वाहनों में एचएसआरपी नंबर प्लेट नहीं लगाने पर पुलिस एवं प्रवर्तन अमले के द्वारा चालानी कार्रवाई करने के दिए गए निर्देश

रायपुर-  सचिव सह परिवहन आयुक्त एस. प्रकाश की अध्यक्षता में आज यहां मंत्रालय महानदी भवन में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट के अनुबंधित कंपनियों के प्रतिनिधि एवं समस्त परिवहन अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में सचिव सह परिवहन आयुक्त एस.प्रकाश द्वारा बिना एचएसआरपी वाले वाहनों पर सख्त चालानी कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए।

सचिव परिवहन एस. प्रकाश ने एचएसआरपी आर्डर में कमी आने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए समस्त परिवहन अधिकारियों को पुलिस प्रशासन से समन्वय कर संयुक्त जांच अभियान चलाने और चालानी कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने धमतरी, जशपुर, दुर्ग, अंबिकापुर, बैकुण्ठपुर, रायपुर, बिलासपुर जिलों के परिवहन अधिकारियों से विस्तारपूर्वक चर्चा की और आगामी दिनों में एचएसआरपी आर्डर की संख्या दोगुनी करने हेतु कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए।

बैठक में समस्त परिवहन अधिकारियों को एचएसआरपी वेंडर से समन्वय कर तहसील मुख्यालय, ग्रामीण कस्बों एवं भीड़ वाले जगहों जैसे-इंडस्ट्रियल, एजुकेशन इंस्टीट्यूट क्षेत्रों में लगातार कैम्प आयोजित करने के निर्देश दिए गए। परिवहन सचिव सह आयुक्त ने दुर्ग जिला अंतर्गत भिलाई स्टील प्लांट (बीएसपी) में कार्यरत कर्मचारियों के स्टॉफ पार्किंग में कैम्प आयोजित करने हेतु क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी, दुर्ग को निर्देशित किया गया। साथ ही एचएसआरपी लगाने एवं नियम / अधिनियम की जानकारी हेतु लोगों में जागरूकता लाने पेट्रोल पंप या अन्य भीड़ वालें स्थानों पर बैनर / पोस्टर के माध्यम से जानकारी प्रसारित करने के निर्देश दिए गए।

बैठक में निर्देश दिया गया कि अनुबंधित कम्पनियां जिला मुख्यालय के साथ-साथ तहसील मुख्यालय में भी कंपनी द्वारा संचालित स्थायी फिटमेंट सेंटर स्थापित करने के साथ मैनपॉवर भी बढ़ाएं। इसके अतिरिक्त समस्त परिवहन अधिकारियों को समस्त फिटमेंट सेंटरों का लगातार भौतिक निरीक्षण करने के निर्देश दिए गए। आगामी सप्ताह में पुनः समीक्षा बैठक ली जावेगी।

रायपुर-दुर्ग रेलवे ट्रैक पर 130 KMPH स्पीड का ट्रायल, जीएम ने किया निरीक्षण

रायपुर- दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे जोन के महाप्रबंधक (जीएम) ने शुक्रवार को दुर्ग से रायपुर के बीच रेल मार्ग का विस्तृत निरीक्षण किया। इस निरीक्षण का उद्देश्य ट्रैक की संरचना, संचालन क्षमता और गति बढ़ाने की संभावनाओं का आकलन करना था। रायपुर स्टेशन पहुंचने के बाद जीएम पुनः दुर्ग के लिए रवाना हुए, जहां वे मिडल लाइन पर 130 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से ट्रेन चलाए जाने के लिए बनाए गए ट्रैक का निरीक्षण करेंगे। इससे पहले रायपुर से दुर्ग जाते समय उन्होंने अप लाइन की जांच की और ट्रैक की गुणवत्ता, संरक्षा संबंधी मानकों और सिग्नलिंग प्रणाली को बारीकी से परखा। रायपुर रेलवे स्टेशन पहुंचने के बाद उन्होंने मीडिया से चर्चा करते हुए बताया कि रायपुर रेल मंडल में वंदे भारत एक्सप्रेस के साथ-साथ अब अन्य ट्रेनों की गति भी बढ़ाई जा रही है, विशेषकर वे ट्रेनें जिनमें एलएचबी (लिंक हॉफमैन बुश) कोच लगे हुए हैं। एलएचबी कोच की उच्च तकनीकी विशेषताओं के कारण इन ट्रेनों को तेज रफ्तार में चलाना संभव हो पाया है।

जीएम ने कहा कि पूरे रेल मंडल में इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने, यात्रियों को समय पर और सुरक्षित यात्रा देने तथा हाई-स्पीड ट्रेनों के संचालन के लिए आधुनिक तकनीक पर आधारित ट्रैक व सिग्नलिंग सिस्टम का विकास किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि अगले चरण में 130 KMPH की स्पीड से चलने वाली ट्रेनों के लिए ट्रैक को पूरी तरह से तैयार कर लिया जाएगा। निरीक्षण के दौरान रायपुर रेलवे स्टेशन में पश्चिम विधायक राजेश मूणत और पूर्व विधायक विकास उपाध्याय भी मौजूद रहे। दोनों जनप्रतिनिधियों ने जीएम से मुलाकात कर क्षेत्रीय रेल समस्याओं को विस्तार से रखा। विधायक राजेश मूणत ने स्टेशन में यात्रियों की सुविधा के दृष्टिकोण से प्लेटफॉर्म नंबर 1 से 7 तक अंडरब्रिज निर्माण की मांग की। उन्होंने बताया कि यात्रियों को विशेषकर वरिष्ठ नागरिकों, महिलाओं और दिव्यांगजनों को प्लेटफॉर्म बदलने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। अंडरब्रिज के निर्माण से न केवल यह समस्या हल होगी, बल्कि रेलवे स्टेशन की सुरक्षा व्यवस्था भी बेहतर होगी।

