लोकतंत्र सेनानियों का संघर्ष हम सबके लिए प्रेरणास्रोत - मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

रायपुर-  लोकतंत्र केवल एक शासन प्रणाली नहीं, बल्कि जीवन जीने की एक पद्धति है। आज हम लोकतंत्र की फिजा में जिस आज़ादी का अनुभव कर रहे हैं, उसकी कीमत आपातकाल के दौरान कुछ लोगों ने यातना, अपमान और जेलों में समय काटकर चुकाई थी। इन लोकतंत्र सेनानियों की पीड़ा और संघर्ष को हर पीढ़ी तक पहुँचाना हमारा कर्तव्य है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज अपने निवास कार्यालय में आयोजित आपातकाल स्मृति दिवस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह बात कही।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने लोकतंत्र विरोधी ताकतों से सावधान रहने और लोकतंत्र को सशक्त बनाने के लिए निरंतर प्रयत्नशील रहने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की रक्षा के लिए संघर्ष करने वाले लोकतंत्र सेनानियों को बेड़ियों में जकड़कर शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया। यह सब स्वतंत्र भारत में हुआ, लेकिन उस अमानवीयता ने अंग्रेजी हुकूमत की क्रूरता की याद दिला दी। आपातकाल के दौरान असहनीय कष्ट सहने वाले लोकतंत्र सेनानी आज भी हमारे लिए प्रेरणा का स्रोत हैं।

मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर पर लोकतंत्र सेनानियों को सम्मानित किया। कार्यक्रम में उन्होंने सच्चिदानंद उपासने द्वारा लिखित पुस्तक ‘वो 21 महीने: आपातकाल’ का भी विमोचन किया।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि 25 जून 1975 को भारत के लोकतांत्रिक इतिहास का सबसे काला दिन माना जाता है। आपातकाल में हजारों लोगों को बिना अपराध के जेलों में ठूंस दिया गया, मौलिक अधिकार छीन लिए गए और लोकतंत्र का गला घोंट दिया गया। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि उन्होंने इस त्रासदी को बहुत करीब से देखा है। उनके स्वर्गीय बड़े पिताजी नरहरि प्रसाद साय भी उस दौर में 19 महीने तक जेल में बंद रहे थे। उनके द्वारा सुनाए गए किस्से आज भी रोंगटे खड़े कर देते हैं। उन्होंने बताया कि किस प्रकार लोकतंत्र सेनानियों को बेड़ियों में जकड़कर शारीरिक और मानसिक यातनाएं दी गईं। यह सब स्वतंत्र भारत में हुआ, लेकिन उस अमानवीयता ने अंग्रेजी हुकूमत की क्रूरता की पुनः याद दिला दी। उन्होंने कहा कि आपातकाल में कलाकारों की स्वतंत्रता तक छीनी गई। पार्श्व गायक किशोर कुमार द्वारा सरकारी प्रचार गीत गाने से इनकार करने पर उनके गीतों पर आकाशवाणी में प्रतिबंध लगा दिया गया था।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने लोकतंत्र सेनानियों को सम्मान राशि देने की शुरुआत की थी, जिसे पूर्ववर्ती सरकार ने बंद कर दिया। हमारी सरकार ने न केवल यह सम्मान राशि पुनः प्रारंभ की, बल्कि पूर्व सरकार द्वारा रोकी गई पिछले पाँच वर्षों की बकाया राशि का भी भुगतान किया।

मुख्यमंत्री ने बताया कि अब लोकतंत्र सेनानियों की अंत्येष्टि राजकीय सम्मान के साथ की जाएगी और उनके परिजनों को ₹25,000 की सहायता राशि प्रदान की जाएगी। इसके अतिरिक्त, विधानसभा में एक अधिनियम पारित कर यह सुनिश्चित किया गया है कि भविष्य में कोई भी सरकार इस सम्मान योजना को समाप्त न कर सके।

विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने अपने उद्बोधन में आपातकाल की भयावहता और लोकतंत्र सेनानियों के बलिदान पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि आपातकाल के 21 महीनों की प्रताड़ना और लोकतंत्र पर हुए आघात को देश के हर नागरिक तक पहुँचाना आज की पीढ़ी की ज़िम्मेदारी है। डॉ. सिंह ने कहा कि यह हम सबका सौभाग्य है कि आज मीसाबंदी आंदोलन के सहभागी और उनके परिजन हमारे बीच हैं। उन्होंने आपातकाल को असंवैधानिक करार देते हुए कहा कि उस समय पूरे देश को एक विशाल जेल में बदल दिया गया था। लोकतंत्र के स्तंभ—न्यायपालिका, कार्यपालिका, विधायिका और मीडिया—को निष्क्रिय कर दिया गया था। प्रेस पर सेंसरशिप थोप दी गई थी और सच्चाई बोलने वालों को जेलों में डाल दिया गया था। उन्होंने बताया कि देश उस समय गहरे आर्थिक और सामाजिक संकट से गुजर रहा था—मंहगाई, बेरोज़गारी और भ्रष्टाचार चरम पर थे। जनता के भीतर आक्रोश पनप रहा था और उसी को कुचलने के लिए आपातकाल थोपा गया। उन्होंने कहा कि यदि आज लोकतंत्र जीवित और मजबूत है, तो इसका श्रेय उन सेनानियों को जाता है जिन्होंने अपार कष्ट सहकर भी संविधान और देश की आत्मा की रक्षा की।

इस अवसर पर पवन साय और लोकतंत्र सेनानी संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सच्चिदानंद उपासने ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। कार्यक्रम में उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन, विधायक मोतीलाल साहू, सीजीएमएससी के अध्यक्ष दीपक म्हस्के, नागरिक आपूर्ति निगम के अध्यक्ष संजय श्रीवास्तव, अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष अमरजीत छाबड़ा, रायपुर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष नन्द कुमार साहू, लोकतंत्र सेनानी संघ के प्रदेश अध्यक्ष दिवाकर तिवारी सहित बड़ी संख्या में लोकतंत्र सेनानी एवं उनके परिजन उपस्थित थे।

दो मासूमों की तालाब में डूबने से मौत

सरगुजा-  लसरगुजा जिले के सीतापुर थाना क्षेत्र के ग्राम केरजू में दो मासूम बच्चों की तालाब में डूबने से मौत हो गई। दोनों बच्चे साइकिल धोने तालाब पहुंचे थे, जहां फिसलने के कारण वे गहरे पानी में चले गए और डूब गए। इस घटना ने पूरे गांव को शोक में डुबो दिया है।

जानकारी के अनुसार, नवीन अग्रवाल का 9 वर्षीय पुत्र आरव अग्रवाल और संजय अग्रवाल का 7 वर्षीय पुत्र अंश अग्रवाल, जो आपस में पड़ोसी भी थे, अपने अन्य दोस्तों के साथ साइकिल लेकर खेलने निकले थे। खेल-खेल में सभी बच्चे घर के पास स्थित तालाब पर साइकिल धोने चले गए।

साइकिल धोते समय अचानक आरव और अंश का पैर फिसल गया और दोनों गहरे पानी में डूबने लगे। साथ में मौजूद अन्य बच्चों ने शोर मचाया, जिसके बाद ग्रामीणों ने दौड़कर दोनों को बाहर निकाला। उस वक्त तक दोनों बेहोश हो चुके थे।

ग्रामीणों ने बच्चों को तत्काल कांसाबेल अस्पताल पहुंचाया, जहां से स्थिति गंभीर होने पर अंबिकापुर के एक निजी अस्पताल में रेफर किया गया। लेकिन वहां डॉक्टरों ने जांच के बाद दोनों को मृत घोषित कर दिया।

आरव और अंश न सिर्फ पड़ोसी थे बल्कि गहरे दोस्त भी थे। दोनों अक्सर एकसाथ खेलते, घूमते और हर वक्त साथ दिखाई देते थे। अब दोनों का एकसाथ इस तरह चले जाना दोनों परिवारों के लिए बेहद पीड़ादायक है। इस हादसे से गांव में गहरा मातम छा गया है और हर कोई इन मासूमों को नम आंखों से याद कर रहा है।

