जानिए झारखंड में कब तक रहेगी स्कूलों में गर्मी क़ी छुट्टी, कब तक बंद रहेंगे स्कूल और कॉलेज?

झारखंड में 18 अप्रैल को सभी सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल और कॉलेज बंद रहेंगे शिक्षा विभाग ने गुड फ्राइडे की छुट्टी दी है.

गौरतलब है कि शिक्षा विभाग ने वर्ष 2025 के लिए स्कूलों में छुट्टी की सूची जारी कर दी है. इसमें कुल 60 दिन की छुट्टियां हैं. पहले गर्मी की छुट्टी 22 मई से 4 जून तक होती थी लेकिन इसे बढ़ाकर 4 जून तक कर दिया गया है.

ठंड की छुट्टियों में भी इजाफा किया गया है. अब 1 जनवरी से लेकर 5 जनवरी तक ठंड की छुट्टी घोषित की गई है.

जिले के हिसाब से 5 दिन की अतिरिक्त छुट्टी निर्धारित की गयी है. इसका फैसला जिला प्रशासन स्थानीय पर्व और त्योहारों को देखकर लेगा. शुक्रवार को गुड फ्राइडे है और इसलिए झारखंड के तमाम शिक्षण संस्थान बंद रहेंगे.

मर्डर केस की सजा काट रहे झामुमो के पूर्व विधायक पौलुस सुरीन को हाईकोर्ट ने औपबंधिक जमानत देने से किया इनकार

मर्डर केस की सजा काट रहे झामुमो के पूर्व विधायक पौलुस सुरीन को हाईकोर्ट ने औपबंधिक जमानत देने से इनकार कर दिया है.

पूर्व विधायक ने भतीजे की मौत पर श्राद्धकर्म में शामिल होने के लिए 15 दिन की औपबंधिक जमानत के लिए हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी लेकिन गुरुवार को इस पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने पौलुस सुरीन को जमानत देने से इनकार कर दिया.

गौरतलब है कि झामुमो के पूर्व विधायक पर वर्ष 2013 में पुलिस के मुखबिर भूषण कुमार सिंह और राम गोविंद की हत्या में संलिप्त होने का आरोप है. इस केस में अप्रैल 2024 में रांची की निचली अदालत ने पौलुस सुरीन के साथ जेठा कच्छप को भी दोषी करार दिया था.

दोनों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. पौलुस सुरीन ने सजा के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की थी जिसकी सुनवाई लंबित है.

सांसद ढुलु माहतो के मांगों पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का जवाब पत्र

सड़क और पुल निर्माण को लेकर संबधित अधिकारियों को दिए गए निर्देश


धनबाद । सांसद ढुलू महतो द्वारा सड़क और यातायात समस्याओं के समाधान हेतु दिनांक 26 मार्च 2025 को केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी को भेजे गए पत्र का त्वरित सकारात्मक जवाब मिला है नितिन गडकरी ने 09 अप्रैल 2025 को पत्र जारी कर आश्वासन दिया कि संबंधित परियोजनाओं पर कार्यवाही के लिए अधिकारियों को निर्देशित कर दिया गया है!

ढुलू महतो द्वारा उठाए गए मुख्य मुद्दे निम्नलिखित थे

 पोखरिया से साहेबगंज तक ADB (एशियन विकास बैंक) द्वारा निर्मित 265 किमी सड़क के चार लेन में विस्तारीकरण की माँग, जिससे क्षेत्र के लोगों को आवागमन की बेहतर सुविधा मिल सके!

एनएच-114 ए (गोविंदपुर से गिरिडीह) के 55 किमी खंड को चार लेन में बनाने की माँग, जिससे यातायात में सुगमता आए

 एनएच-32 के राजगंज-चास खंड में स्थित दो रेलवे क्रॉसिंग – लिलौरी और सोनारडीह – पर फ्लाईओवर निर्माण की माँग, जिससे लोगों को जाम से राहत मिले!

इन सभी मांगों को गंभीरता से लेते हुए केंद्रीय मंत्री श्री गडकरी ने संबंधित अधिकारियों को आवश्यक कार्यवाही करने हेतु पत्र प्रेषित किया है!

