झारखंड में स्वास्थ्य सेवाओं को मिलेगा नया आयाम: सदर अस्पताल, रांची में बनेगा केंद्रीय रेडियोलॉजी हब, मिलेगी 24x7 टेलीरेडियोलॉजी सुविधा
रांची, झारखंड: झारखंड सरकार ने राज्य में रेडियोलॉजी सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है. अब सदर अस्पताल, रांची में एक केंद्रीय रेडियोलॉजी हब स्थापित किया जाएगा, जिसका उद्देश्य राज्य के सभी सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में एक्स-रे, सीटी स्कैन और एमआरआई जैसी रेडियोलॉजी सेवाओं की समान और निर्बाध उपलब्धता सुनिश्चित करना है. यह पहल झारखंड की स्वास्थ्य सेवा व्यवस्था को तकनीकी रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है.
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डिजिटल कनेक्टिविटी से दूरदराज के मरीजों को लाभ
स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री अजय कुमार ने बताया कि इस हब के माध्यम से राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों को डिजिटल रूप से जोड़ा जाएगा. इस पहल का मुख्य उद्देश्य दूरदराज और संसाधनविहीन क्षेत्रों में रहने वाले मरीजों को तत्काल, सटीक और डिजिटल रेडियोलॉजिकल रिपोर्टिंग की सुविधा देना है. हब में कार्यरत रेडियोलॉजिस्ट एक्स-रे, सीटी स्कैन और एमआरआई की रिपोर्टों का मूल्यांकन कर संबंधित क्षेत्र और रोगियों को इमेज सहित रिपोर्ट उपलब्ध कराएंगे.
दो चरणों में होगा क्रियान्वयन, 24x7 सेवा
अपर मुख्य सचिव श्री अजय कुमार ने जानकारी दी कि यह योजना दो चरणों में लागू की जाएगी. पहले चरण में राज्य के सभी सदर अस्पताल इस रेडियोलॉजी हब से जोड़े जाएंगे. इससे उन क्षेत्रों में जहां रेडियोलॉजिस्ट उपलब्ध नहीं हैं, वहां के मरीजों को समय पर रिपोर्ट मिल पाएगी और इलाज में देरी नहीं होगी. इस परियोजना पर ₹1,21,27,100 (एक करोड़ इक्कीस लाख सत्ताईस हजार एक सौ रुपये) का खर्च अनुमानित है, जिसे पहले ही स्वीकृति मिल चुकी है.
हब के माध्यम से टेक्नीशियनों को उन्नत प्रशिक्षण भी दिया जाएगा, ताकि वे एक्स-रे, एमआरआई और सीटी स्कैन जैसी तकनीकी प्रक्रियाएं बेहतर ढंग से संचालित कर सकें. यह केंद्रीय रेडियोलॉजी हब 24x7 टेलीरेडियोलॉजी रिपोर्टिंग केंद्र के रूप में काम करेगा, जिससे हर समय विशेषज्ञ सेवाएं उपलब्ध रहेंगी.
परियोजना के मुख्य उद्देश्य
श्री अजय कुमार ने इस परियोजना के मुख्य उद्देश्यों पर प्रकाश डाला:
टर्नअराउंड समय (रिपोर्ट मिलने का समय) कम करके रोगियों को त्वरित निदान उपलब्ध कराना.
स्वास्थ्य सेवा में एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) आधारित इमेजिंग तकनीक को बढ़ावा देना.
शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के बीच स्वास्थ्य सेवाओं की विषमता को कम करना.
स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करना.
निदान क्षमता में वृद्धि और रिपोर्ट की त्वरित उपलब्धता
अपर मुख्य सचिव श्री अजय कुमार ने कहा कि सीएचसी, एसडीएच और रेफरल अस्पतालों जैसे स्वास्थ्य सेवा के अंतिम पड़ावों को केंद्रीय रेडियोलॉजी हब से जोड़ने से स्वास्थ्य क्षेत्र में निदान क्षमता बढ़ेगी. इससे राज्य में रेडियोलॉजिस्टों की कमी से निपटने में भी मदद मिलेगी. साथ ही, समय पर रेडियोलॉजी रिपोर्ट ऑनलाइन उपलब्ध होंगी, जिससे गंभीर बीमारियों की शीघ्र पहचान और उपचार संभव हो सकेगा.
यह नई पहल न केवल चिकित्सा रिपोर्टिंग प्रणाली को दक्ष बनाएगी, बल्कि झारखंड की स्वास्थ्य सेवा व्यवस्था को तकनीकी रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी साबित होगी.
Jul 09 2025, 09:44