सुकमा में भालू की क्रूर हत्या पर हाईकोर्ट सख्त: पीसीसीएफ से मांगा जवाब, सोशल मीडिया में वीडियो हुआ था वायरल

बिलासपुर- छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में भालू के साथ हुई दिल दहला देने वाली बर्बरता पर अब हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने इस मामले का स्वतः संज्ञान लेते हुए वन विभाग को कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। साथ ही पीसीसीएफ (प्रमुख मुख्य वन संरक्षक) से पूरे घटनाक्रम पर शपथपत्र (एफिडेविट) प्रस्तुत करने को कहा है।

केरलापाल नहीं, किस्टाराम का मामला निकला

इस मामले से जुड़ा वीडियो हाल ही में सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसे पहले सुकमा के केरलापाल गांव का बताया जा रहा था। हालांकि जांच में सामने आया कि यह घटना किस्टाराम थाना क्षेत्र के पुट्ठेपाड़ इलाके की है। वायरल वीडियो (करीब 2 मिनट 20 सेकंड) में साफ दिख रहा था कि कुछ युवक एक भालू को डंडों से बेरहमी से पीटते हैं, फिर उसका मुंह और पंजे तोड़कर उसे तड़पाकर मार डालते हैं। हैरान करने वाली बात यह रही कि घटना स्थल पर महिलाएं और बच्चे भी मौजूद थे, और कुछ ग्रामीण हंसते हुए नजर आए।

2 आरोपियों की हो चुकी है गिरफ़्तारीवीडियो वायरल होने के बाद वन विभाग और वाइल्ड लाइफ टीम ने तेजी से कार्रवाई करते हुए 72 घंटे के भीतर दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया था।

आरोपियों की पहचान वंडो भीमा (20) और चंडो देवा (40) के रूप में हुई है। पूछताछ में दोनों ने स्वीकार किया कि उन्होंने कुछ महीने पहले इस भालू को मार डाला था। इन पर वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत कार्रवाई की जा रही है।

हाईकोर्ट का निर्देश: जिम्मेदारों पर हो सख्त कार्रवाई

हाईकोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा है कि यह मामला सिर्फ वन्यजीवों के प्रति संवेदनहीनता का नहीं, बल्कि सामाजिक चेतना और कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़ा करता है। कोर्ट ने मामले की विस्तृत जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने और सभी संभावित आरोपियों की पहचान कर आवश्यक कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।

रवीना टंडन की बेटी राशा टंडन भी हुईं आहत

भालू की पिटाई का दर्दनाक वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो को बॉलीवुड एक्ट्रेस रवीना टंडन की बेटी राशा टंडन ने भी अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर साझा किया था। राशा ने लिखा “लोग इतने असंवेदनशील कैसे हो सकते हैं? लोग पीट रहे हैं, भालू दर्द से तड़प रहा है और ये लोग मजा ले रहे हैं। ये बहुत घिनौना है।”

किराए के मकान से चल रहा था सूखे नशे का कारोबार, पुलिस ने दबिश देकर 3 तस्करों को किया गिरफ्तार, 30 किलो गांजा बरामद…

आरंग-  छत्तीसगढ़ पुलिस ने एक बार फिर सूखे नशे की तस्करी करने वालों पर शिकंजा कसा है. कराए के मकान में दबिश देकर पुलिस ने तीन गांजा तस्करों को दबोचा. आरोपियों के कब्जे से 30 किलों अवैध मादक पदार्थ गांजा बरामद किया गया है. कार्रवाई में गिरफ्तार मुख्य आरोपी पहले भी गांजा तस्करी में पहले भी पकड़ा जा चुका है. 