वहीं, पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने रायपुर से इंदौर तक सीधी ट्रेन सेवा शुरू करने की मांग की, जिससे व्यापारिक और सामाजिक दृष्टिकोण से जुड़े हजारों लोगों को लाभ मिलेगा। इसके अलावा उन्होंने रेलवे की जमीन से जुड़े फर्जीवाड़े और अतिक्रमण के मामलों को भी जीएम के संज्ञान में लाया। उन्होंने कहा कि राजधानी में रेलवे की बहुमूल्य भूमि पर अवैध कब्जे और रजिस्ट्रियों के माध्यम से हो रहे घोटाले चिंताजनक हैं, जिनकी निष्पक्ष जांच आवश्यक है। इस पर जीएम ने तत्काल प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इस मामले की गंभीरता से जांच की जाएगी, और यदि कोई भी दोषी पाया गया तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। रेलवे जीएम ने यह भी संकेत दिए कि आने वाले दिनों में रायपुर मंडल के अंतर्गत कई ट्रेनों की गति में सुधार देखने को मिलेगा। साथ ही स्टेशन और ट्रेनों में यात्रियों की सुविधाओं को लेकर अनेक प्रस्तावों पर काम चल रहा है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि रेल संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए और नई परियोजनाओं को समयबद्ध तरीके से पूरा किया जाए।

नागरिक आपूर्ति निगम की संचालक मंडल की बैठक सम्पन्न: अनुकम्पा नियुक्ति को मिली स्वीकृति, कर्मचारियों के हित में महंगाई भत्ते में हुई वृद्धि

रायपुर- छत्तीसगढ़ स्टेट सिविल सप्लाईज़ कॉरपोरेशन लिमिटेड (नागरिक आपूर्ति निगम) के नव नियुक्त अध्यक्ष संजय श्रीवास्तव की अध्यक्षता में निगम मुख्यालय, नवा रायपुर में संचालक मंडल की 95वीं बैठक आयोजित की गई। बैठक में निगम कर्मचारियों के हित में कई निर्णय लिए गए। वर्षों से लंबित अनुकम्पा नियुक्ति के विषय पर संवेदनशीलता और तत्परता से कार्य करते हुए निगम के पांच दिवंगत सेवायुक्तों के आश्रित परिजनों को अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान करने का निर्णय लिया गया। यह निर्णय संबंधित परिवारों के लिए न केवल राहत का माध्यम बनेगा, बल्कि उनके जीवन को स्थायित्व देने वाला भी सिद्ध होगा।

बैठक में वित्तीय वर्ष 2022-23 के लेखों का अंतिमीकरण कर वित्तीय पत्रकों को अनुमोदित किया गया। साथ ही वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए नागरिक आपूर्ति निगम के बजट का संचालक मंडल द्वारा अनुमोदन किया गया। बैठक में मार्च 2025 से शासन द्वारा घोषित महंगाई भत्ते में वृद्धि को भी स्वीकृति प्रदान की गई। इससे निगम के समस्त कर्मचारियों में हर्ष का वातावरण बना और उन्होंने इस निर्णय हेतु अध्यक्ष एवं संचालक मंडल के प्रति आभार व्यक्त किया।

'आधार के उपयोग द्वारा अधिकतम लाभ' विषय पर आयोजित की गई राज्य स्तरीय कार्यशाला

रायपुर- भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण के क्षेत्रीय कार्यालय हैदराबाद द्वारा आज राजधानी रायपुर स्थित न्यू सर्किट हाउस के कन्वेंशन हॉल में आधार से अधिकतम लाभ प्राप्त करना विषय पर एक दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य प्रदेश में आधार के व्यापक और प्रभावी उपयोग को प्रोत्साहित करना है। साथ ही आधार की उपयोगिता को जन-कल्याण की योजनाओं से जोड़ते हुए अधिक पारदर्शी एवं डिजिटल गवर्नेंस की दिशा में आगे बढ़ना है। इस महत्वपूर्ण कार्यशाला का आयोजन मुख्य सचिव अमिताभ जैन के मार्गदर्शन मेें किया गया।

कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालन अधिकारी भुवनेश कुमार ने कहा कि आई.टी. के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ तीव्र गति से प्रगति के पथ पर आगे बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि देश में लगभग 140 करोड़ आधार बने हैं, जिसकी सहायता से हितग्राहियों को सीधे लाभ पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में आधार आम नागरिकों की प्रगति का सबसे बड़ा माध्यम बन गया है। उन्होंने जानकारी दी कि भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण द्वारा आधार एनरोलमेंट और अपडेशन के लिए नवाचार का उपयोग कर नया साफ्टवेयर बना कर पूर्ण प्रक्रिया को ऑनलाइन किया जा रहा है, ताकि आधार बनाने की प्रक्रिया में होने वाली दिक्कत की आशंका को कम किया जा सके। आधार को और अधिक विश्वसनीय एवं प्रभावी बनाने के लिए जन्म प्रमाण पत्र, पेन कार्ड, पासपोर्ट, मनरेगा, पी.डी.एस. आदि अनेक सेवाओं से इन्टीग्रेट किया जा रहा है।

इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग की प्रमुख सचिव निहारिका बारिक सिंह ने कहा कि आधार से सुशासन और डिजिटल गवर्नेंस का लक्ष्य साधने में मदद मिल रही है। आधार, भारत का सबसे परिवर्तनकारी डिजिटल पहचान मंच बन चुका है, जिसकी सहायता से शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं के लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुँचाया जा रहा है। उन्होंने आधार की भूमिका को समावेशी, पारदर्शी और उत्तरदायी शासन की नींव बताते हुए राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली, पेंशन, मनरेगा मजदूरी भुगतान, सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाओं सहित कई सेवाओं में आधार का सफल इंटीग्रेशन किया है। इसके अलावा, ई-डिस्ट्रिक्ट, लोक सेवा गारंटी और राज्य डी.बी.टी. पोर्टल जैसे डिजिटल प्लेटफार्मों में आधार की भूमिका को और अधिक सशक्त किया जा रहा है।

कार्यशाला को संबोधित करते हुए रीजनल ऑफिस हैदराबाद की डिप्टी डायरेक्टर जनरल पी. संगीता ने बताया कि आधार पिछले दो दशकों में अभूतपूर्व परिवर्तन से गुजर चुका है। यह अब सिर्फ 12 अंकों की संख्या नहीं रह गया है, बल्कि यह एक समग्र सुशासन और डिजिटल भारत की आधारभूत संरचना बन चुका है। आधार से संबंधित नियम और नीतियों में समय-समय पर बदलाव होते रहे हैं, जिसे सभी हितधारकों के साथ साझा किया जाता है। यूआईडीएआई मुख्यालय के डीडीजी विवेक चंद्र वर्मा एवं विनोद कुमार सिंह ने कार्यशाला में आधार उपयोग में हाल के समय में की जा रही है पहल पर व्याख्यान दिया। उन्होंने आधार अधिनियम 2016 के प्रावधानों के तहत लाभ वितरण, प्रमाणीकरण सुविधाएं और आधार सक्षम भुगतान प्रणाली की जानकारी दी।

कार्यशाला में यूआईडीएआई मुख्यालय के निदेशक कर्नल निखिल सिन्हा ने नामांकन एवं अद्यतन पारिस्थितिकी तंत्र में हाल के समय में विकास और नई नीतियां विषय पर प्रस्तुति दी। वहीं, निदेशक लेफ्टिनेंट कर्नल संजीव यादव ने आधार प्रमाणीकरण अवलोकन एवं मुख्य बातें साझा करते हुए छत्तीसगढ़ सहित अन्य राज्यों की तुलनात्मक जानकारियाँ दीं। इनिशिएटिव एण्ड बेस्ट प्रेक्टिसेस के अंतर्गत, बेंगलुरु के राजस्व आयुक्त सुनील कुमार पोम्माला ने भूमि प्रबंधन प्रणाली में आधार के तकनीकी उपयोग और कर्नाटक राज्य में कृषि से जुड़ी योजनाओं में आधार के सकारात्मक प्रभाव पर आधारित अनुभव साझा किए।

राज्य में आधार प्रमाणीकरण का स्कोप विषय पर चिप्स के सीईओ प्रभात मलिक ने अपने विचार रखते हुए बताया कि आधार ऑथेंटिकेशन के जरिए योजनाओं से अपात्र हितग्राहियों को हटाकर पात्र लाभार्थियों तक लाभ पहुंचाया जा सकता है। यूआईडीएआई हैदराबाद के निदेशक लेफ्टिनेंट कर्नल श्री शरत नांबियार ने भी संबोधित किया। कार्यशाला में चिप्स द्वारा प्रदेश में नियुक्त किये गये 14 ऐसे आधार केंद्रों के ऑपरेटरों को जिन्होंने विगत छः माह में अत्यंत कम त्रुटि के साथ आधार एनरोलमेंट और अपडेशन किया है, उन्हें सम्मानित किया गया।

कार्यशाला में प्रतिभागियों ने आधार से संबंधित विविध प्रश्न रखे, जिस पर विशेषज्ञों ने सार्थक जानकारी दी और उनकी शंकाओं का समाधान किया। कार्यशाला में उद्योग एवं वाणिज्य तथा सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव रजत कुमार, राजस्व विभाग के सचिव अविनाश चंपावत, लोक निर्माण विभाग के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह सहित राज्य शासन के विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी, राज्य के विभिन्न जिलों से आए आधार ऑपरेटर्स शामिल हुए।

2026 तक तैयार होगा भव्य मां कौशल्या धाम, मनोरम वादियों के बीच कौशल्या धाम बनेगा आस्था एवं आकर्षण का केन्द्र

