धमतरी में औषधीन पौधे की खेती कर अब किसान बनेंगे लखपति, कलेक्टर ने पहले चरण में 200 एकड़ रकबे में खेती की बनायी योजना

धमतरी- धमतरी जिला में औषधीन पौधों की खेती कर किसान लखपति बन रहे है। किसानों के लिए फायदेमंद साबित हो रही इन खेती को बढ़ावा देने की दिशा में कलेक्टर अबिनाश मिश्रा ने 200 एकड़ रकबे में मखाना की खेती के साथ ही नारियल, मिलेट्स और उद्यानिकी फसलों को खेती को बढ़ावा देने की कार्ययोजना पर तेजी से काम किया जा रहा है। धमतरी जिला में किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में कलेक्टर अबिनाश मिश्रा ने एक और नई पहल की है। धमतरी जिले में विशेषकर कुरूद, मगरलोड, धमतरी विकासखण्डों में औषधीय पौधों की खेती से किसानों की आय बढ़ाने पर जल्द ही काम शुरू होगा।

धमतरी जिला में औषधीन पौधों की खेती कर किसान लखपति बन रहे है। किसानों के लिए फायदेमंद साबित हो रही इन खेती को बढ़ावा देने की दिशा में कलेक्टर अबिनाश मिश्रा ने 200 एकड़ रकबे में मखाना की खेती के साथ ही नारियल, मिलेट्स और उद्यानिकी फसलों को खेती को बढ़ावा देने की कार्ययोजना पर तेजी से काम किया जा रहा है। धमतरी जिला में किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में कलेक्टर अबिनाश मिश्रा ने एक और नई पहल की है। धमतरी जिले में विशेषकर कुरूद, मगरलोड, धमतरी विकासखण्डों में औषधीय पौधों की खेती से किसानों की आय बढ़ाने पर जल्द ही काम शुरू होगा।

इसके लिए कलेक्टर ने आज गुरूवार को औषधीय पादप बोर्ड के मुख्य कार्यपालन अधिकारी जे.सी.एस. राव के साथ बैठक की। बैठक में वनमण्डलाधिकारी श्रीकृष्ण जाधव, सीईओ जिला पंचायत रोमा श्रीवास्तव सहित औषधीय पादप बोर्ड के सलाहकार मौजूद रहे।बैठक में धमतरी जिले में औषधीय पौधों की खेती की संभावनाओं पर विस्तृत चर्चा की गई। जिले में औषधीय पौधों की खेती के लिए उपयुक्त जलवायु और मिट्टी को ध्यान में रखते हुए खेती की कार्ययोजना बनाई जा रही है। पादप बोर्ड के सीईओ ने जिले में औषधीय पौधों की खेती से किसानों की आय में तेजी से बढ़ोत्तरी होने के बारे में बताया। उन्होंने एक एकड़ भूमि पर एक साल में औषधीय पौधों की खेती से किसानों को 75 हजार रूपये से लेकर एक लाख रूपये तक के शुद्ध मुनाफे की जानकारी दी।

सीईओ ने बताया कि वनभूमियों, सामुदायिक खेती अनुबंध आधारित खेती के साथ-साथ स्व सहायता समूहों को औषधीय पौधों की खेती से जोड़कर जिले को हर्बल जिले के रूप में नई पहचान दिलाई जा सकती है। सीईओ ने यह भी बताया कि इसके लिए औषधीय पादप बोर्ड द्वारा किसानों को अनुदान, प्रशिक्षण और सीडलिंक्स आदि के लिए आर्थिक सहायता भी पात्रता अनुसार दी जाएगी। किसानों के खेतों में अनुबंध खेती के तहत उगाए गए औषधीय उत्पादों को बेचने के लिए भी पादप बोर्ड द्वारा सहायता दी जाएगी। बड़ी फार्मा कम्पनियों, आयुर्वेदिक उत्पाद निर्माताओं और निर्यातकों की सहायता से इन उत्पादों को देश-विदेश में बेचने में मदद कलगभग 200 एकड़ रकबे में शुरू होगी औषधीय पौधों की खेतीजिले मे पहले चरण में कुरूद, मगरलोड और धमतरी विकासखण्ड के चयनित गांवों में लगभग 200 एकड़ रकबे में औषधीय पौधों की खेती शुरू करने की प्रशासन की योजना है। अगले एक सप्ताह में विकासखण्ड स्तर पर गांवों और हितग्राहियों का चयन करने का लक्ष्य प्रशासन ने निर्धारित किया है। इसके लिए पहले से ही पंचायत स्तर पर ग्रामीणों की बैठक लेकर उन्हें औषधीय पौधों की खेती के लिए प्रोत्साहित करने का काम किया जा रहा है। जिले में खस, ब्राम्ही, लेमनग्रास, शतावरी, गिलोय, तुलसी, बच, पचौली जैसे औषधीय पौधों की खेती की योजना है। जिले में शतावरी, गिलोय, ब्राम्ही, तुलसी के लगभग 20 हजार पौधें नर्सरियों में उपलब्ध हैं। जिन्हें चालू मानसून में बूटीगढ़ और आसपास के क्षेत्र में रोपा जाएगा। इसके साथ ही लगभग 70 एकड़ रकबे में खस और 30 एकड़ में ब्राम्ही के पौधे भी रोपने की तैयारी की जा चुकी है।

