Jharkhand

Jul 25 2024, 10:19

झारखंड में बढ़ती बांग्लादेशी घुसपैठिया क्या सिर्फ चुनावी मुद्दा है या इसे रोकने के लिए जिम्मेबारी तय करने की जरूरत...?

-विनोद आनंद

गृहमंत्री अमित शाह 20 जुलाई 2024 को रांची में झारखंड विधान सभा चुनाव 2024 का शंखनाद किया और अपने कार्यकर्ताओं को जो चुनावी मुद्दा दिया उसमें कई मुद्दों में एक मुद्दा झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठिये का भी है।

अब सवाल उठता है कि देश के गृहमंत्री के लिए क्या बंगला देशी घुसपैठिया का मुद्दा महज़ एक चुनावी मुद्दा है।या गंभीरता के साथ इसे लेकर अपने केंद्रीय एजेंसियों से इसकी जांच कराकर   उसपर उचित कारबाई कराने की है यह एक बड़ा सवाल है।

अगर सच पूछा जाए तो इन दिनों

सिर्फ झारखंड ही नही बिहार, बंगाल मणिपुर असम और देश के विभिन्न भागों में बंगला देशी घुसपैठिये आसानी से घुसपैठ कर स्थानीय लोगों से मिलकर आधारकार्ड,वोटरकार्ड राशनकार्ड बनाकर यहां स्थायी रूप से बसते जा रहे हैं। इस पूरे मुहिम में स्थानीय लोग, स्थानीय प्रशासन और सरकार की पूरी व्यवस्था सवालों के घेरे में है।

 अब इन घुसपैठियों को रोकने में सरकार कहाँ विफल हो रही है, इसमें केंद्र सरकार और राज्य सरकार की कहाँ चूक है,चुकी यह मामला अंतर्राज्यीय है, कहीं सीधे राज्य में बंगाला देशी घुसपैठ कर रहे हैं तो कहीं दूसरे राज्यों को पार कर दूसरे राज्य में आ रहे हैं और इन सभी मामले में इसे रोकने के लिए किसकी क्या जिम्मबरी है ? इस पर पूरे सरकारी तंत्र की समीक्षा करने और राज्य और केंद्र सरकार को आपसी समन्वय से इस गंभीर स्थिति से नियंत्रण के लिए जिम्मबरी तय करने की जरूरत है।

अब अगर हम बात करें झारखंड में बंगला देशी घुसपैठिये की तो झारखंड के बंगाल के कई सीमावर्ती इलाकों में बंगला देशी घुसपैठिये की संख्यां लगातार बढ़ती जा रही है जो चिंता का विषय है। झारखंड के संथाल परगना के कई जिलों में तो इन दिनों अचानक मुस्लिम आवादी में बृद्धि हुई है, जिसके कारण डेमोग्राफी ;( जनसांख्यिकी) चेंज हुआ है।अब बीजेपी लगातार इसको लेकर झारखंड सरकार पर सवाल खड़े कर रही है।भाजपा हर मंच से बांग्लादेशी घुसपैठ का मुद्दा उठाते हुए डेमोग्राफी चेंज की बात करती है, लेकिन सवाल यह है कि इसका असली जिम्मेवार कौन है ?  राज्य या केंद्र की सरकार! इसपर जिम्मबरी तय करने और इसे रोकने के लिए ईमानदार कोशीश नही हो रही है।

इधर साल 2011 के बाद से देश में जनगणना नहीं हुई है। ऐसे में किसकी संख्या कितनी बढ़ी या कम हुई है और डेमोग्राफी में क्या बदलाव आये है, इसके बारे में सिर्फ अंदाजा लगाया जा सकता है। डेमोग्राफी चेंज मुद्दे पर भाजपा संथाल परगना में मुखर है। बीजेपी 2011 की जनगणना के आधार पर यह मुद्दा उठा रही है। इसके अलावा और भी कई आधार हैं। जिसके कारण भाजपा हावी है।आंकड़ों की बात करें तो 2001 की जनगणना में दुमका की जनसंख्या करीब 11 लाख 7 हजार थी। साल 2011 में दुमका की जनसंख्या बढ़कर करीब 14 लाख हो गई। आंकड़े बताते हैं कि संथाल के सभी 6 जिलों में 12 लाख से ज्यादा नई आबादी बढ़ गई है। बीजेपी का मानना है की यह आंकड़े एक बड़ी साजिश की ओर इशारा करते हैं और बांग्लादेशी घुसपैठियों के बिना इतनी तेजी से आबादी का बढ़ना नामुमकिन है। 

संथाल में सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी पाकुड़ में बढ़ी है। पाकुड़ में मुस्लिम आबादी में करीब 40 इसीसी फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। वहीं, साहिबगंज में मुस्लिम आबादी में 37 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। बीजेपी ने इसके पीछे का सबसे बड़ा कारण बांग्लादेशी घुसपैठ को माना है। संथाल परगना के 6 जिलों में बांग्लादेशी घुसपैठियों को बसाने में यहां के जमीन दलालों की सबसे बड़ी भूमिका रही है। जमीन दलाल गिफ्ट डीड के जरिए बांग्लादेशियों को बसा रहे हैं। आंकड़े बताते हैं कि झारखंड बनने के बाद संथाल परगना में रजिस्ट्री कराने वाली जमीन खरीदने वालों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है।

क्या कहता है भारत सरकार के गृह मंत्रालय का दस्ताबेज

13 दिसंबर 2023 को भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने एक दस्तावेज जारी किया। जिसमें बताया गया कि 120 से अधिक फर्जी वेबसाइट के जरिए फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाए जा रहे हैं। पत्र के जरिए झारखंड को लेकर खास चेतावनी दी गई। 2 जून 2023 को झारखंड पुलिस की स्पेशल ब्रांच ने सभी जिलों के एसपी और डीसी को पत्र लिखा। पत्र संख्या 211/23 के जरिए स्पेशल ब्रांच ने लिखा है कि झारखंड राज्य अंतर्गत संथाल परगना क्षेत्र में बांग्लादेशी घुसपैठियों के प्रवेश की सूचना है।

 स्पेशल ब्रांच को मिली जानकारी के मुताबिक बांग्लादेशी घुसपैठियों को पहले विभिन्न मदरसों में ठहराया जाता है। उसके बाद उनका सरकारी दस्तावेज तैयार किये जाते हैं और फिर उनका नाम मतदाता सूची में शामिल किया जाता है। मतदाता सूची में शामिल होने के बाद उन्हें साजिश के तहत यहां बसाया जाता है। हाल ही में झारखंड हाई कोर्ट द्वारा भी इस मामले की सुनवाई के दौरान गंभीरता से ली गयी है ।