बालोद- छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश एवं दुनिया में सनातन संस्कृति एवं आस्था के प्रमुख केन्द्र के रूप में स्थापित बालोद जिले के डौण्डीलोहारा विकासखण्ड के सुदूर वनांचल में स्थित पाटेश्वर आश्रम में भव्य एवं विशाल कौशल्या धाम बनाने का परिकल्पना शीघ्र साकार होने वाला है। पाटेश्वर सेवा संस्थान के संचालक राम बालकदास महात्यागी ने बताया कि कौशल्या धाम का निर्माण कार्य अंतिम चरण पर है। उन्होंने कहा कि माता कौशल्या धाम के निर्माण कार्य पूरा हो जाने के बाद 2026 में इसका विधिवत लोकार्पण किया जाएगा।

संत राम बालकदास ने बताया कि समाज के सभी वर्गों के सहयोग से निर्मित की जा रही भव्य एवं विशाल कौशल्या माता धाम पूरे देश और दुनिया का एक मात्र कौशल्या धाम होगा। उन्होंने कहा कि पाटेश्वर आश्रम परिसर के लगभग 04 एकड़ भूमि में निर्माणाधीन तीन मंजिला कौशल्या धाम मंदिर के द्वितीय तल पर भगवान श्री रामलला को अपनी गोद में ली हुई 7 फीट का माँ कौशल्या की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। उन्होंने कहा कि यह प्रतिमा पूरे देश और दुनिया में अपने तरह की पहली प्रतिमा होगी। कौशल्या धाम के पहले तल में शिव लिंग स्थापित की जाएगी।

इसके साथ ही तीसरे तल पर पंचमुँखी हनुमान की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। संत श्री राम बालकदास ने बताया कि तीनों प्रतिमा के निर्माण कार्य अंतिम चरण पर है। इसके अलावा इस भव्य एवं विशाल तीन मंजिला कौशल्या धाम में अग्नि, वायु, सहस्त्रबाहु, कबीर, संत रविदास, झुलेलाल, कर्मा माता, परमेश्वरी माता आदि सभी जाति एवं सम्प्रदायों के कुल 108 आराध्य देवी-देवताओं तथा महापुरूषों की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। इसके फलस्वरूप यह कौशल्या धाम सभी धर्मों और जातियों के आस्था एवं सर्व धर्म संभाव के केन्द्र के रूप में स्थापित होगा। बालोद जिले के डौण्डीलोहारा विकासखण्ड के आदिवासी बहुल बड़ा जुंगेरा ग्राम घनघोर जंगल और पहाड़ों के बीच प्रकृति के मनोरम वादियों में स्थित पाटेश्वर आश्रम में माता कौशल्या धाम के निर्माण कार्य पूरा हो जाने के पश्चात् यह धाम श्रद्धालुओं और दर्शनार्थियों के लिए आस्था एवं आकर्षण का प्रमुख केन्द्र के रूप में स्थापित होगा।

उल्लेखनीय है कि लगभग 12 एकड़ के विशाल क्षेत्र में स्थित पाटेश्वर धाम छत्तीसगढ़ राज्य सहित पूरे देश में सनातन संस्कृति के लोगों का प्रमुख आस्था का केन्द्र है। यहाँ पर माघी पूर्णिमा, गुरू पूर्णिमा के अवसर पर विशाल मेला के आयोजन के अलावा प्रतिदिन श्रद्धालुओं और दर्शानार्थी पाटेश्वर धाम में पहुँचते है। इस पाटेश्वर धाम को जामड़ीपाट के नाम से भी जाना जाता है। इसका ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक महत्व भी है।

यह स्थल प्रारंभ से ही आदिवासी समाज तथा अंचल के लोगों के लिए आस्था का केन्द्र रहा है। इस आश्रम परिसर के ऊपरी पहाड़ी में 416 सीढ़ी चढ़ने के पश्चात् अंचल के 12 गांव तथा आदिवासी समाज के लोगों का आराध्य देव स्थापित है। यहाँ पर विभिन्न पर्वों के अवसर पर आदिवासी समाज एवं अंचल के लोगों के द्वारा पूजा-अर्चना किया जाता है। पाटेश्वर धाम सेवा संस्थान के संचालक संत श्री राम बालकदास ने बताया कि उनके गुरू देव श्री राज योगी बाबा जी सन् 1975 में पाटेश्वर धाम आगमन के पश्चात् पेड़ के नीचे अखंड धुनि जलाई थी। इस स्थान पर अनवरत रूप से अखंड धुनि प्रज्ज्वलित हो रही है।

इसके अलावा पाटेश्वर धाम के मंदिर परिसर में 1977 से दक्षिण मुँखी हनुमान की प्रतिमा स्थापित की गई है। पाटेश्वर धाम परिसर में पानी का कुंड स्थापित है, इस कुंड का पानी कभी सूखता नही है। उल्लेखनीय है कि पाटेश्वर धाम परिसर में सीता रसोई का भी संचालन किया जा रहा है। जहाँ पर पाटेश्वर धाम परिसर में आने वाले श्रद्धालुओं, दर्शानार्थियों एवं आगन्तुकों को निःशुल्क भोजन प्रदान किया जाता है। संत राम बालकदास ने बताया कि 2015 में जगत गुरू राजेन्द्र देवाचार्य एवं चारों जगत गुरूओं की उपस्थिति में आयोजित कथा वाचन के दौरान पाटेश्वर धाम परिसर में माँ कौशल्या धाम स्थापित करने का सुझाव दिया गया था। जिसे आत्मसात कर इस स्थान पर माँ कौशल्या धाम का निर्माण कार्य प्रारंभ कर इसे मूर्त रूप दिया जा रहा है।