1500 करोड़ी की ठगी मामले में शिक्षक सहित दो गिरफ्तार

बलौदाबाजार- “रकम दोगुनी” करने के नाम पर ग्रामीणों से करोड़ों रुपये की ठगी करने वाले शासकीय शिक्षक रामनारायण साहू और उसके भाई हेमंत साहू को पुलिस ने महासमुंद जिले से गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी लंबे समय से भोले-भाले लोगों को झांसे में लेकर फर्जी निवेश और त्वरित मुनाफे का लालच देकर ठगी कर रहे थे।

फिलहाल पुलिस ने दो पीड़ितों की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए 1 करोड़ 22 लाख 82 हजार रुपये की धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है, लेकिन अधिकारियों का अनुमान है कि यह घोटाला 1500 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है, क्योंकि और भी कई पीड़ित सामने आने लगे हैं।

ठगी की साजिश में परिवार भी शामिल

जांच में सामने आया है कि आरोपी शिक्षक रामनारायण साहू ने अपने परिवार के सदस्यों और अन्य साथियों के साथ मिलकर यह ठगी का पूरा नेटवर्क खड़ा किया था। ग्रामीणों को यह विश्वास दिलाया गया कि उनका पैसा कुछ ही महीनों में दोगुना हो जाएगा।पुलिस सूत्रों के अनुसार, आरोपी शिक्षक के खिलाफ पहले से ही रायपुर के मंदिर हसौद थाना में भी ठगी का मामला दर्ज है।

कैसे देते थे ठगी को अंजाम?

  • ग्रामीणों को फर्जी योजनाओं में निवेश के लिए प्रेरित किया जाता था।
  • त्वरित मुनाफा, सुरक्षित निवेश और “सरकारी व्यक्ति” का नाम सामने रखकर भरोसा जीता जाता था।
  • कुछ लोगों को शुरुआती भुगतान कर विश्वास दिलाया गया, फिर रकम लेकर फरार हो गए।

पुलिस अब अन्य शामिल आरोपियों की तलाश में जुट गई है। प्रारंभिक पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं, और यह संभावना जताई जा रही है कि राज्य के अन्य जिलों में भी इस गिरोह का नेटवर्क फैला हुआ है।

पुलिस अधीक्षक भावना गुप्ता ने बताया कि “यह मामला केवल आर्थिक अपराध नहीं, बल्कि जनविश्वास को तोड़ने की संगठित साजिश है। जल्द ही पूरे नेटवर्क का भंडाफोड़ किया जाएगा।

अबूझमाड़ में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ जारी, दो महिला माओवादी ढेर

नारायणपुर- छत्तीसगढ़ के घने और संवेदनशील अबूझमाड़ इलाके में सुरक्षाबलों को एक बार फिर बड़ी सफलता मिली है। नारायणपुर जिले के कोहकामेटा थाना क्षेत्र में नक्सल विरोधी अभियान के तहत बीती रात डीआरजी नारायणपुर, डीआरजी कोंडागांव और एसटीएफ की संयुक्त टीम ने माड़ डिवीजन के बड़े नक्सली कैडर की मौजूदगी की सूचना पर ऑपरेशन चलाया।

मुठभेड़ में दो महिला नक्सली ढेर

ऑपरेशन के दौरान हुई मुठभेड़ में दो महिला माओवादी मारी गईं, जिनके शव घटनास्थल से बरामद किए गए हैं। मुठभेड़ देर रात से सुबह तक चली, जिसमें सुरक्षाबलों ने रणनीतिक बढ़त हासिल की और इलाके को सुरक्षित किया।

हथियार और सामग्री बरामद

घटनास्थल की सर्चिंग के दौरान सुरक्षा बलों को बड़ी मात्रा में नक्सली हथियार और सामग्री हाथ लगे:

  • एक इंसास राइफल
  • एक .315 बोर देसी हथियार
  • मेडिकल सप्लाई
  • नक्सली दस्तावेज और अन्य सामग्री

यह बरामदगी माओवादी संगठन की गतिविधियों और तैयारी के संकेत देती है। सुरक्षाबलों ने फिलहाल पूरे क्षेत्र को घेराबंदी कर सघन तलाशी अभियान तेज कर दिया है।

