भारतीय शिक्षा बोर्ड हरिद्वार अब छत्तीसगढ़ में माशिमं के समकक्ष मान्य, आदेश जारी

रायपुर- भारतीय शिक्षा बोर्ड हरिद्वार अब छत्तीसगढ़ में माध्यमिक शिक्षा मंडल के 10वीं एवं 12वीं बोर्ड के समकक्ष मान्य होगा। माशिमं सचिव ने यह आदेश आज जारी कर दिया है। अब छत्तीसगढ़ में चार बोर्ड हो जाएंगे, जिनमें आईसीएसई, सीबीएसई, सीजी बोर्ड और ओपन स्कूल भी शामिल हैं।

छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल रायपुर की पाठ्यचर्या समिति की बैठक में प्रदत्त अनुशंसा एवं प्रस्ताव को कार्यपालिका समिति की बैठक में समिति ने भारत सरकार, शिक्षा मंत्रालय, स्कूल शिक्षा विभाग एवं साक्षरता विभाग, नई दिल्ली द्वारा जारी अधिसूचना और भारतीय विश्वविद्यालय संघ के पत्र के आधार पर “भारतीय शिक्षा बोर्ड, हरिद्वार, उत्तराखण्ड की हाईस्कूल (कक्षा 10वीं) एवं इण्टरमीडिएट (कक्षा 12वीं) परीक्षाओं को मंडल की हाईस्कूल एवं हायर सेकण्डरी परीक्षाओं की समकक्षता प्रदान किए जाने का निर्णय लिया है। अब “छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मण्डल, रायपुर द्वारा भारतीय शिक्षा बोर्ड, हरिद्वार, उत्तराखण्ड की हाईस्कूल (कक्षा 10वीं) एवं इण्टरमीडिएट (कक्षा 12वीं) परीक्षाओं को छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मण्डल, रायपुर द्वारा आयोजित हाईस्कूल (कक्षा 10वीं) एवं हायर सेकण्डरी (कक्षा 12वीं) परीक्षाओं के समकक्ष मान्य किया गया है।

कार्य के दौरान संविदा बिजली कर्मचारी की मौत: विभागीय साथियों ने कैंडल मार्च कर दी श्रद्धांजलि

रायपुर- छत्तीसगढ़ की बिजली व्यवस्था में अहम योगदान देने वाले संविदा कर्मचारियों की सुरक्षा एक बार फिर सवालों के घेरे में है. अंबिकापुर क्षेत्र के मैनपाट वितरण केंद्र में कार्यरत संविदा बिजली कर्मचारी सुनील कुमार टोप्पो की ड्यूटी के दौरान हुई दुर्घटना में मौत हो गई.

21 मई 2025 को 33 केवी लाइन में काम करते समय वह पोल से गिरकर गंभीर रूप से घायल हो गया था. उन्हें तत्काल रायपुर के डीकेएस अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान 27 मई की रात 10 बजे उनका निधन हो गया.

लगातार हो रही दुर्घटनाओं से बिजली कर्मचारियों में आक्रोश

विद्युत विभाग में कार्यरत संविदा कर्मचारियों के लिए यह कोई पहला मामला नहीं है. अब तक 30 संविदा कर्मचारी कार्यस्थल पर बिजली संबंधी हादसों में जान गंवा चुके हैं, जबकि 95 से अधिक कर्मचारी दुर्घटनाओं के चलते अपंग हो चुके हैं. इस घटना ने विभागीय लापरवाही और सुरक्षा उपायों की पोल खोलकर रख दी है.

कैंडल मार्च निकालकर दी गई श्रद्धांजलि

29 मई 2025 को, छत्तीसगढ़ विद्युत संविदा कर्मचारी संघ के बैनर तले रायपुर स्थित विद्युत सेवा भवन, डंगनिया मुख्यालय में शोकसभा और श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया. संघ के प्रदेश अध्यक्ष हरिचरण साहू, महामंत्री कमलेश भारद्वाज, समस्त रीजन अध्यक्ष, महासंघ व अन्य संगठनों के पदाधिकारी एवं संविदा कर्मचारी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे. सभी ने कैंडल मार्च निकालकर स्व. सुनील कुमार टोप्पो को नम आंखों से अंतिम विदाई दी.

50 लाख मुआवजा और अनुकंपा नियुक्ति की मांग

श्रद्धांजलि सभा के बाद सभी संविदा कर्मियों ने छत्तीसगढ़ पॉवर कंपनी के अध्यक्ष के नाम ज्ञापन सौंपा. इसमें दो प्रमुख मांगें की गईं:

  1. परिजनों को 50 लाख रुपये का मुआवजा
  2. परिवार के एक सदस्य को अनुकंपा नियुक्ति

साथ ही यह भी कहा गया कि यह मौत पहली नहीं है, बल्कि लंबे समय से संविदा कर्मचारियों की उपेक्षा और असुरक्षा का परिणाम है. इसलिए कंपनी प्रबंधन से द्विपक्षीय वार्ता की मांग भी ज्ञापन में रखी गई.

