*मूंसीलाटपुर में बनेगा रोडवेज डिपो, जमीन चिह्नित* *एसडीएम ने क्षेत्रीय प्रबंधक कैंट को निर्धारित मालगुजारी जमा करने के लिए भेजा पत्र*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। जिले में भदोही रोडवेज बस डिपो का रास्ता लगभग साफ हो चुका है। मूंसीलाटपुर में करीब 2.6580 हेक्टेयर में भदोही रोडवेज डिपो की इसके लिए जिला प्रशासन की ओर से जमीन चिह्नित कर उसकी मंजूरी दे दी गई है। एसडीएम ने उप्र राज्य सड़क परिवहन निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक को पत्र लिखकर जमीन चिह्नांकन की जानकारी दी। वहीं शासन की ओर से निर्धारित वार्षिक मालगुजारी जमाकर उक्त जमीन को रोडवेज बस डिपो के नाम पर दर्ज कराए जाने की प्रक्रिया पूरी कराने को कहा है। जिले में लंबे समय से रोडवेज के बस डिपो की मांग हो रही है। इसके लिए आम जन से लेकर जनप्रतिनिधि भी काफी समय से प्रयासरत हैं। वाराणसी से कटकर 30 जून 1994 को नया जिला बनने के बाद से ही जिले में रोडवेज बस डिपो की मांग उठ रही थी। जिला बनने पर यहां बसें तो चलाई गईं, लेकिन डिपो न रहने के कारण रोडवेज परिवहन की व्यवस्था नाकाफी रही। स्थिति यह है कि जिले में रात्रि में एक भी बस नहीं रुकती है। एक दो बसें आती जरूर हैं, लेकिन वह वाराणसी से भदोही, ज्ञानपुर होते हुए प्रयागराज या जौनपुर तक जाती है। बीते सात-आठ महीनों से जिले में रोडवेज डिपो बनाने की प्रक्रिया में तेजी आई है। इसको लेकर मूंसीलाटपुर में जमीन की तलाश पूरी हो गई है। जिला प्रशासन की ओर से चिह्नित भी कर लिया गया है। भदोही तहसील प्रशासन की ओर से मूंसीलाटपुर में 2.6580 हेक्टेयर जमीन की चिह्नित कर लिया गया है। जिसके बाद अब जिले में रोडवेज डिपो की स्थापना का रास्ता साफ हो गया है। एडीएम कुंवर वीरेन्द्र मौर्य ने क्षेत्रीय प्रबंधक उप्र राज्य सड़क परिवहन निगम को पत्र लिखकर इससे अवगत कराया है।


मूंसीलाटपुर में रोडवेज बस डिपो के लिए जमीन चिह्नित कर क्षेत्रीय आर‌एम को लेटर भेजा गया है। निर्धारित मालगुजारी जमा किए जाने के बाद ही उक्त जमीन को डिपो के नाम अंकित किया जाएगा। कुंवर वीरेंद्र मौर्य एडीएम वित्त एवं राजस्व मंत्री
*मक्के की खेती मुनाफे का सौदा मानसून सीजन तक होगा तैयार*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। इन दिनों मक्का की खेती करने के लिए उपयुक्त समय है। किसान बोआई की तैयारी में जुटे हैं। वहीं, कुछ किसान गेहूं की कटाई के बाद ही मक्का की बोआई कर चुके हैं। अभी बोआई की गई मक्के की फसल मॉनसून तक बाजार में आ जाती है। उसकी तोड़ाई करके किसान मानसून सीजन में बेहतर मुनाफा कमा सकते हैं। इससे उनकी आर्थिक तंगी दूर होगी। यहां दो से ढ़ाई लाख लघु सीमांत किसानों की संख्या है। जिले में करीब 10 से 15 हेक्टेयर में मक्के की खेती होती है। किसानों का एक तबका परंपरागत खेती को छोड़ कर तकनीकि खेती की तरफ कदम बढ़ाए है। सिर्फ जरुरत के अनुसार किसान दो चार बिस्वा में मक्का की खेती करते