'मैं देश के लिए बोलता हूं, पार्टी के लिए..., ऑपरेशन सिंदूर पर अपने बयान पर शशि थरूर ने दी राय
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कांग्रेस नेता और केरल के तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर से उनकी ही पार्टी के कुछ लोग नाराज हैं। नाराजगी की वजह है ऑपरेशन सिंदूर और सीजफायर को लेकर दिए थरूर के बयान। थरूर ने भारत-पाकिस्तान के मुद्दे पर कुछ ऐसी बातें कहीं हैं जो पार्टी लाइन से अलग हैं। इस वजह से पार्टी के कुछ नेता उनसे नाराज हैं। उनका मानना है कि थरूर ने पार्टी की लक्ष्मण रेखा पार कर दी है। शशि थरूर ने पार्टी के 'लक्ष्मण रेखा' वाली टिप्पणी पर अपना रुख स्पष्ट कर दिया है। उन्होंने कहा कि मैं पार्टी का प्रवक्ता नहीं हूं। इस वक्त हमें देश के लिए खड़ा होना चाहिए, खासतौर पर अंतरराष्ट्रीय पटल पर।
हमें देश के झंडे के पीछे एकजुट होने की ज़रूरत-थरूर
थरूर ने कहा कि मैंने जो कुछ भी कहा, वह एक भारतीय के तौर पर कहा। न तो मैं पार्टी का प्रवक्ता हूं और न ही सरकार का। जो भी कहा है, उसकी जिम्मेदारी मेरी है, आप सहमत हों या असहमत, यह मेरा व्यक्तिगत दृष्टिकोण है।थरूर ने आगे स्पष्ट किया कि उन्होंने अपने बयान में यह साफ कर दिया था कि यह राष्ट्रीय विमर्श में उनका व्यक्तिगत योगदान है, खासकर ऐसे समय में जब हमें देश के झंडे के पीछे एकजुट होने की ज़रूरत है, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी। उन्होंने कहा कि अमेरिका, यूरोप और मध्य-पूर्व में हमारे पक्ष की बात कम सुनाई दे रही थी।
एक भारतीय के तौर पर मेरे विचार निजी हैं-थरूर
तिरुवनंतपुरम में पत्रकारों से बात करते हुए थरूर ने कहा कि मुझे नहीं पता कि ये सब बातें कहां से आ रही हैं। मैं जब तक वर्किंग कमेटी की मीटिंग में था, तब तक ऐसी कोई बात नहीं हुई। अगर मेरे जाने के बाद ऐसा हुआ, तो मुझे अभी तक जानकारी नहीं दी गई है। थरूर ने आगे कहा, मैंने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि मैं पार्टी का प्रवक्ता नहीं हूं, ना ही मैं सरकार का प्रवक्ता हूं। लोगों को अगर लगता है कि मुझे किसी बारे में जानकारी है, तो वे मेरे व्यूज पूछते हैं। मैं हमेशा कहता हूं कि एक भारतीय के तौर पर मेरे विचार निजी हैं।
पाकिस्तान के मुद्दे पर सरकार के साथ दिखे थरूर
बता दें कि ऑपरेशन सिंदूर हो, भारत और पाकिस्तान के बीच का तनाव या फि संघर्ष विराम कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने इन सभी मुद्दों पर पार्टी से अलग होकर बेबाक तरीके से अपना पक्ष रखा।उन्होंने कहा, 'सरकार ने इस बात का ध्यान रखा है कि दूसरे पक्ष को संघर्ष को बढ़ाने का मौका न मिले। उन्होंने केवल पहचाने गए आतंकी ठिकानों और लॉन्चपैड पर ही हमला किया है।' थरूर ने एक इंटरव्यू में कहा कि भारत ने अमेरिका को मध्यस्थता नहीं करने दी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने भारत के हमलों के बाद बातचीत की पहल की थी।
May 15 2025, 20:05