इस मुद्दा को लेकर झारखंड हाई कोर्ट मे पीआईएल दाखिल

जमशेदपुर के रहने वाले दानियाल दानिश ने झारखंड हाई कोर्ट में PIL फाइल की थी कि संथाल परगना में बड़ी तादाद में घुसपैठिए दाखिल हो गए हैं जिससे वहां की डेमोग्राफी चेंज हो रही है और आदिवासियों की संख्या घट रही है। याचिकाकर्ता दानियाल ने अदालत से कहा कि संथाल परगना में बांग्लादेशी घुसपैठिए आदिवासी महिलाओंसे शादी करके उनका धर्म परिवर्तन कर रहे हैं, और उनकी ज़मीनों को गिफ्ट डीड के ज़रिए हथिया रहे हैं। उन्होंने कहा कि घुसपैठिए आदिवासी महिलाओं से शादी करके उनके नाम पर रिजर्व पोस्ट को रिमोट से चला रहे हैं।

घुसपैठियों ने यहां बनवाईं मस्जिद और मदरसे

दानियाल ने अपनी याचिका में हाई कोर्ट से यह भी कहा कि झारखंड के बंगाल से लगने वाले जिलों में घुसपैठियों ने बहुत बड़ी तादाद में मस्जिदें और मदरसे कायम कर लिए हैं। झारखंड हाई कोर्ट ने जिस मसले पर सुनवाई की,

 उसको लेकर संथाल परगना के लोग काफी दिनों से आवाज उठा रहे हैं। कई सोशल वर्कर, आदिवासियों की कम होती आबादी और बदलती डेमोग्राफी को लेकर चिंता जता चुके हैं। संथाल परगना में घुसना इसलिए आसान है क्योंकि वहां से बांग्लादेश केवल 15 किलोमीटर दूर है। संथाल परगना की सीमा पश्चिम बंगाल से लगती है और वहां से बांग्लादेश बॉर्डर ज्यादा दूर नहीं है।

लेकिन सवाल अभी भी वही है, इस बदलती डेमोग्राफी का जिम्मेवार कौन है..?

 इस पर पूर्व मंत्री और भाजपा विधायक रणधीर सिंह का कहना है कि बांग्लादेशी घुसपैठियों के कारण संथाल की डेमोग्राफी प्रभावित हुई है। झारखंड में उनकी सरकार आने पर इस पर कानून बनाया जाएगा। जब उनसे पूछा गया कि घुसपैठ रोकना केंद्र का काम है तो उन्होंने कहा कि दोनों देशों की सीमाएं खुली हैं। फिर उन्होंने इसका दोष पश्चिम बंगाल सरकार पर लगा दिया।

 लेकिन अंत में उन्होंने कहा कि वे गृह मंत्री अमित शाह से इस पर रोक लगाने का अनुरोध करेंगे।'घुसपैठ रोकना केंद्र का काम' है इस मामले में झामुमो नेता प्रेमानंद मंडल का कहना है कि सीमा पर घुसपैठ रोकना केंद्र का काम है।आज भाजपा कानून बनाने की बात करती है, लेकिन जब झारखंड में भाजपा की पांच साल तक रघुवर दास की सरकार के अलावा बाबूलाल मरांडी और अर्जुन मुंडा की सरकार थी, तब वे क्या कर रहे थे? यह सब चुनावी हथकंडा है।

वहीं इस इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि डेमोग्राफी में बदलाव आया है, लेकिन यह सब एक दिन में नहीं हुआ, इसके लिए किसी विशेष पार्टी या सरकार को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता, इसके लिए दोषी केंद्र और राज्य सरकारें दोनों हैं. अगर कोई वास्तव में इसका समाधान चाहता है तो एक सार्थक प्रयास किया जाना चाहिए, जिसमें सभी दलों के बीच आपसी सहमति जरूरी है.

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తప్పు చేస్తే దొరకక తప్పదు

Jul 23 2024, 08:50

Mettur Dam’s Water Level Rises By 30ft In Seven Days

The water level in the Stanley Reservoir at Mettur dam rose by 30 feet in a span of seven days (from July 15 to July 22), following the release of water by Karnataka from the Krishnaraja Sagar and Kabini dams.

Karnataka released water at the rate of 20,000 cusecs into the river Cauvery on July 14. Later, they increased it up to 80,000 cusecs.

Mettur dam’s water level increased steadily as the inflow level was higher than the outflow level. A water resources department official said the water level at the dam was 44.62 feet against its full capacity of 120 feet.

It crossed 75 feet on Monday. The inflow was measured at a rate of 64,033 cusecs while the discharging rate for drinking water purposes is being maintained at 1,000 cusecs” he added.

An official from the Central Water Commission said officials in Karnataka reduced the water discharging level from 80,000 cusecs to 63,101 cusecs on Monday. While water was released from the KRS dam at the rate of 35,917 cusecs, the rest was released from the Kabini dam.

“The water inflow level at Biligundlu - the entry point of Tamil Nadu for the Cauvery River in Krishnagiri district, measured at the rate of 65,000 cusecs on Monday evening,” he said.

Meanwhile, the Dharmapuri district administration continued the ban on bathing, fishing, and coracle riding at Hogenakkal for the seventh day on Monday. District collector K Santhi imposed the ban on July 15 due to the increased inflow of water in the river.

Discover the recent rise in water levels at Pillur, Siruvani, and Aliyar dams in Coimbatore. Heavy rainfall has led to a substantial increase, ensuring a steady water supply for the region. Stay informed about the water management efforts for the districts.

Read about the rising water levels in the Godavari river, affecting several mandals in ASR district. Transportation disruptions between Andhra Pradesh and Odisha due to heavy rains. Stay updated on the relief efforts and NDRF team deployments in the affected areas.

Discover how recent heavy rainfall is filling up the KRS dam in Kodagu and Mysuru districts. Find out about flood warnings and the impact on the Cauvery basin in Karnataka.

India

Jul 17 2024, 14:34

कंचनजंगा ट्रेन हादसे में रेलवे ने लोको पायलट को दी क्लीन चिट, CCRS की रिपोर्ट में बताया गया कहां हुई थी चूक

#kanchanjanga_express_train_accident_loco_pilot_get_clean_chit

पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले में 17 जून को कंचनजंगा एक्सप्रेस और मालगाड़ी की हुई टक्कर मामले में चीफ कमिश्नर रेलवे सेफ्टी (CCRS) जनक कुमार गर्ग की रिपोर्ट आ गई है। रेलवे सुरक्षा के मुख्य आयुक्त (CCRS) की रिपोर्ट ने कंचनजंगा ट्रेन के लोको पायलट को 17 जून को हुए हादसे के लिए दोषी नहीं पाया है। इसमें ट्रेन एक्सीडेंट कैटेगरी 'एरर इन ट्रेन वर्किंग' बताई गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इसमें अकेले लोको पायलट, एएलपी या फिर गार्ड की गलती नहीं थी, बल्कि संयुक्त रूप से स्टेशन मैनेजर और ट्रेन संचालन से संबंधित कई अधिकारियों के स्तर पर 'चूक' हुई थी। जिस वजह से यह ट्रेन एक्सीडेंट हुआ और मालगाड़ी के पायलट और कंचनजंगा के गार्ड समेत हादसे में 10 लोगों की मौत हो गई थी।