आरंग थाना प्रभारी राजेश सिंह ने बताया कि मुखबिर की सूचना पर पुलिस टीम ने बैहार में संतोष साहू के मकान में दबिश दी, उसने अपना मकान किराए से दे रखा था. तलाशी के दौरान आरोपी तुषार देवांगन, बलराम साहू और मोहन साहू मकान में मौजूद थे. इस दौरान पुलिस को स्टील में एक बड़े पेटी में से 30 पैकेट में 30 किलो गांजा मिला. साथ ही 1 इलेक्ट्रॉनिक तौल मशीन भी बरामद किया गया.

रायपुर और आसपास के जिलों में तस्करी

जानकारी के अनुसार, आरोपी आरंग से रायपुर सहित आसपास के अन्य जिलों में गांजे की तस्करी करता है. फिलहाल पुलिस ने सभी आरोपियों को NDPS एक्ट के तहत गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश कर दिया है. 

तेंदूपत्ता बोनस घोटाला: करोड़ों की हेराफेरी में ACB-EOW की बड़ी कार्रवाई, निलंबित IFS अधिकारी अशोक पटेल गिरफ्तार

रायपुर- करोड़ों रुपये के तेंदूपत्ता बोनस घोटाले में बड़ी कार्रवाई करते हुए एसीबी/ईओडब्ल्यू (ACB-EOW) ने निलंबित IFS अधिकारी अशोक पटेल को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तारी के बाद उन्हें रायपुर कोर्ट में पेश किया गया, जहां ईओडब्ल्यू ने 30 अप्रैल तक पुलिस रिमांड की मांग की है. यह घोटाला साल 2021 के तेंदूपत्ता बोनस वितरण में अनियमितताओं से जुड़ा हुआ है.

IFS अधिकारी अशोक पटेल 

जांच एजेंसियों के मुताबिक, बोनस वितरण के दौरान करोड़ों की हेराफेरी की गई थी. मामले में कई प्रबंधकों और अधिकारियों की संलिप्तता सामने आने के बाद एसीबी और ईओडब्ल्यू की संयुक्त टीम ने 10 अप्रैल को सुकमा जिले में 9 ठिकानों पर छापेमारी की थी. उनमें सीपीआई नेता मनीष कुंजाम के अलावा कोंटा प्रबंधक मो. शरीफ़ खान, पालाचलमा प्रबंधक सीएच वेंकट, फूलबगड़ी प्रबंधक राजशेखर पुराणिक, जगरगुंडा प्रबंधक रवि गुप्ता, मिशिगुडा प्रबंधक राजेश आयतु, एर्राबोर प्रबंधक मितेंद्र सिंह राजू, पेदाबोडकेल प्रबंधक सुनील, जग्गावरम प्रबंधक मनोज कवासी शामिल हैं. वहीं 11 अप्रैल को सुकमा के दोरनापाल के वनकर्मचारी के घर पर ACB-EOW की टीम ने छापेमारी की थी.

बता दें कि इससे पहले DFO अशोक पटेल को घोटाले के चलते निलंबित किया गया था. साथ ही रायगढ़, जगदलपुर, दंतेवाड़ा और बीजापुर में भी इस मामले में ACB-EOW ने कार्रवाई की थी. फिलहाल मामले में जांच जारी है.

नागरिक सुरक्षा और आपदा प्रबंधन को सशक्त बनाने के लिए दृढ़संकल्पित है हमारी सरकार : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

रायपुर-   प्रदेश की नागरिक सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक मजबूत बनाने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार लगातार प्रतिबद्ध प्रयास कर रही है। संसाधनों के आधुनिकीकरण, अग्निशमन सेवाओं को तकनीकी रूप से उन्नत करने और जवानों के प्रशिक्षण व मनोबल को प्राथमिकता देने की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज राजधानी रायपुर के माना कैंप स्थित नगर सेना केंद्रीय प्रशिक्षण संस्थान परिसर में आयोजित कार्यक्रम में 20 नवीन अग्निशमन वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर उन्होंने सेक्टर-13, नवा रायपुर में नवनिर्मित अग्निशमन केंद्र सह आवासीय परिसर और माना में नवीन सेनानी कार्यालय का भी लोकार्पण किया। कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा सहित अनेक जनप्रतिनिधि व वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे।

