गृहमंत्री अमित शाह का दो दिवसीय छत्तीसगढ़ दौरा : नेशनल फोरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी की रखेंगे नींव



रायपुर- केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 22 और 23 जून को छत्तीसगढ़ के दो दिवसीय दौरे पर रहेंगे। इस दौरान शाह नया रायपुर में बनने जा रहे नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी (NFSU) के कैंपस और फॉरेंसिक लैब का भूमिपूजन करेंगे। साथ ही वे प्रशासनिक अधिकारियों के साथ सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा बैठकें करेंगे और नक्सल प्रभावित नारायणपुर जिले के सुरक्षा कैंप में जवानों से मुलाकात कर सीधे संवाद भी करेंगे। जानिए अमित शाह का मिनट टू मिनट कार्यक्रम।

पहला दिन – 22 जून 2025 (रविवार)

  • दोपहर 1:40 बजे केंद्रीय गृह मंत्री शाह रायपुर एयरपोर्ट पहुंचेंगे।
  • दोपहर 2:00 बजे नया रायपुर के सेक्टर-2, बंजारी में NFSU कैंपस और फॉरेंसिक लैब का भूमिपूजन करेंगे। यह कैंपस लगभग 40 एकड़ में विकसित किया जाएगा।
  • इसके बाद दोपहर 2:50 बजे वे होटल मेफेयर, रायपुर पहुंचेंगे।
  • दोपहर 3:15 से शाम 4:15 बजे तक NFSU/CFSL से जुड़े कार्यक्रमों में भाग लेंगे।
  • शाम 4:20 से 6:20 बजे तक प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठकें करेंगे।
  • शाम 6:50 से रात 7:50 बजे तक छत्तीसगढ़ में सुरक्षा परिदृश्य पर समीक्षा बैठक होगी।
  • रात्रिभोज और विश्राम होटल मेफेयर में निर्धारित है।

दूसरा दिन – 23 जून 2025 (सोमवार)

  • सुबह 11:00 बजे वे रायपुर से BSF हेलिकॉप्टर द्वारा नारायणपुर के लिए रवाना होंगे।
  • दोपहर 12:15 बजे BSF कैंप, इरकभट्टी (नारायणपुर) पहुंचेंगे।
  • इसके बाद सड़क मार्ग से नेल्लानार गांव पहुंचकर ग्रामीणों से सीधे संवाद करेंगे।
  • दोपहर 1:45 बजे BSF कैंप लौटकर दोपहर का भोजन करेंगे।
  • दोपहर 2:20 से 3:20 बजे तक सुरक्षा बलों के जवानों से संवाद करेंगे।
  • इसके बाद वे रायपुर एयरपोर्ट के लिए रवाना होंगे और शाम 4:30 बजे दिल्ली लौट जाएंगे।

NFSU कैंपस और अत्याधुनिक फॉरेंसिक लैब की नींव रखेंगे गृह मंत्री शाह

बता दें कि नवा रायपुर में नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी (NFSU) का कैंपस और अत्याधुनिक फॉरेंसिक लैब स्थापित किया जाएगा। इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट का भूमिपूजन 22 जून को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा किया जाएगा। इस परियोजना के लिए राज्य सरकार ने नया रायपुर के सेक्टर-2 में 40 एकड़ भूमि आवंटित की है। केंद्र सरकार लगभग ₹350 से ₹400 करोड़ की लागत से इस संस्थान की इमारतों और अन्य आधारभूत संरचनाओं का निर्माण कराएगी। यह कैंपस पूरी तरह समर्पित फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी के रूप में कार्य करेगा।

हाल ही में लागू किए गए नए आपराधिक कानून, भारतीय न्याय संहिता (BNS), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम के तहत फॉरेंसिक साइंस की उपयोगिता काफी बढ़ गई है। खासकर उन मामलों में, जिनमें सात साल या उससे अधिक की सजा होती है, फॉरेंसिक प्रमाण और जांच अब अनिवार्य मानी जा रही है। ऐसे में NFSU का यह कैंपस राज्य के युवाओं के लिए नए शैक्षणिक और रोजगार अवसर खोलेगा।

एनएफएसयू के करीब ही फोरेंसिक लैब

इसके अलावा, विश्वविद्यालय परिसर से सटी 6 से 7 एकड़ भूमि पर एक आधुनिक फॉरेंसिक लैब भी बनाई जाएगी। दोनों परियोजनाओं का एक साथ भूमिपूजन अमित शाह द्वारा किया जाएगा।