रिपोर्ट में कहा गया है, 'ऑटो सिग्नल क्षेत्रों में ट्रेन परिचालन प्रबंधन में कई लेवल पर खामियों, लोको पायलट और स्टेशन मास्टर को उचित परामर्श न दिए जाने से कंचनजंगा एक्सप्रेस हादसा होना तय ही था।' रिपोर्ट के मुताबिक, हादसे के दिन वहां से गुजरने वाले अधिकतर लोको पायलट्स को इसकी जानकारी ही नहीं थी कि खराब सिग्नल हो तो ट्रेन 15 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से चलानी है। सिग्नल खराब होने पर भी मालगाड़ी और कंचनजंगा एक्सप्रेस के अलावा 5 अन्य ट्रेनों ने प्रवेश किया। हालांकि, कंचनजंगा को छोड़कर किसी भी ट्रेन ने 15 किमी प्रतिघंटा की गति और खराब सिग्नल पर रुकने के रेलवे के नियम का पालन नहीं किया। इससे पता चलता है कि खराब सिग्नलिंग पर जारी होने वाले प्रोटोकॉल में क्या करना है इसे लेकर कोई स्पष्टता ही नहीं थी।

जांच में पाया गया कि मालगाड़ी 78 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल कर रही थी। तभी लोको पायलट ने कंचनजंगा एक्सप्रेस के पिछले हिस्से को देखा और आपातकालीन ब्रेक लगाया। लेकिन ट्रेन कंचनजंगा से टकराने से पहले केवल 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार तक ही धीमी हो सकी। रिपोर्ट में कहा गया है कि अनिल ने 5 मिनट में 10 बार थ्रॉटल को एडजस्ट किया था, जो उनकी सतर्कता को दर्शाता है।

अनिल को क्लीन चिट मिलने के बाद उनकी पत्नी रोशनी कुमार ने कहा कि ट्रेन हादसे के कुछ ही घंटों के भीतर मेरे पति को दोषी ठहराया गया था। उनकी मौत का गम अभी मिटा भी नहीं था कि अनिल को जिम्मेदार ठहराए जाने की बात सुनकर हम सदमे में आ गए। हमें खुशी है कि रेलवे ने उचित जांच की और उन्हें निर्दोष पाया। अब उनकी आत्मा को शांति मिलेगी। बता दें कि हादसे के दो घंटे के भीतर ही रेलवे बोर्ड की अध्यक्ष जया वर्मा सिन्हा और अन्य रेलवे अधिकारियों ने यह मान लिया था कि मृतक लोको पायलट और उनके घायल सहायक की गलती थी।

Gaya

Jul 11 2024, 17:29

बड़ी खबर : गया में एसडीएम को मिली जान से मारने की धमकी, जेल में बंद कुख्यात ने कॉल कर कहा-फोन नहीं उठाते हैं जान मार देंगे

गया : जिले से एक बड़ी खबर सामने आई है। जहां एसडीएम को जान मारने की धमकी मिली है। मिली जानकारी के अनुसार दोहरे हत्याकांड मामले में जेल में बंद कुख्यात ने मोबाइल पर कॉल कर एसडीएम को जान से मारने की धमकी दी है। एसडीएम को जान मारने की धमकी का मामला सामने आता ही हङकंप मच गया। फिलहाल इसकी प्राथमिकी गया के कोंच थाने में दर्ज कराई गई है। पुलिस कार्रवाई करने में जुट गई है।

जेल में बंद कुख्यात ने एसडीएम को जान करने की दी धमकी 

गया सेंट्रल जेल में बंद कुख्यात ने एसडीएम को जान से मारने की धमकी दी है। मोबाइल पर कॉल कर इस तरह की धान की दी गई है। इस तरह की धमकी मिलने के बाद एसडीएम सकते में आ गए। मामले की प्राथमिकी कोच थाने में दर्ज कराई गई है। कोच थाने की पुलिस कार्रवाई कर रही है।

India

Jul 03 2024, 14:04

सुप्रीम कोर्ट पहुंचा हाथरस हादसा मामला, एसआईटी से जांच करने की मांग

#pil_filed_in_supreme_court_regarding_hathras_stampede

यूपी के हाथरस में मंगलवार को बड़ा हादसा हो गया। यहां फुलराई गांव में साकार हरि बाबा का सत्संग चल रहा था।। सत्संग समाप्त होने के बाद यहां से जैसे भी भीड़ निकलना शुरू हुई तो भगदड़ मच गई। कार्यक्रम में शामिल होने आए 121 लोगों की इस हादसे में मौत हो गई। सीएम योगी आदित्यानाथ ने दोषियों पर कार्रवाई की बात कही है तो वहीं, सत्संग करवाने वाला स्वयंभू संत भोले बाबा उर्फ नारायण साकार हरि अब तक गायब है। इधर, सरकार ने इस मामले की जांच के लिए दो टीमें बनाई हैं। इस बीच अब हाथरस भगदड़ का मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है।

सुप्रीम कोर्ट में इस हादसे को लेकर एक याचिका दायर की गई है। ये याचिका वकील विशाल तिवारी ने दायर ने दायर की है।दायर याचिका में सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एसआईटी बनाकर जांच की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि भविष्य में इस तरह को दोबारा घटना ना हो इसके लिए सभी राज्यों को दिशा निर्देश जारी किया जाएं। साथ ही घटना वाले जगह पर मेडिकल सुविधा को लेकर क्या व्यवस्था थी रिपोर्ट मांगी जाए।

याचिका में इस पूरी घटना पर यूपी सरकार से स्टेटस रिपोर्ट की मांग की गई है। याचिका में घटना के लिए जिम्मेदार लोगों और अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई किए जाने की मांग की गई है। याचिका में ऐसे समारोह के आयोजनों के लिए एक गाइडलाइन बनाने की मांग की गई है। 

इधर, हाथरस हादसे की जांच की रिपोर्ट को एसडीएम ने डीएम को सौंप दिया है। एसडीएम की रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। इसके मुताबिक सत्संग में दो लाख से ज़्यादा लोगों की भीड़ आई थी। रिपोर्ट में बाबा के निजी सुरक्षा कर्मियों को जिम्मेदार बताया गया है। सत्संग के बाद जैसे ही बाबा के चरण रज की धूल उठाने के दौरान लोगों में भगदड़ मच गई है। बाबा के काले कपड़ों में तैनात सुरक्षा कर्मियों ने ही धक्का मुक्की की थी। दो लाख लोगों के कार्यक्रम की परमिशन भी प्रशासन से नहीं ली गई थी।

Gaya

Jun 29 2024, 21:21

गया में दिनदहाड़े घर में घुसकर महिला की गला रेतकर निर्मम हत्या, जांच में जुटी पुलिस

गया: कोतवाली थाना क्षेत्र के नई गोदाम अड्डा के समीप सोनार गली में अज्ञात अपराधियों ने 50 वर्षीय महिला की गला रेतकर निर्मम हत्या कर दिया, घटना के समय महिला घर में अकेली थी, वही घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय कोतवाली थाना की पुलिस मौके पर पहुंची और छानबीन में जुट गई है, वही जांच के लिए एफएसएल की टीम भी मौके पर पहुंचकर जांच कर रही है।