हैं। यदि किसान चाहे तो बड़े पैमाने पर इसकी खेती करके मोटा मुनाफा कमा सकते हैं। मॉनसून सीजन में एक भूट्टा 20 से 30 रुपये तक मिलता है। भिडिऊरा के किसान सुभाष दूबे ने बताया कि मक्का की बोआई करने के लिए अभी खेत की सिंचाई किया हूं। दो बिस्वा में मक्का की बोआई करता हूं। यहां दो से चार बिस्वा में मक्का की खेती ज्यादातर किसान करते हैं। बड़े पैमाने पर खेती नहीं की जाती है। जोताई के साथ दो बिस्वा खेती करने पर करीब एक हजार रुपये तक खर्च आता है। कृषि विज्ञान केंद्र के कृषि विशेषज्ञ डॉ. आरपी चौधरी ने बताया कि बताया कि मक्का की बुआई शुरु है। किसानों का एक तबका इसकी बुआई कर चुका है। आषाढ़ में मक्का की बोआई की जाती है। अभी गर्मी वाली मक्का की बोआई किसान कर रहे हैं, या कर चुके हैं।
*कॉलोनियों में 3 करोड़ से होंगे विकास कार्य*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। आवासीय कॉलोनियों के विकास के लिए नगर पालिका की ओर से कार्ययोजना तैयार की जा रही है। भदोही औद्योगिक विकास प्राधिकरण की ओर से बनाई गई आवासीय कॉलोनियों में तीन करोड़ से विकास कार्य कराए जाएंगे। पहले चरण में पालिका ने 1.16 करोड़ से विकास कार्य कराए हैं। नगर पालिका के हाथ में बीडा के आवासीय कॉलोनियों की देखरेख आने के बाद विकास कार्य प्रभावित थे। हालांकि, अब आवासीय कालोनियों की जिम्मेदारी पालिका को सौंप दी गई है। इसके बाद से ही पालिका आवासीय कॉलोनियों में सुधार को लेकर कार्य कर रही है। अब तक तीन आवासीय कॉलोनियों में सड़कों का कार्य कराया गया है। कार्ययोजना तैयार किए जाने के बाद जिलाधिकारी की संस्तुति पर कॉलोनियों में जलनिकासी, सड़क, क्षतिग्रस्त पेजयल पाइप लाइन की मरम्मत के कार्य होंगे।ईओ धर्मराज सिंह ने बताया कि बीडा निर्मित आवासीय कालोनियों में सुविधाओं को लेकर कार्ययोजना तैयार की जानी है। करीब ढाई से तीन करोड़ की कार्ययोजना पर विचार चल रहा है। पहले चरण का कार्य चल रहा है। अनुमोदन के बाद ही दूसरे चरण का कार्य शुरू होगा।
*राशन दुकान में आरक्षण नियम का उल्लंघन:ग्रामीणों ने डीएम को सौंपा ज्ञापन, अनारक्षित गांव में EWS आरक्षण का विरोध*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। भदोही के ज्ञानपुर विकासखंड क्षेत्र के कंवल ग्राम सभा के ग्रामीणों ने आज जिलाधिकारी को एक महत्वपूर्ण ज्ञापन सौंपा। सुदामा देवी के नेतृत्व में कलेक्ट्रेट पहुंचे ग्रामीणों ने राशन दुकान के आवंटन में हो रही अनियमितताओं का मुद्दा उठाया। ग्रामीणों का कहना है कि चक किसुदास कंवल एक अनारक्षित गांव है। नियमानुसार यहां कोटेदार का पद भी अनारक्षित श्रेणी का होना चाहिए। लेकिन कुछ दबंग लोगों और स्थानीय अधिकारियों की मिलीभगत से इस पद को ईडब्ल्यूएस श्रेणी में आरक्षित करने का प्रयास किया जा रहा है।ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि इस काम के लिए फर्जी ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र का सहारा लिया जा रहा है। उन्होंने जिलाधिकारी से इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है। साथ ही राशन दुकान का आवंटन नियमों के अनुसार करने की गुहार लगाई है।