संविदा कर्मचारियों की तीन प्रमुख मांगें

  1. नियमितीकरण: संविदा कर्मचारियों को पूर्व की तरह कंपनी के नियमों के अनुसार जल्द से जल्द नियमित किया जाए.
  2. अनुकंपा नियुक्ति: कार्य के दौरान या सामान्य मृत्यु की स्थिति में परिजनों को अनुकंपा नियुक्ति मिले.
  3. सुरक्षा व्यवस्था: फील्ड में कार्य करने वाले सभी नियमित, संविदा या बाह्य स्त्रोत कर्मचारियों के लिए सुरक्षा उपकरणों और निगरानी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए ताकि विद्युत दुर्घटनाओं को शून्य किया जा सके.


ड्राइवर ने मालिक के दुकान से पार किए 27 लाख, घर के चप्पे-चप्पे की थी जानकारी, पुलिस ने किया गिरफ्तार…

रायपुर- डुमरतराई स्थित औषधि वाटिका में हुई 27 लाख की बड़ी चोरी का खुलासा रायपुर पुलिस ने महज कुछ ही घंटों में कर दिया. इस मामले में पुलिस ने आरोपी विजय कश्यप उर्फ गुड्डा को गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी पहले दुकान मालिक के यहां चालक के रूप में कार्यरत था और घटना के बाद अपने गांव मलदा कला (जिला सक्ती) भाग गया था. पुलिस ने जिला सक्ती और जांजगीर पुलिस के सहयोग से उसे गिरफ्तार किया और चोरी की पूरी रकम सहित घटना में प्रयुक्त वाहन जब्त कर लिया है.

औषधि वाटिका से 27 लाख की चोरी

डुमरतराई स्थित “औषधि वाटिका” नामक दुकान में 27 मई की रात 27 लाख रुपये नकद चोरी कर लिए गए थे. दुकान के मालिक संजय आहूजा ने बताया कि रात को दुकान बंद कर वह घर चले गए थे. लेकिन रात में देखा कि घर के बोर्ड में कार की चाबी नहीं थी. दूसरी चाबी से जब कार खोली और कार में दुकान की चाबी भी गायब थी. संदेह होने पर वे वापस दुकान पहुंचे और नया ताला लगाकर लौट आए.

अगली सुबह जब दुकान खोली गई तो पता चला कि दराजें टूटी हुई थीं और उसमें रखे लाखों रुपये गायब थे. इस पर माना थाने में अपराध क्रमांक 157/25 धारा 331(4), 305 बी.एन.एस. के तहत अज्ञात आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया.

पूर्व कर्मचारी निकला चोर

पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी विजय कश्यप पहले पीड़ित संजय आहूजा के यहां ड्राइवर के रूप में काम करता था और 5 माह पहले नौकरी छोड़ चुका था. सीसीटीवी फुटेज खंगालने और आसपास के लोगों से पूछताछ के बाद पुलिस को शक हुआ कि यह चोरी उसी ने की है.

मुखबिर से जानकारी मिलने पर पता चला कि वह मलदा कला गांव (सक्ति जिला) में छिपा हुआ है और कहीं भागने की फिराक में है. इस पर पुलिस ने जिला सक्ती और जांजगीर की पुलिस से समन्वय कर छापेमारी की और आरोपी को धर दबोचा है. 

पूछताछ में आरोपी विजय कश्यप ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया. उसने बताया कि पैसों की तंगी के कारण उसने वारदात को अंजाम दिया. उसे दुकान में पैसों की जगह पहले से पता थी, इसलिए उसने चाबियां चुराकर ताले खोले और नकदी ले भागा.

पुलिस ने उसके कब्जे से पूरी चोरी की राशि ₹27 लाख और घटना में प्रयुक्त एक दोपहिया वाहन भी जब्त कर लिया है. जब्त कुल सामग्री की अनुमानित कीमत करीब ₹27.5 लाख है.

आरोपी की पहचान:

पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक आरोपी की पहचान विजय कश्यप उर्फ गुड्डा (26 वर्ष), पिता- गोसई कश्यप, ग्राम मलदा कला, थाना हसौद, जिला सक्ती.

मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने दी विधिक प्रावधानों की जानकारी, पारदर्शिता व दक्षता को बताया चुनावी सफलता की कुंजी

रायपुर- भारत निर्वाचन आयोग द्वारा आयोजित दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम की आठवीं श्रृंखला का शुभारंभ आज नई दिल्ली स्थित भारत अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र और निर्वाचन प्रबंधन संस्थान (IIIDEM) में हुआ। इस प्रशिक्षण में छत्तीसगढ़ के 96 निर्वाचन अधिकारी सक्रिय रूप से शामिल हुए हैं।

मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए छत्तीसगढ़, हरियाणा, मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश से आए बूथ लेवल अधिकारी, बीएलओ सुपरवाइज़र्स, ईआरओ तथा डीईओ को संबोधित किया। उन्होंने निर्वाचन व्यवस्था को पारदर्शी, सुसंगत और विधिसम्मत बनाए रखने में इन अधिकारियों की भूमिका को अत्यंत महत्वपूर्ण बताया।

उल्लेखनीय है कि यह अब तक का सबसे बड़ा प्रशिक्षण बैच है, जिसमें कुल 373 प्रतिभागी शामिल हैं – जिनमें से उत्तर प्रदेश से 118, मध्यप्रदेश से 130, छत्तीसगढ़ से 96 और हरियाणा से 29 अधिकारी हैं। इस श्रृंखला के माध्यम से आयोग दो माह में अब तक 3,720 से अधिक मैदानी चुनाव अधिकारियों को प्रशिक्षण दे चुका है।

अपने संबोधन में मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 एवं 1951, निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिनियम 1960, निर्वाचन संचालन नियम 1961 तथा आयोग द्वारा समय-समय पर जारी निर्देशों की जानकारी को आवश्यक बताया। उन्होंने कहा कि यह प्रशिक्षण यह सुनिश्चित करेगा कि चुनाव की समस्त प्रक्रियाएँ विधिक प्रावधानों के अनुरूप संपन्न हों।

मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने प्रतिभागियों को अवगत कराया कि प्रशिक्षण के दौरान वे लोकप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की धारा 24(a) (जिला मजिस्ट्रेट/कलेक्टर के समक्ष प्रथम अपील) और धारा 24(b) (राज्य/केंद्र शासित प्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के समक्ष द्वितीय अपील) की प्रक्रिया से भी परिचित रहें। उन्होंने बीएलओ व पर्यवेक्षकों को सलाह दी कि वे क्षेत्रीय सत्यापन के समय इन प्रावधानों की जानकारी मतदाताओं को भी दें।

उल्लेखनीय है कि 6 से 10 जनवरी 2025 के विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण (SSR) के बाद छत्तीसगढ़, हरियाणा, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश से किसी प्रकार की अपील प्राप्त नहीं हुई – जो क्षेत्रीय अधिकारियों के सतर्क, व्यवस्थित और तकनीकी रूप से दक्ष होने का प्रमाण है।

प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य मतदाता पंजीकरण, फॉर्म प्रबंधन और चुनाव प्रक्रियाओं के व्यावहारिक पक्ष को मजबूत करना है। इसके अंतर्गत प्रतिभागियों को ईवीएम (EVM), वीवीपैट (VVPAT) और मॉक पोल से संबंधित तकनीकी पहलुओं पर विशेष सत्रों के माध्यम से प्रशिक्षित किया जाएगा।

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में आईटी टूल्स के उपयोग पर भी विशेष बल दिया गया है। इससे अधिकारी डिजिटल प्रक्रिया, डेटा प्रबंधन और निर्वाचन प्रक्रिया में तकनीकी दक्षता प्राप्त कर सकेंगे, जिससे भविष्य के चुनाव अधिक पारदर्शी और त्रुटिरहित बनाए जा सकेंगे।

भारत निर्वाचन आयोग द्वारा आयोजित यह प्रशिक्षण श्रृंखला लोकतंत्र की मजबूती में एक और ठोस कदम है, जिसमें छत्तीसगढ़ के अधिकारियों की सक्रिय भागीदारी राज्य की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। यह सुनिश्चित करता है कि आने वाले चुनावों में भी निर्वाचन कार्य में नियोजित अधिकारी एवं कर्मचारी पारदर्शिता और प्रभावशीलता के उच्चतम मानकों का पालन करेंगे।

सचिव सह परिवहन आयुक्त द्वारा हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट के संबंध में ली गई नियमित बैठक

रायपुर- आज मंत्रालय महानदी भवन में सचिव सह परिवहन आयुक्त एस. प्रकाश की अध्यक्षता में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट (एचएसआरपी) के अनुबंधित कंपनियों के प्रतिनिधि एवं समस्त परिवहन अधिकारियों के साथ वर्चुअल समीक्षा बैठक सम्पन्न हुई। सचिव सह परिवहन आयुक्त महोदय द्वारा क्रमिक रूप से सभी बड़े शहरों जैसे- रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, कोरबा, रायगढ़, अंबिकापुर, जगदलपुर में हो रहे हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन नंबर प्लेट की प्रगति पर समीक्षा की गई।