सांसद ढुलू महतो ने इस त्वरित प्रतिक्रिया के लिए केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी का आभार व्यक्त किया है और कहा कि वे धनबाद के विकास हेतु निरंतर प्रयासरत रहेंगे उन्होंने विश्वास जताया कि इन परियोजनाओं से क्षेत्र की आधारभूत संरचना को मजबूती मिलेगी और जनता को सीधा लाभ पहुँचेगा सांसद ने कहा की मुझे उम्मीद है जल्द ही ये परियोजनाएं धरातल पर होंगे!

धनबाद के सिंदरी में हर्ल फैक्ट्री से अमोनिया गैस का रिसाव, लोगों ने जताई चिंता

धनबाद : सिंदरी हर्ल फैक्ट्री से अमोनिया गैस रिसाव से लोगों की परेशानी बढ़ गई है. आंखों में जलन होने लगी है और सांस लेने में भी दिक्कत होने लगी है. अमोनिया गैस रिसाव से लोग भयभीत हैं. लोग अपने स्वास्थ्य और भावी जीवन को लेकर चिंतित हैं.

सिंदरी चैंबर ऑफ कॉमर्स के दीपक कुमार दीपू ने बताया कि सुबह बाजार से घर लौट रहे थे. इसी दौरान आंखों में जलन और सांस लेने में दिक्कत होने लगी. जिसके बाद उन्हें अमोनिया गैस रिसाव का संदेह हुआ. मैंने अलग-अलग इलाकों में रहने वाले अपने अन्य साथियों से फोन पर संपर्क किया. साथियों ने भी आंखों में जलन होने की बात स्वीकार की. जिसके बाद मामले की जानकारी सीओ और डीसी को दी गई.

वहीं, उन्होंने हर्ल के जीएम मंजी से मामले को लेकर बात की और सच्चाई जाननी चाही. जीएम मंजी ने बताया कि पिछले दो दिनों से हर्ल फैक्ट्री बंद है. उत्पादन पूरी तरह बंद है. फैक्ट्री में मेंटेनेंस का काम चल रहा है. मेंटेनेंस के दौरान पाइप की मरम्मत करते समय कुछ अमोनिया लीक हो गया है.

दीपक कुमार दीपू का कहना है कि जब ऐसी आशंका थी तो हर्ल को पहले ही इसकी जानकारी आम लोगों को देनी चाहिए थी. जिला प्रशासन को भी मामले की जानकारी देनी चाहिए थी. हर्ल द्वारा जिला प्रशासन को लोगों के साथ जानकारी साझा करनी चाहिए थी कि लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है. लेकिन ऐसा करने के बजाय हर्ल मनमानी कर रहा है. उन्होंने कहा कि जब अमोनिया गैस लीक होती है तो सबसे पहले जमीन पर बैठती है. उसके बाद छह फीट ऊपर तक उठती है. अगर ऐसा हुआ तो लोगों का सांस लेना मुश्किल हो जाएगा. फिर तो भगवान ही लोगों का मालिक है.

हर्ल के एचआर विक्रांत कुमार ने बातचीत में कहा कि पिछले दो दिनों से फैक्ट्री बंद है. उत्पादन पूरी तरह बंद है. फैक्ट्री में मेंटेनेंस का काम चल रहा है. उन्होंने बताया कि बंद होने के बाद पाइप में गैस रह जाती है. मेंटेनेंस के दौरान पाइप से यह गैस लीक हुई है. लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है. डीसी को मामले की जानकारी दे दी गई है.

धनबाद के आईआईटी आईएसएम में टेक्नोलॉजी ट्रांसलेशन रिसर्च पार्क की मंजूरी, माइनिंग क्षेत्र में नए अवसरों का मार्ग प्रशस्त


धनबाद : आईआईटी आईएसएम धनबाद में टेक्नोलॉजी ट्रांसलेशन रिसर्च पार्क की मंजूरी मिली है. जानकारों के अनुसार इससे माइनिंग क्षेत्र में क्रांति आएगी। आईएसएम को केंद्रीय विज्ञान व प्रद्योगिकी मंत्रालय भारत सरकार ने मंजूरी दे दी है. वहीं आईआईटी कानपुर में साइबर सुरक्षा, आईआईएससी में रोबोटिक्स और ऑटोनोमस नेविगेशन, आईआईटी इंदौर में हेल्थकेयर साथ ही आईएसएम धनबाद माइनिंग शामिल है।