जाएगी।

खेल-खेल में बच्चों ने खाया रतनजोत फल, चार की हालत नाजुक

नारायणपुर- बीती रात नेलवाड़ गाँव से एक गंभीर घटना सामने आई जहाँ एक ही परिवार के चार छोटे बच्चों ने खेल-खेल में रतनजोत का विषैला फल खा लिया। इनमें तीन सात वर्षीय बालक एवं एक चार वर्षीय बालिका शामिल हैं। सभी बच्चों को अर्ध-बेहोशी की स्थिति में जिला अस्पताल नारायणपुर लाया गया।

इस आपातकालीन स्थिति से तत्काल निपटते हुए जिला अस्पताल के आपातकालीन डॉक्टर डॉ. हिमांशु सिन्हा ने नर्सिंग स्टाफ राजबती करंगा और रूबी कुलदीप, ड्रेसर दिनेश, वार्ड बॉय रूपेन्द्र और नमिश के साथ मिलकर त्वरित कार्यवाही की। बच्चों को आवश्यक प्रक्रिया एवं आपातकालीन दवाओं के माध्यम से लगभग दो घंटे के अथक प्रयास के बाद स्थिर किया गया। चिकित्सा टीम की तत्परता और समर्पण से चारों बच्चों की जान बच सकी।

स्वास्थ्य विभाग ने इस घटना के बाद अभिभावकों से अपील की है कि वे अपने बच्चों पर खेलते समय सतर्क निगरानी रखें और उन्हें अज्ञात या जंगली फलों के सेवन से रोकें, विशेष रूप से रतनजोत जैसे विषैले पौधों से।

रेलवे क्रॉसिंग में मालगाड़ी रुकने से 3 घंटे परेशान हुए लोग

कोरबा- ट्रांसपोर्ट नगर रेलवे क्रॉसिंग पर एक मालगाड़ी 3 घंटे तक खड़ी रही, जिससे लंबा जाम गया। एल्युमिनियम पाउडर से लदी यह मालगाड़ी बालको नगर स्थित प्लांट जा रही थी। फाटक पर दोनों तरफ लगभग एक किलोमीटर तक यातायात प्रभावित रहा। थोड़ी देर बाद मालगाड़ी को दूसरा इंजन लगाकर आगे बढ़ाया गया। इससे पहले शारदा विहार रेलवे क्रॉसिंग पर भी बिजली कंपनी की मालगाड़ी फंस गई थी।

रेलवे विभाग का कहना है कि इस रास्ते पर चढ़ाई होने के कारण अक्सर यह समस्या होती है। कई बार गाड़ियों के आने की सूचना के बावजूद ट्रैक पर लोगों और मवेशियों की आवाजाही से भी इंजन का प्रेशर प्रभावित होता है।

स्थानीय व्यापारियों के मुताबिक, फाटक बंद होने से दुकानों के सामने वाहनों की लंबी कतार लग जाती है। इससे उनके व्यवसाय पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। यह समस्या लगभग हर दूसरे दिन सामने आती है।

प्रदेश में बांग्लादेशियों को कांग्रेस ने ही दिया संरक्षण : गृहमंत्री विजय शर्मा

रायपुर- छत्तीसगढ़ में बांग्लादेशियों के पाए जाने पर उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कांग्रेस पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि विगत कांग्रेस की सरकार ने अपना वोट बैंक बढ़ाने के लिए जो कुछ किया, वह बहुत गलत किया है. इसलिए बहुत बड़े अभियान को चलाने की जरूरत पड़ रही है.


उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने मीडिया से चर्चा में कहा कि बांग्लादेशियों की पहचान के लिए सरकार प्रत्येक जिले में एसटीएफ का गठन करके उसके लिए कैंपेन करके आगे बढ़ रहे है. इसके लिए जल्द ही एक टोल फ्री नंबर भी जारी किया जाएगा. जिसके पास जो जानकारी होगी, वो उस टोल फ्री नंबर में दर्ज करा सकता है. और दूसरे भी डिजिटल मीडिया के माध्यम से भी फीडबैक लिया जाएगा. और उस पर कार्रवाई भी की जाएगी. और कैसे इनको वापस भेज दें, इसकी भी व्यवस्था की जाएगी.

बता दें कि हाल बांग्लादेशी दंपती सहित 10 लोगों को रायपुर पुलिस ने हिरासत में लिया है, इनमें 6 पुरुष और 4 महिलाएं शामिल हैं. इन सभी बांग्लादेशियों के पास से आधार कार्ड, पासपोर्ट, पैन कार्ड समेत अन्य दस्तावेज जब्त किए गए हैं. पकड़े गए इन बांग्लादेशियों को अब घर भेजने की तैयारी है.

धमतरी में अवैध रेत पर प्रशासन की बड़ी कार्रवाई: दो भंडारण अनुमतियाँ रद्द, 23 वाहन और 5,000 घन मीटर से अधिक रेत जब्त

धमतरी- जिले में अवैध रेत कारोबार पर लगाम लगाने के लिए जिला प्रशासन ने एक और बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। कलेक्टर अबिनाश मिश्रा के निर्देश पर खनिज विभाग, राजस्व और पुलिस विभाग की संयुक्त टीम ने दो रेत भंडारण अनुमतियों को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया है। यह कदम छत्तीसगढ़ खनिज नियम 2009 के अंतर्गत उठाया गया है और इसे जिले में अवैध रेत व्यवसाय के खिलाफ एक मजबूत संदेश के रूप में देखा जा रहा है।

पहली अनुमति ग्राम भरारी में वरुण कुमार साहू के नाम पर जारी की गई थी, जिसे अप्रैल 2025 में पांच वर्षों के लिए स्वीकृत किया गया था। अनुमति के अनुसार भंडारण क्षमता 6,000 घन मीटर थी, पर निरीक्षण में तय सीमा से अधिक रेत तथा अन्य अनियमितताएं पाई गईं। इस पर प्रशासन ने न केवल अनुमति रद्द की बल्कि वरुण साहू पर ₹3.86 लाख का जुर्माना भी लगाया।

दूसरी अनुमति ग्राम दोनर में शैलेन्द्र कुमार नागवंशी को जून 2023 में दी गई थी। निरीक्षण में मापदंडों का उल्लंघन पाए जाने पर यह अनुमति भी रद्द कर दी गई और ₹50,000 की प्रतिभूति राशि जब्त कर ली गई।

10 जून से अब तक की कार्रवाई:

रेत उत्खनन और परिवहन पर 10 जून से प्रतिबंध लागू होने के बाद से प्रशासन ने अब तक अवैध रूप से रेत का परिवहन करते हुए 23 वाहन (हाइवा और ट्रैक्टर) जब्त किए हैं। इसके अलावा महानदी क्षेत्र में अवैध खनन करते हुए पाई गईं 4 चैन माउंटेड मशीनें भी जप्त की गईं।

धमतरी के ढीमरटिकुर क्षेत्र में निरीक्षण के दौरान लगभग 300 ट्रिप की अवैध रेत भी बरामद कर ग्राम पंचायत को सुपुर्द की गई है। वहीं अछोटा, कलारतराई, और तेन्दूकोन्हा क्षेत्रों से कुल 9 ट्रैक्टर, और लोहरसी से मिट्टी ईंट के अवैध परिवहन में प्रयुक्त 1 ट्रैक्टर को भी कब्जे में लेकर कलेक्टोरेट परिसर में सुरक्षित रखा गया है।