आपातकालीन सेवाओं को मजबूती देने की दिशा में बड़ा कदम

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि ये अत्याधुनिक अग्निशमन वाहन प्रदेश की त्वरित आपातकालीन सेवाओं की क्षमता को नई गति देंगे। उन्होंने इसे नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल करार दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि लोकार्पित भवनों के माध्यम से अग्निशमन तंत्र को मजबूती मिलेगी और हमारे जवानों की दक्षता में भी इजाफा होगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इन नए वाहनों से आगजनी की घटनाओं पर पहले से कहीं अधिक प्रभावी तरीके से और तेज़ी से काबू पाया जा सकेगा, जिससे जान-माल की रक्षा सुनिश्चित हो सकेगी। उन्होंने कहा कि जीवन की रक्षा सबसे बड़ा कार्य है और इसे पूरी निष्ठा और तत्परता से निभाने वाले अग्निशमन कर्मी हमारे सच्चे नायक हैं, जिनकी सेवाओं को समाज हमेशा सम्मान की दृष्टि से देखता है।

आपातकालीन सेवा का डेमो और अत्याधुनिक उपकरणों की प्रदर्शनी

कार्यक्रम के दौरान राज्य आपदा मोचन बल और अग्निशमन राहत दल द्वारा आगजनी की घटना पर आधारित आपातकालीन सेवा का प्रदर्शन (डेमो) भी किया गया। मुख्यमंत्री श्री साय ने पूरे रेस्क्यू ऑपरेशन को गहरी रुचि और गंभीरता से देखा और जवानों की तत्परता व सजगता की भूरी-भूरी प्रशंसा की। साथ ही उन्होंने अग्निशमन सेवाओं में उपयोग होने वाले अत्याधुनिक उपकरणों की प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। विभागीय अधिकारियों ने उन्हें लुकास जैक, ग्लास ब्रेकर, एयर लिफ्टिंग बैग, पेलिकन टावर लाइट, डायमंड टिप, चेन सॉ, फायर जैल ब्लैकेट, फायर सूट और अंडर वॉटर कैमरा जैसे उपकरणों की कार्यप्रणाली और उपयोगिता की जानकारी दी।

अग्निशमन सेवाओं का निरंतर हो रहा सशक्तिकरण

उप पुलिस महानिरीक्षक अजात शत्रु बहादुर सिंह ने बताया कि वर्ष 2017 में अग्निशमन सेवा को नगरीय निकाय से हस्तांतरित किया गया था। वर्तमान में प्रतिवर्ष औसतन 8,000 फायर कॉल प्राप्त होते हैं, जबकि ग्रीष्मकाल में यह संख्या प्रतिदिन 40 तक पहुंच जाती है। उन्होंने कहा कि आज जिन 20 नवीन अग्निशमन वाहनों को शामिल किया गया है, उनके साथ विभाग के पास अब कुल 161 अग्निशमन वाहन उपलब्ध हो गए हैं। रायगढ़, कोरबा, कबीरधाम, दंतेवाड़ा, धमतरी, कोरिया और अंबिकापुर जैसे जिलों को आज ही ये वाहन सौंपे गए हैं। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि एनआरडीए द्वारा नवा रायपुर में अग्निशमन एवं आपातकालीन सेवाओं के लिए 5.5 करोड़ रुपये की लागत से फायर स्टेशन सह आवासीय परिसर का निर्माण कराया गया है, जिसका आज लोकार्पण हुआ।