टेक्नोलॉजी ट्रांसलेशन माइनिंग सेक्टर के लिए टेक्नोलॉजी के आविष्कार के साथ उसके कॉमर्शियल पर भी काम करेगा. टेक्नोलॉजी ट्रांसलेशन रिसर्च पार्क बनने के बाद भारत किस तरह से विकास की ओर अग्रसर होगा इस संबंध में आईआईटी आईएसएम के डिप्टी डायरेक्टर प्रो. धीरज कुमार ने जानकारी दी.आईएसएम के डिप्टी डायरेक्टर ने दी जानकारी। आईआईटी आईएसएम के डिप्टी डायरेक्टर प्रो. धीरज कुमार ने कहा कि गवर्नमेंट ऑफ इंडिया में मिनिस्ट्री ऑफ साइंस एंड टेक्नोलोजी एक विंग है. चार साल पहले देश के 50 शीर्ष तकनीकी संस्थानों को टेक्नोलॉजी इनोवेशन हब के निर्माण के लिए शामिल किया गया था.

भारत सरकार के अलग-अलग मंत्रालय इसमें शामिल थे. इसके तहत आईओटी, एल/एमएल, ब्लॉकचेन को प्रमोट करना था. जिसमें आईआईटी आईएसएम ने भी अप्लाई किया था. जिसमें 25 हब देश के शीर्ष टेक्नोलॉजी संस्थान में स्थापना की गई. इसमें आईआईटी आईएसएम को भी एक हब मिला. उस हब का नाम दिया गया टेक्नोलॉजी इनोवेशन हब इन माइनिंग.यह जानकारी आईआईटी आईएसएम के डिप्टी डायरेक्टर प्रो. धीरज कुमार और टेक्समिन के सीइओ सूरज प्रकाश ने दी है।

टेक्समिन बनी लेवल ए की कंपनी

प्रो. धीरज कुमार ने कहा कि पूर्व से ही माइनिंग में हम अच्छा काम करते आ रहे हैं. हमारा परफार्मेंस पहले से ही अच्छा था. उसके बाद हमने इसे सिक्स मेड कंपनी में कनवर्ट किया. जिसका नाम दिया गया टेक्समिन. हमें स्टार्टअप और इनोवेशन के लिए टारगेट भी दिए गए हैं. हमने सभी पैरामीटर पर बहुत अच्छा कार्य किया. एक रिव्यू कमेटी का भी दौरा हुआ. सरकार का आदेश है कि ग्रेटर फंडिंग के तहत कुछ हब को और भी डेवलप करना है. इस हब को कॉमर्शियल और टेक्नोलॉजी के मामले में अधिक मजबूत बनाने के लिए इसे बढ़ाने की जरूरत है. जिसमें 12 हब को शामिल किया गया. जिसमें आईएसएम ने माइनिंग को लीड करने के लिए रिप्रेजेंट किया. जिसमें से 4 को प्रमोट करने का फैसला लिया है. टेक्नोलॉजी ट्रांसलेशनल रिसर्च पार्क के लिए आईएसएम को मंजूरी मिली है. इसके साथ ही हमारी टेक्समिन लेवल ए की कंपनी बन गई है. देश के शीर्ष आईआईटी में माइनिंग में हम टॉप में आए हैं.

टेक्नोलॉजी को बनाया जाएगा कॉमर्शियल

प्रो. धीरज कुमार ने बताया कि अभी तक हम टेक्समिन के तहत स्टार्टअप इनोवेशन इको सिस्टम को लीड कर रहे थे. अब हमें इसके द्वारा टेक्नोलॉजी को ट्रांसलेट कराना है. मतलब टेक्नोलॉजी को कॉमर्शियल बनाना है. टेक्नोलॉजी को पड़े पैमाने पर ले जाना है. स्टार्टअप को एक बड़ी कंपनी बनाना है. माइनिंग के लिए हमें टेक्नोलॉजी के लिए दूसरे देशों पर निर्भर रहना पड़ता है. हम दूसरे देशों से इंपोर्ट करते हैं. इस इंपोर्ट को हमें कम करना है. सेफ माइनिंग के साथ ही क्रिटिकल मिनरल पर भी काम करना है. भारत सरकार का क्रिटिकल मिनरल में 25 हजार करोड़ निवेश करने का प्लान है. इसमें भी यह मील का पत्थर साबित होगा. कोल इंडिया, डीजीएमएस और कई कंपनियां हमारे साथ पहले से ही है. विदेशी कंपनियों को भी हम साथ में ले रहे हैं. उन्होंने कहा कि आज हम आत्मनिर्भर भारत की बात कर रहे हैं. जब हम विकसित भारत बनेंगे, तो हमें एनर्जी की ज्यादा जरूरत पड़ेगी. देश में कोयला का भंडार है. अभी हाल में ही 1 बिलियन टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य प्राप्त किया है. लेकिन इसके बावजूद कोयले का इंपोर्ट नहीं घट पा रहा है. हमारे पास टेक्नोलॉजी की कमी है या पर्याप्त नहीं है.