जब तक स्थायी कैंपस का निर्माण कार्य पूरा नहीं होता, तब तक एक ट्रांजिट कैंपस के माध्यम से इसी शैक्षणिक सत्र से पढ़ाई प्रारंभ कर दी जाएगी। ट्रांजिट कैंपस की शुरुआत की तैयारी अंतिम चरण में है। यह संस्थान न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे मध्य भारत के लिए एक प्रमुख फॉरेंसिक और अनुसंधान केंद्र के रूप में उभरेगा, जिससे क्षेत्रीय न्याय व्यवस्था को मजबूती मिलेगी और वैज्ञानिक जांच को बढ़ावा मिलेगा।

ऑपरेशन शंखनाद के तहत गौ-तस्करी का पर्दाफाश, 9 गौ-वंशों को छुड़ाया गया

जशपुर- जिले में सक्रिय गौ-तस्करी के खिलाफ पुलिस द्वारा चलाए जा रहे विशेष अभियान "ऑपरेशन शंखनाद" के तहत जशपुर पुलिस को एक बार फिर बड़ी सफलता हाथ लगी है। पुलिस ने इस अभियान के अंतर्गत गौ-तस्करों के चंगुल से 09 गौ-वंशों को सकुशल छुड़ाया, जबकि इस दुखद घटना में एक गौ-वंश की मौत हो गई। घटना के समय तस्कर एक पिकअप वाहन में इन मवेशियों की तस्करी कर रहे थे, जो अनियंत्रित होकर सड़क पर पलट गया। हादसे के तुरंत बाद आरोपी तस्कर वाहन और मवेशियों को मौके पर छोड़कर भाग निकले।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, जशपुर पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि कुछ तस्कर एक पिकअप वाहन में गौ-वंशों को भरकर अवैध रूप से तस्करी के लिए ले जा रहे हैं। सूचना मिलते ही पुलिस ने इलाके की घेराबंदी कर निगरानी शुरू कर दी। इसी बीच, संदेहास्पद पिकअप वाहन अनियंत्रित होकर पलट गया। हादसा इतना गंभीर था कि उसमें एक गाय की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि बाकी 09 गौ-वंशों को घायल अवस्था में पुलिस ने बचा लिया। हादसे का फायदा उठाकर तस्कर मौके से फरार हो गए। पुलिस ने तत्काल मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रण में लिया और गौ-वंशों को सुरक्षित निकाला। तस्करी में प्रयुक्त पिकअप वाहन को जप्त कर लिया गया है और मामले की विस्तृत जांच की जा रही है। घटना के बाद से पुलिस ने आरोपियों की पहचान और गिरफ्तारी के लिए कई संभावित ठिकानों पर दबिश दी है। स्थानीय थानों को सतर्क कर दिया गया है और सीमावर्ती क्षेत्रों में तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। पुलिस ने यह भी संकेत दिए हैं कि जल्द ही आरोपियों को पकड़ लिया जाएगा।


ऑपरेशन शंखनाद बना गौ-तस्करों के लिए सिरदर्द

गौरतलब है कि जशपुर जिले में बीते कुछ महीनों से गौ-तस्करी की घटनाओं में वृद्धि देखी जा रही थी। इसी को ध्यान में रखते हुए जशपुर पुलिस अधीक्षक द्वारा "ऑपरेशन शंखनाद" नामक एक विशेष अभियान की शुरुआत की गई थी। इस अभियान के तहत जिलेभर में मवेशियों की अवैध तस्करी, वध, परिवहन और व्यापार पर निगरानी रखी जा रही है। अभियान की निगरानी स्वयं वरिष्ठ पुलिस अधिकारी कर रहे हैं और लगातार कार्रवाई जारी है। जशपुर पुलिस की यह कार्रवाई न केवल गौ-वंशों की रक्षा की दिशा में एक सराहनीय कदम है, बल्कि इससे अवैध गतिविधियों में लिप्त तस्करों को भी स्पष्ट संदेश मिला है कि इस तरह की गैरकानूनी हरकतें अब बर्दाश्त नहीं की जाएंगी।

मुख्यमंत्री के निर्देश पर शारदा धाम पर्यटन स्थलों की सूची में शामिल, श्रद्वा और ज्ञान का अनूठा संगम है शारदाधाम

