जिला न्यायालय से हुआ अन्याय, हाईकोर्ट ने दिया न्याय : शादी की छुट्टी पर बर्खास्त होने वाले भृत्य को 9 साल बाद फिर से मिलेगी नौकरी

बिलासपुर-  छत्तीसगढ़ के बालोद जिले से एक दिलचस्प मामला सामने आया है. जिला न्यायालय बालोद में पदस्थ एक भृत्य ने अपनी शादी के लिए सात दिन का अवकाश लिया था, लेकिन वह दस दिन बाद काम पर लौटा. इस पर उसे अनाधिकृत अवकाश का हवाला देते हुए सेवा से बर्खास्त कर दिया गया. नौ साल तक चले कानूनी संघर्ष के बाद भृत्य को आखिरकार हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली. हाईकोर्ट ने जिला न्यायालय को आदेश दिया है कि उसे 50 प्रतिशत पिछला वेतन देते हुए पुनः सेवा में बहाल किया जाए।

दरअसल, जिला न्यायालय बालोद में परीवीक्षा अवधि में भृत्य के पद पर राजेश देशमुख पदस्थ था. इस दौरान साल 2016 में उसकी शादी लग गई. घर में तैयारियां जारी थी, उसने अपनी शादी के लिए 7 दिन का अवकाश लिया. लेकिन शादी से लौटते हुए उसे देरी हो गई, अवकाश अवधि से 10 दिन बाद राजेश काम पर वापस आया. विभाग ने आरोप लगाया कि उसने अनाधिकृत रूप से अवकाश लिया है, जिसके बाद उसे सेवा से बर्खास्त कर दिया गया. 

मुख्यालय से जारी नोटिस का राजेश ने जवाब भी दिया था, लेकिन इसपर असंतोष जताते हुए भृत्य सेवा से हटा दिया गया. पीड़ित ने प्रोबेशन में भी आरोपों की जांच और सुनवाई का अवसर मिलना जरूरी के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की. जस्टिस संजय श्याम अग्रवाल की बेंच में मामलें की सुनवाई हुई. याचिककर्ता की ओर से उसके अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि सिर्फ प्रोबेशन में रहने के कारण कर्मचारी को सेवा से हटाया नहीं जा सकता. प्रोबेशन पीरियड में रहने पर भी आरोप की विस्तृत जांच की जानी थी. बिना जांच के पद से हटाया नहीं जा सकता. सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने देशमुख को 50 प्रतिशत पिछले वेतन के साथ सेवा में वापस लेने का जिला न्यायालय बालोद को निर्देश दिया.

फर्जी डीजल बिल के जरिए लाखों का खेल खेलने वाला लिपिक आखिरकार हुआ निलंबित

गरियाबंद- सीएमएचओ के सरकारी वाहन में डीजल डलवाने के नाम पर 25 लाख का गोलमाल करने वाले लिपिक को आखिरकार कलेक्टर ने निलंबित कर दिया है. मामले में कार्रवाई से ज्यादा चर्चा गड़बड़ी के पुख्ता प्रमाण होने के बाद भी लिपिक के कार्यालय में जमा रहने की है, जिससे मामले में वरिष्ठ अधिकारियों की संलिप्तता का शक हो रहा है.

गरियाबंद सीएमएचओ कार्यालय सरकार के स्वास्थ्य योजनाओं के क्रियान्वयन से ज्यादा करप्शन को लेकर चर्चा में रहा है. चर्चित डीजल कांड में साल भर बाद अब जाकर कार्रवाई हुई है. नए कलेक्टर भगवान उईके के बैठते ही दबी फाइलें एक-एक करके निकल रहे हैं.

फाइलों में दब चुके डीजल कांड में 19 मई को कलेक्टर ने कार्रवाई किया है. डीजल के नाम पर 25 लाख की गड़बड़ी करने वाले सीएमएचओ के लिपिक वर्ग 2 विजेंद्र कुमार ध्रुव को निलंबित किया गया. आरोप था कि लिपिक ने पदीय कर्तव्य के विरुद्ध जाकर सरकारी वाहन सीजी 02 6140 में डीजल डलवाने के नाम पर जय लक्ष्मी पेट्रोल पंप से 25 लाख फर्जी बिल पास करवा लिया.