सेफ और सस्टेनेबल माइनिंग पर फोकस

उन्होंने कहा कि वर्तमान में जो टेक्नोलॉजी हम लगा रहे हैं, वह काफी नहीं है. माइनिंग में अभी भी हादसे हो रहे हैं. जिसमें लोग अपनी जान तक गंवा रहे हैं. सेफ और सस्टेनेबल माइनिंग की जरूरत है. क्रिटिकल मिनरल के लिए पूरी दुनिया में लड़ाई चल रही है. क्रिटिकल मिनरल काफी महत्वपूर्ण है. क्रिटिकल मिनरल को एक्सप्लोर करने के लिए हमें एक बेहतर टेक्नोलॉजी की जरूरत है. मेटल की रिसाइक्लिंग भी जरूरी है. जैसे मेटल से रिसाइक्लिंग कर मेटल निकालना. इस प्रोसेस के लिए भी बात चल रही है. इसके लिए हम आगे बढ़कर काम कर सकेंगे. यह हमारे देश के लिए वरदान साबित होगा.

माइनिंग का मैन्यूफैक्चरिंग हब बनेगा भारत

प्रो धीरज कुमार ने कहा कि अभी तक माइनिंग में स्टार्टअप का झुकाव नहीं है. माइनिंग का मैन्यूफैक्चरिंग हब भारत में नहीं है. हमें माइनिंग की मैन्यूफैक्चरिंग हब सेटअप करने की जरूरत है. जब हमारे देश में माइनिंग हब सेटअप होगा विदेशी कंपनियां हमारे देश आएंगी. विदेशी कंपनियां हमारे यहां इनवेस्टमेंट करेगी. ब्राजील की एक कंपनी के साथ आईएसएम ने एक एग्रीमेंट साइन भी किया है. चिले में भी क्रिटिकल मिनरल का भंडार है. लिथियम, रेनियम, मोलिब्डेनम जैसे कई क्रिटिकल मिनरल के भंडार चिले में हैं. चिले को हम क्रिटिकल मिनरल की माइनिंग के लिए सर्विस प्रोवाइड कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि चिले के प्रेसिडेंट भी आईएसएम आए थे. चिले में जाकर उन्हें हम अपनी सर्विस प्रोवाइड कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि हमारे देश का फोकस ही हो गया है कि इस तरह की एक्टिविटी में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें. हम दूसरे देशों के जाकर वहां के क्रिटिकल मिनरल को माइनिंग करने में मदद करें. हमारा देश ‘वसुधैव कुटुंबकम’में विश्वास करता है. हम दूसरे देशों की भी मदद करना चाहते हैं. दूसरे देशों की जरूरतों को पूरा करने में हम मदद करेंगे. साथ ही हम देश की जरूरतों को पूरा करेंगे.

क्रिटिकल मिनरल की माइनिंग डील की शुरुआत

प्रो, धीरज ने कहा कि पूरा विश्व चाइना प्लस की बात कर रहा है. चाइना के पास क्रिटिकल मिनरल का भंडार नहीं है, लेकिन क्रिटिकल मिनरल की एक्सपोर्ट और इंपोर्ट की इको सिस्टम है. चाइना सिर्फ क्रिटिकल मिनरल का एक्सपोर्टर है. आखिर वह कहां से चाइना एक्सपोर्ट कर रहा. जबकि उसके पास भंडार नहीं है. इसका मतलब है कि दूसरे देश साउथ एशिया, साउथ अफ्रीकन जैसे देश चाइना जा रहे हैं और वहां से क्रिटिकल मिनरल की माइनिंग डील कर रहे हैं. ऐसे में भारत क्यों नहीं कर सकता है. हमने भी इसकी शुरुआत की है. लेकिन इसकी शुरुआत करने के पहले हमारे पास कई चुनौतियां हैं. जैसे टेक्नोलॉजी, टेक्निशीयन, मैनपावर और इनोवेशन की जरूरत है. यह सब आखिर कौन प्रोवाइड करेगा. इन्हीं सब चीजों को देखते हुए टैक्सीमन की स्थापना की गई है. अब टेक्समीन एक छलांग लगा चुका है. हम ए ग्रेड की कंपनी बन चुके हैं.