बैठक में जिला स्तर पर लग रहे मोबाईल कैम्प एवं मोबाईल नंबर अपडेटेशन एवं समस्याओं पर विस्तारपूर्वक चर्चा हुई। सभी क्षेत्रीय एवं जिला परिवहन अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि परिवहन विभाग द्वारा संचालित कैम्प तथा हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट हेतु अनुबंधित कंपनी के फिटमेंट सेंटर में शासन द्वारा निर्धारित शुल्क लिये जायेंगे, इसके अतिरिक्त किसी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाएगा। डीलर प्वाईंट एवं घर पहुंच सेवा हेतु नियम अनुसार अतिरिक्त शुल्क लिया जाएगा। इसके अलावा सभी अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि नंबर प्लेट केन्द्रीय मोटरयान नियम के तहत लगाया जाए, अर्थात् उसे वाहनों के दृश्य स्थानों पर स्थायी रूप से फिट किया जाए।

जगदलपुर क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी के द्वारा जानकारी दी गई कि चेकिंग के दौरान कुछ वाहनों में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट बिना फिट किए गए वाहन में पाए गए। जिसमें यह जानकारी मिली कि कुछ फिटमेंट सेंटर / डीलर प्वाईंट द्वारा हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट बिना फिट किए हुए वाहन मालिक को दे दी गई है। इस पर सचिव सह परिवहन आयुक्त ने इस संबंध में जांच कर सही पाए जाने पर फिटमेंट/डीलर प्वाईंट पर वैधानिक कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

सचिव सह परिवहन आयुक्त एस. प्रकाश ने अगले हफ्ते तक प्रत्येक जिले में फिटमेंट डबल करने के निर्देश दिए। इसके अतिरिक्त उन्होंने दोनों कंपनियों को पांच प्रमुख जिला रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, अंबिकापुर, जगदलपुर एवं सुकमा तथा बीजापुर व नारायणपुर नक्सल बाधित संवेदनशील जिला होने के कारण हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट फिटमेंट सेंटर के संबंध में कार्यायोजना तैयार करने हेतु निर्देश दिए। मोबाईल नंबर अपडेट की समस्या के निराकरण हेतु परिवहन अधिकारियों को पीएसके के साथ-साथ लोकल मीडिया, प्रिंट मीडिया एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से मोबाइल नंबर अपडेटेशन के लिए आरटीओ कर्मचारियों के व्हाट्सअप नंबर शेयर करने हेतु बोला गया।

बैठक में निर्देशित किया गया कि हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन नंबर प्लेट के अधिक से अधिक इंस्टालेशन हेतु जिला मुख्यालय के साथ-साथ तहसील स्तर में भी स्थायी रूप से फिटमेंट सेंटर की स्थापना की जाए। साथ ही साथ कार्यबल में वृद्धि सुनिश्चित करते हुए कार्यालय या कैम्प के माध्यम से आर्डर किए गए हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट का फिटमेंट 1 सप्ताह के भीतर संबंधित परिसर या नजदीकी फिटमेंट सेंटर से किया जाए। हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट फिटमेंट सेंटर में बैठक व्यवस्था एवं पीने का पानी का पर्याप्त व्यवस्था किये जाने हेतु निर्देश दिए गए। उक्त कार्यो के समीक्षा हेतु पुनः बैठक आयोजित की जाएगी।

16 जून से शुरू होगा नया शैक्षणिक सत्र, शाला प्रवेश उत्सव के लिए स्कूल शिक्षा विभाग ने जारी किया पत्र…

रायपुर- प्रदेश में 16 जून से शुरू होने वाले नए शिक्षण सत्र की तैयारी प्रदेश में शुरू हो गई है. इस कड़ी में स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से तमाम कलेक्टर, मिशन संचालक और जिला शिक्षा अधिकारियों को शाला प्रवेशोत्सव की तैयारियों को लेकर पत्र जारी किया गया है.

स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से जारी आदेश में बताया गया कि राज्य में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 प्रभावी हो गई है. शासन की स्पष्ट मंशा है कि छात्र-छात्राओं को स्वच्छ व सुंदर वातावरण में गुणवत्तायुक्त शिक्षा दी जाए. इस दिशा में शाला प्रवेश उत्सव का आयोजन 16 जून से प्रत्येक स्तर पर किया जाना है. इसके लिए जरूरी है कि शाला प्रवेश उत्सव की प्रारंभिक तैयारी के साथ-साथ पर्याप्त प्रचार-प्रसार भी किया जाए.