रायपुर- छत्तीसगढ़ और झारखण्ड की अंतर्राज्यीय सीमा पर स्थित प्रसिद्ध धार्मिक व प्राकृतिक पर्यटन स्थल शारदाधाम को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर छत्तीसगढ़ टुरीज्म बोर्ड ने राज्य के चिन्हकित पर्यटन स्थलों की सूची में शामिल कर लिया है। पर्यटन बोर्ड ने इसके लिए परिपत्र जारी कर दिया है। बोर्ड के इस निर्णय से इस पर्यटन स्थल को एक नई पहचान मिल सकेगी। बोर्ड इसके प्रचार-प्रसार के साथ ही पर्यटको के लिए मूलभूत सुविधाओं के विकास के लिए बजट उपलब्ध करा सकेगा।

श्रद्धा और ज्ञान का संगम है शारदाधाम

शारदाधाम में विद्यादायनी माँ सरस्वती की श्रद्वा और ज्ञान अर्जन का अनोखा संगम देखने को मिलता है। यहां छत्तीसगढ़ और झारखंड राज्य के जरूरतमंद बच्चों के रहने और पढ़ने के लिए कोचिंग की विशेष व्यवस्था की गई है। शारदाधाम समिति के अध्यक्ष राजकुमार सिंह ने बताया कि इस विशेष कोचिंग संस्था में बच्चों के रहने,खाने के साथ उनकी कोचिंग की निशुल्क व्यवस्था की गई है। बच्चों के रहने और कोचिंग का जो भी खर्चा होता है,उसका व्यय समिति श्रद्वालुओं के सहयोग से पूरा करती है।

प्रकृतिक सौंदर्य से भरपूर है शारदाधाम प्रसिद्व धार्मिक पर्यटन स्थल शारदाधाम,जिला मुख्यालय जशपुर से तकरीबन 30 किलोमीटर दूर,दुलदुला ब्लाक में स्थित है। माता सरस्वती का यह प्रसिद्व मंदिर चारो ओर घने जंगल से घिरा हुआ है। नजदीक ही गिरमा नदी की कलकल करती मधुर ध्वनि यहां दर्शन के लिए आने वाले श्रद्वालुओं का मन मोह लेते हैं। संचालन समिति के अध्यक्ष ने बताया कि विद्यादायनी मां सरस्वती का यह भव्य मंदिर पूरी तरह से श्रमदान से तैयार किया गया है। दोनों राज्यों के श्रद्वालुओं ने पसीना बहा कर मां के इस मंदिर का निर्माण किया है। मंदिर के भवन का डिजाइन झारखंड के प्रसिद्व लचलागढ़ हनुमान मंदिर के तर्ज पर तैयार किया गया है।

पर्यटन हब के रूप में विकसित हो रहा है जशपुर

उल्लेखनीय है कि वनाँचल क्षेत्र जशपुर में पर्यटन उद्योग विकसित करने की दिशा में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय तेजी से काम कर रहे हैँ। कुनकुरी ब्लाक में स्थित मयाली नेचर कैंप के विकास के लिए दस करोड़ रूपये भारत दर्शन योजना के अंतर्गत स्वीकृत किए गए हैँ। यहीं स्थित मधेश्वर महादेव को हाल ही में गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड ने विश्व का सबसे बड़े प्राकृतिक शिवलिंग के रूप में मान्यता दी है। इसके साथ ही सीएम विष्णुदेव साय ने जिले को पर्यटन नक्शे से जोड़ने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए फरसाबहार ब्लाक में स्थित कोतेबीराधाम में लक्ष्मण झूला के तर्ज पर पुल निर्माण की घोषणा की है। इसके साथ ही जिले में देशदेखा,रानीदाह जैसे पर्यटन स्थलों को विकसित करने की दिशा में तेजी से काम किया जा रहा है। मुख्यमंत्री साय का लक्ष्य जिले में ग्रीन उद्योग विकसित कर जिलेवासियों को रोजगार उपलब्ध कराना है।

"एक राष्ट्र, एक राशनकार्ड" योजना के तहत 30 जून तक ई-केवायसी अनिवार्य

रायपुर-  भारत सरकार के "एक राष्ट्र, एक राशनकार्ड (One Nation One Ration Card)" योजना के अंतर्गत छत्तीसगढ़ राज्य में आधार प्रमाणीकरण आधारित खाद्यान्न वितरण सुनिश्चित किया जा रहा है। इस प्रक्रिया को सुचारू रूप से लागू करने हेतु सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) से जुड़े सभी राशनकार्डधारकों के परिवार के सदस्यों का ई-केवायसी (e-KYC) अनिवार्य रूप से पूर्ण किया जाना आवश्यक है।