क्या है टेक्समिन

टेक्समिन का अर्थ है खनिज अन्वेषण और खनन में प्रौद्योगिकी नवाचार) आईएसएम में इसकी स्थापना इनोवेशन हब के रूप में की गई है. खनन उद्योग में नवीनतम तकनीकों को अपनाने और बढ़ावा देना ही इसका मकसद है. प्रो. धीरज कुमार ने बताया कि सिक्स मेड कंपनी है. वह शेयर होल्डर इंडस्ट्री पार्टनर हैं. टेक्समीन को आईआईटी आईएसएम लीड कर रही है. सीईओ ने दी जानकारी। वहीं टेक्समिन के सीइओ सूरज प्रकाश ने बताया कि यहां हम माइनिंग एंड एक्सप्लोरेशन रिलेटेड बात करते हैं. कोई भी रिसर्चर, स्टार्टअप मेक इन इंडिया के तहत टेक्नोलॉजी डेवलप कर अपनी पहचान बना सकते हैं. फंडिंग, नॉन फंडिंग हर तरह की स्कीम हमलोग टेक्समीन में बनाते हैं. माइनिंग क्षेत्र में किसी भी तरह की कठिनाई आने पर हमसे सीधे जुड़ सकते हैं. हर तरह की सहायता उन्हें टेक्समीन के माध्यम से मिल सकेगी. टेक्समीन माइनिंग टेक्नोलॉजी का एक इनोवेशन हब है.

झारखंड में JPSC घोटाले का मामला : कई आरोपी और अफसऱ की होगी पेशी,CBI के जाँच में हुआ कई खुलासा

रांची : सेकेंड जेपीएससी घोटाले में चार्जशीटेड आरोपियों की पेशी आज सीबीआई की विशेष अदालत में होगी। कोर्ट ने सभी आरोपियों को समन भेजकर इस तारीख को हाजिर होने का निर्देश दिया है।

सीबीआई की जांच में सामने आया कि उस समय के जेपीएससी सदस्य और कोऑर्डिनेटर के कहने पर 12 उम्मीदवारों के अंक बढ़ाए गए थे। इतना ही नहीं, कुछ अभ्यर्थियों की कॉपियों में छेड़छाड़ करके भी नंबर बढ़ाए गए। इंटरव्यू में भी उम्मीदवारों को वास्तविक से ज्यादा अंक दिए गए। जांच के लिए कॉपियों को गुजरात की फोरेंसिक लैब में भेजा गया था।

70 लोगों के खिलाफ केस, कई अब अफसर  

सीबीआई ने इस मामले में जेपीएससी के पूर्व अध्यक्ष दिलीप प्रसाद समेत कुल 70 लोगों को आरोपी बनाया है। इनमें से कई आरोपी इस समय ऊंचे पदों पर हैं और कुछ तो डीएसपी से प्रमोट होकर जिले की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।

इस घोटाले की प्राथमिकी सीबीआई ने 7 जुलाई 2012 को दर्ज की थी। झारखंड हाईकोर्ट के आदेश पर जांच शुरू हुई थी। करीब 12 साल की लंबी जांच के बाद आखिरकार 26 नवंबर को सीबीआई ने विशेष कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी।

आईपीएल 2025 का 30वां मुकाबला में एमएस धोनी ने जीता 18 वां प्लेयर ऑफ द मैच का अवार्ड

झा. डेस्क

झारखण्ड के क्रिकेटर महेंद्र सिंह धौनी IPL 2025 में कीर्तिमान स्थापित करते हुए फिर एक बाऱ 

फिर प्लेयर ऑफ द मैच अवार्ड जीता है.

  

आईपीएल 2025 का 30वां मुकाबला बीते 14 अप्रैल को लखनऊ सुपर जायंट्स और चेन्नई सुपर किंग्स के बीच लखनऊ स्थित भारत रत्न श्री अटल बिहारी वाजपेयी इकाना क्रिकेट स्टेडियम में खेला गया. जहां चेन्नई की टीम आखिरी ओवरों में एमएस धोनी के आतिशी बल्लेबाजी के बदौलत तीन गेंद शेष रहते पांच विकेट से जीत हासिल करने में कामयाब रही.

