राजधानी में दिनदहाड़े लूट : ग्राहक बनकर आए तीन बदमाश, सराफा दुकान से सोने की तीन चेन लूटकर हुए फरार, आरोपियों की तलाश में जुटी पुलिस

रायपुर- राजधानी रायपुर में आज दिनदहाड़े लूट की घटना से इलाके में दहशत का माहौल है। एक सराफा दुकान से तीन अज्ञात बदमाश चार तोले सोने की चेन लूटकर फरार हो गए। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस ने आरोपियों की तलाश में शहर में नाकेबंदी कर दी है। पूरा मामला खम्हारडीह थाना क्षेत्र के शक्तिनगर इलाके का है।

जानकारी के अनुसार, शक्तिनगर क्षेत्र में स्थित सराफा कारोबारी पन्नालाल गोलछा की दुकान में आज दोपहर तीन युवक ग्राहक बनकर आए। युवकों ने दुकानदार से कहा कि वे सोने की चेन खरीदना चाहते हैं। इस पर दुकान संचालक ने तीन सोने की चेन उन्हें दिखाने के लिए काउंटर से बाहर निकाले। जैसे ही चेन युवकों के हाथ में आई, उनमें से एक ने अचानक चेन को उठाकर भाग निकले। बाकी दो युवक भी उसके पीछे-पीछे तेजी से भाग निकले।

लूटी गई चेन की कुल वजन लगभग चार तोला बताया जा रहा है, जिसकी बाजार कीमत लाखों में आंकी जा रही है। घटना की सूचना मिलते ही खम्हारडीह थाना पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की जांच शुरू की। दुकान में लगे CCTV कैमरों में तीनों आरोपियों की तस्वीरें कैद हो चुकी है। पुलिस फुटेज के आधार पर आरोपियों की पहचान करने और उनकी लोकेशन ट्रेस करने का प्रयास कर रही है।

आरोपियों की तलाश जारी, मुख्य मार्गों पर पुलिस ने की नाकेबंदी

आरोपियों की तलाश में पुलिस ने शहर के सभी मुख्य मार्गों पर नाकेबंदी कर दी है। बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन और टोल नाकों पर भी जांच अभियान तेज कर दिया गया है। प्रारंभिक जांच में आशंका जताई जा रही है कि आरोपी पूर्व से योजना बनाकर आए थे और किसी गिरोह से जुड़े हो सकते हैं। विधानसभा सीएसपी वीरेंद्र चतुर्वेदी ने बताया कि थाना खम्हारडीह इलाके के शक्तिनगर में सराफा कारोबारी के दुकान में वारदात हुई है। तीन आरोपियों ने घटना को अंजाम दिया है। करीब 10-10 ग्राम की तीन सोने की चेन छीनकर फरार हुए हैं। पुलिस टीम पूरे मामले की जांच कर रही है। जल्द आरोपियों को पकड़ा जाएगा।

छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स की कार्यकारिणी का विस्तार, 80 से अधिक व्यापारी-उद्योगपतियों को मिली उपाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी, देखें सूची…

रायपुर- छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के प्रदेश अध्यक्ष सतीश थौरानी ने अपनी कार्यकारिणी का विस्तार किया है। इस विस्तार के तहत प्रदेश भर के प्रमुख व्यापारियों और उद्योगपतियों को चेम्बर के उपाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

नवनियुक्त उपाध्यक्षों की सूची में वासुदेव जोतवानी, प्रकाश लालवानी, अमरदास खट्टर, राजकिशोर नत्थानी, आशीष लुक्कड़, राजकुमार राठी, अश्वनी विग, संतोष जैन समेत 80 से अधिक नाम शामिल हैं, जो प्रदेश के अलग-अलग शहरों और सेक्टर्स का प्रतिनिधित्व करते हैं।

देखिये उपाध्यक्षों की सूची-

जबलपुर से रायपुर के बीच चलेगी नई ट्रेन, व्यापार और पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा

रायपुर- रेल यातायात को और अधिक सुगम बनाने की दिशा में केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. मध्यप्रदेश में तीन नई ट्रेन सेवाओं की शुरूआत की जा रही है. इसमें से एक ट्रेन जबलपुर से रायपुर, छत्तीसगढ़ के बीच चलेगी. इसकी घोषणा केंद्रीय रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव ने की है. रेल मंत्री ने बताया कि इन नई ट्रेन सेवाओं से व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. नई ट्रेन की सौगात मिलने से प्रदेशवासियों में हर्ष की लहर है.