शहीद अग्निशमन कर्मियों को समर्पित अग्निशमन सुरक्षा सप्ताह

अजात शत्रु बहादुर सिंह ने बताया कि अग्निशमन सेवाओं में अपने कर्तव्य का निर्वहन करते हुए सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीर कर्मचारियों की स्मृति में प्रतिवर्ष 14 अप्रैल को शहीद दिवस मनाया जाता है और 14 से 20 अप्रैल तक पूरे देश में अग्निशमन सुरक्षा सप्ताह आयोजित किया जाता है। इसी क्रम में छत्तीसगढ़ में भी इस वर्ष अग्निशमन सुरक्षा सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है।

कार्यक्रम में विधायक मोतीलाल साहू, अपर मुख्य सचिव गृह मनोज कुमार पिंगुआ, पुलिस महानिदेशक अरुण देव गौतम और मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत सहित अन्य अधिकारी व जनप्रतिनिधिगण उपस्थित थे।

आधुनिक सुविधाओं से लैस होगा मेकाहारा, स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल ने दिए निर्देश

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार जनकल्याण के संकल्प के साथ काम कर रही है, और हमारा उद्देश्य है कि प्रदेश के प्रत्येक नागरिक को सुलभ, सस्ती और उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जाएं। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने आज मंत्रालय नवा रायपुर में डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय, रायपुर में चिकित्सा सुविधाओं के सुदृढ़ीकरण और विस्तार के सम्बन्ध में आयोजित बैठक में अधिकारियों को दिशानिर्देश देते हुए यह बात कही। बैठक में स्वास्थ्य विभाग सहित संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में अस्पताल की संरचना और सेवाओं को आधुनिक और जनसुलभ बनाने के लिए विस्तृत विचार-विमर्श हुआ।

बैठक में मंत्री श्री जायसवाल ने निर्देश दिए कि चिकित्सालय में आवश्यक सभी चिकित्सा उपकरण, तकनीकी संसाधन, और मरीजों की सुविधाओं की उपलब्धता को प्राथमिकता से सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि अस्पताल में विस्तारीकरण और विद्युतीकरण के कार्यों में विभागीय समन्वय मजबूत किया जाए, ताकि निर्धारित समय-सीमा में गुणवत्तापूर्ण परिणाम प्राप्त हो सकें।

बैठक में स्वास्थ्य विभाग के सचिव अमित कटारिया, आयुक्त चिकित्सा शिक्षा किरण कौशल, चिकित्सा महाविद्यालय रायपुर के डीन, अस्पताल प्रबंधन प्रतिनिधि एवं अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

छत्तीसगढ़ में व्यापारियों को राहत : अस्थायी बिजली कनेक्शन के लिए ऑनलाइन सिस्टम लागू, घर बैठे कर सकते हैं आवेदन

रायपुर-   छत्तीसगढ़ सरकार ने एक अभिनव कदम उठाते हुए व्यवसायों के लिए अस्थायी बिजली कनेक्शन प्राप्त करने की प्रक्रिया को पूरी तरह डिजिटल और सरल बना दिया है। स्टेट सिंगल विंडो पोर्टल के माध्यम से शुरू की गई इस ऑनलाइन प्रणाली का उद्देश्य नियमों में सुधार करना और कठिन प्रक्रियाओं को सरल बनाना है। इस पहल से न केवल पारदर्शिता बढ़ेगी, बल्कि व्यवसायियों को समय और लागत की बचत भी होगी। छत्तीसगढ़ सरकार की इस पहल को उद्यमियों और व्यापारियों ने खूब सराहा है।