इसके साथ प्रवेश उत्सव के पूर्व या कहें कि शाला प्रारंभ होने के पूर्व शाला भवन, परिसर और अध्यापन कक्षों की साफ-सफाई एवं मरम्मत करने की बात कही गई है. इसके साथ शाला को आकर्षक एवं परिसर में प्रिन्ट – रिच वातावरण बनाने, मरम्मत योग्य भवनों की मरम्मत 10 जून तक पूरा करने के लिए कहा गया है.

शाला प्रवेश उत्सव का जोर-शोर से एवं व्यापक प्रचार-प्रसार करने के साथ यथासंभव बैनर- पोस्टर लगाया जाए, रैली निकाली जाए. गांवों में तथा शहरी वार्डों में मुनादी कराई जाए. इसके साथ आयोजन में स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं शाला विकास समिति एवं पालकों को विशेष रूप से आमंत्रित करने की बात कही गई है.


शाला स्तर, संकुल स्तर, ब्लॉक स्तर और जिला स्तर पर शाला प्रवेश उत्सव मनाया जाए, जिससे सत्र के प्रारंभ से ही अध्ययन-अध्यापन के लिए बेहतर माहौल तैयार हो सके. इसके लिए जिला स्तर पर आवश्यक रूप रेखा तैयार करने को कहा गया है. इसके साथ विद्यार्थियों की उपस्थिति पंजी पहले से ही संधारित करने कहा गया है. कक्षा पहली के लिए आंगनबाड़ी केन्द्र से बच्चों की सूची प्राप्त करें तथा प्रवेश देने की कार्रवाई शुरू करने कहा गया है.

पार्टी के बहाने रेलवे अधिकारी ने नर्स को बुलाया अपने घर, फिर बनाया हवस का शिकार

बिलासपुर- रेलवे के डिप्टी स्टेशन सुप्रिटेंडेंट पर गंभीर आरोप लगे हैं। स्टेशन के मेडिकल यूनिट में कार्यरत निजी अस्पताल की नर्स ने आरोप लगाया है कि डिप्टी स्टेशन सुप्रिटेंडेंट ने पार्टी के बहाने अपने घर बुलाकर उसके साथ रेप किया। घटना के 10 दिन बाद डरी-सहमी पीड़िता ने परिजनों को इसकी जानकारी दी, जिसके बाद पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आरोपी रेलवे अधिकारी को गिरफ्तार कर लिया है। यह मामला सरकंडा थाना क्षेत्र का है।

जानकारी के अनुसार, पीड़ित युवती निजी अस्पताल में नर्स है। पीड़िता जिस अस्पताल में काम करती है, उस अस्पताल और रेलवे संयुक्त रूप से स्टेशन में इमरजेंसी मेडिकल यूनिट चलाते हैं। जिसकी मॉनिटरिंग डिप्टी स्टेशन सुप्रीटेंडेंट फिरतू राम पटेल करता था। वह यूनिट की नर्स को कई दिनों से पार्टी देने की बात कह रहा था। नर्स उसकी बातों में आ गई और 17 मई को फिरतू राम के गणेश वैली स्थित मकान पहुंची, जहां आरोपी रेलवे अफसर ने नर्स से जबरदस्ती दुष्कर्म किया। डरी-सहमी नर्स ने लोकलाज के भय से किसी को कुछ नहीं बताया, आखिरकार 10 दिनों बाद उसने घटना की जानकारी परिजनों को दी, जिसके बाद मामले की रिपोर्ट सरकंडा थाने में लिखाई गई।

पीड़िता की रिपोर्ट पर पुलिस ने रेलवे के डिप्टी स्टेशन सुप्रिटेंडेंट फिरतू राम पटेल के खिलाफ जुर्म दर्ज कर तलाश शुरू की। आरोपी अपने गणेश वैली स्थित मकान में नहीं मिला, तो पुलिस की टीम स्टेशन पहुंची और आरोपी को उसके ऑफिस से हिरासत में लेकर थाना पहुंची। पुलिस की पूछताछ में आरोपी ने अपना जुर्म स्वीकार कर लिया है।

बताया जा रहा है कि आरोपी डिप्टी स्टेशन सुप्रिटेंडेंट फिरतू राम पटेल की पत्नी उसके साथ नहीं रहती है। दोनों के अनबन होने पर पत्नी ने पति से तलाक के लिए आवेदन किया है।

रानी अहिल्याबाई होल्कर का शासन प्रजा कल्याण, राष्ट्र निर्माण और न्याय का स्वर्ण युग – मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