*आजाद अधिकार सेना ने ऑपरेशन सिंदूर पर मांगी जानकारी:पीएम को संबोधित डीएम को सौंपा ज्ञापन, मृतकों और क्षतिपूर्ति का विवरण मांगा*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही। आजाद अधिकार सेना के जिलाध्यक्ष अमित पांडे ने कार्यकर्ताओं के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचकर जिला अधिकारी को प्रधानमंत्री एवं भारत सरकार के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में ऑपरेशन सिंदूर से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां मांगी गई हैं।अमित पांडे ने पाकिस्तान से हुई तेज फायरिंग में हुई मौतों और सरकार द्वारा दी गई क्षतिपूर्ति का विवरण मांगा है। साथ ही उन्होंने ऑपरेशन के दौरान पाकिस्तान में बंदी बनाए गए भारतीय सैनिकों की जानकारी की मांग की है।ज्ञापन में लड़ाकू विमानों और सैन्य उपकरणों को हुए नुकसान का ब्यौरा भी मांगा गया है। पांडे ने कहा कि पाकिस्तान को पहुंचाए गए नुकसान की जानकारी भी जनता को मिलनी चाहिए। उन्होंने स्वीकार किया कि सुरक्षा कारणों से कुछ जानकारियां गोपनीय रखी जा सकती हैं, लेकिन जो सूचनाएं साझा की जा सकती हैं, वे जनता तक पहुंचाई जानी चाहिए।इस मौके पर अभय पांडे, ऋषभ तिवारी, रमेश चंद दुबे, महेश मिश्रा और अशोक कुमार समेत अन्य कार्यकर्ता उपस्थित थे।
*अब 20 मई तक ही बांटा जाएगा मुफ्त राशन*


रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत जिले में नि:शुल्क राशन का वितरण की तिथि बदल गई है। अब 25 मई की बजाय 20 मई तक ही मुफ्त राशन बांटा जाएगा। आयुक्त खाद्य एवं रसद का पत्र आने पर पूर्ति विभाग इसको प्रभावी बनाने में जुट गया है। जिला पूर्ति अधिकारी सुनील कुमार ने बताया कि पूर्व में राशन वितरण की अंतिम तिथि 25 मई तय की गई थी, लेकिन अब इसे 20 मई कर दिया गया है। अंत्योदय कार्डधारक को 14 किलो गेहूं और 21 किलो चावल समेत कुल 35 किलो राशन मिलेगा, जबकि पात्र गृहस्थी कार्डधारकों को प्रति यूनिट पांच किलो राशन मिलेगा। इसमें दो किलो गेहूं और तीन किलो चावल होगा। उन्होंने कार्डधारकों से कहा कि वह 20 मई से पहले राशन की दुकानों पर जाकर ले लें।
*अब तक शुरू नहीं हुई नाली की सफाई* *जून के दूसरे सप्ताह में प्री मानसून की दस्तक,नाला साफ न होने से डूबेंगे मोहल्ले*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। हर साल माॅनसून सत्र में जल जमाव होने से निकाय प्रशासन के दावे की पोल खुल जाती है। इसके बाद भी अधिकांश नगर निकायों में प्री मानसून के पहले नालियों की सफाई दुरूस्त नहीं कराई जा सकी है। जून के दूसरे सप्ताह में प्री मॉनसून दस्तक देता है। अब तक निकाय प्रशासन की तैयारी कागजों पर है। सुरियावां, गोपीगंज, नई बाजार, घोसिया जैसी नगर निकायों में अब तक नाले की सफाई