करप्शन कंप्रोमाइज का करार टूटा

पकड़ में आए गड़बड़ी में संबंधित अफसर भी भागीदार रहे, लेकिन वे बच गए. कारनामा सीएमएचओ केसी उरांव के कार्यकाल से शुरू हुआ जो गार्गी यदु पाल के आने के तक जारी रहा. हालांकि, मामला सामने आने के बाद डीजल पंप बदल कर कारनामे पर रोक लगा दिया गया, लेकिन भ्रष्टाचार का खेल दूसरे मद में जारी रहा.

हैरानी तब हुई जब दागी लिपिक विजेंद्र ध्रुव की करतूत से भली-भांति अवगत होने के बावजूद सीएमएचओ ने उसे तीन माह के सरकारी ट्रेनिंग पर भेजा. लेकिन अब लिपिक पर कार्रवाई के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि सीएमएचओ दफ्तर में हुए आर्थिक अनियमितताओं से पर्दा उठेगा. चर्चा है कि निलंबित लिपिक ने कार्रवाई रोकने की शर्त पर कई कर्मकांड में अहम भागीदारी निभाई थी. चूंकि कार्रवाई रुकी नहीं, ऐसे में अब पर्दा उठने की उम्मीद है.

परिजनों का आरोप- इलाज के नाम पर धर्मांतरण की कोशिश, तीन महीने तक बनाए रखा बंधक, संदिग्ध परिस्थिति में नाबालिग की मौत

गरियाबंद-  गरियाबंद जिले के सुरसाबांधा गांव से एक गंभीर मामला सामने आया है. यहां इलाज के नाम पर नाबालिग के धर्मांतरण की कोशिश की गई. बिना मेडिकल ट्रीटमेंट के तीन महीने तक बंधक बनाकर रखा गया. काफी हालत बिगड़ने के बाद नाबालिग की संदिग्ध परिस्थित में मौत हो गई. यह आरोप नाबालिग के परिजनों ने लगाए हैं.

जानकारी के मुताबिक, मामला राजिम थाना क्षेत्र के सुरसाबांधा गांव का है. मृतिका के परिजनों का महिला ईस्वरी साहू आरोप है कि नाबालिग को शैतान का डर दिखाकर नाबालिग को बंधक बनाकर रखा गया. इलाज के नाम पर केवल आयुर्वेदिक दवाएं और प्रार्थना की गई, लेकिन कोई मेडिकल ट्रीटमेंट या डॉक्टर का सहारा नहीं लिया गया. उन्होंने आरोप लगाया कि इलाज के नाम पर धर्मांतरण की कोशिश की गई. 

लगातार नाबालिग की हालत बिगड़ने के बावजूद डॉक्टर से ट्रीटमेंट नहीं कराया गया. इसके बाद नाबालिग की संदिग्ध परिस्थित में मौत हो गई. इससे आक्रोशित परिजन राजिम थाना पहुंचे. रात करीब 1 बजे पुलिस ने धर्मांतरण और बंधक बनाने का मामला दर्ज किया. वहीं घटनास्थल पर पहुंचकर ईश्वरी साहू को हिरासत में ले लिया. फिलाहल पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है. 

आंगनबाड़ी सहायिका भर्ती में फर्जीवाड़ा : 13 नियुक्ति प्रक्रिया में मिली कई गड़बड़ियां, चयन समिति को नोटिस जारी

गरियाबंद- देवभोग ब्लॉक में आंगनबाड़ी सहायिका भर्ती में फर्जीवाड़ा मामले की जांच में कई गड़बड़ी मिलने के बाद चयन समिति के खिलाफ एक्शन लिया गया है. अपर कलेक्टर अरविंद पांडेय के नेतृत्व में गठित कमिटी की जांच में बड़ा खुलासा हुआ. 24 में से 13 की नियुक्ति प्रक्रिया में कई विसंगतिया पाई गई. इसके बाद चयन समिति को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है.

