*एलडीए ने फसल बर्बाद कर किया जमीन पर कब्जा, किसानों में आक्रोश, जबरन कब्जे को लेकर किसानों ने जताया विरोध, प्रशासन से कार्रवाई की मांग*
लखनऊ। किसानों की जमीन अभी तक बड़े-बड़े बिल्डर्स और भू माफिया ही कब्जा रहे थे लेकिन अब तो लखनऊ विकास प्राधिकरण भी अपनी दृष्टि गड़ा चुका है। तभी तो राजधानी लखनऊ में किसानों की पुश्तैनी भूमि पर अवैध कब्जे का मामला सामने आया है। एलडीए पर आरोप है कि उन्होंने सरोजनी नगर तहसील के ग्राम सरसवां में कृषि भूमि पर जबरन कब्जा कर लिया। किसानों का कहना है कि यह कार्रवाई न केवल अवैध है बल्कि न्यायालय के स्थगनादेश का भी उल्लंघन है। इस मामले को संज्ञान में लेते हुए मुख्य सचिव ने पूरे प्रकरण पर डीएम से आख्या मांगी है।
किसानों की पुश्तैनी जमीन पर कब्जे का आरोप
ग्राम सभा सरसवां, तहसील सरोजनी नगर के किसान राम खेलावन, रुचि, रामू , अभिलाष, अवधेश कुमार, राजकुमार, सतीश और कमल आदि ने बताया कि गाटा संख्या 656 रकबा 151 बीघा भूमि पर एलडीए द्वारा अवैध रूप से कब्जा किया गया है वह जमीन हम लोगों की पुस्तैनी जमीन है जिस पर दशकों से हम लोग खेती करते चले आ रहे हैं। यहां पर बोरिंग और अन्य कृषि संसाधन भी मौजूद हैं। लेकिन 23 और 24 मार्च 2025 की रात में एलडीए के अधिकारी और उनके ठेकेदार ने जेसीबी मशीनों के साथ आकर खेतों को समतल कर दिया।
स्थगनादेश का उल्लंघन
किसानों का कहना है कि भूमि पर जारी विवाद को लेकर चकबंदी न्यायालय में वाद संख्या 64/2024 लंबित है। इस वाद में न्यायालय द्वारा 16 जनवरी 2025 को स्थगनादेश जारी किया गया था। जिसकी प्रति रजिस्टर्ड डाक के माध्यम से उपाध्यक्ष, लखनऊ विकास प्राधिकरण को भी भेजी गई थी। स्थगनादेश के बावजूद एलडीए ने मनमानी करते हुए उनके खेतों पर कब्जा कर लिया। जबकि मौके पर भी स्थगनादेश की प्रतियां दिखाई गई , लेकिन किसानों की एक भी नहीं सुनी गई। खेतों में खड़ी फसल को बर्बाद कर दिया गया और जगह-जगह सीसी पोल गाड़ दिए गए, जिन पर "एलडीए" अंकित है। किसानों का कहना है कि
विरोध करने पर प्राधिकरण के कर्मचारी और ठेकेदार व उनके लोग फर्जी मुकदमे में फंसा कर जेल भेजने की धमकी दे रहे हैं।
फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कब्जे का प्रयास
किसानों का आरोप है कि एलडीए इस भूमि को ग्राम मलेशेमऊ, तहसील सदर की अर्जित भूमि के रूप में दिखा रहा है। जबकि असल में यह भूमि ग्राम सरसवां, तहसील सरोजनी नगर की है। ग्राम मलेशेमऊ से संबंधित भूमि का धारा 52 के तहत प्रकाशन कई वर्षों पूर्व हो चुका है। इसके बावजूद एलडीए इसे अपनी भूमि बताकर किसानों की जमीन पर कब्जा कर रहा है। किसानों का आरोप है कि यह सब निजी स्वार्थ और भ्रष्टाचार का नतीजा है।
मुख्य सचिव ने मामले का लिया संज्ञान, डीएम से मांगी आख्या
किसानों ने मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन, पुलिस महानिदेशक, प्रमुख सचिव आवास एवं शहरी नियोजन विभाग, मंडलायुक्त लखनऊ मंडल, जिलाधिकारी लखनऊ, उपजिलाधिकारी सदर एवं सरोजनी नगर तथा पुलिस कमिश्नर लखनऊ को इस मामले की जानकारी दी है। किसानों ने मांग की है कि लखनऊ विकास प्राधिकरण के अधिकारियों, ठेकेदार और उनके गुर्गों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए और किसानों को न्याय मिले। किसानों के शिकायत पर संज्ञान लेते हुए मुख्य सचिव की तरफ उनके विशेष सचिव ने डीएम लखनऊ से पूरे प्रकरण पर आख्या मांगी है।
क्या कहते हैं एलडीए के भू अर्जन अधिकारी
एलडीए के भू अर्जन अधिकारी शशि भूषण पाठक का कहना है कि भूमि अधिग्रहण के लिए नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है। किसानों की तरफ से किसी भी प्रकार की कोई सूचना नहीं दी गई है।




Mar 29 2025, 12:51