कार्य शुरु नहीं किए गए हैं। जिले में दो नगर पालिका गोपीगंज, भदोही है। इसके अलावा पांच नगर पंचायत ज्ञानपुर, नई बाजार, सुरियावां, घोसिया, खमरिया है। निकायों में करीब तीन से साढ़े लाख की आबादी है। निकायों में सफाई के साथ अन्य समस्याओं के समाधान की जिम्मेदारी निकाय प्रशासन की होती है। बारिश में हर साल निकायों के कई मोहल्लों में जलजमाव की समस्या देखने को मिलती है। नालियों की सफाई न होने से यह समस्या और भी विकराल हो जाती है। ऐसे में हर साल प्री-मानसून के पहले ही नालियों की सफाई के इंतजाम किए जाते हैं। इस साल निकायों की तैयारी कहां तक पहुंची है। इसकी हकीकत जानने के लिए अमर उजाला ने सातों निकायों की पड़ताल की। भदोही नगर पालिका में बारिश में जलभराव से बचने के लिए पालिका ने नाली, नालों की साफ सफाई शुरू करा दी है। इसके लिए जेसीबी मशीन से औराई रोड, चौरी रोड, ज्ञानपुर रोड पर सफाई शुरू है। 10 जून तक नालों को साफ करने की समय सीमा तय है। बारिश में भदोही नगर के स्टेशन रोड, तकिया कल्लन शाह, अहमदगंज गजिया में प्रमुख रूप से पानी भर जाता है। स्टेशन रोड पर पानी लगने से चलन दूश्वार रहता है। ईओ धर्मराज सिंह ने बताया कि प्री मानसून के एक सप्ताह पहले ही तैयारी पूर्ण होगी। इसी तरह खमरिया और ज्ञानपुर में नालियों के सफाई का कार्य शुरू हो चुका है। खमरिया नगर पंचायत के दक्षिणी छोर पर 10 से 15 फीट जमीन नीचे हैं, जो की मिर्जापुर जिले में पड़ता है। बरसात का पानी निकल जाता है। ज्ञानपुर ईओ राजेंद्र दूबे ने बताया कि दुर्गागंज त्रिमुहानी, मिश्रा गली, बालीपुर आदि स्थानों पर नाली सफाई कार्य हो चुका है। शीतल पाल तिराहा, पुरानी कलेक्ट्रेट से होते हुये बालीपुर तक नाली निर्माण कराया जा रहा है। *डूबेगी घोसिया, नहीं है जल निकासी की व्यवस्था* माॅनसून को लेकर घोसिया नगर पंचायत में कुछ खास तैयारी नहीं है। यहां पानी निकासी की व्यवस्था ही नहीं है। हाईवे से सिन्हा रोड जाने वाली सड़क बारहों महीने पानी में डूबी रहती है। यह सड़क बारिश के दिनों में झील में तब्दील हो जाती है। ईओ अनूप कुमार ने बताया कि सिंनहा रोड की सड़क ज्यादा नीचे हैं। टेंडर करके जल निकासी की व्यवस्था की जाएगी। प्री मानसून को लेकर तैयारी चल रही है। यही हाल सुरियावां का है। जहां गल्ला मंडी, नेहरु नगर, पुरानी बाजार, कुंडेपुर आदि स्थानों पर पानी लगता है। प्री मानूसन को लेकर यहां कोई तैयारी नहीं है। ईओ सुजीत कुमार ने बताया कि प्री मॉनसून से पहले तैयारी पूर्ण होगी। यहीं हाल गोपीगंज नगर पालिका का है। नगर में मिर्जापुर रोड, सिनेमा हॉल तिराहा से लेकर खर हट्टी मोहाल के अलावा बड़े शिव मार्ग पर जलजमाव की समस्या होती है। अब तक नालियों की सफाई शुरू नहीं है। ईओ सुजीत कुमार ने दावा किया कि नगर में कहीं भी नाली जाम की समस्या नहीं है। प्री मानसून के एक सप्ताह पहले ही तैयारी पूर्ण होगी।‌ इसी तरह खमरिया और ज्ञानपुर में नालियों के सफाई का कार्य शुरू हो चुका है। खमरिया नगर पंचायत के दक्षिणी छोर पर 10 से 15 फीट जमीन नीचे है, जो की मिर्जापुर जिले में पड़ता है। इओ धर्मराज सिंह
