तुर्की के खिलाफ सरकार का बड़ा एक्शन, भारत सरकार ने सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज का सिक्योरिटी क्लियरेंस किया रद

#indiabcasrevokessecurityclearance_turkish

भारत सरकार ने तुर्किए के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो ने राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए तुर्की एयरपोर्ट की ग्राउंड हैंडलिंग कंपनी सेलेबी एयरपोर्ट सर्विस की सिक्योरिटी क्लीयरेंस रद्द कर दी है। यह कंपनी भारत के नौ हवाई अड्डों पर ग्राउंड हैंडलिंग की सेवा देती थी। भारत के खिलाफ सैन्य कार्रवाई में पाकिस्तान की मदद करने वाले तुर्की के खिलाफ मोदी सरकार ने एक्शन लिया है। यह जानकारी एक आधिकारिक आदेश के जरिए दी गई।

आदेश में क्या कहा गया

विमानन मंत्रालय के आदेश में कहा गया, सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को ग्राउंड हैंडलिंग की सुरक्षा मंजूरी 21 नवंबर 2022 को दी गई थी, उसे अब देश की सुरक्षा के हित में तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाता है।

पाक से तनाव के बाद भारत में तुर्किए का विरोध

बता दें कि सीमा पर तनाव में पाकिस्तान को ड्रोन भेजने के बाद भारत में तुर्किए का पुरजोर विरोध हो रहा है। टर्की सेब से लेकर ड्रायफ्रूट और मार्बल ले लेकर अन्य सामना तक का बहिष्कार किया जा रहा है। और तो और तुर्किए जाने वाले भारतीयों ने वहां की बुकिंग भी कैंसिल कर दी है। इससे तुर्किए को टूरिज्म सेक्टर में तगड़ा झटका लगा है। दिल्ली की जेएनयू और यूपी की कानपुर यूनिवर्सिटी ने तुर्किए की यूनिवर्सिटी के साथ समझौता भी तोड़ दिया। टर्की सेब का बहिष्कार किया जा रहा है। इतना ही तुर्किए में फिल्म शूटिंग पर रोक लगाने की मांग हो रही है। भारत के लोग वहां जाने का बॉयकॉट कर रहे हैं।

'मैं देश के लिए बोलता हूं, पार्टी के लिए..., ऑपरेशन सिंदूर पर अपने बयान पर शशि थरूर ने दी राय

#shashitharoorreactedonpartylakshmanrekha_remark

कांग्रेस नेता और केरल के तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर से उनकी ही पार्टी के कुछ लोग नाराज हैं। नाराजगी की वजह है ऑपरेशन सिंदूर और सीजफायर को लेकर दिए थरूर के बयान। थरूर ने भारत-पाकिस्तान के मुद्दे पर कुछ ऐसी बातें कहीं हैं जो पार्टी लाइन से अलग हैं। इस वजह से पार्टी के कुछ नेता उनसे नाराज हैं। उनका मानना है कि थरूर ने पार्टी की लक्ष्मण रेखा पार कर दी है। शशि थरूर ने पार्टी के 'लक्ष्मण रेखा' वाली टिप्पणी पर अपना रुख स्पष्ट कर दिया है। उन्होंने कहा कि मैं पार्टी का प्रवक्ता नहीं हूं। इस वक्त हमें देश के लिए खड़ा होना चाहिए, खासतौर पर अंतरराष्ट्रीय पटल पर।

हमें देश के झंडे के पीछे एकजुट होने की ज़रूरत-थरूर

थरूर ने कहा कि मैंने जो कुछ भी कहा, वह एक भारतीय के तौर पर कहा। न तो मैं पार्टी का प्रवक्ता हूं और न ही सरकार का। जो भी कहा है, उसकी जिम्मेदारी मेरी है, आप सहमत हों या असहमत, यह मेरा व्यक्तिगत दृष्टिकोण है।थरूर ने आगे स्पष्ट किया कि उन्होंने अपने बयान में यह साफ कर दिया था कि यह राष्ट्रीय विमर्श में उनका व्यक्तिगत योगदान है, खासकर ऐसे समय में जब हमें देश के झंडे के पीछे एकजुट होने की ज़रूरत है, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी। उन्होंने कहा कि अमेरिका, यूरोप और मध्य-पूर्व में हमारे पक्ष की बात कम सुनाई दे रही थी।