विस्तृत जानकारी शीघ्र

वरिष्ठ पुलिस और सुरक्षा अधिकारियों ने बताया कि घटना से जुड़ी विस्तृत जानकारी जल्द ही साझा की जाएगी। इलाके में अतिरिक्त बलों की तैनाती भी सुनिश्चित की गई है ताकि किसी भी प्रकार की नक्सली जवाबी कार्रवाई से निपटा जा सके।

1000 करोड़ के राज्य स्रोत निशक्त जन संस्थान घोटाले पर उच्च न्यायालय में सुनवाई पूरी, सुरक्षित रखा गया फैसला

बिलासपुर- राज्य स्रोत निशक्त जन संस्थान घोटाले को लेकर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में बुधवार को अहम सुनवाई हुई। हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच में इस बहुचर्चित घोटाले को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर बहस पूरी हो गई है, जिसमें याचिकाकर्ता, आरोपित अधिकारियों और केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की ओर से पक्ष रखा गया। कोर्ट ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।

मामले में तत्कालीन चीफ सेक्रेट्री की रिपोर्ट के बाद डिवीजन बेंच ने प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए घोटाले की सीबीआई जांच कराने का निर्देश दिया था। हाईकोर्ट के निर्देश पर सीबीआई जबलपुर ने अज्ञात के खिलाफ अपराध दर्ज कर मामले की जांच भी शुरू कर दी थी। इसी बीच घोटाले के आरोप में फंसे आईएएस व राज्य सेवा संवर्ग के अधिकारियों ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर कर सीबीआई जांच पर रोक की मांग की थी। प्रकरण की सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई जांच पर रोक लगाते हुए सुनवाई के लिए प्रकरण छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट को वापस भेज दिया था। इसके बाद यहां सुनवाई चल रही थी।

बता दें कि रायपुर के कुशालपुर निवासी कुंदन सिंह ठाकुर ने छत्तीसगढ़ के कुछ वर्तमान और रिटायर्ड आईएएस अफसरों पर एनजीओ के नाम पर करोड़ों का घोटाला करने का आरोप लगाते हुए जनहित याचिका लगाई। जिसमें बताया गया कि खुद याचिकाकर्ता को एक शासकीय अस्पताल राज्य स्त्रोत निशक्त जन संस्थान में कार्यरत बताते हुए वेतन देने की जानकारी पहले मिली। इसके बाद उन्होंने आरटीआई के तहत जानकारी ली तो पता चला कि नया रायपुर स्थित इस कथित अस्पताल को एक एनजीओ चला रहा है। जिसमें करोड़ों की मशीनें खरीदी गईं हैं। इनके रख रखाव में भी करोड़ों का खर्च आना बताया गया।

इस मामले में 2017 में एक याचिका दायर की गई। 2018 में जनहित याचिका के रूप में इसकी सुनवाई शुरू की गई। सुनवाई के दौरान पता चला कि राज्य स्रोत निशक्त जन संस्थान नाम की संस्था ही नहीं है। सिर्फ कागजों में संस्था का गठन किया गया था।

राज्य को संस्था के माध्यम से 1000 करोड़ का वित्तीय नुकसान उठाना पड़ा, जो कि 2004 से 2018 के बीच में 10 साल से ज्यादा समय तक किया गया। इस मामले में राज्य के 6 आईएएस अधिकारी आलोक शुक्ला, विवेक ढांड, एमके राउत, सुनील कुजूर, बीएल अग्रवाल और पीपी सोती समेत सतीश पांडेय, राजेश तिवारी, अशोक तिवारी, हरमन खलखो, एमएल पांडेय और पंकज वर्मा पर आरोप लगाया गया। याचिका में कहा गया कि स्टेट रिसोर्स सेंटर का कार्यालय माना रायपुर में बताया गया, जो समाज कल्याण विभाग के अंतर्गत है।