एमएस धोनी का ये आईपीएल में 18वां प्लेयर ऑफ द मैच अवार्ड है. 2008 में जब उन्होंने पहली बार ये अवार्ड जीता था तब उनकी उम्र 25 साल थी. इससे पहले आखिरी बार उन्हें 2019 में ये अवार्ड दिया गया था, तब उनकी उम्र 37 साल थी. ये अवॉर्ड पाने वाले दुनिया के पहले खिलाड़ी बने।

इतनी हो गई धौनी की उम्र

मैच के दौरान माही ने एक बड़ी उपलब्धि भी हासिल की. वह आईपीएल के इतिहास में ‘मैन ऑफ द मैच’ का पुरस्कार पाने वाले सबसे उम्रदराज खिलाड़ी बन गए हैं. धोनी की मौजूदा उम्र 43 साल और 282 दिन है.

धोनी का आईपीएल करियर 

महेंद्र सिंह धोनी ने IPL में अब तक कुल 271 मुकाबलों में हिस्सा लिया है. इस बीच 236 पारियों में 39.22 की औसत से वह 5373 रन बनाने में कामयाब हुए हैं.

अबतक IPL में उनके नाम 24 अर्धशतक दर्ज है. यहां उनकी व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजी प्रदर्शन 84 रनों की है. आईपीएल में धोनी के बल्ले से क्रिकेट प्रेमियों को अबतक 373 चौके और 260 छक्के देखने को मिले हैं.

स्वास्थ्य मंत्री अचानक पहुंचे धनबाद सदर अस्पताल, 26 डॉक्टरों में 3 डॉक्टर हीं मिले ड्यूटी पर, सभी प्राइवेट प्रैक्टिस में बीजी


धनबाद : राज्य के स्वास्थ्य मंत्री नायक फिल्म के किरदार अनिल कपूर की भूमिका में नजर आए। औचक निरीक्षण में सदर अस्पताल पहुंचे स्वास्थ्य मंत्री की देखकर अधिकारियों के हाथ पांव फूल गए। अस्पताल की व्यवस्था देख कर कई कड़े निर्देश सदर अस्पताल से ही जारी कर दिए। जिसके बाद विभाग में हड़कंप मच गया।

झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी स्वास्थ्य सुविधा को बेहतर करने का दावा करते हो लेकिन धरातल में स्थिति एकदम अलग है. चिकित्सक निजी प्रैक्टिस करने में मशगूल रहते हैं और उनका बचाव उनके बड़े अधिकारी करते हैं।

ऐसा ही एक नजारा सदर अस्पताल में देखने को मिला।साथ ही जिस तरह से जिले के सिविल सर्जन और सदर अस्पताल के नोडल अफसर ने ड्यूटी से गायब चिकित्सक और व्यवस्था का बचाव किया उससे सबकी मिलीभगत से इनकार नहीं किया जा सकता।

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी अचानक जिला सदर अस्पताल पहुंचे. उन्होंने सदर अस्पताल का निरीक्षण किया और सभी खामियों को अविलंब दूर करने के निर्देश दिए. सभी डॉक्टर पर निजी प्रैक्टिस करने का आरोप लगाया। हाल के दिनों में ही स्वास्थ्य मंत्री ने धनबाद की मेडिकल हब बनाने की घोषणा की थी।ऐसी व्यवस्था देख उन्होंने कहा कि यहां की हालत खूंटी जिले से काफी खराब है।

ड्यूटी से गायब मिले डॉक्टर

इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री के औचक निरीक्षण में गायनी विभाग के रजिस्टर का अवलोकन किया. जब स्वास्थ्य मंत्री निरीक्षण कर रहे थे तब गायनी विभाग के डॉक्टर ड्यूटी से गायब मिले. उन्होंने शौचालय के सामने महिला मरीज को बेड देने पर अस्पताल प्रबंधक को फटकार लगाई.।

स्वास्थ्य मंत्री ने ऑन ड्यूटी डॉक्टर को लगाया फोन

सदर अस्पताल से ही स्वास्थ्य मंत्री ने गायनी विभाग के गायब ऑन ड्यूटी डॉक्टर की फोन लगाया। महिला चिकित्सक ने कहा कि मैं ऑन कॉल हूं।जिसपर स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी भड़क उठे और कहा कि आपके बदले यहां कौन ड्यूटी पर है। जिसका जवाब संतोषप्रद नहीं मिलने पर सिविल सर्जन पर भड़क उठे और कहा कि मरीज के आने के बाद डॉक्टर फोन करने पर आयेगा क्या?