एक भारतीय के तौर पर मेरे विचार निजी हैं-थरूर

तिरुवनंतपुरम में पत्रकारों से बात करते हुए थरूर ने कहा कि मुझे नहीं पता कि ये सब बातें कहां से आ रही हैं। मैं जब तक वर्किंग कमेटी की मीटिंग में था, तब तक ऐसी कोई बात नहीं हुई। अगर मेरे जाने के बाद ऐसा हुआ, तो मुझे अभी तक जानकारी नहीं दी गई है। थरूर ने आगे कहा, मैंने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि मैं पार्टी का प्रवक्ता नहीं हूं, ना ही मैं सरकार का प्रवक्ता हूं। लोगों को अगर लगता है कि मुझे किसी बारे में जानकारी है, तो वे मेरे व्यूज पूछते हैं। मैं हमेशा कहता हूं कि एक भारतीय के तौर पर मेरे विचार निजी हैं।

पाकिस्तान के मुद्दे पर सरकार के साथ दिखे थरूर

बता दें कि ऑपरेशन सिंदूर हो, भारत और पाकिस्तान के बीच का तनाव या फि संघर्ष विराम कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने इन सभी मुद्दों पर पार्टी से अलग होकर बेबाक तरीके से अपना पक्ष रखा।उन्होंने कहा, 'सरकार ने इस बात का ध्यान रखा है कि दूसरे पक्ष को संघर्ष को बढ़ाने का मौका न मिले। उन्होंने केवल पहचाने गए आतंकी ठिकानों और लॉन्चपैड पर ही हमला किया है।' थरूर ने एक इंटरव्यू में कहा कि भारत ने अमेरिका को मध्यस्थता नहीं करने दी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने भारत के हमलों के बाद बातचीत की पहल की थी।

चुनाव आयोग में अरविंद केजरीवाल की अगुवाई में " आप " प्रतिनिधिमंडल की बैठक

नई दिल्ली। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार और निर्वाचन आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधू और डॉ. विवेक जोशी ने आज निर्वाचन सदन में आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में पार्टी के प्रतिनिधि मंडल के साथ बातचीत की। यह बैठक ईसीआई द्वारा विभिन्न राष्ट्रीय और राज्य राजनीतिक दलों के अध्यक्षों के साथ की जा रही बातचीत के क्रम में है।

-- पृष्ठभूमि

ये बातचीत रचनात्मक चर्चा की लंबे समय से महसूस की जा रही जरूरत को पूरा करती है, जिससे राष्ट्रीय और राज्य पार्टी अध्यक्ष अपने सुझाव और चिंताओं को सीधे आयोग के साथ साझा कर सकें। यह पहल सभी हितधारकों के साथ मौजूदा कानूनी ढांचे के अनुसार चुनावी प्रक्रिया को और मजबूत करने के आयोग के व्यापक दृष्टिकोण के अनुरूप है।

आयोग ने इससे पहले सुश्री मायावती के नेतृत्व वाली बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के प्रतिनिधिमंडलों से 06 मई, 2025 को, जगत प्रकाश नड्डा के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के प्रतिनिधिमंडलों से 08 मई, 2025 को, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के महासचिव एम.ए. बेबी 10 मई, 2025 को और नेशनल पीपुल्स पार्टी के पार्टी अध्यक्ष कॉनराड संगमा 13 मई, 2025 को मुलाकात की थी।

इससे पहले, कुल 4,719 सर्वदलीय बैठकें आयोजित की गई हैं, जिनमें सीईओ द्वारा 40 बैठकें, डीईओ द्वारा 800 बैठकें और ईआरओ द्वारा 3879 बैठकें शामिल हैं, जिसमें विभिन्न राजनीतिक दलों के 28,000 से अधिक प्रतिनिधि शामिल हुए हैं।

तपती गर्मी से मिलेगी राहत! इन जिलों में झमाझम बारिश का अलर्ट, मौसम विभाग ने जारी किया येलो अलर्ट

