दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता के सामने है बड़ी चुनौतियां, क्या बीजेपी का वादा कर पाएंगीं पूरा
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दिल्ली में बीजेपी ने सीएम पद की कमान रेखा गुप्ता के हाथ में सौंप दी है। बीजेपी ने एक बार फिर पहली बार विधायक बने नेता को मुख्यमंत्री पद के लिए चुना है। बीजेपी 27 साल बाद दिल्ली में सरकार बनाया है। इस बार के चुनाव में बीजेपी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 70 में से 48 सीटों पर जीत दर्ज की है। बीजेपी की इस जीत में उसके चुनावी वादों का बड़ा हाथ बताया जा रहा है। सीएम बनने के बाद रेखा गुप्ता के सामने पार्टी के संकल्पपत्र में किए वादों को पूरा करने की बड़ी जिम्मेदारी होगी।
दिल्ली की सीएम की पहली चुनौती उन उम्मीदों को पूरा करना और उन अपेक्षाओं पर खरा उतरना है, जो उनसे दिल्ली की जनता और खुद भाजपा ने पाली हैं। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को उन सारी घोषणाओं और वादों को पूरा करना है, जो चुनाव के दौरान तीन किश्तों में जारी चुनाव घोषणा पत्र में किए थे और जिसे सभाओं में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बार-बार दोहराया था। भाजपा ने अपने घोषणा पत्र को संकल्प पत्र कहा था। इनमें यमुना की सफाई स्वच्छ पेयजल साफ प्रदूषण रहित हवा दिल्ली को देना, प्रति वर्ष 50 हजार नई नौकरियों का सृजन महिलाओं को प्रति माह 2500 रुपये देना मुफ्त बस यात्रा नालों गलियों सीवर की सफाई सड़कों की मरम्मत ट्रैफिक जाम से निजात समेत आप सरकार की मुफ्त बिजली पानी जैसी लोकलुभावन योजनाओं को जारी रखना शामिल होगा।ऐसे आइए जानते हैं कि जब रेखा गुप्ता सीएम की कुर्सी पर बैठेंगी तो उनके सामने कितनी बड़ी चुनौतियां होंगीः-
महिलाओं से किया गया वादा पूरा करना होगा
दिल्ली की महिला मुख्यमंत्री से महिलाओं से किया गया वादा पूरा करने की पूरी उम्मीद है। इस बार के चुनाव में बीजेपी ने सबसे बड़ा वादा महिलाओं के लिए किया है। उसने कहा है कि सरकार बनने पर दिल्ली की हर पात्र महिला को 2500 रुपये प्रति महीने दिए जाएंगे। बीजेपी ने इस योजना का लाभ आठ मार्च से ही देने का वादा किया है। आठ मार्च को ही अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। बीजेपी ने इसे देखते हुए ही इस योजना की शुरुआत के लिए आठ मार्च की तारीख तय की है। इसकी घोषणा पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने चुनावी भाषण में की थी। इसलिए नई मुख्यमंत्री के लिए अगले कुछ हफ्ते काफी व्यस्त रहने वाले हैं। उन्हें इसके लिए पूरी मशीनरी को तैयार करना होगा और पात्र महिलाओं का चयन करना होगा। इसके साथ ही उन्हें इतनी बड़ी योजना के लिए बजट की व्यवस्था करनी होगी।
यमुना की सफाई
इस बार के चुनाव में यमुना बड़ा चुनावी मुद्दा रहा। यमुना के काले पानी को लेकर कापी बखेड़ा भी खड़ा हुआ। सत्ता में आने से पहले बीजेपी ने एक बड़ा वादा यमुना की सफाई को लेकर भी किया था। चुनाव प्रचार में नदी में प्रदूषण का उच्च स्तर चर्चा का विषय रहा। 2020 में अरविंद केजरीवाल ने यमुना को साफ करने का वादा किया था। हालांकि, वो अपने वादे पर खरे नहीं उतरे। अब बीजेपी ने वादा किया है कि वह ऐसा करेगी जो न तो कांग्रेस और न ही आप सत्ता में रहने के दौरान कर पाई। हालांकि, चुनौती बहुत बड़ी है।
रेखा गुप्ता को मिला खाली खजाना और कर्ज
दिल्ली में जब कांग्रेस सरकार की विदाई हुई थी तो सरकारी खजाना लबालब भरा हुआ था। सरकार के पास खूब पैसा था। इसलिए आम आदमी पार्टी की सरकार ने अपने चुनावी वादों को पूरा करने के लिए दिल खोलकर पैसा खर्च किया। लेकिन आप की तीसरी सरकार में दिल्ली सरकार का खजाना खाली हो गया। चुनाव से पहले, आप सरकार ने राष्ट्रीय लघु बचत कोष से 10,000 करोड़ रुपये का अधिक ब्याज वाला लोन मांगा था। वित्त विभाग ने पिछले कई सालों में सब्सिडी पर सरकारी खर्च को लेकर आशंका जताई है।दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार ने विधानसभा चुनाव के पहले ही 10 हजार करोड़ रुपये का कर्ज लिया है। इसकी व्याज दरें भी काफी ऊंची हैं। इसलिए नई सरकार को खजाना करीब-करीब खाली और विरासत में कर्ज मिलेग। वहीं, बीजेपी ने वादा किया है कि आप सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी, जिसमें महिलाओं के लिए मुफ्त बिजली, पानी और बस यात्रा शामिल है, जारी रहेगी। इसने अपने खुद के भी कई वादे किए हैं। ऐसे में चुनौतियां बड़ी होने वाली है।
कूड़े के पहाड़ और वायु प्रदूषण
दिल्ली में कूड़े के पहाड़ और वायु प्रदूषण बड़ी समस्या रही है। बीजेपी इन मुद्दों पर आप पर हमलावर रही है लेकन अब जब खुद बीजेपी सत्ता में आ गई है तो इसके लिए कोई बहाना दिल्ली की जनता को रास नहीं आएगा। वायु प्रदूषण के कारण ना केवल लोगों के स्वास्थ्य प्रभावित हो रहे हैं बल्कि बच्चों के स्कूल बीच सेशन बंद भी कराने पड़ते हैं।
Feb 20 2025, 14:18