वर्तमान में छत्तीसगढ़ में 81.56 लाख राशनकार्ड प्रचलन में हैं, जिनमें 2.73 करोड़ सदस्य पंजीकृत हैं। इनमें से 2.35 करोड़ सदस्यों का ई-केवायसी पूर्ण हो चुका है, जबकि लगभग 38 लाख सदस्यों का ई-केवायसी शेष है। भारत सरकार द्वारा 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को ई-केवायसी से छूट प्रदान की गई है।

खाद्य सचिव रीना कंगाले ने जानकारी दी कि राज्य की सभी उचित मूल्य दुकानों में ई-पॉस मशीनों के माध्यम से ई-केवायसी की सुविधा उपलब्ध है। इसके साथ ही भारत सरकार द्वारा विकसित "मेरा ई-केवायसी" मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से भी हितग्राही अपने स्मार्टफोन से घर बैठे स्वयं ई-केवायसी कर सकते हैं। मेरा ई-केवायसी एप्प के माध्यम से ई-केवायसी करने हेतु एंड्रायड मोबाईल में गूगल प्ले स्टोर से एप्प डाउनलोड कर हितग्राही राज्य का चयन कर अपना आधार नंबर डालकर, आधार ओटीपी के माध्यम से फेस ई-केवायसी कर सकते है। उन्होंने सभी राशनकार्ड धारकों से अपील की है कि 30 जून 2025 की अंतिम तिथि से पूर्व अपना और परिवार के सभी सदस्यों का ई-केवायसी अनिवार्य रूप से पूर्ण करवा लें, जिससे खाद्यान्न वितरण में किसी प्रकार की असुविधा न हो।

सहायक शिक्षक विज्ञान (प्रयोगशाला) पद पर समायोजन के लिए काउंसलिंग शुरू, 595 अभ्यर्थी हुए शामिल

रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय द्वारा बीएड सहायक शिक्षकों का सहायक शिक्षक (प्रयोगशाला) के पद पर समायोजन के निर्णय के बाद सहायक शिक्षकों की काउंसलिंग 17 जून से शुरू हो गई है। यह प्रक्रिया 26 जून तक चलेगी।

छत्तीसगढ़ में 2023 में सीधी भर्ती के माध्यम से चयनित एवं बीएड अहर्ता के कारण सेवा से हटाए गए सहायक शिक्षकों की यह काउंसलिंग रायपुर के शासकीय शिक्षा महाविद्यालय शंकर नगर में चल रही है।

काउंसलिंग प्रतिदिन सवेरे 10:00 बजे से प्रारंभ होगी। लोक शिक्षण संचालनालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार17 जून से शुरू हुई है। 17 और 18 जून 2 दिनों को मिलाकर 601 शिक्षकों को बुलाया गया था, जिसमें 595 अभ्यर्थी शामिल हुए। काउंसलिंग एवं रिक्त पदों की जानकारी अभ्यर्थी https://education portal.cg.nic.in पर देख सकते हैं। जो अभ्यर्थी नियत तिथि को काउंसलिंग में उपस्थित नहीं हो पाए हैं वे काउंसलिंग के अन्य दिवसों में उपस्थित हो सकते हैं।

विश्व सिकल सेल रोग दिवसः फोर्टिस गुरुग्राम के डॉक्टरों ने रायपुर में जागरूकता कार्यक्रम का किया आयोजन

रायपुर-  सिकल सेल रोग (एससीडी) भारत में आम जन को प्रभावित करने वाली एक प्रमुख स्वास्थ्य चुनौती है, जो खासतौर से जनजातीय (ट्राइबल) आबादी को प्रभावित करती है। दुनियाभर में, एससीडी विकार के साथ जन्म लेने वाले बच्चों की सर्वाधिक संख्या भारत मेंदर्ज की जाती है और हर साल यहां लगभग 15,000 से 25,000 बच्चे इस विकार के साथ पैदा होते हैं। उल्लेखनीय है किसिकल सेल रोग जनजातीय आबादी को काफी प्रभावित करता है और इसकी वजह से आबादी के इस समूह में रोगों और मृत्यु के मामले भी अधिक होते हैं। इस रोग के कारण एनीमिया, शारीरिक पीड़ा, अंगों को नुकसान पहुंचने के साथ-साथ जीवन प्रत्याशा में भी कमी आती है।

सिकल सेल रोग (एससीडी) की गंभीर चुनौती से निपटने के उद्देश्य से, फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट, गुरुग्राम ने आज रायपुर, छत्तीसगढ़ में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम के दौरान, सिकल सेल रोग को वैश्विक स्वास्थ्य चुनौती के तौर पर स्वीकार करने और इसके उन्मूलन के लिए रणनीति तैयार करने पर जोर दिया गया। डॉ विकास दुआ, प्रिंसीपल डायरेक्टरएवं हेड – पिडियाट्रिक हेमेटोलॉजी, हेमेटो-ओंकोलॉजी, एंड बोन मैरो ट्रांसप्लांट (बीएमटी), फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट, गुरुग्राम के नेतृत्व में, सिकल सेल रोग के प्रभावों, खासतौर से भारत की ट्राइबल आबादी और अन्य हाइ-रिस्क आबादी समूहों पर इसके असर को रेखांकित किया गया।

