चीन जाने वाले हैं एस जयशंकर, जानें गलवान झड़प के बाद क्यों खास है विदेश मंत्री का ये पहला दौरा
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राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बाद अब विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर भी अगले सप्ताह चीन की यात्रा पर जा रहे हैं। विदेश मंत्री एस जयशंकर शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में भाग लेने के लिए 13 जुलाई के आसपास चीन का दौरा करेंगे। पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर 2020 के सैन्य गतिरोध के बाद दोनों देशों के बीच संबंधों में गंभीर तनाव आने के बाद विदेश मंत्री जयशंकर की यह पहली चीन यात्रा होगी।
इस साल एससीओ की अध्यक्षता चीन कर रहा है। चीन एससीओ का वर्तमान अध्यक्ष है और वह समूह की बैठकों की मेजबानी कर रहा है। विदेश मंत्री जयशंकर की यह यात्रा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा शंघाई सहयोग संगठन के रक्षा मंत्रियों की बैठक में भाग लेने के लिए चीनी शहर चिंगदाओ की यात्रा के कुछ ही हफ्तों बाद हो रही है। इस समिट में शामिल होने के लिए विदेश मंत्री एस जशंकर चीन की यात्रा करेंगे।
चीनी विदेश मंत्री के साथ द्विपक्षीय बैठक की भी संभावना
विदेश मंत्री एस जयशंकर की 14 और 15 जुलाई को तिआनजिन में आयोजित एससीओ के विदेश मंत्रियों की काउंसिल बैठक में शामिल होने से पहले बीजिंग में अपने चीनी विदेश मंत्री वांग यी के साथ द्विपक्षीय बैठक करने की संभावना है। दोनों देश के विदेश मंत्रियों के बीच होने वाली यह बैठक भारत और चीन के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच चल रही उन सीरिज बैठकों का हिस्सा होगी, जिसका मकसद दोनों देश के द्विपक्षीय संबंधों को सामान्य करना और लंबे समय से जारी सीमा विवाद का समाधान ढूंढना है।
गलवान घाटी की हिंसा के बाद जयशंकर का पहला दौरा
यह दौरा विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि यह गलवान घाटी की हिंसक झड़प (जून 2020) के बाद जयशंकर की पहली चीन यात्रा होगी। इससे पहले वे अपने चीनी समकक्ष से विभिन्न बहुपक्षीय मंचों पर मिलते रहे हैं, लेकिन यह दौरा द्विपक्षीय संबंधों की बहाली की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
पांच साल में पहली बार प्रतिनिधिमंडल स्तर पर बैठक
विदेश मंत्री का यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब भारत-चीन संबंधों को सामान्य करने की दिशा में कई उच्चस्तरीय मुलाकातें हो चुकी हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की अक्टूबर 2023 में रूस के कजान में ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान हुई द्विपक्षीय बैठक ने इस प्रक्रिया को गति दी। यह बैठक पांच वर्षों में पहली बार प्रतिनिधिमंडल स्तर पर हुई थी। इसके बाद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बीजिंग का दौरा किया और विभिन्न जटिल मुद्दों पर गहन चर्चा की।
Jul 05 2025, 14:11