26 में से 2- 3 डॉक्टर ही मिले

स्वास्थ्य मंत्री ने सभी डॉक्टर को बुलाने की कहा पर सभी डॉक्टर गायब होने के वजह से उनके सामने नहीं आ सके।अस्पताल में कार्यरत 26 डॉक्टर में 2 से 3 डॉक्टर ही ड्यूटी पर उपस्थित पाए गये. इसे लेकर स्वास्थ्य मंत्री ने सिविल सर्जन को सभी की सूची उपलब्ध कराने का निर्देश दिया.

सभी करते है प्राइवेट प्रैक्टिस

उन्होंने अस्पताल के नदारद डॉक्टरों पर निजी अस्पताल संचालन करने का आरोप लगाया और अस्पताल की व्यवस्था बिगाड़ने के लिए गायब चिकित्सकों को जिम्मेदार ठहराया. सदर अस्पताल की लचर व्यवस्था को देखकर मौके पर स्वास्थ्य मंत्री भड़क उठे. उन्होंने मौके पर ही सिविल सर्जन को फटकार लगाते हुए कार्यशैली में सुधार करने के निर्देश दिए.

स्वास्थ्य मंत्री ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि सदर अस्पताल की स्वास्थ्य सुविधा बहुत खराब है, निरीक्षण में खामियां मिली है. वह खुद स्वास्थ्य मंत्री हैं लेकिन उन्होंने स्वीकार किया है कि सदर अस्पताल में व्यवस्था अच्छी नहीं है.बेडशीट से लेकर साफ सफाई की गुणवत्ता बहुत खराब है।

स्वास्थ्य मंत्री ने जिले के अनुभवी सिविल सर्जन को कार्यशैली ठीक करने के निर्देश दिए हैं. इस दौरान उन्होंने नदारद रहने वाले सभी डॉक्टरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के संकेत दिए हैं. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि जो डॉक्टर निजी अस्पतालों का संचालन कर रहे हैं, उन सभी का तबादला करेंगे.

स्वास्थ्य सेवा में किसी भी प्रकार की कोताही को बर्दाश्त नहीं की जाएगी.भवन का नक्शा की बात करने पर भी स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि जब मै निरीक्षण कर रहा हूं तो आप नक्शा की बात कर रहे।रांची में मुलाकात के बात इस तरह की बात तो आपने नहीं की।

धनबाद: स्वर्गीय कामरेड गुरुदास चटर्जी के शहादत दिवस पर उमड़े लोगों की भीड़, दी गयी श्रद्धांजलि

धनबाद: स्वर्गीय कामरेड गुरुदास चटर्जी के शहादत दिवस पर सोमवार 14 अप्रेल को हजारों की संख्या में कार्यकर्ता मोटरसाईकिल, कार, टेम्पू व बस के माध्यम से देवली के लिए विधायक अरुप चटर्जी के नेतृत्व में पहुंचे इसके पूर्व विधायक अरुप चटर्जी ने मुग़मा पार्टी आफिस, निरसा पार्टी आफिस में शहीद कामरेड गुरुदास चटर्जी के तस्वीर पर माल्यार्पण की गयी। 

उसके बाद सभी कार्यकर्ताओं ने पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। रैली के दौरान सभी कार्यकर्ता माथे पर भाकपा माले की पट्टी बांधे हुए गुरुदास चटर्जी अमर रहे के नारे लगाते हुए निकल पड़े।

इस दौरान विधायक अरुप चटर्जी ने कहा की स्वर्गीय कामरेड गुरुदास चटर्जी का 25 वां शहादत दिवस मनाया जा रहा है। 25 साल पहले ज़ब धनबाद से पार्टी का मीटिंग कर वापस लौट रहे थे। तभी देवली में भु माफियाओं द्वारा गोली मारकर उनकी हत्या कर दी गई थी। अपने चहेते नेता को श्रद्धांजलि देने के लिए शहादत स्थल में लगभग 20 से 25 हजार कार्यकर्ताओं जुटान है। हमलोग उनके बताये गए मार्ग पर चल रहे है आगे भी चलते रहेंगे।

