हाईकोर्ट ने खारिज की शिक्षक की याचिका, NIA अफसरों पर लगाया था गंभीर आरोप, जानिए पूरा मामला…

बिलासपुर- एनआईए स्पेशल कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर आज हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। शिक्षक ने एनआईए के अफसरों पर गंभीर आरोप लगाया है. उन्होंने हाईकोर्ट से कहा कि जांच के बहाने अफसर उसे नक्सल मामले में फंसाना चाहते हैं। इधर जांच एजेंसी की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता ने डिवीजन बेंच को बताया कि शिक्षक पत्नी की मोबाइल व इलेक्ट्रानिक डिवाइस की जांच बेहद जरूरी है। नक्सल गतिविधियों से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी मिलने की संभावना है। अधिवक्ता के तर्कों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने शिक्षक की याचिका को खारिज कर दिया है।

मामले की सुनवाई के दौरान डिवीजन बेंच ने कहा कि राष्ट्रीय हित के मुद्दे की जांच बेहद जरूरी है। लिहाजा मोबाइल व इलेक्ट्रानिक डिवाइस की जांच के लिए एनआईए को फ्रीहैंड दे दिया है। मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच में हुई।

दरअसल, मोहला मानपुर अंबागढ़ चौकी जिले के बाजार पारा, मानपुर में पदस्थ प्राइमरी स्कूल के शिक्षक अंगद सिंह सलामे ने एनआईए स्पेशल कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए याचिका लगाई है, जिसमें उन्होंने कहा कि एनआईए ने बिना पूर्व सूचना के कई बार उससे पूछताछ की। उसके बाद पत्नी के मोबाइल व इलेक्ट्रानिक डिवाइस भी जब्त कर लिया है। शिक्षक ने आरोप लगाया है कि एनआईए के अफसरों ने उससे एक संदिग्ध नक्सली को सरेंडर कराने की बात कही थी। सरेंडर ना कराने की स्थिति में गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी भी दी थी।

एनआईए की तरफ से पैरवी करते हुए अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ता शिक्षक द्वारा लगाए जा रहे आरोप बेबुनियाद है। जांच के दौरान इकट्ठे किए गए सबूत से यह पुष्टि हो रही है कि नक्सल गतिविधियों में शिक्षक की संलिप्तता की पूरी संभावना है। जब्त किए गए सामान व इलेक्ट्रानिक डिवाइस की जांच से खुलासे होने की संभावना है।

मामले की सुनवाई के बाद चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच ने अपने फैसले में लिखा है कि छत्तीसगढ़ नक्सल प्रभावित राज्य है। यहां राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी गंभीर चुनौतियां है। केंद्र व राज्य सरकार बस्तर को नक्सल समस्या से मुक्त करने की पूरी कोशिश कर रही है। नक्सल गतिविधियों से राज्य की आंतरिक सुरक्षा के साथ ही आम लोगों को भी खतरा है। इससे राष्ट्रीय हित भी प्रभावित होता है। ऐसे में वर्तमान जांच को बाधित नहीं किया जा सकता.

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कुनकुरी में 250 सीटर नालंदा परिसर का किया भूमिपूजन

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने जशपुर जिले में कुनकुरी के सलियाटोली ग्राम में 4.37 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाले 250 सीटर नालंदा परिसर का भूमिपूजन किया। इस अवसर पर उन्होंने युवाओं को शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि राज्य सरकार का उद्देश्य प्रत्येक जिले में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराना है। इसके लिए सभी जिला मुख्यालयों में नालंदा परिसरों की स्थापना की जा रही है। जशपुर जिले में दो स्थानों पर नालंदा परिसर का निर्माण किया जा रहा है। नालंदा परिसर अत्याधुनिक पुस्तकालय, शिक्षण संसाधनों और तकनीकी सुविधाओं से सुसज्जित होगा। विद्यार्थियों की निर्बाध पढ़ाई सुनिश्चित करने के लिए यह परिसर 24 घंटे खुला रहेगा।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि शासन द्वारा नागरिक सुविधाओं में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए ई-ऑफिस के माध्यम से सभी विभागों की सेवाएँ ऑनलाइन की जा रही हैं। राजस्व क्षेत्र में 10 नवीन क्रांतिकारी पहल लागू की गई है, जिससे रजिस्ट्री और नामांतरण जैसी प्रक्रियाएँ अब आमजन के लिए सरल और सुलभ हो गई हैं।