नई दिल्ली: उत्तर भारत में पड़ रही भीषण गर्मी से जल्द ही राहत मिलने की उम्मीद है। मौसम विभाग ने अगले कुछ घंटों में कई जिलों में झमाझम बारिश की संभावना जताई है। इसके चलते इन जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है।

मौसम विभाग के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने के कारण मौसम में यह बदलाव देखने को मिलेगा। अनुमान है कि दोपहर बाद या शाम तक इन जिलों में तेज हवाओं के साथ भारी बारिश हो सकती है। इससे तापमान में significant गिरावट आने की संभावना है, जिससे लोगों को गर्मी से राहत मिलेगी।

जिन जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है, उनमें प्रमुख रूप से [यहां उन जिलों के नाम डालें जिनका उल्लेख खबर में किया गया है]। मौसम विभाग ने इन जिलों के निवासियों से सतर्क रहने और आवश्यक सावधानी बरतने की अपील की है। लोगों को सलाह दी गई है कि वे खराब मौसम के दौरान घरों के अंदर रहें और बिजली के खंभों से दूर रहें।

यह बारिश किसानों के लिए भी राहत की खबर लेकर आई है, क्योंकि गर्मी के कारण खेतों में नमी की कमी हो गई थी। इस बारिश से फसलों को जीवनदान मिलेगा।

मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक मौसम में इसी तरह के बदलाव की संभावना जताई है। इसलिए लोगों को सलाह दी जाती है कि वे मौसम के पूर्वानुमान पर लगातार नजर रखें और उसके अनुसार अपनी योजनाओं में बदलाव करें।

गर्मी से परेशान लोगों के लिए यह खबर निश्चित रूप से राहत भरी है। अब बस इंतजार है कि कब यह बारिश इन जिलों में दस्तक देती है और लोगों को तपती गर्मी से निजात दिलाती है।

आईफोन बनाने वाली कंपनी Apple पर क्यों भड़के डोनाल्ड ट्रंप? कहा- भारत में बंद करें प्रोडक्शन

#trumpasksappletostopmovingiphoneproductionto_india

लगता है अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को चर्चा में बना रहना काफी पसंद है। हाल ही में भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम का एलान कर आलोचना झेलने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अब अपने नए बयान की वजह से चर्चा में हैं। ट्रंप ने Apple Inc. के टिम कुक से भारत में प्लांट बनाना बंद करने को कहा है। आईफोन बनाने वाली यह कंपनी भारत में बड़े पैमाने पर उत्पादन करना चाहती है। लेकिन ट्रंप कंपनी की चीन से बाहर उत्पादन बढ़ाने की योजना से खुश नहीं हैं।

ट्रंप ने दावा किया है कि उन्होंने एपल के सीईओ टिम कुक से बात की है और उनसे भारत में एपल के उत्पादन का विस्तार न करने के लिए कहा है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में इसका दावा किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप ने दोहा में एक कार्यक्रम में टिम कुक से कहा कि हमें आपके भारत में निर्माण करने में कोई दिलचस्पी नहीं है। भारत अपना ख्याल खुद रख सकते हैं। वे बहुत अच्छा कर रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप ने कहा है कि इस बातचीत के बाद एपल अमेरिका में अपना उत्पादन बढ़ाएगा।

भारत को लेकर क्या बोले ट्रंप?

अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि भारत में दूसरे देशों से आने वाले सामान पर बहुत ज्यादा टैक्स लगता है। इसलिए अमेरिकी सामान को भारत में बेचना मुश्किल है। भारत दुनिया का सबसे ज्यादा आबादी वाला देश है। हालांकि ट्रंप ने यह भी कहा कि भारत ने अमेरिकी सामान पर टैक्स कम करने का प्रस्ताव दिया है। भारत चाहता है कि आयात करों पर एक समझौता हो जाए।

भारत ने अमेरिकी वस्तुओं पर शून्य टैरिफ की पेशकश की?