मीडिया के साथ बातचीत में, डॉ. दुआ ने सिकल सेल रोग के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले असर के बारे में जानकारी देने के साथ-साथ उपचार के उन्नत विकल्पों तथा पात्र मरीजों के लिए बोन मैरो ट्रांसप्लांट की उपचारी क्षमता के बारे में भी बताया। उन्होंने एम्स रायपुर में आयोजित स्पेशल एचएलए टाइपिंग कैंप में भी भाग लियाजिसका आयोजन जेनेटिक स्क्रीनिंग और डोनर मैचिंग, जो कि सिकल सेल से पीड़ित रोगियों की स्थिति में सुधार लाने के लिए महत्वपूर्ण कदम है, को बढ़ावा देने के लिए किया गया था।

इस मौके पर, संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, डॉ. विकास दुआ, प्रिंसीपल डायरेक्टरएवं हेड – पिडियाट्रिक हेमेटोलॉजी, हेमेटो-ओंकोलॉजी, एंड बोन मैरो ट्रांसप्लांट (बीएमटी), फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट,गुरुग्राम ने कहा, “भारत में सिकल सेल रोगियों की दूसरी सर्वाधिक आबादी निवास करती है। देश में सिकल सेल एनीमिया से लड़ाई के खिलाफ सबसे बड़ी बाधा आम आबादी के बीच जागरूकता का अभाव है। सिकल सेल रोग के शुरुआती लक्षणों की पहचान करना समय पर हस्तक्षेप और प्रबंधन के लिए जरूरी हैं, लेकिन आमतौर पर जानकारी न होने की वजह से ऐसा नहीं हो पाता। शुरुआती लक्षण, अक्सर 5-6 माह की उम्र में दिखायी देते हैं, जिनमें हाथ-पैरों में दर्द के साथ सूजन, थकान और पीलिया (जॉन्डिस) प्रमुख हैं। लेकिन कई लोगों को काफी उम्र बीत जाने तक भी अपनी कंडीशन समझ में नहीं आती, और यही वजह है कि इस बारे में जागरूकता बढ़ाना और स्क्रीनिंग कार्यक्रमों का आयोजन करना काफी महत्वपूर्ण कदम है। यदि मौजूदा पीढ़ी में इस रोग से बचाव हो सके, तो इसे अगली पीढ़ी तक पहुंचने से रोका जा सकता है। इसके लिए मुख्य रणनीति है बड़े पैमाने पर स्क्रीनिंग प्रोग्राम चलाना, जिनमें नवजातों की सक्रीनिंग और प्रसवपूर्व स्क्रीनिंग से लेकर सिकल सेल रोग (एससीडी) और सिकल सेल ट्रेट (एससीटी) से ग्रस्त लोगों की शुरूआत में ही पहचान करना शामिल है। साथ ही, एससीडी के संभावित उपचार के तौर पर पात्र बच्चों एवं युवा वयस्कों का बोन मैरो ट्रांसप्लांट भी एक महत्वपूर्ण विकल्प हो सकता है। कुल-मिलाकर, जल्द से जल्द डायग्नॉसिस, जेनेटिक स्क्रीनिंग, और एचएलए टाइपिंग महत्वपूर्ण है जिससे समय पर प्रभावी उपचार सुनिश्चित होता है।”

सिकल सेल रोग गंभीर स्वास्थ्य समस्या है जो भारत में लाखों लोगों को प्रभावित करती है। यह रोग गुजरात, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, ओडिशा और बंगाल के कुछ हिस्सों में सामान्य है, जबकि तमिलनाडु, केरल, दक्षिण और तेलंगाना के कुछ हिस्से भी इससे प्रभावित हैं। इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल रिसर्च के मुताबिक, भारत करीब 20 मिलियन की आबादी सिकल सेल रोग से पीड़ित है लेकिन इसके आनुवांशिक रक्त विकार होने के बावजूद, अभी तक भी इस ओर ज्यादा ध्यान नहीं दिया जाता है।

शाला प्रवेशोत्सव के दौरान अधिकारियों पर बिफरे कांग्रेस विधायक, कार्यक्रम बीच में ही छोड़कर हुए रवाना…

