ई-आरोग्य पाठशाला में नियमित टीकाकरण को लेकर हुई बात
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गोरखपुर। जिले के सीएमओ डॉ राजेश झा की पहल चल रही ई-आरोग्य पाठशाला में इस मंगलवार नियमित टीकाकरण (आरआई) कार्यक्रम को लेकर चर्चा हुई। आरआई महाप्रबंधक डॉ मनोज शुक्ला ने आरआई कार्यक्रम से संबंधित प्रमुख हस्तक्षेपों और मुख्य संदेशों के बारे में जानकारी दी। वहीं जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ नंदलाल कुशवाहा ने प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों और अधीक्षक के साथ एक वर्चुअल बैठक में सर्पदंश की दशा में उठाए जाने वाले प्रभावी कदम और एंटी स्नक वेनम की उपलब्धता के बारे में बात की।
इस अवसर पर सीएमओ डॉ राजेश झा ने बताया कि सभी ब्लॉक स्तरीय चिकित्सा इकाइयों, शहरी स्वास्थ्य केंद्रों और आयुष्मान आरोग्य मंदिरों पर नियमित टीकाकरण की सुविधा उपलब्ध है। वहीं ब्लॉक स्तरीय चिकित्सा इकाइयों पर एंटी स्नेक वेनम की सुविधा भी मौजूद है।
ई-आरोग्य पाठशाला में नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए आरआई महाप्रबंधक डॉ मनोज शुक्ला ने कहा कि टीकाकरण की सेवा देने के साथ साथ सही संदेश देना नितांत जरूरी है। लोगों को यह बताया जाना चाहिए कि सरकारी अस्पतालों से लगने वाले गुणवत्तायुक्त टीके बच्चे के जन्म से पांच साल की उम्र तक कुल सात बार लगाए जाते हैं। इन टीकों से बारह प्रकार की गंभीर बीमारियों से जीवन की रक्षा होती है।
लाभार्थी को एक टीका लगने के बाद यूविन पोर्टल के जरिये अगले टीके की सूचना दी जाती है। ऐसे में उन्हें संदेश दिया जाए कि निर्धारित तिथि पर आकर टीकाकरण अवश्य करवा लें। नियमित टीकाकरण के साथ ही यह भी बता दें कि कुछ टीकों के लगने के बाद बुखार होना स्वाभाविक है और इनसे घबराने की जरूरत नहीं है। ऐसे टीके लगाते समय बुखार की दवा भी अवश्य दे दें। लाभार्थी समुदाय में टीकाकरण की विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए कोल्ड चेन को हमेशा मेंटेन रखना चाहिए।
वर्चुअल बैठक में सर्पदंश के बारे में चर्चा करते हुए डीआईओ डॉ नंदलाल कुशवाहा ने कहा कि इसका इलाज जिला अस्पताल और सभी ब्लॉक स्तरीय अस्पतालों में मौजूद है। सांप काटने के लक्षण दिखते ही बिना देरी किए मरीज को अस्पताल लाना चाहिए। झाड़ फूंक में समय बिल्कुल नहीं गंवाना चाहिए। सर्पदंश के प्रमुख लक्षणों में धुंधला दिखना, तेज ह्रदय गति, कमजोर नाड़ी, निम्न रक्तचाप, सांस लेने में कठिनाई, उल्टी, मतली या दस्त, काटे गए जगह पर दर्द, लालिमा, सूजन, फफोले पड़ना और घाव पर दांत के निशान शामिल हैं। ये लक्षण दिखते ही बिना देरी किए यथाशीघ्र अस्पताल पहुंचना चाहिए।
सीएमओ कार्यालय से एसीएमओ आरसीएच डॉ एके चौधरी, डिप्टी सीएमओ डॉ राजेश, डब्ल्यूएचओ प्रतिनिधि डॉ विनय और जिला मलेरिया अधिकारी अंगद सिंह भी बैठक में शामिल हुए। ई-आरोग्य पाठशाला के आयोजन में डीसीपीएम रिपुंजय पांडेय और इको इंडिया की टीम ने विशेष सहयोग किया।
3 hours ago