India

Jun 28 2024, 19:47

J&K | First batch of Shri Amarnath Yatra pilgrims reaches Nunwan base camp in Pahalgam
The pilgrims who have arrived here from different parts of the country say, "There are good arrangements for pilgrims here. We also want to thank the p

Chhattisgarh

Jun 22 2024, 19:36

अदाणी पॉवर रायखेड़ा के विस्तार का ग्रामीणों ने किया समर्थन, कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

रायपुर-  अदाणी पॉवर लिमिटेड रायखेड़ा के विस्तार के लिए 22 जून 2024 को आयोजित होने जा रही पर्यावरण संरक्षण मंडल की जनसुनवाई के समर्थन में स्थानीय ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है. ज्ञापन में

India

Jun 20 2024, 10:09

मक्का में भीषण गर्मी का कहर, 600 से ज्यादा हाजियों की मौत, मरने वालों में 68 भारतीय भी शामिल

#indian_hajj_pilgrims_die_among_600_people_in_saudi_arabia 

हज पर जाना हर उस मुस्लिम के लिए जरूरी है जो समर्थ है। इस साल भी हज के लिए सऊदी अरब के मक्का में लाखों की संख्या में लोग पहुंचें हैं। लेकिन, मक्का में भीषण गर्मी के बाद कोहराम मचा हुआ है। सऊदी अरब में हज यात्रा के दौरान भीषण गर्मी से मरने वालों की संख्या 600 से अधिक हो गई, जिसमें 68 भारतीय भी शामिल हैं।इससे सऊदी सरकार दुनिया भर में गिर गई है।सऊदी अरब ने हज के दौरान गर्मी के कारण मरने वालों की संख्या के बारे में कोई टिप्पणी नहीं की है, न ही मौतों की वजह बताई है।

भारत से इस साल 1 लाख 75 हजार यात्री हज के लिए गए थे। बुधवार को यात्रा से जुड़े एक डिप्लोमेट ने बताया कि मरने वाले लोगों में 68 भारतीय भी शामिल हैं।ये मौतें पिछले एक हफ्ते के दौरान हुई हैं और हज के आखिरी दिन 6 भारतीय की मौत हुई है। डिप्लोमेट के मुताबिक, कई मौतें प्राकृतिक कारणों और बुजुर्गों की हुई है, जबकि कुछ मौतों की वजह भीषण गर्मी है।भारतीय नागरिकों की मौत पर अभी तक भारत सरकार की और से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।

सऊदी अरब में राजनयिक ने कहा, "हमने लगभग 68 मरने वाले लोगों की पुष्टि की है। कुछ प्राकृतिक कारणों से मारे गए। यहां आने वाले कई जायरीन बुजुर्ग थे। कुछ लोगों की मौत बदलते मौसम के कारण हो गई।" हज के दौरान मरने वालों में 323 मिस्र के और जॉर्डन के 60 लोग शामिल हैं। इनके अलावा इंडोनेशिया, ईरान, सेनेगल, ट्यूनीशिया और ईराक के द्वारा भी मौतों की पुष्टि की गई है। हालांकि, कई मामलों में अधिकारियों ने मौतों के कारणों का खुलासा नहीं किया। पिछले साल 200 जायरिनों की मौत हो गई थी, जिनमें से ज्यादातर इंडोनेशिया के थे।

दुनियाभर में जलवायु परिवर्तन का असर देखने मिल रहा है। खाड़ी देश इसका ज्यादा शिकार हो रहे है, ओमान, सऊदी अरब और यूएई जैसे देशों में गर्मी के साथ साथ बारिश भी बड़ी समस्या है। सऊदी अरब का तापमान आमतौर पर 45 डिग्री के दरमियान ही रहता है लेकिन इस साल ये तापमान 50 डिग्री के पार पहुंच गया है।

India

Jun 20 2024, 10:08

मक्का में भीषण गर्मी का कहर, 600 से ज्यादा हाजियों की मौत, मरने वालों में 68 भारतीय भी शामिल
#indian_hajj_pilgrims_die_among_600_people_in_saudi_arabia
हज पर जाना हर उस मुस्लिम के लिए जरूरी है जो समर्थ है। इस साल भी हज के लिए सऊदी अरब के मक्का में लाखों की संख्या में लोग पहुंचें हैं। लेकिन, मक्का में भीषण गर्मी के बाद कोहराम मचा हुआ है। सऊदी अरब में हज यात्रा के दौरान भीषण गर्मी से मरने वालों की संख्या 600 से अधिक हो गई, जिसमें 68 भारतीय भी शामिल हैं।इससे सऊदी सरकार दुनिया भर में गिर गई है।सऊदी अरब ने हज के दौरान गर्मी के कारण मरने वालों की संख्या के बारे में कोई टिप्पणी नहीं की है, न ही मौतों की वजह बताई है। भारत से इस साल 1 लाख 75 हजार यात्री हज के लिए गए थे। बुधवार को यात्रा से जुड़े एक डिप्लोमेट ने बताया कि मरने वाले लोगों में 68 भारतीय भी शामिल हैं।ये मौतें पिछले एक हफ्ते के दौरान हुई हैं और हज के आखिरी दिन 6 भारतीय की मौत हुई है। डिप्लोमेट के मुताबिक, कई मौतें प्राकृतिक कारणों और बुजुर्गों की हुई है, जबकि कुछ मौतों की वजह भीषण गर्मी है।भारतीय नागरिकों की मौत पर अभी तक भारत सरकार की और से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। सऊदी अरब में राजनयिक ने कहा, "हमने लगभग 68 मरने वाले लोगों की पुष्टि की है। कुछ प्राकृतिक कारणों से मारे गए। यहां आने वाले कई जायरीन बुजुर्ग थे। कुछ लोगों की मौत बदलते मौसम के कारण हो गई।" हज के दौरान मरने वालों में 323 मिस्र के और जॉर्डन के 60 लोग शामिल हैं। इनके अलावा इंडोनेशिया, ईरान, सेनेगल, ट्यूनीशिया और ईराक के द्वारा भी मौतों की पुष्टि की गई है। हालांकि, कई मामलों में अधिकारियों ने मौतों के कारणों का खुलासा नहीं किया। पिछले साल 200 जायरिनों की मौत हो गई थी, जिनमें से ज्यादातर इंडोनेशिया के थे। दुनियाभर में जलवायु परिवर्तन का असर देखने मिल रहा है। खाड़ी देश इसका ज्यादा शिकार हो रहे है, ओमान, सऊदी अरब और यूएई जैसे देशों में गर्मी के साथ साथ बारिश भी बड़ी समस्या है। सऊदी अरब का तापमान आमतौर पर 45 डिग्री के दरमियान ही रहता है लेकिन इस साल ये तापमान 50 डिग्री के पार पहुंच गया है।

Jharkhand

Jul 25 2024, 10:19

झारखंड में बढ़ती बांग्लादेशी घुसपैठिया क्या सिर्फ चुनावी मुद्दा है या इसे रोकने के लिए जिम्मेबारी तय करने की जरूरत...?