बलौदाबाजार- छत्तीसगढ़ में सरकारी स्कूलों के पट खुलते ही शाला प्रवेशोत्सव का दौर जारी है। बलौदाबाजार जिले में शाला प्रवेशोत्सव में राजनीति गरमा गयी। यहां मौजूदा विधायक की मौजूदगी में सांसद प्रतिनिधि का पहले सम्मान करने को लेकर विधायक भड़क गये। प्रोटोकाॅल का हवाला देते हुए माननीय ने टीचर को ही फटकार लगाने के बाद कार्यक्रम को बीच में ही छोड़कर चले गये। शाला प्रवेशोत्सव में हुए इस राजनीतिक घटनाक्रम और नाराज विधायक का वीडियों अब सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रहा है।

जानकारी के मुताबिक ये पूरा घटनाक्रम बलौदाबाजार जिले के कसडोल विकासखंड में आयोजित शाला प्रवेश उत्सव के दौरान हुआ। बताया जा रहा है कि शाला प्रबंधन समिति ने कांग्रेस विधायक संदीप साहू और सांसद प्रतिनिधि संतोष वैष्णव को कार्यक्रम में आमंत्रित किया था। स्कूल में बच्चों की मौजूदगी में शाला प्रवेश उत्सव की औपचारिक शुरूवात करने के दौरान शिक्षक ने अतिथियों के सम्मान की घोषणा शुरू की। स्वागत की श्रंखला में शिक्षक ने विधायक से पहले सांसद प्रतिनिधि के स्वागत के लिए नाम अनाउंस किया गया।

लेकिन सांसद प्रतिनिधि का स्वागत होता, उससे पहले ही मंच पर बैठे विधायक भड़क गए और प्रोटोकाल का हवाला देते हुए कार्यक्रम को बीच में ही रुकवा दिया। विधायक ने स्कूल के शिक्षकों को फटकार लगाते हुए कहा कि जब प्रोटोकॉल नहीं मालूम है तो कार्यक्रम में बुलाया मत करो। पढ़ा रहे हो टीचर बन गए हो और इतना भी नहीं पता कि पद में कौन बड़ा होता है। विधायक जी इतना भड़के के उन्होने यहां तक कह दिया कि अब से मेरा विधायक प्रतिनिधि इस कार्यक्रम में रहेगा। उसी से प्रोटोकॉल मेंटेन करना। स्कूल प्रबंधन की इस छोटी सी चूक पर कांग्रेस विधायक इस कदर भड़के की उन्होने यह भी कह दिया कि स्कूल का मैनेजमेंट सही नही है।

अधिकारियों ने कार्यक्रम का समय सुबह 11 बजे बताया था। लेकिन कार्यक्रम में कई घंटे की देरी हुई। एक और विवाद यह रहा कि आमंत्रण पत्रों पर जिन जनप्रतिनिधियों के नाम थे। उन्हें कार्यक्रम की जानकारी तक नहीं थी। इस पूरे घटनाक्रम को लेकर जब प्रभारी विकासखंड शिक्षा अधिकारी अरविंद धुरु से जब जानकारी चाही गयी, तो वो भी कुछ कहने से बचते नजर आये। नाराज विधायक संदीप साहू ने इसे शिक्षा विभाग की लापरवाही बताया है। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम में प्रोटोकॉल का पालन जरूरी होता है। भविष्य में ऐसी गलतियां न हों, इसकी चेतावनी भी दी। इस पूरे घटनाक्रम के दौरान पामगढ़ विधायक शेषराज हरिवंश भी मौके पर ही मौजूद थे।

सरकारी जमीन पर रेत के अवैध भंडारण का खेल, मौके पर पहुंचे PCC चीफ दीपक बैज ने सरकार की नीति और नीयत पर उठाये सवाल

महासमुंद- छत्तीसगढ़ में रेत के अवैध खनन और माफियाराज को लेकर राजनीति गरमायी हुई है। इस राजनीतिक गहमा गहमी के बीच जहां माइनिंग विभाग प्रदेश भर में कार्रवाई कर अपनी सक्रियता दिखाने में जुटी हुई है। वहीं दूसरी तरफ आज पीसीसी चीफ दीपक बैज ने महासमुंद जिला के बरबसपुर गांव में रेत के अवैध भंडारण का निरीक्षण किया। रेत के इस अवैध भंडारण को देखकर दीपक बैज ने कहा कि….यहां ऐसा लग रहा है, जैसे हम छत्तीसगढ़ में नही राजस्थान में है। सरकारी जमीनों पर रेत के अवैध भंडारण के संरक्षण पर दीपक बैज ने एक बार फिर सरकार की नीति और नीयत पर सवाल उठाये है।