याचिका में यह भी बताया गया कि एसआरसी ने बैंक ऑफ इंडिया के अकाउंट और एसबीआई मोतीबाग के तीन एकाउंट से संस्थान में कार्यरत अलग-अलग लोगों के नाम पर फर्जी आधार कार्ड से खाते खुलवाकर रुपये निकाले गए। सुनवाई के दौरान राज्य के तात्कालीन मुख्य सचिव अजय सिंह ने शपथ-पत्र दिया। इसमें उन्होंने 150-200 करोड़ की गलतियां सामने आने की बात कही। हाईकोर्ट ने कहा कि जिसे राज्य के मुख्य सचिव गलतियां और त्रुटि बता रहे हैं, वह एक संगठित और सुनियोजित अपराध है। कोर्ट ने सीबीआई को जांच के लिए निर्देश दिए थे। साथ ही हाईकोर्ट के निर्देश पर घोटाले में फंसे आधा दर्जन से अधिक आईएएस अधिकारियों ने भी अपना जवाब प्रस्तुत कर दिया है।

27 जून के बाद मानसून पकड़ेगा रफ्तार, बिलासपुर-सरगुजा संभाग में पिछले 24 घंटे में जोरदार बारिश

रायपुर- छत्तीसगढ़ में मानसून अब पूरी तरह सक्रिय हो चुका है। प्रदेश के कई हिस्सों में लगातार बारिश हो रही है और आने वाले सप्ताहभर तक इसी तरह की स्थिति बने रहने की उम्मीद है। मौसम विभाग ने संकेत दिए हैं कि 27 जून से प्रदेश में व्यापक स्तर पर अच्छी बारिश हो सकती है, जिससे जून में बनी सूखे की स्थिति में काफी हद तक राहत मिल सकती है।

पिछले 24 घंटों में सरगुजा और बिलासपुर संभाग के कुछ हिस्सों में भारी बारिश दर्ज की गई है, वहीं राजधानी रायपुर में सुबह से रुक-रुक कर बारिश हो रही है। मौसम विभाग का अनुमान है कि आज भी प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में बारिश हो सकती है।

जून में अब तक सामान्य से 40% कम बारिश

इस साल जून में अब तक सिर्फ 68.8 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई है, जबकि सामान्य औसत 115.6 मिमी होता है। यानी अब तक 40 प्रतिशत कम वर्षा दर्ज हुई है। इससे जल संकट गहराता जा रहा है।प्रदेश के 46 प्रमुख जलाशयों में औसतन सिर्फ 23% जल संग्रहण है, जो कि चिंताजनक स्थिति है। लेकिन अब उम्मीद है कि मानसून की सक्रियता से जलाशयों में भी पानी की आवक बढ़ेगी और किसानों के साथ-साथ आमजन को भी राहत मिलेगी।

ट्रांसफर नीति में संशोधन: राज्य सरकार ने जारी किया नया आदेश

रायपुर- छत्तीसगढ़ शासन ने कर्मचारियों को बड़ी राहत देते हुए 30 जून तक स्थानांतरण आदेश जिला-विभागीय वेबसाइट पर अपलोड करने की छूट दी है. इसके पहले यह छूट केवल 25 जून तक थी. सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से तमाम विभागाध्यक्षों को स्थानांतरण नीति वर्ष 2025 के संबंध में जारी पत्र में बताया गया है कि स्थानांतरण पर प्रतिबंध को 25 जून तक शिथिल किया गया है.

राज्य शासन ने छूट की अवधि में संशोधन करते हुए 30 जून तक निर्धारित किया है. इस अवधि में जिला स्तर पर जारी स्थानांतरण आदेश तथा क्रियान्वयन की स्थिति को 30 जून तक संबंधित जिला / विभाग की वेबसाइट पर अपलोड कर सकते हैं. इसके अतिरिक्त स्थानांतरण नीति की शेष शर्तें यथावत रहेगी.

कांग्रेस को कंधा देंगे बघेल, सिंहदेव, महंत और बैज : अजय चंद्राकर

रायपुर- 25 जून 1975 को लगाए गए आपातकाल से नई पीढ़ी अवगत रहे इस उद्देश्य से भाजपा आज संविधान हत्या दिवस मना रही है. इस अवसर पर पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने तंज कसते हुए कहा कि आपातकाल और 1984 का सिख दंगा, ये दोनों घटनाएं कांग्रेस के ताज में नगीने हैं. कांग्रेस के डीएनए में लोकतंत्र की हत्या, असुरक्षा और विरोधियों की हत्या शामिल है. यह बात इस पीढ़ी को जानना जरूरी है।

भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने सवाल उठाया कि आखिर मानव अधिकार क्यों निलंबित किए गए. सत्ता में आने के लिए कांग्रेस आज माफी मांगे उससे फर्क नहीं पड़ता. इसके साथ उन्होंने भूपेश बघेल, डॉ. चरण दास महंत, दीपक बैज और टीएस सिंहदेव के बयान पर निशाना साधते हुए कहा कि जब कांग्रेस दफन होगी तो चारों अपने कंधे पर उसे ले जाएंगे. संगति के लिए इसकी जरूरत है.