कलेक्टर के निर्देश:

कलेक्टर श्री मिश्रा ने खनिज विभाग और राजस्व अमले को संभावित रेत खनन क्षेत्रों में नियमित निरीक्षण करने तथा रेत के परिवहन मार्गों पर निगरानी रखने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अवैध रेत उत्खनन, परिवहन और भंडारण के मामलों में बिना किसी दबाव के कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।

गृहमंत्री अमित शाह का दो दिवसीय छत्तीसगढ़ दौरा : नेशनल फोरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी की रखेंगे नींव



रायपुर- केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 22 और 23 जून को छत्तीसगढ़ के दो दिवसीय दौरे पर रहेंगे। इस दौरान शाह नया रायपुर में बनने जा रहे नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी (NFSU) के कैंपस और फॉरेंसिक लैब का भूमिपूजन करेंगे। साथ ही वे प्रशासनिक अधिकारियों के साथ सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा बैठकें करेंगे और नक्सल प्रभावित नारायणपुर जिले के सुरक्षा कैंप में जवानों से मुलाकात कर सीधे संवाद भी करेंगे। जानिए अमित शाह का मिनट टू मिनट कार्यक्रम।

पहला दिन – 22 जून 2025 (रविवार)

  • दोपहर 1:40 बजे केंद्रीय गृह मंत्री शाह रायपुर एयरपोर्ट पहुंचेंगे।
  • दोपहर 2:00 बजे नया रायपुर के सेक्टर-2, बंजारी में NFSU कैंपस और फॉरेंसिक लैब का भूमिपूजन करेंगे। यह कैंपस लगभग 40 एकड़ में विकसित किया जाएगा।
  • इसके बाद दोपहर 2:50 बजे वे होटल मेफेयर, रायपुर पहुंचेंगे।
  • दोपहर 3:15 से शाम 4:15 बजे तक NFSU/CFSL से जुड़े कार्यक्रमों में भाग लेंगे।
  • शाम 4:20 से 6:20 बजे तक प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठकें करेंगे।
  • शाम 6:50 से रात 7:50 बजे तक छत्तीसगढ़ में सुरक्षा परिदृश्य पर समीक्षा बैठक होगी।
  • रात्रिभोज और विश्राम होटल मेफेयर में निर्धारित है।

दूसरा दिन – 23 जून 2025 (सोमवार)

  • सुबह 11:00 बजे वे रायपुर से BSF हेलिकॉप्टर द्वारा नारायणपुर के लिए रवाना होंगे।
  • दोपहर 12:15 बजे BSF कैंप, इरकभट्टी (नारायणपुर) पहुंचेंगे।
  • इसके बाद सड़क मार्ग से नेल्लानार गांव पहुंचकर ग्रामीणों से सीधे संवाद करेंगे।
  • दोपहर 1:45 बजे BSF कैंप लौटकर दोपहर का भोजन करेंगे।
  • दोपहर 2:20 से 3:20 बजे तक सुरक्षा बलों के जवानों से संवाद करेंगे।
  • इसके बाद वे रायपुर एयरपोर्ट के लिए रवाना होंगे और शाम 4:30 बजे दिल्ली लौट जाएंगे।

NFSU कैंपस और अत्याधुनिक फॉरेंसिक लैब की नींव रखेंगे गृह मंत्री शाह

बता दें कि नवा रायपुर में नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी (NFSU) का कैंपस और अत्याधुनिक फॉरेंसिक लैब स्थापित किया जाएगा। इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट का भूमिपूजन 22 जून को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा किया जाएगा। इस परियोजना के लिए राज्य सरकार ने नया रायपुर के सेक्टर-2 में 40 एकड़ भूमि आवंटित की है। केंद्र सरकार लगभग ₹350 से ₹400 करोड़ की लागत से इस संस्थान की इमारतों और अन्य आधारभूत संरचनाओं का निर्माण कराएगी। यह कैंपस पूरी तरह समर्पित फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी के रूप में कार्य करेगा।