अपने भाषण के दौरान ट्रंप ने कहा कि भारत ने अमेरिकी वस्तुओं पर टैरिफ हटाने की पेशकश की है। उन्होंने प्रस्ताव के बारे में विस्तृत जानकारी दिए बिना कहा कि वे सचमुच हमसे कोई टैरिफ नहीं वसूलने को तैयार हैं। फरवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के व्हाइट हाउस दौरे के बाद भारत और अमेरिका ने औपचारिक व्यापार वार्ता शुरू की थी। भारत के व्यापार मंत्री के अमेरिकी अधिकारियों के साथ और अधिक बैठकों के लिए 17 से 20 मई के बीच अमेरिका का दौरा करने की उम्मीद है।

आईफोन की सप्लाई भारत से सोर्स करने की योजना पर होगा असर

राष्ट्रपति के बयान से एपल की अगले साल के अंत तक ज्यादातर अमेरिकी आईफोन की सप्लाई भारत से सोर्स करने की योजना पर असर होगा। जो टैरिफ और जियोपॉलिटिकल चिंताओं के बीच चीन पर निर्भरता कम करने के लिए थी। एपल अपने अधिकांश आईफोन चीन में बनाता है और अमेरिका में इसका कोई स्मार्टफोन प्रोडक्शन नहीं है।

एपल और इसके सप्लायर्स ने चीन से दूरी बनाने की प्रक्रिया को तेज की है। इसकी शुरुआत तब हुई जब चीन में कोविड लॉकडाउन ने इसके सबसे बड़े प्लांट में प्रोडक्शन को नुकसान पहुंचाया था। ट्रंप द्वारा लगाए गए टैरिफ और बीजिंग-वॉशिंगटन तनाव ने एपल को इस प्रयास को और बढ़ाने के लिए प्रेरित किया।

शहबाज शरीफ ने की पीएम मोदी की कॉपी, पहुंचे पसरूर छावनी, टैंक पर चढ़कर दिया भाषण, भारत को दी धमकी

#shehbazsharifvisitspasrurcontinent

ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सेना के जवानों से मिलने आदमपुर एयरबेस पहुंचे थे। जहां उन्होंने सेना को संबधित करने हुए उनका उत्साह बढ़ाया। अब भारत के हाथों बुरी तरह से पिटने वाली अपनी सेना से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने मुलाकात की है। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ अपनी सेना से मिलने पसरूर आर्मी छावनी पहुंचे। शहबाज इस दौरान भाषण देने के लिए टैंक पर चढ़ गए। इस दौरान वही पुरानी बातें दोहराई और पाकिस्तानी सेना की कथित बहादुरी की प्रशंसा की।

दिखावे से बाज नहीं आ रहा पाक

शहबाज शरीफ बुधवार को सियालकोट स्थित पसरूर छावनी पहुंचे और वहां भारत के साथ हालिया संघर्ष में शामिल सैन्य अधिकारियों और सैनिकों से बातचीत की। शहबाज शरीफ पसरूर आर्मी कैंट में मौजूद एक टैंक पर चढ़ गए। इस टैंक पर एक पोस्टर लगा हुआ था जिसमें पाकिस्तानी सेना के उन सैनिकों की तस्वीरें थीं, जो भारतीय एयर स्ट्राइक में मारे गए थे। यह टैंक घास से ढका हुआ था और इसे इस प्रकार प्रस्तुत किया गया था जैसे यह किसी युद्ध के दौरान की स्थिति हो। शहबाज शरीफ ने टैंक के ऊपर से ही भाषण दिया, जिसमें उनके साथ आर्मी चीफ जनरल असीम मुनीर, एयर चीफ मार्शल, रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ और अन्य सैन्य अधिकारी भी मौजूद थे।

पाक सेना की बहादुरी की जमकर तारीफ की

अपने भाषण में शहबाज शरीफ ने पाकिस्तानी सेना की बहादुरी की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि दुश्मन की सेना हमसे कई गुना बड़ी थी, लेकिन पाकिस्तानी सेना ने उन्हें हराकर साबित किया कि उनका हौसला बुलंद है। उन्होंने कहा, हमारी सेना की बहादुरी पर भविष्य में कई किताबें लिखी जाएंगी और रिसर्च की जाएगी। अगर मुझे मौका मिला तो मैं भी इस पर किताब लिखूंगा। हमारी सेना के जवान हमारी कौम के गर्व हैं।

