कौन होगा भाजपा का अगला राष्ट्रीय अध्यक्ष? 20 अप्रैल के बाद हो सकता है ऐलान
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बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव 20 अप्रैल के बाद हो सकता है। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों के पार्टी अध्यक्षों के नाम भी कुछ दिनों में घोषित किए जा सकते हैं। बीजेपी संगठन चुनाव के मद्देनजर प्रधानमंत्री आवास पर बुधवार को बैठक हुई। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और बीजेपी के राष्ट्रीय संगठन मंत्री बीएल संतोष मौजूद रहे। प्रधानमंत्री मोदी की अगुवाई में हुई इस बैठक में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव को लेकर भी चर्चा हुई।
20 अप्रैल के बाद शुरू होगी चुनावी प्रक्रिया
सूत्रों के मुताबिक एक हफ्ते के भीतर पार्टी अध्यक्ष के चुनाव की घोषणा हो सकती है। बैठक में कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों के अध्यक्षों के नामों पर चर्चा हुई है। अगले दो-तीन दिनों में करीब आधा दर्जन राज्यों के अध्यक्षों की घोषणा हो सकती है। इसके बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष की चुनाव प्रक्रिया 20 अप्रैल के बाद कभी भी शुरू हो सकती है।
राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव में क्यों देरी?
जेपी नड्डा जनवरी, 2020 से राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में काम कर रहे हैं। पार्टी संविधान के मुताबिक उनका कार्यकाल जनवरी, 2023 में खत्म हो गया, लेकिन लोकसभा चुनाव समेत कई बड़े चुनावों के मद्देनजर उनका कार्यकाल आगे बढ़ा दिया गया। उनका कार्यकाल जून 2024 तक बढ़ाया गया था, ताकि वे लोकसभा चुनाव तक काम कर सकें। अध्यक्ष पद का चुनाव फरवरी 2025 तक पूरा होना था, लेकिन हरियाणा, महाराष्ट्र, झारखंड और दिल्ली के राज्य चुनावों के कारण इसमें देरी हो गई।
आधा दर्जन प्रदेश अध्यक्षों के नामों की घोषणा
सूत्रों का कहना है कि बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के साथ ही उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों के बीजेपी प्रदेश अध्यक्षों के नामों पर भी चर्चा की गई। अगले 2 से 3 दिन में आधा दर्जन प्रदेश अध्यक्षों के नामों की घोषणा की जा सकती है। पश्चिम बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इसलिए बीजेपी एक नए राज्य अध्यक्ष और नई टीम की तलाश में है, जो चुनाव से पहले जिम्मेदारी संभाल सके।
युवा चेहरों को मिल सकता है मौका
पार्टी सूत्रों का कहना है कि बीजेपी एक युवा टीम बनाना चाहती है। इसलिए कुछ महासचिवों को बदला जा सकता है और उनकी जगह युवा चेहरों को मौका मिल सकता है। पार्टी भविष्य को ध्यान में रखते हुए यह बदलाव कर रही है। इसका मतलब है कि बीजेपी में युवाओं को आगे लाने की तैयारी है। पार्टी चाहती है कि युवा नेता आगे आएं और पार्टी को नई दिशा दें। यह बदलाव बीजेपी को भविष्य के लिए तैयार करने में मदद करेगा
Apr 17 2025, 11:27