इस तरह से भगवान रामचंद्र का ननिहाल एवं माता कौशल्या का मायका छत्तीसगढ़ के बालोद जिले में देश और दुनिया का एक मात्र कौशल्या धाम का निर्माण करने का परिकल्पना शीघ्र साकार होने वाला है। यहाँ पर नन्हें बालक भगवान श्री रामलला को अपने गोद में ली हुई माता कौशल्या की 07 फीट ऊँची प्रतिमा को कौशल्या धाम में विराजित की जाएगी। माता कौशल्या की इस प्रतिमा का निर्माण राजस्थान के लाल पत्थरों से किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस भव्य एवं विशाल मंदिर के निर्माण में समाज के सभी वर्ग के लोगों ने अपना सहयोग दिया है। यह कौशल्या धाम जन सहयोग से बनने वाला अपने आप में अनुपम एवं अद्वितीय होगा और बालोद जिला का यह स्थाना माँ कौशल्या धाम के नाम से पूरे विश्व में विख्यात होगा।

छत्तीसगढ़ में ‘योग फॉर वन अर्थ वन हेल्थ’ थीम पर मनाया जाएगा योग दिवस, वित्त मंत्री चौधरी ने जनता से की शामिल होने की अपील

रायपुर- छत्तीसगढ़ के वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने आज रायपुर स्थित भाजपा जिला कार्यालय एकात्म परिसर में प्रेसवार्ता आयोजित की. इस दौरान उन्होंने 21 जून को योग दिवस पर होने वाले कार्यक्रमों की जानकारी देते हुए कहा कि कल शनिवार 21 जून 2025 को पूरी दुनिया “योग फॉर वन अर्थ, वन हेल्थ” की थीम के साथ 11वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने जा रही है. गत दस वर्षों में भारत सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से योग को दुनिया में अपना उचित स्थान मिला है. चौधरी ने कहा कि भारत सरकार के प्रयासों का ही परिणाम है कि भारत की योग आधारित अर्थव्यवस्था कुल 20 हजार करोड़ रुपए से अधिक की हो चुकी है और 1 लाख से अधिक प्रमाणित योग शिक्षक दुनिया के 190 देशों में योग सीखने-सिखाने का कार्य कर रहे हैं.

वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने PC को संबोधित करते हुए कहा कि अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस कल मनाया जाएगा. 2014 से मोदी सरकार ने प्रयास किया कि योग को दुनिया एडॉप्ट करे. भारत का सॉफ्ट पावर पूरी दुनिया ने स्वीकार किया है. अनेक धर्मों ने योग को एडॉप्ट किया है. वर्ल्ड ऑर्डर, शांति को स्थापित करने योग का बड़ा योगदान है. प्रधानमंत्री मोदी ने विकास और विरासत की बात कही है. 

उन्होंने बताया कि योग का थीम इस बार “योग फॉर वन अर्थ वन हेल्थ“ रखी गई है. वित्तमंत्री ओपी चौधरी ने जनता से अपील करते हुए कहा कि सभी किसी ना किसी योग दिवस कार्यक्रम में मौजूद रहें. 

योग दिवस के लिए बजट निर्धारण पर वित्त मंत्री:

योग दिवस के लिए समाज कल्याण विभाग बजट निर्धारित करता है. भाजपा की संगठन इकाई योग दिवस कार्यक्रम का आयोजन करेगी. GAD के आदेश पर राज्य सरकार योग दिवस के कार्यक्रम का आयोजन करेगी. 

वित्त मंत्री चौधरी ने बताया कि राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण कार्यालय (एनएसएसओ) के हाल ही में हुए सर्वेक्षण में पाया गया कि देश के 2.5 करोड़ घरों में, जो कि देश की आबादी का लगभग 8% है, कम-से-कम एक सदस्य नियमित योग करता है. यह योग के भारतीय जीवन शैली से जुड़ाव को दिखाता है और यह स्थापित करता है कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार आम भारतीय के जीवन की प्राथमिकताओं पर चल रही है.

चौधरी ने कहा कि आज के इस कठिन दौर में, जहाँ बीमारियों और जनसंख्या दोनों ही तेज़ी से बढ़ रही हैं, योग एक ऐसा माध्यम है जिससे हम सभी एक स्वस्थ, संतुलित और खुशहाल जीवन सकते हैं. योग केवल शरीर की क्रियाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि यह आत्मा, मन और चेतना को जोड़ने वाली एक जीवनशैली है. भारत, जो योग की भूमि है, ने सदियों से इसे संरक्षित और प्रचारित भी किया है. यह हमारी सांस्कृतिक धरोहर है और आज विश्व भर में इसके वैज्ञानिक लाभों को स्वीकार किया जा रहा है.