भारत की जवाबी कार्रवाई में ध्वस्त हुआ पसरूर कैंट

यह वही सैन्य अड्डा है, जिसे भारत ने जवाबी कार्रवाई के दौरान ध्वस्त कर दिया था। पहलगाम आतंकी हमले में 26 लोगों की हत्या का बदला लेने के लिए छह और सात मई की दरमियानी रात को भारत द्वारा 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया गया था। भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया, जिसमें 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए।इसके बाद पाकिस्तान ने आठ, नौ और 10 मई को कई भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमला करने का प्रयास किया। भारतीय सशस्त्र बलों ने रफीकी, मुरीद, चकलाला, रहीम यार खान, सक्कर और चुनियन सहित कई पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठानों पर भीषण जवाबी हमला किया। पसरूर और सियालकोट स्थित एयर बेस पर स्थित रडार केंद्रों को भी सटीक हथियारों का उपयोग करके निशाना बनाया गया जिससे भारी नुकसान हुआ।

एक मंत्री होकर कैसी भाषा का इस्तेमाल...कर्नल सोफिया को लेकर विवादित बयान देने वाले मंत्री को सुप्रीम कोर्ट ने फटकारा

#mpvijayshahreachedsupreme_court

मध्य प्रदेश के वन मंत्री विजय शाह इस समय सुर्खियों में हैं। जब देश कर्नल सोफिया कुरैशी और विगं कमांडर व्योमिका सिंह के के जरिए नारी शक्ति का अभिवादन कर रहा है। उस वक्त बीजेपी के नेता ने कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर विवादित टिप्पणी कर दी। कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने उन पर एक्शन लिया। साथ ही उन पर एफआईआर भी दर्ज कर ली गई। हाई कोर्ट के इस आदेश के खिलाफ उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। हालांकि, उन्हें राहत नहीं मिली। सुप्रीम कोर्ट से भी उन्हें फटकार मिली है।

सुप्रीम कोर्ट ने कुंवर विजय शाह को फटकार लगाते हुए कहा कि जब देश ऐसी स्थिति से गुजर रहा है, तो संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति को जिम्मेदार होना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उन्हें पता होना चाहिए कि वह क्या कह रहे हैं। मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ के समक्ष मामले को तत्काल सुनवाई के लिए पेश किया गया। सीजेआई ने शाह के वकील से कहा, 'आप किस तरह के बयान दे रहे हैं। आप सरकार के एक जिम्मेदार मंत्री हैं।' इस पर वकील ने कहा कि याचिकाकर्ता एफआईआर पर रोक लगाने की मांग कर रहा है। पीठ ने कहा कि याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई होगी।

क्या है शाह का बयान

दरअसल, कर्नल सोफिया कुरैशी 'ऑपरेशन सिंदूर' का चेहरा बनी थीं। उन्होंने भारतीय वायु सेना द्वारा पाकिस्तानी आतंकवादी ठिकानों पर की गई सैन्य कार्रवाई के बारे में प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। विजय शाह ने इस पर विवादित बयान देते हुए कहा था कि जिन्होंने हमारी बेटियों के सिंदूर उजाड़े थे… हमने उन्हीं की बहन भेज कर के उनकी ऐसी की तैसी करवाई।

मंत्री ने मांगी माफी

विजय शाह का वीडियो वायरल होने के बाद सियासी हलचल तेज हो गई। साथ ही उनके इस्तीफे की मांग भी की जा रही है। इसी बीच मंत्री ने वीडियो जारी कर के माफी भी मांगी है और सोफिया कुरैशी को अपनी बहन बताया है। उन्होंने माफी मांगते हुए कहा, हाल ही में मैंने जो बयान दिया अगर उसकी वजह से किसी भी समाज की भावना आहत हुई है, तो इसके लिए मैं दिल से न सिर्फ शर्मिंदा हूं बल्कि बेहद दुखी भी हूं और सभी से माफी चाहता हूं। उन्होंने सोफिया कुरैशी को लेकर आगे कहा, हमारे देश की वो बहन, सोफिया कुरैशी, जिन्होंने राष्ट्र धर्म निभाते हुए जाति और समाज से ऊपर उठकर जो काम किया है, उन्हें हमारी सगी बहन से भी ऊपर सम्मानित मानता हूं।