जांच कमेटी ने पाया कि 24 पदों में से 13 की भर्ती प्रकिया में कई विसंगतियां हैं। 24 पदों में भर्ती के लिए सिंगल ज्ञापन जारी किया गया था, लेकिन नियुक्ति आदेश पृथक जारी किया जाना, मूल्यांकन पंजी में दर्ज अंक और नियुक्ति में लगाए गए अंक सूची के कुल योग में अंतर, ग्रेडिंग के बदले निर्धारित किए गए अंकों में अलग-अलग अंक दर्शित कराया जाना जैसे अनियमितता के कई बिंदु पाए गए। 13 केंद्रों की भर्ती में कुछ अपात्र अभ्यर्थियों को नियम ताक में रख लाभ पहुंचाने कूटरचना करना पाया गया.

चयन समिति को नोटिस जारी

जांच अधिकारी अपर कलेक्टर अरविंद पांडेय ने कहा कि मामले की जांच में मिले तथ्यों के आधार पर चयन समिति में शामिल सीईओ, सीडीपीओ, बीईओ और बीएमओ को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। जवाब संतोष प्रद नहीं पाए जाने पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी. वहीं जिन नियुक्तियों में अनियमितता मिली है, उन्हें रद्द करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.

एसडीएम के जांच में मिला था क्लीन चिट

पूंजीपारा में सहायिका नियुक्ति का मामला थाने तक पहुंचा। मामले में नियुक्त पा चुकी अभ्यर्थी और अंक सूची जारी करने वाले प्रधान पाठक को आरोपी बनाया गया था। इन पर प्राथमिकी दर्ज भी हुई। इसके बाद कोदोभाठा, कुम्हड़ाई कला के अभ्यर्थी भी जेल भेजे गए। लेकिन पूरे मामले में आंख मूंद कर अंक सूची जारी करने वाले या फिर त्रुटिपूर्ण आवेदन करने वाले बचकर निकल रहे थे।

मामले की जांच जब देवभोग एसडीएम तुलसी दास से कराई गई तब भी जिम्मेदार और अपराध के भागीदारी हाथ नहीं आ रहे थे। लेकिन इस तरह की गड़बड़ियों को पकड़ने में माहिर अपर कलेक्टर अरविंद पांडेय ने जांच शुरू की तो गड़बड़ी के असली आरोपी भी कार्रवाई के दायरे में आ चुके हैं।

दर्ज है अपराध, सह आरोपी बनाए जा सकते हैं

फर्जी सहायिका भर्ती मामले में देवभोग थाने में दो अलग-अलग प्रकरण दर्ज है. जांच में अब जिन्हें दोषी पाया गया है, उन्हें दर्ज अपराध का सह आरोपी बनाया जा सकता हैं.

अब छात्रवृत्ति से वंचित नहीं होंगे विद्यार्थी, आवेदन की तिथि 30 नवंबर तक बढ़ी

रायपुर- पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति 2025-26 में ऑनलाइन पंजीयन के लिए अदिवासी विकास विभाग ने समय में बढोत्तरी की है। अब विद्यार्थी साल में तीन बार- 31 मई, 31 अगस्त एवं 30 नवंबर तक ऑनलाईन आवेदन कर सकेंगे। यह खास सुविधा विद्यार्थियों को इसलिए दी जा रही है क्योंकि अलग-अलग विषयों के परिणाम विभिन्न तिथियों में जारी किए जाते हैं, जिससे कि छात्रों को किसी प्रकार की असुविधा न हो। जिले में संचालित समस्त शासकीय, अशासकीय महाविद्यालयों, विश्वविद्यालयों, इंजीनियरिंग, मेडिकल, नर्सिंग, पालीटेक्नीक, आईटीआई आदि कालेजों में अध्ययनरत ऐसे छात्र जिनका प्रवेश विलंब से हुआ है या जिनका परीक्षा परिणाम विलंब से घोषित हुआ है। ऐसे अनुसूचित जाति, जनजाति एवं अन्य पिछडा वर्ग के विद्यार्थियों के लिए पंजीयन के लिए समय में बढोत्तरी की गई है।