-विनोद आनंद

गृहमंत्री अमित शाह 20 जुलाई 2024 को रांची में झारखंड विधान सभा चुनाव 2024 का शंखनाद किया और अपने कार्यकर्ताओं को जो चुनावी मुद्दा दिया उसमें कई मुद्दों में एक मुद्दा झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठिये का भी है।

अब सवाल उठता है कि देश के गृहमंत्री के लिए क्या बंगला देशी घुसपैठिया का मुद्दा महज़ एक चुनावी मुद्दा है।या गंभीरता के साथ इसे लेकर अपने केंद्रीय एजेंसियों से इसकी जांच कराकर   उसपर उचित कारबाई कराने की है यह एक बड़ा सवाल है।

अगर सच पूछा जाए तो इन दिनों

सिर्फ झारखंड ही नही बिहार, बंगाल मणिपुर असम और देश के विभिन्न भागों में बंगला देशी घुसपैठिये आसानी से घुसपैठ कर स्थानीय लोगों से मिलकर आधारकार्ड,वोटरकार्ड राशनकार्ड बनाकर यहां स्थायी रूप से बसते जा रहे हैं। इस पूरे मुहिम में स्थानीय लोग, स्थानीय प्रशासन और सरकार की पूरी व्यवस्था सवालों के घेरे में है।

 अब इन घुसपैठियों को रोकने में सरकार कहाँ विफल हो रही है, इसमें केंद्र सरकार और राज्य सरकार की कहाँ चूक है,चुकी यह मामला अंतर्राज्यीय है, कहीं सीधे राज्य में बंगाला देशी घुसपैठ कर रहे हैं तो कहीं दूसरे राज्यों को पार कर दूसरे राज्य में आ रहे हैं और इन सभी मामले में इसे रोकने के लिए किसकी क्या जिम्मबरी है ? इस पर पूरे सरकारी तंत्र की समीक्षा करने और राज्य और केंद्र सरकार को आपसी समन्वय से इस गंभीर स्थिति से नियंत्रण के लिए जिम्मबरी तय करने की जरूरत है।

अब अगर हम बात करें झारखंड में बंगला देशी घुसपैठिये की तो झारखंड के बंगाल के कई सीमावर्ती इलाकों में बंगला देशी घुसपैठिये की संख्यां लगातार बढ़ती जा रही है जो चिंता का विषय है। झारखंड के संथाल परगना के कई जिलों में तो इन दिनों अचानक मुस्लिम आवादी में बृद्धि हुई है, जिसके कारण डेमोग्राफी ;( जनसांख्यिकी) चेंज हुआ है।अब बीजेपी लगातार इसको लेकर झारखंड सरकार पर सवाल खड़े कर रही है।भाजपा हर मंच से बांग्लादेशी घुसपैठ का मुद्दा उठाते हुए डेमोग्राफी चेंज की बात करती है, लेकिन सवाल यह है कि इसका असली जिम्मेवार कौन है ?  राज्य या केंद्र की सरकार! इसपर जिम्मबरी तय करने और इसे रोकने के लिए ईमानदार कोशीश नही हो रही है।

इधर साल 2011 के बाद से देश में जनगणना नहीं हुई है। ऐसे में किसकी संख्या कितनी बढ़ी या कम हुई है और डेमोग्राफी में क्या बदलाव आये है, इसके बारे में सिर्फ अंदाजा लगाया जा सकता है। डेमोग्राफी चेंज मुद्दे पर भाजपा संथाल परगना में मुखर है। बीजेपी 2011 की जनगणना के आधार पर यह मुद्दा उठा रही है। इसके अलावा और भी कई आधार हैं। जिसके कारण भाजपा हावी है।आंकड़ों की बात करें तो 2001 की जनगणना में दुमका की जनसंख्या करीब 11 लाख 7 हजार थी। साल 2011 में दुमका की जनसंख्या बढ़कर करीब 14 लाख हो गई। आंकड़े बताते हैं कि संथाल के सभी 6 जिलों में 12 लाख से ज्यादा नई आबादी बढ़ गई है। बीजेपी का मानना है की यह आंकड़े एक बड़ी साजिश की ओर इशारा करते हैं और बांग्लादेशी घुसपैठियों के बिना इतनी तेजी से आबादी का बढ़ना नामुमकिन है। 

संथाल में सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी पाकुड़ में बढ़ी है। पाकुड़ में मुस्लिम आबादी में करीब 40 इसीसी फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। वहीं, साहिबगंज में मुस्लिम आबादी में 37 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। बीजेपी ने इसके पीछे का सबसे बड़ा कारण बांग्लादेशी घुसपैठ को माना है। संथाल परगना के 6 जिलों में बांग्लादेशी घुसपैठियों को बसाने में यहां के जमीन दलालों की सबसे बड़ी भूमिका रही है। जमीन दलाल गिफ्ट डीड के जरिए बांग्लादेशियों को बसा रहे हैं। आंकड़े बताते हैं कि झारखंड बनने के बाद संथाल परगना में रजिस्ट्री कराने वाली जमीन खरीदने वालों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है।

क्या कहता है भारत सरकार के गृह मंत्रालय का दस्ताबेज

13 दिसंबर 2023 को भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने एक दस्तावेज जारी किया। जिसमें बताया गया कि 120 से अधिक फर्जी वेबसाइट के जरिए फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाए जा रहे हैं। पत्र के जरिए झारखंड को लेकर खास चेतावनी दी गई। 2 जून 2023 को झारखंड पुलिस की स्पेशल ब्रांच ने सभी जिलों के एसपी और डीसी को पत्र लिखा। पत्र संख्या 211/23 के जरिए स्पेशल ब्रांच ने लिखा है कि झारखंड राज्य अंतर्गत संथाल परगना क्षेत्र में बांग्लादेशी घुसपैठियों के प्रवेश की सूचना है।

 स्पेशल ब्रांच को मिली जानकारी के मुताबिक बांग्लादेशी घुसपैठियों को पहले विभिन्न मदरसों में ठहराया जाता है। उसके बाद उनका सरकारी दस्तावेज तैयार किये जाते हैं और फिर उनका नाम मतदाता सूची में शामिल किया जाता है। मतदाता सूची में शामिल होने के बाद उन्हें साजिश के तहत यहां बसाया जाता है। हाल ही में झारखंड हाई कोर्ट द्वारा भी इस मामले की सुनवाई के दौरान गंभीरता से ली गयी है ।

