विजलेंस ने अयोध्या मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल ज्ञानेंद्र कुमार पर कसा शिकंजा, 450 करोड़ के भ्रष्टाचार के साक्ष्य मिले

लखनऊ। मुख्यमंत्री के आदेश पर अयोध्या मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल, ज्ञानेंद्र कुमार पर विजलेंस ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। विजलेंस ने अब उनकी तैनाती की अन्य जगहों की भी जांच शुरू कर दी है, जिसमें अयोध्या के अलावा झाँसी, मेरठ, आगरा और कन्नौज मेडिकल कॉलेज शामिल हैं। विजलेंस का मुख्य उद्देश्य यह पता लगाना है कि इन तैनातियों के दौरान ज्ञानेंद्र कुमार ने किस प्रकार से भ्रष्टाचार से संपत्ति बनाई है।

विजलेंस की जांच में कई चौकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। जानकारी के अनुसार, ज्ञानेंद्र कुमार ने इन सभी मेडिकल कॉलेजों में अवैध रूप से करोड़ों से लेकर अरबों की संपत्ति बनाई है, जिसे अब विजलेंस की टीम जुटा रही है। इसके अलावा, विजलेंस ने उनके वेतन और पदोन्नति का भी डेटा निकालना शुरू कर दिया है, ताकि यह स्पष्ट किया जा सके कि क्या उनकी तैनातियों के दौरान भ्रष्टाचार का कोई संबंध रहा है।

विशेष रूप से ध्यान देने योग्य है कि जिन फर्मों को ज्ञानेंद्र कुमार ने काम दिए, उन पर भी जांच शुरू की गई है। आरोप है कि उन्होंने अपनी तैनाती के दौरान कुछ चुनिंदा फर्मों को लगातार बड़े-बड़े टेंडर दिए। इसके अलावा, यह भी सामने आया है कि ज्ञानेंद्र कुमार अपनी पत्नी, बच्चों और करीबियों के नाम पर इन फर्मों के साथ पार्टनरशिप करके इन टेंडरों को जारी कर रहे थे।

जांच के दौरान यह भी पाया गया कि मैन पावर और सप्लाई का काम करने वाली एक फर्म, "हर्ष इंटरप्राइजेज", को ज्ञानेंद्र कुमार ने कई बार बड़े काम दिए। खास बात यह है कि हर तैनाती के दौरान ज्ञानेंद्र कुमार हर्ष इंटरप्राइजेज पर विशेष मेहरबानी करते थे। इस पर विजलेंस ने इस फर्म को भी अपनी जांच के दायरे में लिया है।

अब तक 450 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार के साक्ष्य मिल चुके हैं और एक आईपीएस अधिकारी की निगरानी में यह जांच चल रही है। विजलेंस की टीम से सूत्रों के अनुसार, जल्द ही इस मामले में और बड़े खुलासे हो सकते हैं।

Fire News:सरोजनी नगर के नूरपुर भादरसा में कबाड़ गोदाम में लगी aag, दमकल विभाग ने 5 घंटे की मशक्कत के बाद पाया काबू

लखनऊ । राजधानी के सरोजनीनगर में एक कबाड़ गोदाम में मंगलवार की सुबह भीषण आग लग गई। अाग की लपटे व धुआं देखकर आसपास रहने वाले लोगों में दहशत फैल गई। सूचना पर दमकल विभाग की कई गाड़ियां मौके पर पहुंचकर आग को बुझाने में जुट गई। कई घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया गया। आग बुझने के बाद लोगों ने राहत की सांस ली।

नूरपुर भादरसा क्षेत्र स्थित कबाड़ के गोमाद में लगी भीषण आग 

मुख्यअग्निशमन अधिकारी मंगेश कुमार ने बताया कि सरोजनी नगर फायर स्टेशन के कंट्रोल रूम को MDT माध्यम से एक आपातकालीन सूचना प्राप्त हुई, जिसमें कॉलर द्वारा बताया गया कि नूरपुर भादरसा क्षेत्र में स्थित एक कबाड़ के गोदाम में भीषण आग लग गई है। सूचना मिलते ही उनके निर्देशन में सरोजनी नगर फायर स्टेशन के प्रभारी अधिकारी सुमित प्रताप सिंह के नेतृत्व में तीन फायर टेंडर (संख्या 2945, 5725, 8717) मय यूनिट घटनास्थल के लिए रवाना हुए।