*पेड़ सहेजने पर मिलेंगे 500 रुपए* *कार्बन अवशोषण की क्षमता के आधार पर मिलेंगे किसानों को पैसे*

भदोही। जिले में हरियाली का ग्राफ बढ़ाने के लिए अब किसानों को प्रति पेड़ 400 से 450 रुपये दिए जाएंगे। कार्बन क्रेडिट योजना के तहत किसानों को जोड़कर रोपित पौधों का संरक्षण किया जाएगा। योजना के तहत किसान एक पौधे रोपित कर उसे पांच सालों तक सहेजना होगा। इसके बाद पौधों का सत्यापन होगा। पांच साल बाद हर साल किसानों को पांच डॉलर यानी लगभग 400 से 450 रुपये मिलेंगे। जिले में हर साल 10 से 12 लाख पौधों का रोपण किया जाता है, लेकिन देखरेख के अभाव में हर साल केवल 10 से 12 फीसदी पौधे ही बच पाते हैं। इससे पौधरोपण का उद्देश्य पूरा नहीं हो पाता है। बढ़ते कांक्रीट के जंगलों के कारण पर्यावरण भी प्रभावित हो रहा है। वहीं गर्मी का असर भी बढ़ने लगा है। ऐसे पौधों को सहेजने के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके लिए उन्हें प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। किसान पांच साल तक पौधों को सहेज कर प्रति पेड़ 400 से 450 रुपये कमा सकते हैं। कार्बन क्रेडिट योजना के तहत किसानों को जोड़ा जाएगा। इसके बाद किसानों के रोपित किए पौधों की संख्या समेत अन्य आंकड़े वन विभाग रख लेगा। पांच साल बाद विभाग पेड़ों का सत्यापन करेगा। यदि पेड़ जीवित अवस्था में मिले तो उन्हें इस योजना का लाभ दिया जाएगा। सत्यापन के दौरान टीम यह भी देखेगी कि कौन सा पेड़ किसान कार्बन अवशोषित कर रहा है। उसी के अनुसार किसानों को प्रति पेड़ चार से पांच डॉलर हर साल दिए जाएंगे। किसानों ने अगर 50 पेड़ रोपित कर उसे पांच साल तक सहेज लिया तो उसे 20 से 25 हजार रुपये महीना मिल सकेगा। किसानों को सागौन, यूकेलिप्टस, शीशम, नीम के पेड़ लगाने होंगे। वैज्ञानिक फार्मूले से पेड़ों के कार्बन अवशोषित करने की जांच होगी।



कार्बन क्रेडिट योजना से जुड़कर किसान पेड़ों को न सिर्फ सहेजेंगे, बल्कि उससे मुनाफा भी कमा सकेंगे। पांच सालों तक पेड़ सहेजने के बाद किसानों को इस योजना का लाभ मिलेगा। प्रति पेड़ उन्हें चार से पांच डॉलर दिए जाएंगे। -नीरज आर्य, डीएफओ भदोही
*15 करोड़ से हाईटेक होगा डाॅयट, मिलेगी सुविधा* *केंद्र सरकार से मिली मंजूरी,लैब, लाइब्रेरी संग अन्य सुविधाएं बढ़ेगी*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डाॅयट) ज्ञानपुर की तस्वीर बदल जाएगी। करीब 15 करोड़ की लागत से यहां आधुनिक लैब, हाॅस्टल, लाइब्रेरी समेत अन्य सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी। इसे भारत सरकार के सहयोग से सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (उत्कृष्टता केंद्र) के रूप में विकसित किया जाएगा। केंद्र सरकार से स्वीकृति मिल गई है। इससे यहां प्रशिक्षुओं को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी। जोरईं