नई प्रणाली के तहत, व्यवसायी अब घर बैठे ही स्टेट सिंगल विंडो पोर्टल पर अस्थायी बिजली कनेक्शन के लिए आवेदन कर सकते हैं। आवेदन की स्थिति को रीयल-टाइम में ट्रैक करने की सुविधा ने प्रक्रिया को और भी पारदर्शी बना दिया है। पहले जहां कागजी कार्रवाई और कई दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़ते थे, वहीं अब यह काम कुछ ही क्लिक में पूरा हो जाएगा। स्वचालित सिस्टम यह सुनिश्चित करता है कि सभी नियामक आवश्यकताएं पूरी हों, जिससे त्रुटियों की संभावना कम हो और ऑडिट प्रक्रिया भी सरल हो।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि हमारी सरकार का लक्ष्य है कि छत्तीसगढ़ में व्यवसाय करना आसान और सुगम हो। इस ऑनलाइन सिस्टम के जरिए हमने अस्थायी बिजली कनेक्शन की प्रक्रिया को न केवल तेज किया है, बल्कि इसे पारदर्शी और व्यवसायी-अनुकूल भी बनाया है। यह ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की दिशा में एक बड़ा कदम है, जो हमारे राज्य में निवेश और रोजगार के नए अवसर पैदा करेगा।

इस डिजिटल प्रणाली ने कागजी कार्रवाई और बार-बार सरकारी दफ्तरों के दौरे की जरूरत को खत्म कर दिया है, जिससे प्रशासनिक खर्चों में भारी कमी आई है। छोटे और मझोले उद्यमी, जो पहले जटिल प्रक्रियाओं से जूझते थे, अब इस सुविधा का लाभ उठा रहे हैं। रायपुर के एक युवा व्यवसायी हरीश पटेल ने बताया, पहले कनेक्शन लेने में कई हफ्ते लग जाते थे, लेकिन अब यह काम कुछ ही दिनों में हो जाता है। सरकार का यह कदम वाकई सराहनीय है।

यह सिस्टम न केवल तेज और सुगम है, बल्कि पूरी तरह नियमों के अनुरूप भी है। डिजिटल रिकॉर्ड-कीपिंग से ऑडिट प्रक्रिया आसान हो गई है, जिससे सरकारी विभागों और व्यवसायियों दोनों को फायदा होगा। सरकार का कहना है कि यह डिजिटलीकरण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। भविष्य में अन्य सरकारी सेवाओं को भी इसी तरह ऑनलाइन और पारदर्शी बनाने की योजना है। छत्तीसगढ़ सरकार की इस पहल से न केवल व्यवसायियों को राहत मिली है, बल्कि यह राज्य को निवेश के लिए और आकर्षक बनाने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है। यह प्रणाली निश्चित रूप से नए छत्तीसगढ़ के निर्माण में मील का पत्थर साबित होगी।

विवादों का केंद्र बना गुरु घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी, नमाज के बाद अब मंदिर का मुद्दा गरमाया

बिलासपुर- गुरु घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी के एनएसएस केम्प में जबरन नमाज पढ़ाए जाने के विवाद के बाद अब एक नया विवाद सामने आया है. दरअसल, विश्वविद्यालय के कैम्पस में बिना अनुमति के मंदिर का निर्माण किया जा रहा है. इसकी शिकायत भीम आर्मी के जिला अध्यक्ष अमृत दास डहरिया ने कुलपति के साथ कलेक्टर से करते हुए निर्माण कार्य नहीं रुकने पर आंदोलन की चेतावनी दी है.

मंदिर से पहले यूनिवर्सिटी के एनएसएस कैंप में हिन्दू धर्मावलंबियों को जबरिया नमाज पढ़ाने का मुद्दा गरमाया था. इस मामले में छात्रों ने एक दिन पहले ही दोषियों पर सख्त कार्रवाई के साथ कुलपति को हटाने की मांग करते हुए प्रदर्शन किया था. इस दौरान प्रदर्शनकारियों की पुलिस से झूमाझटकी भी हुई थी.