मुख्यमंत्री श्री साय ने बताया कि छात्रहित को ध्यान में रखते हुए पीएससी जैसी परीक्षाओं में भ्रष्टाचार करने वालों के खिलाफ सीबीआई जाँच कराई जा रही है। साथ ही, जशपुर जिले में मेडिकल कॉलेज, कृषि महाविद्यालय, उद्यानिकी, नर्सिंग, नेचुरोपैथी और फिजियोथेरेपी कॉलेज की स्थापना की जाएगी।

नालंदा परिसर: अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त, 24x7 अध्ययन के लिए समर्पित केंद्र

नालंदा परिसर में महानगरों की तर्ज पर सप्ताह के सातों दिन, चौबीसों घंटे अध्ययन की सुविधा उपलब्ध होगी। इसमें इंडोर और आउटडोर स्टडी ज़ोन के साथ-साथ प्राकृतिक वातावरण से जुड़ने के लिए ऑक्सी रीडिंग ज़ोन की व्यवस्था होगी। यह परिसर स्वायत्त मॉडल पर आधारित होगा और पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता देते हुए सौर ऊर्जा से संचालित किया जाएगा। ईको-फ्रेंडली डिज़ाइन के इस परिसर में विद्युत खपत न्यूनतम होगी और 50 से अधिक देशी पौधों की प्रजातियाँ रोपी जाएँगी। युवाओं के समग्र विकास को ध्यान में रखते हुए परिसर में यूथ टावर, स्पोर्ट्स कोर्ट, कैफेटेरिया, एटीएम और हेल्थ ज़ोन जैसी सुविधाएँ भी विकसित की जाएँगी। संचालन के लिए स्ववित्तपोषित मॉडल को अपनाया जाएगा। लाइब्रेरी में 50,000 से अधिक पुस्तकें, डिजिटल लाइब्रेरी, वाई-फाई ज़ोन और प्रतियोगी परीक्षाओं की पुस्तकें उपलब्ध होंगी। साथ ही, आरएफआईडी आधारित प्रवेश प्रणाली, बायोमेट्रिक आईडी, पुस्तकों की ट्रैकिंग के लिए आरएफआईडी और सॉफ्टवेयर आधारित पुस्तक प्रबंधन प्रणाली की व्यवस्था होगी।

इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष सालिक साय, कुनकुरी जनपद अध्यक्ष सुशीला साय, उपाध्यक्ष बालेश्वर यादव, कलेक्टर रोहित व्यास, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शशिमोहन सिंह, जिला पंचायत सीईओ अभिषेक कुमार, भरत सिंह, कृष्ण कुमार राय, जनप्रतिनिधि, अधिकारी, कर्मचारी और बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित थे।

चिकित्सा शिक्षा विभाग का मीडिया प्रोटोकाॅल का आदेश हुआ स्थगित, मीडियाकर्मियों ने प्रदर्शन के बाद बैकफूट में आयी सरकार

रायपुर-  छत्तीसगढ़ चिकित्सा शिक्षा विभाग की तरफ से जारी मीडिया प्रोटोकॉल के आदेश को आज स्थगित कर दिया गया। आपको बता दे मेडिकल कॉलेज और उनसे संबंधित अस्पतालों में मीडिया कव्हरेज को लेकर चिकित्सा शिक्षा विभाग ने मीडिया मैनेजमेंट प्रोटोकाॅल जारी किया था। इस आदेश के बाद मीडिया कर्मियों के विरोध के साथ ही विपक्ष ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया था। जिसके बाद आज सरकार ने इस आदेश को स्थगित कर दिया है।