इन शहरों के बीच चलेगी नई ट्रेनें

रीवा-सतना-जबलपुर-पुणे: उत्तर मध्यप्रदेश से महाराष्ट्र के पुणे तक अब यात्रा और आसान होगी.

जबलपुर-रायपुर (वाया नैनपुर, बालाघाट, गोंदिया): इस मार्ग से मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के बीच कनेक्टिविटी मजबूत होगी.

ग्वालियर-गुना-भोपाल-बेंगलुरु: यह ट्रेन सेवा उत्तर और मध्य भारत को दक्षिण भारत के टेक्नोलॉजी हब बेंगलुरु से जोड़ेगी.

पूर्व CM अजीत जोगी की पुण्यतिथि पर निकाली गई सद्भावना रैली, अमित-रेणु जोगी समेत सैकड़ों समर्थकों ने मूर्ती विवाद को लेकर प्रशासन को सौंपा ज्ञापन

गौरेला पेण्ड्रा मरवाही- पूर्व सीएम स्व. अजीत जोगी की पुण्यतिथि पर आज उनके पुत्र अमित जोगी ने सद्भावना रैली निकाली. इस दौरान उन्होंने अजीत जोगी के मूर्ति हटाने के विवाद को लेकर प्रशासन को ज्ञापन सौंपते हुए अल्टीमेटम भी दिया है. उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि स्व. अजीत जोगी की मूर्ती जहां पर लगाई गई थी, उनकी मूर्ती को उसी जगह वापिस ससम्मान लगाने की मांग की है.

यह रैली गौरेला के जोगी निवास से पूर्व सीएम स्व. अजीत जोगी की समाधि स्थल तक निकाली गई. जिसमें अमित जोगी, उनकी मां रेणु जोगी, पत्नी ऋचा जोगी सहित बड़ी संख्या में सहित तमाम जोगी समर्थकों ने भी शामिल होकर प्रशासन के सामने अपनी मांग रखी.

अमित जोगी ने कहा कि नगरपालिका गौरेला में लगे CCTV में आरोपियों को मूर्ति लाते हुए देखा जा सकता है. आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए 7 दिनों का दिया अल्टीमेटम दिया गया है. वहीं स्व. अजीत जोगी की मूर्ति उसी जगह विधिवत लगाए जाने को लेकर प्रशासन को दिया 30 दिनों का समय दिया गया है.

अमित जोगी ने कहा कि आज हम शान्ति पूर्ण आंदोलन और प्रदर्शन कर रहे है. लेकिन अगर नियत समय पर उसी जगह मूर्ति नहीं लगाई गई, तो हम उग्र आंदोलन करेंगे.

वहीं प्रदर्शन को देखते हुए प्रशासन ने शहर में चाक चौबंद व्यवस्था की थी. गौरेला जोगी निवास से कलेक्टर कार्यालय तक जगह-जगह प्रशासन ने बेरिकेडिंग की थी. सुरक्षा के मद्देनजर SDM पेंड्रारोड ऋचा चंद्रकार अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ओम चंदेल सहित भारी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा.