नमाज का मामला 26 मार्च से एक अप्रैल तक चले एनएसएस कैंप में उभरा था. कैंप में गुरुघासीदास विश्विद्यालय के 159 छात्र शामिल हुए थे. इनमें केवल 4 छात्र मुस्लिम थे, बाकी सभी हिंदू थे. 30 मार्च को ईद के दिन एनएसएस कैंप में जबरदस्ती छात्रों से नमाज पढ़ाई गई थी।

छात्रों ने इस मामले की लिखित शिकायत थाने में की थी, जिस पर जांच शुरू हो गई है. वहीं विश्वविद्यालय प्रशासन ने प्रो. दिलीप झा के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें एनएसएस समन्वयक पद से हटा दिया है. उनके स्थान पर ग्रामीण प्रौद्योगिकी विभाग में प्रोफेसर राजेन्द्र कुमार मेहता को प्रभार सौंपा गया है.


जवाब देने में नाकाम विश्वविद्यालय प्रशासन

मामले में गुरु घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी प्रशासन का लचर रवैया देखने को मिला. मामले में यूनिवर्सिटी का आधिकारिक पक्ष न तो रजिस्ट्रार डॉ. अभय शंकर रणदिवे दे पाए, और न ही मीडिया इंचार्ज मानवेंद्र नाथ त्रिपाठी. विश्वविद्यालय प्रशासन के इस रूख से स्पष्ट है कि छात्रों से विश्वविद्यालय प्रशासन का संवाद नहीं है, जिसकी वजह से आए दिन विवाद की स्थिति बन रही है. केंद्रीय विश्वविद्यालय होने की वजह से स्थानीय प्रशासन के हाथ बंधे होने की वजह से विश्वविद्यालय प्रशासन बेलगाम हो गया है.

बंगाल में हिन्दुओं की हत्या की मुख्यमंत्री साय ने की निंदा, कहा- ममता जी, इतिहास आपको कभी माफ नहीं करेगा

रायपुर- वक्फ संशोधन बिल के विरोध में पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा में हिन्दुओं को निशाना बनाए जाने की मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने निंदा की है. इसके लिए उन्होंने बंगाल की मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि ममता जी, इतिहास आपको ऐसी निर्ममता के लिए कभी माफ नहीं करेगा.

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर किए पोस्ट में कहा कि पश्चिम बंगाल में वक्फ कानून की आड़ में आततायियों की भीड़ द्वारा हिंदुओं की हत्या, लूटपाट, मंदिरों को ध्वस्त करने जैसे कृत्य की जितनी निंदा की जाए, वह कम है. पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा मुस्लिम वोट बैंक की लिप्सा में दंगाइयों का तुष्टीकरण दुःखद है.

ममता जी, इतिहास आपको ऐसी निर्ममता के लिए कभी माफ नहीं करेगा. आप बंगाल के आदिवासियों, पिछड़ों और दलितों की रक्षा करने में विफल तो रही ही हैं, संदेशखाली समेत हर मामले में आपने हमेशा जाने-अनजाने यह संदेश देने की कोशिश की है कि आपकी सरकार इन दंगों को प्रश्रय दे रही है.

कृपया अपनी संवैधानिक शपथ की चिंता कर लीजिए. आप केवल एक समुदाय की नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश की मुखिया हैं. पश्चिम बंगाल के सभी निवासियों की सुरक्षा आपका प्राथमिक दायित्व है. राजनीतिक लाभ-हानि की दृष्टि से ऐसे मामले को देखना छोड़ दीजिए. कृपया, जनता की रक्षा कीजिए.

साय कैबिनेट बैठक : प्रदेश के छोटे व्यापारियों के लिए सरकार का बड़ा फैसला, नया रायपुर में NIFT कैंपस को मिली मंजूरी, जानिए अन्य फैसले …

रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आज मंत्रालय महानदी भवन में कैबिनेट की बैठक हुई. इस बैठक में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई. डिप्टी सीएम अरुण साव ने बताया कि कैबिनेट की बैठक में नया रायपुर में NIFT कैंपस को मंजूरी मिली है. इसके साथ कई अहम मुद्दों पर फैसले लिए गए हैं.

