दिव्यांग युवाओं की सुरक्षा सर्वोपरि, शैक्षिक संस्थानों में सजगता अनिवार्य: योगी
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दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग की समीक्षा में बोले सीएम, यूपी के सभी 18 मंडलों में खुलेंगे दिव्यांग पुनर्वास केंद्र
दिव्यांग छात्रों को भटकाने की साजिश पर मुख्यमंत्री योगी सख्त, संस्थानों को सतर्क रहने के दिए निर्देश
* प्रशासनिक तंत्र को संवेदनशील और सजग बनाए जाने पर बल, योजनाओं को गति देने का आह्वान
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को अपने सरकारी आवास पर दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग की योजनाओं और कार्यों की समीक्षा करते हुए संबंधित अधिकारियों को कई महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश जारी किए। उन्होंने विभागीय प्रशासनिक तंत्र को संवेदनशील, सजग और सतर्क बनाए रखने की आवश्यकता पर बल दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ अराजक तत्व सुनियोजित ढंग से दिव्यांगजनों को भ्रमित कर अवांछित गतिविधियों की ओर ले जाने का प्रयास कर रहे हैं। ऐसी प्रवृत्तियों को रोकने के लिए सभी दिव्यांग शैक्षिक संस्थानों में सुरक्षा और मानसिक-सामाजिक संरक्षण सुनिश्चित किया जाए। बाहरी संस्थाओं की सहायता के नाम पर प्रस्तावों को स्वीकार करने से पूर्व उनकी पृष्ठभूमि की गहन जांच की जाए।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश के ‘ममता’, ‘स्पर्श’, ‘संकेत’ विद्यालयों, समेकित विद्यालयों, डे केयर और मानसिक आश्रय केंद्रों का व्यापक निरीक्षण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इन संस्थानों में अध्ययनरत बच्चों की जरूरतों, अभिलाषाओं और अभिभावकों की अपेक्षाओं को ध्यान में रखते हुए व्यवस्थाएं और सुदृढ़ की जाएं। साथ ही रिक्त पदों को शीघ्र भरे जाने, तथा आवश्यकता पड़ने पर योग्य युवाओं की अस्थायी नियुक्ति और भविष्य में चयन प्रक्रिया में उन्हें वेटेज दिए जाने की बात भी कही गई।
मुख्यमंत्री योगी ने विभाग की सभी योजनाओं को पारदर्शी और तकनीकी रूप से सुसज्जित बनाने का निर्देश दिया। उन्होंने बताया कि विगत आठ वर्षों में विभाग के बजट में दस गुना वृद्धि की गई है, जो सरकार की संवेदनशील प्रतिबद्धता को दर्शाता है। दिव्यांगजन पेंशन योजना के अंतर्गत 11.04 लाख लाभार्थियों को ₹1,300 करोड़ की पेंशन वितरित की गई है। वहीं, 12,000 कुष्ठ रोग पीड़ितों को ₹3,000 मासिक की दर से सहायता दी जा रही है।
पिछले वित्तीय वर्ष में 35,136 दिव्यांगजनों को ट्राइसाइकिल, व्हीलचेयर, ब्रेल किट्स आदि के लिए ₹28.93 करोड़ की सहायता दी गई। मोटराइज्ड ट्राइसाइकिल योजना के तहत 270 अत्यंत दिव्यांगजनों को ₹2 लाख तक के उपकरण दिए गए।
31 लाख से अधिक दिव्यांगजन राज्य परिवहन की निःशुल्क बस यात्रा सुविधा का लाभ उठा चुके हैं। मुख्यमंत्री ने सांसदों और विधायकों से आग्रह किया कि वे अपनी निधियों से मोटराइज्ड ट्राइसाइकिल योजना में योगदान करें।
लखनऊ के डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय और चित्रकूट स्थित जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग विश्वविद्यालय में कौशल विकास आधारित पाठ्यक्रमों को प्राथमिकता देने और इन संस्थानों का राष्ट्रीय प्रचार-प्रसार करने की बात भी कही गई। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि प्रदेश के 18 मण्डल मुख्यालयों पर ‘दिव्यांग पुनर्वास केंद्र’ की स्थापना प्राथमिकता पर की जाए ताकि पुनर्वास, शिक्षा और कौशल विकास से जुड़ी सेवाएं स्थानीय स्तर पर उपलब्ध कराई जा सकें।
May 21 2025, 18:13