हाल ही में लागू किए गए नए आपराधिक कानून, भारतीय न्याय संहिता (BNS), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम के तहत फॉरेंसिक साइंस की उपयोगिता काफी बढ़ गई है। खासकर उन मामलों में, जिनमें सात साल या उससे अधिक की सजा होती है, फॉरेंसिक प्रमाण और जांच अब अनिवार्य मानी जा रही है। ऐसे में NFSU का यह कैंपस राज्य के युवाओं के लिए नए शैक्षणिक और रोजगार अवसर खोलेगा।

एनएफएसयू के करीब ही फोरेंसिक लैब

इसके अलावा, विश्वविद्यालय परिसर से सटी 6 से 7 एकड़ भूमि पर एक आधुनिक फॉरेंसिक लैब भी बनाई जाएगी। दोनों परियोजनाओं का एक साथ भूमिपूजन अमित शाह द्वारा किया जाएगा।

जब तक स्थायी कैंपस का निर्माण कार्य पूरा नहीं होता, तब तक एक ट्रांजिट कैंपस के माध्यम से इसी शैक्षणिक सत्र से पढ़ाई प्रारंभ कर दी जाएगी। ट्रांजिट कैंपस की शुरुआत की तैयारी अंतिम चरण में है। यह संस्थान न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे मध्य भारत के लिए एक प्रमुख फॉरेंसिक और अनुसंधान केंद्र के रूप में उभरेगा, जिससे क्षेत्रीय न्याय व्यवस्था को मजबूती मिलेगी और वैज्ञानिक जांच को बढ़ावा मिलेगा।

ऑपरेशन शंखनाद के तहत गौ-तस्करी का पर्दाफाश, 9 गौ-वंशों को छुड़ाया गया

जशपुर- जिले में सक्रिय गौ-तस्करी के खिलाफ पुलिस द्वारा चलाए जा रहे विशेष अभियान "ऑपरेशन शंखनाद" के तहत जशपुर पुलिस को एक बार फिर बड़ी सफलता हाथ लगी है। पुलिस ने इस अभियान के अंतर्गत गौ-तस्करों के चंगुल से 09 गौ-वंशों को सकुशल छुड़ाया, जबकि इस दुखद घटना में एक गौ-वंश की मौत हो गई। घटना के समय तस्कर एक पिकअप वाहन में इन मवेशियों की तस्करी कर रहे थे, जो अनियंत्रित होकर सड़क पर पलट गया। हादसे के तुरंत बाद आरोपी तस्कर वाहन और मवेशियों को मौके पर छोड़कर भाग निकले।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, जशपुर पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि कुछ तस्कर एक पिकअप वाहन में गौ-वंशों को भरकर अवैध रूप से तस्करी के लिए ले जा रहे हैं। सूचना मिलते ही पुलिस ने इलाके की घेराबंदी कर निगरानी शुरू कर दी। इसी बीच, संदेहास्पद पिकअप वाहन अनियंत्रित होकर पलट गया। हादसा इतना गंभीर था कि उसमें एक गाय की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि बाकी 09 गौ-वंशों को घायल अवस्था में पुलिस ने बचा लिया। हादसे का फायदा उठाकर तस्कर मौके से फरार हो गए। पुलिस ने तत्काल मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रण में लिया और गौ-वंशों को सुरक्षित निकाला। तस्करी में प्रयुक्त पिकअप वाहन को जप्त कर लिया गया है और मामले की विस्तृत जांच की जा रही है। घटना के बाद से पुलिस ने आरोपियों की पहचान और गिरफ्तारी के लिए कई संभावित ठिकानों पर दबिश दी है। स्थानीय थानों को सतर्क कर दिया गया है और सीमावर्ती क्षेत्रों में तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। पुलिस ने यह भी संकेत दिए हैं कि जल्द ही आरोपियों को पकड़ लिया जाएगा।


ऑपरेशन शंखनाद बना गौ-तस्करों के लिए सिरदर्द

गौरतलब है कि जशपुर जिले में बीते कुछ महीनों से गौ-तस्करी की घटनाओं में वृद्धि देखी जा रही थी। इसी को ध्यान में रखते हुए जशपुर पुलिस अधीक्षक द्वारा "ऑपरेशन शंखनाद" नामक एक विशेष अभियान की शुरुआत की गई थी। इस अभियान के तहत जिलेभर में मवेशियों की अवैध तस्करी, वध, परिवहन और व्यापार पर निगरानी रखी जा रही है। अभियान की निगरानी स्वयं वरिष्ठ पुलिस अधिकारी कर रहे हैं और लगातार कार्रवाई जारी है। जशपुर पुलिस की यह कार्रवाई न केवल गौ-वंशों की रक्षा की दिशा में एक सराहनीय कदम है, बल्कि इससे अवैध गतिविधियों में लिप्त तस्करों को भी स्पष्ट संदेश मिला है कि इस तरह की गैरकानूनी हरकतें अब बर्दाश्त नहीं की जाएंगी।