चौधरी ने कहा कि भारत जैसा कोई दूसरा देश शायद ही हो, जिसका इतना व्यापक, समृद्ध और जीवंत सांस्कृतिक इतिहास रहा हो. जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र में यह प्रस्ताव रखा कि 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाया जाए, तब बहुत-से लोग जो पहले योग का मजाक उड़ाया करते थे, उन्हें यह कल्पना भी नहीं रही होगी कि यह पहल एक दिन वैश्विक आंदोलन का रूप ले लेगी. इस ऐतिहासिक क्षण में 177 देशों ने एक स्वर में इस प्रस्ताव का समर्थन किया. यह भारत की सांस्कृतिक विरासत की जीत थी. मोदी ने न केवल भारत में, बल्कि पूरे विश्व में भारतीय मूल्यों और परंपराओं के प्रति एक नई जागरूकता उत्पन्न की है. प्रधानमंत्री मोदी के पंच-प्रण का संदेश यही है कि हम विकास के साथ अपनी विरासत को आत्मसात करें, उसे सहेजें.

प्रदेश के वित्त मंत्री चौधरी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को 21 जून को मनाने के पीछे एक गहरा और वैज्ञानिक कारण भी है. 21 जून वर्ष का सबसे लंबा दिन और सबसे छोटी रात होती है. इसी दिन दक्षिणायन की शुरुआत होती है. भारतीय शास्त्रों और आयुर्वेद में यह माना गया है कि दक्षिणायन के प्रारंभ से वातावरण में अशुद्धता बढ़ने लगती है और हमारी रोग-प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है. ऐसे समय में तन और मन को संतुलित बनाए रखने, शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने और आत्मिक शांति प्राप्त करने के लिए योग एक अत्यंत प्रभावी साधन है. चौधरी ने कहा कि योग हमारी 15 हजार साल पुरानी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत का अभिन्न हिस्सा है.

आदियोगी शिव को योग का प्रथम ज्ञानदाता माना जाता है, जिन्होंने सप्तर्षियों को योग की गूढ़ विधाओं का उपदेश दिया. बाद में महर्षि पतंजलि ने योग को एक वैज्ञानिक दृष्टिकोण से व्यवस्थित किया और उसे आस्था, अंधविश्वास और भ्रम से निकालकर एक प्रमाणित जीवनशैली के रूप में दुनिया के समक्ष प्रस्तुत किया. योग केवल शारीरिक क्रियाओं का नाम नहीं है, बल्कि मन की स्थिरता, भावनाओं का संतुलन, और आत्मा की शुद्धता की साधना है.

चौधरी ने कहा कि “युव्रा” और “योग” जितने उच्चारण में मिलते-जुलते हैं, उतनी ही गहराई से एक-दूसरे से जुड़े भी हैं. आज योग से विमुख होते जा रहे युवाओं को पुन: योग से जोड़ा जडा रहा है. युवा योग अपनाएँ. योग कोई कठिन साधना नहीं, बल्कि मन को एकाग्र करने, तन को स्थिर करने, और आत्मा को शांत करने का एक सरल, वैज्ञानिक और प्रभावी तरीका है.

प्रदेश के वित्त मंत्री चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों से 21 जून के दिन को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने के प्रस्ताव को 11 दिसंबर 2014 को यूनाइटेड नेशन्स की जनरल असेंबली ने सर्वसम्मति से पारित किया था. इस प्रस्ताव को विश्व के 175 देशों का समर्थन मिला था. यह समर्थन यूनाइटेड नेशन की जनरल असेंबली के इतिहास में किसी भी प्रस्ताव को मिले समर्थन से अधिक था. अब तक विश्व में योग दिवस पर हुए वैश्विक आयोजनों की चर्चा करते हुए चौधरी ने कहा कि 21 जून 2015 को पहले अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर न्यूयॉर्क, पेरिस, बीजिंग, बैंकॉक जैसे शहरों में भव्य आयोजन किया गया. प्रथम अंतरराष्ट्रीय योग दिवस “योग फॉर पीस एंड हारमनी” की थीम पर आधारित था. इस दिन दिल्ली के एक योग कार्यक्रम में 35,985 लोगों ने एक साथ योग कर विश्व रिकॉर्ड बनाया, इन लोगों में 84 देशों के नागरिक शामिल थे. इस वर्ष 11वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को खास बनाने के लिए भारत सरकार द्वारा 10 तरह के खास आयोजन किये जा रहे हैं. इस वर्ष योग संगम का आयोजन कर 10 हजार स्थानों पर एक साथ योग प्रदर्शन कर विश्व रिकॉर्ड बनाने का लक्ष्य रखा गया है. योग वंदन के तहत प्रतिष्ठित स्थलों पर योग सत्र आयोजित करने के लिए 10 देशों के साथ वैश्विक साझेदारी की गई है. दीर्घकालिक सामुदायिक जुड़ाव के लिए 1 हजार योग पार्कों का विकास किया जाएगा. दिव्यांगजनों, वरिष्ठ नागरिकों, बच्चों और हाशिए पर रहे समूहों के लिए विशेष योग कार्यक्रम रखे जाएंगे. इसी प्रकार प्रसिद्ध योग विशेषज्ञों और स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों की भागीदारी वाला एक वर्चुअल वैश्विक योग शिखर सम्मेलन होगा. योग को वृक्षारोपण और सफाई अभियान के साथ मजबूती से जोड़ने वाली एक पहल शुरू की जा रही है. 10 स्थानों पर एक सप्ताह तक चलने वाले योग महाकुंभ उत्सव का समापन प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में एक केंद्रीय समारोह में होगा. समग्र स्वास्थ्य के लिए आधुनिक स्वास्थ्य सेवा के साथ योग को एकीकृत करने वाली 100-दिवसीय पहल संयोगम का आयोजन किया जा रहा है.