में स्थित जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डाॅयट) की स्थापना करीब तीन दशक पूर्व में हुई थी। यह प्रशिक्षण संस्थान करीब पांच हजार वर्ग मीटर में है। हर वर्ष 300 से 400 डीएलएड प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं। अब डाॅयट का कायाकल्प कर उन्हें उत्कृष्टता केंद्रों के रूप में तब्दील किया जाएगा। भारत सरकार की योजना है कि शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों को आधुनिक तकनीक के अनुरूप विकसित किया जाए। इसके तहत 15 करोड़ रुपये से यहां भी आधुनिकीकरण के कार्य होने हैं। पुराने प्रशासनिक भवन, कक्ष की मरम्मत के साथ ही नया प्रशासनिक भवन, 12 क्लास रूम, लैब, आधुनिक लाइब्रेरी, कंप्यूटर कक्ष, ऑडिटोरियम, सेमिनार हाॅल, स्टाफ क्वार्टर और विशेष रूप से छात्राओं के लिए हॉस्टल का भी निर्माण किया जाएगा। प्रभारी प्राचार्य विकास चौधरी ने बताया कि केंद्र एवं राज्य सरकार को इस परियोजना का प्रस्ताव पहले ही प्रस्तुत किया जा चुका है। जिसको अब स्वीकृति मिल गई है। आवश्यक ले-आउट एससीईआरटी को भेजा गया है।



जिला शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान परिसर में हास्टल बनने से छात्राओं को अधिक लाभ मिलेगा। प्रशिक्षण लेने वाली छात्राएं किराये के कमरे में रहती हैं, लेकिन छात्रावास होने पर वह परिसर के अंदर ही रह सकेंगी। इसके अलावा सुविधाएं बढ़ने से पठन-पाठन की व्यवस्था भी बेहतर होगी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (उत्कृष्टता केंद्र) के रूप में डायट को विकसित किया जाएगा। इसके लिए केंद्र सरकार से स्वीकृति मिल गई है। करीब 15 करोड़ की लागत से सुविधाएं बढेंगी।- विकास चौधरी, प्रभारी प्राचार्य डायट
*साइबर थाने का हाईटेक भवन चार करोड़ से बनेगा* *एसपी कार्यालय के समीप जमीन चिह्नित, संस्था चयनित*


रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही। जिले के साइबर थाने को जल्द ही अपना भवन मिलेगा। 2023 में न‌ए भवन को स्वीकृति मिली। जमीन न मिलने से उसका निर्माण शुरू नहीं हो सका।‌ अब पुलिस कार्यालय सरपतहां में जमीन मिल गई है। चार करोड़ सात लाख की लागत से इसका निर्माण कराया जाएगा। साइबर थाने को हाईटेक सुविधाओं वाला भवन बनने से अपराधियों पर निगरानी में सहूलियत मिलेगी। वर्ष 2023 में साइबर क्राइम थाने की स्थापना करने के बाद पुलिस लाइन के एक भवन में इसका संचालन शुरू किया गया। जगह की कमी के चलते कर्मियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। साइबर अपराध के मामले भी लगातार बढ़ रहे हैं। ऐसे में आधुनिक सुविधा से लैस भवन के निर्माण का प्रयास हुआ था। पुलिस विभाग से स्टीमेट बनाकर शासन को भेजा गया, जहां से स्वीकृत मिल गई, लेकिन जमीन की कमी से निर्माण शुरू नहीं हो पाया। अब सरपतहां में एसपी कार्यालय के समीप इसके लिए जमीन चिह्नित कर ली गई। जिससे साइबर थाने के न‌ए भवन के निर्माण की उम्मीद जग गई है।