जल जीवन मिशन में लापरवाही पर बड़ी कार्रवाई, 70 ठेकेदारों को नोटिस जारी, जल्द काम पूरे नहीं करने पर होगी कड़ी कार्रवाई

रायपुर- राज्य सरकार की प्राथमिकता वाली योजना जल जीवन मिशन के तहत कार्यों में हो रही लापरवाही अब ठेकेदारों पर भारी पड़ने लगी है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने मुंगेली जिले में समय-सीमा में काम पूर्ण नहीं करने वाले 70 ठेकेदारों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। विभाग ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि जल्द अधूरे काम पूरे नहीं किए गए तो संबंधित ठेकेदारों के विरुद्ध कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

विभागीय सख्ती की यह कार्रवाई जल जीवन मिशन के सचिव मोहम्मद कैसर अब्दुल हक के हालिया मुंगेली प्रवास के बाद सामने आई है। दौरे के दौरान उन्होंने कलेक्टर कुंदन कुमार के साथ जिले के विभिन्न गांवों में मिशन के अंतर्गत चल रहे पेयजल परियोजनाओं का निरीक्षण किया। निरीक्षण में यह पाया गया कि कई योजनाएं तय समय-सीमा से पीछे चल रही है और कार्यों में ठेकेदारों की लापरवाही व उदासीनता प्रमुख कारण बनकर उभरी है।

सचिव हक ने समीक्षा बैठक में अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि ग्रामीण क्षेत्रों को समय पर शुद्ध पेयजल की सुविधा उपलब्ध कराना सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। ऐसे में कार्यों की गति तेज की जाए और लापरवाह ठेकेदारों के विरुद्ध सख्त रुख अपनाया जाए.

राज्यपाल डेका ने तीन गांव को लिया गोद, अब इन गांवों में होगा समावेशी मानव-केंद्रित विकास

रायपुर- राज्यपाल रमेन डेका ने एक नई पहल करते हुए, प्रदेश के तीन गांवों को गोद लेने का संकल्प लिया है। बेमेतरा जिले के टेमरी, गरियाबंद जिले के मड़वा डीह, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले के सोनपुरी गांव को गोद लेने के लिए चयन किया गया है। इन गांवों में केंद्र और राज्य सरकार की विभिन्न फ्लेगशिप योजनाओं के हेतु समुदाय को शामिल करते हुए ग्रामीण क्षेत्रों के सामाजिक-आर्थिक और पर्यावरणीय विकास की पहल की जाएगी। इसके लिए पृथक से कोई राशि का आबंटन नहीं किया जाएगा, बल्कि विभिन्न योजनाओं में उपलब्ध राशि के समुचित उपयोग एवं निगरानी से ही यह कार्य किया जाएगा। गांवों को गोद लेने से सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं को लागू करने में ‘मानव-केंद्रित‘ दृष्टिकोण के साथ गांवों के समावेशी विकास के उद्देश्य पर अधिक जोर दिया जा सकेगा।

राज्यपाल श्री डेका द्वारा जिन गांवो को गोद लिया जा रहा है उनमें जल संरक्षण, हरित आवरण बढ़ाना, शिक्षा ,स्वास्थ्य एवं पोषण, आजीविका, सामाजिक सुरक्षा, सतत् कृषि, विरासत एवं संस्कृति के संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। जल संरक्षण के लिए अमृत सरोवर बनाने एवं नरेगा एवं जल जीवन मिशन से कार्य कराए जाने, कैम्पा, नरेगा, वृक्षारोपण अभियान के जरिए हरित आवरण बढ़ाने, प्राथमिक एवं माध्यमिक स्कूलों में विद्यार्थियों के शाला छोड़ने की दर को कम करने के लिए स्कूलों में अभिभावकों के साथ मीटिंग करने, पुस्तकालयों में शिक्षाप्रद एवं आकर्षक पुस्तकें रखे जाने, एनसीसी, स्कूलों का जीर्णोंद्धार आदि कार्यो पर ध्यान दिया जाएगा। ग्रामीणों के स्वास्थ्य की बेहतरी एव्ं पोषण के लिए टी बी उन्मूलन, स्वच्छता अभियान, आईसीडीएस, पर जोर रहेगा। ग्रामीणों की आजीविका बढ़ाने के लिए एनआरएलएम, स्व सहायता समूह, कौशल प्रशिक्षण, ग्रामीण उद्यमिता सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्र में बुजुर्गों एवं दिव्यांगों की देखभाल, नशा मुक्ति और पुनर्वास केंद्र, मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान दिया जाएगा। कृषि में सुधार के लिए जैविक खेती, पारंपरिक कृषि, मृदा स्वास्थ्य कार्ड, विरासत और संस्कृति-स्थानीय और ग्रामीण पर्यटन, विरासत स्थल के संरक्षण हेेतु सामुदायिक प्रयास किए जाएंगे।

