हजरत उस्मान गनी की याद में सैकड़ों राहगीरों में बांटी आइसक्रीम, पिलाया शरबत
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गोरखपुर। रविवार को इस्लाम धर्म के तीसरे खलीफा अमीरुल मोमिनीन हजरत सैयदना उस्मान गनी रदियल्लाहु अन्हु का शहादत दिवस (उर्स-ए-पाक) शहर में मुहब्बत, अकीदत व एहतराम के साथ मनाया गया। फातिहा ख्वानी की गई। जाफरा बाजार, खूनीपुर व रहमतनगर में आइसक्रीम व ठंडे शरबत (सबीले उस्मान) का स्टाल लगाकर सैकड़ों राहगीरों को शरबत व पानी पिलाया गया। आइसक्रीम बांटी गई। फल बांटा गया। दरूदो सलाम पेश करते हुए अमन, शांति, मुहब्बत, तरक्की, भाईचारे, गर्मी से निजात व बारिश के लिए दुआ मांगी गई।
सब्जपोश हाउस मस्जिद व अल कलम एसोसिएशन की ओर से जाफरा बाजार में शरबत का स्टाल (सबीले उस्मान) लगाया गया। फातिहा ख्वानी कर सैंकड़ों राहगीरों को ठंडा शरबत पिलाया गया। हजरत उस्मान गनी रदियल्लाहु अन्हु की जिंदगी पर तैयार पर्चा बांटा गया। मस्जिद के इमाम हाफिज रहमत अली निजामी ने कहा कि अमीरुल मोमिनीन हजरत उस्मान गनी ‘पैगंबरे इस्लाम हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम’ के दामाद व इस्लाम धर्म के तीसरे खलीफा हैं, जिन्हें पैगंबरे इस्लाम ने जिंदगी में ही जन्नती होने की खुशखबरी दी। उन्होंने कहा कि शिद्दत की गर्मी पड़ रही है इसलिए हम लोग हजरत उस्मान गनी की याद में सैकड़ों राहगीरों को ठंडा शरबत पिलाकर खिराजे अकीदत पेश कर रहे हैं। शरबत पिलाने में मुफ्ती-ए-शहर अख्तर हुसैन, मो. इजान, मो. जैद, मो. रूशान, मो. जीशान, फजल, आरिफ सामानी, तारिक समानी, शाहनवाज आलम, शहाबुद्दीन अली, सैयद शम्स आलम, आसिफ महमूद, अहमद आतिफ, कारी मुहम्मद अनस रजवी आदि ने महती भूमिका अदा की।
अल मुस्तफा कमेटी की ओर से मदरसा अंजुमन इस्लामिया खूनीपुर के पास मुफ्त आइसक्रीम बांटी गई। जिसमें मुहम्मद शुएब, आमिर, सदफ, जीशान, अयान, सोनू, नदीम, पार्षद नूर मुहम्मद आदि शामिल रहे। वहीं गौसे आजम फाउंडेशन के सदस्यों ने सैकड़ों राहगीरों को शरबत व पानी पिला कर दुआ हासिल की। फाउंडेशन के जिलाध्यक्ष समीर अली, मो. फैज, रियाज अहमद, अमान, मो. जैद, मो. जैद कादरी, वसीम अहमद, मो. आबिद, शोएब खान, अयान सिद्दीकी, नूर मुहम्मद दानिश ने महती भूमिका अदा की।
सुन्नी बहादुरिया जामा मस्जिद रहमतनगर के पास अली गजनफर शाह, जैद, अमान, आसिफ, रिजवान, सैफी, लारैब, अनस, रेयाज, हाफिज यासीन, हाफिज शमीम, हाजी नफीस, राजू, अली अशहर व अली अफसर ने सैकड़ों राहगीरों को ठंडा शरबत पिलाया।
वहीं मरकजी मदीना जामा मस्जिद रेती चौक में महफिल हुई। मस्जिद के इमाम मुफ्ती मेराज अहमद कादरी ने कहा कि इस्लाम धर्म के पहले खलीफा अमीरुल मोमिनीन हजरत सैयदना अबू बक्र रदियल्लाहु अन्हु की दावत पर हजरत उस्माने ने दीन-ए-इस्लाम कबूल फरमाया। आपके निकाह में पैगंबरे इस्लाम की दो साहबजादियां एक के बाद एक आईं। हदीस में है कि पैगंबरे इस्लाम ने फरमाया हर नबी का एक रफीक (साथी) है और मेरा रफीक यानी जन्नत में उस्मान इब्ने अफ्फान है।
मदरसा रजा-ए-मुस्तफा तुर्कमानपुर में महफिल हुई। जिसमें आलिमा शहाना खातून ने कहा कि हजरत उस्मान गनी पैगंबरे इस्लाम पर उतरने वाली आयतों को लिखा करते थे। आपके जज्बा-ए-दीन, सखावत और अल्लाह की राह में खर्च करने के अनगिनत वाकिआत आज भी तारीख में दर्ज है।
मकतब इस्लामियात तुर्कमानपुर में कारी मुहम्मद अनस रजवी ने कहा कि हजरत उस्माने गनी को कुरआन शरीफ की तिलावत के दौरान 18 जिलहिज्जा 35 हिजरी बरोज जुमा को शहीद कर दिया गया। आपका मजारे पाक मदीना मुनव्वरा में है। हर साल लाखों लोग आपके मजारे पाक पर सलाम का नजराना पेश करते हैं। अंत में इसाले सवाब पेश करते हुए महफिल समाप्त हुई।
Jun 15 2025, 18:13