निर्धारित तिथि के पश्चात शिक्षा सत्र 2025-26 की पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति ऑनलाईन आवेदन हेतु पोर्टल बंद कर दिया जावेगा। एवं Draft Proposal एवं Sanction Order Lock करने का अवसर भी प्रदान नहीं किया जायेगा। निर्धारित तिथि तक कार्यवाही पूर्ण नही करने पर यदि संबधित संस्थाओं के विद्यार्थी छात्रवृत्ति से वंचित रह जाते हैं, तो. इसके लिए संस्था प्रमुख जिम्मेदार होंगे।

छात्रवृत्ति के लिए निम्नानुसार पात्रता निर्धारित हैः-

  1. अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति विद्यार्थियों के पालक की आय-सीमा रू. 2.50 लाख प्रतिवर्ष, अन्य पिछड़ा वर्ग हेतु आय-सीमा रू. 1.00 लाख प्रतिवर्ष, सक्षम अधिकारी द्वारा स्थाई जाति प्रमाणपत्र, छ.ग. का मूल निवास प्रमाण पत्र, विद्यार्थी के अध्ययनरत पाठ्यक्रम के विगत वर्ष का परीक्षा परिणाम।
  2. PFMS के माध्यम से आधार आधार सीडेड बैंक खाते में पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति का भुगतान किया जा रहा है। अतः सभी विद्यार्थी अपने सक्रिय एवं आधार सीडेड बैंक खाते की प्रविष्टि ऑनलाईन आवेदन करते समय सुनिश्चित करें।
  3. वर्ष 2025-26 में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों को NSP Portal से OTR (One Time Registration) प्राप्त करना आवश्यक है। इस हेतु राज्य छात्रवृत्ति पोर्टल में प्रदाय निर्देशों का अवलोकन किया जा सकता है।
  4. वर्ष 2025-26 में नवीन संस्था के संस्था प्रमुख (HOI) एवं संस्था के छात्रवृत्ति प्रभारी (NOI) का biometric-authentication किया जाना अनिवार्य है।
छात्रा से मारपीट और बेड टच के मामले में फरार आरोपी हेडमास्टर गिरफ्तार, डीईओ ने किया निलंबित

बिलासपुर-  स्कूल में पढ़ने वाली छात्रा से मारपीट, गाली गलौच और बेड टच के मामले में फरार आरोपी हेडमास्टर अशोक कुर्रे को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. इस शिक्षक के निलंबन को बहाल करते हुए डीईओ ने शासकीय प्राथमिक शाला जरेली में पदस्थापना आदेश जारी कर दिया था। फरार शिक्षक जमानत के लिए कोर्ट जा रहा था तभी आरोपी शिक्षक को तखतपुर पुलिस ने पकड़ लिया। आरोपी को तखतपुर थाना लाकर कार्रवाई की जा रही है। इधर डीईओ ने आरोपी शिक्षक अशोक कुर्रे को फिर निलंबित कर दिया है।

जानकारी के अनुसार तखतपुर विकासखंड के प्राथमिक शाला खुड़ियाडीह में पदस्थ शिक्षक अशोक कुर्रे के खिलाफ स्कूल में पढ़ने वाली नाबालिग छात्राओं ने मारपीट और गाली गलौज सहित बेड टच की शिकायत की थी। इस पर जिला शिक्षा अधिकारी के आदेश के बाद हुई जांच में इन आरोपों की पुष्टि भी हो गई। 27 फरवरी 2025 को डीईओ बिलासपुर के निर्देश के बाद बीईओ तखतपुर ने इस मामले की सूचना अप्रैल अंतिम में तखतपुर पुलिस को दी। शिक्षा को शर्मसार करने वाले मामले में भी शिक्षा विभाग ने घोर लापरवाही बरतते हुए जांच में पुष्टि होने के बाद भी पुलिस को सूचना देने में दो महीने का समय लगा दिया। यानी शिक्षक को फरार होने का पूरा मौका दे दिया।

शिक्षा विभाग की रिपोर्ट के आधार पर और छात्रा के बयान के बाद पुलिस ने आरोपी शिक्षक के खिलाफ पास्को एक्ट जैसी गंभीर धाराओं के तहत मामला दर्ज किया। शिक्षा विभाग द्वारा ऐसे अतिसंवेदनशील मामले में लेटलतीफी के कारण पास्को एक्ट का आरोपी शिक्षक पुलिस रिकार्ड में फरार था। पुलिस रिकार्ड में फरार और जांच में दोषी पाए जाने के बाद भी शिक्षा अधिकारी ने दोषी शिक्षक अशोक कुर्रे को ज्वाइनिंग भी दे दी।

