डा रॉची, कार्यपालक अभियंता, जिला परिषद, राँची, थाना प्रभारी जगन्नाथपुर / धुर्वा / हटिया, मुख्य नगर प्रशासक, एच०ई०सी० राँची, सेवाईत (प्रथम सेवक) जगन्नाथपुर मंदिर, अध्यक्ष / सचिव, भारत सेवा संघ अध्यक्ष / जगन्नाथपुर मंदिर न्यास समिति के सदस्यगण उपस्थित थे।

बैठक में सर्वप्रथम उपायुक्त द्वारा सभी समितियों के सदस्यों से मेले के आयोजन के संबंध में जानकारी ली गई एवं समिति के सदस्यों द्वारा अपनी ल आवश्यकताओं के संबंध में अवगत कराया गया। मेले के सफल आयोजन हेतु उपायुक्त द्वारा विभागीय अधिकारियों से विधि-व्यवस्था को लेकर समीक्षा की गई। बैठक में उपस्थित सभी विभागीय पदाधिकारियों को उनके कार्यक्षेत्र अनुसार कार्य करने का निर्देश दिया गया।

बैठक में निम्न मुख्य बिंदुओं पर चर्चा करते हुए आवश्यक दिशा निर्देश दिया गया:-

(1) मेले में सुरक्षा के दृष्टिकोण से पांच मुखी मुहाने पर वाच टावर लगाने एवं माइक लाइट की व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया।

(2) मेले में पेयजल की व्यवस्था हेतु डीप बोरिंग करने एवं बिजली/ जेनरेटर की व्यवस्था करने हेतु विभागीय पदाधिकारी को निर्देश दिया गया।

(3) श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु रथ यात्रा के मार्ग पर मिट्टी/ मोरम या स्टोन डस्ट डालने हेतु कहा गया।

(4) मेला परिसर में साफ़ सफाई एवं शौचालय की व्यवस्था को लेकर बायो टॉयलेट की सुविधा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया।

(5) मेला परिसर के आस पास मांस मछली एवं शराब के विक्रय पर प्रतिबन्ध लगाया गया।

(6) प्रशासनिक शिविर एवं मिडिया शिविर बनाने का निर्देश दिया गया।

(7) जगरन्नाथ मंदिर एवं मौसीबाड़ी तक सुरक्षा बलों की तैनाती एवं स्थानीय थाना प्रभारियों को आयोजन स्थल पर सीसीटीवी कैमेरा लगाने का भी निर्देश दिया गया।

(8) विभिन्न समितियों के सदस्यों एवं वालंटियर्स (volunteer) को पहचान पत्र समिति निर्गत करें ।

(9) मेले के आयोजन के दौरान मेला परिसर के पास भारी वाहनों के आवागमन वर्जित रखने एवं यातायात व्यवस्था को सुगम बनाये रखने हेतु रूट डाइवर्ट रखने का निर्देश दिया गया।

(10) चिकित्सा सुविधा हेतु मेला परिसर में एम्बुलेंस उपलब्ध कराने एवं अग्निशमन वाहन उपलब्ध कराने का निर्देश विभागीय पदाधिकारियों को दिया गया।

(11) साथ ही पुलिस कंट्रोल रूम की व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया।

(12) मेले के आयोजन के दौरान असामाजिक तत्वों पर निगरानी रखने सहित अन्य विभिन्न विषयों पर भी चर्चा करते हुए संबंधित पदाधिकारी को आवश्यक दिशा निर्देश दिया गया।

मेला के दौरान लगने वाले झूला में सुरक्षा मानको को लेकर विशेष निर्देश

उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी रांची ने सम्बंधित अधिकारी को निर्देश देते हुए कहा की जगन्नाथपुर रथ मेला 2025 के दौरान लगने वाले झूलों में कोई दुर्घटना ना घटे इसको लेकर सम्बंधित सभी झूला संचालक सम्बंधित सुरक्षा मानकों का ध्यान रखेंगे। साथ ही इसे सम्बंधित प्रमाण पत्र उपलब्ध रखेंगे।

प्लास्टिक व अन्य गैर-नष्ट होने वाली सामग्रियों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का निर्देश

उपायुक्त द्वारा जगन्नाथपुर रथ मेला 2025 के दौरान मेला परिसर में पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए दोना-पत्तल जैसे पर्यावरण-अनुकूल सामग्रियों के उपयोग को अनिवार्य करने और प्लास्टिक व अन्य गैर-नष्ट होने वाली सामग्रियों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया गया।

राँची जिला प्रशासन ने आगामी जगन्नाथपुर रथ मेला 2025 के आयोजन के दौरान मेला परिसर में स्वच्छता, स्वास्थ्य और पर्यावरण संरक्षण को सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश जारी किए हैं। उपायुक्त, राँची ने मेला परिसर में प्लास्टिक, थर्मोकोल और अन्य गैर-बायोडिग्रेडेबल सामग्रियों के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया। इसके स्थान पर, सभी दुकानदारों, खाद्य स्टॉल संचालकों और आयोजकों को दोना, पत्तल और अन्य बायोडिग्रेडेबल सामग्रियों का उपयोग करने का निर्देश दिया गया है।

उपायुक्त ने सम्बंधित पदाधिकारी को निर्देश देते हुए कहा की मेला परिसर में प्लास्टिक की थैलियों, डिस्पोजेबल ग्लास, प्लेट्स, चम्मच और अन्य सामग्रियों का उपयोग पूरी तरह से निषिद्ध होगा।

पर्यावरण-अनुकूल विकल्प खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थों के लिए केवल डोना, पत्तल, बाँस या मिट्टी से बने बर्तनों का उपयोग करने का निर्देश दिया।

जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश

उपायुक्त ने मेला परिसर में श्रद्धालुओं और दुकानदारों के बीच पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता चलाने का निर्देश दिया।

उक्त निर्देशों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, जिसमें जुर्माना और स्टॉल बंद करने जैसे कदम शामिल हो सकते हैं। इसके लिए विशेष निगरानी दल गठित किए जाएंगे।

जगन्नाथ मेला न केवल एक धार्मिक आयोजन है, बल्कि यह हमारी सांस्कृतिक और सामाजिक जिम्मेदारियों को दर्शाने का अवसर भी है

उपायुक्त ने कहा, जगन्नाथपुर रथ मेला 2025 न केवल एक धार्मिक आयोजन है, बल्कि यह हमारी सांस्कृतिक और सामाजिक जिम्मेदारियों को दर्शाने का अवसर भी है। प्लास्टिक प्रदूषण को रोकने और पर्यावरण को स्वच्छ रखने के लिए यह कदम उठाया गया है। हम सभी श्रद्धालुओं, दुकानदारों और आयोजकों से सहयोग की अपेक्षा करते हैं।"

आयोजकों और दुकानदारों के लिए दिशा-निर्देश

सभी स्टॉल संचालकों को दोना -पत्तल जैसे सामग्रियों की उपलब्धता सुनिश्चित करनी होगी।

मेला समिति को प्रशासन के साथ समन्वय स्थापित कर नियमों का पालन करवाना होगा।

स्थानीय प्रशासन द्वारा डोना-पत्तल आपूर्तिकर्ताओं की सूची उपलब्ध कराई जाएगी।

श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे अपने साथ कपड़े की थैली लाएँ

राँची जिला प्रशासन ने मेला में शामिल होने वाले सभी श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे अपने साथ कपड़े की थैली लाएँ और प्लास्टिक का उपयोग न करें। साथ ही, मेला परिसर को स्वच्छ रखने में जिला प्रशासन का सहयोग करें।