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में खनन माफियाओं के आतंक और रेत के अवैध खनन को लेकर राजनीति गरमायी हुई है। राजनांदगांव में रेत तस्करों द्वारा गोलीकांड और बलरामपुर जिला में पुलिस कांस्टेबल की हत्या की घटना को लेकर कांग्रेस लगातार आक्रामक बनी हुई है। खनन माफियाओं की दबंगई और खनिज विभाग की उदासीनता के कारण सरकार की काफी किरकिरी भी हुई। जिसके बाद खनिज सचिव द्वारा अवैध रेत खनन और परिवहन पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिये गये। इस आदेश के बाद बिलासपुर, जांजगीर, कोरबा सहित कई जिलों में रेत के अवैध परिवहन पर कार्रवाई तो की गयी, लेकिन जवाबदार अधिकारियों ने खनन माफियाओं के अवैध रेत भंडारण पर कार्रवाई करना मुनासिब नही समझा।

लिहाजा आज कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने महासमुंद जिला में रेत के अवैध भंडारण का पर्दाफाश कर एक बार फिर सरकार को घेरने की कोशिश की। महासमुंद जिला के ग्राम बरबसपुर में रेत माफियाओं ने लाखों घन मीटर रेत का भंडारण कर रखा था। जहां स्थानीय कांग्रेसियों के साथ दीपक बैज पहुंचे। स्थानीय कांग्रेसियों ने आरोप लगाया कि महासमुंद जिले में सरकार मद की घास जमीन पर माफिया बेधड़क होकर रेत का अवैध भंडारण कर रहे है। इन सारे अवैध भंडारण की जानकारी होने के बाद भी माइनिंग विभाग के अफसर कार्रवाई नही करते।

वहीं मौके पर पहुंचे पीसीसी चीफ दीपक बैज ने रेत के उंचे टीले देखकर यहां तक कह दिया कि…यहां आने के बाद ऐसा लग रहा है, जैसे हम लोग छत्तीसगढ़ में नही राजस्थान में है। दीपक बैज ने आरोप लगाया कि सरकार के आदेश के बाद भी खनन माफिया खुलेआम रेत का अवैध भंडारण कर रेत की कालाबाजारी कर रहे है। इस अवैध भंडारण पर कार्रवाई करने के बजाये खनिज विभाग गिनती के वाहनों को पकड़कर खानापूर्ति की कार्रवाई में जुटी हुई है। दीपक बैज ने आरोप लगाया कि माइनिंग विभाग की इस आधी अधूरी कार्रवाई से सरकार की मंशा स्पष्ट है। जवाबदार अफसर और राजनीतिक लोग खनन माफियाओं को संरक्षण देने में जुटे हुए है। वरना ऐसे रेत के अवैध भंडार पर पहले ही कार्रवाई हो गयी 2 दिन पहले ही खनिज विभाग ने 2 करोड़ 18 लाख का लगाया था जुर्मानापीसीसी चीफ दीपक बैज ने महासमुंद के बरबसपुर गांव में जिस रेत के अवैध भंडारण स्थल का निरीक्षण किया है, वहां दो दिन पहले ही माइनिंग विभाग ने छापामार कार्रवाई कर जुर्माने की कार्रवाई की है। बताया जा रहा है कि उक्त स्थल पर निजी भूमि पर आवेदनकर्ता को 8 हजार घन मीटर रेत भंडारण की वैधानिक अनुमति दी गयी थी। लेकिन भंडारणकर्ता ने वैध अनुमति से चार गुना ज्यादा रेत का अवैध भंडारण निजी के साथ ही शासकीय भूमि पर कर रखा था। माइनिंग विभाग की कार्रवाई में मौके पर 62 हजार घन मीटर रेत का भंडारण पाया गया। जिस पर खनिज विभाग ने भंडारणकर्ता पर 2 करोड़ 18 लाख रूपये के जुर्माने की कार्रवाई की है।

होती।

कांग्रेस नेता हसन आबिदी गिरफ्तार: फर्जी ACB अफसर बनकर पटवारी परिवार से ठगे 70 लाख, अब मांगने लगा ढ़ाई करोड़, जमीन भी अपने नाम करवायी

रायपुर-  राजधानी के टिकरापारा थाना क्षेत्र में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, यहां कांग्रेस नेता हसन आबिदी को ब्लैकमेलिंग और धोखाधड़ी के गंभीर आरोपों के चलते गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोपी पर एक पटवारी और उसके पति से करोड़ों रुपये की वसूली करने का आरोप है।