मुख्यमंत्री के निर्देश पर शारदा धाम पर्यटन स्थलों की सूची में शामिल, श्रद्वा और ज्ञान का अनूठा संगम है शारदाधाम

रायपुर- छत्तीसगढ़ और झारखण्ड की अंतर्राज्यीय सीमा पर स्थित प्रसिद्ध धार्मिक व प्राकृतिक पर्यटन स्थल शारदाधाम को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर छत्तीसगढ़ टुरीज्म बोर्ड ने राज्य के चिन्हकित पर्यटन स्थलों की सूची में शामिल कर लिया है। पर्यटन बोर्ड ने इसके लिए परिपत्र जारी कर दिया है। बोर्ड के इस निर्णय से इस पर्यटन स्थल को एक नई पहचान मिल सकेगी। बोर्ड इसके प्रचार-प्रसार के साथ ही पर्यटको के लिए मूलभूत सुविधाओं के विकास के लिए बजट उपलब्ध करा सकेगा।

श्रद्धा और ज्ञान का संगम है शारदाधाम

शारदाधाम में विद्यादायनी माँ सरस्वती की श्रद्वा और ज्ञान अर्जन का अनोखा संगम देखने को मिलता है। यहां छत्तीसगढ़ और झारखंड राज्य के जरूरतमंद बच्चों के रहने और पढ़ने के लिए कोचिंग की विशेष व्यवस्था की गई है। शारदाधाम समिति के अध्यक्ष राजकुमार सिंह ने बताया कि इस विशेष कोचिंग संस्था में बच्चों के रहने,खाने के साथ उनकी कोचिंग की निशुल्क व्यवस्था की गई है। बच्चों के रहने और कोचिंग का जो भी खर्चा होता है,उसका व्यय समिति श्रद्वालुओं के सहयोग से पूरा करती है।

प्रकृतिक सौंदर्य से भरपूर है शारदाधाम प्रसिद्व धार्मिक पर्यटन स्थल शारदाधाम,जिला मुख्यालय जशपुर से तकरीबन 30 किलोमीटर दूर,दुलदुला ब्लाक में स्थित है। माता सरस्वती का यह प्रसिद्व मंदिर चारो ओर घने जंगल से घिरा हुआ है। नजदीक ही गिरमा नदी की कलकल करती मधुर ध्वनि यहां दर्शन के लिए आने वाले श्रद्वालुओं का मन मोह लेते हैं। संचालन समिति के अध्यक्ष ने बताया कि विद्यादायनी मां सरस्वती का यह भव्य मंदिर पूरी तरह से श्रमदान से तैयार किया गया है। दोनों राज्यों के श्रद्वालुओं ने पसीना बहा कर मां के इस मंदिर का निर्माण किया है। मंदिर के भवन का डिजाइन झारखंड के प्रसिद्व लचलागढ़ हनुमान मंदिर के तर्ज पर तैयार किया गया है।

पर्यटन हब के रूप में विकसित हो रहा है जशपुर

उल्लेखनीय है कि वनाँचल क्षेत्र जशपुर में पर्यटन उद्योग विकसित करने की दिशा में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय तेजी से काम कर रहे हैँ। कुनकुरी ब्लाक में स्थित मयाली नेचर कैंप के विकास के लिए दस करोड़ रूपये भारत दर्शन योजना के अंतर्गत स्वीकृत किए गए हैँ। यहीं स्थित मधेश्वर महादेव को हाल ही में गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड ने विश्व का सबसे बड़े प्राकृतिक शिवलिंग के रूप में मान्यता दी है। इसके साथ ही सीएम विष्णुदेव साय ने जिले को पर्यटन नक्शे से जोड़ने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए फरसाबहार ब्लाक में स्थित कोतेबीराधाम में लक्ष्मण झूला के तर्ज पर पुल निर्माण की घोषणा की है। इसके साथ ही जिले में देशदेखा,रानीदाह जैसे पर्यटन स्थलों को विकसित करने की दिशा में तेजी से काम किया जा रहा है। मुख्यमंत्री साय का लक्ष्य जिले में ग्रीन उद्योग विकसित कर जिलेवासियों को रोजगार उपलब्ध कराना है।