गौरतलब है कि पिछले दिनों छत्तीसगढ़ चिकित्सा शिक्षा विभाग की तरफ से मीडिया मैनेजमेंट प्रोटोकाॅल के लिए आदेश जारी किया था। अपने प्रारंभिक आदेश में सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों और उनसे संबंधित अस्पतालों में मीडिया के सीधे कव्हरेज पर प्रतिबंध लगाते हुए मीडिया से जनसंपर्क अधिकारी के थ्रू बातचीत के बाद न्यूज कव्हरेज की अनुमति जारी करने का आदेश दिया गया था। विभाग ने यह आदेश अस्पतालों के अधीक्षक और मेडिकल कॉलेजों के ज्वाइंट डायरेक्टर को भेजा था। इस आदेश के बाद प्रदेशभर में मीडियाकर्मियों ने इस आदेश को लेकर विरोध दर्ज कराया था।

राजधानी रायपुर में पत्रकारों ने प्रतीकात्मक रूप से आदेश की कॉपी जलाकर अपना विरोध जताया था। मामला के तूल पकड़ने पर स्वास्थ्य मंत्री मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने मीडिया का पक्ष लिया था। स्वास्थ्य मंत्री ने एक वीडियो जारी करते हुए कहा था कि हमारे लिए मीडिया का सम्मान सर्वोपरि है। जो आदेश जारी हुआ है, वह बिना व्यापक विचार-विमर्श के था। स्वास्थ्य मंत्री ने व्यक्तिगत रूप से इस आदेश को तत्काल प्रभाव से स्थगित करने की बात कही थी। जिसके बाद अब सरकार ने इस आदेश को स्थगित करने का आदेश आज जारी कर दिया है।

कांग्रेस ने सरकार की मंशा पर उठाये सवाल

छत्तीसगढ़ चिकित्सा शिक्षा विभाग के आदेश के स्थगित करने के बाद कांग्रेस ने इस पर भी सवाल उठाये है। कांग्रेस के चिकित्सा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष डाॅ. राकेश गुप्ता ने कहा कि….आदेश का स्थगित कर विभाग हीलाहवाला कर रही है। सरकार की मंशा पर शक है। अगर सरकार मीडिया को वास्तव में अस्पतालों में रिपोर्टिंग से नहीं रोकना चाहती है, तो अपने आदेश को स्थगित करने बजाय वापस ले। उन्होने आरोप लगाया कि सरकार अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए इस तरह के आदेश को निकाला था। लेकिन विरोध के बाद इन्होंने मीडिया प्रोटोकॉल को स्थगित किया है।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय सर्व नाई सेन समाज के महासम्मेलन एवं प्रतिभा सम्मान समारोह में हुए शामिल

रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय आज जशपुर जिले के कुनकुरी के महुआटोली में आयोजित सर्व नाई सेन समाज के महासम्मेलन एवं प्रतिभा सम्मान समारोह में शामिल हुए।

मुख्यमंत्री श्री साय ने अपने उद्बोधन में कहा कि नाई समाज को मेहनती और स्वावलंबी समाज के रूप में जाना जाता है। सेन समाज के अनेक लोग आज शिक्षा, व्यापार, प्रशासन और तकनीकी क्षेत्रों में अपनी प्रतिभा के दम पर विशिष्ट उपलब्धियाँ हासिल कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि इस वर्ष 12वीं कक्षा के प्रदेश टॉपर अखिल सेन इसी समाज से हैं। रायपुर में एआई डेटा सेंटर की स्थापना करने जा रहे इंदौर के उद्यमी भी सेन समाज से हैं। मुख्यमंत्री ने भारत रत्न स्व. कर्पूरी ठाकुर का स्मरण करते हुए कहा कि देश की उन्नति में सेन समाज का योगदान उल्लेखनीय रहा है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि जन्म से लेकर अंत्येष्टि तक कोई भी संस्कार सेन समाज के योगदान के बिना पूर्ण नहीं होता। समाज के विविध संस्कारों में इस समाज की भूमिका अत्यंत विशिष्ट है।

शिक्षा है समाज की प्रगति की कुंजी: मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री श्री साय ने शिक्षा के महत्व पर बल देते हुए कहा कि शिक्षा केवल रोजगार प्राप्ति का माध्यम नहीं, बल्कि व्यक्तित्व निर्माण की कुंजी है। जिस समाज में शिक्षा का स्तर ऊंचा होता है, वह समाज उतना ही सशक्त और प्रगतिशील बनता है।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बच्चों की शिक्षा गुणवत्ता को बेहतर बनाने हेतु निरंतर नीतिगत निर्णय ले रही है। राज्य में अब राष्ट्रीय स्तर की सभी प्रमुख शैक्षणिक संस्थाएँ स्थापित की जा रही हैं। नालंदा परिसर जैसे अत्याधुनिक पुस्तकालयों का निर्माण प्रदेशभर में किया जा रहा है, ताकि छात्र प्रतियोगी युग के अनुरूप स्वयं को तैयार कर सकें।