वहीं सचिन पायलट के अंतर्कलह नहीं दिखने वाले बयान पर चंद्राकर ने पलटवार करते हुए कहा कि अंतर्कलह नहीं तो नेता प्रतिपक्ष लाठी किस पर चलाएंगे? हम पर चलाएंगे क्या? किसके कहने पर लाठी चलाएंगे? वहाx किसके कहने पर पहुंचे? नेता प्रतिपक्ष उत्तेजित होने वाले आदमी नहीं है? अब कान छुपाने के लिए इनको कुछ तो पहनना ही पड़ेगा ना.

कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के छत्तीसगढ़ दौरे को लेकर पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने कहा कि मल्लिकार्जुन खड़गे रायपुर आ चुके हैं. उनके नेतृत्व में अधिवेशन होने के बाद कांग्रेस यहां क्यों हारी? उनका भाषण हुआ और भाजपा चुनाव जीती. वह भाषण देंगे और फिर हमारा चुनाव जीतने का रास्ता पुष्ट हो जाएगा।

प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री साय को लिखा पत्र, निशुल्क पुस्तकों को ऑनलाइन उपलब्ध कराने का किया आग्रह

रायपुर-  छत्तीसगढ़ के प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को पत्र लिखकर अशासकीय स्कूलों में दी जाने वाली निशुल्क पाठ्यपुस्तक ऑनलाइन उपलब्ध कराने का आग्रह किया है. स्कूली छात्रों की पढ़ाई को लेकर पत्र के माध्यम से चिंता जाहिर की गई है. पत्र में बताया गया कि प्रदेश के अशासकीय स्कूलों को अब तक निशुल्क पाठ्यपुस्तकें नहीं मिलने से विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है. 

प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन ने पत्र में लिखा कि हर वर्ष की तरह इस बार भी राज्य पाठ्य पुस्तक निगम द्वारा पुस्तकों का वितरण किया जाना था, लेकिन स्कूल खुलने के एक सप्ताह से अधिक समय बीत जाने के बावजूद अब तक किसी भी स्कूल को किताबें नहीं मिली हैं. पुस्तकों की खेप अभी तक डिपो तक भी नहीं पहुंची है। ऐसे में आशंका है कि विद्यार्थियों को किताबें मिलने में 15 जुलाई तक का समय लग सकता है। इस एक महीने के दौरान छात्र को पढ़ाने के लिए कुछ भी नहीं है.

सीएम साय से आग्रह किया कि जब तक किताबें नहीं मिलतीं, तब तक कम से कम पाठ्यपुस्तकों की पीडीएफ कॉपी ऑनलाइन उपलब्ध कराई जाए, जिससे स्कूल शुरुआती पाठ्यक्रम की पढ़ाई शुरू कर सकें. उनका यह भी कहना है कि विलंब के चलते कई निजी स्कूलों ने अब निजी प्रकाशकों की किताबें अपने छात्रों को देना शुरू कर दिया है.

ऑपरेशन साइबर शील्ड : फर्जी सिम बेचने वाले तीन राज्यों के 11 आरोपी गिरफ्तार, विदेशों में हो रहा था सिम का इस्तेमाल

रायपुर- फर्जी सिम बेचने के मामले में ऑपरेशन साइबर शील्ड के तहत रायपुर पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है. फर्जी सिम कार्ड विक्रेता, पीओएस एजेंट, डिस्ट्रीब्यूटर समेत 11 आरोपियों को राजस्थान, मध्यप्रदेश, रायपुर, दुर्ग, धमतरी से गिरफ्तार किया गया है. इन आरोपियों द्वारा जारी फर्जी सिम यूनाइटेड अरब अमीरात, श्रीलंका, नेपाल, म्यांमार में इस्तेमाल होने संबंधी साक्ष्य मिले हैं. फर्जी सिम को म्यूल अकाउंट के ब्रोकर, डिस्ट्रीब्यूटर और संचालकों को बेचा गया था. अपराध में संलिप्त अब तक 7000 से अधिक सिम कार्ड और 590 मोबाइल की पहचान हुई है. इस मामले में पुलिस की जांच जारी है.