गंभीर आरोप के बावजूद डीईओ ने आरोपी शिक्षक को कर दिया बहाल

इस मामले में थाना तखतपुर में एफआईआर क्रमांक 0199/25 के तहत प्रकरण दर्ज किया गया। एफआईआर के बाद शिक्षक को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया था। हालांकि इस गंभीर आरोप और दर्ज एफआईआर के बावजूद 15 मई को जिला शिक्षा अधिकारी बिलासपुर ने उक्त शिक्षक को पुनः बहाल कर दिया। शिक्षक अशोक कुर्रे को अब प्राथमिक शाला खपरी, तखतपुर में पदस्थ किया गया है। पीड़ित पक्ष और समाजिक कार्यकर्ताओं ने इस बहाली पर नाराजगी जताई है और प्रशासन से पुनः विचार करने की मांग की है। उनका कहना है कि जब तक न्यायिक प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती, ऐसे मामलों में लिप्त शिक्षकों को बहाल करना छात्र सुरक्षा के लिहाज से अनुचित है।

गमछा बांधकर जमानत के लिए कोर्ट जा रहा था आरोपी

पास्को एक्ट के फरार शिक्षक अशोक कुर्रे पुलिस के गिरफ्त से फरार थे। पुलिस लगातार फरार शिक्षक के अलग-अलग घरों में घेराबंदी कर रही थी, लेकिन पुलिस खाली हाथ वापस लौट रहे थे। आरोपी शिक्षक के मोबाइल लोकेशन लेने पर उनका लास्ट लोकेशन बिलासपुर बताया गया, जहां तखतपुर थाना प्रभारी देवेश सिंह राठौर अपनी टीम के साथ सुबह से बिलासपुर रवाना हो गए थे. बिलासपुर में अलग-अलग ठिकानों में दबिश दी जा रही थी, लेकिन आरोपी अशोक कुर्रे नहीं मिल रहा था. पुलिस कलेक्टर के पास अलग-अलग जगह पर ढूंढ रही थी, तभी आरोपी अशोक कुर्रे गमछा बांधकर अग्रिम जमानत के लिए कोर्ट जा रहा था तो पुलिस ने उसे धर दबोचा. आरोपी अशोक कुर्रे को तखतपुर थाना लाया गया, जहां उससे पूछताछ की जा रही है।

चित्रकोट पर्यटन केंद्र का नाका सील: शराब, बकरा और मुर्गा लेकर कांग्रेस ने किया प्रदर्शन, एसडीएम कार्यालय का किया घेराव

जगदलपुर- चित्रकोट पर्यटन स्थल के पार्किंग नाका को लोहंडीगुड़ा एसडीएम द्वारा सील किए जाने के विवाद को लेकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज की अगुवाई में गुरुवार को कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने लोहंडीगुड़ा एसडीएम कार्यालय का घेराव किया। इस दौरान कांग्रेस का अनोखा विरोध प्रदर्शन देखने को मिला। दीपक बैज हाथों में मुर्गा और बियर की बोतल लेकर नजर आए, वहीं अन्य कार्यकर्ता अपने साथ बकरा लेकर विरोध जताने पहुंचे।

घेराव से पहले उसरीबेड़ा बाजार में एक सभा का आयोजन किया गया, जहां प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज समेत अन्य नेताओं ने शासन प्रशासन के खिलाफ तीखे शब्दों में विरोध जताया। प्रदर्शन के दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच धक्का-मुक्की की स्थिति बनी और कुछ देर तनाव भी देखने को मिला।

बता दें कि इस विवाद की शुरुआत तब हुई जब चित्रकोट पर्यटन स्थल पर पर्यटकों के लिए कथित रूप से खाने-पीने की उचित व्यवस्था न होने के कारण लोहंडीगुड़ा एसडीएम ने पार्किंग नाका को सील कर दिया। इसके बाद स्थानीय ग्रामीणों ने सरपंच के नेतृत्व में सड़क जाम कर विरोध प्रदर्शन किया था, जिस पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया।

