गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से ही बनेगा ट्रिलियन डॉलर यूपी: शिक्षा मंत्री"
लखनऊ। उत्तर प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के संकल्प के तहत माध्यमिक शिक्षा विभाग राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता, ढांचागत सुधार और रोजगारपरक शिक्षा के लिए कई नए कदम उठा रहा है। इसी दिशा में शुक्रवार को माध्यमिक शिक्षा निदेशालय, लखनऊ में उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित की गई, जिसमें माध्यमिक शिक्षा मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गुलाब देवी ने व्यापक सुधारों की योजना प्रस्तुत की।
माध्यमिक शिक्षा सिर्फ एक शैक्षिक प्रक्रिया नहीं
बैठक को संबोधित करते हुए मंत्री गुलाब देवी ने कहा कि प्रदेश सरकार की प्राथमिकता प्रत्येक छात्र-छात्रा तक गुणवत्तापूर्ण माध्यमिक शिक्षा पहुंचाना है। उन्होंने कहा कि माध्यमिक शिक्षा सिर्फ एक शैक्षिक प्रक्रिया नहीं है, बल्कि यह प्रदेश की सामाजिक और आर्थिक उन्नति की आधारशिला भी है। 1 अप्रैल 2025 से आरंभ हुए नए शैक्षिक सत्र के साथ विभाग ने ठोस और लक्ष्य आधारित कार्ययोजना तैयार की है।
साप्ताहिक एवं मासिक समीक्षा सुनिश्चित की जाए
मंत्री ने मंडलीय एवं जनपदीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि विद्यालयों का निरीक्षण और अनुश्रवण गंभीरता से किया जाए। मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक स्तर से साप्ताहिक एवं मासिक समीक्षा सुनिश्चित की जाए, ताकि योजनाओं की प्रगति पर नजर रखी जा सके। विशेष नामांकन अभियान चलाकर ज्यादा से ज्यादा विद्यार्थियों को स्कूल से जोड़ने की बात भी उन्होंने कही। साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि कक्षा आठ पास कर चुके किसी भी बच्चे को माध्यमिक शिक्षा से वंचित नहीं रहने दिया जाए—इसके लिए बेसिक शिक्षा विभाग से समन्वय जरूरी है।
प्रदेश के 101 विद्यालयों में अटल टिंकरिंग लैब पहले ही स्थापित
राज्य सरकार अब राजकीय माध्यमिक विद्यालयों की अनुपयोगी भूमि का उपयोग नवाचारयुक्त ढांचों के निर्माण में करेगी, जैसे खेल के मैदान, मिनी स्टेडियम, डिजिटल पुस्तकालय, कौशल विकास केंद्र, ऑडिटोरियम और वेधशाला। प्रदेश के 101 विद्यालयों में अटल टिंकरिंग लैब पहले ही स्थापित की जा चुकी हैं और अन्य में यह कार्य चरणबद्ध ढंग से जारी है। इसके साथ ही 578 स्कूलों में आईसीटी लैब के माध्यम से विद्यार्थियों को डिजिटल साक्षरता से जोड़ा गया है।
315 स्कूलों में व्यावसायिक पाठ्यक्रम जोड़े गए
रोजगारोन्मुख शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए 635 विद्यालयों में व्यावसायिक शिक्षा संचालित की जा रही है। प्रोजेक्ट प्रवीण के अंतर्गत 315 स्कूलों में व्यावसायिक पाठ्यक्रम जोड़े गए हैं। राजकीय आईटीआई को स्किल हब के रूप में विकसित कर माध्यमिक विद्यालयों से जोड़ने की प्रक्रिया जारी है। गोरखपुर में कौशल प्रयोगशालाएं सुदृढ़ की गई हैं।
1236 विद्यालयों में स्मार्ट क्लास की स्थापना की जा रही
तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए 1236 विद्यालयों में स्मार्ट क्लास की स्थापना की जा रही है। विज्ञान शिक्षा को मजबूती देने के लिए पहले चरण में 303 स्कूलों में और दूसरे चरण में 18 विद्यालयों में विज्ञान प्रयोगशालाएं स्थापित की जा रही हैं। इसके अलावा, 488 स्कूलों में पुस्तकालय कक्षों के निर्माण की योजना पर भी कार्य प्रगति पर है।इस अवसर पर विशेष सचिव माध्यमिक शिक्षा के.के. गुप्ता, महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा, निदेशक माध्यमिक शिक्षा डॉ. महेंद्र देव, अपर शिक्षा निदेशक सुरेंद्र कुमार तिवारी, सचिव माध्यमिक शिक्षा परिषद भगवती सिंह सहित सभी मंडलों के संयुक्त एवं उप शिक्षा निदेशक उपस्थित रहे।
Apr 12 2025, 18:34