इस मुद्दा को लेकर झारखंड हाई कोर्ट मे पीआईएल दाखिल

जमशेदपुर के रहने वाले दानियाल दानिश ने झारखंड हाई कोर्ट में PIL फाइल की थी कि संथाल परगना में बड़ी तादाद में घुसपैठिए दाखिल हो गए हैं जिससे वहां की डेमोग्राफी चेंज हो रही है और आदिवासियों की संख्या घट रही है। याचिकाकर्ता दानियाल ने अदालत से कहा कि संथाल परगना में बांग्लादेशी घुसपैठिए आदिवासी महिलाओंसे शादी करके उनका धर्म परिवर्तन कर रहे हैं, और उनकी ज़मीनों को गिफ्ट डीड के ज़रिए हथिया रहे हैं। उन्होंने कहा कि घुसपैठिए आदिवासी महिलाओं से शादी करके उनके नाम पर रिजर्व पोस्ट को रिमोट से चला रहे हैं।

घुसपैठियों ने यहां बनवाईं मस्जिद और मदरसे

दानियाल ने अपनी याचिका में हाई कोर्ट से यह भी कहा कि झारखंड के बंगाल से लगने वाले जिलों में घुसपैठियों ने बहुत बड़ी तादाद में मस्जिदें और मदरसे कायम कर लिए हैं। झारखंड हाई कोर्ट ने जिस मसले पर सुनवाई की,

 उसको लेकर संथाल परगना के लोग काफी दिनों से आवाज उठा रहे हैं। कई सोशल वर्कर, आदिवासियों की कम होती आबादी और बदलती डेमोग्राफी को लेकर चिंता जता चुके हैं। संथाल परगना में घुसना इसलिए आसान है क्योंकि वहां से बांग्लादेश केवल 15 किलोमीटर दूर है। संथाल परगना की सीमा पश्चिम बंगाल से लगती है और वहां से बांग्लादेश बॉर्डर ज्यादा दूर नहीं है।

लेकिन सवाल अभी भी वही है, इस बदलती डेमोग्राफी का जिम्मेवार कौन है..?

 इस पर पूर्व मंत्री और भाजपा विधायक रणधीर सिंह का कहना है कि बांग्लादेशी घुसपैठियों के कारण संथाल की डेमोग्राफी प्रभावित हुई है। झारखंड में उनकी सरकार आने पर इस पर कानून बनाया जाएगा। जब उनसे पूछा गया कि घुसपैठ रोकना केंद्र का काम है तो उन्होंने कहा कि दोनों देशों की सीमाएं खुली हैं। फिर उन्होंने इसका दोष पश्चिम बंगाल सरकार पर लगा दिया।

 लेकिन अंत में उन्होंने कहा कि वे गृह मंत्री अमित शाह से इस पर रोक लगाने का अनुरोध करेंगे।'घुसपैठ रोकना केंद्र का काम' है इस मामले में झामुमो नेता प्रेमानंद मंडल का कहना है कि सीमा पर घुसपैठ रोकना केंद्र का काम है।आज भाजपा कानून बनाने की बात करती है, लेकिन जब झारखंड में भाजपा की पांच साल तक रघुवर दास की सरकार के अलावा बाबूलाल मरांडी और अर्जुन मुंडा की सरकार थी, तब वे क्या कर रहे थे? यह सब चुनावी हथकंडा है।

वहीं इस इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि डेमोग्राफी में बदलाव आया है, लेकिन यह सब एक दिन में नहीं हुआ, इसके लिए किसी विशेष पार्टी या सरकार को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता, इसके लिए दोषी केंद्र और राज्य सरकारें दोनों हैं. अगर कोई वास्तव में इसका समाधान चाहता है तो एक सार्थक प्रयास किया जाना चाहिए, जिसमें सभी दलों के बीच आपसी सहमति जरूरी है.

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తప్పు చేస్తే దొరకక తప్పదు

Jul 23 2024, 08:50

Mettur Dam’s Water Level Rises By 30ft In Seven Days

The water level in the Stanley Reservoir at Mettur dam rose by 30 feet in a span of seven days (from July 15 to July 22), following the release of water by Karnataka from the Krishnaraja Sagar and Kabini dams.

Karnataka released water at the rate of 20,000 cusecs into the river Cauvery on July 14. Later, they increased it up to 80,000 cusecs.

Mettur dam’s water level increased steadily as the inflow level was higher than the outflow level. A water resources department official said the water level at the dam was 44.62 feet against its full capacity of 120 feet.

It crossed 75 feet on Monday. The inflow was measured at a rate of 64,033 cusecs while the discharging rate for drinking water purposes is being maintained at 1,000 cusecs” he added.

An official from the Central Water Commission said officials in Karnataka reduced the water discharging level from 80,000 cusecs to 63,101 cusecs on Monday. While water was released from the KRS dam at the rate of 35,917 cusecs, the rest was released from the Kabini dam.

“The water inflow level at Biligundlu - the entry point of Tamil Nadu for the Cauvery River in Krishnagiri district, measured at the rate of 65,000 cusecs on Monday evening,” he said.

Meanwhile, the Dharmapuri district administration continued the ban on bathing, fishing, and coracle riding at Hogenakkal for the seventh day on Monday. District collector K Santhi imposed the ban on July 15 due to the increased inflow of water in the river.

Discover the recent rise in water levels at Pillur, Siruvani, and Aliyar dams in Coimbatore. Heavy rainfall has led to a substantial increase, ensuring a steady water supply for the region. Stay informed about the water management efforts for the districts.

Read about the rising water levels in the Godavari river, affecting several mandals in ASR district. Transportation disruptions between Andhra Pradesh and Odisha due to heavy rains. Stay updated on the relief efforts and NDRF team deployments in the affected areas.

Discover how recent heavy rainfall is filling up the KRS dam in Kodagu and Mysuru districts. Find out about flood warnings and the impact on the Cauvery basin in Karnataka.

India

Jul 17 2024, 14:34

कंचनजंगा ट्रेन हादसे में रेलवे ने लोको पायलट को दी क्लीन चिट, CCRS की रिपोर्ट में बताया गया कहां हुई थी चूक

#kanchanjanga_express_train_accident_loco_pilot_get_clean_chit

पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले में 17 जून को कंचनजंगा एक्सप्रेस और मालगाड़ी की हुई टक्कर मामले में चीफ कमिश्नर रेलवे सेफ्टी (CCRS) जनक कुमार गर्ग की रिपोर्ट आ गई है। रेलवे सुरक्षा के मुख्य आयुक्त (CCRS) की रिपोर्ट ने कंचनजंगा ट्रेन के लोको पायलट को 17 जून को हुए हादसे के लिए दोषी नहीं पाया है। इसमें ट्रेन एक्सीडेंट कैटेगरी 'एरर इन ट्रेन वर्किंग' बताई गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इसमें अकेले लोको पायलट, एएलपी या फिर गार्ड की गलती नहीं थी, बल्कि संयुक्त रूप से स्टेशन मैनेजर और ट्रेन संचालन से संबंधित कई अधिकारियों के स्तर पर 'चूक' हुई थी। जिस वजह से यह ट्रेन एक्सीडेंट हुआ और मालगाड़ी के पायलट और कंचनजंगा के गार्ड समेत हादसे में 10 लोगों की मौत हो गई थी।