हाईकोर्ट ने लिया स्वतः संज्ञान

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने इस बयान को बहुत ही आपत्तिजनक माना। हाई कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए कहा कि शाह की टिप्पणी 'तिरस्कारपूर्ण', 'खतरनाक' और 'नालियों की भाषा' जैसी है। कोर्ट ने यह भी कहा कि यह टिप्पणी न केवल उस अधिकारी को निशाना बनाती है, बल्कि पूरे सशस्त्र बलों को बदनाम करती है। हाई कोर्ट ने यह भी कहा कि पहली नजर में मंत्री के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता, 2023 के तहत अपराध बनता है।

सुरक्षाबलों को मिली बड़ी कामयाबी, पुलवामा में 3 आतंकी ढेर, 48 घंटे में 6 दहशतगर्दों का सफाया

#pulwama_encounter_security_forces_kill-_3_terrorists

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हमले के बाद भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अपनी मुहिम तेज कर दी है। जम्मू-कश्मीर में अब ढूंढ-ढूंढकर आतंकियों को मारा जा रहा है। जम्मू-कश्मीर से आतंकवाद का सफाया करमने में जुटे सुरक्षाबल तलाशी अभियान चला रहे हैं और एनकाउंटर में आतंकियों को ढ़ेर कर रहे हैं। इसी क्रम में गुरुवार को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले के त्राल में भी सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच भीषण मुठभेड़ हुई है। इस एनकाउंटर में 3 आतंकियों को मार गिराया गया है।

सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच ये मुठभेड़ जम्मू कश्मीर के त्राल के नादिर गांव में हुई है। ये इलाका दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले के अंतर्गत आता है। सुबह में मिली जानकारी के मुताबिक, सुरक्षाबलों ने इलाके में 02 से 03 आतंकियों के फंसे होने की आशंका जताई थी। आखिरकार सुरक्षाबलों की संयुक्त टीम ने एंटी टेरर ऑपरेशन में तीनों आतंकियों को मार गिराया है।

सूत्रों ने कहा कि पुलवामा एनकाउंटर में मारे गए सभी आतंकियों की पहचान हो गई है। उनका कनेक्शन पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से निकला है। ये सभी अवंतीपोरा के त्राल इलाके में छिपे हुए थे। सुरक्षाबलों को खुफिया जानकारी मिली थी। इसके बाद सुरक्षा बलों ने तलाशी लेने के लिए त्राल तहसील के नादेर गांव को घेर लिया। जैसे ही सुरक्षा बल छिपे हुए आतंकवादियों के करीब पहुंचे, गोलीबारी शुरू हो गई। इसके बाद सुरक्षाबलों ने मुंहतोड़ जवाब दिया।

शोपियां में तीन आतंकी ढ़ेर

इससे पहले जम्मू-कश्मीर के शोपियां में सर्च ऑपेरशन चलाया गया। शोपियां जिले में मंगलवार यानी 13 मई को सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ हुई। इस मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने पहलगाम का बदला लिया और बड़ी कामयाबी हासिल की। शोपियां के एनकाउंटर में लश्कर-ए-तैयबा के ऑपरेशन कमांडर समेत 3 आतंकवादियों को ढेर कर दिया गया।

शोपियां के इस एनकाउंटर को ऑपरेशन केलर का नाम दिया गया। दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले के शुकरू केलर इलाके में आतंकवादियों की मौजूदगी के बारे में जानकारी मिलने के बाद सुरक्षाबलों ने इलाके की घेराबंदी की और सर्च ऑपरेशन शुरू को अंजाम दिया, लेकिन जब सुरक्षाबल शांति से सर्च ऑपरेशन चला रहे थे तभी आतंकवादियों की तरफ से फायरिंग की गई। जवाब में सेना ने 3 आतंकवादी ढेर कर दिया।