- परीक्षा की तैयारी कर रहे युवाओं के हित में निर्णय लिया गया कि छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग, छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मण्डल एवं विशेष कनिष्ठ कर्मचारी चयन बोर्ड, सरगुजा/बस्तर/बिलासपुर द्वारा आयोजित परीक्षाओं में छत्तीसगढ़ के स्थानीय निवासी अभ्यर्थी जो परीक्षा अथवा साक्षात्कार में उपस्थित होंगे उन्हें उनके द्वारा दी गई परीक्षा शुल्क की राशि वापस की जाएगी।

इससे सिरियस केन्डीडेट की परीक्षा में उपस्थिति का प्रतिशत बढ़ेगा, वहीं नॉन सिरियस केन्डीडेट और इनइलिजिबल केन्डीडेट परीक्षा फॉर्म नहीं भरेंगे और इनके कारण राज्य शासन को होने वाली आर्थिक क्षति भी कम होगी।

- राज्य के छोटे व्यापारियों के हित में एक बड़ा फैसला लेते हुए छत्तीसगढ़ बकाया कर, ब्याज एवं शास्ति के निपटान (संशोधन) अध्यादेश-2025 के प्रारूप में निहित संशोधन का अनुमोदन किया गया।

जिसके अनुसार राज्य सरकार छोटे व्यापारियों को प्रोत्साहित करेगी और 10 साल से अधिक पुराने लंबित मामलों में 25 हजार रूपए तक की वैट देनदरियों को माफ करेगी। इससे 40 हजार से अधिक व्यापारियों को लाभ होगा और 62 हजार से अधिक मुकदमेबाजी के मामलों में कमी आएगी।

- नवा रायपुर, छत्तीसगढ़ में एन.आई.एफ.टी. (NIFT) के कैम्पस को मंजूरी प्रदान की गई। राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान (NIFT) का नया कैम्पस छत्तीसगढ़ के नवा रायपुर में स्थापित किया जाएगा। कपड़ा मंत्रालय, भारत सरकार के अनुसार इस परियोजना की कुल संभावित लागत करीब 271.18 करोड़ रुपये होगी। इसमें भूमि क्रय हेतु 21.18 करोड़, भवन निर्माण के लिए 200 करोड़ और मशीनरी, फर्नीचर आदि के लिए 50 करोड़ रुपये का व्यय शामिल है।

इस संस्थान की स्थापना से फैशन शिक्षा के क्षेत्र में प्रदेश के युवाओं को नए अवसर मिलेंगे और फैशन उद्योग को तकनीकी रूप से प्रशिक्षित मानव संसाधन भी उपलब्ध हो सकेंगे। राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान (NIFT) भारत में फैशन शिक्षा का एक प्रमुख संस्थान है, जिसकी स्थापना 1986 में कपड़ा मंत्रालय, भारत सरकार के तहत हुई थी। एन.आई.एफ.टी. के पूरे भारत में 17 परिसर हैं, जिनमें दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और बेंगलुरु शामिल हैं। यह संस्थान फैशन डिजाइन, प्रबंधन और प्रौद्योगिकी में स्नातक और स्नातकोत्तर कार्यक्रम प्रदान करता है। संस्थान फैशन डिजाइन, टेक्सटाइल डिजाइन, फैशन प्रबंधन और फैशन प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में विशेषज्ञता रखता है। यह छात्रों को व्यावहारिक अनुभव और प्लेसमेंट के अवसर प्रदान करने के लिए फैशन उद्योग के साथ सहयोग करता है।

- राज्य के नगरीय निकायों में जैव अपशिष्ट सह कृषि अपशिष्ट के प्रसंस्करण हेतु स्थापित किये जा रहे बायो-सीएनजी संयंत्रों हेतु रियायती लीज (Lease) दरों पर शासकीय भूमि आबंटन किये जाने की सहमति प्रदान करते हुए आगे की कार्यवाही के लिए नगरीय प्रशासन विभाग एवं संबंधित नगर निगमों को अधिकृत किया है।