सेन समाज को सामाजिक भवन विस्तार व बाउंड्रीवाल के लिए ₹20 लाख की सौगात

मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर पर कुनकुरी स्थित सेन समाज के सामाजिक भवन के विस्तार हेतु ₹10 लाख और बाउंड्रीवाल निर्माण हेतु ₹10 लाख की राशि स्वीकृत करने की घोषणा की।

छत्तीसगढ़ केश शिल्पी बोर्ड की अध्यक्ष मोना सेन ने इस अवसर पर कहा कि महतारी वंदन योजना प्रदेश की महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण और आत्मसम्मान का मजबूत आधार बन रही है। उन्होंने कहा कि इस योजना ने माताओं-बहनों में एक नया आत्मविश्वास जगाया है और शासन की जनहितैषी योजनाएँ प्रदेश में सभी वर्गों के सर्वांगीण विकास का आधार बन रही हैं।

मुख्यमंत्री ने सेन समाज की प्रतिभाओं को किया सम्मानित

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस अवसर पर सेन समाज के उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले प्रतिभावान सदस्यों को “संत शिरोमणि सेन सम्मान” से सम्मानित किया।

इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष सालिक साय, कलेक्टर रोहित व्यास, पुलिस अधीक्षक शशिमोहन सिंह, कृष्ण कुमार राय, भरत सिंह, सर्व सेन समाज के प्रदेश अध्यक्ष पुनीत सेन, प्रदेश उपाध्यक्ष अविनाश ठाकुर, राज श्रीवास सहित समाज के पदाधिकारीगण, गणमान्यजन और बड़ी संख्या में समाज के सदस्य उपस्थित थे।

बस्तर में बड़ा सड़क हादसा, NH-30 पर 90 यात्रियों से भरी बस पलटी

जगदलपुर- छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में आज एक बड़ा सड़क हादसा हुआ। राष्ट्रीय राजमार्ग 30 पर स्थित घोड़ा गांव के जंगल के पास तेज रफ्तार बस अनियंत्रित होकर पलट गई। हादसे के वक्त बस में करीब 90 यात्री सवार थे, जो जगदलपुर से रायपुर जा रहे थे। प्राप्त जानकारी के अनुसार, बस महिंद्रा ट्रेवल्स की थी और ओवरटेक करने के प्रयास में चालक ने नियंत्रण खो दिया। इससे बस सड़क से फिसलकर पलट गई। हादसे के बाद यात्रियों में चीख-पुकार मच गई और अफरा-तफरी का माहौल बन गया।

कोई जानमाल की बड़ी हानि नहीं हुई। एक यात्री की पीठ में फ्रैक्चर आया है, जबकि कुछ अन्य यात्रियों को मामूली चोटें आई हैं। सभी घायलों को तुरंत इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया है। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और राहत दल मौके पर पहुंचा और सभी यात्रियों को सुरक्षित बस से बाहर निकाला। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और यह पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि दुर्घटना चालक की लापरवाही के कारण हुई या बस में कोई तकनीकी खराबी थी।

किसानों के लिए राहतभरी खबर, अवकाश के दिनों में भी खुली रहेंगी खाद बीज समितियां

अंबिकापुर- जिले में लगातार हो रही वर्षा के मद्देनजर लैम्पस समितियों में कृषकों द्वारा खाद-बीज की मांग की जा रही है। कृषकों के हित को ध्यान में रखते हुए तथा किसानों को समय पर खाद-बीज उपलब्ध कराने के लिए सरगुज़ा कलेक्टर एवं प्राधिकृत अधिकारी विलास भोसकर ने सरगुज़ा, बलरामपुर, सूरजपुर, कोरिया, मनेन्द्रगढ़ के आदिम जाति सेवा सहकारी समिति मर्यादित के समस्त समिति प्रबंधकों को पत्र जारी कर अवकाश के दिनों में समितियां खुली रखने निर्देशित किया है।