पुलिस महानिरीक्षक रायपुर रेंज अमरेश मिश्रा के निर्देशन में साइबर अपराध एवं अपराधियों के विरुद्ध ऑपरेशन साइबर शील्ड के तहत लगातार कार्रवाई जारी है. म्यूल अकाउंट से संबंधित मामले में सिविल लाइन रायपुर थाने में अपराध दर्ज कर रेंज साइबर थाना रायपुर की टीम जांच कर रही है. विवेचना के दौरान अपराध में संलिप्त म्यूल बैंक अकाउंट में पंजीकृत मोबाइल नंबर की जानकारी संबंधित सिम सेवा प्रदाता कंपनी से प्राप्त की गई. तकनीकी विश्लेषण के आधार पर अपराध में संलिप्त पाए जाने पर सिम कार्ड विक्रेता, सिम POS एजेंट, संवर्धक को राजस्थान, मध्यप्रदेश, रायपुर, दुर्ग, धमतरी से गिरफ्तार किया गया है.

गिरफ्तार आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि नया सिम लेने/सिम पोर्ट कराने वाले ग्राहकों का डबल थंब स्कैन/आई ब्लिंक कर ई-केवाईसी के माध्यम से सिम चालू करते थे. जिस कस्टमर के पास आधार कार्ड की फिजिकल कॉपी होती थी उसका विवरण स्वयं ही वेरीफाई कर डी-केवाईसी के माध्यम से अतिरिक्त सिम चालू करते थे. इन फर्जी सिम को म्यूल अकाउंट के ब्रोकर/संवर्धक/संचालकों को बेचते थे, जिन्हें पूर्व में गिरफ्तार किया जा चुका है.


इन आरोपियों को किया गया गिरफ्तार

  • नितेश कुमार शर्मा पिता कमलेश कुमार शर्मा उम्र 26 वर्ष पता बागौर बहमोरी, तहसील नागौती, जिला करौली, राजस्थान
  • पीयूष पांडे पिता तिलक राज पांडे उम्र 28 वर्ष पता वार्ड नंबर 9, कोनिया, सतना, मध्यप्रदेश
  • हरविंदर भाटिया पिता जिन्दर पाल भाटिया उम्र 37 वर्ष पता वार्ड नंबर 25, संतरा बाड़ी, दुर्ग
  • दिलावर सिंह संधू पिता जगजीत सिंह संधू उम्र 23 वर्ष पता हाउसिंह बोर्ड आईई भिलाई, दुर्ग
  • उदय राम यदु पिता कार्तिक राम यदु उम्र 31 वर्ष पता श्री राम नगर, न्यू चंगोराभाठा, डीडीनगर, रायपुर
  • आशीष कलवानी पिता रमेश लाल कलवानी, उम्र 30 वर्ष पता खोखोपारा, पुरानी बस्ती, रायपुर
  • चंदन कुमार सिंह पिता अजीत सिंह उम्र 25 वर्ष पता रामेश्वर नगर, भनपुरी, रायपुर
  • सचिन गिरी पिता रूपेश गिरी उम्र 21 वर्ष पता आदर्श नगर, झंडा चौक, मोवा, रायपुर
  • वैभव साहू पिता सुरेश कुमार साहू उम्र 25 वर्ष पता सुभाष नगर, कसारीडीह, दुर्ग
  • सूरज मारकण्डे पिता धर्मेन्द्र मारकण्डे उम्र 20 वर्ष, पता मिनीमाता वार्ड कचना, कुरूद, धमतरी
  • अतहर नवाज पिता फजल अली उम्र 38 वर्ष पता ओल्ड धमतरी रोड, मठपुरैना रायपुर।