रायपुर- पुण्यश्लोक रानी अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जन्म जयंती पर आज राजधानी रायपुर में मुख्यमंत्री निवास में संगोष्ठी का आयोजन किया गया। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने संगोष्ठी की अध्यक्षता की। मध्यप्रदेश सरकार के पंचायत एवं ग्रामीण विकास तथा श्रम मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने प्रमुख वक्ता के रूप में संगोष्ठी को संबोधित किया। केन्द्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्री तोखन साहू और कृषि मंत्री रामविचार नेताम भी संगोष्ठी में शामिल हुए। विभिन्न वर्गों के बुद्धिजीवी, समाज सेवी, डॉक्टर, इंजीनियर, आर्किटेक्ट, वकील और साहित्यकार भी बड़ी संख्या में संगोष्ठी में मौजूद थे।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने संगोष्ठी में राजमाता रानी अहिल्याबाई होल्कर के योगदानों को स्मरण करते हुए उन्हें भारत की सांस्कृतिक एकता और सुशासन का प्रतीक बताया। उन्होंने रानी अहिल्याबाई होल्कर के करीब 30 वर्षों के शासन को प्रजा कल्याण, राष्ट्र निर्माण और न्याय का स्वर्ण युग कहा। उन्होंने कहा कि इंदौर की महारानी होने के बावजूद राजमाता ने स्वयं को किसी एक भौगोलिक सीमा में नहीं बांधा। उन्होंने देशभर में मंदिरों और धर्मशालाओं का निर्माण कराया। उन्होंने रामराज्य की अवधारणा को साकार करते हुए तीन दशकों तक होल्कर राजवंश का नेतृत्व किया।

मुख्यमंत्री श्री साय ने काशी विश्वनाथ मंदिर के पुनर्निर्माण में रानी अहिल्याबाई होल्कर के योगदान को ऐतिहासिक बताया। पेशवा माधवराव की इच्छा के अनुरूप राजमाता ने इस मंदिर का पुनर्निर्माण कर करोड़ों आस्थावानों की भावना को सम्मान दिया। उन्होंने सोमनाथ मंदिर के पुनर्निर्माण का भी ऐतिहासिक निर्णय लिया, जो भारत की सांस्कृतिक पुनर्स्थापना का प्रतीक बना। श्री साय ने कहा कि आज इंदौर देश में स्वच्छता में अग्रणी है, इसके पीछे राजमाता द्वारा स्थापित गुड गवर्नेंस की प्रेरणा है। वे न्यायप्रिय थीं। उन्होंने अपने परिवार के सदस्यों को भी न्याय के लिए दंड देने से परहेज नहीं किया।

मध्यप्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने संगोष्ठी को प्रमुख वक्ता के रूप में संबोधित करते हुए कहा कि रानी अहिल्याबाई होल्कर ने 1767 से 1795 तक अपने 28 वर्षो के शासन काल में धर्मसत्ता और न्यायसत्ता की आवाज बुलंद की। उन्होंने अपने जीवन में तमाम विपत्तियों के बीच अनेक अनुकरणीय कार्य किए। उन्होंने अपने शासन काल में सार्वजनिक धन और राजकोष के सदुपयोग की मिसालें कायम की। राजसत्ता की कोई राशि कभी अपने लिए खर्च नहीं की। श्री पटेल ने कहा कि रानी अहिल्याबाई होल्कर अपने पति के निधन के बाद कभी राजमहल में नहीं रहीं। झोपड़ी में अपना जीवन बिताया। न्याय के लिए उन्होंने अपने पुत्र को मृत्युदंड की सजा सुनाई थी। उन्होंने अपने शासन में विधवाओं को दत्तक पुत्र लेने की अनुमति प्रदान की। रानी अहिल्याबाई होल्कर के प्रजाहितैषी और कल्याणकारी कार्यों के कारण उनके राज्य के लोगों ने उन्हें लोकमाता का दर्जा दिया था।

विधायक किरण देव और छत्तीसगढ़ विधानसभा के पूर्व उपाध्यक्ष नारायण चंदेल ने भी संगोष्ठी में रानी अहिल्याबाई होल्कर के व्यक्तित्व, कार्यों और उनके शासन काल की विशेषताओं को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि रानी अहिल्याबाई होल्कर ने अपने सुशासन, न्यायप्रियता एवं लोक कल्याणकारी कार्यों के माध्यम से भारतीय इतिहास में अमिट छाप छोड़ी है। संगोष्ठी के माध्यम से आज हम उनके विचारों का स्मरण कर रहे हैं। उनके कार्य हमें सामाजिक समरसता और जनसेवा के लिए प्रेरित करते हैं। यह संगोष्ठी आज की पीढ़ी को राष्ट्र निर्माण में योगदान देने के लिए प्रोत्साहित करेगी।