जारी आदेशानुसार समितियां प्रत्येक दिवस सुबह 9:00 बजे से सायं 06:00 बजे तक तथा शनिवार, रविवार एवं अवकाश के दिनों में भी खुली रहेंगी एवं कृषकों को बीज वितरण करेंगे।

कुनकुरी को मिली बड़ी सौगात, CM विष्णुदेव साय ने मातृ शिशु चिकित्सालय की रखी आधारशिला

रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज जशपुर जिले के कुनकुरी को एक महत्वपूर्ण सौगात प्रदान की। उन्होंने गिनाबहार में 8.77 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले 50 बिस्तरों वाले मातृ-शिशु चिकित्सालय और 50 लाख रुपये की लागत से निर्मित होने वाली ब्लॉक पब्लिक हेल्थ यूनिट का भूमिपूजन किया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि आज जशपुर जिले के स्वास्थ्य क्षेत्र में विकास की एक नई कड़ी जुड़ रही है। इस चिकित्सालय के निर्माण से कुनकुरी सहित फरसाबहार, कांसाबेल और दुलदुला जैसे आसपास के क्षेत्रों की माताओं, बहनों और बच्चों को लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री ने बताया कि जशपुर में 200 बिस्तरों वाले आधुनिक चिकित्सालय का निर्माण शीघ्र प्रारंभ होगा। इस वर्ष के बजट में मेडिकल कॉलेज स्थापित करने का प्रावधान किया गया है। इसके अतिरिक्त, नर्सिंग कॉलेज और फिजियोथेरेपी कॉलेज भी खोले जाएंगे।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना और जेनरिक दवा दुकानों के माध्यम से आमजन को किफायती इलाज सुलभ कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ नागरिकों के लिए वय वंदना योजना एक महत्वपूर्ण स्वास्थ्य-सुरक्षा कवच है।मितानिन बहनों के मानदेय का भुगतान अब ऑनलाइन किया जा रहा है, जिससे पारदर्शिता और समयबद्धता सुनिश्चित हुई है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी को जमीनी स्तर पर लागू करने की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने बताया कि किसानों से 21 क्विंटल प्रति एकड़ धान की खरीद की जा रही है, और उन्हें प्रति क्विंटल 3,100 रुपये की राशि प्रदान की जा रही है। तेंदूपत्ता संग्रहकों को अब 5,500 रुपये प्रति मानक बोरा का भुगतान किया जा रहा है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीब परिवारों के लिए आवास निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। उन्होंने कहा कि महतारी वंदन योजना के अंतर्गत राज्य की 70 लाख से अधिक माताओं और बहनों को प्रतिमाह 1,000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जा रही है। साथ ही, 5.60 लाख भूमिहीन कृषि श्रमिकों को 10,000 रुपये की विशेष सहायता राशि प्रदान की गई है। पंचायतों में कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) खोलने का कार्य युद्धस्तर पर जारी है, जिससे ग्रामीणों को अपने गांव में ही बैंकिंग, धन जमा-निकासी जैसी सुविधाएं मिलेंगी। अगले पंचायती राज दिवस तक सभी पंचायतों में ये सुविधाएं उपलब्ध होंगी।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि राजस्व प्रशासन में सुधार के लिए कई बड़े निर्णय लिए गए हैं। अब जमीन की रजिस्ट्री के साथ ही नामांतरण की प्रक्रिया स्वतः पूरी होगी, और फर्जी रजिस्ट्री पर अंकुश लगेगा। विश्व योग दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री ने सभी नागरिकों से अपील की कि वे योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करें।