स्थानीय लोगों को सुरक्षित पहुंचने के बाद शुरू किया आग बुझाना 

घटनास्थल पर पहुंचने के बाद यूनिट ने पाया कि गोदाम के बेसमेंट, ग्राउंड फ्लोर और फर्स्ट फ्लोर में आग फैली हुई थी। गोदाम में बड़ी मात्रा में कबाड़ और गद्दे में उपयोग होने वाला फोम भरा हुआ था, जिससे आग भयावह रूप धारण कर चुकी थी। आग की तेज लपटें पूरे भवन को अपनी चपेट में ले चुकी थीं।गोदाम के पीछे मोहल्ले में लगभग 40-50 मजदूर निवास कर रहे थे। मौके पर वे स्वयं पहुंचकर बचाव कार्य की कमान संभाली। मुख्य अग्निशमन अधिकारी ने त्वरित निर्णय लेते हुए यूनिट के साथ मिलकर स्थानीय लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना शुरू किया। कुछ को कंधे का सहारा देकर, कुछ को पकड़कर और उनका सामान भी सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया।

अाग बुझाने में लगा चार से पांच घंटे 

आग की गंभीरता को देखते हुए और दमकल गाड़ियों की मांग की गई, जिसके फलस्वरूप एफएस गंज से एक फायर टेंडर (4253), एफएस आलमबाग से (0451) तथा एफएस पीजीआई से (0130) तत्काल घटनास्थल पर पहुंचे।लगभग 4 से 5 घंटे की अथक मेहनत और समन्वय के बाद दमकल कर्मियों ने आग पर पूरी तरह काबू पा लिया। सौभाग्यवश इस भीषण अग्निकांड में किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई।

बाद समाप्ति कार्य जानकारी प्राप्त हुई कि उक्त गोदाम वाहिद अली पुत्र गुलाम अली के स्वामित्व में है।फायर विभाग की तत्परता और समर्पण ने एक बड़ी दुर्घटना को टालने में निभाई अहम भूमिका।

यूपी में पहली पुलिस हैंडबॉल क्लस्टर प्रतियोगिता का भव्य आगाज, सीएम योगी ने किया उद्घाटन, देशभर की 75 टीमों के 1341 खिलाड़ी ले रहे हैं हिस्सा

लखनऊ। राजधानी के 35वीं वाहिनी पीएसी परिसर में सोमवार को उत्तर प्रदेश की पहली पुलिस हैंडबॉल क्लस्टर प्रतियोगिता 2024-25 का भव्य शुभारंभ हुआ। आयोजन का उद्घाटन प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुख्य अतिथि के रूप में किया। खेल भावना, अनुशासन और समन्वय को समर्पित इस आयोजन में पूरे देश से पुलिस बलों की टीमें हिस्सा ले रही हैं। इस राष्ट्रीय प्रतियोगिता में देश के 29 राज्यों और अर्धसैनिक बलों की कुल 75 टीमें भाग ले रही हैं। इनमें 1341 खिलाड़ी शामिल हैं।

हैंडबॉल में पुरुषों की 25 और महिलाओं की 12 टीमों ने भाग लिया है, जबकि बास्केटबॉल प्रतियोगिता में पुरुषों की 27 और महिलाओं की 11 टीमों ने हिस्सा लिया है। हैंडबॉल मुकाबले लखनऊ के 32वीं व 35वीं वाहिनी पीएसी, रिजर्व पुलिस लाइन और के.डी. सिंह बाबू स्टेडियम में आयोजित किए जा रहे हैं। वहीं, बास्केटबॉल के मुकाबले 35वीं वाहिनी पीएसी, भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) और ला मार्टिनियर गर्ल्स व बॉयज़ कॉलेज में हो रहे हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में कहा कि खेल केवल प्रतिस्पर्धा का माध्यम नहीं, बल्कि अनुशासन, सौहार्द और सामूहिकता की जीवंत अभिव्यक्ति है। उन्होंने उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा इस तरह के आयोजन को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि इससे बल की शारीरिक सुदृढ़ता के साथ मानसिक नवाचार को भी बढ़ावा मिलेगा। पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश ने अपने संबोधन में कहा कि मुख्यमंत्री की 'कुशल खिलाड़ी योजना' से प्रदेश ने खेल के क्षेत्र में नई पहचान बनाई है और खिलाड़ी राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि स्पोर्ट्स कंट्रोल बोर्ड के माध्यम से पुलिस बल में खेल संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए प्रशिक्षण शिविर और आधारभूत ढांचे को सुदृढ़ किया जा रहा है।