देवपुरी निवासी रियल एस्टेट कारोबारी राजेश सोनी ने टिकरापारा थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि उनकी पत्नी सारिका सोनी, जो कि एक शासकीय पटवारी हैं, को हसन आबिदी पिछले कई महीनों से फर्जी भ्रष्टाचार के केस में फंसाने की धमकी दे रहा था। हसन ने खुद को ACB-EOW से जुड़ा अधिकारी बताकर कहा कि उनकी पत्नी के खिलाफ एक व्यक्ति 'विवेक' ने शिकायत की है और जल्द ही उनके घर छापा पड़ सकता है।

डर और सामाजिक बदनामी के भय से राजेश ने फरवरी 2025 से अब तक करीब 70 लाख रुपये आरोपी को दे दिए। यही नहीं, भाठागांव स्थित सिमरन सिटी में 3500 वर्गफुट की एक जमीन भी हसन ने धोखे से अपने एक परिचित के नाम रजिस्ट्री करवा ली। हद तो तब हो गई जब 17 जून को हसन ने एक बार फिर राजेश को कॉल कर 2.5 करोड़ रुपये की मांग की और धमकी दी कि रकम नहीं देने पर उनकी पत्नी की नौकरी चली जाएगी, जेल जाना पड़ेगा और मामला ईडी व सीबीआई तक पहुंचा दिया जाएगा।

राजेश ने सबूतों के साथ टिकरापारा थाना पुलिस को पूरी जानकारी दी, जिसके बाद बुधवार रात पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए आरोपी हसन आबिदी को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने हसन के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत धोखाधड़ी, जबरन वसूली, धमकी और सरकारी कर्मचारी को झूठे केस में फंसाने जैसे गंभीर आरोपों में मामला दर्ज किया है।

पुलिस अब यह भी जांच कर रही है कि हसन ने इसी तरह से और कितने लोगों को अपना शिकार बनाया है। मामले की जांच जारी है और पूछताछ में कई अहम खुलासे होने की उम्मीद है।

वक्फ बोर्ड की संपत्तियों पर अतिक्रमण और फर्जी रजिस्ट्री, अध्यक्ष सलीम राज ने कहा – मामले की होगी CBI जांच, अवैध कब्जे पर चलेगा बुलडोजर

रायपुर- छत्तीसगढ़ में वक्फ बोर्ड की करीब 500 करोड़ रुपए की संपत्तियों पर अतिक्रमण और फर्जी रजिस्ट्री के मामले की सीबीआई जांच कराई जाएगी. वहीं वक्फ बोर्ड की संपत्तियों पर किए गए अतिक्रमण पर बुलडोजर कार्रवाई भी की जाएगी. इसके लिए वक्फ बोर्ड जल्द सरकार को प्रस्ताव भेजेगा. ये बातें छग वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष सलीम राज ने कही है.

दिल्ली से केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू से मुलाकात कर रायपुर लौटे वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष सलीम राज ने कहा, केंद्रीय मंत्री रिजिजू ने वक्फ बोर्ड की संपत्तियों के सभी दस्तावेज मांगे हैं. सीबीआई जांच पर भी चर्चा हुई है. जल्द ही हम राज्य सरकार को सीबीआई जांच की अनुशंसा के लिए प्रस्ताव भेजेंगे.

सलीम राज ने कि जल्द ही केंद्रीय मंत्री किरेन रिजीजू छत्तीसगढ़ आएंगे. नए वक्फ बिल और छत्तीसगढ़ राज्य में वक्फ संपत्ति के बारे केंद्रीय मंत्री से चर्चा हुई है. छत्तीसगढ़ में वक्फ संपत्तियों से अतिक्रमण हटाने को लेकर की जा रही कार्रवाई के बारे में जानकारी दी है. केंद्रीय मंत्री ने छत्तीसगढ़ राज्य वक्फ बोर्ड के कार्यों की सराहना की है.

सलीम राज ने कहा, वक्फ की करीब 500 करोड़ रुपए की संपत्तियों पर अतिक्रमण और फर्जी रजिस्ट्री के मामले की सीबीआई से जांच कराने की तैयारी चल रही है. इसके लिए वक्फ बोर्ड जल्द ही राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजेगा. कई बार फर्जी रजिस्ट्री कराने वालों को नोटिस भेजा गया है. अतिक्रमित संपत्तियों पर हुए निर्माण पर अब बुलडोजर चलाने की भी तैयारी है.