आदिवासी अंचल को मिली मातृत्व सुरक्षा की नई सौगात

उल्लखेनीय है कि कुनकुरी में प्रस्तावित 50 बिस्तरों वाला मातृ-शिशु चिकित्सालय न केवल कुनकुरी, बल्कि फरसाबहार, कांसाबेल और दुलदुला जैसे तीन अन्य विकासखंडों की महिलाओं और बच्चों को स्थानीय स्तर पर चिकित्सा सुविधा प्रदान करेगा। गर्भवती महिलाओं को प्रसवपूर्व देखभाल, प्रसव, जटिलताओं का उपचार और बच्चों को समुचित स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी। विशेषज्ञ चिकित्सकों की उपस्थिति गंभीर बीमारियों की पहचान और उपचार में सहायता करेगी। 50 लाख रुपये की लागत से बनने वाली ब्लॉक पब्लिक हेल्थ यूनिट के माध्यम से लैब जांच सुविधाएं भी उपलब्ध होंगी, जिससे आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार होगा।

इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष सालिक साय, जिला पंचायत उपाध्यक्ष शौर्य प्रताप सिंह जूदेव, कमिश्नर नरेंद्र दुग्गा, आईजी दीपक कुमार झा, कलेक्टर रोहित व्यास, पुलिस अधीक्षक शशिमोहन सिंह, जिला पंचायत सीईओ अभिषेक कुमार, भरत सिंह, कृष्ण कुमार राय, सुनील गुप्ता, उपेंद्र यादव, राजकुमार गुप्ता, अमन शर्मा, गोपाल कश्यप, मनोज जायसवाल, राजेश चौधरी, यशवंत यादव, विकास नाग सहित अन्य जनप्रतिनिधि, अधिकारी, कर्मचारी और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

पिता ने घरेलू विवाद के चलते बेटे पर चाकू से किया हमला, गिरफ्तार

रायगढ़- चक्रधरनगर थाना क्षेत्र में घरेलू विवाद के चलते एक पिता द्वारा अपने ही बेटे पर चाकू से जानलेवा हमला किए जाने का मामला सामने आया है। पुलिस ने आरोपी पिता को गिरफ्तार कर हत्या के प्रयास के तहत न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, घटना 18 जून 2025 की दोपहर की है। आहत विश्वनाथ निषाद (उम्र 25 वर्ष) के बड़े भाई बिहारी लाल निषाद (27 वर्ष) ने थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि उनका छोटा भाई विश्वनाथ अपने मकान की छत की मरम्मत करवा रहा था। इसी दौरान पिता नकुल निषाद (उम्र 55 वर्ष) ने विवाद करते हुए गाली-गलौज शुरू कर दी और कहा कि केवल अपने घर की मरम्मत करवा रहे हो, मेरे घर की नहीं।

गुस्से में आकर नकुल निषाद ने घर में रखे चाकू से विश्वनाथ के गले पर हमला कर दिया, जिससे गंभीर चोट आई। घायल को तत्काल जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। घटना की गंभीरता को देखते हुए थाना चक्रधरनगर में आरोपी नकुल निषाद के विरुद्ध अपराध क्रमांक 273/2025 धारा 109(1), 296, 351(3) बीएनएस (हत्या के प्रयास) के तहत मामला दर्ज कर लिया गया। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर उसके कब्जे से घटना में प्रयुक्त चाकू बरामद किया और न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है।

इस कार्रवाई में थाना प्रभारी निरीक्षक अमित शुक्ला, सहायक उपनिरीक्षक नंदकुमार सारथी, आरक्षक मिकेतन पटेल और पौलुस एक्का की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

बस्तर संभाग में मलेरिया प्रकरणों में 72% की गिरावट: जनसहयोग से मिली बड़ी सफलता

रायपुर- छत्तीसगढ़ सरकार के मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान को बस्तर संभाग में बड़ी सफलता मिली है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में बस्तर जैसे संवेदनशील और चुनौतीपूर्ण क्षेत्र में मलेरिया के मामलों में ऐतिहासिक कमी दर्ज की गई है।

राज्य शासन द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार बस्तर संभाग में मलेरिया धनात्मक दर 4.60 प्रतिशत से घटकर मात्र 0.46 प्रतिशत रह गई है। वहीं वर्ष 2015 की तुलना में वर्ष 2024 में मलेरिया के मामलों में 72 प्रतिशत की गिरावट आई है। राज्य का वार्षिक परजीवी सूचकांक (API) वर्ष 2015 में 5.21 था, जो घटकर 2024 में 0.98 हो गया है। बस्तर संभाग का API इसी अवधि में 27.4 से घटकर 7.11 तक पहुंचा है। 2023 की तुलना में 2024 में मलेरिया प्रकरणों में 8.52 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस उपलब्धि पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान हमारी सरकार की जन-केंद्रित सोच और समर्पित स्वास्थ्य प्रयासों का परिणाम है। उन्होंने कहा कि बस्तर जैसे क्षेत्र में मलेरिया नियंत्रण में मिली यह सफलता स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों, मितानिनों और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की मेहनत का प्रमाण है।