इसके अलावा गोद लिए गए गांवों की निगरानी समय-समय पर की जाएगी और विभिन्न परियोजनाओं के परिणाम के रूप में मापने योग्य संकेतकों का मूल्यांकन किया जाएगा जैसे भूजल स्तर में वृद्धि, हरित क्षेत्र में वृद्धि, प्राथमिक एवं माध्यमिक स्कूलों में विद्यार्थियों में शाला छोड़ने की दर आदि। कुल मिलाकर गोद लिए गए गांव संबंधित जिला प्रशासन के लिए गांव के सामाजिक-आर्थिक और पर्यावरणीय विकास हेतु एक समावेशी मानव केंद्रित दृष्टिकोण रखने के लिए मार्ग दर्शक के रूप में कार्य करेंगे।

उल्लेखनीय है कि गत वर्ष अगस्त में नई दिल्ली में आयोजित राज्यपालों के सम्मेलन में सभी राज्यपालों को प्रधानमंत्री फ्लेगशिप योजनाओं के क्रियान्वयन के बारे में प्रत्येक जिले के अधिकारियों के साथ चर्चा करने के लिए निर्देशित किया गया था। इसी निर्देश के परिपालन में राज्यपाल श्री डेका लगातार प्रदेश के विभिन्न जिलों का दौरा कर केन्द्र की फ्लेगशिप योजनाओं के जमीनी स्तर पर क्रियान्वयन का फीडबैक ले रहे हैं। इसी दौरान उन्होंने कुछ गांवों को आदर्श गांव की तर्ज पर विकसित करने का संकल्प लिया।

भारतीय शिक्षा बोर्ड हरिद्वार अब छत्तीसगढ़ में माशिमं के समकक्ष मान्य, आदेश जारी

रायपुर- भारतीय शिक्षा बोर्ड हरिद्वार अब छत्तीसगढ़ में माध्यमिक शिक्षा मंडल के 10वीं एवं 12वीं बोर्ड के समकक्ष मान्य होगा। माशिमं सचिव ने यह आदेश आज जारी कर दिया है। अब छत्तीसगढ़ में चार बोर्ड हो जाएंगे, जिनमें आईसीएसई, सीबीएसई, सीजी बोर्ड और ओपन स्कूल भी शामिल हैं।

छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल रायपुर की पाठ्यचर्या समिति की बैठक में प्रदत्त अनुशंसा एवं प्रस्ताव को कार्यपालिका समिति की बैठक में समिति ने भारत सरकार, शिक्षा मंत्रालय, स्कूल शिक्षा विभाग एवं साक्षरता विभाग, नई दिल्ली द्वारा जारी अधिसूचना और भारतीय विश्वविद्यालय संघ के पत्र के आधार पर “भारतीय शिक्षा बोर्ड, हरिद्वार, उत्तराखण्ड की हाईस्कूल (कक्षा 10वीं) एवं इण्टरमीडिएट (कक्षा 12वीं) परीक्षाओं को मंडल की हाईस्कूल एवं हायर सेकण्डरी परीक्षाओं की समकक्षता प्रदान किए जाने का निर्णय लिया है। अब “छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मण्डल, रायपुर द्वारा भारतीय शिक्षा बोर्ड, हरिद्वार, उत्तराखण्ड की हाईस्कूल (कक्षा 10वीं) एवं इण्टरमीडिएट (कक्षा 12वीं) परीक्षाओं को छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मण्डल, रायपुर द्वारा आयोजित हाईस्कूल (कक्षा 10वीं) एवं हायर सेकण्डरी (कक्षा 12वीं) परीक्षाओं के समकक्ष मान्य किया गया है।