अस्त, व्यस्त जटिल जीवनशैली में योग बेहद जरूरी: संजय श्रीवास्तव

भाजपा प्रदेश महामंत्री व राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के अध्यक्ष संजय श्रीवास्तव ने पत्रकार वार्ता को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज की अस्त-व्यस्त और जटिल जीवनशैली में योग हमारे लिए बेहद जरूरी हो चला है. प्रधानमंत्री मोदी हमारी पारम्परिक विरासतों को वैश्विक स्तर पर स्थापित करने का कार्य कर रहे हैं और इसी कड़ी में उन्होंने योग को अंतरराष्ट्रीय स्वीकार्यता दिलाते हुए 21 जून को योग दिवस घोषित करवाया. श्रीवास्तव ने कहा कि भाजपा योग दिवस के आयोजन के लिए समर्पित है और व्यापक पैमाने पर इस आयोजन में अपनी सहभागिता कर रही है. इस दृष्टि से छत्तीसगढ़ में भी विभिन्न स्तरों पर जागरुकता सत्र, कार्यशालाओं, गोष्ठियों, योग प्रशिक्षण के कार्यक्रम लगातार चल रहे हैं. इससे प्रदेशभर में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को लेकर अभूतपूर्व उत्साह देखा जा रहा है. श्रीवास्तव ने कहा कि इस वर्ष योग दिवस की थीम “योगा फॉर वन अर्थ, वन हेल्थ” रखी गई है, जो व्यक्ति, समाज और पर्यावरण की आपसी जुड़ाव और संतुलन को दर्शाती है. प्रदेश भाजपा के तत्वावधान में योग दिवस का बड़े पैमाने पर आयोजन किया जाएगा. पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रदेश के सभी तीर्थ, पर्यटन व ऐतिहासिक स्थलों पर योग दिवस के कार्यक्रम में उपस्थित रहेंगे. योग दिवस को व्यापक रूप से आयोजित करने का अलग-अलग विभागों के माध्यम से संगठनों के माध्यम से व्यापक स्तर पर योग दिवस के आयोजन में हम सबकी सहभागिता रहेगी.

पत्रकार वार्ता में भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी अमित चिमनानी, प्रदेश मीडिया सह प्रभारी अनुराग अग्रवाल, मीडिया पैनलिस्ट सुनील चौधरी और भाजपा रायपुर (शहर) जिला महामंत्री सत्यम दुवा भी उपस्थित थे.

बता दें, सामान्य प्रशासन विभाग ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर होने वाले जिलेवार कार्यक्रम के लिए मुख्य अतिथियों की सूची जारी की है. रायपुर में होने वाले कार्यक्रम में राज्यपाल रमेन डेका तो वहीं जशपुर में होने वाले कार्यक्रम में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय मुख्य अतिथि होंगे. डिप्टी सीएम अरुण साव मुंगेली के होने वाले कार्यक्रम में, तो वहीं डिप्टी सीएम विजय शर्मा कवर्धा में बतौर मुख्य अतिथि मौजूद रहेंगे.

झीरम मेमोरियल हुआ प्रशासनिक उपेक्षा का शिकार, इमारत जर्जर, शराब की टूटी बोतलें और मूर्तियों को नुकसान पहुंचाने के निशान…

जगदलपुर -छत्तीसगढ़ के जगदलपुर स्थित झीरम मेमोरियल प्रदेश के सबसे बड़े नक्सली हमले में हुए राजनीतिक त्रासदी की याद को संजोए हुए है. जिन नेताओं की इस हमले में हत्या कर दी गई, उनकी याद में लालबाग इस मेमोरियल का निर्माण कराया गया था, जो अब उपेक्षित नजर आ रहा है. यह मेमोरियल अब असामाजिक गतिविधियों का अड्डा बनता जा रहा है.

बता दें, झीरम मेमोरियल की हालत इस वक्त बेहद जर्जर है. रखरखाव के अभाव में यह स्थल अब बदहाल हो चुका है. हालात ऐसे हैं कि शहीद महेंद्र कर्मा की मूर्ति के पास टूटी हुई शराब की बोतलें पड़ी मिलीं. पास में पड़े निशान इस ओर इशारा करते हैं कि यहां मूर्ति के साथ छेड़छाड़ की भी कोशिश की गई है. इस मामले को लेकर विपक्ष में बैठी कांग्रेस ने एक बार फिर नगर निगम पर तीखा हमला बोला है.

कांग्रेस नेता जावेद खानने कहा झीरम शहीदों की ये स्मृति हम सबकी जिम्मेदारी है, लेकिन नगर निगम की लापरवाही ने इसे असामाजिक गतिविधियों का अड्डा बनने दिया. एक महीने पहले शिकायत की थी, लेकिन आज तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई. इस मामले में कोतवाली पुलिस भी जांच में जुटी है. 

सीएसपी आकाश श्रीमल ने जानकारी देते हुए कहा हम सीसीटीवी फुटेज की जांच कर रहे हैं. असामाजिक तत्वों की पहचान की जा रही है और शाम के वक्त गश्त बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं.