उन्होंने सभी प्रतिभागियों से खेल भावना के साथ खेलने की अपील करते हुए कहा कि यह प्रतियोगिता उनके लिए एक सशक्त मंच साबित होगी और उत्तर प्रदेश की यादें उन्हें हमेशा प्रेरित करती रहेंगी। इस अवसर पर प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद, अपर पुलिस महानिदेशक पीएसी सुजीत पांडेय, पुलिस महानिरीक्षक पीएसी मध्य जोन प्रितिंदर सिंह समेत कई वरिष्ठ अधिकारी, खेल संरक्षक, खिलाड़ी और मीडिया प्रतिनिधि उपस्थित रहे। आयोजन का माहौल पूरे समय जोश, उत्साह और अनुशासन से भरपूर रहा।

वक्फ संशोधन बिल के विरोध में सुमैया राणा को पुलिस का नोटिस, दस लाख के मुचलके की मांग

लखनऊ । वक्फ संशोधन विधेयक के विरोध में आवाज उठाना सुमैया राणा को भारी पड़ रहा है। नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ लखनऊ के घंटाघर धरने में सक्रिय रहीं मशहूर शायर मुनव्वर राना की बेटी और सामाजिक कार्यकर्ता सुमैया राणा को लखनऊ पुलिस ने दस लाख रुपये के मुचलके के साथ नोटिस भेजा है। यह नोटिस उन्हें वॉट्सऐप पर मिला, जिसे सुमैया ने असंवैधानिक बताते हुए कोर्ट में चुनौती देने की बात कही है।

सुमैया बोलीं- डरने वाली नहीं हूं

सुमैया राणा का कहना है कि वक्फ बिल का शांतिभंग से कोई लेना-देना नहीं, यह एक संविधान विरोधी कानून है, जिसका लोकतांत्रिक तरीके से विरोध करना उनका अधिकार है। उन्होंने साफ कहा कि "सरकार की किसी भी गलत नीति या संविधान विरोधी कदम से डरने वाली नहीं हूं। वक्फ संपत्तियों पर कब्जा करने की साजिश के खिलाफ मेरा संघर्ष जारी रहेगा।"

दो दिन पहले सुमैया को हाउस अरेस्ट किया गया था

गौरतलब है कि वक्फ संशोधन बिल का विरोध करने के मद्देनज़र दो दिन पहले सुमैया को हाउस अरेस्ट किया गया था। उनके आवास पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया, लेकिन सुमैया का आरोप है कि पुलिस के पास किसी प्रकार का लिखित आदेश नहीं था। उन्होंने इसे भी संविधान और लोकतंत्र के खिलाफ बताया।

उजमा परवीन को भी पुलिस की ओर से नोटिस भेजा गया

इसी तरह समाजवादी छात्रसभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष महेन्द्र यादव और सोशल एक्टिविस्ट उजमा परवीन को भी पुलिस की ओर से नोटिस भेजा गया है। महेन्द्र यादव ने कहा, "नोटबंदी, सीएए, एनआरसी, लॉकडाउन, कृषि कानूनों की तरह ही यह वक्फ संशोधन विधेयक भी एक काला कानून है और हम इसका पुरजोर विरोध करते रहेंगे।"

उनका विरोध संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए

सुमैया राणा समेत कई सामाजिक कार्यकर्ता वक्फ संपत्तियों को मुस्लिम समुदाय की धरोहर मानते हैं और उनका कहना है कि सरकार इन संपत्तियों को कब्जा करने के लिए यह विधेयक ला रही है। उनका विरोध संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए है, जिसे दबाने की कोशिश की जा रही है।इस पूरे घटनाक्रम ने एक बार फिर लोकतांत्रिक विरोध और सरकारी कार्रवाई के संतुलन पर बहस छेड़ दी है।