कार्य के दौरान संविदा बिजली कर्मचारी की मौत: विभागीय साथियों ने कैंडल मार्च कर दी श्रद्धांजलि

रायपुर- छत्तीसगढ़ की बिजली व्यवस्था में अहम योगदान देने वाले संविदा कर्मचारियों की सुरक्षा एक बार फिर सवालों के घेरे में है. अंबिकापुर क्षेत्र के मैनपाट वितरण केंद्र में कार्यरत संविदा बिजली कर्मचारी सुनील कुमार टोप्पो की ड्यूटी के दौरान हुई दुर्घटना में मौत हो गई.

21 मई 2025 को 33 केवी लाइन में काम करते समय वह पोल से गिरकर गंभीर रूप से घायल हो गया था. उन्हें तत्काल रायपुर के डीकेएस अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान 27 मई की रात 10 बजे उनका निधन हो गया.

लगातार हो रही दुर्घटनाओं से बिजली कर्मचारियों में आक्रोश

विद्युत विभाग में कार्यरत संविदा कर्मचारियों के लिए यह कोई पहला मामला नहीं है. अब तक 30 संविदा कर्मचारी कार्यस्थल पर बिजली संबंधी हादसों में जान गंवा चुके हैं, जबकि 95 से अधिक कर्मचारी दुर्घटनाओं के चलते अपंग हो चुके हैं. इस घटना ने विभागीय लापरवाही और सुरक्षा उपायों की पोल खोलकर रख दी है.

कैंडल मार्च निकालकर दी गई श्रद्धांजलि

29 मई 2025 को, छत्तीसगढ़ विद्युत संविदा कर्मचारी संघ के बैनर तले रायपुर स्थित विद्युत सेवा भवन, डंगनिया मुख्यालय में शोकसभा और श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया. संघ के प्रदेश अध्यक्ष हरिचरण साहू, महामंत्री कमलेश भारद्वाज, समस्त रीजन अध्यक्ष, महासंघ व अन्य संगठनों के पदाधिकारी एवं संविदा कर्मचारी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे. सभी ने कैंडल मार्च निकालकर स्व. सुनील कुमार टोप्पो को नम आंखों से अंतिम विदाई दी.

50 लाख मुआवजा और अनुकंपा नियुक्ति की मांग

श्रद्धांजलि सभा के बाद सभी संविदा कर्मियों ने छत्तीसगढ़ पॉवर कंपनी के अध्यक्ष के नाम ज्ञापन सौंपा. इसमें दो प्रमुख मांगें की गईं:

  1. परिजनों को 50 लाख रुपये का मुआवजा
  2. परिवार के एक सदस्य को अनुकंपा नियुक्ति

साथ ही यह भी कहा गया कि यह मौत पहली नहीं है, बल्कि लंबे समय से संविदा कर्मचारियों की उपेक्षा और असुरक्षा का परिणाम है. इसलिए कंपनी प्रबंधन से द्विपक्षीय वार्ता की मांग भी ज्ञापन में रखी गई.

संविदा कर्मचारियों की तीन प्रमुख मांगें

  1. नियमितीकरण: संविदा कर्मचारियों को पूर्व की तरह कंपनी के नियमों के अनुसार जल्द से जल्द नियमित किया जाए.
  2. अनुकंपा नियुक्ति: कार्य के दौरान या सामान्य मृत्यु की स्थिति में परिजनों को अनुकंपा नियुक्ति मिले.
  3. सुरक्षा व्यवस्था: फील्ड में कार्य करने वाले सभी नियमित, संविदा या बाह्य स्त्रोत कर्मचारियों के लिए सुरक्षा उपकरणों और निगरानी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए ताकि विद्युत दुर्घटनाओं को शून्य किया जा सके.