शोपियां में मारे गए तीनों आतंकी लश्कर-ए-तैयबा के हैं। एक शीर्ष पुलिस अधिकारी ने बताया कि एनकाउंटर में लश्कर-ए-तैयबा का ऑपरेशनल चीफ कमांडर शाहिद कुट्टे मारा गया। शाहिद कुट्टे शोपियां जिले के हीरपोरा इलाके का रहने वाला था और वो मोहम्मद यूसुफ कुट्टे का बेटा था। वो 8 मार्च 2023 को लश्कर से जुड़ा था।

सुप्रीम कोर्ट की ओर से समयसीमा तय किए जाने पर राष्ट्रपति ने उठाए सवाल, सर्वोच्च अदालत से पूछे ये 14 सवाल

#president_droupadi_murmu_questions_supreme_court

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 8 अप्रैल 2025 को दिए गए सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सवाल उठाए हैं।सुप्रीम कोर्ट ने 8 अप्रैल को एक ऐतिहासिक फैसला दिया था। तमिलनाडु के राज्यपाल मामले में सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने कहा था कि राज्यपाल विधेयकों को अनिश्चितकाल तक रोक नहीं सकते। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि संविधान के अनुच्छेद 200 के तहत राज्यपाल के पास वीटो का अधिकार नहीं है और उन्हें मंत्रिपरिषद की सलाह पर काम करना होगा। इसमें राष्‍ट्रपति और राज्‍यपालों को विधानसभाओं से पारित विधेयकों पर निर्णय लेने के लिए समय-सीमा तय करने पर टिप्पणी की गई थी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सुप्रीम कोर्ट के इसी फैसले पर सर्वोच्च अदालत से 14 सवाल पूछे हैं।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संविधान के अनुच्छेद 143(1) के तहत 14 बेहद अहम सवाल पूछते हुए यह साफ किया है कि संविधान में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है जो विधेयकों पर मंजूरी या नामंजूरी की समयसीमा तय करती हो। राष्ट्रपति ने कहा कि राज्यपाल और राष्ट्रपति संविधान के अनुच्छेद 200 और 201 के तहत विधेयकों पर फैसला लेते हैं, लेकिन ये अनुच्छेद कहीं भी कोई समयसीमा या प्रक्रिया निर्धारित नहीं करते। उन्होंने यह भी कहा कि राज्यपाल और राष्ट्रपति का यह विवेकपूर्ण निर्णय संघवाद, कानूनों की एकरूपता, राष्ट्रीय सुरक्षा और शक्तियों के बीच संतुलन जैसे बहुपक्षीय पहलुओं पर आधारित होता है।

राष्ट्रपति ने सुप्रीम कोर्ट से राज्यपाल की शक्तियों, न्यायिक दखल और समयसीमा तय करने जैसे विषयों पर स्पष्टीकरण मांगा है। इन सवालों में पूछा गया है कि राज्यपाल के पास क्या विकल्प हैं जब कोई बिल उनके पास आता है? क्या राज्यपाल मंत्रिपरिषद की सलाह मानने के लिए बाध्य हैं? क्या राज्यपाल का विवेकाधिकार न्यायिक समीक्षा के अधीन है?

राष्ट्रपति मुर्मू ने सुप्रीम कोर्ट से पूछे ये 14 सवाल-

1. राज्यपाल के समक्ष अगर कोई विधेयक पेश किया जाता है तो संविधान के अनुच्छेद 200 के तहत उनके पास क्या विकल्प हैं?

2. क्या राज्यपाल इन विकल्पों पर विचार करते समय मंत्रिपरिषद की सलाह से बंधे हैं?

3. क्या अनुच्छेद 200 के तहत राज्यपाल द्वारा लिए गए फैसले की न्यायिक समीक्षा हो सकती है?

4. क्या अनुच्छेद 361 राज्यपाल द्वारा अनुच्छेद 200 के तहत लिए गए फैसलों पर न्यायिक समीक्षा को पूरी तरह से रोक सकता है?

5. क्या अदालतें राज्यपाल द्वारा अनुच्छेद 200 के तहत लिए गए फैसलों की समयसीमा तय कर सकती हैं, जबकि संविधान में ऐसी कोई समयसीमा तय नहीं की गई है?