इलेक्ट्राॅनिक गोदाम में लगी भीषण आग, चार दमकल की गाड़ियों ने पाया काबू

लखनऊ। राजधानी के गोमतीनगर क्षेत्र में रविवार को विश्वासखंड स्थित एक गोदाम में भीषण आग लग गई, जिससे इलाके में अफरा-तफरी मच गई। गनीमत रही कि दमकल विभाग की तेज कार्रवाई के चलते एक बड़ी दुर्घटना टल गई और आग पर समय रहते काबू पा लिया गया।फायर स्टेशन गोमतीनगर के कंट्रोल रूम को सूचना मिली कि मकान संख्या 3/316 विश्वासखंड में बने एक इलेक्ट्रॉनिक सामान के गोदाम में आग लग गई है। सूचना मिलते ही गोमतीनगर फायर स्टेशन से तीन मोटर फायर इंजन और हजरतगंज फायर स्टेशन से एक वॉटर बाउजर को मौके पर रवाना किया गया।

दमकलकर्मियों की सूझबूझ से बहुत सारा सामान जलने से बचा

मौके पर पहुंची दमकल टीम ने पाया कि भवन के भूतल पर आग भीषण रूप से फैल चुकी थी और आसपास के मकानों को भी खतरा था। मुख्य अग्निशमन अधिकारी के निर्देशन में और गोमतीनगर के अग्निशमन अधिकारी के नेतृत्व में दमकलकर्मियों ने लगभग चार घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर पूरी तरह काबू पाया।गोदाम के मालिक अंकित गोयल पुत्र स्व. कैलाश चंद्र गोयल हैं। गोदाम में रखे एलईडी टीवी, एसी, कंप्यूटर, प्रिंटर और यूपीएस जैसे इलेक्ट्रॉनिक सामान का बड़ा हिस्सा जलकर राख हो गया। हालांकि, दमकलकर्मियों ने अपनी सूझबूझ और साहस से काफी मात्रा में सामान को सुरक्षित भी बचा लिया।

आग की चपेट में आने से गोदाम स्वामी बाल-बाल बचे

इस आग की चपेट में आने से बगल के मकान स्वामी अमित शर्मा और एमके मिश्रा – बाल-बाल बच गए। दमकल विभाग के अनुसार, किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई, जो कि राहत की बात रही। मौके पर थाना गोमतीनगर की पुलिस भी मौजूद रही। आग बुझाने के बाद अग्निशमन विभाग की यूनिट लौट गई, और इस दौरान एक बड़ी आग की दुर्घटना को टालने में सफलता मिली। आग लगने के कारणों की जांच की जा रही है।

ऐशबाग में एक घर में लगी आग, एक घंटे में पाया काबू

राजधानी के बाजारखाला थाना क्षेत्र अंतर्गत ऐशबाग स्थित एक रिहायशी मकान में शनिवार देर रात अचानक आग लग गई। आग की सूचना मिलते ही चौक फायर स्टेशन की दो गाड़ियां मौके पर रवाना की गईं और दमकलकर्मियों ने कड़ी मशक्कत के बाद लगभग एक घंटे में आग पर काबू पा लिया। राहत की बात यह रही कि इस अग्निकांड में कोई जनहानि नहीं हुई।चौक फायर स्टेशन को सूचना मिली कि मकान संख्या 46/139 क, तकिया चंद अली शाह में आग लग गई है। मकान के मालिक पिंटू बजाज पुत्र विमल बजाज हैं। आग मकान की तीसरी मंजिल पर भयंकर रूप से फैल चुकी थी, जिससे क्षेत्र में दहशत फैल गई।

पंपिंग तकनीक का उपयोग कर दमकल कर्मियों ने आग को बुझाया

मुख्य अग्निशमन अधिकारी लखनऊ के निर्देश पर चौक फायर स्टेशन से दो फायर टेंडर मय प्रभारी मौके पर भेजे गए। आग बुझाने में सबसे बड़ी चुनौती थी मकान का सकरी गली में होना, जिससे दमकल गाड़ियों का सीधा पहुंच पाना मुश्किल हो गया। इस बाधा के बावजूद दमकलकर्मियों ने रिले पंपिंग तकनीक का उपयोग करते हुए आग को तेजी से काबू में लिया।