संगोष्ठी में धनकर समाज के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को रानी अहिल्याबाई होल्कर का तैलचित्र भेंट किया। विधायकगण सुनील सोनी, मोतीलाल साहू और पुरंदर मिश्रा, राज्य युवा आयोग के अध्यक्ष विश्व विजय सिंह तोमर, रायपुर नगर निगम की महापौर मीनल चौबे, पूर्व मंत्री प्रेमप्रकाश पाण्डेय, सीएसआईडीसी के पूर्व अध्यश्र छगन मूंदड़ा और शंकर अग्रवाल सहित कई निगमों, मंडलों, आयोगों के पदाधिकारी और युवा बड़ी संख्या में संगोष्ठी में उपस्थित थे।

जमीन के कागजात में त्रुटि सुधरवाने रजिस्ट्री कार्यालय का चक्कर लगाता रहा किसान, आखिर में थक हार कर किया जहर का सेवन

बालोद- मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने हाल ही में राजस्व विभाग की लापरवाही पर सख्त चेतावनी दी थी, इसके बावजूद बालोद जिले में एक गंभीर मामला सामने आया है। गुंडरदेही तहसील के रजिस्ट्री कार्यालय में आज उस समय अफरा-तफरी मच गई जब एक किसान ने भूमि दस्तावेजों में त्रुटि सुधार की प्रक्रिया में लापरवाही से तंग आकर जहरीले पदार्थ का सेवन करने की कोशिश की।

जानकारी के अनुसार, किसान रामकुमार उम्र लगभग 50 वर्ष निवासी ग्राम भुसरेंगा (बेलौदी) अपनी पत्नी की जमीन के कागजात में हुई गलती को सुधरवाने के लिए कई दिनों से रजिस्ट्रार कार्यालय के चक्कर काट रहा था। बार-बार निवेदन के बावजूद जब दस्तावेजों में त्रुटि नहीं सुधारी गई, तो वह आज अपने साथ जहर लेकर कार्यालय पहुंचा।

बताया जा रहा है कि जैसे ही उसे फिर से टालमटोल का सामना करना पड़ा, किसान ने कार्यालय में ही जहर सेवन करने की कोशिश की। इस दौरान जहर उसकी आंख में चला गया जिससे उसकी तबीयत बिगड़ गई। तत्काल उसे गुंडरदेही अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसका इलाज जारी है। घटना की सूचना मिलते ही गुंडरदेही पुलिस मौके पर पहुंची और जांच में जुट गई है।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को दी स्पष्ट चेतावनी

बता दें कि दो दिन पहले ही मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि राजस्व अभिलेखों में त्रुटि के लिए संबंधित अधिकारी या कर्मचारी जिम्मेदार माने जाएंगे। यदि किसी अधिकारी के लॉगिन से गलत प्रविष्टि हुई है, तो उसके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री ने रायगढ़ में सुशासन तिहार के अंतर्गत आयोजित समीक्षा बैठक में यह स्पष्ट निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि लोगों की जमीन, खेती, या अन्य दस्तावेजों में त्रुटि की वजह से जनता का प्रशासन पर से भरोसा न टूटे, इसके लिए जरूरी है कि राजस्व प्रणाली को जवाबदेह बनाया जाए।

गरीब परिवारों को पक्का मकान देकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संकल्प को साकार कर रही है छत्तीसगढ़ सरकार: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज रायपुर जिले के ग्राम भैंसा में आयोजित सुशासन शिविर में भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने देशभर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 29 मई से 12 जून तक चलने वाले "विकसित कृषि संकल्प अभियान" के लिए जागरूकता रथ को हरी झंडी दिखाकर शुभारंभ किया। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत निर्मित 110 पक्के मकानों की चाबियाँ हितग्राहियों को सौंपी।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि यह अभियान वैज्ञानिक सहयोग और अनुसंधान को खेतों तक पहुँचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। इस अभियान में केंद्र सरकार के वैज्ञानिक राज्य के वैज्ञानिकों के साथ दल बनाकर कार्य करेंगे तथा आने वाले दिनों में राज्य के 13 लाख से अधिक किसानों से संपर्क किया जाएगा। उन्होंने बताया कि कृषि वैज्ञानिक और शोधकर्ता प्रयोगशाला से निकलकर खेतों तक जाकर किसानों को उन्नत और संतुलित कृषि की जानकारी देंगे और किसानों से सुझाव भी लेंगे।