- राज्य में सहकारिता को प्रोत्साहन दिये जाने के उद्देश्य से सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत शक्कर वितरण हेतु अप्रैल 2025 से मार्च 2026 तक आवश्यक शक्कर का क्रय राज्य के सहकारी शक्कर कारखानों से करने का निर्णय लिया है। इस हेतु शक्कर का क्रय मूल्य 37,000 रू. प्रति टन (एक्स फैक्ट्री, जी.एस.टी. अतिरिक्त) निर्धारित किया गया है।

- स्थानीय रोजगार और सूक्ष्म-लघु उद्योगों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड (BEML) को राज्य में हैवी अर्थ मूविंग इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरिंग संयंत्र स्थापित करने की सैद्धांतिक मंजूरी दी है। इसके लिए 100 एकड़ भूमि को टोकन दर पर आबंटित करने का निर्णय लिया है।

कुंड में कछुओं की मौत का मामला: हाई कोर्ट की गंभीर टिप्पणी, कहा- पवित्र स्थान को गंदा बना दिया

बिलासपुर- रतनपुर के महामाया कुंड के जाल में फंसकर मृत मिले 23 कछुओं के आरोपी की जमानत पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने गंभीर टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा कि पुजारी भी मर्डर कर सकता है। मजाक बना रखा है, पवित्र स्थान को गंदा बना दिया है। मामले की गंभीरता से जांच होगी और भी आरोपी सामने आएंगे।

रतनपुर के महामाया मंदिर के कुंड में कछुओं की मौत के मामले में ट्रस्ट के उपाध्यक्ष और मंदिर के पुजारी सतीश शर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है। आरोपी सतीश शर्मा ने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की है। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि आवेदक महामाया मंदिर का मुख्य पुजारी है। ट्रस्ट ने फैसला लिया कि मंदिर के बगल के तालाब की सफाई कराई जाएगी। मछुआरों को इसका ठेका दिया गया। सफाई के दो दिन बाद मरे हुए कछुए पाए गए। इस पर वन विभाग को मौके पर बुलाया गया। इसके बाद पुजारी के खिलाफ ही एफआईआर दर्ज कर दी गई। आरोपी के वकील ने बताया कि ट्रायल कोर्ट ने अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है। हाईकोर्ट ने कहा कि मामले को स्वत: संज्ञान के तौर पर लिया गया है।

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि ट्रस्ट के अध्यक्ष आशीष सिंह ठाकुर हैं। मैं उपाध्यक्ष हूं और पुजारी हूं। तालाब की सफाई करने वाले मछुआरों को ट्रस्ट के आदेश पर अंदर आने दिया गया था। इस पर कोर्ट ने पूछा और कौन-कौन आरोपी हैं इसमें और कितने लोगों के खिलाफ एफआईआर हुई है। सरकारी वकील की ओर से कहा गया कि मामले में ठेकेदार आनंद जायसवाल के साथ मछुआरे अरुण और विष्णु धीवर भी आरोपी हैं। सुनवाई के दौरान आरोपी के वकील की ओर से कहा गया कि मैं पुजारी हूं, 24 घंटे मंदिर के इंचार्ज में रहता हूं। ट्रस्ट के फैसले के आधार पर मछुआरों को तालाब के अंदर आने दिया गया था। सफाई के दौरान यदि किसी की हत्या कर दी जाती है या फिर बम ब्लास्ट कर दिया जाता तो भी मैं जिम्मेदार नहीं होता। हाईकोर्ट में नगर पालिका परिषद रतनपुर ने भी आवेदन प्रस्तुत किया। नगर पालिका की ओर से कहा गया कि क्षेत्र में जितने भी तालाब हैं नगर पालिका परिषद के अंतर्गत आते हैं। जिसमें घटना घटी है, वो मंदिर ट्रस्ट को दिया गया है।