कृष्णा नगर में अवैध ई-रिक्शा व ऑटो पर बड़ी कार्रवाई, 6 वाहन सीज, 12 का चालान

लखनऊ । उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में अनधिकृत ई-रिक्शा और ऑटो के खिलाफ सख्ती जारी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा कानून व्यवस्था को सर्वोच्च प्राथमिकता दिए जाने के निर्देश के बाद पुलिस प्रशासन पूरी सक्रियता से जुटा हुआ है। इसी क्रम में कृष्णा नगर थाना प्रभारी (टीआई) देवेश शाही की अगुवाई में रविवार को कानपुर रोड स्थित पीकैडली मोड़ पर एक विशेष अभियान चलाया गया।

टीआई देवेश शाही के नेतृत्व में चला अभियान

अभियान के दौरान बिना नंबर प्लेट वाले वाहनों और नाबालिग चालकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई। इस मुहिम में कुल 12 वाहनों का चालान किया गया और 6 ई-रिक्शा को मौके पर ही सीज कर दिया गया। पुलिस का कहना है कि यह अभियान क्षेत्र में यातायात व्यवस्था को सुधारने और जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से चलाया जा रहा है।टीआई देवेश शाही ने बताया कि, “कृष्णा नगर क्षेत्र में नाबालिगों के वाहन चलाने पर पूर्ण प्रतिबंध है। 

बिना नंबर प्लेट और नाबालिग चालकों पर कार्रवाई तेज

बिना नंबर प्लेट के वाहन न केवल कानून का उल्लंघन करते हैं, बल्कि अपराधियों के लिए भी एक सुरक्षा कवच बन जाते हैं। इन पर शिकंजा कसना बेहद जरूरी है।” पुलिस की यह कार्रवाई स्थानीय नागरिकों के बीच सुरक्षा और अनुशासन का संदेश देने में सफल रही है। लोगों ने भी इस अभियान का समर्थन करते हुए कहा कि इससे सड़क पर चलना अब थोड़ा सुरक्षित लगेगा। टीआई शाही ने स्पष्ट किया कि यह अभियान आगामी दिनों में और भी सख्ती से चलाया जाएगा और कोई भी वाहन नियमों की अनदेखी करता पाया गया तो उस पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।

पेड़ से लटका मिला प्रॉपर्टी डीलर का शव, परिजनों ने लगाया हत्या का आरोप

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी के मलिहाबाद क्षेत्र में रविवार की सुबह उस समय सनसनी फैल गई जब ग्राम पंचायत बड़ी गढ़ी के मजरे लाल गंज गांव निवासी प्रॉपर्टी डीलर नंदकिशोर उम्र करीब 35 वर्ष का शव आम के पेड़ से लटका मिला। मृतक के परिजनों ने इसे हत्या कर शव लटकाने की साजिश बताया है और पुलिस पर भी लापरवाही का आरोप लगाया।

हत्या की आशंका को लेकर पुलिस से भिड़े परिजन व ग्रामीण

सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने जब शव उतारने की कोशिश की तो ग्रामीणों व परिजनों ने विरोध करते हुए पुलिस से नोकझोंक शुरू कर दी। परिजनों का कहना था कि जब तक आरोपी गिरफ्तार नहीं किए जाते, तब तक शव नहीं उतारा जाएगा। काफी देर तक चले हंगामे के बाद पुलिस ने समझा-बुझाकर शव को नीचे उतारा और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। यह पांच भाईयों में प्रेम चंद्र, अमन राज, विशम्भर दयाल और शिवनंदन के बाद यह सबसे छोटा था।

शनिवार देर रात घर न लौटने पर परिजनों ने डायल 112 पर दी थी सूचना

मृतक नंदकिशोर शनिवार शाम को अपने घर से निकले थे, लेकिन देर रात तक वापस नहीं लौटे। परेशान परिजनों ने डायल 112 पर इसकी सूचना दी। रविवार सुबह गांव के पास ही स्थित आम के बाग में उनका शव पेड़ से लटका मिला। मौके से उनकी बाइक भी बरामद हुई है, जिससे मामला और रहस्यमय हो गया है।परिजनों के मुताबिक, नंदकिशोर पेशे से प्रॉपर्टी डीलर थे और हाल ही में उन्होंने दो से तीन करोड़ की जमीन का सौदा कराया था। परिवार को आशंका है कि इसी जमीन सौदे को लेकर रंजिश में उनकी हत्या की गई और फिर मामले को आत्महत्या का रूप देने के लिए शव को पेड़ से लटका दिया गया।