रिपोर्ट में कहा गया है, 'ऑटो सिग्नल क्षेत्रों में ट्रेन परिचालन प्रबंधन में कई लेवल पर खामियों, लोको पायलट और स्टेशन मास्टर को उचित परामर्श न दिए जाने से कंचनजंगा एक्सप्रेस हादसा होना तय ही था।' रिपोर्ट के मुताबिक, हादसे के दिन वहां से गुजरने वाले अधिकतर लोको पायलट्स को इसकी जानकारी ही नहीं थी कि खराब सिग्नल हो तो ट्रेन 15 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से चलानी है। सिग्नल खराब होने पर भी मालगाड़ी और कंचनजंगा एक्सप्रेस के अलावा 5 अन्य ट्रेनों ने प्रवेश किया। हालांकि, कंचनजंगा को छोड़कर किसी भी ट्रेन ने 15 किमी प्रतिघंटा की गति और खराब सिग्नल पर रुकने के रेलवे के नियम का पालन नहीं किया। इससे पता चलता है कि खराब सिग्नलिंग पर जारी होने वाले प्रोटोकॉल में क्या करना है इसे लेकर कोई स्पष्टता ही नहीं थी।

जांच में पाया गया कि मालगाड़ी 78 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल कर रही थी। तभी लोको पायलट ने कंचनजंगा एक्सप्रेस के पिछले हिस्से को देखा और आपातकालीन ब्रेक लगाया। लेकिन ट्रेन कंचनजंगा से टकराने से पहले केवल 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार तक ही धीमी हो सकी। रिपोर्ट में कहा गया है कि अनिल ने 5 मिनट में 10 बार थ्रॉटल को एडजस्ट किया था, जो उनकी सतर्कता को दर्शाता है।

अनिल को क्लीन चिट मिलने के बाद उनकी पत्नी रोशनी कुमार ने कहा कि ट्रेन हादसे के कुछ ही घंटों के भीतर मेरे पति को दोषी ठहराया गया था। उनकी मौत का गम अभी मिटा भी नहीं था कि अनिल को जिम्मेदार ठहराए जाने की बात सुनकर हम सदमे में आ गए। हमें खुशी है कि रेलवे ने उचित जांच की और उन्हें निर्दोष पाया। अब उनकी आत्मा को शांति मिलेगी। बता दें कि हादसे के दो घंटे के भीतर ही रेलवे बोर्ड की अध्यक्ष जया वर्मा सिन्हा और अन्य रेलवे अधिकारियों ने यह मान लिया था कि मृतक लोको पायलट और उनके घायल सहायक की गलती थी।

Gaya

Jul 11 2024, 17:29

बड़ी खबर : गया में एसडीएम को मिली जान से मारने की धमकी, जेल में बंद कुख्यात ने कॉल कर कहा-फोन नहीं उठाते हैं जान मार देंगे

गया : जिले से एक बड़ी खबर सामने आई है। जहां एसडीएम को जान मारने की धमकी मिली है। मिली जानकारी के अनुसार दोहरे हत्याकांड मामले में जेल में बंद कुख्यात ने मोबाइल पर कॉल कर एसडीएम को जान से मारने की धमकी दी है। एसडीएम को जान मारने की धमकी का मामला सामने आता ही हङकंप मच गया। फिलहाल इसकी प्राथमिकी गया के कोंच थाने में दर्ज कराई गई है। पुलिस कार्रवाई करने में जुट गई है।

जेल में बंद कुख्यात ने एसडीएम को जान करने की दी धमकी 

गया सेंट्रल जेल में बंद कुख्यात ने एसडीएम को जान से मारने की धमकी दी है। मोबाइल पर कॉल कर इस तरह की धान की दी गई है। इस तरह की धमकी मिलने के बाद एसडीएम सकते में आ गए। मामले की प्राथमिकी कोच थाने में दर्ज कराई गई है। कोच थाने की पुलिस कार्रवाई कर रही है।

India

Jul 03 2024, 14:04

सुप्रीम कोर्ट पहुंचा हाथरस हादसा मामला, एसआईटी से जांच करने की मांग

#pil_filed_in_supreme_court_regarding_hathras_stampede

यूपी के हाथरस में मंगलवार को बड़ा हादसा हो गया। यहां फुलराई गांव में साकार हरि बाबा का सत्संग चल रहा था।। सत्संग समाप्त होने के बाद यहां से जैसे भी भीड़ निकलना शुरू हुई तो भगदड़ मच गई। कार्यक्रम में शामिल होने आए 121 लोगों की इस हादसे में मौत हो गई। सीएम योगी आदित्यानाथ ने दोषियों पर कार्रवाई की बात कही है तो वहीं, सत्संग करवाने वाला स्वयंभू संत भोले बाबा उर्फ नारायण साकार हरि अब तक गायब है। इधर, सरकार ने इस मामले की जांच के लिए दो टीमें बनाई हैं। इस बीच अब हाथरस भगदड़ का मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है।

सुप्रीम कोर्ट में इस हादसे को लेकर एक याचिका दायर की गई है। ये याचिका वकील विशाल तिवारी ने दायर ने दायर की है।दायर याचिका में सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एसआईटी बनाकर जांच की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि भविष्य में इस तरह को दोबारा घटना ना हो इसके लिए सभी राज्यों को दिशा निर्देश जारी किया जाएं। साथ ही घटना वाले जगह पर मेडिकल सुविधा को लेकर क्या व्यवस्था थी रिपोर्ट मांगी जाए।

याचिका में इस पूरी घटना पर यूपी सरकार से स्टेटस रिपोर्ट की मांग की गई है। याचिका में घटना के लिए जिम्मेदार लोगों और अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई किए जाने की मांग की गई है। याचिका में ऐसे समारोह के आयोजनों के लिए एक गाइडलाइन बनाने की मांग की गई है। 

इधर, हाथरस हादसे की जांच की रिपोर्ट को एसडीएम ने डीएम को सौंप दिया है। एसडीएम की रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। इसके मुताबिक सत्संग में दो लाख से ज़्यादा लोगों की भीड़ आई थी। रिपोर्ट में बाबा के निजी सुरक्षा कर्मियों को जिम्मेदार बताया गया है। सत्संग के बाद जैसे ही बाबा के चरण रज की धूल उठाने के दौरान लोगों में भगदड़ मच गई है। बाबा के काले कपड़ों में तैनात सुरक्षा कर्मियों ने ही धक्का मुक्की की थी। दो लाख लोगों के कार्यक्रम की परमिशन भी प्रशासन से नहीं ली गई थी।

Gaya

Jun 29 2024, 21:21

गया में दिनदहाड़े घर में घुसकर महिला की गला रेतकर निर्मम हत्या, जांच में जुटी पुलिस

गया: कोतवाली थाना क्षेत्र के नई गोदाम अड्डा के समीप सोनार गली में अज्ञात अपराधियों ने 50 वर्षीय महिला की गला रेतकर निर्मम हत्या कर दिया, घटना के समय महिला घर में अकेली थी, वही घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय कोतवाली थाना की पुलिस मौके पर पहुंची और छानबीन में जुट गई है, वही जांच के लिए एफएसएल की टीम भी मौके पर पहुंचकर जांच कर रही है।