सम्पर्क केन्द्र की सक्रियता से अवैध खनन पर त्वरित कार्रवाई, 2 जेसीबी सहित 12 वाहन जब्त

बलौदाबाजार- जिले में अवैध खनन, परिवहन और भण्डारण की रोकथाम हेतु कलेक्टर दीपक सोनी के निर्देश पर "सम्पर्क केन्द्र" को एक सशक्त नियंत्रण कक्ष (Control Room) के रूप में सक्रिय किया गया है। इस केन्द्र के माध्यम से आम नागरिकों को अपने क्षेत्र में हो रहे अवैध खनन या उससे संबंधित गतिविधियों की सूचना सीधे प्रशासन को देने की सुविधा उपलब्ध कराई गई है।इसी क्रम में शुक्रवार को अवैध रूप से मुरुम खनन एवं परिवहन की सूचना मिलने पर मौके पर 2 जेसीबी मशीन एवं 10 हाईवा ट्रक क़ो जब्त किया गया।


प्राप्त जानकरी के अनुसार शुक्रवार दोपहर लगभग 12:25 बजे सम्पर्क केन्द्र के हेल्पलाइन नम्बर 92018-99925 पर एक जागरूक नागरिक द्वारा सूचना दी गई कि तहसील सिमगा के ग्राम पंचायत बनसांकरा में जंगल के पीछे अवैध रूप से मुरुम खनन एवं परिवहन किया जा रहा है। प्राप्त सूचना पर तत्काल संज्ञान लेते हुए एसडीएम सिमगा अंशुल वर्मा के नेतृत्व में प्रशासनिक टीम गठित कर रवाना की गई। टीम द्वारा त्वरित कार्रवाई करते हुए दोपहर करीब 1 बजे ही मौके पर पहुँचकर अवैध खनन में लगे 2 जेसीबी मशीन एवं 10 हाईवा वाहनों को जब्त किया गया तथा प्रकरण दर्ज कर विधिवत कार्रवाई की गई।

जिला प्रशासन द्वारा जिले के सभी जागरूक नागरिकों से अपील किया गया है कि अपने क्षेत्र में होने वाले अवैध खनन, परिवहन या भण्डारण की जानकारी सम्पर्क केन्द्र नम्बर 92018-99925 पर तत्काल दें। प्राकृतिक सम्पदाओं के संरक्षण में प्रशासन का सहयोग करें। सूचनादाता की पहचान पूर्णतः गोपनीय रखी जाएगी।

पुलिस लाइन में जब्त शराब का नष्टीकरण, बोतलों पर चला बुलडोजर

कोरबा- जिले के विभिन्न थाना-चौकियों में वर्षों से जप्त पड़ी शराब का आज पुलिस लाइन कोरबा में विधिवत नस्तीकरण किया गया। यह कार्यवाही पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी के नेतृत्व में जिले के सभी 23 थाना व चौकी प्रभारियों की उपस्थिति में संपन्न हुई।

2014 से 2025 के बीच दर्ज कुल 1866 प्रकरणों में जप्त की गई कुल 9910 लीटर शराब को नष्ट किया गया जिसकी अनुमानित बाजार कीमत लगभग 16.84 लाख रुपए बताई गई है। नष्ट की गई शराब में देसी, विदेशी ब्रांड्स के अलावा अवैध रूप से तैयार की गई महुआ शराब भी शामिल थी।


यह नस्तीकरण कार्यवाही जिला प्रशासन, पर्यावरण विभाग और आबकारी विभाग की निगरानी और उपस्थिति में पारदर्शी तरीके से की गई। एसपी सिद्धार्थ तिवारी ने बताया कि यह कदम थाना परिसरों की साफ-सफाई, पर्यावरण संरक्षण तथा अव्यवस्थित जब्ती सामग्री के समुचित निपटान के उद्देश्य से उठाया गया है। थानों में वर्षों से जप्त सामग्रियों का निस्तारण आवश्यक था। इससे न केवल स्थान की व्यवस्था बेहतर होगी बल्कि पर्यावरण के दृष्टिकोण से भी यह एक सकारात्मक कदम है।

EE को दो लाख रुपए रिश्वत लेते ACB ने रंगे हाथ पकड़ा, निविदा प्रक्रिया से पहले ठेका देने के लिए मांगी थी घूस

जगदलपुर- एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने लोक निर्माण विभाग के विद्युत यांत्रिकी डिपार्टमेंट के कार्यपालन अभियंता को दो लाख रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. अधिकारी अजय कुमार ने निविदा प्रक्रिया से पहले काम दिलाने के एवज में ठेकेदार से दो लाख रुपए एडवांस की मांग की थी.

जानकारी के अनुसार. ठेकेदार की शिकायत पर एसीबी ने कार्यपालन अभियंता अजय कुमार को रंगे हाथ पकड़ने के लिए जाल बिछाया. इसके बाद तय समय और तारीख के हिसाब से ठेकेदार ने शुक्रवार को जगदलपुर के साकेत कॉलोनी में स्थित अभियंता के सरकारी आवास में उसे रकम सौंपी, वैसे ही एसीबी की टीम ने अभियंता को मौके पर रंगे हाथ रिश्वत लेते धर दबोचा.

फिलहाल, एसीबी द्वारा आगे की कार्रवाई करते हुए अभियंता से पूछताछ कर रही है. कार्यपालन अभियंता के रिश्वत लेते पकड़े जाने के बाद लोक निर्माण विभाग में रायपुर से लेकर जगदलपुर तक हलचल मची हुई है.