पुलिस ने क्षेत्र किया सील, जांच जारी

सूत्रों की मानें तो शनिवार रात घर में किसी बात को लेकर विवाद भी हुआ था। यह पहलू पुलिस की जांच के दायरे में है कि क्या इस घरेलू विवाद का नंदकिशोर की मौत से कोई संबंध है या नहीं।पुलिस ने घटनास्थल को सील कर दिया है और फॉरेंसिक टीम को बुलाकर जांच शुरू कर दी गई है। एसीपी मलिहाबाद व थानाध्यक्ष मौके पर मौजूद रहे। पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत की असल वजह सामने आ पाएगी।

गांव में पसरा मातम, परिजन सदमे में

घटना के बाद पूरे गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है। नंदकिशोर की मौत से परिवार सदमे में है। ग्रामीणों का कहना है कि नंदकिशोर मिलनसार और शांत स्वभाव के थे, किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी। उनकी रहस्यमयी मौत ने गांववालों को स्तब्ध कर दिया है। पुलिस उपायुक्त पश्चिमी ने बताया कि नंदकिशोर के शनिवार के शाम को गायब होने की सूचना मलिहाबाद पुलिस को मिली थी। पुलिस उनकी तलाश में लगी ही थी कि रविवार की सुबह एक बाग में नंद किशाेर का शव संदिग्ध परिस्थितियों में एक पेड़ से लटका मिला। पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है। शव को पोस्टमार्टम को भेज दिया गया है।

तस्करों की शरणस्थली बनती राजधानी, मड़ियांव में गांजे के साथ पकड़ा गया तस्कर, पुलिस को दिए कई चौंकाने वाले राज

लखनऊ । उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ नशे के सौदागरों के लिए एक सुरक्षित ठिकाना बनती जा रही है। बीते शनिवार को मड़ियांव पुलिस द्वारा 21 किलो गांजा के साथ गिरफ्तार किए गए फैजुल्लागंज निवासी पंकज वर्मा की गिरफ्तारी ने इस सच्चाई को एक बार फिर उजागर कर दिया। प्रारंभिक पूछताछ में खुलासा हुआ है कि उसे यह भारी खेप राजधानी में मौजूद एक बड़े सप्लायर को सुपुर्द करनी थी, जिसकी तलाश में पुलिस अब पूरी ताकत के साथ लगी है।

लखनऊ की ज़मीन, तस्करों का मैदान

राजधानी में मादक पदार्थों की तस्करी का यह कोई नया मामला नहीं है। पिछले एक दशक से लखनऊ न केवल तस्करों की गिरफ्त में है, बल्कि यहां मौजूद नेटवर्क और लोकल मददगारों के सहयोग से यह कारोबार लगातार फल-फूल रहा है। मड़ियांव केस को भी इसी संदर्भ में देखा जा रहा है, जहां पंकज वर्मा जैसे व्यक्ति को केवल एक डिलीवरी बॉय की भूमिका में देखा जा रहा है, जबकि असली कड़ी अब भी पुलिस की पकड़ से बाहर है।

पूछताछ में सामने आए कई नाम

सूत्रों के मुताबिक, पंकज वर्मा ने पूछताछ में कई अहम जानकारियां दी हैं, जिनके आधार पर पुलिस ने राजधानी के अलग-अलग इलाकों में अपनी नजरें टिका दी हैं। संदेह जताया जा रहा है कि इस नेटवर्क में न सिर्फ गांजा बल्कि स्मैक और अन्य मादक पदार्थों की तस्करी करने वाले लोग भी सक्रिय हैं।