घेराव के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने सील किए गए पार्किंग नाके को पूर्ववत खोलने, दर्ज FIR वापस लेने और लोहंडीगुड़ा एसडीएम के खिलाफ कार्रवाई समेत सात मांगों को लेकर राज्यपाल के नाम एक ज्ञापन सौंपा। प्रदर्शनकारी कांग्रेसी प्रशासन से जल्द समस्या का समाधान और न्याय की मांग कर रहे हैं।

इस प्रदर्शन ने चित्रकोट पर्यटन स्थल के मुद्दे को फिर से उजागर कर दिया है और प्रशासन के फैसलों पर स्थानीय और राजनीतिक स्तर पर सवाल उठाए हैं।

कुम्हारी टोल प्लाजा में अवैध वसूली पर भड़के पूर्व विधायक विकास उपाध्याय, 10 भाजपा सांसदों को लिखा पत्र, तत्काल कार्रवाई की मांग

रायपुर- छत्तीसगढ़ में रायपुर और दुर्ग के बीच स्थित कुम्हारी टोल प्लाजा को लेकर राजनीतिक तापमान एक बार फिर बढ़ गया है। पूर्व विधायक एवं कांग्रेस नेता विकास उपाध्याय ने भारतीय जनता पार्टी के 10 सांसदों को पत्र लिखकर इस टोल प्लाजा को शीघ्र बंद कराने की मांग की है।

उपाध्याय ने पत्र में कहा है कि टोल प्लाजा का ठेका 2015 में समाप्त हो चुका है, जिसे बढ़ाकर 2020 तक सीमित किया गया था। लेकिन अब भी वहां अवैध रूप से टोल वसूली की जा रही है, जो ना केवल नियमों के खिलाफ है बल्कि छत्तीसगढ़ की जनता पर अनावश्यक आर्थिक बोझ भी डाल रहा है।

उन्होंने इस मुद्दे को लेकर केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से हस्तक्षेप की मांग की और भाजपा सांसदों से आग्रह किया कि वे अपने स्तर पर गडकरी से बात कर इस टोल प्लाजा को बंद कराएं।

विकास उपाध्याय ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने 18 दिसंबर 2024 को गडकरी से मुलाकात कर टोल बंद करने की बात कही थी, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। उन्होंने इसे “मीडिया में झूठा ऐलान” करार दिया और कहा कि छत्तीसगढ़ की जनता को गुमराह किया गया है।

विकास उपाध्याय के आरोप और मांगे

  • कुम्हारी टोल प्लाजा का टेंडर समाप्त, फिर भी जारी है अवैध वसूली।
  • अवैध वसूली से स्थानीय नागरिकों, वाहन चालकों और व्यापारियों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ।
  • भाजपा सांसदों से मांग: नितिन गडकरी से करें चर्चा, टोल बंद कराएं।
  • दोषी एजेंसियों/व्यक्तियों पर कड़ी कार्रवाई और भविष्य के लिए स्थायी निगरानी तंत्र बनाए जाने की मांग।
  • कांग्रेस की ओर से लगातार आंदोलनों और प्रदर्शन के बावजूद केंद्र सरकार पर उदासीनता का लगाया आरोप।

विकास उपाध्याय ने दोहराया कि छत्तीसगढ़ की लगभग आधी आबादी इस टोल से किसी न किसी रूप में प्रभावित होती है, ऐसे में इसे जारी रखना जनविरोधी है।

एसपी ने तीन पुलिसकर्मियों को किया निलंबित, आबकारी मामले में किया था पैसों का लेन-देन

सक्ती- भ्रष्टाचार मामले में एसपी अंकिता शर्मा ने तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित किया है. जारी निलंबन आदेश में कहा गया है कि आबकारी के प्रकरण में पैसों के लेन-देन के आरोप पर अडभार चौकी में पदस्थ सहायक उप निरीक्षक (ASI) हीरा राम सावरा, प्रधान आरक्षक पुष्पेन्द्र कंवर और आरक्षक दीपक साहू के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की गई है. एसपी ने मामले की जांच के आदेश भी दिए हैं.