मुख्यमंत्री ने सुशासन शिविर को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संकल्प है कि देश के हर गरीब के पास पक्का मकान होना चाहिए। इसी दिशा में राज्य सरकार ने अब तक 18 लाख से अधिक प्रधानमंत्री आवास की स्वीकृति प्रदान की है, जिनमें से अधिकांश का निर्माण पूरा हो चुका है और शेष निर्माणाधीन हैं। "आवास प्लस प्लस" योजना में भी पात्र लोगों को जोड़ा जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य की 70 लाख से अधिक बहनों के खातों में महतारी वंदन योजना के अंतर्गत प्रतिमाह ₹1000 अंतरित किए जा रहे हैं। जिनके नाम अब तक नहीं जुड़े हैं, उन्हें भी शीघ्र जोड़ा जाएगा।

हितग्राहियों से लिया फीडबैक

मुख्यमंत्री श्री साय ने समाधान शिविर में उपस्थित हितग्राहियों से योजनाओं के क्रियान्वयन पर फीडबैक लिया। हितग्राही चमार सिंह पटेल ने जल स्तर में गिरावट को देखते हुए धान के स्थान पर उद्यानिकी और कम जल-आवश्यकता वाली फसलों को बढ़ावा देने की आवश्यकता बताई। उन्होंने जैविक खेती को भी प्रोत्साहित करने का सुझाव दिया। श्रीमती चंदन ने महतारी वंदन योजना के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा कि वे इस राशि का उपयोग बच्चों की पढ़ाई और अन्य आवश्यकताओं में करती हैं।

मुख्यमंत्री की घोषणाएं

मुख्यमंत्री श्री साय ने समाधान शिविर में क्षेत्र के विकास के लिए लगभग ₹3.5 करोड़ के विभिन्न कार्यों की घोषणा की। इनमें ग्राम भैंसा में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हेतु ₹75 लाख, हाईस्कूल भवन निर्माण के लिए ₹75.23 लाख, पानी टंकी एवं पाइपलाइन विस्तार हेतु ₹55 लाख, हायर सेकेंडरी स्कूल के लिए ₹50 लाख, अहाता एवं शेड निर्माण के लिए ₹20 लाख, ग्राम अमोड़ी में पाइपलाइन विस्तार हेतु ₹42 लाख और हायर सेकेंडरी स्कूल में तीन अतिरिक्त कक्ष निर्माण के लिए ₹24 लाख की स्वीकृति दी गई। उन्होंने भैंसा में नवीन पुलिस चौकी खोलने की भी घोषणा की। इस अवसर पर कृषि पत्रिका का विमोचन भी किया गया।

शिविर में हितग्राहियों को कृषि उपकरण हेतु अनुदान चेक, दिव्यांगजनों को ट्राइसाइकिल और किसान क्रेडिट कार्ड भी प्रदान किए गए।

कार्यक्रम में केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू और कृषि मंत्री रामविचार नेताम ने किसानों को कृषि संकल्प अभियान से जुड़ने का आह्वान करते हुए कहा कि रिसर्च सिर्फ प्रयोगशालाओं में न रहे, बल्कि गाँव-गाँव तक पहुँचे। केंद्र सरकार के 100 वैज्ञानिक इस अभियान में भाग लेंगे, जो स्थानीय वैज्ञानिकों और अधिकारियों के साथ मिलकर प्रतिदिन दो-दो कैंप लगाएंगे और किसानों को उन्नत खेती की जानकारी देंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का सपना है कि भारत के किसान जितने सशक्त होंगे, देश उतना ही मजबूत होगा।

कार्यक्रम में स्थानीय विधायक गुरु खुशवंत साहेब ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए क्षेत्र के लिए अनेक विकास कार्यों की माँग रखी।

समाधान शिविर में रायपुर कलेक्टर गौरव सिंह ने बताया कि जिले में प्रथम चरण में कुल 2,98,635 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से 2,89,968 आवेदन माँग संबंधित थे और 8641 शिकायतें थीं। इनमें से सभी का समाधान कर लिया गया है, केवल 26 शिकायतें लंबित हैं। उन्होंने बताया कि शिविरों में 5000 से अधिक लर्निंग लाइसेंस भी बनाए गए हैं।

इस अवसर पर राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा, छत्तीसगढ़ बीज एवं कृषि विकास निगम के अध्यक्ष चंद्रहास चंद्राकर, किसान कल्याण परिषद के अध्यक्ष सुरेश चंद्रवंशी, कृषि उत्पादन आयुक्त एवं सचिव शाहला निगार, रायपुर संभाग के आयुक्त महादेव कावरे, एसएसपी लाल उमेद सिंह, जिला पंचायत रायपुर के मुख्य कार्यपालन अधिकारी कुमार विश्वरंजन और नगर निगम आयुक्त विश्वदीप सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि और ग्रामीणजन उपस्थित थे।