India

Jun 28 2024, 19:47

J&K | First batch of Shri Amarnath Yatra pilgrims reaches Nunwan base camp in Pahalgam
The pilgrims who have arrived here from different parts of the country say, "There are good arrangements for pilgrims here. We also want to thank the p

Chhattisgarh

Jun 22 2024, 19:36

अदाणी पॉवर रायखेड़ा के विस्तार का ग्रामीणों ने किया समर्थन, कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

रायपुर-  अदाणी पॉवर लिमिटेड रायखेड़ा के विस्तार के लिए 22 जून 2024 को आयोजित होने जा रही पर्यावरण संरक्षण मंडल की जनसुनवाई के समर्थन में स्थानीय ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है. ज्ञापन में

India

Jun 20 2024, 10:09

मक्का में भीषण गर्मी का कहर, 600 से ज्यादा हाजियों की मौत, मरने वालों में 68 भारतीय भी शामिल

#indian_hajj_pilgrims_die_among_600_people_in_saudi_arabia 

हज पर जाना हर उस मुस्लिम के लिए जरूरी है जो समर्थ है। इस साल भी हज के लिए सऊदी अरब के मक्का में लाखों की संख्या में लोग पहुंचें हैं। लेकिन, मक्का में भीषण गर्मी के बाद कोहराम मचा हुआ है। सऊदी अरब में हज यात्रा के दौरान भीषण गर्मी से मरने वालों की संख्या 600 से अधिक हो गई, जिसमें 68 भारतीय भी शामिल हैं।इससे सऊदी सरकार दुनिया भर में गिर गई है।सऊदी अरब ने हज के दौरान गर्मी के कारण मरने वालों की संख्या के बारे में कोई टिप्पणी नहीं की है, न ही मौतों की वजह बताई है।

भारत से इस साल 1 लाख 75 हजार यात्री हज के लिए गए थे। बुधवार को यात्रा से जुड़े एक डिप्लोमेट ने बताया कि मरने वाले लोगों में 68 भारतीय भी शामिल हैं।ये मौतें पिछले एक हफ्ते के दौरान हुई हैं और हज के आखिरी दिन 6 भारतीय की मौत हुई है। डिप्लोमेट के मुताबिक, कई मौतें प्राकृतिक कारणों और बुजुर्गों की हुई है, जबकि कुछ मौतों की वजह भीषण गर्मी है।भारतीय नागरिकों की मौत पर अभी तक भारत सरकार की और से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।

सऊदी अरब में राजनयिक ने कहा, "हमने लगभग 68 मरने वाले लोगों की पुष्टि की है। कुछ प्राकृतिक कारणों से मारे गए। यहां आने वाले कई जायरीन बुजुर्ग थे। कुछ लोगों की मौत बदलते मौसम के कारण हो गई।" हज के दौरान मरने वालों में 323 मिस्र के और जॉर्डन के 60 लोग शामिल हैं। इनके अलावा इंडोनेशिया, ईरान, सेनेगल, ट्यूनीशिया और ईराक के द्वारा भी मौतों की पुष्टि की गई है। हालांकि, कई मामलों में अधिकारियों ने मौतों के कारणों का खुलासा नहीं किया। पिछले साल 200 जायरिनों की मौत हो गई थी, जिनमें से ज्यादातर इंडोनेशिया के थे।

दुनियाभर में जलवायु परिवर्तन का असर देखने मिल रहा है। खाड़ी देश इसका ज्यादा शिकार हो रहे है, ओमान, सऊदी अरब और यूएई जैसे देशों में गर्मी के साथ साथ बारिश भी बड़ी समस्या है। सऊदी अरब का तापमान आमतौर पर 45 डिग्री के दरमियान ही रहता है लेकिन इस साल ये तापमान 50 डिग्री के पार पहुंच गया है।

India

Jun 20 2024, 10:08

मक्का में भीषण गर्मी का कहर, 600 से ज्यादा हाजियों की मौत, मरने वालों में 68 भारतीय भी शामिल
#indian_hajj_pilgrims_die_among_600_people_in_saudi_arabia
हज पर जाना हर उस मुस्लिम के लिए जरूरी है जो समर्थ है। इस साल भी हज के लिए सऊदी अरब के मक्का में लाखों की संख्या में लोग पहुंचें हैं। लेकिन, मक्का में भीषण गर्मी के बाद कोहराम मचा हुआ है। सऊदी अरब में हज यात्रा के दौरान भीषण गर्मी से मरने वालों की संख्या 600 से अधिक हो गई, जिसमें 68 भारतीय भी शामिल हैं।इससे सऊदी सरकार दुनिया भर में गिर गई है।सऊदी अरब ने हज के दौरान गर्मी के कारण मरने वालों की संख्या के बारे में कोई टिप्पणी नहीं की है, न ही मौतों की वजह बताई है। भारत से इस साल 1 लाख 75 हजार यात्री हज के लिए गए थे। बुधवार को यात्रा से जुड़े एक डिप्लोमेट ने बताया कि मरने वाले लोगों में 68 भारतीय भी शामिल हैं।ये मौतें पिछले एक हफ्ते के दौरान हुई हैं और हज के आखिरी दिन 6 भारतीय की मौत हुई है। डिप्लोमेट के मुताबिक, कई मौतें प्राकृतिक कारणों और बुजुर्गों की हुई है, जबकि कुछ मौतों की वजह भीषण गर्मी है।भारतीय नागरिकों की मौत पर अभी तक भारत सरकार की और से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। सऊदी अरब में राजनयिक ने कहा, "हमने लगभग 68 मरने वाले लोगों की पुष्टि की है। कुछ प्राकृतिक कारणों से मारे गए। यहां आने वाले कई जायरीन बुजुर्ग थे। कुछ लोगों की मौत बदलते मौसम के कारण हो गई।" हज के दौरान मरने वालों में 323 मिस्र के और जॉर्डन के 60 लोग शामिल हैं। इनके अलावा इंडोनेशिया, ईरान, सेनेगल, ट्यूनीशिया और ईराक के द्वारा भी मौतों की पुष्टि की गई है। हालांकि, कई मामलों में अधिकारियों ने मौतों के कारणों का खुलासा नहीं किया। पिछले साल 200 जायरिनों की मौत हो गई थी, जिनमें से ज्यादातर इंडोनेशिया के थे। दुनियाभर में जलवायु परिवर्तन का असर देखने मिल रहा है। खाड़ी देश इसका ज्यादा शिकार हो रहे है, ओमान, सऊदी अरब और यूएई जैसे देशों में गर्मी के साथ साथ बारिश भी बड़ी समस्या है। सऊदी अरब का तापमान आमतौर पर 45 डिग्री के दरमियान ही रहता है लेकिन इस साल ये तापमान 50 डिग्री के पार पहुंच गया है।