अच्छा प्रदर्शन करने वाले जिलों को मिलेगा पुरस्कार: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज सुशासन तिहार के अंतर्गत अम्बिकापुर में सरगुजा, बलरामपुर-रामानुजगंज और जशपुर जिलों में योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि जनहितकारी शासकीय योजनाओं को बेहतर तरीके से अमलीजामा पहनाने वाले जिलों को पुरस्कृत किया जाएगा।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने अधिकारियों से टीम भावना से कार्य करते हुए वर्ष 2047 तक विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण में योगदान देने की अपील की। उन्होंने कहा कि सुशासन तिहार के पहले चरण में प्रदेशभर से लगभग 40 लाख आवेदन प्राप्त हुए, जिनका समाधान दूसरे चरण में किया गया। अब तीसरे चरण में वे स्वयं जिलों का दौरा कर आम जनता से सीधा संवाद कर रहे हैं।

जनता के प्रति जवाबदेह बनें अधिकारी

मुख्यमंत्री ने तीनों जिलों के कलेक्टरों, पुलिस अधीक्षकों और अन्य अधिकारियों से कहा कि वे जनता के सेवक हैं, उनकी जिम्मेदारी है कि समस्याओं का समयबद्ध तरीके से समाधान सुनिश्चित करें। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे नियमित रूप से फील्ड का दौरा करें, जनता के सुख-दुख में शामिल हों और शिकायतों के निपटारे में पेशियों की अनावश्यक तारीखें देना बंद करें। उन्होंने कहा कि राजस्व से संबंधित प्रकरणों का समय-सीमा में निराकरण सुनिश्चित किया जाए। साथ ही अवैध रेत खनन के मामलों में कड़ी कार्रवाई की जाए।बुनियादी जरूरतों पर विशेष ध्यान

मुख्यमंत्री ने कहा कि पीने के पानी की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। यदि कहीं पेयजल संकट की स्थिति बनती है, तो इसका तत्काल समाधान किया जाए। उन्होंने कहा कि तालाबों को सूखने से बचाने और ग्रामीण क्षेत्रों में जलस्रोतों की सुरक्षा की व्यवस्था की जाए। साथ ही उन्होंने कहा कि बारिश शुरू होने से पहले किसानों को खाद-बीज की कमी न हो, इसके लिए विशेष निगरानी रखी जाए। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री जनमन योजना के तहत बनने वाली सड़कों, पीएम आवासों तथा जिलों में चल रहे विभिन्न निर्माण कार्यो की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने और उनकी नियमित समीक्षा करने के निर्देश दिए।

स्वास्थ्य सेवाओं की तैयारियों के निर्देश

गर्मी और बरसात के मौसम में मौसमी बीमारियों और सांप काटने की घटनाओं की संभावना को देखते हुए मुख्यमंत्री ने सभी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में दवाइयों और एंटी-स्नेक वेनम की उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा।

वनाधिकार और अतिक्रमण के मामलों में सख्त कार्रवाई के निर्देश

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि वनाधिकार पट्टों की समीक्षा राजस्व, आदिवासी विकास और वन विभाग संयुक्त रूप से करें और केवल पात्र हितग्राहियों को ही पट्टा प्रदान किया जाए। उन्होंने अवैध पट्टा धारकों और अतिक्रमणकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। साथ ही सीमावर्ती जिलों में अवैध रूप से निवास कर रहे लोगों की पहचान कर उनके विरुद्ध कार्रवाई करने को कहा।समीक्षा बैठक में कृषि मंत्री राम विचार नेताम, वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी, महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े, सरगुज़ा सांसद चिंतामणि महाराज, विधायक राजेश अग्रवाल, प्रबोध मिंज, राम कुमार टोप्पो, भैयालाल राजवाड़े, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह, सरगुजा कमिश्नर नरेंद्र दुग्गा, सरगुजा आईजी दीपक झा सहित सरगुज़ा, बलरामपुर-रामानुजगंज एवं जशपुर जिले के अधिकारीगण उपस्थित रहे।