योगी सरकार की ऊर्जा क्षेत्र में बड़ी पहल: यूपी को 2030 से सस्ती बिजली, 25 वर्षों में होगी 2958 करोड़ की बचत
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1600 मेगावाट की नई तापीय परियोजना से 1500 मेगावाट बिजली खरीदने का निर्णय, 5.38 रु./यूनिट की दर से होगी आपूर्ति
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ी और दूरदर्शी पहल करते हुए 1600 मेगावाट क्षमता की एक नई तापीय परियोजना से 1500 मेगावाट बिजली खरीदने का फैसला लिया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। यह बिजली बोली प्रक्रिया (बिड प्रॉसेस) के माध्यम से अगले 25 वर्षों तक 5.38 रुपए प्रति यूनिट की दर से खरीदी जाएगी। इस निर्णय से उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड को आगामी 25 वर्षों में करीब 2958 करोड़ रुपए की बचत होने का अनुमान है।
अन्य परियोजनाओं की तुलना में किफायती बिजली
ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा ने बताया कि यह नई परियोजना वर्तमान में कार्यरत सार्वजनिक तापीय संयंत्रों की तुलना में कहीं अधिक किफायती होगी। जैसे कि जवाहरपुर, ओबरा, घाटमपुर, पनकी जैसी परियोजनाओं से मिलने वाली बिजली की दरें 6.60 रुपए से 9 रुपए प्रति यूनिट तक हैं। जबकि डीबीएफओओ मॉडल के तहत प्रस्तावित इस नई परियोजना से 2030-31 में बिजली मात्र 6.10 रुपए प्रति यूनिट की दर से उपलब्ध होगी।
बोली प्रक्रिया और चयनित कंपनी
जुलाई 2024 में रिक्वेस्ट फॉर क्वालिफिकेशन जारी किया गया था। 7 कंपनियों ने आवेदन किया और उनमें से 5 ने फाइनेंशियल बिड में हिस्सा लिया। सबसे कम दर (5.38 रु./यूनिट) की पेशकश करने वाली एक निजी कंपनी को चयनित किया गया।
यह दर दो भागों में विभाजित है: फिक्स्ड चार्ज 3.727 रुपए /यूनिट और फ्यूल चार्ज 1.656 रुपए /यूनिट।
2030-31 में होगी परियोजना की शुरुआत
यह तापीय परियोजना वित्तीय वर्ष 2030-31 में चालू हो जाएगी। इससे प्रदेश की बेस लोड ऊर्जा की जरूरतें पूरी होंगी और घरेलू उपभोक्ताओं व उद्योगों को स्थिर और किफायती बिजली उपलब्ध होगी।
ऊर्जा संकट से निपटने की रणनीति
केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण और उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग के अनुसार, राज्य को 2033-34 तक 10,795 मेगावाट अतिरिक्त तापीय ऊर्जा की आवश्यकता होगी। इसके साथ ही राज्य ने 23,500 मेगावाट नवीकरणीय ऊर्जा के लिए भी रोडमैप तैयार किया है। इसी क्रम में डीबीएफओओ मॉडल के तहत बिडिंग प्रक्रिया अपनाई गई है।
बिजली आत्मनिर्भरता की दिशा में एक ठोस कदम
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि यह समझौता न केवल आर्थिक रूप से लाभकारी है बल्कि यह भविष्य में राज्य की ऊर्जा सुरक्षा, औद्योगिक विकास और उपभोक्ता हितों के लिए भी एक निर्णायक कदम होगा।
* क्या है डीबीएफओओ मॉडल?
डीबीएफओओ यानी डिजाइन, बिल्ड , फाइनेंस , ओन और ऑपरेट एक ऐसी प्रणाली है जिसमें निजी कंपनी परियोजना का निर्माण, वित्तपोषण, स्वामित्व और संचालन खुद करती है। सरकार सिर्फ कोयला लिंकेज देती है और बिजली खरीदती है।
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May 06 2025, 16:48