स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि सरकार का लक्ष्य पूरे छत्तीसगढ़ को मलेरिया मुक्त बनाना है और इस दिशा में ठोस प्रयास लगातार जारी हैं। अभियान के तहत मच्छरदानी वितरण, घर-घर जाकर जांच, त्वरित उपचार, और जागरूकता गतिविधियों के माध्यम से मलेरिया के प्रसार को नियंत्रित किया गया है। वर्ष 2024 में अभियान के 10वें और 11वें चरणों में विशेष निगरानी और उपचार कार्यों के चलते मलेरिया नियंत्रण को और बल मिला है।

राज्य सरकार मलेरिया उन्मूलन के लिए राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम (NVBDCP) और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के दिशा-निर्देशों के अनुरूप कार्य कर रही है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अभियान में योगदान देने वाले स्वास्थ्य विभाग, स्थानीय प्रशासन, मितानिनों और आमजन के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह सफलता सामूहिक प्रयासों से ही संभव हुई है और यह छत्तीसगढ़ को एक स्वस्थ और समृद्ध राज्य बनाने की दिशा में एक ठोस कदम है।

सड़क हादसे में मृत जवान को मिला 1 करोड़ का मुआवजा, पुलिस सैलेरी पैकेज से मिला दिवंगत जवान की मां को चेक

दुर्ग- सड़क दुर्घटना का शिकार हुए जवान को 1 करोड़ का मुआवजा मिला है। एसएसपी विजय अग्रवाल की मौजूदगी में जवान की माता को 1 करोड़ का चेक सौंपा गया। आरक्षक क्रमांक 1724 उपेन्द्र कुमार तिवारी की माता चंद्रकांति तिवारी को भारतीय स्टेट बैंक (SBI) द्वारा पुलिस सैलेरी पैकेज (PSP) के अंतर्गत ₹1 करोड़ का चेक सौंपा गया। यह मुआवजा राशि 20 जून 2025 को कार्यालय वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, दुर्ग में आयोजित कार्यक्रम के दौरान प्रदान किया गया।

इस अवसर पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, दुर्ग, एसबीआई के क्षेत्रीय प्रबंधक रूपक मंडल (सेक्टर-1, भिलाई) और गंजपारा शाखा, दुर्ग के शाखा प्रबंधक राहुल मोदी उपस्थित रहे। उन्होंने स्वर्गीय आरक्षक की माता को चेक सौंपकर श्रद्धांजलि अर्पित की और परिवार को संबल प्रदान किया।

गौरतलब है कि आरक्षक उपेन्द्र कुमार तिवारी, जिला पुलिस बल दुर्ग में पदस्थ थे और दिनांक 26 दिसंबर 2024 को एक दुखद सड़क दुर्घटना में उनका निधन हो गया था। पुलिस विभाग और एसबीआई के मध्य हुए एम.ओ.यू. (MOU) के तहत दुर्घटनाओं में शहीद हुए पुलिसकर्मियों के परिजनों को ₹1 करोड़ तक का बीमा क्लेम उपलब्ध कराया जाता है।

पुलिस सैलेरी पैकेज (PSP) के तहत न केवल दुर्घटना जनित मृत्यु, बल्कि स्थायी पूर्ण विकलांगता और आंशिक विकलांगता की स्थिति में भी एसबीआई द्वारा विशेष आर्थिक सहायता का प्रावधान किया गया है, जो सेवा के दौरान अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए हानि उठाने वाले पुलिसकर्मियों के लिए एक महत्वपूर्ण राहत है।

इस अवसर पर वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने उपेन्द्र तिवारी की वीरता और सेवा भावना को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी और उनके परिवार को भरोसा दिलाया कि पुलिस विभाग हर संकट की घड़ी में उनके साथ है।