6. क्या अनुच्छेद 201 के तहत राष्ट्रपति द्वारा लिए गए फैसले की समीक्षा हो सकती है?

7. क्या अदालतें अनुच्छेद 201 के तहत राष्ट्रपति द्वारा फैसला लेने की समयसीमा तय कर सकती हैं?

8. अगर राज्यपाल ने विधेयक को फैसले के लिए सुरक्षित रख लिया है तो क्या अनुच्छेद 143 के तहत सुप्रीम कोर्ट को सुप्रीम कोर्ट की सलाह लेनी चाहिए?

9. क्या राज्यपाल और राष्ट्रपति द्वारा क्रमशः अनुच्छेद 200 और 201 के तहत लिए गए फैसलों पर अदालतें लागू होने से पहले सुनवाई कर सकती हैं।

10. क्या सुप्रीम कोर्ट अनुच्छेद 142 के द्वारा राष्ट्रपति और राज्यपाल की संवैधानिक शक्तियों में बदलाव कर सकता है?

11. क्या अनुच्छेद 200 के तहत राज्यपाल की मंजूरी के बिना राज्य सरकार कानून लागू कर सकती है?

12. क्या सुप्रीम कोर्ट की कोई पीठ अनुच्छेद 145(3) के तहत संविधान की व्याख्या से जुड़े मामलों को सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच को भेजने पर फैसला कर सकती है?

13. क्या सुप्रीम कोर्ट ऐसे निर्देश/आदेश दे सकता है जो संविधान या वर्तमान कानूनों मेल न खाता हो?

14. क्या अनुच्छेद 131 के तहत संविधान इसकी इजाजत देता है कि केंद्र और राज्य सरकार के बीच विवाद सिर्फ सुप्रीम कोर्ट ही सुलझा सकता है?

मणिपुर में सेना का बड़ा एक्शन, 10 उग्रवादी ढेर, हथियारों का जखीरा बरामद*


#assam_rifles_killed_10_militants_in_manipur

मणिपुर के चांदेल में भारतीय सेना ने उग्रवादियों के खिलाफ एक बड़े ऑपरेशन को अंजाम दिया है। चंदेल जिले में बुधवार को असम राइफल्स की एक यूनिट ने मुठभेड़ में कम से कम 10 उग्रवादियों को मार गिराया।भारतीय सेना की पूर्वी कमान ने बताया कि खुफिया जानकारी मिलने के बाद शुरू किया गया ऑपरेशन अभी भी जारी है।

इंडियन आर्मी ने एक्स पर इस एक्शन की जानकारी दी है। सेना के मुताबिक, मणिपुर के चांदेल जिले के खेंगजॉय तहसील के न्यू समतल गांव के पास उग्रवादियों की गतिविधियों का पता चला था। भारत-म्यांमार सीमा के पास सशस्त्र कैडरों यानी उग्रवादियों की गतिविधियों की खुफिया जानकारी पर एक्शन लिया गया। स्पीयर कॉर्प्स के तहत असम राइफल्स यूनिट ने 14 मई को एक अभियान शुरू किया।जैसे ही सेना के जवानों ने ऑपरेशन शुरू किया, उग्रवादियों ने उन पर गोलियां चलाई। जिसका सेना ने करारा जवाब दिया।

सेना ने बताया कि सुरक्षाबलों ने तुरंत प्रतिक्रिया दी और जवाबी कार्रवाई के दौरान हुई गोलीबारी में 10 कैडरों को मार गिराया गया। मौके से बड़ी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद भी बरामद किए गए हैं।इस ऑपरेशन को कैलिब्रेटेड यानी योजनाबद्ध और सटीक बताया गया है।

सूत्रों के अनुसार, इलाके में और भी उग्रवादी छिपे होने की आशंका के मद्देनजर सर्च ऑपरेशन अभी भी चलाया जा रहा है। ऑपरेशन के दौरान किसी भी जवान के हताहत होने की खबर नहीं है। यह कार्रवाई मणिपुर में जारी अशांति के बीच सुरक्षाबलों की ओर से एक अहम सफलता मानी जा रही है।