पुराने मामलों से मिलती हैं समानताएं

इससे पहले भी लखनऊ में कई तस्कर पकड़े जा चुके हैं। वर्ष 2013 में वजीरगंज पुलिस ने कैसरबाग बस अड्डे के पास से दो तस्करों को गिरफ्तार किया था, जिनके पास से 67 ग्राम स्मैक बरामद हुई थी। यह मामला पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज एक ऐसा उदाहरण है जो दर्शाता है कि किस तरह राजधानी मादक पदार्थों की तस्करी का केंद्र बनती जा रही है।

पुलिस का अगला लक्ष्य – नेटवर्क की जड़ तक पहुंचना

पुलिस अब पंकज वर्मा के मोबाइल कॉल डिटेल्स और संपर्क सूत्रों की जांच कर रही है। साथ ही यह भी जानकारी जुटाई जा रही है कि वह खेप रायबरेली, उन्नाव, बाराबंकी जैसे आस-पास के जनपदों तक भी पहुंचाई जाती थी या नहीं। यह आशंका भी जताई जा रही है कि इस नेटवर्क में कई पुराने तस्कर दोबारा सक्रिय हो चुके हैं, जो नाम बदलकर या छोटे लोगों को आगे कर यह धंधा चला रहे हैं।

इनकी तस्करी कानून व्यवस्था व युवकों के लिए खतरा

लखनऊ जैसे शहर में तस्करी का यह फैलता हुआ नेटवर्क न केवल कानून-व्यवस्था के लिए खतरा है, बल्कि यहां के युवाओं को भी धीरे-धीरे नशे की गिरफ्त में धकेल रहा है। ऐसे में पुलिस की यह कार्रवाई एक बड़ी सफलता मानी जा सकती है, बशर्ते इसे नेटवर्क की जड़ तक पहुंचाया जाए और हर उस मददगार को बेनकाब किया जाए जो तस्करों को पनाह देता आया है।

इंस्टाग्राम से शुरू हुआ प्यार, मंदिर में बंधा सात जन्मों का साथ, विवाहिता ने प्रेमी संग की शादी

लखनऊ । सोशल मीडिया की दुनिया में रोज़ नई कहानियां जन्म लेती हैं-कभी दोस्ती, कभी धोखा तो कभी सच्चा प्यार। ऐसा ही एक मामला शनिवार को उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में देखने को मिला, जहां इंस्टाग्राम पर शुरू हुई दोस्ती ने पहले विवाहिता को तलाक दिलाया और फिर प्रेमी संग मंदिर में शादी तक का सफर तय कर दिया।

शादी के बाद पराया हो गया रिश्ता, इंस्टाग्राम बना प्यार की डोर

बिवांर थाना क्षेत्र के टीहर गांव निवासी रामदास कुशवाहा की पुत्री कल्लो उर्फ सीमा देवी की शादी गत वर्ष 22 अप्रैल 2024 को महोबा जनपद के बजरिया मोहल्ला निवासी मनोज कुमार से हुई थी। शादी के कुछ ही महीनों बाद सीमा की जिंदगी में एक नया मोड़ आया, जब वह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम के माध्यम से थाना राठ के चिल्ली गांव निवासी साहिल कुशवाहा के संपर्क में आई। धीरे-धीरे दोनों के बीच बातों का सिलसिला प्यार में बदल गया। सीमा ने बताया कि करीब आठ माह से साहिल से लगातार बातचीत हो रही थी, और वह उसे दिल से चाहने लगी थी।

पति को चला पता, 24 मार्च को दिया तलाक

यहां बता दें कि जब सीमा के पति और ससुरालियों को उसके इस रिश्ते की भनक लगी तो घर में कलह बढ़ गई। आखिरकार, 24 मार्च को मनोज कुमार ने उसे तलाक दे दिया। इसके बाद सीमा ने अपने प्रेमी साहिल के साथ जीवन बिताने का फैसला किया। हालांकि, इस रिश्ते से न तो उसके माता-पिता और न ही साहिल के परिवारवाले खुश थे।

माता-पिता ने रोका तो दी आत्महत्या की धमकी

सीमा जब साहिल के साथ भागकर उसके गांव चिल्ली चली गई, तब उसके माता-पिता ने उसे समझाने की कोशिश की। लेकिन भावनाओं में डूबी सीमा ने आत्महत्या करने की धमकी दी, जिससे परिवार को पीछे हटना पड़ा।शनिवार को प्रेमी युगल मुस्करा कस्बे स्थित कालका धाम मंदिर पहुंचे, जहां उन्होंने हिंदू रीति-रिवाज से शादी रचाई और एक-दूसरे को वरमाला पहनाकर पति-पत्नी बनने का वचन दिया। इसके बाद दोनों मुस्करा थाना पहुंचे और अपने को बालिग बताते हुए साथ रहने की इच्छा जताई।