"एक राष्ट्र, एक राशनकार्ड" योजना के तहत 30 जून तक ई-केवायसी अनिवार्य

रायपुर-  भारत सरकार के "एक राष्ट्र, एक राशनकार्ड (One Nation One Ration Card)" योजना के अंतर्गत छत्तीसगढ़ राज्य में आधार प्रमाणीकरण आधारित खाद्यान्न वितरण सुनिश्चित किया जा रहा है। इस प्रक्रिया को सुचारू रूप से लागू करने हेतु सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) से जुड़े सभी राशनकार्डधारकों के परिवार के सदस्यों का ई-केवायसी (e-KYC) अनिवार्य रूप से पूर्ण किया जाना आवश्यक है।

वर्तमान में छत्तीसगढ़ में 81.56 लाख राशनकार्ड प्रचलन में हैं, जिनमें 2.73 करोड़ सदस्य पंजीकृत हैं। इनमें से 2.35 करोड़ सदस्यों का ई-केवायसी पूर्ण हो चुका है, जबकि लगभग 38 लाख सदस्यों का ई-केवायसी शेष है। भारत सरकार द्वारा 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को ई-केवायसी से छूट प्रदान की गई है।

खाद्य सचिव रीना कंगाले ने जानकारी दी कि राज्य की सभी उचित मूल्य दुकानों में ई-पॉस मशीनों के माध्यम से ई-केवायसी की सुविधा उपलब्ध है। इसके साथ ही भारत सरकार द्वारा विकसित "मेरा ई-केवायसी" मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से भी हितग्राही अपने स्मार्टफोन से घर बैठे स्वयं ई-केवायसी कर सकते हैं। मेरा ई-केवायसी एप्प के माध्यम से ई-केवायसी करने हेतु एंड्रायड मोबाईल में गूगल प्ले स्टोर से एप्प डाउनलोड कर हितग्राही राज्य का चयन कर अपना आधार नंबर डालकर, आधार ओटीपी के माध्यम से फेस ई-केवायसी कर सकते है। उन्होंने सभी राशनकार्ड धारकों से अपील की है कि 30 जून 2025 की अंतिम तिथि से पूर्व अपना और परिवार के सभी सदस्यों का ई-केवायसी अनिवार्य रूप से पूर्ण करवा लें, जिससे खाद्यान्न वितरण में किसी प्रकार की असुविधा न हो।

सहायक शिक्षक विज्ञान (प्रयोगशाला) पद पर समायोजन के लिए काउंसलिंग शुरू, 595 अभ्यर्थी हुए शामिल

रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय द्वारा बीएड सहायक शिक्षकों का सहायक शिक्षक (प्रयोगशाला) के पद पर समायोजन के निर्णय के बाद सहायक शिक्षकों की काउंसलिंग 17 जून से शुरू हो गई है। यह प्रक्रिया 26 जून तक चलेगी।

छत्तीसगढ़ में 2023 में सीधी भर्ती के माध्यम से चयनित एवं बीएड अहर्ता के कारण सेवा से हटाए गए सहायक शिक्षकों की यह काउंसलिंग रायपुर के शासकीय शिक्षा महाविद्यालय शंकर नगर में चल रही है।

काउंसलिंग प्रतिदिन सवेरे 10:00 बजे से प्रारंभ होगी। लोक शिक्षण संचालनालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार17 जून से शुरू हुई है। 17 और 18 जून 2 दिनों को मिलाकर 601 शिक्षकों को बुलाया गया था, जिसमें 595 अभ्यर्थी शामिल हुए। काउंसलिंग एवं रिक्त पदों की जानकारी अभ्यर्थी https://education portal.cg.nic.in पर देख सकते हैं। जो अभ्यर्थी नियत तिथि को काउंसलिंग में उपस्थित नहीं हो पाए हैं वे काउंसलिंग के अन्य दिवसों में उपस्थित हो सकते हैं।