ड्राइवर ने मालिक के दुकान से पार किए 27 लाख, घर के चप्पे-चप्पे की थी जानकारी, पुलिस ने किया गिरफ्तार…

रायपुर- डुमरतराई स्थित औषधि वाटिका में हुई 27 लाख की बड़ी चोरी का खुलासा रायपुर पुलिस ने महज कुछ ही घंटों में कर दिया. इस मामले में पुलिस ने आरोपी विजय कश्यप उर्फ गुड्डा को गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी पहले दुकान मालिक के यहां चालक के रूप में कार्यरत था और घटना के बाद अपने गांव मलदा कला (जिला सक्ती) भाग गया था. पुलिस ने जिला सक्ती और जांजगीर पुलिस के सहयोग से उसे गिरफ्तार किया और चोरी की पूरी रकम सहित घटना में प्रयुक्त वाहन जब्त कर लिया है.

औषधि वाटिका से 27 लाख की चोरी

डुमरतराई स्थित “औषधि वाटिका” नामक दुकान में 27 मई की रात 27 लाख रुपये नकद चोरी कर लिए गए थे. दुकान के मालिक संजय आहूजा ने बताया कि रात को दुकान बंद कर वह घर चले गए थे. लेकिन रात में देखा कि घर के बोर्ड में कार की चाबी नहीं थी. दूसरी चाबी से जब कार खोली और कार में दुकान की चाबी भी गायब थी. संदेह होने पर वे वापस दुकान पहुंचे और नया ताला लगाकर लौट आए.

अगली सुबह जब दुकान खोली गई तो पता चला कि दराजें टूटी हुई थीं और उसमें रखे लाखों रुपये गायब थे. इस पर माना थाने में अपराध क्रमांक 157/25 धारा 331(4), 305 बी.एन.एस. के तहत अज्ञात आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया.

पूर्व कर्मचारी निकला चोर

पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी विजय कश्यप पहले पीड़ित संजय आहूजा के यहां ड्राइवर के रूप में काम करता था और 5 माह पहले नौकरी छोड़ चुका था. सीसीटीवी फुटेज खंगालने और आसपास के लोगों से पूछताछ के बाद पुलिस को शक हुआ कि यह चोरी उसी ने की है.

मुखबिर से जानकारी मिलने पर पता चला कि वह मलदा कला गांव (सक्ति जिला) में छिपा हुआ है और कहीं भागने की फिराक में है. इस पर पुलिस ने जिला सक्ती और जांजगीर की पुलिस से समन्वय कर छापेमारी की और आरोपी को धर दबोचा है. 

पूछताछ में आरोपी विजय कश्यप ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया. उसने बताया कि पैसों की तंगी के कारण उसने वारदात को अंजाम दिया. उसे दुकान में पैसों की जगह पहले से पता थी, इसलिए उसने चाबियां चुराकर ताले खोले और नकदी ले भागा.

पुलिस ने उसके कब्जे से पूरी चोरी की राशि ₹27 लाख और घटना में प्रयुक्त एक दोपहिया वाहन भी जब्त कर लिया है. जब्त कुल सामग्री की अनुमानित कीमत करीब ₹27.5 लाख है.

आरोपी की पहचान:

पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक आरोपी की पहचान विजय कश्यप उर्फ गुड्डा (26 वर्ष), पिता- गोसई कश्यप, ग्राम मलदा कला, थाना हसौद, जिला सक्ती.

मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने दी विधिक प्रावधानों की जानकारी, पारदर्शिता व दक्षता को बताया चुनावी सफलता की कुंजी

रायपुर- भारत निर्वाचन आयोग द्वारा आयोजित दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम की आठवीं श्रृंखला का शुभारंभ आज नई दिल्ली स्थित भारत अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र और निर्वाचन प्रबंधन संस्थान (IIIDEM) में हुआ। इस प्रशिक्षण में छत्तीसगढ़ के 96 निर्वाचन अधिकारी सक्रिय रूप से शामिल हुए हैं।

मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए छत्तीसगढ़, हरियाणा, मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश से आए बूथ लेवल अधिकारी, बीएलओ सुपरवाइज़र्स, ईआरओ तथा डीईओ को संबोधित किया। उन्होंने निर्वाचन व्यवस्था को पारदर्शी, सुसंगत और विधिसम्मत बनाए रखने में इन अधिकारियों की भूमिका को अत्यंत महत्वपूर्ण बताया।

उल्लेखनीय है कि यह अब तक का सबसे बड़ा प्रशिक्षण बैच है, जिसमें कुल 373 प्रतिभागी शामिल हैं – जिनमें से उत्तर प्रदेश से 118, मध्यप्रदेश से 130, छत्तीसगढ़ से 96 और हरियाणा से 29 अधिकारी हैं। इस श्रृंखला के माध्यम से आयोग दो माह में अब तक 3,720 से अधिक मैदानी चुनाव अधिकारियों को प्रशिक्षण दे चुका है।

अपने संबोधन में मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 एवं 1951, निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिनियम 1960, निर्वाचन संचालन नियम 1961 तथा आयोग द्वारा समय-समय पर जारी निर्देशों की जानकारी को आवश्यक बताया। उन्होंने कहा कि यह प्रशिक्षण यह सुनिश्चित करेगा कि चुनाव की समस्त प्रक्रियाएँ विधिक प्रावधानों के अनुरूप संपन्न हों।

मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने प्रतिभागियों को अवगत कराया कि प्रशिक्षण के दौरान वे लोकप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की धारा 24(a) (जिला मजिस्ट्रेट/कलेक्टर के समक्ष प्रथम अपील) और धारा 24(b) (राज्य/केंद्र शासित प्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के समक्ष द्वितीय अपील) की प्रक्रिया से भी परिचित रहें। उन्होंने बीएलओ व पर्यवेक्षकों को सलाह दी कि वे क्षेत्रीय सत्यापन के समय इन प्रावधानों की जानकारी मतदाताओं को भी दें।

उल्लेखनीय है कि 6 से 10 जनवरी 2025 के विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण (SSR) के बाद छत्तीसगढ़, हरियाणा, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश से किसी प्रकार की अपील प्राप्त नहीं हुई – जो क्षेत्रीय अधिकारियों के सतर्क, व्यवस्थित और तकनीकी रूप से दक्ष होने का प्रमाण है।

प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य मतदाता पंजीकरण, फॉर्म प्रबंधन और चुनाव प्रक्रियाओं के व्यावहारिक पक्ष को मजबूत करना है। इसके अंतर्गत प्रतिभागियों को ईवीएम (EVM), वीवीपैट (VVPAT) और मॉक पोल से संबंधित तकनीकी पहलुओं पर विशेष सत्रों के माध्यम से प्रशिक्षित किया जाएगा।

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में आईटी टूल्स के उपयोग पर भी विशेष बल दिया गया है। इससे अधिकारी डिजिटल प्रक्रिया, डेटा प्रबंधन और निर्वाचन प्रक्रिया में तकनीकी दक्षता प्राप्त कर सकेंगे, जिससे भविष्य के चुनाव अधिक पारदर्शी और त्रुटिरहित बनाए जा सकेंगे।

भारत निर्वाचन आयोग द्वारा आयोजित यह प्रशिक्षण श्रृंखला लोकतंत्र की मजबूती में एक और ठोस कदम है, जिसमें छत्तीसगढ़ के अधिकारियों की सक्रिय भागीदारी राज्य की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। यह सुनिश्चित करता है कि आने वाले चुनावों में भी निर्वाचन कार्य में नियोजित अधिकारी एवं कर्मचारी पारदर्शिता और प्रभावशीलता के उच्चतम मानकों का पालन करेंगे।