झारखंड में अब शराब होंगे महंगे,पॉपुलर ब्रांड्स की कीमतों में भारी बढ़ोतरी

झारखंड सरकार ने राज्य में शराब के पॉपुलर ब्रांड्स की कीमतों में भारी बढ़ोतरी का फैसला लिया है। रॉयल स्टैग, रॉयल चैलेंज, ब्लेंडर्स प्राइड, सिग्नेचर जैसे ब्रांड्स की कीमतों में अब 10 रुपये से लेकर 60 रुपये तक की वृद्धि देखने को मिलेगी।

उत्पाद शुल्क विभाग ने नई संशोधित दरों की अधिसूचना जारी कर दी है, जिसे मंत्रिपरिषद की मंजूरी मिलते ही लागू किया जाएगा। इस कदम का असर शराब की बिक्री से होने वाले राजस्व पर सकारात्मक रूप से पड़ने की उम्मीद है।

देशी शराब को मिलेगा बढ़ावा, महुआ से बनेगी सस्ती शराब

राज्य सरकार देशी शराब को बढ़ावा देने की दिशा में भी बड़ा कदम उठा रही है। अब महुआ से निर्मित देशी शराब को विकल्प के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा। विदेशी शराब की तुलना में यह देशी शराब काफी सस्ती होगी, जिसकी कीमतें 10 से 25 रुपये तक तय की गई हैं।

विभाग का मानना है कि इससे महुआ शराब के पारंपरिक कारीगरों को रोजगार मिलेगा और राज्य को राजस्व में भी बढ़ोत्तरी होगी। अनुमान है कि 2024-25 तक देशी शराब की खपत बढ़कर 14.79 लाख एलपीई से अधिक हो जाएगी, जबकि 2019-20 में यह आंकड़ा केवल 1.16 लाख एलपीई था।

विदेशी शराब पर भी बदलाव, बाहर से आयातित ब्रांड होंगे सस्ते

दूसरी ओर, विदेश में बनी विदेशी शराब (IMFL) अब राज्य में सस्ती मिलेगी। सरकार ने इसकी कीमतों में 1000 रुपये से 8000 रुपये तक की कटौती का प्रस्ताव रखा है, जिससे उपभोक्ताओं को उच्च गुणवत्ता वाली शराब कम कीमत पर मिल सकेगी।

इस फैसले से झारखंड में रॉयल ग्रीन, सैम्पसन, सायना जैसे किफायती ब्रांड्स की मांग बढ़ सकती है, क्योंकि अब इनकी कीमतें सीधे आम उपभोक्ताओं के बजट में आएंगी।

390 ब्रांड्स की दरों में बढ़ोतरी, 149 ब्रांड्स में 26% तक उछाल

राज्य में कुल 562 शराब ब्रांड्स उपलब्ध हैं, जिनमें से 390 ब्रांड्स (करीब 69%) की कीमतें बढ़ाई गई हैं। वहीं, 149 ब्रांड्स की कीमतों में 26% तक की वृद्धि हुई है। इनमें अधिकतर मिड-सेगमेंट और प्रीमियम ब्रांड्स शामिल हैं, जैसे कि रॉयल स्टैग और ओल्ड मंक।

वहीं कुछ ब्रांड्स में मामूली वृद्धि करते हुए 10 से 25 रुपये की बढ़ोत्तरी की गई है, जिससे आम उपभोक्ताओं पर ज्यादा बोझ न पड़े।

राज्य को मिलेगा 1300 करोड़ का अतिरिक्त राजस्व

उत्पाद विभाग ने अनुमान लगाया है कि नई दरों के लागू होने से राज्य को लगभग 1300 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त हो सकता है। इससे राज्य सरकार को सामाजिक योजनाओं और बुनियादी ढांचे के विकास में आर्थिक मजबूती मिलेगी।

उम्मीद की जा रही है कि इससे शराब कारोबार को और अधिक संगठित और लाभकारी बनाया जा सकेगा।

झारखंड में शराब की कीमतों में बदलाव केवल कीमतों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सरकार की नीति और राजस्व में वृद्धि की दिशा में एक बड़ा कदम है। देशी शराब को बढ़ावा देना और विदेशी शराब की कीमतों को तर्कसंगत बनाना, राज्य की आर्थिक रणनीति में अहम भूमिका निभाएगा।