पुलिस ने निभाई मध्यस्थता की भूमिका

थाने में महिला कांस्टेबल सुमन की उपस्थिति में दोनों के बयान दर्ज किए गए। पुलिस ने दोनों परिवारों को समझा-बुझाकर शादी को सामाजिक मान्यता देने का सुझाव दिया। पुलिस के मुताबिक, दोनों बालिग हैं और आपसी सहमति से साथ रहना चाहते हैं, इसलिए उन्हें रोका नहीं जा सकता।यह मामला एक बार फिर दिखाता है कि सोशल मीडिया ने रिश्तों की परिभाषा बदल दी है। जहां पहले पारिवारिक सहमति से विवाह होते थे, वहीं अब युवाओं की पसंद और सोशल कनेक्शन भी जीवन के महत्वपूर्ण फैसलों में बड़ी भूमिका निभा रहे हैं।

उप्र : महराजगंज को मिली बड़ी सौगात: सीएम योगी ने किया रोहिन बैराज परियोजना का लोकार्पण

-- 147 करोड़ की लागत से बनी परियोजना से 65 गांवों के 16,000 किसान होंगे लाभान्वित

लखनऊ । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को महराजगंज जनपद के नौतनवा तहसील स्थित रतनपुर गांव में 147.37 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित 'रोहिन बैराज परियोजना' का भव्य लोकार्पण किया। इस महत्वपूर्ण अवसर पर जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, केंद्रीय राज्य मंत्री पंकज चौधरी, और स्थानीय विधायक ऋषि त्रिपाठी भी मंच पर मौजूद रहे।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा, “यह परियोजना किसानों की वर्षों पुरानी मांग थी। अब उन्हें खरीफ और रबी दोनों फसलों के लिए भरपूर पानी मिलेगा। यह न केवल उनकी मेहनत को सफल बनाएगा, बल्कि क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को भी नई गति देगा।”

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि “हमारी सरकार किसानों की समृद्धि के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। रोहिन बैराज इसका सशक्त उदाहरण है, जो आने वाले समय में हर खेत तक पानी पहुंचाकर ‘हर खेत, हर बूंद’ के संकल्प को साकार करेगा।”

स्थानीय जनप्रतिनिधियों की सहभागिता:

इस अवसर पर जनप्रतिनिधियों ने भी क्षेत्र की जनता को बधाई दी और सरकार के प्रति आभार प्रकट किया। जल शक्ति मंत्री ने इसे “पूर्वांचल के लिए गेम चेंजर प्रोजेक्ट” बताया, वहीं केंद्रीय मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि “यह बैराज केवल एक सिंचाई परियोजना नहीं, बल्कि किसानों के भविष्य की गारंटी है।”

- इतिहास और निर्माण की यात्रा:

इस स्थान पर पहले 1947 में बना वीयर (Weir) मौजूद था, जो 2005 की बाढ़ में क्षतिग्रस्त हो गया था। इसके बाद वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर मिट्टी से बांध बनाकर सिंचाई की जाती रही, जो समय और संसाधनों की भारी खपत के साथ होती थी।

2006 में 6 करोड़ की स्वीकृति मिलने के बावजूद कार्य ठप पड़ा रहा। अंततः 2020 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से इस परियोजना को 148 करोड़ की नई मंजूरी मिली। नाबार्ड ने वित्तीय सहायता प्रदान की और 2022 में निर्माण कार्य शुरू हुआ।

- कृषि को मिलेगा नया संबल:

बैराज के चालू होने से नौतनवा और लक्ष्मीपुर क्षेत्र के किसान सुगम, नियमित और प्रभावी सिंचाई सुविधा से लाभान्वित होंगे। इससे कृषि उत्पादन में बढ़ोतरी, फसल विविधता और किसानों की आय में वृद्धि की उम्मीद की जा रही है।